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26 वर्षीय रवि कुमार दिल्ली के सदर बाजार स्थित कोटक महिंद्रा बैंक में कैशियर थे. रोज की तरह 7 जनवरी, 2017 को ड्यूटी खत्म कर के वह घर जाने के लिए निकले. वह उत्तरी दिल्ली के शास्त्रीनगर में रहते थे. वह बैंक से निकले थे तो उन के साथ साथ काम करने वाले शतरुद्र भी थे. सदर दिल्ली का थोक बाजार है, जिस से वहां दिन भर भीड़ लगी रहती है. माल लाने और ले जाने वाले रिक्शों की वजह से सड़कों पर जाम सा लगा रहता है. इसी वजह से रवि कुमार शतरुद्र के साथ पैदल ही जा रहे थे.

दोनों बैंक से कुछ दूर स्थित वेस्ट एंड सिनेमा के नजदीक पहुंचे, तभी उन के बीच एक ठेले वाला आ गया, जिस से दोनों अलगअलग हो गए. उसी बीच रवि कुमार की गरदन में किसी ने सुई जैसी कोई चीज चुभो दी. गरदन में जिस जगह सुई सी चुभी थी, रवि कुमार का हाथ तुरंत उस जगह पर तो गया ही, उन्होंने पलट कर भी देखा. एक युवक उन्हें भागता दिखाई दिया तो उन्हें लगा कि उसी ने उन की गरदन में कुछ चुभाया है.

रवि कुमार ने गरदन से हाथ हटा कर देखा तो उस में खून लगा था. उन्होंने उस युवक की ओर इशारा कर के शोर मचाया कि ‘पकड़ो पकड़ो’ तो उन के साथी शतरुद्र उस युवक के पीछे भागे. सदर और खारी बावली बाजार में अकसर छिनैती की घटनाएं होती रहती हैं, इसलिए लोगों ने यही समझा कि युवक पैसे वगैरह छीन कर भागा है. कुछ अन्य लोग भी उसे पकड़ने के लिए उस के पीछे दौड़ पड़े.

बाराटूटी के पास भाग रहे उस युवक का पैर फिसल गया तो पीछे दौड़ रहे लोगों ने उसे पकड़ लिया और उस की पिटाई करने लगे. तभी किसी ने पुलिस कंट्रोल रूम के 100 नंबर पर फोन कर के उस के पकड़े जाने की सूचना दे दी. रवि अभी अपनी जगह पर ही खडे़ थे. उन का हाथ गरदन पर उसी जगह था, जहां कोई चीज चुभी थी. अब तक उन्हें चक्कर से आने लगे थे. किसी की समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर गरदन पर क्या चीज चुभाई गई है. लेकिन यह साफ हो गया था कि उसी नुकीली चीज के चुभन से उन की तबीयत बिगड़ रही है. इस का मतलब वह कोई जहरीली चीज थी.

बाजार के तमाम लोग रवि को जानते थे. हमदर्दी में वे उन के पास आ कर खडे़ हो गए थे. उन्हीं लोगों में अजय साहू का बेटा इंद्रजीत भी था. अजय साहू सदर बाजार में ही कोटक महिंद्रा बैंक के पास गत्ते के डिब्बे बेचते हैं. इस में उन का बेटा इंद्रजीत हाथ बंटाता था. उस का कोटक महिंद्रा बैंक में एकाउंट था, जिस की वजह से कैशियर रवि कुमार से उस की दोस्ती थी.

रवि की बिगड़ती हालत देख कर लोग ऐंबुलैंस बुलाने की बात कर रहे थे. उस भीड़भाड़ वाली जगह में ऐंबुलैंस का जल्दी पहुंचना आसान नहीं था. इसलिए इंद्रजीत उन्हें मोटरसाइकिल से सेंट स्टीफंस अस्पताल ले गया. जांच के बाद डाक्टरों ने बताया कि जिस ने इन्हें जो भी चीज चुभोई है, उसी की वजह से इन की हालत बिगड़ रही है.

रवि की हालत देख कर साफ लग रहा था कि उन पर जहरीली दवा का असर हो रहा है. चूंकि यह पुलिस केस था, इसलिए डाक्टरों ने थाना सदर पुलिस को फोन द्वारा सूचना दे कर उन का इलाज शुरू कर दिया. शाम साढ़े 7 बजे के करीब पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना मिली थी कि सदर बाजार में बाराटूटी के पास कुछ लोगों ने एक चोर को पकड़ रखा है.

इस सूचना को थाना सदर के ड्यूटी अफसर ने एएसआई निक्काराम के नाम कर इस की जानकारी थानाप्रभारी रमेश दहिया को दे दी थी. इसी के कुछ देर बाद थाना सदर पुलिस को सेंट स्टीफंस अस्पताल से भी सूचना मिली कि कोटक महिंद्रा बैंक के कैशियर रवि कुमार को किसी ने जहरीला इंजेक्शन लगा दिया है, उन का इलाज वहां चल रहा है.

बाराटूटी थाने से लगभग 5-6 सौ मीटर ही दूर है, इसलिए एएसआई निक्काराम हैडकांस्टेबल विजय को ले कर तुरंत वहां पहुंच गए. कुछ लोग 24-25 साल के एक युवक को पकड़े थे. पुलिस ने उसे अपने कब्जे में ले कर पूछा तो उस ने अपना नाम डा. प्रेम सिंह बताया. थाने ला कर उस से पूछताछ की गई तो उस ने बताया कि वह चोर नहीं है.

‘‘तू चोर नहीं है तो लोगों ने तुझे क्यों पकड़ा?’’ थानाप्रभारी रमेश दहिया ने पूछा.

‘‘सर, मैं चोरी कर के नहीं, कोटक महिंद्रा बैंक के कैशियर रवि कुमार की गरदन पर जहर का इंजेक्शन लगा कर भाग रहा था, तभी लोगों ने मुझे पकड़ लिया था.’’ प्रेम सिंह ने कहा.

चाकू, गोली मार कर किसी की जान लेने की वारदातें तो अकसर होती रहती हैं, लेकिन राह चलते किसी को जहर का इंजेक्शन लगा कर जान लेने की कोशिश करने का यह अपनी तरह का अलग ही मामला था. इसलिए मामले की सूचना एसीपी आर.पी. गौतम और डीसीपी जतिन नरवाल को देने के बाद रमेश दहिया अतिरिक्त थानाप्रभारी इंसपेक्टर मनमोहन कुमार को साथ ले कर सेंट स्टीफंस अस्पताल पहुंच गए.

रवि कुमार के उपचार में जुटे डाक्टरों को रमेश दहिया ने बता दिया कि इन्हें जहर का इंजेक्शन लगाया गया है. डाक्टर चाहते थे कि यह पता लग जाता कि इंजेक्शन में कौन सा जहर इस्तेमाल किया गया था, जिस से उपचार में उन्हें आसानी हो जाती.

बहरहाल, डाक्टर रवि कुमार के शरीर में फैले जहर का असर कम करने की कोशिश कर रहे थे. अब तक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी आ गए थे. डीसीपी और एसीपी के सामने प्रेम सिंह से पूछताछ की गई तो उस ने बताया कि रवि कुमार को जो इंजेक्शन लगाया गया था, उस में कोबरा सांप के जहर के अलावा मिडाजोलम और फोर्टविन नाम के कैमिकल भी मिले थे.

पुलिस ने प्रेम कुमार के खिलाफ धारा 328 (जहर देने) का मामला दर्ज कर के जहर के बारे में मिली जानकारी रवि कुमार के इलाज में जुटे डाक्टरों को दे दी. चूंकि अब तक जहर पूरे शरीर में फैल चुका  था, इसलिए रवि कुमार की हालत चिंताजनक होती जा रही थी.

पूछताछ में पता चला कि प्रेम कुमार से यह वारदात रवि कुमार के साले बौबी ने कराई थी. रवि कुमार अपनी पत्नी सविता के साथ मारपीट कर के उसे परेशान करते थे. उन की इस हरकत से बौबी बहुत परेशान रहता था, इसीलिए उस ने अपने बहनोई की हत्या की जिम्मेदारी उसे सौंपी थी.

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