बीवी का डबल इश्क पति ने उठाया रिस्क

बीवी का डबल इश्क पति ने उठाया रिस्क – भाग 3

थाने में आने के बाद एसआई हरेंद्र ने दोनों को अपने सामने बिठाया तो रवि परेशान स्वर में बोला, ”सर, हमें यह तो बताइए, आप किस जुर्म में हम दोनों को थाने लाए हैं?’’

”आलोक सिंह की हत्या के जुर्म में तुम्हें यहां लाया गया है.’’ एसआई अपने स्वर को गंभीर बना कर बोले, ”आलोक सिंह को तो तुम पहचानते होगे? उस की हत्या हुई है.’’

”कौन आलोक?’’ रवि हैरानी से बोला, ”मेरे पहचान के 2-3 लोग हैं साहब, जिन का नाम आलोक सिंह है.’’

”मै देवला गांव, पक्षी विहार में रहने वाले आलोक सिंह की बात कर रहा हूं.’’

”अरे.’’ रवि बुरी तरह चौंका, ”क्या आलोक सिंह की हत्या हो गई है? कब, कैसे?’’

”बनो मत.’’ एसआई हरेंद्र गुर्राए, ”आलोक सिंह की तुम ने ही हत्या की है.’’

”यह झूठ है साहब, मैं तो आलोक को बड़े भाई की तरह मानता था. बहुत इज्जत करता था उन की.’’

”ओह!’’ एसआई हरेंद्र सिंह मुसकराए, ”तभी उस की इज्जत से खेल रहे थे. क्या तुम्हारे आलोक की बीवी प्रियंका के साथ नाजायज संबंध नहीं हैं?’’

रवि ने सिर झुका लिया. कुछ क्षणों तक वह खामोश रहा फिर बोला, ”यह ठीक है साहब कि मेरे प्रियंका के साथ नाजायज संबंध हैं. लेकिन इस में मेरा जितना दोष है, उतना दोष प्रियंका का भी है. उसी ने मुझे अपने प्रेमजाल में फांसा था. मुझे उस ने खुला निमंत्रण दिया था तो मैं बहक गया. वैसे प्रियंका अच्छी औरत नहीं है साहब, उस का पहले सर्वेश से भी प्रेम संबंध रहा है.’’ रवि ने बात खत्म कर सिर खुजाया फिर बोला, ”मैं समझ गया साहब, हत्या किस ने की है?’’

”किस ने की है?’’ एसआई ने उसे घूरा.

”सर्वेश ने की होगी साहब. मेरा पूरा यकीन है कि वही ऐसा करेगा, क्योंकि आलोक के साथ मैं ने 29 अक्तूबर, 2023 को सर्वेश की अच्छे से ठुकाई कर दी थी. सर्वेश ने आलोक से उसी ठुकाई का बदला लिया होगा.’’

”तुम ने और आलोक ने सर्वेश की पिटाई की थी, भला क्यों?’’ एसआई हरेंद्र सिंह ने पूछा.

”साहब, आलोक सिंह ने मुझे बताया था कि सर्वेश प्रियंका को रास्ते में परेशान करता है. गंदेगंदे कमेंट करता है.’’

”तुम तो कह रहे हो कि प्रियंका का सर्वेश भी आशिक था.’’

”हां साहब, सर्वेश से भी प्रियंका ने इश्क लड़ाया था. उस से मिलती थी, फिर उसे घर भी लाने लगी. आलोक सीधासादा इंसान था, वह प्रियंका को पाकसाफ समझता था, उसे प्रियंका पर यह संदेह नहीं था कि वह दूसरे व्यक्ति से शारीरिक संबंध बनाती होगी. वह तो सर्वेश को उस का हमदर्द दोस्त समझता था.

”प्रियंका ने काफी दिनों तक सर्वेश से रिश्ता रखा, फिर न जाने क्यों वह उस से कटने लगी. शायद इसीलिए सर्वेश उसे रास्ते में तंग करने लगा था. वह तिलमिलाया हुआ इंसान था. प्रियंका ने इस की शिकायत अपने पति आलोक से की होगी, तभी आलोक ने सर्वेश को सबक सिखाने के लिए मुझ से मदद मांगी थी. मैं ने आलोक का साथ दिया था साहब. इसी से नाराज हो कर सर्वेश ने आलोक की हत्या कर दी होगी. मैं अपनी मां की कसम खा कर कहता हूं साहब, मैं ने आलोक की हत्या नहीं की है.’’

”ठीक है, मैं सर्वेश को चैक करता हूं. लेकिन तुम भी शक के दायरे में हो, कहीं जाओगे नहीं, जब तक यह मालूम न हो जाए कि आलोक का कातिल कौन है.’’ एसआई हरेंद्र ने कांस्टेबल नवीन मलिक को इशारे से पास बुला कर कहा, ”इन दोनों को दूसरे कमरे में बिठा दो और इन पर नजर रखना.’’

”ठीक है सर.’’ नवीन मलिक ने कहा और दोनों को ले कर एसआई के कक्ष से बाहर निकल गया.

प्रियंका ने सुना दी डबल इश्क की दास्तां

एसभाई हरेंद्र सिंह ने महिला कांस्टेबल को भेज कर मृतक आलोक की पत्नी प्रियंका को थाने में बुलवा लिया. प्रियंका पति की मौत से बेहद दुखी दिखाई दे रही थी. उस की आंखें रोने के कारण सूज गई थीं.

आलोक सिंह की लाश पोस्टमार्टम के बाद उस के घर वालों को सौंपी जा चुकी थी और उस के बड़े भाई रामवीर ने बहुत गमगीन हालत में छोटे भाई की अंत्येष्टि कर दी थी.

इश्क के रंग में रंगी प्रियंका को शायद अब समझ में आ रहा था कि उस के गलत आचरण के कारण ही उस का खुद का घर उजड़ चुका है और वह पति को गंवा बैठी.

उस ने थाने में चुपचाप कुबूल कर लिया कि उस के सर्वेश और रवि के साथ नाजायज संबंध थे. सर्वेश उस की जिंदगी में पहले आया था, जिस के साथ उस ने काफी दिन मौजमस्ती की, फिर रवि की ओर झुक गई. इस से सर्वेश चिढ़ गया. वह उसे बीच राह में परेशान करने लगा था. वह उसे बदनाम करने की धमकियां देता था.

यह बात उस ने अपने पति को बताई तो उन्होंने सर्वेश को 2-3 बार प्यार से समझाया. प्रियंका ने बताया कि जब सर्वेश अपनी हरकतों से बाज नहीं आया तो उन्होंने रवि के साथ मिल कर सर्वेश की धुनाई कर दी थी. शायद इसी बात से खफा हो कर उस ने मेरे पति आलोक की हत्या कर दी है.

प्रियंका ने आगे कहा कि मैं बेशक बदचलनी पर चली, लेकिन मैं बच्चों की कसम खा कर कहती हूं कि मैं ने किसी से नहीं कहा कि मेरे पति की हत्या कर दो. यह काम सर्वेश का है. उसे गिरफ्तार कर लीजिए साहब.

एसआई हरेंद्र सिंह ने प्रियंका से सर्वेश का पता मालूम किया तो उस ने बता दिया. सर्वेश, गांव धनसिंह पुरवा, जिला हरदोई का रहने वाला था. पुलिस टीम ने सर्वेश के पते पर दबिश दी तो वह घर से फरार मिला. उस के पीछे मुखबिर लगा दिए गए. जल्द ही एक विश्वासपात्र मुखबिर ने बताया कि सर्वेश अपने फुफेरे भाई रिंकू उर्फ भूपेंद्र सिंह के साथ सूरजपुर में पैरामाउंट अंडरपास पर आने वाला है. इस सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने घेराबंदी कर ली. सर्वेश वहां रिंकू के साथ आया तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

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सर्वेश ने क्यों की थी आलोक की हत्या

थाने में पूछताछ हुई तो सर्वेश ने बताया कि वह प्रियंका से प्रेम करता था. प्रियंका ने उस से किनारा करना चाहा तो वह सहन नहीं कर पाया, वह प्रियंका से अपना प्यार लौटाने के लिए गिड़गिड़ाता था. प्रियंका उसे दुत्कार रही थी. उस ने अपने पति से कहा कि मैं उसे आते जाते राह में परेशान करता हूं.

उस ने कहा कि आलोक ने प्रियंका के दूसरे प्रेमी रवि के साथ मिल कर मेरे मोहल्ले में मेरी पिटाई कर दी थी. मैं इस से काफी अपमानित महसूस करने लगा था. मैं ने अपने फुफेरे भाई रिंकू उर्फ भूपेंद्र सिंह को साथ लिया और रवि को सबक सिखाने के लिए उस की तलाश में निकला, लेकिन रवि हमें नहीं मिला.

तब हम सनप्लास्ट कंपनी साईट-बी, इंडस्ट्रियल एरिया पहुंचे. आलोक यहां नौकरी करता था. वह शाम को ड्यूटी कर के कंपनी से बाहर आया और घर जाने लगा तो मैं ने और रिंकू ने उसे घेर लिया.

हम उसे ट्राला के केबिन में ले आए. वहां उस से मारपीट की. मैं ने लोहे के टायर लीवर से आलोक के सिर पर वार किया तो उस का सिर फट गया. सर्वेश ने बताया कि वह बेहोश हो कर गिरा तो मैं ने उस का गला दबा कर जान ले ली. मैं साथ दो निशाने साधना चाहता था. मैं ने रिंकू की मदद से आलोक की लाश मिग्सन ग्रीन सोसायटी की ग्रीन बेल्ट (ग्रेटर नोएडा) में फेंक दी, ताकि यहां रहने वाले रवि पर हत्या का शक जाए. रवि यदि हत्या के शक में पकड़ा जाता और जेल जाता तो प्रियंका फिर मेरी तरफ झुक जाती.

लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पुलिस ने मुझे और रिंकू उर्फ भूपेंद्र सिंह, मैस कटरा, जिला कानपुर देहात को पैरामाउंट अंडरपास से गिरफ्तार कर लिया.

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              आरोपी रिंकू

सर्वेश ने हत्या का जुर्म कुबूल कर लिया तो उसे और रिंकू को उसी दिन कोर्ट में पेश कर के रिमांड पर ले लिया गया.

कड़ी पूछताछ से उन से हत्या में प्रयुक्त टायर लीवर, ट्राला जिस का रजिस्ट्रेशन नंबर- पीबी 10एचडी 1859 था और जिस के केबिन में आलोक की हत्या की गई थी, बरामद कर लिया गया.

ट्राला की खून सनी सीट बैल्ट, सीट कवर और ट्राला में गिर कर सूख चुके खून के नमूने भी एकत्र कर लिए गए. केस को मजबूती देने वाले साक्ष्य इकट्ठा करने के बाद जब रिमांड अवधि खत्म हुई तो पुलिस ने रिंकू उर्फ भूपेंद्र और सर्वेश को कोर्ट में पेश कर दिया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.

रवि और उस के दोस्त बबलू उर्फ अशरफ अली को रिहा कर दिया गया. छोड़ तो प्रियंका को भी दिया गया था, लेकिन उसे अब अपने आप से नफरत हो गई थी. पति की मौत का वह खुद को जिम्मेदार मानती थी. वह काफी गुमसुम हो गई थी और बच्चों के साथ सादगी भरा जीवन जी रही थी. शायद यही उस का पछतावा था. अब घटना की जांच मौजूदा एसएचओ पुष्पराज कर रहे हैं.

बीवी का डबल इश्क पति ने उठाया रिस्क – भाग 2

किस ने की आलोक की हत्या

पहली नवंबर, 2023 थाना सूरजपुर (गौतम बुद्ध नगर) पुलिस को दोपहर में किसी अज्ञात व्यक्ति से सूचना मिली कि मिग्सन ग्रीन सोसायटी के पास ग्रीन बेल्ट (ग्रेटर नोएडा में) एक व्यक्ति की लाश पड़ी हुई है.

थाना सूरजपुर के एसआई हरेंद्र सिंह सूचना मिलते ही रजिस्टर में अपनी रवानगी दर्ज कर के मौके पर तफ्तीश के लिए रवाना हो गए. घटनास्थल पर भीड़ जमा थी. पुलिस को देख कर भीड़ इधरउधर हो गई. एसआई हरेंद्र सिंह उस जगह आए, जहां युवक की लाश पड़ी हुई थी.

युवक का सिर फटा हुआ था, जिस से उस के कपड़े खून से लथपथ हो चुके थे. लग रहा था कि उस के सिर पर कोई भारी चीज का वार किया गया है.

युवक की तलाशी ली गई, लेकिन उस की जेब में ऐसी कोई चीज नहीं मिली, जिस से यह मालूम हो सकता कि यह कौन है, कहां रहता है. उस को भीड़ में भी कोई नहीं पहचान पाया. एसआई हरेंद्र सिंह ने उच्चाधिकारियों को इस लाश की जानकारी दे दी और फोरैंसिक टीम को घटनास्थल पर बुलवा लिया.

थोड़ी देर में ही एडिशनल डीसीपी (सेंट्रल नोएडा) हृदेश कठेरिया घटनास्थल पर आ गए. उन्होंने युवक की लाश का बारीकी से मुआयना किया. फोरैंसिक टीम भी आ गई थी, वह अपने काम में जुट गई थी.

अभी जांच का काम चल ही रहा था कि एक युवक भीड़ को चीरता हुआ घटनास्थल पर आ गया. युवक ने लाश को गौर से देखा तो दहाड़ें मार कर रोने लगा.

रामवीर ने भाभी पर क्यों जताया हत्या का शक

एसआई हरेंद्र सिंह उस के पास आ गए. युवक के कंधे पर उन्होंने सहानुभूति से हाथ रख कर उस क ा कंधा थपथपा कर सांत्वना देने की कोशिश करते हुए पूछा, ”तुम्हारा क्या लगता था यह?’’

”साहब, मेरा छोटा भाई है यह.’’ युवक ने अपने आंसू पोंछते हुए कहा, ”इस का नाम आलोक सिंह है और मेरा नाम रामवीर. मैं ने कल शाम को थाना सूरजपुर में इस की गुमशुदगी लिखवाई थी साहब. वहां पर इस का फोटो भी जमा करवाया था मैं ने.’’

”यह मेरे संज्ञान में नहीं है. मैं तो इस युवक की शिनाख्त के लिए परेशान था कि तुम ने मेरी टेंशन दूर कर दी.’’

”मैं आज फिर से थाना सूरजपुर गया था, यह मालूम करने कि मेरे भाई का कोई पता लगा या नहीं, वहां ड्यूटी अफसर ने मुझे बताया कि मिग्सन ग्रीन सोसायटी की ग्रीन बेल्ट (ग्रेटर नोएडा) में एक युवक की लाश मिली है, साहब वहां तफ्तीश के लिए गए हैं. तब यह देखने कि लाश किस की है, मैं यहां आ गया. लाश मेरे भाई की है साहब.’’

”क्या नाम बताया तुम ने अपने भाई का?’’

”आलोक सिंह, साहब!’’

”यह कब से लापता था?’’

”29 नवंबर, 2023 को यह रोज की तरह अपने काम पर गया था साहब. शाम को यह घर नहीं पहुंचा. हम सभी रात भर इस के घर आने का इंतजार करते रहे. 30 नवंबर को जब यह शाम तक भी नहीं लौटा तो मैं ने इस की गुमशुदगी थाने में दर्ज करवा दी थी.’’

”तुम्हारा नाम क्या है?’’

”रामवीर सिंह मूलरूप से हमारे पिता महेंद्र सिंह गांव कोकामऊ, माल्लवा, हरदोई (उत्तर प्रदेश) के निवासी हैं. वर्तमान में भाई आलोक सिंह देवला गांव, पक्षी विहार, इंडेन गैस गोदाम के पास अनुरुद्र के मकान में किराए पर रह रहा है. यह थाना क्षेत्र सूरजपुर में स्थित है.’’

एसआई हरेंद्र सिंह ने पूछा, ”तुम्हारे भाई की हत्या हुई है. तुम्हें किसी पर संदेह है. ऐसा व्यक्ति जो तुम्हारे भाई आलोक सिंह का दुश्मन रहा हो?’’

”साहब, घर की इज्जत हर एक को प्यारी होती है, लेकिन जब कोई घर की इज्जत ही खराब करना चाहे तो चुप रहने में कोई फायदा नहीं होगा.’’ रामवीर बहुत गंभीर नजर आने लगा, ”मेरे भाई आलोक सिंह की हत्या में इस की पत्नी प्रियंका का हाथ है. मुझे पक्का विश्वास है कि उसी ने अपने प्रेमी रवि के साथ मिल कर मेरे भाई की हत्या करवाई है.’’

”ओह!’’ एसआई हरेंद्र सिंह हैरानी से बोले, ”यानी तुम्हारे भाई की पत्नी अच्छे चालचलन वाली नहीं है.’’

”बेशक उस ने कभी अपने पति आलोक सिंह की इज्जत का खयाल नहीं किया. वह भाई के पीठ पीछे रवि नाम के युवक से इश्क लड़ा रही थी. उस ने आलोक पर पता नहीं साहब क्या जादू किया हुआ था कि वह रवि के ऊपर कभी शक नहीं करता था.

”रवि उस की मौजूदगी में और गैरमौजूदगी में बेधड़क घर पर आया जाया करता था. मैं ने देखा तो नहीं, लेकिन प्रियंका और रवि के हावभाव से मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि दोनों में अनैतिक संबंध बने हुए हैं. यह बात मैं ने नोट की है साहब.’’

”बोलो,’’ एसआई ने उस के चेहरे पर नजरें जमा कर पूछा, ”यह रवि रहता कहां है?’’

”रवि यहीं मिग्सन ग्रीन सोसायटी, ग्रेटर नोएडा में रहता है. उस का मूल निवास, पहाड़पुर, थाना अनूपशहर (बुलंदशहर) है.’’

एसआई हरेंद्र सिंह ने यह एड्रैस अपनी डायरी में नोट कर लिया और वहां मौजूद एडिशनल डीसीपी (सेंट्रल नोएडा) हृदेश कठेरिया को मृतक के भाई रामवीर से मिली जानकारी से अवगत करा दिया.

एडिशनल डीसीपी हृदेश कठेरिया ने निर्देश दिया, ”आप रामवीर की बात को ध्यान में रख कर अपनी काररवाई करिए. आलोक सिंह की पत्नी प्रियंका को पूछताछ के दायरे में लाइए. यदि रामवीर की बातों में सच्चाई है तो प्रियंका अवश्य टूट जाएगी.’’

”ठीक है सर, मैं पहला काम प्रियंका से पूछताछ का ही करूंगा.’’

एडिशनल डीसीपी कुछ निर्देश दे कर वहां से चले गए. तब एसआई ने अपनी कागजी काररवाई पूरी करने के बाद उस लाश को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भिजवा दिया. फिर वह रामवीर को साथ ले कर थाना सूरजपुर के लिए रवाना हो गए.

दूसरे प्रेमी से पुलिस को मिली नई जानकारी

आलोक सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई थी. उस में यह कहा गया था कि सिर पर लगी गंभीर चोट और गला दबाए जाने से आलोक सिंह की जान गई थी.

यह हत्या का मामला था. एसआई हरेंद्र सिंह ने रामवीर सिंह को बुलवा कर उस की लिखित तहरीर के आधार पर यह केस भादंवि की धारा 302, 201, 120बी के तहत दर्ज किया.

रामवीर सिंह ने अपनी तहरीर में छोटे भाई आलोक सिंह की हत्या का दोष आलोक की पत्नी प्रियंका और उस के प्रेमी रवि तथा रवि के साथ मैकेनिक का काम करने वाले उस के दोस्त बबलू उर्फ अशरफ अली, निवासी बांदोली, जिला बुलंदशहर के ऊपर लगाया. रामवीर सिंह की लिखित तहरीर के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए एडिशनल डीसीपी हृदेश कठेरिया ने एक पुलिस टीम का गठन कर दिया. इस का नेतृत्व एसआई हरेंद्र सिंह को दिया गया था.

थाना सूरजपुर के तत्कालिन एसएचओ अवधेश प्रताप सिंह पूरे मामले पर नजर रखे थे. एसआई जितेंद्र चौहान और हरेंद्र सिंह ने रवि और बबलू उर्फ अशरफ अली को गिरफ्तार करने के लिए उन के घरों पर दबिश दी तो दोनों घर पर ही मिल गए. दोनों को पुलिस थाना सूरजपुर ले आई.

बीवी का डबल इश्क पति ने उठाया रिस्क – भाग 1

मृतक की उम्र 35 से 40 वर्ष के बीच की लग रही थी. वह पैंटशर्ट पहने हुए था. उस के जिस्म पर चोट के निशान थे और सिर फटा हुआ था. सिर के गहरे जख्म से खून बह कर उस के सारे चेहरे और शर्ट पर फैल कर सूख चुका था. इस से अनुमान लगाया गया कि युवक को मरे हुए 10-12 घंटे से ऊपर हो गए हैं.

जमीन पर खून दिखाई नहीं दे रहा था और न ही ऐसे चिह्न वहां थे, जिस से यह समझा जा सके कि युवक की हत्या इसी जगह की गई है. साफ लग रहा था कि युवक की हत्या कहीं और की गई होगी, उस के बाद उसे ला कर यहां पर फेंक दिया गया था.

मिग्सन ग्रीन सोसायटी (गौतमबुद्ध नगर) का रहने वाला रवि कहीं जाने के लिए नहाधो कर तैयार हुआ था. उस ने अभी जूते के फीते बांधे ही थे कि जेब में रखे मोबाइल की घंटी बजने लगी. रवि ने मोबाइल निकाला. स्क्रीन पर उस की प्रेमिका प्रियंका का फोन नंबर फ्लैश हो रहा था.

रवि तुरंत काल रिसीव कर आतुरता से बोला, ”बोलो जानम, इस गरीब की याद कैसे आ गई तुम्हें?’’

”गरीब क्यों कहते हो अपने आप को रवि. मेरी नजर में तो तुम राजा हो राजा.’’ दूसरी ओर से प्रियंका का स्वर उभरा.

रवि हंस पड़ा, ”चलो, तुम्हारी नजर में मेरी कुछ तो कीमत है. कहो, कैसे याद किया मुझे?’’

”कहां हो?’’

”घर पर ही हूं.’’

”मेरे घर चले आओ, मैं अकेली हूं आज.’’ प्रियंका के स्वर में कामुकता का भाव था.

”तुम्हारा पति आलोक कहां गया?’’ रवि ने पूछा.

”अपनी बहन के यहां गया है, कल लौटेगा. तुम आ जाओ, रात रंगीन करने का बहुत अच्छा मौका हाथ आया है.’’

”मैं अभी आया मेरी जान.’’ आतुरता से बोला रवि, ”बोलो, क्या ले कर आऊं, चिकन या मटर पनीर?’’

”मैं ने चिकन मंगवा रखा है, पीने का मन हो तो अपनी चौइस का ब्रांड लेते आना.’’

”ठीक है,’’ रवि ने कहा और काल डिसकनेक्ट कर उस ने मोबाइल जेब के हवाले कर लिया. घर से निकल कर एक ठेके से उस ने अद्धा खरीदा, उसे जेब में रख कर उस ने आटो किया और देवला गांव, पक्षी विहार, गौतमबुद्ध नगर में स्थित आलोक के घर पहुंच गया. उस ने दरवाजा खटखटाया. दरवाजा प्रियंका ने खोला.

रवि अंदर आ गया. प्रियंका ने दरवाजा बंद कर दिया और वह भी रवि के पीछे अंदर बैडरूम में पहुंच गई. उस ने बढिय़ा बनावशृंगार किया हुआ था.

”बच्चे दिखाई नहीं दे रहे हैं प्रियंका.’’ रवि ने पलंग पर बैठते हुए पूछा.

”मैं ने उन्हें नानी के यहां भेज दिया है.’’ प्रियंका अंगड़ाई लेते हुए रवि की बगल में आ बैठी.

”बहुत समझदार हो.’’

”यार रवि, जब एंजौय करते हैं तो किसी प्रकार का डिस्टरबेंस नहीं होना चाहिए. अब पूरी रात हमारी है.’’ प्रियंका ने कहने के बाद रवि के गले में अपनी नाजुक कलाइयां डाल दीं, ”तुम्हारी शिकायत थी कि मैं तुम्हें कभी पूरा मौका नहीं देती.’’

”मैं गलत कहां कहता हूं, तुम अपना सारा प्यार सर्वेश पर लुटाती रही हो.’’ रवि के स्वर में शिकायत थी.

”पहले वह मुझे अच्छा लगता था, लेकिन जब तुम मेरी जिंदगी में आए तो मैं ने तुम दोनों को तराजू में रख कर तोला. तुम और तुम्हारा प्यार सर्वेश से कहीं अधिक वजनी निकला, इसलिए मैं ने सर्वेश की ओर से किनारा कर लिया.’’ प्रियंका ने अपना गाल रवि के गाल से रगड़ते हुए कहा.

रवि ने प्रियंका की कमर में बाहें लपेट कर उसे अपनी गोद में खींच लिया, ”मैं ने तुम्हें दिल से प्यार किया है स्वीट हार्ट. सर्वेश की तरह मैं तुम्हारे जिस्म का भूखा नहीं बना. हम कई दिनों से मिल रहे हैं, आज तुम ने पहली बार मुझे बिस्तर पर आमंत्रित किया है. मैं अपने आप को खुशनसीब मान रहा हूं.’’

”अब समय मत गंवाओ… मैं तुम्हारे प्यार के लिए तड़प रही रही हूं.’’

रवि ने प्रियंका के यौवन को दुलारना शुरू कर दिया. उस की अंगुलियां प्रियंका के गुदाज जिस्म पर फिसलने लगीं. प्रियंका पल प्रतिपल उन्मादित होती चली गई और वह पल भी आ गया, जब रवि ने उसे पूरी तरह अपने आगोश में समेट लिया और उस पर छाता चला गया.

वह रात प्रियंका और रवि ने पूरी मौजमस्ती से गुजारी. सुबह वहीं से फ्रैश हो कर रवि काम पर जाने के लिए निकला तो उसी वक्त प्रियंका का पति आलोक वहां आ गया.

भेद खुलतेखुलते ऐसे बचा

रवि एक बार के लिए आलोक को देख कर सकपका गया, फिर उस ने तुरंत अपने आप को संभाल लिया, ”आलोक भैया नमस्ते. मैं आप से ही मिलने आया था, भाभी ने बताया आप बाहर गए हुए हो, लौट रहा था कि आप आ गए.’’

”कैसे हो, बहुत दिनों बाद इधर आए हो.’’ आलोक ने आत्मीयता से पूछा.

”समय ही नहीं मिलता भैया.’’ रवि बोला, ”आज सोचा सुबह सुबह मिल लूंगा, अच्छी किस्मत है मेरी, मेरा आना बेकार नहीं गया. आप आ गए.’’

”कुछ काम था क्या मुझ से?’’

”काम कुछ नहीं भैया, अगले हफ्ते मेरा बर्थडे है. मैं छोटी सी पार्टी दे रहा हूं. आप भाभीजी को ले क र आ जाना.’’ रवि ने झूठ बोला.

”जरूर आऊंगा, दिन और समय बता दो.’’

”2 अक्तूबर.’’ रवि हंस कर बोला, ”उस दिन बापूजी का जन्मदिन होता है. मैं भी उसी दिन पैदा हुआ था. आप शाम को 5 बजे आ जाइए, खाना भी वहीं खाइएगा.’’

”ठीक है, मैं जरूर आऊंगा.’’ आलोक कह कर रवि के साथ बाहर आ गया. उस ने इधरउधर देखा, फिर धीरे से बोला, ”रवि, एक बात कहनी है तुम से.’’

”कहिए न भैया.’’ धड़कते दिल से रवि ने कहा.

”यह सर्वेश अजकल तुम्हारी भाभी प्रियंका को कुछ ज्यादा ही परेशान कर रहा है. गलती प्रियंका की ही थी, जो उसे मुंह लगा लिया. प्रियंका ने तो उस से अपनापन जताया था, अब वह उसी पर हावी होने की कोशिश कर रहा है. प्रियंका कहीं बाहर जाती है तो वह उस पर गलत कमेंट करता है. उसे 1-2 बार समझाया, लेकिन वह बाज ही नहीं आ रहा है.’’

”धुनाई कर दो हरामी की. मैं आप के साथ हूं.’’ रवि जोश में भर कर बोला, ”ऐसे व्यक्ति को सबक मिलना जरूरी है.’’

”ठीक कहते हो, जब जरूरत होगी, मैं तुम्हें बुला लूंगा.’’ आलोक ने कहा.

”मैं आप का फोन सुनते ही आ जाऊंगा भैया. अब चलता हूं, काम के लिए देर हो रही है.’’ कहने के बाद रवि इजाजत ले कर पैदल ही वहां से चल पड़ा.

वह अब काफी संतुष्ट था, क्योंकि आलोक की गैरमौजूदगी में उस के घर रात भर रहने की बात रहस्य ही बनी रही थी. आलोक को उस पर थोड़ा सा भी शक नहीं हुआ था.