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13 दिसंबर, 2022 को शाम के वक्त मोनिका ने देखा कि अनुज दीवार पर घिसता हुआ कुछ साफ कर रहा है. मोनिका उस के पास गई. उस ने देखा कि दीवार पर कुछ लाल धब्बे थे, जिन पर अनुज डिटरजेंट का झाग रगड़ रहा था. वह उस पर अंगुली लगा कर पूछ बैठी, ‘‘अनुज, यह तो खून के धब्बे लगते हैं, दीवार पर कैसे?’’

‘‘अरे, दीदी! ये मेरे नाक के हैं. मैं नकसीर से परेशान हो गया हूं. आज ही दिन में नाक से खून निकल पड़ा था. हाथ में लग गया था.’’ घबराहट के साथ अनुज बोला.

‘‘अरे भाई, तू ठीक से इलाज क्यों नहीं करवाता है?’’ कह कर मोनिका वहां से चली गई.

थोड़ी देर बाद वह दोबारा उस दीवार के पास आई, जहां अनुज ने सफाई की थी. वहां खून के कई छोटेबड़े साफ किए गए निशान थे. वह उलझन में पड़ गई कि नकसीर में इतना सारा खून निकला है, वह भी सर्दी में.

वह यह नहीं समझ पा रही थी कि अनुज से इस बारे में पूछने पर घबरा क्यों गया था. उस वक्त उस के चेहरे का रंग सफेद क्यों पड़ गया था?

अपने मन की बात उस ने शिवी को भी बताई. शिवी ने अनुज की नकसीर वाली बात सिरे से इनकार कर दी. वह यहां तक बोली कि ऐसा अनुज की किसी बीमारी के बारे में पहली बार सुनने को मिला है.

शिवी को भी अनुज की नकसीर वाली बात हजम नहीं हुई. वह अनुज के पागलों जैसे तेवर और उस की आदतों से परिचित थी. कई बार उस ने उसे काफी तनाव में भी देखा और उस की अनर्गल बातें भी सुनी थीं. उस से वह न केवल आत्महत्या की बातें करता रहा था, बल्कि उस की डेट तक निर्धारित कर देता था. उस की बातों को वह मजाक में टाल दिया करती थी.

किंतु मोनिका की बात सुन कर वह भी चौंक गई. मन तो नहीं मान रहा था, फिर भी सोच में पड़ गई कि कहीं अनुज ने ताई के साथ कुछ गलत न कर दिया हो. तुरंत अपने मन को समझाया, ‘नहीं नहीं, उस का भाई ऐसा हरगिज नहीं कर सकता. क्योंकि वह तो धार्मिक विचारों का भी है. मंदिरों के कीर्तन और दूसरे धार्मिक समागम में शामिल होता रहता है. जयपुर के अलावा दिल्ली के धार्मिक संस्थानों से भी जुड़ा हुआ है.’

फिर भी उस ने एक बार उस से पूछने की हिम्मत जुटाई. शिवी ने अपनी ताई के बारे में अनुज को कुरेद दिया. अनुज पहले तो सकपकाया, सिर्फ इतना ही बताया कि जब वह इंदौर गई हुई थी, उस रोज ताई से थोड़ी बकझक हो गई थी. ताई के डांटने पर वह नाराज हो कर घर से चला गया था.

शिवी ने दीवार पर लगे खून और नकसीर की बात भी पूछी. उस के जवाब में अनुज ने स्वीकार कर लिया कि नकसीर की बात गलत है, लेकिन उस ने एक नई बात बताई. वह सुन कर शिवी चौंक पड़ी.

उस ने बताया कि वह जिस रोज पापा के साथ इंदौर गई हुई थी, उसी रोज ताई से तूतूमैंमैं हो गई थी. तब बात बहुत बढ़ गई थी. उन्होंने मारने के लिए उस पर हाथ उठा लिया था.

तब उस ने बचाव करते हुए ताई को धक्का दे दिया था. इसी धक्के के चलते ताई का सिर दीवार से टकरा गया था. उन के सिर से खून भी निकल आया था. इस के बाद वह उसी वक्त घर से चली गई थीं.

अनुज ने बताया कि उस के थोड़ी देर बाद ही वह भी घर से चला गया था. वापस लौटने पर उस ने दीवार पर खून के धब्बे देखे थे, जो सूख चुके थे. उसे ही साफ करते हुए मोनिका ने देखा था. शिवी को अनुज की बात न जाने क्यों अधूरी और कुछ छिपाने जैसी लगी कि ताई के साथ जरा सी बात पर उस ने आखिर जोर का धक्का क्यों मारा होगा?

ताई तो अकसर उसे किसी न किसी बात पर समझाती रहती थीं, उस की आदतों को सुधारने की कोशिश में लगी रहती थीं. डांटती जरूर थीं, लेकिन मां की तरह प्यारदुलार भी करती थीं.

शिवी ने अनुज की कहानी पापा को बताई. साथ ही उस ने आशंका जताई, ‘‘पापा, कहीं अनुज ने ताई का मर्डर तो नहीं कर दिया. वह सनकी तो है ही.’’

‘‘अरे नहीं…नहीं! तुम्हारा भाई ऐसा कर ही नहीं सकता है. वह समझदार है. पढ़ालिखा इंजीनियर है. ताई को मां की तरह मानता है. हां, मां के निधन के बाद थोड़ा दुखी जरूर रहता है. मां के जाने का गम भुला नहीं पाया है…’’ बद्रीप्रसाद बेटी को समझाते हुए बोले.

‘‘लेकिन पापा, उस ने मोनिका दीदी को कुछ और बताया और मुझे कुछ और!’’ शिवी ने तर्क किया.

‘‘तुम कहती हो तो मैं उस से कल दिन में पूछूंगा, यदि इस में जरा सा भी मुझे शक हुआ तो मैं उसे कानून के हवाले करने से पीछे नहीं हटूंगा.’’ बद्री प्रसाद बोले.

शिवी का अनुज पर शक बना हुआ था. इसी तरह मोनिका ने भी जब से अनुज को दीवार पर खून के धब्बे साफ करते देखा था, तभी से उस पर संदेह करने लगी थी. उस के दिमाग में भी एक ही विचार बारबार आ रहा था कि कहीं अनुज ने उस की मां को मार न डाला हो. वह तो है ही अधपागल इंसान.

परिवार में सभी के मन में अनुज के प्रति शक का कीड़ा दौड़ने लगा था. इस का कारण भी था कि 5 दिन बीत जाने के बावजूद लापता सरोज शर्मा का कोई सुराग नहीं मिल रहा था.

इसी बीच मोनिका की बहन पूजा भी अपनी ससुराल से अजमेर पहुंच चुकी थी. उस की नजर अपार्टमेंट में लगे सीसीटीवी कैमरे पर गई. उस ने इस की जांच करवाने के लिए पुलिस को कहा.

उस से पहले उस ने 11 दिसंबर की फुटेज देखी. उस में अनुज शाम को बाल्टी और सूटकेस ले कर आता हुआ दिखा.

यह बात उस ने सिर्फ अपनी बहन मोनिका को बताई और अगले रोज 16 दिसंबर को दोनों बहनें विद्यानगर थाने जा कर एसएचओ वीरेंद्र कुरील से मिलीं और नए सिरे से जांच करने का अनुरोध किया. उन्होंने अपनी मां की हत्या की आशंका जताई. चचेरे भाई अनुज शर्मा को बुला कर उस से पूछताछ करने की विनती की. कारण, जिस दिन उन की मां लापता हुई थीं, उस दिन घर में केवल अनुज ही था.

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