डौन की शादी में पुलिस वाले बने बाराती

डौन की शादी में पुलिस वाले बने बाराती – भाग 3

काला जठेड़ी अचानक क्यों आया चर्चा में

मार्च, 2021 में अनुराधा और काला जठेड़ी ने इंदौर छोड़ दिया था और बिहार चले गए थे. वहां दोनों विवेकानंद कालोनी, पूर्णिया में किराए पर रहे. 30 जून, 2021 को बिहार से निकले और लखनऊ पहुंच गए. इस के बाद शिरडी, मुंबई, तिरुपति, मथुरा, आगरा आदि जगहों पर गए. जुलाई, 2021 के दूसरे सप्ताह में रघुनाथ रेजीडेंसी, बहारदपुर, हरिद्वार चले गए.

इसी माह दिल्ली पुलिस की स्पैशल सेल ने दोनों को यमुनानगर से सहारनपुर हाईवे पर सरवासा टोल के पास पकड़ लिया था. उस समय अनुराधा पर राजस्थान पुलिस ने 10 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा था, जबकि काला की गिरफ्तारी पर 7 लाख रुपए का इनाम घोषित था.

संदीप पर कथित तौर पर एक संगठित अपराध सिंडिकेट को संचालित करने के लिए महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) सहित कई गंभीर आरोप लगे हैं.

संदीप जठेड़ी दिल्ली के चर्चित पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड के बाद सुर्खियों में आया था. उस हत्याकांड में काला जठेड़ी का रिश्तेदार सोनू घायल हो गया था. इस पर काला जठेड़ी ने पहलवान सुशील कुमार को धमकी दी थी.

साथ ही संदीप पर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब में कई मामले दर्ज हैं. काला के ज्यादातर शूटर विदेश में हैं. द्वारका कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दीपक वासन ने उस के वकील की दलीलों पर विचार करने और दिल्ली पुलिस के जवाब की समीक्षा करने के बाद शादी करने की छूट दी थी.

अनुराधा ने अपने बारे जो भी सच्चाई बताई, जितनी वह हैरान करने वाली थी. उसी तरह की शादी के मौके पर 3 राज्यों दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान की पुलिस द्वारा बंदोबस्त की गई सुरक्षा और उस पर आने वाले लाखों के खर्च को ले कर तरह तरह की बातें चर्चा में आ गईं. कारण, इस शादी में तीनों राज्यों के 250 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी थी.

तिहाड़ जेल से द्वारका सेक्टर 3 की दूरी 7 किलोमीटर है और इस पूरे मार्ग पर चप्पेचप्पे पर पुलिस ऐसे तैनात की गई थी, मानो उस रास्ते से पीएम या राष्ट्रपति का रूट लगा हो. दरअसल, पुलिस को इसी मौके पर गैंगवार की आंशका थी. इसीलिए इस शादी में सभी सुरक्षाकर्मी हथियारों से लैस थे. बुलेटप्रूफ जैकेट तक पहन रखे थे. पूरा विवाहस्थल चाकचौबंद किले में तब्दील हो चुका था. आसपास की इमारतों की छतों पर भी सशस्त्र पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे.

सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस ने वेटर और अन्य कर्मचारियों को विशेष पहचान पत्र जारी किए थे. यहां तक की पुलिस 150 के करीब मेहमानों की सूची पर भी पैनी निगाह डाल चुकी थी. काला जेठड़ी पिछले साल हरियाणा पुलिस को चकमा दे कर फरार हो चुका था. उस के खिलाफ दिल्ली में 15 संगीन अपराधों के केस दर्ज हैं. इस के अलावा हरियाणा में भी ऐसे 15 केस लंबित हैं.

पुलिस के अनुसार लारेंस विश्नोई की दिल्ली और राजस्थान की कमान काला जठेड़ी के हाथों में थी. उस पर 2021 में दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में अपने साथियों के साथ गोलीबारी का आरोप लगा हुआ है.

नए अंदाज में विवाह स्थल पर पहुंची अनुराधा

मैरिज हाल में मैडम मिंज का रुतबा भी कुछ कम रोमांचक नहीं था. सामान्य तौर पर विवाह में लड़की छुईमुई बनी रहती है, शरमाती हुई घूंघट में धीमे कदमों से अपने सपनों के राजकुमार की ओर बढ़ती है. इस दौरान वह सहेलियों और महिला रिश्तेदारों से घिरी होती हैं. दुलहन सारे रस्मों की अदायगी में नाजुकता से शामिल होती है. सजीसंवरी दुलहन बनी, भारीभरकम साड़ी या लहंगे में होती है. किंतु अनुराधा के लिए वैसा कुछ भी नहीं देखने को मिला. विवाह की औपचारिकता ही नजर आ रही थी.

जैसे ही वह काले रंग की महिंद्रा स्कौर्पियो कार खुद चला कर मैरिज हाल तक पहुंची, वहां मौजूद लोगों की निगाहें उस ओर चली गईं. उस के साथ परिवार के कुछ मुख्य सदस्य भी थे. लाल रंग का सूट पहने और काला चश्मा लगाए अनुराधा बारात घर में आई. कुछ समय में ही वहां संदीप आ गया. उन्होंने समारोह स्थल पर ही कपड़े बदले. उस ने कुरता पायजामा और हाफ जैकेट पहनी, जबकि अनुराधा ने गुलाबी रंग की साड़ी पहनी थी.

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शादी में बैंड भी बजे और औपचारिक तौर पर बारात भी निकली. विवाह समारोह जयमाला के साथ शुरू हुआ और उस के बाद रस्में हुईं, जिस में 50 से अधिक मेहमान शामिल हुए. प्रत्येक अतिथि का नाम एक रजिस्टर में दर्ज किया गया. कई आमंत्रित मेहमान विवाह समारोह में शामिल नहीं हो सके, क्योंकि पुलिसकर्मियों ने उन लोगों को अनुमति नहीं दी, जिन के पास सरकारी अधिकारियों द्वारा जारी पहचान पत्र नहीं थे.

मैरिज हाल में जयमाला के मंच तक दिल्ली पुलिस के विशेष हथियार एवं तकनीक (स्वाट) कमांडो की तैनाती थी. गैंगवार की किसी भी घटना या संदीप के हिरासत से भागने की आशंका से बचने के लिए किए गए अचूक सुरक्षा इंतजाम इस कदर थे कि मंडप पर बुलेटप्रूफ जैकेट और बौडी कैमरा पहने लगभग 20 पुलिसकर्मी पहरा दे रहे थे.

अदालत द्वारा शादी के लिए निर्धारित समय में संदीप और अनुराधा विवाह बंधन में बंध गए. इस के बाद उन्हें गृह प्रवेश समारोह के लिए मिली अनुमति के अनुसार उन्हें पैतृक ग्राम जठेड़ी ले जाने का कार्यक्रम बनाया गया था. विवाह शांति से संपन्न होने पर संदीप की मां कमला की प्रतिक्रिया थी, ‘संदीप ने मुझ से कहा था कि मां, सब कुछ ठीक है. वह आगे से कोई गलत काम नहीं करेगा.’

शांतिपूर्वक विवाह कार्यक्रम पूरे हो जाने पर पुलिस ने भी राहत की सांस ली और निर्धारित समय के अंदर काला जठेड़ी को जेल भेज दिया गया.

डौन की शादी में पुलिस वाले बने बाराती – भाग 2

अनुराधा राजस्थान के सीकर जिले के अलफासर गांव की रहने वाली है. बचपन में अनुराधा को परिवार वाले ‘मिंटू’ कह कर बुलाते थे. वह 2 भाइयों से होनहार थी.  उस के पिता रामदेव महला पीडब्लूडी विभाग में असिस्टेंट इंजीनियर के पद पर काम करते थे.

पिता पढ़ाई के लिए तीनों बच्चों को ले कर फतेहपुर के चमडिय़ा कालोनी के पास रहते थे. चमडिय़ा स्कूल के बाद सीकर के लक्ष्मणगढ़ के मोदी कालेज में एडमिशन मिल गया था.

उन्होंने चमडिय़ा कालेज से बीसीए यानी कंप्यूटर एप्लीकेशन में ग्रैजुएशन की पढ़ाई की है. इस के बाद उन्होंने उस में एमबीए की पढ़ाई की. कालेज की पढ़ाई के दौरान साल 2006 में उस की दोस्ती दीपक मिंज से हुई थी. बाद में दोनों ने 2007 में शादी कर ली थी.

शादी के बाद अपने पति दीपक मिंज के साथ सीकर में शेयर ट्रेडिंग करने लगी थी. पतिपत्नी ने मिल कर अच्छा पैसा कमाना शुरू कर दिया था. पैसे आने लगे तो दोनों ने मिल कर लोगों के लाखों रुपए शेयर में लगवा दिए. अचानक कइयों के शेयर डूब गए और ये धंधा चौपट हो गया, जिस से उन पर लोगों का कर्ज भी चढ़ गया.

अनुराधा अचानक लाखों रुपए के कर्ज में डूब गई. उस पर कर्ज का दबाव इतना बढ़ गया कि उस का जीना दूभर हो गया. उस ने कर्ज से मुक्ति पाने के लिए अपराध जगत का सहारा लिया. कर्ज तो उतर गया पर कब वह अपराध के दलदल में फंसती चली गई, पता ही नहीं चला.

शेयर ब्रोकर से लेडी डौन कैसे बनी अनुराधा

दरअसल, वह कर्ज से छुटकारा पाने के लिए ही आनंदपाल के संपर्क में आई थी. हिस्ट्रीशीटर बलबीर बानूड़ा ने अनुराधा की मुलाकात गैंगस्टर आनंद पाल से करवाई थी. उस ने आनंदपाल के ठेठ पहनावे और बोलचाल को बदल डाला. यहां तक की उसे अंगरेजी बोलनी भी सिखाई. इधर इस के बदले में आनंदपाल ने उसे एके 47 चलानी सिखा दी.

आनंदपाल जींस टीशर्ट, हैट और स्टाइलिश चश्मे में नजर आने लगा. अंगरेजी में बातें करने लगा. जेल से पेशी पर लाने के दौरान डौन अंगरेजी में मीडिया से बात करता था. यह कहें कि गैंगस्टर आनंदपाल ने अपनी पूरी लाइफस्टाइल ही बदल डाली.

दूसरी तरफ अनुराधा देखते ही देखते आनंदपाल गैंग का ब्रेन बन गई. वह छोटीमोटी लेनेदेने से ले कर फिरौती वसूली और गैंग के फाइनेंशियल मैनेजमेंट तक का काम संभालने लगी.

उन्हीं दिनों सीकर के एक व्यापारी के अपहरण की वारदात हो गई और पुलिस ने अनुराधा पर 5 हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया. 27 जून, 2006 को बहुचर्चित जीवणराम गोदारा हत्याकांड घटना के मुख्य गवाह प्रमोद चौधरी के भाई इंद्रचंद के अपहरण मामले में भी पुलिस अनुराधा को तलाश करने लगी.

अनुराधा का पति से क्यों हुआ तलाक

उस क्रम में कुछ परिस्थितयां ऐसी बनीं कि अनुराधा कई गैंगस्टर्स के संपर्क में आ गई. उन में से एक हिस्ट्रीशीटर बलवीर बानूड़ा भी था. आनंदपाल से बढ़ती नजदीकियों को देख कर दीपक मिंज ने अनुराधा से अलग होने का फैसला किया और फिर साल 2013 में दीपक से तलाक ले कर अनुराधा ने आनंदपाल गैंग को जौइन कर लिया. दोनों साथ में रहने भी लगे.

उन्हीं दिनों नागौर की जिला अदालत ने 2016 में अनुराधा को एक मामले में 2 साल की सजा सुनाई थी. साल 2017 में आंनदपाल का राजस्थान पुलिस द्वारा चुरू जिले के रतनगढ़ में एनकाउंटर किए जाने के बाद अनुराधा अकेली पड़ गई. तब तक अनुराधा एक शार्पशूटर बन गई थी और रिवौल्वर रानी के नाम से मशहूर हो चुकी थी. अलगअलग मामलों के चलते जेल में रहने के दौरान अनुराधा का संपर्क काला जठेड़ी से हुआ.

अनुराधा जुर्म की दुनिया में रिवौल्वर रानी के नाम से मशहूर हो चुकी थी, किंतु पुलिस से बचने के लिए फरार चल रही थी. इसी फरारी के दौरान उस की पहले काला जठेड़ी से दोस्ती हुई फिर उन के बीच प्यार गढ़वाल की पहाडिय़ों में पनपा. वहीं उन्होंने मंदिर में शादी कर ली. जेल में काला अनुराधा के फर्राटेदार अंगरेजी बोलने पर फिदा हो गया था.

इसी दौरान अनुराधा का भाई भी जुर्म की काली परछाईं की चपेट में आ गया था. राजस्थान के सीकर जिला स्थित फतेहपुर में एडीजे कोर्ट ने उस के भाई मनीषा महला सहित अन्य 2 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. वे फतेहपुर में करीब 15 साल पुराने गणेश हिसारिया हत्याकांड में दोषी ठहराए गए थे.

इस मामले में फतेहपुर शेखावटी में 27 दिसंबर, 2008 को लक्ष्मीनाथ कटले में कपड़े की दुकान चलाने वाले गणेश हिसारिया की हत्या कर दी गई थी. इस के बाद गणेश के परिवार ने नामजद मामला दर्ज करवाया था और पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया था. यह मामला 15 साल से कोर्ट में था.

जुर्म की दुनिया को कहा बायबाय

जिन हाथों में कभी रिवौल्वर हुआ करता था, वो हाथ अब अपने सजना की मेंहदी के रंग में रंगने को तैयार हो चुके थे. जो नाम आज भी पुलिस की फाइलों में हिस्ट्रीशीटर की कैटेगरी में दर्ज है, वही नाम अब शादी के कार्ड पर आयुष्मति के तौर पर लिखा गया था. अपने सुनहरे भविष्य के बारे में भी उस ने मीडिया से कई बातें शेयर कीं. शादी के बाद की अपनी महत्त्वाकांक्षी योजना बताई.

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उस ने अपने ऊपर लगे कई आरोपों का खंडन किया. मीडिया द्वारा उस के बारे में की गई टीका टिप्पणी पर भी आपत्ति जताई. भरोसे के साथ कहा कि अब वह कभी जुर्म की दुनिया में वापस नहीं लौटेगी. शादी के बाद की उस की पूरी जिंदगी संदीप के लिए होगी और कानूनी मामलों में वह उसे सपोर्ट करेगी.

इसी के साथ उस ने अपने करिअर की योजना बताई. दोबारा से शेयर मार्केट में लौटने की बात कही. शेयर कारोबार की अपनी कंपनी बनाने और आने वाले दिनों में अपना एक एनजीओ खोलने की योजना बताते हुए कहा कि वह उन महिलाओं की मदद के लिए सामने आएगी, जो समाज और परिवार द्वारा सताई गई होंगी या परिस्थितिवश गलत राह पर भटक गई होंगी. कोशिश रहेगी कि जैसे उस के साथ जो गलत हुआ, वो और किसी के साथ नहीं होने पाए.

उस ने बदले हुए तेवर के साथ साफतौर पर कहा कि उस का बचा समय नई फेमिली के लिए होगा, जिस में क्राइम की दुनिया से एकदम अलग सुकून और अच्छे कामकाज की दुनिया होगी. वैसे उस पर जितने भी केस दर्ज हैं, अधिकतर में वह बरी की जा चुकी है.

अनुराधा ने बताया कि उस के ऊपर महज 13-14 मामले दर्ज हैं. उन में ज्यादातर किडनैपिंग के हैं. इन में भी 3-4 मामलों में वह बरी की जा चुकी है. बाकी मामलों में सुनवाई चल रही है.

मीडिया में उस के बारे में आने वाली खबरों को ले कर भी कड़ी आपत्ति जताई. उस ने कहा कि उन में सच्चाई नहीं होती है. उस का कहना था कि वह आनंदपाल गैंग में रहते हुए केवल उसे कानूनी सपोर्ट किया करती थी. इसलिए यह कहना कि वह ऐक्टिव तौर पर आनंदपाल गैंग में शामिल थी, पूरी तरह से गलत है.

उस ने मीडिया की इस खबर को भी फरजी बताया, जिस में संदीप से मिलने से पहले आनंदपाल के साथ लिवइन रिलेशनशिप की बात कही गई थी. उस का कहना था कि आनंदपाल ने बुरे वक्त में उस की मदद की थी. बदले में वह भी उस के कानूनी मामलों में साथ देती थी. इस में लिवइन जैसा कुछ भी नहीं था. आनंदपाल उस बुरे वक्त में उस के काम आए थे, जिस वक्त जब वह पुलिस से मदद मांग कर भी थक चुकी थी.

हालांकि अनुराधा का नाम हरियाणा और पंजाब में पिछले कुछ दिनों में हुए गैंगवार में जुड़ा. खासकर सिद्धू मूसेवाला केस को ले कर उस का नाम सुर्खियों में आया. अनुराधा ने इस मामले में अपनी किसी भी तरह की भूमिका से इनकार किया.

उस का तर्क था कि एनआईए के पास उस के मोबाइल नंबर से ले कर उन की लोकेशन तक की पूरी जानकारी है. ऐसे में सवाल ही नहीं उठता कि वह इस वारदात में शामिल थी.

जमानत पर अनुराधा शादी के बाद क्राइम की दुनिया को पूरी तरह से छोडऩे का वादा कोर्ट में भी कर चुकी है. उस ने कोर्ट में पुलिस को यह भरोसा दिया है कि अब वह कभी अपनी पुरानी दुनिया में नहीं लौटेगी. उस ने कहा कि उस का अब केवल एक ही ‘गैंग’ रहेगा, जिस में वह खुद, संदीप, उस के मांबाप, उस के दोनों भाई, उन की पत्नियां और उन के बच्चे शामिल हैं. काला के मातापिता की देखभाल अनुराधा ही कर रही है.

काला जठेड़ी अचानक क्यों आया चर्चा में? पढ़िए क्राइम स्टोरी के अंतिम भाग में.

डौन की शादी में पुलिस वाले बने बाराती – भाग 1

गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी और रिवौल्वर रानी के नाम से मशहूर अनुराधा चौधरी की शादी के लिए  दक्षिण पश्चिम दिल्ली के मटियाला स्थित फार्महाउस संतोष गार्डन में मंडप सजाया जा चुका था.  बैंड, बाजा और सात फेरे के इंतजाम किए जा चुके थे. मेहमानों की आवभगत के लिए भी तैयारियां हो चुकी थीं. सब कुछ एक तय कार्यक्रम के तहत किया गया था. विवाह के लिए मिनट टू मिनट के प्रोग्राम बने हुए थे.

शादी के लिए किसी भी एक पारंपरिक रीतरिवाज और रस्म में चंद मिनट की देरी होने का मतलब था, आगे के दूसरे कार्यक्रम में बाधा पहुंचना. वरमाला, सात फेरे, कन्यादान, सिंदूरदान आदि के लिए मुहूर्त का समय भले ही विवाह करवाने वाले वरवधू के पंडितों ने तय कर रखे हों, लेकिन पूरे वैवाहिक आयोजन के लिए कार्यक्रम तिहाड़ जेल प्रशासन द्वारा तैयार किए गए थे.

समारोह में शामिल होने वाले मेहमानों व रिश्तेदारों के स्वागत, आवभगत, खानपान, डांस, डीजे, बारात आदि के लिए सुरक्षा के जबरदस्त इंतजाम किए गए थे.

इंतजाम इतना तगड़ा था कि फार्महाउस के गेट पर सुबह से ही पुलिस हर आगंतुक से कड़ी पूछताछ और जांच पड़ताल कर रही थी. वहां आनेजाने वाला भले ही दूल्हे दुलहन के रिश्तेदार या खाना पकाने या दूसरे इंतजाम करने वाले लोग ही क्यों न हों. हथियारों से लैस पुलिस की बड़ी फौज को देख कर बच्चे सहमे हुए थे.

पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था संभाली हुई थी. दिल्ली पुलिस की स्पैशल सेल से ले कर तीसरी बटालियन तक के जवान थे. बच्चे तो बच्चे, आसपास के लोग नहीं समझ पा रहे थे कि आखिर किसी वीवीआईपी के लिए इतनी बड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे.

सुबह से ही पुलिस की चहलकदमी शुरू हो गई थी. उन्होंने बैंक्वेट हाल में काम करने वाले स्टाफ से पूछताछ कर उन की आईडी ले ली थी. शादी के आयोजकों से मेहमानोंं की सूची भी मांगी थी. शादी में आने वाले मेहमानों की तसवीरें भी दे दी गई थीं. सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे. शादी के कार्यक्रम का समय सुबह 10 से शाम 4 बजे तक का था.

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शादी के लिए संदीप के माता पिता कमला देवी एवं राजेंद्र सिंह की तरफ से मेहमानों को भेजे गए निमंत्रण के शादी कार्ड के अनुसार मांगलिक कार्यक्रम 10 मार्च, 2024 को ही शुरू हो गए थे, जो 12 मार्च, 2024 की शाम 4 बजे तक संपन्न होने थे.

कारण, संदीप को पैरोल पर मात्र 6 घंटे की जमानत मिली थी. अदालत ने जेल अधिकारियों को तय समय में ही उसे उस के विवाह समारोह में ले जाने का निर्देश दिया गया था. साथ ही दिल्ली पुलिस को सुरक्षा सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया था.

इस के अतिरिक्त उन्हें 13 मार्च को सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे के बीच गृह प्रवेश समारोह के लिए ग्राम जठेड़ी ले जाया जाने का भी निर्देश मिला था. इस संबंध में संदीप की ओर से थाना द्वारका (साउथ) में धारा 307 (हत्या का प्रयास), 387 (जबरन वसूली), 120बी (आपराधिक साजिश) और शस्त्र अधिनियम के तहत दर्ज मामले में हिरासत पैरोल के लिए आवेदन दायर किया गया था.

संदीप ने अपनी शादी को संपन्न करने के लिए कोर्ट से मानवीय आधार पर पैरोल की मांग की थी, जो उस के परिवार द्वारा 12 मार्च को सुबह 10 बजे निर्धारित की गई थी. गृह प्रवेश समारोह 13 मार्च को सुबह 11 बजे गांव जठेड़ी, सोनीपत, हरियाणा में आयोजित करने की योजना बनाई गई थी. उल्लेखनीय है कि संदीप बीते 16 साल से अपने घर नहीं गया था.

कार्ड पर विवाह स्थल संतोष गार्डन का पता मटियाला, सेक्टर 3, द्वारका, नई दिल्ली दर्ज था. कार्ड पर वधू अनुराधा के मूल निवास का पता राजस्थान के गांव लक्ष्मणगढ़ और उस के मातापिता का नाम विमला देवी एवं रामदेव सिंह महला लिखा गया था.

राजधानी दिल्ली के लिए यह शादी खास इसलिए बन गई थी कि इस में वर अगर 7 लाख का इनामी गैंगस्टर संदीप था तो वधू रिवौल्वर रानी, लेडी डौन, मैडम मिंज के उपनामों से चर्चित अनुराधा चौधरी थी. दोनों पर अपराधिक मामले चल रहे थे. यह अलग बात थी कि अनुराधा जमानत पर चल रही थी, जबकि संदीप सलाखों के पीछे था.

काला जठेड़ी और अनुराधा की रोमांचक ढंग से कैसे हुई थी मुलाकात

लेडी डौन अनुराधा की काला जठेड़ी नाम से चर्चित संदीप से मुलाकात अपराध जगत की काफी रोमांचक मोड़ पर हुई थी. इस का खुलासा अनुराधा ने विवाह से पहले खुद मीडिया से बात करते हुए किया. उस का कहना था कि वे दोनों अपराध की दुनिया से तंग आ चुके थे और इस से बाहर निकल कर अपनी सुकून की जिंदगी जीने की तमन्ना रखते हैं. इसलिए उन्होंने शादी का फैसला किया.

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अनुराधा ने शादी होने से पहले बताया कि हम दोनों अब क्राइम छोड़ कर सामान्य जीवन जीना चाहते हैं. इसलिए हम ने शादी की… काला जठेड़ी से मिलना ऊपर वाले की मरजी थी.

एक ऐसा मुकदमा मुझ पर दर्ज हुआ, जिस में मेरी कोई भूमिका नहीं थी. पूरी तरह से फरजी केस था. हम मिले तो ऐसा लगा कि हमारी कई चीजें एक जैसी हैं. इसलिए एक साथ रहने का फैसला कर लिया.

अनुराधा ने आगे कहा कि जब संदीप पकड़े गए थे तो उस टाइम हमारी सोच थी कि हम साथ रहेंगे. हमें मालूम था कि उन का संघर्ष जेल के अंदर होगा और मेरा जेल के बाहर. लोग भी हम दोनों को ले कर सवाल पूछते हैं. परिवार भी हमें ले कर सवाल उठाता है. मीडिया भी सवाल उठाता है.

उन सब को रोकने के लिए, समाज ने जो नियम बनाए हैं, उस के लिए शादी करना जरूरी था. हम पहले भी सात फेरे ले चुके हैं, लेकिन अब हम कानूनी तौर पर शादी करने जा रहे हैं. शादी में हम ने 100 से 150 मेहमानों को ही बुलाया.

शादी के बाद संदीप की घर वापसी 16 साल बाद होगी. यह उन के लिए जितने सौभाग्य की बात होगी, उतनी ही हमारे लिए भी.

भले ही कुछ टाइम के लिए ही सही तो ये ऊपर वाले का इशारा है कि हम दोबारा सामान्य जीवन में लौटें और क्राइम छोड़ दें. शादी की पूरी तैयारी हो चुकी है. विरोधी गैंग आराम से टीवी पर शादी देखें. हो सके तो हमें आशीर्वाद दें. मुझे नहीं लगता कि पुलिस डिपार्टमेंट की इतनी बड़ी सुरक्षा व्यवस्था के आगे वो कुछ कर पाएंगे.

एमबीए पास अनुराधा कैसे बनी लेडी डॉन? पढ़िए क्राइम स्टोरी के अगले अंक में.