हाईकोर्ट पहुंची उमा शुक्ला
हाईकोर्ट ने इस मामले को संज्ञान में लिया और 6 जनवरी, 2020 को एसएसपी एसटीएफ राजीव नारायण मिश्र और वर्तमान थानाप्रभारी दारागंज आशुतोष तिवारी को फटकार लगाई. साथ ही 15 दिनों के अंदर रचना शुक्ला के बारे में कारगर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया.
हाईकोर्ट के आदेश के बाद एसएसपी राजीव नारायण मिश्र ने एएसपी नीरज पांडेय को आड़े हाथों लिया और काररवाई कर के जल्द से जल्द रिपोर्ट देने का सख्त आदेश दिया. कप्तान के सख्त रवैए से पुलिस ने रचना शुक्ला कांड से संबंधित पत्रावलियों का एक बार फिर से अध्ययन किया.
जांचपड़ताल में उन्होंने सलमान और उस के दोस्त लकी पांडेय को संदिग्ध पाया. अंतत: पुलिस ने 19 जनवरी, 2020 की सुबह सलमान और लकी पांडेय को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया. दोनों को गुप्त स्थान ले जा कर पूछताछ की गई.
शुरू में सलमान एएसपी नीरज पांडेय पर अपनी ऊंची पहुंच का रौब झाड़ने लगा, लेकिन उन के एक थप्पड़ में उसे दिन में तारे नजर आने लगे. सलमान उन के पैरों में गिर गया. उस ने अपना जुर्म कबूल करते हुए कहा, ‘‘सर, हमें माफ कर दीजिए. हम से बड़ी भूल हो गई. करीब 4 साल पहले मैं ने, लकी और अपने ममेरे भाई अंजफ के साथ मिल कर रचना की गला रेत कर हत्या कर दी थी. 4 साल पहले हथिगहां में मिली लाश रचना की ही थी.’’
इस के बाद सलमान परतदरपरत हत्या के राज से परदा उठाता चला गया. करीब 4 सालों से राज बनी रचना शुक्ला की हत्या हो चुकी थी. पता चला सलमान और रचना एकदूसरे को प्यार करते थे.
सलमान ने अपनी इस तथाकथित प्रेमिका को मौत के घाट उतार दिया था. रचना शुक्ला के अपहरण और हत्या से परदा उठते ही एसएसपी एसटीएफ राजीव नारायण मिश्र ने अगले दिन यानी 20 जनवरी को पुलिस लाइंस में पत्रकारवार्ता आयोजित की. प्रैस वार्ता में उन्होंने पत्रकारों के सामने रचना शुक्ला के अपहरण और हत्या के आरोपियों सलमान और उस के दोस्त लकी पांडे को पेश किया.
पत्रकारों के सामने सलमान और लकी पांडेय ने अपना जुर्म कबूल किया. साथ ही पूरी घटना भी बताई और वजह भी. रचना की हत्या क्यों और कैसे की गई थी, उस ने इस का भी खुलासा किया. रचना की हत्या की यह कहानी कुछ यूं सामने आई.
19 वर्षीय रचना शुक्ला भाईबहनों में सब से छोटी थी. रचना खूबसूरत युवती थी. जितनी देर तक वह घर में रहती, उस का ज्यादातर समय आइना देखने में बीतता था.
बक्शी खुर्द मोहल्ले के रहने वाले सलमान ने जब दूधिया रंगत वाली खूबसूरत रचना को जातेआते देखा तो वह उस पर मर मिटा. यह बात सन 2014 की है, तब रचना इंटरमीडिएट की छात्रा थी और उम्र थी 19 साल.
रचना उम्र के जिस पड़ाव को पार कर रही थी, वह ऐसी उम्र होती है, जब सहीगलत या अच्छेबुरे की जानकारी नहीं होती. रचना के लिए सलमान का प्यार शारीरिक आकर्षण से ज्यादा कुछ नहीं था.
सलमान एक अमीर बाप की बिगड़ी हुई औलाद था. उस के लिए पैसा कोई मायने नहीं रखता था. जब भी वह घर से बाहर निकलता, राह में कई चाटुकार दोस्त मिल जाते. उन की संगत में वह पैसे खर्च करता तो वे उसी का गुणगान करते.
रसिक सलमान की दिली डायरी में कई ऐसी लड़कियों के नाम थे, जिन के साथ वह मौजमस्ती करता था. इस के बावजूद वह मुकम्मल प्यार की तलाश में था, जहां उस की जिंदगी स्थिर हो जाए. एक ठहराव हो. रचना को देखने के बाद सलमान को अपना सपना पूरा होता लगा. उसे जिस प्यार की तलाश थी, वह रचना पर आ कर खत्म हो गई.
सलमान का प्यार एकतरफा था, क्योंकि इस के लिए रचना ने अपनी ओर से हरी झंडी नहीं दी थी. बाद में जब उस ने सलमान की आंखों में अपने लिए प्यार देखा तो उस का दिल पसीज गया. सलमान घंटों उस के घर के पास खड़ा उस के दीदार के लिए बेताब रहता. रचना चुपकेचुपके सब देखती थी, आखिरकार उस का दिल भी सलमान पर आ गया और उस ने सलमान से इस बात का इजहार भी कर लिया.
पंछी की तरह फंस गई जाल में
फलस्वरूप दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा. दोनों ने प्यार में जीनेमरने की कसमें खाईं. सलमान तो निश्चिंत था, लेकिन रचना को यह चिंता सता रही थी कि घर वाले उन दोनों के प्यार को स्वीकार करेंगे या नहीं, क्योंकि दोनों की जाति ही नहीं धर्म भी अलगअलग थे. रचना की मां उमा शुक्ला कट्टर हिंदू थीं. वह बेटी के इस रिश्ते को कभी स्वीकार नहीं करतीं.
रचना ने सलमान को अपने मन की आशंका बता दी थी. वैसे भी बहुत कम लोग ऐसे हैं जो बेटे या बेटी की शादी दूसरे मजहब के लड़के या लड़की से करना चाहें. खैर, सलमान ने रचना को समझाया और सब कुछ वक्त पर छोड़ देने को कहा. साथ ही कहा कि हम जिएंगे भी एक साथ और मरेंगे भी एक साथ. सलमान की भावनात्मक बातें सुन कर रचना मन ही मन खुश हुई. इतनी खुश कि उस ने सलमान का गाल चूम लिया. सलमान कैसे पीछे रहता, उस ने रचना को बांहों में भर लिया.
सलमान से रचना सच्चे दिल से प्यार करती थी, लेकिन सलमान के मन में तो कुछ और ही चल रहा था. जिस दिन से उस ने रचना को अपनी बांहों में भरा था, उसी दिन से उस के मन में प्यार नहीं बल्कि वासना की आग धधकने लगी थी.
रचना ने सलमान की आंखों में दहकती वासना को महसूस कर लिया था. उस ने उस से कह भी दिया था कि जो तुम मुझ से चाहते हो, वह शादी के पहले संभव नहीं है.
मुझे ऐसी लड़की मत समझना, जो दौलत के लिए सब कुछ न्यौछावर करने को तैयार हो जाती हैं.
जब से यह बात हुई थी, तब से रचना सलमान से थोड़ा बच कर रहने लगी थी. उस ने मिलना भी कम कर दिया था. सलमान यह सब सह नहीं पा रहा था. इस पर सलमान ने एक दांव खेला. उस ने अपने नाम पर एक स्कूटी खरीदी और रचना को गिफ्ट कर दी. यह देख रचना बहुत खुश हुई.
रचना स्कूटी ले कर घर पहुंची तो घर वाले यह सोच कर हैरान हुए कि उस के पास स्कूटी कहां से आई. घर वालों ने रचना से स्कूटी के बारे में पूछा तो उस ने झूठ बोल दिया कि एक दोस्त की है. कुछ दिनों के लिए वह शहर से बाहर गई है. उस ने स्कूटी मुझे चलाने के लिए दी है. जब वापस लौट आएगी, मैं उसे लौटा दूंगी. बात वहीं की वहीं रह गई.
सलमान ने जो सोच कर रचना को स्कूटी दी थी, वह संभव नहीं हो पाया. स्कूटी हड्डी बन कर उस के गले में अटकी रह गई. महीनों बाद रचना ने प्यार का दम भरने वाले सलमान के सामने एक प्रस्ताव रखा.
उस ने स्कूटी को अपने नाम पर स्थानांतरित कराने के लिए कहा तो सलमान उसे घुमाते हुए बोला, ‘‘जब हम दोनों एक होने वाले हैं तो स्कूटी चाहे तुम्हारे नाम हो या मेरे, क्या फर्क पड़ता है. वक्त आने दो स्कूटी तुम्हारे नाम करा दूंगा. चिंता क्यों करती हो.’’