hindi crime story : कमल और पप्पन मिल कर गांजे की तसकरी करते थे. पप्पन का 2 लाख का माल पकड़ा गया और उसे जेल जाना पड़ा तो उसे शक हुआ कि कमल ने मुखबिरी की है. उस ने यह बात अपनी पत्नी रानी को भी बता दी. फिर रानी ने ऐसा दांव खेला कि कमल तब शिकार बना जब वह…
23 सिंतबर की शाम रात में बदलने को थी. विदिशा के सिविललाइंस थानाप्रभारी कमलेश सोनी रात के समय में अपने थाना क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद करने की कवायद में लगे थे. तभी उन के पास आए एक युवक ने जो जानकारी दी, वह चौंका देने वाली थी. युवक भोपाल का रहने वाला था, जिस के साथ उस की मां सविता सिंधी भी थाने आई थी. दोनों ने टीआई कमलेश सोनी को बताया कि उन के पति कमल सिंधी की हत्या कर दी गई है, जिस का शव हालाली कालोनी में एफसीआई गोदाम के पास रहने वाले पप्पन सिंधी के घर के अंदर पलंग में पड़ा है.
हत्या के मामले की ऐसी सूचना विरली ही होती है. आमतौर पर लाशें नदी, तालाबों या फिर सुनसान जगहों पर मिलती हैं. लेकिन यहां फरियादी खुद लाश के ठिकाने की जानकारी ले कर थाने आया था. बहरहाल, हत्या का ममला गंभीर होता है, सो टीआई सिविललाइंस कमलेश सोनी तत्काल पुलिस टीम के साथ हालाली कालोनी के लिए रवाना हो गए. हालाली कालोनी के उस मकान में लगभग 50 वर्षीय पप्पन सिंधी अपने परिवार के साथ रहता था. पुलिस ने घर के अंदर जा कर देखा. तलाशी ली तो पाया कि कमरे में पड़े पलंग के बौक्स के अंदर कमल सिंधी की लाश बुरी तरह खून से लथपथ हालत में पड़ी थी.
जाहिर है पलंग के बौक्स के अंदर तो उस का कत्ल किया नहीं गया होगा. बौक्स में उसे लाश छिपाने की गरज से डाला गया होगा. इसलिए मौके की बारीकी से जांच करने पर यह साफ हो गया कि फर्श से खून साफ करने की कोशिश की गई थी. यानी कमल की हत्या उसी मकान में की गई थी. सविता ने बताया कि यहां पप्पन की दूसरी पत्नी रानी, उस की बहन मोनिका और एक सहेली अंजलि के अलावा घर का नौकर अभिषेक लोधी रहता था. लेकिन उस वक्त सभी घर से लापता थे. जबकि खुद पप्पन को कुछ समय पहले ही विदिशा पुलिस ने 200 किलो गांजे के साथ पकड़ा था, इसलिए वह जेल में था.
मामला गंभीर था, इसलिए वारदात की सूचना पा कर एसपी विनायक वर्मा, एडिशनल एसपी संजय साहू और सीएसपी विकास पांडे भी एफएसएल की टीम के साथ मौके पर पहुंच गए. जांच में सामने आया कि मृतक कमल का गला काटने के अलावा उस के सिर पर किसी भारी चीज से चोट की गई थी, जिस से उस का भेजा निकल कर बाहर आ गया था. शुरुआती पूछताछ में मृतक कमल की पत्नी सविता ने बताया कि वे लोग मूलरूप से भोपाल के बैरागड़ में रहते हैं. पप्पन और कमल गहरे दोस्त होने के कारण भाइयों की तरह रहते थे. पप्पन के जेल जाने के बाद कमल कभीकभी पप्पन की पत्नी रानी की मदद करने यहां आता था.
उस ने आगे बताया कि वे आज एक परिचित और अपने बेटे के साथ थाने द्वारा जब्त की गई अपनी गाड़ी सुपुर्दगी में लेने अदालत गए थे. कमल भी उन के साथ था. लेकिन दोपहर के समय कमल ने अचानक कहा कि उसे कुछ याद आ गया है. वह 10-15 मिनट में लौट आएगा. इस के बाद वह अदालत से अपनी कार ले कर कहीं चला गया था. जब कमल काफी देर तक वापस नहीं आया तो उन्होंने उसे फोन लगाया. इस पर कमल ने बताया कि रानी को कुछ पैसों की जरूरत है इसलिए वह पप्पन के घर आया हुआ है. कुछ देर में कोर्ट पहुंच जाएगा. हो चुका था कत्ल इस के बाद भी कमल घंटों बीत जाने पर वापस नहीं आया.
उस का मोबाइल भी स्विच्ड औफ हो गया तो कमल का बेटा अपने पिता की खबर लेने पप्पन के घर पहुंचा. पप्पन के घर पर कोई नहीं था लेकिन घर का दरवाजा खुला पड़ा था. जब वह अंदर पहुंचा तो उसे पलंग के बौक्स में अपने पिता का शव पड़ा मिला, जिस के बाद उस ने अपनी मां को खबर की. मामला अजीब था. लाश पप्पन के घर में मिली इसलिए यह तो लगभग साफ था कि हत्यारे भी इसी घर में मौजूद रहे होंगे. इसलिए शक पप्पन के परिवार वालों पर ही था. लेकिन हत्या करने के बाद लाश को यूं अधखुले पलंग के बौक्स में पटक कर बिना दरवाजा बंद किए भागने की बात पुलिस के गले नहीं उतर रही थी.
सब लोग मृतक की कार में ही बैठ कर फरार हुए थे, जिन की तलाश के लिए एसपी विनायक वर्मा ने एडिशनल एसपी संजय साहू, सीएसपी विकास पांडे और सिविल लाइंस टीआई कमलेश सोनी के नेतृत्व में एक टीम गठित कर दी. टीआई कमलेश सोनी ने जांच शुरू की तो पता चला कि पप्पन के जेल चले जाने के बाद घर में पप्पन की पत्नी रानी की छोटी बहन मोनिका भी उस के साथ आ कर रहने लगी थी. इस के अलावा रानी की एक युवा सहेली अंजलि भी ज्यादातर समय रानी के साथ उस के घर में ही रहती थी. पप्पन का एक नौकर था अभिषेक लोधी. अभिषेक मालिक के जेल जाने के बाद पूरी तरह इसी घर में रहने लगा था.
पूछताछ में टीआई सोनी को इस तरह के संकेत भी मिले द्भिद्बक अभिषेक का बर्ताव मालिक के जेल जाने के बाद घर के मालिक जैसा हो गया था. वहीं घर में रहने वाली रानी, मोनिका और अंजलि से मिलने के लिए कई युवकों का आनाजाना भी बना रहता था. जांच में सामने आया कि मृतक कमल खुद भी पहले पप्पन के साथ मिल कर नशीले पदार्थों की तसकरी का काम करता था. लेकिन पप्पन अकेला पकड़ा गया था. और उस के जेल जाने के बाद कमल अकसर रानी और उस की सहेली अंजलि से मिलने यहां आता रहता था. इन तमाम जानकारियों से टीआई सोनी समझ गए कि पूरे कुएं में भांग घुली है.
इसलिए उन्होंने आरोपियों की धरपकड़ के लिए अपनी टीम के साथ कुछ खास मुखबिर भी तैनात कर दिए, जिस से तीसरे दिन ही सभी आरोपी पकड़े गए. पकड़े गए लोगों में पप्पन की पत्नी रानी, रानी की बहन मोनिका एवं सहेली अंजलि, नौकर अभिषेक लोधी तथा अभिषेक के दोस्त सतीश मेहरा, मोहन उर्फ बिट्टू रघुवंशी और 2 अन्य नाबालिग भी पुलिस गिरफ्त में आ गए. इन के पास से पुलिस ने मृतक कमल की कार, हत्या में प्रयुक्त कटर और फावड़ा भी बरामद कर लिया. सभी आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल तथा अपाचारियों को बाल सुधार गृह भेज दिया गया. जिस के बाद नशे और सैक्स
के काकटेल में डूबी यह कहानी इस प्रकार सामने आई. कमल सिंधी के बारे में बताया जाता है कि वह कभी पप्पन के साथ मिल कर गांजे की तसकरी किया करता था. पप्पन की 2 पत्नियां थीं, जिन में से रानी केवट अभी केवल 25 साल की थी, इसलिए वह अपनी इसी जवान पत्नी के साथ विदिशा की हलाली कालोनी में रहता था. पप्पन और कमल के संबंध कुछ समय पहले उस समय बिगड़े जब पप्पन को विदिशा पुलिस ने 2 क्विंटल गांजे के साथ गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में पप्पन तो जेल चला गया, लेकिन उसे शक था कि उस के खिलाफ कमल ने मुखबिरी की थी. इस से न केवल उस का लाखों का माल पकड़ा गया बल्कि उसे जेल भी जाना पड़ा था.
नफरत भी शारीरिक संबंध भी पप्पन को शक था तो फिर उस की पत्नी रानी भी कमल पर शक करने लगी, जिस से वह कमल से रंजिश रखने लगी थी. क्योंकि उस को लगता था कि उस के बुरे दिनों के लिए कमल ही जिम्मेदार है. लेकिन ये नफरत कुछ अलग किस्म की थी. बताया जाता है कि रानी कमल से नफरत तो करती थी, लेकिन साथ ही उस के साथ उस के अवैध संबंध भी बन गए थे. इसलिए कमल अकसर वक्त बिताने रानी के पास आया करता था. रानी काफी खुले विचारों की युवती थी. उस की दोस्ती अपनी जैसी कई युवतियों से थी. इसलिए पप्पन के जेल जाने के बाद रानी की छोटी बहन मोनिका और 20 साल की एक सहेली अंजलि ने रानी के घर को ही अपना ठिकाना बना लिया था.
इस बात का सब से बड़ा फायदा पप्पन का नौकर अभिषेक उठा रहा था. पप्पन के जेल जाने के बाद अपनी शारीरिक जरूरत पूरी करने के लिए रानी अभिषेक का उपयोग करने लगी थी. मालकिन से संबंध बनाने के बाद अभिषेक खुद भी मालिक की तरह बर्ताव करने लगा. मोनिका और अंजलि भी उसी नाव में सवार थीं, जिस में रानी सफर कर रही थी. इसलिए तीनों के बीच कोई परदा नहीं था. रात में रानी, मोनिका और अंजलि एक ही कमरे में सोती थीं, जहां एक कोने में रानी और अभिषेक अंजलि और मोनिका के सामने खुलेआम अपनी कामलीला करते थे. जिस के चलते कभीकभी लाइव शो में इन दोनों के साथ अंजलि भी शामिल हो जाती थी.
कुल मिला कर रानी के घर नौकरी करते हुए अभिषेक की पांचों अंगुलियां घी में थीं. क्योंकि नशे के काले कारोबार में पप्पन ने खूब पैसा कमाया था सो उस के जेल जाने के बाद भी रानी के ऐश में कोई कमी नहीं आई थी. लेकिन पैसा कब तक चलता. रानी, उस की बहन तथा सहेली और अभिषेक चारों मिल कर रोज दारूमुर्गा की दावत उड़ाते थे. इसलिए कुछ ही समय में रानी को पैसों की तंगी होने लगी. रानी अकसर जेल में बंद अपने पति से मिलने जाया करती थी, इसलिए उस ने जब यह बात पप्पन को बताई तो उस ने कहा कि उस ने कमल के कहने पर उस के एक आदमी को बड़ी रकम दी है. इसलिए कमल को बोलो वह उस से पैसा वापस ला कर तुम्हें दे.
रानी और कमल में तो खास किस्म की दोस्ती भी थी, इसलिए रानी को लगा कि कमल उस की मदद करेगा. उस ने कमल को पप्पन की कही बात बता कर पैसा वापस मांगा. कमल ने जिसे पैसा दिलवाया था, वह अब पैसा नहीं लौटा रहा था या पैसों को ले कर कमल के मन में पाप आ गया था, जो भी हो रानी को वह पैसा नहीं मिल पा रहा था. लेकिन ऐसा भी नहीं कि कमल रानी की मदद नहीं कर रहा था. कभीकभी वह घर आ कर कुछ पैसे दे जाता था. लेकिन रानी जानती थी कि कमल जितने पैसे दे कर जाता था, उस से कहीं ज्यादा का वह ऐश भी कर लेता था.
कमल रानी की 20 साल की सहेली अंजलि का तो दीवाना हो गया था जो शराब पी कर प्राय: रानी के घर में ही पड़ी रहती थी. इसलिए कमल की हरकतों से तंग आ चुकी रानी उस पर बारबार पैसों के लिए दबाव बनाने लगी. लेकिन जब उस ने देखा कि कमल पैसा देना नहीं चाहता तो उस ने कमल को खत्म करने की योजना बना कर अभिषेक को इस काम के लिए और लड़कों की मदद लेने को कहा. रानी जानती थी कि कमल शारीरिक रूप से बेहद मजबूत है. उसे काबू करना उन 3 लड़कियों और एकमात्र पुरुष अभिषेक के वश की बात नहीं थी.अभिषेक रानी का गुलाम जैसा था जो दिनरात सेवा करने के अलावा रानी के इशारे पर उस की शारीरिक जरूरत भी पूरी करता था.
इसलिए उस ने अपने दोस्त सतीश मेहरा, मोहन उर्फ बिट्टू रघुवंशी तथा 2 नाबालिग दोस्तों से बात की. इन सभी को यह बात पता थी कि अभिषेक अपनी मालकिन और उस की सहेली के साथ ही सोता है, इसलिए चारों ने एक स्वर में कहा कि इस से उन्हें क्या फायदा होगा. इस पर अभिषेक ने चारों से वादा कर लिया कि काम पूरा होने के बाद वह अंजलि के साथ सभी को एकएक बार ऐश करवा देगा. अंजलि चारों को पसंद थी, इसलिए वे कमल की हत्या में उस का साथ देने के लिए राजी हो गए. इस के बाद रानी ने 23 सिंतबर को कमल का फाइनल हिसाब करने की योजना बना कर दोपहर में उसे फोन लगाया कि उसे कुछ पैसों की सख्त जरूरत है.
उस समय कमल अपनी पत्नी सविता और बेटे के साथ कोर्ट में था, इसलिए वह कुछ देर में लौट कर आने की बात कह कर कोर्ट से अपनी कार ले कर सीधे पप्पन के घर पहुंच गया. कमल की हत्या की तारीख तय हो चुकी थी, इसलिए अभिषेक लोधी पहले से ही अपने चारों दोस्तों को ले कर मकान के ऊपर बन रही मंजिल पर छिप कर बैठा था. जबकि नीचे अंजलि उसे अपने साथ बिस्तर पर ले जाने को तैयार बैठी थी. दरअसल, योजना यही थी कि कमल के आने पर अंजलि उसे अपने साथ बिस्तर पर ले जाएगी और जब कमल पूरी तरह निर्वस्त्र होगा तब बाकी के लोग मिल कर उस की हत्या कर देंगे. कमल पप्पन के घर पहुंचा तो वहां अंजलि और मोनिका के साथ रानी नीचे वाले हिस्से में मौजूद थी. रानी ने कमल से मीठीमीठी बातें कीं और चाय बनाने अंदर चली गई.
चूंकि रानी के घर में किसी तरह का परदा नहीं चलता था, सब एकदूसरे के सामने ही खुलेआम ऐश करते थे. इसलिए जब रानी अंदर चाय बनाने गई तो कमल रानी की छोटी बहन मोनिका के सामने ही अंजलि को ले कर बिस्तर में घुस गया. ऐसे वक्त पर की हत्या अंजलि को पहले ही पता था कि आज कमल को मदहोश करना है, इसलिए वह कमल के साथ जल्द ही गहरी सांसें लेने लगी तो कमल भी पागलों की तरह जल्द से जल्द अपना सफर पूरा करने की कोशिश करने लगा. इसी बीच रानी चाय ले कर बाहर आ गई. उस ने कमल को अंजलि के साथ बुरी तरह हांफते देखा तो वह समझ गई कि अब कमल अंजलि के नशे से जल्द बाहर निकल आएगा.
इसलिए वह चुपचाप कटर ले कर उस बिस्तर पर चढ़ी, जिस पर कमल और अंजलि आपस में गुंथे हुए थे और मौका देख कर उस ने एक झटके में कमल की गरदन कटर से रेत दी. चूंकि उत्तेजना में डूबा कमल उस समय गहरी सांसें ले रहा था, इसलिए गला कटते ही सांस के साथ निकले खून के फव्वारे से अंजलि बुरी तरह भीग गई. इधर गले पर कटर चलते ही कमल समझ गया कि रानी का इरादा ठीक नहीं है, इसलिए गरदन में गहरा घाव होने के बाद भी वह उसी अवस्था में पीछे के दरवाजे की तरफ भागा जो गली में खुलता था. कमल गली से हो कर भागना चाहता था, लेकिन रानी ने उसे मौका नहीं दिया और उस के दरवाजे तक पहुंचने से पहले ही उस पर टूट पड़ी.
यह देख कर उस ने अभिषेक और उस के साथियों को नीचे बुला लिया जो मकान के काम के लिए रखे फावड़े ले कर नीचे आए और सभी ने मिल कर कमल के सिर पर फावड़ों से वार करना शुरू कर दिया, कुछ ही देर में कमल का भेजा सिर से बाहर आ गया और उस की मौत हो गई. यही रानी और उस की टीम चाहती थी. इसलिए कमल की मौत पर सब ने एकदूसरे को बधाई दी. अब लाश को ठिकाने लगाने की जरूरत थी. इस के लिए रात का वक्त तय किया गया. जिस के बाद कमल के शव को पलंग के बौक्स के अंदर पटक कर उन्होंने फर्श पर पड़ा खून साफ किया और फिर रात में लौट कर आने की योजना बना कर सभी वहां से निकल गए.
लेकिन इस से पहले कि वे रात में आ कर कमल की लाश ठिकाने लगाते, सविता की रिपोर्ट पर सिविल लाइन टीआई कमलेश सोनी वहां पहुंच चुके थे. सभी आरोपी फरार हो गए लेकिन एसपी विनायक वर्मा, एडिशनल एसपी संजय साहू और सीएसपी विकास पांडेय के नेतृत्व में सिविल लाइन थाना टीआई कमलेश सोनी की टीम ने 2 नाबालिग आरोपियों सहित सभी 8 आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया. hindi crime story