जवान बेटी ने मां के किए टुकड़े

जवान बेटी ने मां के किए टुकड़े – भाग 3

अपनी मां के गिर कर जख्मी होने और पड़ोसियों के कहने पर भी उन के उपचार में अनदेखी करने के संबंध में पूछे जाने पर रिंपल ने पुलिस को बताया, ‘‘मैं घबरा गई थी, क्योंकि मां के गिरने के कारण कमरे में जातेजाते ही उस की सांस चलनी बंद हो गई थी. लेकिन मैं ने सोचा कि शायद ऐसा गिरने के कारण हुआ होगा. रिश्तेदार मुझे इस के लिए दोषी ठहराएंगे, इसलिए जल्दबाजी में मैं ने उन्हें कुछ नहीं बताया. कुछ समय बाद ही मुझे पता चल गया कि वह मर चुकी है. फिर मैं ने लाश को ठिकाने लगाने का फैसला किया.’’

गूगल से मिली लाश के टुकड़े करने की जानकारी…

पुलिस द्वारा वीणा के मारे जाने की बात पूछे जाने पर रिंपल बारबार एक ही रट लगाती रही कि उस ने अपनी मां को नहीं मारा. वह जांच की शुरुआत के बाद से ही इस पर अडिग बनी हुई थी. उस का कहना था कि 27 दिसंबर, 2022 की सुबह जब उस की मां गिर गई थीं, तब वह सो रही थी. उठने के बाद जब मां उसे घर पर नहीं दिखीं, तब वह उन्हें देखने गई, उन्हें सीढिय़ों पर गिरा देखा था. इस तरह छानबीन और पूछताछ के बाद पुलिस इस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई थी कि वीणा जैन की मौत दुर्घटनावश गिरने से हुई थी या रिंपल ने ही उन्हें धक्का दे कर गिरा दिया था. पुलिस के लिए यह जांच कर यह साबित करना कठिन था. कारण इस का कोई गवाह नहीं मिल पाया था.

लाश के टुकड़े किए जाने के बारे में पुलिस ने रिंपल से सख्ती के साथ पूछताछ की. इस पर रिंपल ने बताया कि उस ने अपनी मां के शरीर के टुकड़े करने के लिए गूगल की मदद ली थी. इस के बाद दुर्गंध मिटाने के लिए उस ने एयर फ्रैशनर, 100 बोतल परफ्यूम, चाय पत्ती और फिनाइल का इस्तेमाल किया था. वह लालबाग मार्केट से ही एक इलैक्ट्रिक मार्बल कटर भी खरीद लाई थी. पुलिस के मुताबिक, उस ने मार्बल कटर, चाकू और हंसिया से मां के शरीर के टुकड़े कर दिए. इस के बारे में उस ने जो कुछ बताया, वह काफी रोंगटे खड़े करने जैसा ही है.

बेदर्द बेटी रिंपल ने पहले अपनी मां की लाश के हाथों को शरीर से अलग किया. उस के बाद पैर और फिर जांघें काटीं. उस के बाद उस ने सिर धड़ से अलग किया और धड़ को एक बोरी में भर दिया. उस बोरी को उस ने अलमारी के अंदर रख दिया था. रिंपल की इन बातों को सुन कर कोई नहीं कह सकता कि वह बेटी है या कसाई. पड़ोसियों तक को दुर्गंध नहीं पहुंचे, इस के लिए एयर फ्रैशनर, चाय पत्ती और फिनाइल तक का इस्तेमाल किया.

रिंपल के इस बयान पर पुलिस यह मानने को तैयार नहीं थी कि उस ने अकेले इस वारदात को अंजाम दिया है. पुलिस को शक था कि जरूर उस ने कई लोगों की मदद ली होगी. हालांकि रिंपल ने अपना सारा पैसा काटने वाली मशीन पर ही खर्च कर दिया था. इस कारण वह चाल के ग्राउंड फ्लोर पर श्रीसाईं फूड सेंटर से उधार पर खाने का सामान मंगवाने लगी थी. इस की पुष्टि दुकानदार के वाट्सएप मैसेज से हुई.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस जांच इस नतीजे पर पहुंची कि वीणा की मौत 27 दिसंबर, 2022 को ही हो गई थी. इस की डीसीपी (जोन 4) डा. प्रवीण मुंधे ने सभी जांच और बयानों के आधार पर पुष्टि की. फिर भी पुलिस को इस की पुष्टि करने वाले और सबूत नहीं मिले. यह भी पता नहीं चल पाया कि रिंपल को कटर और चाकू की सप्लाई किस ने की थी. पुलिस की नजर उस संदिग्ध पर भी गई, जो संभवत: रिंपल का बौयफ्रैंड था और लगातार उस के संपर्क में था. लाश ठिकाने लगाने का नहीं मिला मौका

उस का नाम बौबी अमजद अली (27) है. उस के बारे में पुलिस को पहले ही मालूम हो चुका था कि वह लालबाग में एक सैंडविच स्टाल चलाता है, लेकिन लखनऊ का रहने वाला था. वह 7 जनवरी को मुंबई से अपने होमटाउन चला गया था. उस की 7 मार्च, 2023 तक फोन काल के माध्यम से रिंपल से बातचीत होती रहती थी. कालाचौकी पुलिस 16 मार्च, 2023 को उसे यूपी से पकड़ कर मुंबई ले आई. उस से गहन पूछताछ के बाद उस ने स्वीकार लिया कि रिंपल की मां की लाश को ठिकाने लगाने के लिए छोटेछोटे टुकड़े बनाने में उस ने मदद की थी.

इस के बावजूद रिंपल लाश को ठिकाने लगाने में सफल नहीं हो पाई. क्योंकि चहलपहल भरी उस पुरानी चाल में सैंकड़ों परिवार रहते हैं और यह ठीक मुख्य सडक़ पर स्थित है. इस कारण चाल में और उस के आसपास हमेशा चहलपहल बनी रहती है. वहां आधी रात को ही थोड़ा सन्नाटा होता है, लेकिन सुबह 4 बजे ही चाल के बाहर चाय की दुकान खुल जाती है. यही कारण है कि रिंपल पकड़े जाने के भय से लाश ठिकाने लगाने के लिए मौका ढूंढती रह गई. आसपास के लोगों ने जब उस से मां के नहीं दिखाई देने के बारे में पूछा, तब उस ने मां के कानपुर चले जाने की बात बता दी.

हालांकि हैवान बेटी रिंपल के लिए मां की मौत और घर में ही लाश को छिपा कर रखना आसान नहीं था. उस की स्थिति विक्षिप्त जैसी होने लगी थी. उसे हमेशा यह डर सताता रहता था कि उसी इलाके में रहने वाले रिश्तेदार मिलने के लिए किसी भी समय आ सकते थे. पड़ोसियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि रिंपल शाम को आम रास्ते से हट कर टहलती थी. अपना फोन कान से लगाए रहती थी, ताकि उसे लोग यही समझें कि वह अपनी मां से बात कर रही है.

इस हत्याकांड के पीछे का जो कारण सामने आया वह था मांबेटी के बीच अकसर होने वाली कहासुनी. वह मां से इस बात को ले कर अकसर झगड़ पड़ती थी कि उस के एचआईवी पीडि़त होने के कारण ही उसे ताने सुनने पड़ते हैं. लोग उसे एड्स पीडि़ता की बेटी के रूप में जानते हैं. यह उसे बहुत बुरा लगता था. वह एक तरह से सामाजिक कलंक का शिकार थी. यही ताना रिंपल अपनी मां को भी मारती रहती थी. वह अपनी मां को परिवार की एक कलंक औरत कहती थी. इस कारण मां के साथ उस के संबंध हमेशा तनावपूर्ण बने हुए थे.

वीणा के पति प्रकाश जैन की 2005 में एचआईवी पाजिटिव के बाद मृत्यु हो गई थी. जब वीणा परिवार के साथ विरार के पालघर में रहती थी. उस के बाद से ही सुरेश पौरवाल को कई बार मां और बेटी के बीच हस्तक्षेप करना पड़ा था. वह उन की देखभाल कर रहे थे. उन्हें पैसे और रहने के लिए जगह का इंतजाम कर दिया था. पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद रिंपल को सेवरी में मैट्रोपोलिटन मजिस्ट्रैट की अदालत में 20 मार्च, 2023 को एस.एस. घरे के सामने पेश किया गया. वहां भी रिंपल वही बात दोहराती रही कि उस ने मां को नहीं मारा है, लेकिन क्राइम पैट्रोल देख कर लाश को ठिकाने लगाने का आइडिया लिया, जबकि यूट्यूब पर शव को सड़ाने का तरीका सीखा. कोर्ट से उसे और उस के प्रेमी बौबी अमजद अली को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

जवान बेटी ने मां के किए टुकड़े – भाग 2

सुरेश और उन का बेटा कुछ समय तक दरवाजा खटखटाते रहे, लेकिन रिंपल ने दरवाजा नहीं खोला. वह अपनी भांजी की इस हरकत से हैरान रह गए. दरवाजा पीटते समय वहां आसपास के कई लोग इकट्ïठा हो गए. उन में से कुछ लोगों ने बताया कि उन्होंने रिंपल की मां को पिछले कई महीनों से नहीं देखा है.

फ्रिज, पौलीथिन, ड्रम में मिले लाश के टुकड़े…

उन्होंने यह भी बताया कि रिंपल आसपास किसी के भी संपर्क में नहीं थी. कब आती है, कब जाती है, इस का पता ही नहीं चलता. सुरेश वहां मौजूद लोगों की बात सुन कर गंभीर चिंता से घिर गए. वह सीधे कालाचौकी थाने गए. वहां उन्होंने एसएचओ से सारा वाकया विस्तार से सुनाया और घर पर चलने का अनुरोध किया. तब तक शाम हो चुकी थी.

14 मार्च, 2023 को एसएचओ पुलिस टीम के साथ वीणा के मकान पर गए. उन्होंने भी दरवाजा खटखटाया. काफी देर बाद जब पुलिस ने दरवाजा तोडऩे की धमकी दी, तब रिंपल ने दरवाजा खोला. दरवाजा खुलते ही भीतर से सड़े मांस जैसी दुर्गंध का भभका तेजी से निकला. सभी पुलिसकर्मी और दूसरे लोग तेज दुर्गंध से परेशान हो गए. नाक पर रुमाल रख कर रिंपल के साथ उस कमरे में गए, जहां वह अपनी मां के साथ रहती थी. उन्हें घर में अलगअलग जगह गांठ लगे पौलीथिन रखी मिलीं. दुर्गंध उन्हीं में से आ रही थी. जब उन्हें खोला गया, तब उन में मांस के टुकड़े मिले. इस के बाद पुलिस कमरे में रखे सामान को तलाशने लगी.

कमरे के ठीक बाहर एक प्लास्टिक बैग में लाश के कुछ और टुकड़़े मिले. सिर और धड़ प्लास्टिक में पैक कर अलमारी और बक्से में रखे मिले, जबकि हाथ और पैर घर की स्टील की टंकी में पड़ा था. लाश के टुकड़े फ्रिज में भी रखे मिले. रिंपल अनजान बनती हुई बोली उसे पता नहीं कि यह किस की है. जबकि सुरेश ने लाश पहचान ली थी. इस की सूचना एसएचओ ने तुरंत उच्च अधिकारियों को दे दी. सूचना मिलते ही घटनास्थल पर डीसीपी प्रवीण मुंडे भी आ गए. उस के बाद रिंपल को तुरंत हिरासत में ले लिया गया. कालाचौकी पुलिस ने रिंपल के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 201 (अपराध के साक्ष्य को छिपाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली.

पुलिस को घर में तलाशी में इलैक्ट्रिक मार्बल कटर, कोयता और सुरी भी मिले. पुलिस ने अनुमान लगाया कि महिला की हत्या के बाद उस के दोनों हाथ और पैर काट दिए गए थे. इस के लिए हंसिया, कटर और छोटे चाकू का इस्तेमाल किया गया था. पुलिस ने मृतक की पहचान वीणा प्रकाश जैन (55) के रूप में की. वह अपने पति और बेटी रिंपल के साथ विरार में रहती थी. करीब 16 साल पहले पति के गुजर जाने के बाद वह लालबाग के इब्राहिम कसार चाल में रहने लगी थी. जैन के 2 भाई और 5 बहनें थीं.

इस तरह मिले लाश के सड़ेगले टुकड़े देख कर घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने उस की पहचान 55 वर्षीय वीणा जैन के रूप में कर दी थी, फिर भी उन्हें पोस्टमार्टम के लिए केईएम अस्पताल भेज दिया गया. टुकड़ों में बंटी लाश और उसे काटने के बरामद औजार ने दिल्ली में श्रद्धा हत्याकांड की याद ताजा कर दी. फर्क इतना था कि ये टुकड़े एक अधेड़ महिला के थे, जिस की मौत और इस तरह के खौफनाक मंजर तक पहुंचाने की जांच की जानी थी.

बेटी ने किए थे मां के टुकड़ेटुकड़े…

हत्या और घटनास्थल पर उस के साक्ष्यों को छिपाने एवं मिटाने की शुरुआती अंगुली रिंपल पर ही उठी. पुलिस अधिकारियों द्वारा पूछताछ का सिलसिला शुरू हो गया. पहले तो रिंपल ने पुलिस को बरगलाने की पूरी कोशिश की और अनापशनाप जवाब देती रही. उस की बातों से ऐसा लगा, जैसे वह विक्षिप्त हो. इसे देखते हुए पुलिस ने पूछताछ के दौरान मनोचिकित्सक की भी मदद ली. इस वारदात के बारे में पुलिस ने मृतका के नजदीकी परिजन सुरेश कुमार और पड़ोसियों से भी पूछताछ की. इस सिलसिले में पता चला कि रिंपल के कदम बहक गए थे.

रिंपल जैन का प्रेम प्रसंग एक नहीं, बल्कि 2 युवकों के साथ चल रहा था. इसी बात को ले कर उस का अपनी मां से अकसर झगड़ा होता रहता था. यही कारण था कि रिंपल ने अपनी मां का कत्ल कर दिया. हालांकि उस ने अपने मामा और पुलिस को इस बारे में अलगअलग कहानी बताई. सुरेश ने पुलिस को बताया कि उन की बहन वीणा से आखिरी बार 26 नवंबर, 2022 को उन के घर पर मुलाकात हुई थी. इस के बाद रिंपल उन्हें वीणा से मिलने से रोकने के लिए अलगअलग बहाने बना देती थी. कई बार उस ने कहा कि अभी वह बाहर गई है या अभी सो रही है.

रिंपल ने पुलिस को बताया कि उस की मां 27 दिसंबर, 2022 को घर की सीढिय़ों से गिर गई थीं, उन्हें जब सीढिय़ों से ऊपर अपने कमरे में जाना था. गिरने से उन्हें गहरी चोट लग गई थी. उस के बाद उन्हें 2 लोगों की मदद से ऊपर पहले तल के कमरे में पहुंचा दिया गया था. रिंपल ने यह भी बताया कि उस रोज मां जीवित थीं. बाद में उन की मौत हो गई. मौत कैसे हुई, कब हुई, इस बारे में रिंपल कोई सही जानकारी नहीं दे पाई. उस ने अगले रोज सुबह उन्हें मृत पाया. इस पर एसएचओ ने सख्ती से पूछा, ‘‘यदि तुम्हारी मां की सीढिय़ों से गिरने से मौत हुई थी तो तुम्हें अपने मामा को बताना चाहिए था. तुम ने मामा को क्यों नहीं बताया?’’

जब इस का जवाब रिंपल कुछ नहीं दे पाई, तब जांच टीम के एक अधिकारी ने उस के बौयफ्रैंड के संबंध में पूछा. उस बारे में भी रिंपल बहुत अधिक वैसी जानकारी नहीं दे पाई, जिस से पता चल पाता कि वीणा की मौत किन परिस्थितियों में हुई और उन की मौत को आखिर छिपाया क्यों गया?

बौयफ्रैंड से मिली जानकारी…

वैसे रिंपल जैन के बौयफ्रैंड ने इतना जरूर बताया कि वह पिछले हफ्तों से जब भी रिंपल के घर जाता था, तब रिंपल घर में रूम फ्रैशनर स्प्रे किया करती थी. मां के घर में नहीं दिखने पर जब भी उस ने कुछ पूछा, तब वह उस बारे में बात करने से कतराने लगती थी और उसे घर से जल्दी विदा करने की कोशिश करती थी. उस का दूसरा बौयफ्रैंड उत्तर प्रदेश में स्थित अपने गांव गया हुआ था. पुलिस की एक टीम उस की तलाश के लिए यूपी गई. साथ ही पुलिस ने एक रेस्टोरेंट के कर्मचारी समेत रिंपल के संपर्क में रहे 6 लोगों से पूछताछ की.

इन में कइयों से वीणा की मौत को ले कर चौंकाने वाली जानकारी मिली. उन में कुछ एकदूसरे से मेल खाती थीं, जबकि कुछ में विरोधाभास भी था. वहीं चाइनीज भोजनालय का एक कर्मचारी जैनियों के ठीक बगल वाले कमरे में रहता था. उस ने पुलिस को बताया कि 27 दिसंबर, 2022 की सुबह हम दूसरे कर्मचारियों के साथ सो रहे थे. उस समय हमारा एक साथी बाहर गया हुआ था. वह जब वापस लौटा, तब हमें बताया कि पड़ोस की आंटी नीचे गिर गई हैं, तब हम सब मदद के लिए गए. हम ने रिंपल की मदद करते हुए आंटी को उठा कर उन के घर तक ले गए.

हमें उस के हाथ पर चोट के निशान मिले थे. उस ने पुलिस को यह भी बताया कि उस वक्त आंटी एकदम शांत थीं. सांस भी नहीं ले पा रही थीं. आंटी की बिगड़ी हालत पर जब उस ने रिंपल से पूछा कि क्या वह आंटी को डाक्टर या अस्पताल ले जाना चाहती है? इस पर उस ने कोई जवाब नहीं दिया. जब हम ने रिंपल से कहा कि उसे आंटी की तकलीफ के बारे में रिश्तेदारों को भी सूचना देनी चाहिए, लेकिन उस ने उन की बातें अनसुनी कर दीं और सब को वहां से हटा दिया. रिंपल सब से बोली कि वह खुद मैनेज कर लेगी.

जवान बेटी ने मां के किए टुकड़े – भाग 1

विधवा वीणा जैन 55 साल की थीं. वह अपनी 24 वर्षीया बेटी रिंपल जैन के साथ मुंबई के लालबाग इलाके के पेरू कंपाउंड इब्राहिम कासिम चाल में रहती थीं. कालाचौकी थाना क्षेत्र में स्थित इस पुरानी चाल में छोटेछोटे कमरे बने थे. इलाके में रात के कुछ घंटों को छोड़ कर हमेशा आवाजाही बनी रहती है. दोनों वहीं पर बीते 8 साल से रह रही थीं. घर का खर्च उस के बड़े भाई सुरेश कुमार पौरवाल ने उठा रखा था. सुरेश अपने परिवार के साथ दूसरे इलाके में रहते थे.

उन्होंने ही वीणा के पति की मौत हो जाने के बाद छोटे से मकान में मांबेटी को अलग से रहने का इंतजाम किया था. इस की एक खास वजह थी. बताते हैं कि वीणा के पति एचआईवी पाजिटिव थे. इस से वीणा भी प्रभावित थीं. जो भी हो, वह सुरेश और बेटी रिंपल की देखरेख में थीं. सुरेश बीचबीच में उन से मिलने आते रहते थे, लेकिन फोन पर बहन या भांजी से रोजाना कम से कम एक बार तो बात जरूर कर लिया करते थे. बीचबीच में उन के बच्चे भी अपनी बुआ से मिल कर हालसमाचार ले लिया करते थे.

सब कुछ ठीकठाक चल रहा था, लेकिन बीते 3 माह से सुरेश अपनी बहन की सेहत को ले कर चिंतित और परेशान चल रहे थे. कारण, उन की वीणा से फोन पर भी बात नहीं हो पा रही थी. वह 2-3 बार हालसमाचार लेने के लिए उन के घर पर भी गए थे, लेकिन बहन से नहीं मिल पाए. जबकि उन्हें जानकारी मिली थी कि वह अपने कमरे में जाते वक्त सीढिय़ों से गिर पड़ी थीं और उन्हें थोड़ी चोट भी लग गई थी. इस बारे में उन्हें फोन पर भांजी रिंपल ने ही बताया था. साथ ही उस ने अपने मामा से कहा था कि चिंता की कोई बात नहीं है, मां की सेहत में सुधार है. वह उन्हें नियमित दवाइयां दे रही है. फिर भी सुरेश अपनी बीमार बहन को देखने के लिए बेचैन हो गए थे.

वह कई बार उस के घर गए, लेकिन उन्हें कभी घर का दरवाजा बाहर से बंद मिला तो कभी भांजी ने उन्हें दरवाजे के भीतर से ही यह कह कर वापस लौटा दिया कि मां अभी दवाई खा कर सो रही हैं या बाजार या फिर सत्संग आदि में गई हुई हैं.

3 महीने से नहीं हो पाई थी बहन से बात…

इस तरह से जब 3 माह होने को आए तब सुरेश ने अपने छोटे बेटे को लालबाग भेजा. वह 14 मार्च, 2023 को अपनी बुआ से मिलने उन के घर गया. दरवाजे के बाहर लगे कालबेल का स्विच दबाया तो कुछ देर तक अंदर से कोई आवाज नहीं आई. तब उस ने कुंडी खटखटाई.  कुंडी के 2-3 बार खडक़ाने पर भी जब दरवाजा नहीं खुला, तब उस ने कुंडी तेजी से खडक़ानी शुरू की. इस के बाद रिंपल ने थोड़ा दरवाजा खोला. बाहर से रिंपल का सिर्फ आधा चेहरा ही दिख रहा था. बात करने में सहूलियत हो, इस के लिए वह एक सीढ़ी नीचे उतर आया.

“क्या बात है, कौन है? क्यों जोरजोर से कुंडी खटका रहे हो?’’ रिंपल ने भीतर से ही झांका और नाराज होती हुई बेरुखी के साथ बोली.

“दीदी, मैं हूं मैं. सुरेश पौरवाल का बेटा… आप का छोटा भाई दीदी.’’ किशोर उम्र का लडक़ा एक सांस में बोल गया.

“हांहां, तो क्या है? पहचान लिया, बोलो! जल्दी बताओ क्या बात है?’’ रिंपल रूखे अंदाज में बोली, लेकिन पूरा दरवाजा नहीं खोला.

“दीदी, बुआजी से मिलना है. उन को कुछ सामान देना है. पापा ने देने को बोला है,’’ लडक़ा बोला.

“क्यों मिलना है? क्या देना है? क्या करना है? पापा ने भेजा है…इसलिए!’’ रिंपल बोली.

“हां दीदी,’’ लडक़ा मासूमियत के साथ बोला.

“तुझे और कोई काम नहीं है क्या? स्कूल नहीं जाना है? यही काम रह गया है तुम्हारा? बुआजी से मिलना है… अरे मैं हूं न

यहां.’’ रिंपल दरवाजे के भीतर से बोलती रही. लडक़ा बाहर सकपकाया हाथ में एक थैला लिए खड़ा रहा. रिंपल ने अपनी बात पूरी की, ‘‘चलो, भाग जाओ यहां से. बुआजी अभी सो रही हैं. जा कर पापा को बता देना. मैं ऐसे ही बहुत परेशान हूं और तुम लोग मिलना है… मिलना है, कह कर परेशान करने के लिए चले आते हो.’’ कहती हुई रिंपल ने भीतर से दरवाजा बंद कर लिया. फटाक से कुंडी लगाए जाने की तेज आवाज बाहर तक सुनाई दी.

लडक़ा कुछ देर वहीं खड़ा रहा. आसपास लोगों को आताजाता देखता रहा. किस से क्या कहे, उलझन में था. फिर उस ने अपने पिता को फोन लगा दिया. उस की रिंपल से जिस तरह की बात हुई थी, उस ने सब कुछ ज्यों का त्यों बता दिया. जल्द ही पिता सुरेश भी वहां आ गए. उन्होंने भी दरवाजा खटखटाया. काफी देर बार रिंपल ने पहले की तरह ही थोड़ा सा दरवाजा खोला. भीतर से ही झांक कर डपटने के अंदाज में बोली, ‘‘फिर आ गया, यहीं बैठा है अभी तक? गया नहीं?’’ इसी बीच उस की नजर मामा पर पड़ी. वह बोलतेबोलते अचानक रुक गई.

“क्यों क्या हुआ… बच्चे को क्यों डांट रही हो? और पूरा दरवाजा क्यों नहीं खोल रही?’’ सुरेश भी उसे डांटने के अंदाज में बोले. मामा को डांटते देख कर वह सकपका गई. बोली, ‘‘जी…जी मामाजी, ऐसी कोई बात नहीं है? मां यहां है ही नहीं. वह तो 2 दिन हुए कानपुर चली गई है. पैरों की मालिश करवाने के लिए. मैं आप को बताने ही वाली थी. उन को हलका सा पैरालाइसिस का अटैक आ गया था.’’

“बेटा, इतनी बड़ी बात हो गई और मुझे अब बता रही हो, वह भी जब हम लोग मां से मिलने आए हैं? बहुत गैरजिम्मेदार हो. मैं तो पहले भी कई बार आया और तुम ने कुछ न कुछ बात बता कर दरवाजे से ही लौटा दिया. फोन पर भी बात नहीं करवाई, हमेशा बहाने बना देती हो. आखिर चल क्या रहा है तुम्हारे दिमाग में…’’ सुरेश बोले जा रहे थे और रिंपल भीतर से सुनती जा रही थी. उस के मुंह से सिर्फ ‘हां…हूं’ ही निकल रहा था.

इसी बीच सुरेश को कुछ सड़ांध की दुर्गंध महसूस हुई. उन्होंने तुरंत पूछा, ‘‘भीतर से ये सड़ी बदबू कैसी आ रही है? घर की साफसफाई ठीक से नहीं करती हो क्या?’’

रिंपल कुछ बोलती इस से पहले ही वहां खड़ा लडक़ा बोल पड़ा, ‘‘किसी मरे जानवर चूहे या बिल्ली की सड़ी दुर्गंध लगती है, भीतर देखना होगा.’’

“हांहां बेटा, चलो भीतर ही चल कर देखते हैं.’’ सुरेश बोलते हुए दरवाजे तक पहुंचने के लिए सीढिय़ां चढऩे लगे. तभी रिंपल ने दरवाजा खटाक से बंद कर लिया.

क्रमशः