वेब सीरीज : कोहरा (रिव्यू) – भाग 4

ओटीटी पर प्रदर्शित ‘कोहरा’ को ले कर कई बातें अब धीरेधीरे सामने आने लगी हैं. इस वेब सीरीज को अनुपमा चोपड़ा ने लिखा है. वह पत्रकार भी हैं. इस के अलावा उन्होंने फिल्म जगत को ले कर कई किताबें भी लिखी हैं. वह काफी चैनलों के लिए फिल्म समीक्षा का भी काम करती हैं.

उन की कहानी पर ही रणदीप झा ने ‘कोहरा’ प्रोजेक्ट लांच किया था. रणदीप झा इन दिनों चर्चा में हैं. उस की वजह कई हैं. जिस में से एक प्रमुख यह है कि उन की अंगरेजी काफी तंग हैं. यह बात एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू के दौरान देखने को भी मिली थी.

यह इंटरव्यू हाल ही में रिलीज ‘कोहरा’ वेब सीरीज को ले कर कई चैनलों में दे रहे थे. ‘कोहरा’ वेब सीरीज मर्डर मिस्ट्री पर बनाई गई है.

इस सीरीज के कलाकार

इस में वरुण वडोला, मनीष चौधरी, सौरभ खुराना समेत अन्य ने भूमिका निभाई हैं. सौरव खुराना 2020 में प्रदर्शित फिल्म ‘दिल बेचारा’ में बतौर कलाकार और सहायक निर्देशक की भी भूमिका निभा चुके हैं.

वहीं ‘कोहरा’ के केंद्र बिंदु में इस वक्त रणदीप झा का नाम पहले लिया जा रहा है. निर्देशक रणदीप झा जो बौलीवुड के लिए अनजान चेहरा नहीं हैं.

मुंबई में जन्मे रणदीप झा ने लघु फिल्म से ले कर फिल्म और वेब सीरीज बना कर अपनी विशेष पहचान बनाने का प्रयास किया. वह फिल्म में जगत में अभी तक कोई हिट हासिल नहीं कर सके हैं. जिस के लिए वह लगभग एक दशक से काफी संघर्ष कर रहे हैं. उन्होंने अनुराग कश्यप के साथ सिनेमाटोग्राफी का कोर्स भी किया है. यह कोर्स उन्होंने बैरी जौन के थिएटर ग्रुप से किया था.

अनुराग कश्यप भी सामाजिक बुराइयों पर केंद्रित फिल्मों में काम करते हैं. उन के मुकाबले रणदीप झा अभी तक कोई मील का पत्थर फिल्म के जरिए नहीं रख सके हैं. इस के साथ ही कई फिल्मों में सहायक निर्देशक की भूमिका में काम किया. रणदीप झा की पहली फिल्म ‘हलाहल’ थी.

यह फिल्म मध्य प्रदेश के चर्चित व्यापमं घोटाले पर केंद्रित थी. फिल्म के जरिए शिक्षा माफिया के खेल को बताने का प्रयास किया गया था. यह 2020 में रिलीज हुई थी. जिस के बाद वे कई लोगों की निगाह में आने लगे. इस से पहले 2012 में बनी ‘शंघाई’ फिल्म में सहायक निर्देशक की भूमिका निभाई थी.

रणदीप झा एक मध्यमवर्गीय ब्राह्मण परिवार से हैं. वह मुख्यरूप से एक सहायक निर्देशक या एक निर्देशक के रूप में काम करते हैं. लेकिन इस के अलावा उन्होंने विभिन्न फिल्मों में कैमियो भूमिकाएं भी की हैं. उन्होंने 2012 में राजनीतिक थ्रिलर फिल्म ‘शंघाई’ में दिबाकर बनर्जी की सहायता की.

2 साल बाद उन्होंने फिल्म ‘अग्ली’ में अनुराग कश्यप के मार्गदर्शन में दूसरे सहायक निर्देशक के रूप में काम किया. वर्तमान में वह एक स्वतंत्र निदेशक हैं. निर्देशन के अलावा बतौर कलाकार 2015 में आई ‘हीरो’ फिल्म में भी काम किया था. उन के निर्देशन में बनी फिल्म ‘कर्ता’ लघु फिल्म भी सुर्खियों में रही थी.

लघु फिल्म ‘कर्ता’ महज 20 मिनट की है. जिस को उन्होंने खुद लिखा और निर्मित किया है. कोहरा में बरून सोबती के साथ उन्होंने दूसरी बार काम किया है. इस से पहले 2020 में रिलीज ‘हलाहल’ में दोनों ने एक साथ काम किया था.

बरुन सोबती

बरुन सोबती एक भारतीय अभिनेता हैं, जिन्हें टीवी सीरियल में काफी लोकप्रियता हासिल है. सोबती का जन्म 30 अगस्त, 1984 को दिल्ली में हुआ था. उन्होंने अपने करिअर की शुरुआत साल 2009 में की थी. उन्हें पहला मौका स्टार प्लस पर ‘श्रद्धा’ टेलीविजन शो में मिला था. इस के बाद उन्होंने ‘बात हमारी पक्की है’ और ‘दिल मिल गए’ जैसे टीवी सीरियल में काम किया. शानदार अभिनय के चलते बरुन सोबती को साल 2012 में बेस्ट पापुलर एक्टर के लिए इंडियन टेलीविजन अकैडमी अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था.

उन के परिवार में पिता राज सोबती तथा मां वीनू सोबती है. इस के अलावा उन के परिवार में उन की बड़ी बहन रिचा अरोरा है. अगर बात करें बरुन सोबती की प्रारंभिक शिक्षा की तो उन्होंने पश्चिम विहार के सेंट मार्क स्कूल से पढ़ाई की है. उन की शादी को ले कर बहुत दिलचस्प वाकया भी है. बरुन सोबती की पत्नी का नाम पश्मीन मनचंदा है, जिन की शादी दिसंबर 2010 को एक गुरुद्वारे में हुई थी.

बताया जाता है कि बरुन सोबती ने अपनी पत्नी पश्मीन मनचंदा से पहली बार मुलाकात अपने स्कूल में की. इस रिश्ते को लंबे समय तक चलने के बाद एकदूसरे से शादी की. वर्तमान में इन की एक बेटी है, जिस का नाम सिफत है.

टीवी जगत की दुनिया में आने से पहले चर्चित इस कलाकार ने 7 साल तक जिंदल टेलीकाम में एक संचालन प्रबंधक के रूप में काम किया था. इस के बाद उन्होंने अपने एक्टिंग करिअर की शुरुआत की. टेलीविजन के बाद बरुन सोबती ने फिल्म इंडस्ट्री में भी अपना हाथ आजमाया. टीवी जगत और ओटीटी के स्टार बनने के अलावा उन्होंने अपने थिएटर में भी परचम फहराया है. उन की 2014 में ‘मैं और मिस्टर राइट’ चर्चित नाटक रहा है.

इस के बाद उन्होंने साल 2016 में ‘तू है मेरा संडे’ में अर्जुन आनंद का बेहद खूबसूरत रोल निभाया है. इस थिएटर के बाद 2019 में ‘22 यार्ड’ में अभिनय करते हुए नजर आए. ओटीटी की दुनिया में 2020 में उन के सितारे गर्दिश में पहुंच गए. एमेजान पर आई ‘असुर’ वेब सीरीज में निखिल नायर का किरदार निभाया, जिसे दर्शकों ने बहुत ज्यादा पसंद किया था. इस का दूसरा सीजन 2023 में आया, जिस ने पहले सीजन से भी ज्यादा सुर्खियां बटोरीं. उन्होंने 2020 ‘हलाहल’ वेब सीरीज में इंसपेक्टर यूसुफ कुरैशी का अभिनय किया.

इस सीरीज ने इन की इमेज फिल्म दुनिया में पुलिस औफिसर के किरदार के लिए डायरेक्टरों की पहली पसंद बना दिया है.

रचेल शैली

आप को आमिर खान की फिल्म ‘लगान’ याद ही होगी. उस फिल्म में एक गाना है ‘ओ री छोरी मान भी ले बात मोरी…’ इस गीत में अंगरेजी गाने पर अपनी फीलिंग बता रही गोरी मेम. यह अमेरिका की मशहूर कलाकार है. ‘लगान’ फिल्म में वह एलिजाबेथ बनती है, जिस के बारे में बहुत लोग ज्यादा नहीं जानते हैं.

इस फिल्म के बाद वह बौलीवुड में दिखाई भी नहीं दी थी. हालांकि 2 दशक बाद हौलीवुड में चर्चित रहने वाली मौडल, अभिनेत्री और लेखिका रचेल शैली एक बार फिर सुर्खियों में हैं. उन्होंने बौलीवुड में ओटीटी के जरिए फिर फिर एंट्री मारी है.

यहां उन से जुड़ी कई बातें हैं जो बहुत कम लोग जानते हैं. रचेल शैली ने आशुतोष गोवारिकर की सुपरहिट फिल्म ‘लगान’ में काम किया था. उन का चयन अभिनेता आमिर खान और गोवारिकर ने लंदन में जा कर किया था. यह फिल्म जून, 2001 में रिलीज हुई थी. इस फिल्म में आधे से ज्यादा कलाकार ब्रिटिश मूल के नागरिक थे.

इस से पहले अमेरिका और यूके में रचेल शैली टीवी और फिल्म इंडस्ट्रीज में जानामाना चेहरा थी. रचेल शैली 54 वर्ष की हैं और वह बौलीवुड और हौलीवुड में 3 बार ब्रेक ले कर पारिवारिक जीवन को सफल बनाने में जुटी रही. उन्होंने शादी नहीं की है लेकिन लिवइन पार्टनर मैट लेब्लैंक के साथ उन के किस्से काफी चर्चा में रहते थे. अभी उन के पार्टनर मैथ्यू पार्खिल है.

रचेल ने एक बेटी को भी जन्म दिया है. बच्ची के लिए फिल्म इंडस्ट्री से उन्होंने किनारा किया था. लिवइन पार्टनर अमेरिका में टीवी जगत के स्टार हैं. रचेल शैली का जन्म इंग्लैंड में हुआ था और शिक्षा लंदन में हासिल की थी. वह परिवार में सब से छोटी हैं.

लंदन के ड्रामा स्कूल से 1992 में उन्होंने पढ़ाई की थी, जिस के बाद थिएटर के द्वारा अभिनय की दुनिया में उन्होंने शुरुआत की थी. जब वह सफल हो रही थीं तभी 3 साल यानी 1997 तक फिल्म और टीवी सीरियलों से ब्रेक ले लिया. इस के बाद फिर उन्होंने टीवी और फिल्म जगत में वापसी की. दूसरी पारी में उन के 2 दरजन से अधिक टीवी सीरियल अमेरिका के कई निजी चैनलों पर आते थे. उन्हें टीवी सीरियल हेलेना पिबौडी से काफी सुर्खियां मिली थीं. यह सीरियल कई साल चला था. टीआरपी के कारण उन की चैनलों में काफी डिमांड होने लगी थी.

‘लगान’ फिल्म की शूटिंग के लिए वह लंदन से भारत के गुजरात में स्थित भुज शहर में आ कर ठहरी थी. रचेल शैली ने अब बौलीवुड में ओटीटी में प्रदर्शित ‘कोहरा’ के जरिए अपने आप को रिलांच किया है. वह वेब सीरीज में लियोम की मां का किरदार निभा रही हैं.

वेब सीरीज में दर्शकों को वह केवल 4-5 सीन में देखने को मिलीं. लियोम जोकि वेब सीरीज में समलैंगिक होने का अभिनय कर रहा है. वहीं असली जीवन में रचेल शैली एलजीबीटीक्यू यानी समलैंगिक संगठनों के लिए पूर्व से काम करती चली आ रही हैं. वेब सीरीज में उन का रोल काफी सीमित रखा गया है. जबकि वह भारत के लिए जानामाना चेहरा हैं. इस के अलावा लंदन और यूके में उन के अभिनय की काफी सराहना की जाती है.

डायरेक्टर रणदीप झा ने चर्चित कलाकार के प्रशंसकों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम किया है. वेब सीरीज में डायरेक्टर ने उन के चर्चित चेहरे को प्रमोशन के लिहाज से लिया हुआ प्रतीत होता है. ताकि उन के चेहरे के जरिए वह वेब सीरीज को अंतराष्ट्रीय दर्शकों तक पहुंचा सकें. क्योंकि कई भारतीय मूल के नागरिक उन के बहुत ज्यादा प्रशंसक हैं.

वेब सीरीज : कोहरा (रिव्यू) – भाग 3

जैसे वेब सीरीज अंतिम पड़ाव की तरफ जाती है, तब हैप्पी को ब्लैकमेल करने वाला बस ड्राइवर पैसे छीन कर भागता है. उस की लाश अंत में नाले से बरामद होते दिखाई है. जिस का पूरी वेब सीरीज में कहीं भी कोई सिरा नहीं मिलता है. उस की हत्या का कनेक्शन कहीं भी देखने को नहीं मिला. इस से साफ है कि डायरेक्टर वेब सीरीज बनाते वक्त भूल जाते हैं कि वे मर्डर मिस्ट्री पर फिल्म बना रहे हैं.

वेब सीरीज में नई कड़ी एक नए ट्रक ड्राइवर के रूप में जुड़ती है, जिस का हेल्पर ट्रक से उतर कर देखता है कि बंपर पर खून के धब्बे लगे हैं. यह देख कर ‘खून साफ करो’ कहते हुए शोर मचाने लगाता है. यहां पात्र और उस का अभिनय बताता है कि डायरेक्टर को इस कमी का अहसास ही नहीं हुआ. इस के अलावा बहुत जल्दीजल्दी नए कैरेक्टर वेब सीरीज में आने लगते हैं.

पुराने सारे किरदार और घटनाएं गायब होती हैं, जबकि वेब सीरीज में मर्डर मिस्ट्री का खुलासा ट्रक में काम करने वाले हेल्पर के जरिए ही होता है. लेकिन डायरेक्टर थ्रिल पैदा करने में नाकाम साबित हुए. काफी उबाऊ तरीके से इस दृश्य का फिल्मांकन किया गया.

तफ्तीश के दौरान पुलिस अधिकारी गरूंडी सिंह को ट्रक ड्राइवर की बीवी का एक सीन दिखाया गया है, जिस को डायरेक्टर ट्रक ड्राइवर की बीवी के जरिए यहां फिर वेब सीरीज को ‘ए’ सर्टिफिकेट पाने के लिए सीन क्रिएट करते हैं. यहां ट्रक ड्रायवर की बीवी एक डायलौग पुलिस अधिकारी को मारती है.

डायरेक्टर ने यदि उस में कोई क्रिएटिविटी की होती तो आशुतोष राणा या फिर अक्षय कुमार जिन्होंने किन्नर की भूमिका निभा कर अपनीअपनी फिल्म को सुपरहिट कर दिया था. दरअसल, ट्रक ड्राइवर को महिलाओं के बजाय किन्नरों में शौक होना दिखाया गया है. यह सारे सीन देख कर हम यकीन से कह सकते हैं कि वेब सीरीज का टाइम बढ़ाने के लिए ट्रक ड्राइवर और उस की बीवी के जरिए ऐसा किया है.

वेब सीरीज में गरूंडी सिंह के 2 जबरिया सेक्स सीन डाले गए हैं. इसी तरह फिल्म की शुरुआत में सेक्स सीन डायरेक्टर ने डाला. जिस का मर्डर हुआ, उस के मंगेतर के साथ भी जबरिया 2 सेक्स सीन वेब सीरीज में बनाए गए. डायरेक्टर रणदीप झा को यह लगता है कि फिल्म अभी भी छोटी हो रही है तो वे फिर एक नई कहानी को पैदा करते हैं. यह कहानी पुलिस अधिकारी गरूंडी सिंह के साथ बनाई गई.

गरूंडी सिंह, जिस के भाभी से रिश्ते बनते थे, शादी करने जा रहा होता है. इस बात से उस की भाभी खफा होती है. फिल्म में थ्रिलर की आड़ में सिलेंडर को फोड़ा गया. ऐसा गरूंडी सिंह की भाभी ने किया था. इसी सीन से डायरेक्टर पुलिस अधिकारी बलवीर सिंह पर ले जाते हैं.

वह जब गरूंडी सिंह से मिल कर बाहर आते हैं तो तेज रफ्तार ट्रक उन की कार को उड़ा देता है. उस के भीतर बलवीर सिंह पोते के साथ होते हैं, लेकिन डायरेक्टर उन के जाते वक्त पोते को दिखाना ही भूल गए. इस दुर्घटना के बाद उन को अगवा भी कर लिया जाता है. अपहरण करने वाले फोन बंद करना भूल जाते हैं. ऐसा डायरेक्टर के दिमाग की उपज है. जबकि पेशेवर बदमाश मोबाइल को पहले ही कब्जे में ले कर बंद कर देते हैं.

फिल्मांकन में दिखीं खामियां

यहां एक और अतिशयोक्ति डायरेक्टर ने दिखाई. गरूंडी सिंह मोबाइल काल डिटेल के जरिए बलवीर सिंह को अपने दम पर छुड़ा लाता है. अधिकांश वेब सीरीज सत्य घटनाओं पर केंद्रित होती हैं. इस के बावजूद डायरेक्टर को लगा कि वे रोहित शेट्टी को पीछे छोड़ सकते हैं. शायद यह दृश्य फिल्माते वक्त उन्हें ‘सिंघम’, ‘सूर्यवंशम’ और ‘राउडी राठौर’ याद आ गए. वह भूल ही गए कि फिल्म नहीं, बल्कि वह तो वेब सीरीज बना रहे हैं.

फिल्म का क्लाईमेक्स भी बहुत ज्यादा कमजोर रहा. अचानक ट्रक ड्राइवर यह कुबूल कर लेता है कि कोहरे के कारण दिखाई नहीं देने पर एक गोरा व्यक्ति टकराया था, जिस से उस की मौके पर मौत हो गई थी. यह गोरा लियाम था जोकि एनआरआई पौल का दोस्त था.

ड्राइवर के बताने पर उस की लाश बताई गई. लाश मिलने वाला दृश्य काफी हास्यास्पद तरीके से डायरेक्टर ने शूट कराया है. लाश काफी पुरानी हो जाती है इस के बावजूद फिल्म में ग्लव्स या मास्क पहने बिना ही अधिकारी जांच करते दिखाए गए हैं. वास्तविकता पैदा करने का डायरेक्टर ने बिलकुल भी प्रयास नहीं किया.

क्लाइमेक्स में भी सीन के जरिए बताने के बजाय कपोल कल्पनाओं में उसे दिखाया गया. जिस से लगता है कि आखिरी दौर में ‘कोहरा’ का बजट लगभग खत्म हो गया था. यह सारी कपोल कल्पनाएं बलवीर सिंह को सोचते हुए दिखाया गया है. अंत में मर्डर मिस्ट्री को साधारण ट्रक दुर्घटना बता कर समाप्त कर दिया जाता है.

वेब सीरीज में डायरेक्टर रणदीप झा लियाम और पौल के बीच बनने वाले गे संबंध को साबित करने में नाकाम साबित हुए. दरअसल, लियाम नहीं चाहता था कि पौल उस की निगाह से दूर जाए.

पौल अपनी मंगेतर से जब मिलने आता है, तब वहां लियाम भी होता है. वह दोनों के प्यार को देख कर नाराज हो जाता है. मंगेतर जब चली जाती है तब लियाम और पौल के बीच लड़ाई होती है. उस वक्त पौल उस के साथ ओरल सेक्स करता है.

यह बात वेब सीरीज के पांचवें एपिसोड में फोरैंसिक रिपोर्ट के जरिए बताई गई. पौल के लिंग में फोरैंसिक रिपोर्ट में दूसरे का डीएनए मिलता है. वहीं मुंह के भीतर लियाम का डीएनए होता है. यह सब कुछ आखिरी एपिसोड में डायरेक्टर साफ करते हैं.

कुल मिला कर इस कहानी के साथ डायरेक्टर रणदीप झा ने न्याय नहीं किया है. जनता को पूरी तरह से फिल्म में नाटकीय सीन बना कर पूरी तरह से गुमराह किया गया है.

वेब सीरीज : कोहरा (रिव्यू) – भाग 2

डायरेक्टर रणदीप झा जो एनआरआई पौल की मर्डर मिस्ट्री और उस के लापता दोस्त लियाम पर बनाई वेब सीरीज को भूल जाते हैं. एपिसोड पुलिस अधिकारी बलवीर सिंह के जरिए कहानी को आगे बढ़ाते हैं. वह जिस खबरी का एनकाउंटर करते हैं, उस की पत्नी के जरिए ऐसा करने का नाकाम प्रयास करते हैं.

बलवीर सिंह फिल्म में मुख्य पुलिस अधिकारी की भूमिका निभा रहे हैं. लेकिन जांच और सस्पेंस को छोड़ कर उन के रोमांटिक लाइफ की आड़ में उसे बढ़ाने की कोशिश डायरेक्टर ने की है. यहां डायरेक्टर बलवीर सिंह की बेटी के चलते थोड़ा भारतीय संस्कृति को बख्शने की कोशिश करते दिखे.

दरअसल, एपिसोड में खबरी की पत्नी बलवीर सिंह को सेक्स करने के लिए उकसाती है. उसे रिझाने के कई बार एपिसोड में सीन बनाए गए हैं. आखिरी में यह साफ तब होता है जब खबरी की बीवी उस के गले से लिपट कर सेक्स करने के लिए तैयार होने का संकेत देती है.

डायरेक्टर को फिल्म बनाते बनाते याद आता है कि वह पौल की मर्डर मिस्ट्री दर्शकों को बताना चाह रहे थे. इसलिए एपिसोड के मध्यांतर में अचानक सस्पेंस पैदा करने के लिए पौल की कार आ जाती है. यह कार उस की जहां लाश मिली थी, उस के नजदीक दिखाई थी. अब बलवीर सिंह और उस के सहयोगी गरूंडी सिंह कार में लगे डेंट को देखते हैं.

जबरिया सस्पेंस वाली बात इसलिए की जा रही है क्योंकि विदेश से आए पौल की गला रेत कर हत्या की गई थी. फिर कार में लगे डेंट को दिखा कर एपिसोड के मध्य में सस्पेंस पैदा किया गया है. इसी डेंट की आड़ में तफ्तीश के नाम पर फिल्म आगे बढ़ाई जाती है.

वेब सीरीज में डायरेक्टर रणदीप झा की तरफ से कहीं भी ऐसा नहीं लगता है कि वह मर्डर मिस्ट्री पर काम कर रहे हैं. पूरे एपिसोड में वह दर्शकों के सामने सिर्फ टाइटल कोहरा को ही सच साबित करने में दिखाई देते हैं. यहां डेंट की आड़ में फिर जबरिया मिस्ट्री डायरेक्टर ने पैदा की है.

दरअसल, कार का डेंट बस की टक्कर से आता है. पौल की लाश के नजदीक उस के चाचा के बेटे हैप्पी को दिखाया गया है. वह डेंट को देख कर सकपका जाता है. यह भूमिका अमनिंदर पाल सिंह ने निभाई है. सीरीज में वह हैप्पी नाम से दिखाई देते हैं. एपिसोड में दर्शक उन के अभिनय को देख कर अनहैप्पी ही होंगे.

कार के डेंट को काफी गहरा दिखाया गया है, जिस को तलाशने के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाते हैं. यहां फिर डायरेक्टर हैप्पी की आड़ में वेब सीरीज को धकेलने का प्रयास करते हैं. यहां डायरेक्टर पुलिस जांच की आड़ में बस ड्राइवर की निजी लाइफ के जरिए बढ़ाते हैं.

दरअसल, पौल को परिवार में तवज्जो देने के कारण हैप्पी उस से नफरत करता था. इस कारण उस ने बस ड्राइवर को दुर्घटना कर के पौल को मारने की सुपारी दी थी. फिर कहानी पौल के चचेरे भाई हैप्पी से हुई पूछताछ के जरिए ड्राइवर पर फोकस की जाती है. ड्राइवर इस बात को न बताने के लिए उसे ब्लैकमेल करता है. फिर वह फिल्म में पुलिस को चकमा दे कर जांच के दौरान ही अचानक गायब हो जाता है.

वेब सीरीज में अचानक बिना किसी पूर्व सूचना और जानकारी के नए किरदार की एंट्री दिखाई गई है, जिस का अभिनय सौरभ खुराना ने सकार नाम से निभाया है. उसे वेब सीरीज में रैप गायक दिखाया गया है. उसे सीरीज में अकसर नशे में धुत दिखाया है.

उबाऊ दिखे कई कैरेक्टर

वेब सीरीज देखने वाले हर दर्शक को सौरभ खुराना उबाऊ किरदार नजर आया. वह एपिसोड में पौल की मंगेतर का बौयफ्रेंड दिखाया गया है. मंगेतर की भूमिका में आनंद प्रिया है जिस का नाम वीरा सोनी है. वह एनआरआई लडक़े की संपत्ति के लालच में आ कर बौयफ्रेंड को ठुकरा कर उस से शादी करने का फैसला लेती है.

मर्डर मिस्ट्री में खराब वाकया यह है कि जिस रात पौल की हत्या हुई, उस से 2 घंटे पहले उसे बौयफ्रेंड सकार के साथ घर पर सेक्स करते हुए दिखाया गया. कहानी के अगले सीन में इस बात को वह कबूल करती है.

जांच करने वाली महिला पुलिस अधिकारी के सामने वह बताती है कि उस ने बौयफ्रेंड के साथ ओरल सेक्स किया था. वेब सीरीज में फोरैंसिक जांच का खुलेआम मखौल उड़ाया गया है. ओरल सेक्स की रिपोर्ट एपिसोड के अंतिम दौर में दिखाई गई है. जबकि इसे शुरुआत में सामने आना था. वीरा सोनी ने अभिनय के साथ इंसाफ नहीं किया. उन्होंने सतही भूमिका निभाई.

सीरीज के आखिरी एपिसोड में पता चलता है कि वह बौयफ्रेंड को छोड़ कर एनआरआई से शादी करती है. उस की हत्या के बाद वह तीसरे के साथ वैवाहिक जीवन जीने के लिए तैयार हो जाती है. ऐसा कर के डायरेक्टर ने एक बार फिर भारतीय संस्कृति को विकृत रूप में प्रस्तुत करने का साहस किया है.

एपिसोड में पुलिस अधिकारी की भूमिका निभाने वाले बलवीर सिंह की बेटी निमरत कौर भी सामने आती है. यह भूमिका हरलीन सेठी ने निभाई है. उस के बचपन को फ्लैशबैक में दिखाते हुए मातापिता की कलह के कारण उस के दिलोदिमाग में पिता का भय घर कर गया था. उस की भी अलग कहानी बनाते हुए अपने 6 साल के बच्चे को पति के घर छोड़ कर आ जाती है.

आधी वेब सीरीज देखने के बाद डायरेक्टर यह बताते हैं कि वह ऐसा अपने एक्स बौयफ्रेंड के साथ बाकी लाइफ जीने के लिए ऐसा करती है. वेब सीरीज का हैप्पी एंडिंग के लिए जबरिया फिल्मांकन डायरेक्टर ने किया. पुलिस अधिकारी पिता उस की बेटी को बौयफ्रेंड के साथ भेजने के लिए तैयार हो जाता है.

वेब सीरीज में पौल के चाचा के जरिए ओटीटी में जाने के लिए डायरेक्टर ने कहानी को यहां फिर लंबा किया. चाचा की भूमिका वरुण वडोला ने निभाई है. उन का नाम मनिंदर ढिल्लन है, जिसे पुलिस अधिकारी मन्ना करते हैं. यहां ‘जवान’ फिल्म से काफी मेल खाता हुआ डायलौग सुनने को मिलता है. ढिल्लन को वेब सीरीज में रसूखदार दिखाया गया है. वह पौल की हत्या करने के लिए सुपारी देने वाले हैप्पी का पिता और पौल का चाचा है.

किरदार से भटके दिखे कलाकार

टीवी जगत में वरुण वडोला काफी चर्चित चेहरा है. लेकिन वेब सीरीज में वह अभिनय करने के दौरान कई जगहों पर जूझते हुए दिखाई दिए. इस में दोष कलाकार से ज्यादा डायरेक्टर को दिया जा सकता है कि वह सफल कलाकार के भीतर छिपी प्रतिभा का इस्तेमाल ही नहीं कर सके.

वेब सीरीज : कोहरा (रिव्यू) – भाग 1

नेटफ्लिक्स पर जुलाई, 2023 में प्रदर्शित वेब सीरीज ‘कोहरा’ दर्शकों को पूरी तरह से गुमराह करने के लिए बनाई गई फिल्म है. पहले सीजन में यह 6 एपिसोड के साथ रिलीज हुई है. इस की शुरुआत से ही डायरेक्टर रणदीप झा की कमजोरियां दिख रही हैं.

फिल्म एक मर्डर मिस्ट्री पर बनी है. हालांकि इस में सस्पेंस जैसा शुरू से ही कुछ नहीं होता है. वेब सीरीज के आखिर में उसे पंजाब पुलिस के 2 अधिकारियों पर बना दिया गया है.

इस की कहानी एक खेत से शुरू होती है, जहां लडक़ा लडक़ी सेक्स कर रहे होते हैं. इस से साफ है कि दर्शकों को आखिर तक जोड़े रखने के लिए एक जबरिया उत्साह पैदा किया गया है. जबकि आलिंगन होने के दौरान पुरुष कभी भी अपने पार्टनर को यूं ही नहीं छोड़ता है, जब तक उसे कोई खतरा महसूस न हो.

लेकिन फिल्म में सेक्स कर रहा लडक़ा कुत्ते के भौकने की आवाज सुन कर उसे भगाने जाता है. तब वहां उसे एक लाश दिखती है. वह पुलिस को फोन कर के बुलाता है. मौके पर तफ्तीश करने पहुंचे पुलिस के अमले को एक लावारिस कार मिलती है, जिस के आधार पर उस की पहचान होने को दिखाया गया है.

लाश एनआरआई लडक़े की होती है. जिस व्यक्ति की लाश दिखाई गई, उस की भूमिका विशाला हांडा ने निभाई है. फिल्म में उस का नाम पौल बताया गया है. वह शादी करने के लिए विदेश से अपने दोस्त के साथ इंडिया आता है. पौल की जिस दिन शादी होनी थी, उस से एक रात पहले उस का कत्ल कर दिया जाता है.

अगले सीन में पुलिस विभाग का दर्शकों के सामने मजाक परोस दिया गया. थाने में संदेहियों से पूछताछ करते समय पुलिस वाले बातचीत के दौरान गाली देते हुए दिखते हैं. थाने में सीनियर पुलिस अधिकारी की भूमिका शिवेंद्र पाल विक्की निभा रहे हैं. उन का फिल्म में बलवीर सिंह नाम है. उन के साथ वरुण सोबती ने सहायक पुलिस अधिकारी की भूमिका निभाई है. वह फिल्म में गरूंडी सिंह नाम से पुकारे जाते हैं.

फिल्म में हिंदी भाषा का कम पंजाबी का ज्यादा इस्तेमाल किया गया है. वेब सीरीज में डायरेक्टर की ही तरह इस के स्क्रीन प्ले लिखने वाले भी कमजोर साबित हुए, जिस को गुंजित चोपड़ा और दिग्गी सिसोदिया ने लिखा है. दर्शकों के दिमाग में कोई डायलौग घर कर जाए, ऐसा वेब सीरीज में कुछ भी नहीं है. यहां डायरेक्टर ने दर्शकों के सामने सिर्फ अभद्र गालियां परोसी हैं वह भी पंजाबी भाषा में लिखी गई है. जबकि वेब सीरीज डायलौग के कारण सुर्खियां बटोरती हैं.

वेब सीरीज के पहले एपिसोड में डायरेक्टर की दूसरी बड़ी भूल उजागर हुई है. विदेश से आए पौल का कमरा फिल्माते वक्त यह उजागर हुआ है. वेब सीरीज के पहले एपिसोड में साफ हो जाता है कि पौल और उस के दोस्त के बीच मर्डर में सीधा कनेक्शन है, लेकिन गफलत पैदा करने के लिए उस के कमरे में लडक़ों के जूतों के साथ लडक़ी के शूज भी दिखाए जाते हैं.

पूरी वेब सीरीज और पुलिस तफ्तीश में डायरेक्टर यह साफ नहीं कर पाए कि वह शूज किस के थे और कैसे वहां पहुंचे. मतलब पुलिस जांच को भी डायरेक्टर ने काफी हलके में लिया.

जबरिया डाले सेक्स सीन

भटकी हुई कहानी और डायरेक्शन के नाम पर पहले एपिसोड में डायरेक्टर रणदीप झा ने फिर जबरिया सेक्स सीन डाल दिया. यह सीन पहले ही एपिसोड के 22 मिनट बाद अचानक दर्शकों के सामने आ जाता है. इस में लाश मिलने के बाद फिल्म की शुरुआत में मौके पर पहुंचने वाले गरूंडी सिंह को आलिंगनबद्ध दिखाया गया है.

वह जिस के साथ सेक्स कर रहे होते हैं, उस महिला के बारे में पहले एपिसोड में कोई सीन ही नहीं हैं, जिस से यह पता चल सके कि संभोग कर रही महिला कौन है और वह पुलिस अधिकारी के साथ ऐसा क्यों कर रही है. जबरिया मिस्ट्री पैदा करने का यहां डायरेक्टर ने प्रयास किया. वेब सीरीज के दूसरे एपिसोड में वह फिल्म में फिर आती है और पता चलता है कि सेक्स करने वाले पुलिस अधिकारी की वह भाभी है.

वेब सीरीज देखने से साफ है कि डायरेक्टर से सामाजिक बुराई वाला यह घिनौनी मानसिकता को दर्शाने वाला सीन डाला गया है. ऐसा डायरेक्टर ने सीरीज को लंबा करने के लिए किया है, यह साफ पता चलता है. गरूंडी सिंह की जब पुलिस में नौकरी लगती है, तब उस का बड़ा भाई रिश्वत देने के लिए 5 लाख रुपए देता है. वह भी इस लालच के साथ कि वह पुश्तैनी जमीन का बंटवारा कभी नहीं कराएगा.

बदले में उस का बड़ा भाई पत्नी को हमबिस्तर होने के लिए राजी करता है. ऐसा करने पर उस की पत्नी फिल्म में विरोध भी नहीं करती है. यानी भारतीय संस्कृति को डायरेक्टर ने विकृत करने के उद्देश्य से अपने गंदे नजरिए को दर्शकों पर थोप दिया है. वेब सीरीज में दूसरे एपिसोड तक यह साफ नहीं होता है कि देवरभाभी के अवैध रिश्तों पर यह फिल्म बनी है या फिर हत्याकांड को सुलझाने के विषय पर इसे बनाया गया है.

पूरे एपिसोड में शराब का सेवन बहुतायत में दिखाया गया है. कहानी में शराब पीने को ले कर भी कोई ठोस विषय की कमी दिखाई देती है. वेब सीरीज में सीनियर अधिकारी बने बलवीर सिंह की कहानी भी डायरेक्टर ने हास्यास्पद तरीके से दर्शकों को थोप दी.

फ्लैशबैक में बलवीर सिंह को पत्नी को प्रताडि़त करने के आरोपों से घिरा दिखाया गया है. उस के खिलाफ पुलिस केस होने के बावजूद अधिकारी बनने की डायरेक्टर ने अपने खुराफाती दिमाग से प्रस्तुत किया है. भरती के लिए बलवीर सिंह एक मंत्री के कहने पर केस को रफादफा करते हुए दिखाया गया है. डायरेक्टर मंत्री और पुलिस अधिकारी के बीच कनेक्शन को प्रदर्शित करने में नाकाम साबित हुए हैं.

यदि आप चुइंगम चबाते हैं तो एक समय बाद वह फीकी हो जाती है. ऐसा ही बेव सीरीज ‘कोहरा’ में आप को देखने को मिलेगा. सीनियर पुलिस अधिकारी और मंत्री के बीच रिश्तों को सही तरीके से बताने में फेल हुए डायरेक्टर रणदीप झा फिर जबरिया हास्यास्पद मोड़ लाने का प्रयास करते हैं. मंत्री और पुलिस अधिकारी के बीच डील दिखाई गई है.

सीरीज में सस्पेंस का दिखा अभाव

‘कोहरा’ वेब सीरीज देखने के बाद लगता है कि डायरेक्टर के पास पैसों की तंगी आ गई थी, क्योंकि पूरे एपिसोड में मंत्री दर्शकों को तलाशने पर भी नहीं मिलेगा. उस के पात्र को बलवीर सिंह मुंहजुबानी बताता है, जिस से फिल्म में बजट की कमी उजागर हो गई. मंत्री और पुलिस अधिकारी की डील के बाद कहानी फिर खींची गई है. दरअसल, पुलिस अधिकारी का एक खबरी दिखाया गया है.

खबरी के भी फिल्म में सिर्फ 2 सीन रखे हैं. उसे मारने की सुपारी मंत्री ही देता है. ऐसा उस से इसलिए कराया जाता है कि पुलिस का खबरी मंत्री के काले कारनामों की जानकारी रखता था. जिस के चलते उसे एनकाउंटर में मारा जाना दिखाया गया है.