Crime Story in Hindi : अपने पिता के जन्मदिन की पार्टी बीच में छोड़ कर जाह्नवी अपने बौयफ्रैंड श्री जोगधनकर और सहेली दीया पडनकर के साथ नए साल की पार्टी मनाने चली गई थी. उस नए साल की पार्टी में ऐसा क्या हुआ कि जोगधनकर और दीया पडनकर को जाह्नवी को दर्दनाक मौत के मुंह में धकेलने को मजबूर होना पड़ा…
मुंबई के सांताकु्रज स्थित एक आलीशान फ्लैट के बड़े से कमरे में पार्टी चल रही थी. यह पार्टी बिजनैसमैन प्रकाश कुकरेजा के जन्मदिन के अवसर पर आयोजित थी. इस पार्टी में उन की पत्नी निधि कुकरेजा और एकलौती बेटी जाह्नवी कुकरेजा के अलावा परिवार के और भी लोग शामिल थे. उस दिन 31 दिसंबर, 2020 की तारीख थी और रात के साढ़े 11 बज रहे थे. सारी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं. बड़े से कमरे में एक वर्गाकार मेज पर बड़ा सा केक रखा था. पापा के जन्मदिन पर उन की लाडली बेटी जाह्नवी बेहद खुश थी. बारबार जाह्नवी की नजर मुख्यद्वार की ओर दौड़ जाती थी. लग रहा था कि जैसे उसे किसी के आने का बेसब्री से इंतजार हो. तभी उस का चेहरा खिल उठा था.
उसे जिस का इतंजार था, वह पार्टी में आ गए थे. वह कोई और नहीं बल्कि जाह्नवी के पड़ोस में रहने वाली उस की बेस्ट फ्रैंड दीया पडनकर और बौयफ्रैंड श्री जोगधनकर थे. मुसकराते हुए श्री जोगधनकर और दीया पडनकर जाह्नवी के पापा प्रकाश कुकरेजा के करीब पहुंचे और उन्हें दोनों ने जन्मदिन की बधाइयां दीं तो उन्होंने दोनों को ‘धन्यवाद’ कहा. इस के बाद दीया पडनकर जाह्नवी की मां निधि के पास आई और मुसकराते हुए बोली, ‘‘आंटी, जाह्नवी को कुछ देर के लिए अपने साथ ले जा रही हूं, आधे घंटे में हम घर लौट आएंगे.’’
इस पर निधि ने कहा, ‘‘इस वक्त घर पर पार्टी चल रही है और फिर केक कटने जा रहा है. जाह्नवी अभी कहीं नहीं जा सकती.’’
‘‘मां प्लीज,’’ तुनक कर जाह्नवी मां से बोली, ‘‘थोड़ी देर की तो बात है. नए साल के मौके पर दोस्तों ने पार्टी दी है, एंजौय कर के लौट आऊंगी. फिर मैं वहां अकेली थोड़ी न जा रही हूं और भी लड़कियां पार्टी में जा रही हैं. प्लीज मां, जाने की परमिशन दे दो.’’
जाह्नवी मां के सामने दोस्तों के साथ पार्टी में जाने के लिए जिद करने लगी तो श्री जोगधनकर और दीया पडनकर भी जाह्नवी के समर्थन में उतर आए थे. हार कर निधि ने बेटी को जाने की अनुमति दे दी. मां की इजाजत मिलते ही जाह्नवी उछल पड़ी. हंसते मुसकराते तीनों घर की पार्टी बीच में छोड़ कर नए साल की पार्टी मनाने चल दिए थे. घर से जाह्नवी कुकरेजा को निकले करीब 3 घंटे बीत गए थे. न तो वह घर लौटी थी और न ही फोन कर के घर वालों को बताया कि कब तक घर वापस लौटेगी. और तो और जाह्नवी का फोन भी बंद आ रहा था. बेटी को ले कर मां निधि और पिता प्रकाश कुकरेजा को चिंता सताने लगी थी.
निधि कुकरेजा की चिंता तब और बढ़ गई थी जब बेटी के साथसाथ श्री जोगधनकर और दीया पडनकर के फोन भी स्विच्ड औफ आ रहे थे. ऐसा पहली बार हुआ था, जब निधि ने तीनों के पास फोन मिलाया था और तीनों में से किसी का फोन नहीं लगा था. सभी के फोन स्विच्ड औफ आ रहे थे. किसी अनहोनी की आशंका से निधि और प्रकाश कुकरेजा की धड़कनें बढ़ गई थीं. बेटी के घर लौटने की आस में मांबाप ने पूरी रात आंखों में काट दी थी. अस्पताल से मिली सूचना अगली सुबह यानी पहली जनवरी, 2021 की सुबह 5 बजे के करीब निधि कुकरेजा के फोन की घंटी बजी तो उन्होंने झट से फोन उठा लिया. स्क्रीन पर उभर रहा नंबर अज्ञात था. निधि कुकरेजा ने काल रिसीव की तो दूसरी ओर से एक अंजान व्यक्ति की आवाज आई, ‘‘क्या मैं जाह्नवी के घर वालों से बात कर रहा हूं?’’
‘‘हां…हां… मैं जाह्नवी की मां निधि बोल रही हूं. आप कौन बोल रहे हैं?’’ निधि ने जवाब दिया.
‘‘मैं भाभा हौस्पिटल से बोल रहा हूं. आप की बेटी की हालत सीरियस है, आ कर मिल लें.’’
दूसरी ओर से अंजान व्यक्ति ने इतना कहा था कि मानो निधि कुकरेजा के हाथों से मोबाइल फोन छूट कर फर्श पर गिर जाता. निधि खुद घबरा कर सोफे पर जा बैठी. उन का दिल जोरजोर से धड़कने लगा था. खैर, कुछ देर में जब वह थोड़ी सामान्य हुई तो उन्होंने पति को आवाज दी. वह दूसरे कमरे में जा कर सो गए थे. पत्नी के साथ उन्होंने पूरी रात आंखों में काट दी थी. जम्हाई लेते दूसरे कमरे से प्रकाश कुकरेजा पत्नी के पास पहुंचे तो रोती हुई पत्नी उन के सीने से लिपट गई और जोरजोर से रोने लगी. पत्नी को रोते देख प्रकाश की नींद गायब हो गई. उन्होंने रोने का कारण पूछा. इस पर निधि ने फोन वाली बात पति से बता दी. वह पत्नी की बात सुन कर अवाक रह गए और उसी समय दोनों जिस हालत में थे, वैसे ही हौस्पिटल के लिए निकल गए.
हौस्पिटल पहुंच कर दोनों ने देखा वहां परिसर में पुलिस के बड़ेबड़े अधिकारी खड़े थे. परिसर पुलिस छावनी में तब्दील था. इतनी बड़ी तादाद में पुलिस को देख कर पतिपत्नी के मन में बेटी को ले कर तरहतरह की आशंकाएं होने लगीं. आखिरकार उन्हें जिस बात का डर था, वही हो गया था. मांबाप की लाडली बेटी जाह्नवी इस दुनिया में नहीं रही. बेटी की मौत की खबर सुनते ही मानो उन पर बज्रपात हुआ हो. वे दोनों दहाड़ मारमार कर रो रहे थे. रोतेरोते दोनों बारबार एक ही बात कह रहे थे कि श्री जोगधनकर और दीया पडनकर ने ही मेरी बेटी की हत्या की है. वही दोनों बेटी को पार्टी के बहाने घर से बुला कर ले गए थे. मौके पर मौजूद खार थाने के इंसपेक्टर दिलीप उरेकर और जोन 9 के डीसीपी अभिषेक त्रिमुख उन्हें दिलासा दे रहे थे.
जांचपड़ताल में पाया गया कि जाह्नवी के सिर में सब से ज्यादा चोटें आई थीं. देखने से ऐसा लगता था जैसे हत्यारों ने उस का सिर किसी चीज से टकराटकरा कर उसे मौत के घाट उतार दिया हो. उस का सिर आगे और पीछे दोनों ओर से फूटा हुआ था. साथ ही उस के घुटनों, हाथ, हथेली, पीठ, कोहनी और दोनों पांवों पर भी खुरचने के निशान मौजूद थे. जख्म बता रहे थे कि जाह्नवी के शरीर पर जुल्म की बेइंतहा कहानी लिखी गई थी. पुलिस जिस वक्त जाह्नवी को घायल अवस्था में ले कर अस्पताल आई थी, ज्यादा खून बहने से उस की मौत हो चुकी थी. डाक्टरों का कहना था कि अगर जाह्नवी को आधा घंटा पहले हौस्पिटल लाया गया होता तो शायद उस की जान बचाई जा सकती थी, लेकिन उसे यहां लाने में देर कर दी गई थी.
नामजद लिखाई रिपोर्ट फिलहाल हर घड़ी मस्त रहने वाली जाह्नवी कुकरेजा इस दुनिया से रुखसत हो गई थी. पुलिस ने लाश पोस्टमार्टम के लिए भेज दी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर के जख्म को मौत की वजह बताया गया था. मृतका जाह्नवी के पिता प्रकाश कुकरेजा की नामजद तहरीर पर पुलिस ने श्री जोगधनकर और दीया पडनकर के खिलाफ धारा 302, 34 भादंवि के तहत मुकदमा दर्ज कर दोनों की तेजी से तलाश जारी कर दी थी. जाह्नवी कोई छोटीमोटी हैसियत वाले घर की बेटी नहीं थी. वह एक बड़े बिजनैसमैन परिवार की बेटी थी, जिन की मुंबई की राजनीति में ऊंची पहुंच थी. जाह्नवी की मौत हाईप्रोफाइल थी. इसलिए जाह्नवी स्थानीय अखबारों की सुर्खियां बनी हुई थी.
आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए खार पुलिस पर दबाव बना हुआ था. 2 जनवरी को पुलिस ने श्री जोगधनकर को सायन हौस्पिटल और दीया पडनकर को हिंदुजा हौस्पिटल से गिरफ्तार कर लिया. श्री जोगधनकर के हाथ और चेहरे पर चोटें आई थीं तो दीया के चेहरे पर चोट थी. दोनों इलाज कराने के लिए हौस्पिटल में भरती हुए थे. श्री जोगधनकर और दीया को खार पुलिस गिरफ्तार कर के थाने ले आई और जाह्नवी की हत्या के संबंध में उन से गहन पूछताछ शुरू की. दोनों आरोपी जाह्नवी की हत्या करने से साफ मुकर गए. दोनों आरोपियों ने एक साथ एक सुर में एक ही बात कही कि भगवती हाइट्स बिल्डिंग के 15वें माले पर न्यू ईयर की पार्टी चल रही थी.
सभी लोग नशे में चूर थे. जाह्नवी के साथ कब और कैसे हादसा हुआ, पता ही नहीं चला. उन्हें कुछ याद नहीं है, उस रोज पार्टी में क्या हुआ था. पूछताछ के बाद पुलिस ने बांद्रा अदालत में दोनों आरोपितों को पेश कर जेल भेज दिया. श्री जोगधनकर और दीया के बयान के बाद पार्टी की स्थिति स्पष्ट हुई थी कि पार्टी में शामिल सभी नशे में चूर थे. पुलिस ने जब पता लगाया तो जानकारी मिली कि पार्टी बिल्डिंग दूसरे माले पर रहने वाले यश आहूजा ने नए साल पर आयोजित की थी. पार्टी में कुल 15 लोग शामिल थे, जिन में 5 महिलाएं और 10 पुरुष थे. अधिकांशत: टीनएजर थे.
आर्गनाइजर यश आहूजा के माध्यम से पुलिस ने पार्टी में शामिल सभी टीनएजर को घटनास्थल भगवती हाइट्स बुलवाया और सभी के ब्लड सैंपल, यूरिन और बाल के सैंपल ले कर उन्हें जांच के लिए फोरैंसिक लैब भिजवा दिया ताकि यह पता चल सके की घटना वाली रात पार्टी में किस ने किस तरह के नशे का सेवन किया था? उस में कहीं प्रतिबंधित ड्रग्स का तो सेवन नहीं किया था? उसी के हिसाब से उन पर कानूनी काररवाई सुनिश्चित की जा सके. हालांकि नए साल पर पार्टी आयोजित करना मुंबई में पूरी तरह से मना था, बावजूद इस के नए साल की पार्टी मनाई गई? पुलिस इस बात की जांच करने लगी कि यश आहूजा ने इस के लिए किस से परमिशन ली थी, ताकि उसी अनुरूप उस पर कानूनी शिकंजा कसा जा सके.
ऐसे खुला हत्या का राज बहरहाल, श्री जोगधनकर और दीया पडनकर के गोलमोल जवाब से जाह्नवी की हत्या की गुत्थी रहस्यमयी बन गई थी. हत्या के रहस्य से परदा उठाने के लिए जाह्नवी के घर वाले सोशल ऐक्टीविस्ट आसिफ भमला से मिले. आसिफ भमला मृतका के मांबाप को ले कर तत्कालीन पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के पास पहुंच गए. कुकरेजा दंपति ने पुलिस कमिश्नर को उन के दफ्तर जा कर एक ज्ञापन सौंपा और न्याय की मांग की. इस के बाद खार पुलिस ने जाह्नवी की हत्या का राज उगलवाने के लिए अदालत में दोनों आरोपियों के रिमांड की मांग की. अदालत ने श्री जोगधनकर और दीया को 7 दिनों के रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया.
पूछताछ में पहले तो दोनों फिर वही पुराना राग अलापते रहे, लेकिन पुलिस की सख्ती के आगे आखिरकार दोनों आरोपी टूट गए और अपना जुर्म कबूल लिया कि जाह्नवी की हत्या उन्हीं दोनों ने मिल कर की थी. आखिर दोनों की ऐसी क्या मजबूरी थी, जो जाह्नवी की जान लेना उन की मजबूरी बन गई थी. पुलिस पूछताछ में कहानी कुछ ऐसे सामने आई—
19 वर्षीय जाह्नवी कुकरेजा मूलरूप से मुंबई (ठाणे) के सांताक्रुज की रहने वाली थी. प्रकाश कुकरेजा और निधि कुकरेजा के 2 बच्चों में जाह्नवी बड़ी थी. जाह्नवी से छोटी एक और बेटी है. होनहार और कर्मठी जाह्नवी पढ़ने में अव्वल थी. ह्यूमन साइकोलौजी की वह छात्रा थी. बेटी की पढ़ाई देख कर मांबाप उसे आस्ट्रेलिया भेजने की तैयारी करने लगे थे. मांबाप ने उस के पासपोर्ट और वीजा भी बनवा लिए थे. बस उसे विदेश जाने भर की देरी थी. जाह्नवी कुकरेजा के पड़ोस में रहने वाले समीर पडनकर की बेटी दीया पडनकर उस की बेस्ट फ्रैंड थी. दोनों ही हमउम्र थीं और उन की पढ़ाई के विषय भी एक ही थे. दीया पडनकर जाह्नवी के नोट्स बनवाने में दिल खोल कर मदद करती थी.
घंटों दोनों साथ बैठ कर पढ़ती थीं. उस दौरान अपने दिल का हाल भी एकदूसरे से शेयर करती थीं. 22 वर्षीय श्री जोगधनकर मुंबई के वडाला के न्यू कफे परेड स्थित टावर-7 ए-विंग का रहने वाला था. अंबादास जोगधनकर का वह एकलौता बेटा था. अपनी लच्छेदार बातों से वह किसी को भी अपनी ओर आकर्षित कर लेता था. वह बौक्सिंग में भी चैंपियन था. श्री जोगधनकर और जाह्नवी कुकरेजा एक ही कालेज में पढ़ते थे. इस वजह से 3 साल से दोनों एकदूसरे को जानते थे और दोनों गहरे दोस्त भी थे. यहीं नहीं दोनों एकदूसरे के घर भी आतेजाते थे. यह बात उन के घर वालों से छिपी नहीं थी. दोस्ती बदली प्यार में दोनों ही हाई सोसाइटी के रहने वाले थे. उन के मांबाप रसूखदार थे, इसलिए वे अपने बच्चों पर अंधा विश्वास करते थे कि उन के बच्चे कोई गलत काम नहीं कर सकते हैं.
बच्चों पर अंधे विश्वास के कारण ही उन्हें कहीं भी, कभी भी, जानेआने की खुली छूट मिली हुई थी. इसलिए वे दोनों अपनेअपने तरीके से जीते थे. बहरहाल, श्री जोगधनकर और जाह्नवी कुकरेजा दोस्त से कब एकदूसरे को दिल दे बैठे, उन्हें पता ही नहीं चला. उन्हें अपने प्यार का एहसास तो तब हुआ जब दोनों एकदूसरे से अलग होते और मिलने के लिए बेताब हो जाते थे. जब तक वे मिल नहीं लेते थे या एक दूसरे से फोन पर बातें नहीं कर लेते थे तब तक वे बेचैन रहते थे. जाह्नवी के घर वाले बेटी के प्यार वाली बात नहीं जानते थे. वे बस इतना ही जानते थे कि दोनों गहरे दोस्त हैं, इस के अलावा इन के बीच कोई और रिश्ता नहीं है.
जाह्नवी के पड़ोस में दीया पडनकर रहती थी. दीया अकसर जाह्नवी से मिलने और उसे नोट्स बनाने के लिए शाम के समय उस के घर आ जाया करती थी. यह इत्तफाक ही होता था कि जब दीया जाह्नवी से मिलने उस के घर आती, उसी समय श्री जोगधनकर भी जाह्नवी से मिलने वहां आ जाया करता था. फिर तीनों मिल घंटों बातें करते थे. इस बीच कनखियों से श्री जोगधनकर दीया को देखा करता था. दूध जैसी रंगत वाली गोरीचिट्टी दीया थी तो बेहद खूबसूरत, उतनी ही प्यारी भी थी कि कोई भी उस की ओर सहज ही आकर्षित हो जाए. दीया पर वह फिदा हो गया था. दीया के मन के किसी कोने में श्री के लिए जगह बन गई थी. वह उसे चाहने लगी थी.
धीरेधीरे श्री जोगधनकर और दीया जाह्नवी से छिप कर मिलने लगे. दोनों ने अपने प्यार का इजहार एकदूसरे से कर भी दिया था. जान से प्यारी सहेली दीया उस के प्यार को उस से छीन लेगी, यह बात जाह्नवी ने सपने में भी नहीं सोची होगी. अब यहां मामला त्रिकोण प्रेम का बन गया था. श्री जोगधनकर को जाह्नवी टूट कर चाहती थी जबकि वह दीया को चाहने लगा था. दीया जब से श्री जोगधनकर की जिंदगी में आई थी, वह जाह्नवी से कटाकटा रहने लगा था. यह बात जाह्नवी ने महसूस की थी, लेकिन वह यह नहीं समझ पा रही थी कि आखिर उस से ऐसा क्या हो गया जो उस का प्यार उस से कटाकटा सा रहने लगा था. मिलने पर उस में पहले जैसी फीलिंग नहीं आ रही थी. यह सोचसोच कर जाह्नवी परेशान रहती थी.
सहेली ने लगाई प्यार में सेंध जल्द ही उसे यह पता चल गया कि श्री जोगधनकर और उस की बेस्ट सहेली दीया के बीच कुछ चल रहा है. वह हरगिज यह बरदाश्त करने के लिए तैयार नहीं थी कि कोई और उस का प्यार उस से छीने. पुलिस के अनुसार, जाह्नवी ने जोगधनकर को समझाया भी था कि वह दीया से नजदीकियां बढ़ाना छोड़ दे, नहीं तो इस का अंजाम बहुत बुरा होगा. यह बात जाह्नवी ने गुस्से में कही थी. उस समय जोगधनकर को उस की यह बात बहुत बुरी लगी थी. वह नहीं चाहता था कोई दीया को ले कर उसे कुछ कहे. उस समय उस ने कुछ नहीें कहा लेकिन यह बात उस ने दीया को फोन कर के बता दी कि जाह्नवी को उन के बारे में जानकारी हो गई है.
दीया उस की बात सुन कर सजग हो गई. फिर दोनों ने मिल कर योजना बनाई कि कुछ ऐसा किया जाए कि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे. 31 दिसंबर, 2020 को जाह्नवी के पिता प्रकाश कुकरेजा का जन्मदिन था. वे धूमधाम से जन्मदिन की पार्टी मनाने में जुटे हुए थे. घर के अलावा उन के खास मेहमान उस पार्टी में आए हुए थे. पापा की बर्थडे पार्टी पर जाह्नवी सब से ज्यादा खुश थी. खुश हो भी क्यों न, प्रकाश कुकरेजा ने यह पार्टी बेटी के विदेश जाने से पहले आयोजित की थी. अभी केक कटने वाला ही था कि उसी बीच जाह्नवी का बौयफ्रैंड श्री जोगधनकर और उस की बेस्ट फ्रैंड दीया पडनकर वहां आ गई. दोनों कुछ देर पार्टी में रुके. फिर दोनों ने जाह्नवी से कहा कि नए साल की खुशी में भगवती हाइट्स में पार्टी रखी गई है, चलो मजे करेंगे वहां मिल कर.
और भी फ्रैंड्स आ रहे हैं वहां. जाह्नवी घर की पार्टी बीच में छोड़ कर बाहर की पार्टी में जाने के लिए तैयार हो गई. बातों में फंसा कर ले गए थे आरोपी जाह्नवी जानती थी कि आज उसे घर से बाहर जाने की परमिशन नहीं मिलेगी तो उस ने श्री जोगधनकर और दीया को समझाया कि वे पार्टी में चलने के लिए मेरे मम्मीपापा से बात करें. दोनों ने वैसा ही किया, जैसा जाह्नवी ने कहा था. जाह्नवी की मां ने उसे पार्टी में जाने की इजाजत दे दी. तीनों खुश हुए और पार्टी एंजौय करने मस्तानी चाल में भगवती हाइट्स की ओर चल दिए. भगवती हाइट्स के 15वें फ्लोर पर पार्टी चल रही थी. पार्टी इसी बिल्डिंग में दूसरे माले पर रहने वाले यश आहूजा ने आयोजित की थी. डीजे जोरजोर से बज रहा था.
सभी नशे में चूर हो, मस्ती में झूम रहे थे, डांस कर रहे थे. जोगधनकर, दीया और जाह्नवी भी डांस करने लगे. डांस करतेकरते अचानक से जोगधनकर और दीया पार्टी से गायब हो गए थे. जाह्नवी को अचानक होश आया तो वह दोनों को ढूंढने लगी. वहां न तो जोगधनकर था और न ही दीया. वह सोचने लगी कि अचानक दोनों कहां जा सकते हैं. तभी उस के दिमाग की घंटी बजी कि कहीं दोनों कोई गुल तो नहीं खिला रहे हैं. मन में यह खयाल आते ही जाह्नवी पागल हो गई और डांस छोड़ कर दोनों को खोजने में जुट गई. वह सीढि़यों से कई मंजिल नीचे उतरी, लेकिन दोनों वहां नहीं थे. फिर वह उन्हें खोजते हुए ऊपर 16वें फ्लोर पर आई. वह छत पर खोजते हुए वहां बनी पानी के टंकी के पास पहुंची तो वहां का नजारा देख कर सन्न रह गई.
श्री जोगधनकर और दीया पडनकर दोनों एकदूसरे में खोए हुए थे. उन्हें इस अवस्था में देख कर जाह्नवी जोर से चीखी. उस की चीख सुन कर दोनों सकपका गए और अपनेअपने कपड़े दुरुस्त कर जाह्नवी के सामने हाथ जोड़ कर किसी से न बताने की विनती करने लगे. जाह्नवी ने उन की एक न सुनी. तीनों के बीच खूब झगड़ा हुआ. एकदूसरे से हाथापाई भी हो गई. उस के बाद जाह्नवी रोती हुई सीढि़यों से नीचे उतरने लगी. उधर पार्टी में म्यूजिक जोर से बजने के कारण उन के झगड़े की आवाज किसी को सुनाई नहीं दी. दोनों की पोल जाह्नवी किसी के सामने खोल न दे, यह सोच कर दोनों उस के पीछेपीछे हो लिए.
सीसीटीवी में हो गए थे कैद जाह्नवी, श्री जोगधनकर और दीया पडनकर के सीढि़यों से नीचे उतरने की फुटेज सीसीटीवी में कैद हो गई थी. उस समय रात के साढ़े 12 बज रहे थे. अपनी करतूत छिपाने के लिए श्री जोगधनकर और दीया ने पांचवें फ्लोर से दूसरे फ्लोर तक जाह्नवी का सिर सीढि़यों की रेलिंग से लड़ा कर मौत के घाट उतार दिया. उस के बाद उसे दूसरे फ्लोर से उठा कर नीचे फेंक दिया. इस झगड़े में जाह्नवी अपने बचाव के लिए श्री और दीया से लड़ी थी, जिस में उन दोनों को भी चोटें आई थीं. जाह्नवी को मौत के घाट उतारने के बाद दोनों पुलिस से बचने के लिए अस्पताल में जा कर भरती हो गए थे. लेकिन मुंबई पुलिस और फोरैंसिक जांच ने उन की कलई खोल दी थी. मारपीट के दौरान जाह्नवी के शरीर पर कुल 48 चोटें पाई गई थीं.
फोरैंसिक जांच में जोगधनकर और दीया के कपड़ों पर जाह्नवी के खून के धब्बे भी पाए गए थे. बहरहाल, श्री जोगधनकर और दीया पडनकर जाह्नवी की हत्या के जुर्म में सलाखों के पीछे कैद थे. पुलिस ने दोनों आरोपितों के खिलाफ 30 मार्च, 2021 को अदालत में 600 पेज का आरोप पत्र दाखिल कर दिया था. इस बीच श्री जोगधनकर और दीया के वकीलों ने दोनों की जमानत के लिए बांद्रा अदालत में याचिका दायर की थी, लेकिन जाह्नवी के तेजतर्रार वकील त्रिमुखे ने उन की याचिका खारिज करा दी. कथा लिखे जाने तक दोनों आरोपी जेल में बंद थे. Crime Story in Hindi
—कथा जाह्नवी के वकील और पुलिस सूत्रों पर आधार