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सुखदेव सिंह की हत्या के बाद शूटर नितिन फौजी और रोहित राठौड़ राहगीर हेमराज से छीनी स्कूटी से अजमेर रोड पहुंचे, यहां से रामवीर बाइक पर दोनों को बगरू टोल प्लाजा से आगे तक ले कर गया. जहां से दोनों शूटर रोडवेज बस में सवार हो कर डीडवाना पहुंचे. वहां से टैक्सी किराए पर ले कर सुजानगढ़ पहुंच गए. सुजानगढ़ से दिल्ली की बस में बैठ कर रवाना हुए, लेकिन दोनों धारूहेड़ा पर ही बस से उतर गए.

सीसीटीवी फुटेज आने पर दोनों की तलाश में टीमें हिसार भेजी गईं, लेकिन ये बदमाश वहां से भी हिमाचल प्रदेश, मनाली के लिए निकल गए. मनाली में इन की लोकेशन मिलने पर टीमें रवाना हुईं तो ये वहां से नितिन फौजी के गांव के रहने वाले एक व्यक्ति के घर चंडीगढ़ पहुंच गए.

दिल्ली पुलिस को 9 दिसंबर, 2023 की दोपहर 2 बजे इन के चंडीगढ़ में होने की पुख्ता जानकारी मिली. दिल्ली पुलिस के स्पैशल सीपी (क्राइम) रविंद्र सिंह यादव ने जयपुर पुलिस से संपर्क किया. जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जौर्ज जोसफ और एडीजी (क्राइम) दिनेश एम.एन. ने अपनी टीम के 7 अफसरों और पुलिसकर्मियों को चंडीगढ़ इस औपरेशन में भेजा.

सीआईडी क्राइम ब्रांच, जयपुर पुलिस व दिल्ली पुलिस टीम ने संयुक्त काररवाई करते हुए सेक्टर-22 चंडीगढ़ स्थित होटल कमल से शराब ठेके के ऊपर बने कमरे में छिपे शूटर नितिन फौजी, रोहित राठौड़ और उन को पनाह देने वाले ऊधमसिंह को पकड़ लिया. दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी होने पर राजस्थान पुलिस के आला अधिकारियों ने राहत की सांस ली.

एडीजी (क्राइम) दिनेश एम.एन., एडिशनल कमिश्नर कैलाशचंद्र विश्नोई, एडिशनल डीसीपी (जयपुर वेस्ट) रामसिंह शेखावत, एसीपी (सोडाला) श्यामसुंदर सिंह राठौड़, इंसपेक्टर (साइबर क्राइम) कमिश्नरेट चंद्रप्रकाश, एसएचओ (श्यामनगर) अरविंद चारण ने 72 घंटे में आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल कर ली. गिरफ्तार आरोपियों को ले कर पुलिस जयपुर रवाना हो गई.

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