Punjab Crime : टेलीफोन के तार से बेटी के प्रेमी का घोंटा गला
गुरदीप को किसी भी तरह मानता न देख कर मोहन सिंह को अपनी इज्जत बचाने का एक ही रास्ता दिखाई दिया. वह रास्ता था गुरदीप की हत्या कर देने का. न रहेगा बांस, न बजेगी बांसुरी.
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