भोपाल और इंदौर में बैठे लोगों के मोबाइल पर पैसा निकलते ही मैसेज आने लगे तो लोग चौंक गए कि वह तो कभी दिल्ली गए ही नहीं और एटीएम उन की जेब में है. ऐसे में दिल्ली के एटीएम से किस ने उन के पैसे निकाल लिए. इस के बाद 15 दिन के भीतर 100 से ज्यादा लोगों ने साइबर फ्रौड की शिकायतें इंदौर-भोपाल में कीं.

12वीं पास आयोनियल साइबर फ्रौड करने के मामले में इतना शातिर था कि वह स्कीमर से एटीएम के क्लोन बना लेता था. एटीएम के जरिए किसी के अकाउंट से पैसे निकालने के लिए पासवर्ड जानने  के लिए उस ने फिरोज के जरिए एटीएम मशीन के कीपैड के ऊपर लगने वाले कई प्लेट्स मंगवाए. इन प्लेट्स के बीच में स्पैशल कैमरा फिट किया.

ये कैमरा एक माइक्रो एसडी कार्ड और छोटी बैटरी से कनेक्टेड था. आयोनियल ने कैमरे से लैस प्लेट्स को एटीएम मशीन के कीपैड पर कुछ इस तरह सेट किया कि सीधे इस की नजर पासवर्ड वाले नंबर्स पर ही पड़े.

इस के बाद दोनों सुबह से शाम तक उस एटीएम के बाहर ही भटकते रहते थे, जहां ये डिवाइस फिट करते थे. दोनों कैमरे की बैटरी खत्म होने से पहले ही प्लेट निकाल लेते थे. इस के बाद ट्रांजैक्शन टाइमिंग के हिसाब से हिडन कैमरे में रिकौर्डेड कोड को मैच करते थे. जिस कार्ड का पास कोड मैच होता, उस का क्लोन तैयार कर के रख लेते थे.

आरोपी ने भोपाल आ कर बैंक औफ बड़ौदा के एटीएम बूथों की रेकी की. फिर सुनसान जगह पर लगे बूथ में स्कीमिंग डिवाइस के साथ हिडन कैमरे फिट किए. इस के जरिए उन्होंने डाटा चुराया. इस के बाद वह पुराने गिफ्ट कार्ड का इंतजाम करते थे, इस में चुराए गए खाताधारक का डाटा डिजिटल एमएसआर (एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार करने वाली मशीन) से उस में भर देते थे.

इस काम में आयोनियल मिउ माहिर था.उस ने रोमानिया में ही यह सब सीखा था. बाद में हिडन कैमरे की मदद से पिन नंबर हासिल कर लेते थे और फिर क्लोन कर बनाए नए एटीएम से बूथ में जा कर रुपए निकालते थे.

रोमानियन नागरिक आयोनियल मिउ मईजून महीने में भोपाल आया था. इस दौरान रातीबड़ के गांव मैंडारा में औनलाइन ऐप का उपयोग कर वह होम स्टे में रुका था. उसे रुकवाने और कार का इंतजाम फिरोज ही करवाता था. वह अपने ही दस्तावेज उस के नाम के साथ लगाया करता था.

आयोनियल मिउ का पासपोर्ट और वीजा तो पुलिस के पास 6 साल से जब्त है. मिउ पर 2017 में 2 साइबर अपराध मुंबई में दर्ज हैं, फिलहाल वह जमानत पर है, उस की जमानत भी फिरोज ने करवाई थी.

जालसाजों ने बैंक औफ बड़ौदा के एटीएम को ही क्यों चुना

मास्टरमाइंड आयोनियल मिउ रोमानिया और यूरोपियन जालसाजों के गिरोह में रह कर काम कर चुका है. वह विदेश से क्लोनिंग मशीन और हिडन कैमरे ले कर आया था. उक्त क्लोनिंग कियोस्क पुरानी तकनीक की हैं, जो मैग्नेटिक एटीएम कार्ड का डाटा ही कैप्चर कर सकती हैं. बैंक औफ बड़ौदा की कुछ पुरानी एटीएम मशीनें हैं. जालसाज के पास जो मशीनें थीं, वह पुरानी डिजाइंस के एटीएम मशीनों में ही लग सकती थी, इस कारण वह बैंक औफ बड़ौदा के एटीएम कियोस्क को चुनता था.

रोमानिया के आयोनियल के पास जो स्कीमर मशीन थी, वह चिप वाले एटीएम डिवाइस का क्लोन तैयार नहीं कर सकती थी. बैंक औफ बड़ौदा के कुछ खाताधारक अब भी पुराने ढर्रे के एटीएम काड्र्स उपयोग कर रहे थे. पुराने एटीएम कार्ड में चिप नहीं लगी थी, इन के पीछे ब्लैक कलर की एक मैग्नेटिक स्ट्रिप होती थी, जिसे एटीएम मशीन रीड करती थी.

इस के अलावा जिन एटीएम कियोस्क में डिवाइस फिट किए गए, वो भी अपडेटेड नहीं थी. इस कारण यहां से डाटा चुराना आसान था. यही कारण था कि आयोनियल ने बैंक औफ बड़ौदा को चुना.

रोज 50 हजार की कोकीन का सेवन करता था आयोनियल

जालसाज गिफ्ट वाउचर वाले कार्ड को एमएसआर मशीन से एटीएम के रूप में बनाता था. स्कीमिंग डिवाइसेस से एटीएम कार्ड की जानकारी लेता था. उसी समय ग्राहक द्वारा डाले गए पिन नंबर की जानकारी वह मशीन की स्क्रीन के ऊपर लगाए गए हाई रिजोल्यूशन कैमरे से निकाल लेता था. दोनों के डाटा को मैच करने के बाद वह एसएमआर मशीन से उक्त डाटा को गिफ्ट वाउचर के कार्ड में डालता था, जिस के बाद एटीएम कार्ड के रूप में इस्तेमाल कर पैसे निकालता था.

पूछताछ में पता चला है कि जालसाज आयोनियल मिउ ड्रग्स का आदी था. वह रोज 40 से 50 हजार रुपए की कोकीन या अन्य सिंथेटिक ड्रग्स का सेवन करता था. डीसीपी ने बताया कि हैवी ड्रग एडिक्ट होने के कारण भोपाल में जब रहने आया तो करीब एक महीने के उपयोग के लिए अपने साथ दिल्ली से ही बड़ी मात्रा में कोकीन ले कर आया था. बिना पासपोर्ट वीजा का एक अंतरराष्ट्रीय जालसाज भोपाल में किराए के कमरे में एक महीने रहा.

आयोनियल मिउ का पासपोर्ट जब्त होने के कारण भोपाल में फिरोज ने अपने दस्तावेज से मकान किराए पर लिया था.

19 अगस्त, 2023 को भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा ने बैंक औफ बड़ौदा ठगी मामले का खुलासा एक प्रैस कौन्फ्रैंस में करते हुए बताया कि रोमानिया का रहने वाला आयोनियल केवल कैश में डील करता था. उस का कोई बैंक अकाउंट नहीं है.

पुलिस को फिरोज के कुछ बैंक डिटेल्स हाथ लगे हैं. उस की छानबीन की जा रही है. वहीं दोनों ने फरजी तरीके से 16 लाख रुपए जमा किए थे, जो दोनों ने अय्याशी में उड़ा दिए. दोनों के हर दिन का खर्चा करीबन 60 हजार रुपए था.

दोनों दिल्ली के महंगे होटलों में अय्याशी करने ही पहुंचे थे, लेकिन पकड़े गए. आयोनियल मिउ कोकीन और दूसरे नशे का भी आदी है, उसे ठीक से अंगरेजी नहीं आती, इसलिए पूछताछ में पुलिस को परेशान होना पड़ा.

भोपाल, इंदौर के साथ कई शहरों में जालसाजी करने के बाद वह अपने साथी फिरोज के साथ जयपुर में ठगी करने के लिए ही जाने वाला था. दोनों राजस्थान के जयपुर में रैकी भी कर चुके थे, लेकिन उस से पहले ही दबोच लिए गए. भोपाल पुलिस ने दोनों से पूछताछ करने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

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