
सोनी से भले ही रोशन राय दूर भागता जा रहा था, लेकिन वह अपने कप्तान धवल जायसवाल से दूर नहीं भाग सकता था. उन्होंने वायरलैस सेट के जरिए संदेश भिजवा कर सिपाही रोशन राय को अपने दफ्तर में जल्द से जल्द हाजिर होने का आदेश दिया. अपने कप्तान के आदेश को वह ठुकरा नहीं सकता था, उसे उन के सामने हाजिर होना ही पड़ा. इस तरह सिपाही रोशन राय और सोनी का मामला विभाग में भी फैल गया.
कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कप्तान धवल जायसवाल ने सिपाही रोशन राय को फटकार लगाई, ‘‘सोनी नाम की जिस युवती के साथ तुम ने रिश्ते बनाए थे, शादी का झांसा दे कर उस की जिंदगी चौपट की है, उस के साथ न्याय करो. शादी कर के उसे अपना लो वरना जेल में सड़ जाओगे. उस ने तुम्हारे खिलाफ दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए प्रार्थना पत्र दिया है.’’
एसपी के आदेश पर की शादी…
उस के बाद एसपी धवल जायसवाल ने रोशन को बहुत समझाया. कप्तान के दबाव में आ कर रोशन राय ने उस समय शादी करने की तो हामी भर दी थी. कप्तान के आदेश पर सोनी से रोशन राय ने 28 नवंबर, 2022 को जटहां बाजार स्थित शिव मंदिर में सोनी अंसारी से शादी कर ली थी और हेतिमपुर के सटर टोला भैंसहा स्थित राजेंद्र सिंह के मकान में ऊपर का कमरा ले कर प्रेमिका से पत्नी बनी सोनी को ले कर रहने लगा.
कभी जिस सोनी पर वह जान छिडक़ता था, आज उसी से बेहद नफरत करने लगा था. उस को इस बात का बेहद मलाल था कि उस ने उस की शिकायत कप्तान से क्यों की? उन की नजरों में उस की क्या इज्जत रह गई? इस की सजा तो उसे भुगतनी ही पड़ेगी. इस बात को ले कर दोनों के बीच झगड़ा होने लगा था. यह झगड़ा बाद में मारपीर में बदल गया था. बातबात पर रोशन पत्नी सोनी को जलील करता और उसे पीटता था. अपने साथ हो रही हर यातनाओं और जुल्मों को सोनी अपनी मां से कहती थी. मां के पास इस का विकल्प भी नहीं था, क्योंकि उस का ही फैसला था कि शादी जब भी करेगी तो रोशन से ही करेगी, उस ने मां से यही कहा थी.
अब सोनी को अपने फैसले पर बहुत पछतावा हो रहा था कि काश! उस ने मांबाप की बात मान ली होती तो शायद उस की हालत ऐसी नहीं होती, लेकिन अब पछताने से क्या होना था. बहरहाल, पतिपत्नी के बीच रोजरोज के झगड़े, हाथापाई से दोनों का जीवन असहज बन गया था. रोशन ने सोनी को अपने जीवन से हमेशाहमेशा के लिए निकाल कर फेंकने की योजना बना ली थी. वह योजना थी उस की हत्या.
सिपाही ने की पत्नी की हत्या…
17 जनवरी, 2023 को रात में सोनी की बात मां अश्मीना से हुई तो इस बात को ले कर रोशन राय ने सोनी से खूब झगड़ा किया और उसे जम कर लातघूसों से मारा. उस ने सोनी से पहले ही कह दिया दिया था कि उसे अपने मांबाप से कोई रिश्ता नहीं रखना है, अगर उन से रिश्ता रखा तो उस से बुरा कोई नहीं होगा. पति की पिटाई से सोनी रात भर बिस्तर पर दुबक कर सिसकती रही और अपनी किस्मत पर आंसू बहाती रही.
बहरहाल, रात जैसेतैसे बीती. सोनी का रोरो कर बुरा हाल हो गया था, उस की आंखें सूज गई थीं, लेकिन रोशन के दिल में सुलग रही नफरत की आग अभी ठंडी नहीं हुई थी. 18 जनवरी, 2023 की रात उस के और सोनी के बीच फिर लड़ाईझगड़ा हुआ. गुस्से में आ कर उस ने पत्नी सोनी को गला घोट कर मौत के घाट उतार दिया और कमरे की बत्ती औफ कर उसी रात कमरे पर बाहर से ताला लगा कर चला गया. यानी पत्नी की हत्या कर सिपाही फरार हो गया था. आगे क्या हुआ? कहानी में ऊपर वर्णन किया जा चुका है.
खैर, होनी को कौन टाल सकता है जो होना है, सो तो हो कर रहता है. अगर सोनी ने अपने मांबाप का कहना माना होता तो शायद आज वह भी जिंदा होती. आरोपी रोशन राय से पूछताछ करने के बाद पुलिस ने कोर्ट में पेश कर उसे जेल भेज दिया था. उधर घर वाले जब सोनी अंसारी की लाश कब्रिस्तान में दफनाने के लिए ले गए थे, तब समाज के लोगों ने उस की लाश नहीं दफनाने दी. उन का कहना था कि मृतका ने दूसरे धर्म में शादी की थी. कई थानों की पुलिस के पहुंचने के बाद भी उन लोगों ने शव कब्रिस्तान में नहीं दफनाने दिया. कथा लिखे जाने तक सिपाही रोशन जेल में बंद था. उसे अपने किए पर जरा भी पछतावा नहीं हो रहा था.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित
सोनी का दिल प्रेमी रोशन की प्यार भरी बातें सुन कर बागबाग हो गया था. “इतना प्यार करते हैं आप मुझ से?’’
“मैं हनुमान तो नहीं हूं, वरना अपना सीना चीर कर दिखा देता. मेरे दिल में आप ही की तसवीर छपी है. मेरी हर एक सांस पर आप का ही नाम लिखा है. मेरी धडक़नों में, मेरी रगों में और मेरी सांसों में बस आप ही आप हो, इतना प्यार करता हूं मैं आप से.’’
:ओह रोशनजी! मैं कितनी खुशनसीब हूं जो मुझे आप जैसा चाहने वाला सच्चा प्यार मिला. मैं अपने प्यार को पलकों के बीच छिपा कर रखूंगी, ताकि हमारे प्यार को किसी की नजर न लगे.’’
सिपाही का प्यार बढऩे लगा, यही हाल सोनी का भी था. घंटों दोनों ऐसे ही प्यार भरी बातें करते रहे, कब दोपहर से शाम हुई पता ही नहीं चला. दोनों पास के रेस्टोरेंट में गए वहां रोशन ने प्रेमिका सोनी को उस के पसंद की चीजें खिलाईं और उसे बस पर बैठा कर अपने कमरे पर चला गया. वह सोनी से मिल कर बहुत खुश था.
सिपाही रोशन को चुन लिया हमसफर…
सोनी भी बहुत खुश थी. अपने जीवनसाथी को ले कर उस ने जो सपने देखे थे, वे सपने पूरे हो गए थे. फिर सोनी ने एक दिन मौका देख कर अपने मन की बात अम्मी को बता दी. बेटी के मुंह से प्यार वाली बात सुन वह हायतौबा मचाने लगी. बेटी को उस ने खूब खरीखोटी सुनाई. सामाजिक मर्यादा में रहने का सबक भी दिया. यह भी कहा कि उन का परिवार एक मध्यमवर्गीय है. इज्जत हमारा गहना है, अगर एक बार चली जाए, तो समाजबिरादरी में किसी को मुंह नहीं दिखा सकते. हम जीते जी मर जाएंगे.
इस पर सोनी ने मां को भरोसा दिलाया कि वह ऐसा कोई काम नहीं करेगी, जिस से मांबाप की इज्जत और सम्मान पर बट्टा लगे. उसे अपनी मानमर्यादा का सब से ज्यादा खयाल है. लेकिन उस ने अपने जीवनसाथी को चुन लिया है, निकाह करेगी तो रोशन से ही करेगी, रोशन के अलावा हर पुरुष उस के लिए बापभाई के समान होगा. सोनी भले ही सिपाही रोशन के प्यार में अंधी हो गई थी. यूं कह लें कि वह उस से अंधा प्यार करती थी तो इस में कोई दो राय नहीं थी, मगर रोशन सोनी को ले कर बहुत संजीदा नहीं था. लिवइन रिलेशन में खेलना चाहता था के सोनी जिस्म से.
शातिर सिपाही रोशन के दिमाग में प्रेमिका सोनी को ले कर कुछ और ही चल रहा था. अच्छाई की चादर में लिपटा उस के मन में बड़ा घिनौना और गंदा विचार उमड़घुमड़ रहा था. वह सोनी से नहीं बल्कि उस के खूबसूरत बदन से प्यार करता था. उस के जिस्म को पाने के लिए उस की झूठी तारीफ कर रहा था ताकि सोनी के गदराए जिस्म को नोचनोच कर खाए और मन भर जाने के बाद उसे दूध से मक्खी की तरह निकाल फेंके. रोशन अकसर सुनसान जगह पर मिलने के लिए बुलाया करता था, वह आ भी जाती थी.
बातोंबातों में उस ने उस के जिस्म को पाने की इच्छा भी जाहिर की थी, मगर सोनी ने यह कहते हुए साफ मना कर दिया कि शादी के बाद मैं अपना तनमन सब कुछ अपने शौहर का सौंपूंगी, लेकिन शादी से पहले नहीं. फिर उस ने रोशन पर शादी करने के लिए दबाव बनाया. जिस गदराए जिस्म को पाने के लिए रोशन ने सोनी को अपने प्यार के जाल में फंसाया था, उस का वह मकसद पूरा नहीं हुआ तो वह सोनी से दूरियां बनाने लगा. धीरेधीरे वह उस से दूर भागने लगा था. जो प्रेमी पहले दिन भर में कई बार अपनी प्रेमिका को फोन कर बातें किया करता था, वही अब हफ्तोंहफ्तों उस से बात नहीं करता था. उस के सिर से सोनी के प्यार का भूत जैसे उतर चुका था.
अचानक प्रेमी रोशन में आए बदलाव देख सोनी परेशान रहने लगी थी. जब भी वह उसे फोन करती थी तो उस का फोन काट देता था. वह उस से मिलने कसया जाती तो वह उस से मिलता भी नहीं था. सोनी समझ गई थी कि रोशन ने उसे धोखा दिया है, लेकिन वह इतनी आसानी से अपना प्यार खोने वाली नहीं थी और न ही धोखा दे कर अपना पीछा छुड़ाने वाले रोशन को ही छोडऩे वाली थी.
एसपी से मिलीं मांबेटी…
फिलवक्त सोनी का दिल शीशे के समान चूरचूर हो गया था. प्यार में धोखा खाई वह घायल शेरनी के माफिक हो गई थी. अब तो बेटी के साथ उस की मां भी हो गई थी. मांबेटी दोनों मिल कर उसे सबक सिखाने की तैयारी में जुट गई थीं. कोई बड़ा कदम उठाने से पहले सोनी और उस की मां अश्मीना खातून ठंडे दिमाग से सोच कर एक बार फिर से सिपाही रोशन राय को सोचने का मौका देना चाहती थीं, किंतु वह था कि न तो सोनी की काल रिसीव कर रहा था और न ही अपनी ओर से काल कर के उस से दूरियां बनाने की वजह बता रहा था.
इस पर दोनों मांबेटी मिल कर उसे सबक सिखाने के लिए 23 नवंबर, 2022 को एसपी धवल जायसवाल के दफ्तर पहुंच गईं. उन्होंने उन के सामने अपना दुखड़ा रोते हुए सिपाही रोशन राय की पूरी कलई खोल कर रख दी. एसपी धवल जायसवाल ने सोनी को भरोसा दिलाया कि उस के साथ न्याय किया जाएगा. यदि रोशन ने उस के साथ कुछ गलत किया है तो उसे अपनी करनी का फल भुगतना पड़ेगा.
जैसे ही सोनी एसपी जायसवाल के समक्ष पेश हुई, वैसे ही इस की जानकारी रोशन राय तक पहुंच गई थी. सोनी का दुस्साहस देख कर रोशन का गुस्से से नथुना फूलनेपिचकने लगा था. उसे ऐसी उम्मीद नहीं थी कि वह मामूली लडक़ी एसपी दफ्तर पहुंच कर उस की शिकायत कर देगी. यह बात उसे बहुत बुरी लगी. वह फडफ़ड़ा कर रह गया. इसी बीच बड़ी चालाकी से रोशन राय ने कसया थाने से अपना ट्रांसफर जटहां थाने करवा लिया था, ताकि उस तक जल्दी कोई पहुंच न सके.
पुलिस उस के हर संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही थी, लेकिन उस का कहीं पता नहीं चला. पुलिस फिर भी भी हाथ पर हाथ धरे बैठी नहीं रही. उस की सुरागरसी के लिए अपने मुखबिरों को भी लगा दिया था. एक महीने बाद आखिरकार पुलिस की मेहनत रंग लाई और कसया तिराहा से उसे उस समय दबोच लिया गया, जब वह कहीं भागने के फिराक में बस के आने के इंतजार में खड़ा था. पुलिस उसे गिरफ्तार कर के थाने ले आई और उस से पूछताछ करनी शुरू की.
रोशन राय कानून का ही एक मंझा हुआ नुमाइंदा था. कानून के दांवपेंच जानता था, इतनी आसानी से पुलिस के सामने टूटने वाला नहीं था. यह बात इंसपेक्टर सुरेंद्र सिंह भी जानते थे कि रोशन कितना बड़ा घाघ और मक्कार किस्म का इंसान है, आसानी से वह टूटने वाला नहीं था. पुलिस ने जब उस के साथ सख्ती की, तब जा कर वह घुटने टेकने को मजबूर हुआ और कुबूलते हुए पत्नी सोनी की हत्या किए जाने की बात स्वीकार कर ली. फिर उस ने हत्या जो कहानी बयां की, हैरतअंगेज निकली—
सोनी को हुआ प्यार…
22 वर्षीय सोनी अंसारी मूलरूप से उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले की नेबुआ नौरंगिया थानाक्षेत्र के मंसाछापर मंगरुआ गांव की रहने वाली थी. 3 बहनों और एक भाई में वह सब से बड़ी थी. बाकी सब उस से छोटे थे. पिता इब्राहिम खान ट्रक ड्राइवर थे. वह माल सहित ट्रक ले कर जब बाहर जाते थे तो उन्हें घर लौटने में महीनों लग जाते थे. फिर पत्नी अश्मीना खातून परिवार की देखभाल करती थी. अश्मीना खातून के मजबूत कंधों पर बच्चों की परवरिश और उन की देखरेख की जिम्मेदारी थी, सो वह अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा भी रही थी.
अश्मीना के चारों बच्चों में सब से बड़ी बेटी सोनी बेहद समझदार और सुंदर थी. मन से भी, विचारों से भी. लिखनेपढऩे में भी वह ठीकठाक थी. उस के अब्बू इब्राहिम उसे लाड़प्यार भी बहुत करते थे, क्योंकि सोनी उन के दिल के सब से निकट थी. वह भी अपने अब्बू का बहुत खयाल रहती थी . काम से जब भी थकेहारे घर लौटते थे तो सोनी ही सब से पहले गिलास में पानी लिए उन के सामने खड़ी होती थी. बेटी के हाथ से पानी पी कर सारी थकान पल भर में छूमंतर हो जाती थी. ऐसा नहीं था कि वह अपने अब्बू की ही आंखों का तारा थी, बल्कि अपनी अम्मी की भी वह लाडली थी. अब्बू के साथसाथ अम्मी का भी वह खास खयाल रखती थी. जब कभी वह एकदो दिनों के लिए किसी रिश्तेदार के यहां घूमने चली जाती थी तो उस की अम्मी का दिल उदास सा रहता था. उस के घर वापस लौटते ही फिर से घर में वही रौनक लौट आती थी. सब के चेहरे खिल उठते थे.
सोनी, आधुनिक परिवेश में जी रही थी. उस के सपने रंगीन थे क्योंकि वह खुद ही रंगीनमिजाज की युवती थी. कामकाज से जब उसे फुरसत मिलती थी, पिता से मिले फोन में इंस्टाग्राम या फेसबुक खोल कर अपने परिचितों और दोस्तों को कमेंट बाक्स ‘हायहैलो’ लिख कर उन से हालचाल पूछ लिया करती थी. फेसबुक पर बहुत से नए दोस्त फ्रैंड रिक्वेस्ट डाले रहते थे, उन नए दोस्तों में कुछ चेहरे उस के नातेरिश्तेदारों के होते थे तो कुछ बिलकुल ही नए और अंजान चेहरे होते थे. उन्हीं अंजान चेहरों में एक चेहरा कुशीनगर जिले के कसया थाने के सिपाही रोशन राय का भी था.
पता नहीं क्यों सोनी उस चेहरे को देख कर उस पर आकर्षित हो गई थी और उस ने उस की फ्रैंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कल ली थी.
सोनी की ओर से फ्रैंड रिक्वेस्ट स्वीकृत होते ही सिपाही रोशन ने ‘हाय’ का मैसेज डाल दिया तो उस ने भी उसी अंदाज में जवाब दे दिया. उन की ओर से जवाब मिलने के बाद दोनों के बीच मैसेज से बात होनी शुरू हो गई और दोनों के बीच दोस्ती पक्की हुई. यह सोशल मीडिया के प्यार की शुरुआत थी. यह सोशल मीडिया के प्यार की शुरुआत थी. दोस्ती पक्की हुई तो दोनों थोड़े और करीब आ गए. उन्होंने एकदूसरे को अपनाअपना मोबाइल नंबर दे दिया और पर बातचीत शुरू हुई. एकदूसरे का परिचय जब हुआ तो दोनों को ही पता चला कि वे एक ही जिले के रहने वाले हैं. इस से उन के बीच की रहीसही दूरियां और भी कम हो गईं और दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई. वे एकदूसरे से प्यार करने लगे थे.
प्यार में कसमे वादे…
सोनी इस बात पर फूली नहीं समा रही थी कि जिस से वह प्यार करती है, वह एक पुलिस वाला है, यानी अब दुनिया उस की मुट्ïठी में है. सोनी जवान थी, सुंदर थी. फैशनपरस्त भी. उस के गोरे जिस्म पर कोई भी कपड़े उस की सुंदरता में चारचांद लगा देते थे. प्रेमिका की सुंदरता पर रोशन मर मिटता था. उसे अपनी बाइक पर बैठा कर घंटोंघंटों कुशीनगर के प्रसिद्ध बुद्ध मंदिर घुमाता था. उस पर खूब पैसे खर्च करता था. सोनी के कदमों में दुनिया की सारी खुशियां डालता था.
बात साल भर पहले की थी, जब रोशन पहली बार प्रेमिका सोनी को अपनी बाइक पर बैठा कर कुशीनगर के प्रसिद्ध बुद्ध मंदिर लाया था. मंदिर के प्रांगण में दूरदूर तक फैली मुलायम घास पर आमनेसामने बैठे आशिकी भरी नजरों से दोनों एकदूसरे को देखे जा रहे थे, ‘‘ऐसे क्या देख रहे हो आप?’’ दोनों के बीच पसरे सन्नाटे को सोनी ने तोड़ा.
“देख रहा हूं कि चांद जमीं पर उतर आया है.’’ सोनी की खूबसूरती की रोशन ने तारीफ की तो शरम से उस की नजरें झुक गईं. दोनों हथेलियों के बीच उस ने अपना चेहरा छिपा लिया था.
“इस में शरम जैसी क्या बात है? इश्क की आंखों से मैं ने जो देखा, शब्दों की थाली में मैं ने वही परोसा.’’
“वाह! आप तो शायरों जैसी बातें करते हैं. शब्दों की थाली में मैं ने वही परोसा, जुमला सुन कर मुझे बहुत अच्छा लगा है, कह नहीं सकती.’’
“जी शुक्रिया.’’ झुक कर हाथ से महबूबा को सलाम किया और आगे बोला, ‘‘इस नाचीज गरीब बंदे की तारीफ में कसीदे पढऩे के लिए.’’
“बातें करना तो कोई आप से सीखे. माशाअल्लाह! आप किसी से कम खूबसूरत नहीं हैं. आप बहुत सुंदर हैं, तभी तो मेरा दिल आप पर हार गया और मैं आप की बाहों में आ गिरी.’’
“मरते दम तक आप का साथ नहीं छोड़ेंगे, चाहे जमाना हमारा दुश्मन क्यों न बन जाए, चाहे राहों में कांटे क्यों न बिखेर दिए जाएं. चाहे नंगे पांव शोलों पर क्यों न चलना पड़े, दिल से आप को चाहा है, आप से प्यार किया है तो मर कर भी साथ निभाएंगे.’’ रोशन भावनाओं में बह गया था.
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिला के गांव हेतिमपुर के टोला भैंसहा में जितेंद्र सिंह का अपना निजी 2 मंजिला मकान था. मकानकी दूसरी मंजिल को उन्होंने जटहां थाने में तैनात सिपाही रोशन राय को किराए पर दिया था. रोशन राय अपनी 22 वर्षीयपत्नी सोनी अंसारी के साथ 3 महीने से रह रहा था. उस मकान के नीचे वाले फ्लोर पर और भी किराएदार रहते थे. खुद जितेंद्र सिंह अपने दूसरे मकान में परिवार के साथ रहते थे, सिर्फ किराया वसूलने के लिए ही वह यहां आते थे.
25 जनवरी, 2023 की दोपहर से जितेंद्र सिंह की दूसरी मंजिल से तेज बदबू आ रही थी, जिस में सिपाही रोशन राय अपनीपत्नी के साथ रहता था. पते की बात तो यह थी रोशन राय के उस कमरे पर पिछले कई दिनों से ताला लगा हुआ था.लोगों ने उसे और उस की पत्नी सोनी को अंतिम बार 18 जनवरी, 2023 को देखा था. उस के बाद से किसी ने न तो रोशन राय को ही देखा था और न ही उस की पत्नी को, वे दोनों कहां गए थे, यह बात किसी को पता नहीं थी और उन्हीं के कमरे से दोपहर से तेज बदबू आ रही थी.
जैसेजैसे शाम ढलती गई, बदबू इतनी तेज बढ़ती गई कि पासपड़ोसियों को अपने घर में रहना दुश्वार हो गया था. अंत मेंकिराएदारों ने हार कर इस की जानकारी मकान मालिक जितेंद्र सिंह को दी. सूचना पा कर वे मौके पर पहुंचे और उन्होंने इसकी सूचना जटहां थाने के एसएचओ सुरेंद्र सिंह को दे दी. सभी लोगों को बंद कमरे में लाश होने की आशंका हो रही थी.सूचना पा कर वे दलबल के साथ मौके पर पहुंचे. उन्होंने फोर्स की मदद से कमरे का ताला तुड़वाया.
दरवाजा खोल करपुलिस कमरे में घुसी तो वहां घुप्प अंधेरा था और मांस की सड़ांध ने सभी को नाक पर रुमाल रखने के लिए विवश कर दिया. मोबाइल की टौर्च के द्वारा बिजली का बोर्ड देख कर कमरे की लाइट औन की.एलईडी के प्रकाश से कमरा नहा उठा था. सड़ांध के मारे कमरे में खड़ा होना मुश्किल हुए जा रहा था. इस के बाद कमरे कीतलाशी कर यह देखने में जुट गई कि यह दुर्गंध आ कहां से रही है.
इंसपेक्टर सुरेंद्र सिंह कमरे से अटैच जैसे ही दूसरे कमरे में घुसे, भीतर का दृश्य देख कर उन के पैर वहीं थम गए थे. कमरे में पड़ी बैड के ऊपर किसी महिला की लाश बुरी तरह सड़चुकी थी. बदबू वहीं से आ रही थी. आशंका जताई जा रही थी कि हो न हो यह लाश सिपाही रोशन राय की पत्नी सोनी अंसारी ही होगी, क्योंकि पिछले कईदिनों से सोनी की अम्मी अश्मीना खातून अपनी बेटी को ले कर परेशान थी और वह इस संबंध में थाने में तहरीर भी दे चुकी थी कि पिछली 17 जनवरी को बेटी से मोबाइल पर बात हुई थी. उस के बाद फोन मिलाने पर न बेटी का फोन लग रहा थाऔर न दामाद का ही फोन लग रहा था
बैड के पास ही फर्श पर हड्ïिडयां और अंगरेजी शराब की एक बोतल रखी थी, जिस में कुछ शराब भी थी. इस से पुलिस कोलगा कि घटना से पहले यहां दारू की पार्टी भी हुई थी.यह बात इंसपेक्टर सुरेंद्र सिंह को तुरंत याद आई तो उन्होंने अपना शक दूर करने के लिए अश्मीना खातून को बुलाने के लिए बाइक से 2 सिपाहियों को उस के घर भेज दिया. अश्मीना खातून इसी कुशीनगर के ही नेबुआ नौरंगिया के मंसाछापरमंगरुआ की रहने वाली थी.
सोनी की लाश की हुई शिनाख्त…
जैसे हो पुलिसकर्मियों ने एक महिला की लाश पाई जाने की सूचना अश्मीना खातून को दी और संग चल कर शिनाख्त करनेकी बात कही, वैसे ही उस का कलेजा धक से कर गया. और बदहवास हो कर इधरउधर टहलने लगी. तभी उस की दूसरी बेटी हाजरा कमरे से बाहर निकली और मां को ऐसी दशा में देख पुलिसकर्मियों से वजह पूछी तो उन्होंने फिर से वही बात दोहराई जो कुछ देर पहले उस से कह चुके थे.
बहरहाल, जैसेतैसे हाजरा ने मां अश्मीना खातून को संभाला और उसे अपने साथ ले कर घटनास्थल पहुंची. वहां मजमा लगा हुआ था. घटना की सूचना पा कर एएसपी रितेश प्रताप सिंह भी पहुंच चुके थे. कमरे के बाहर भीड़ देख कर अश्मीना खातून का कलेजा बैठा जा रहा था. जैसे ही कमरे में दाखिल हुई, लाश के कपड़े और उस की कदकाठी देख कर उसे अपनी बेटी सोनी अंसारी के रूप में शिनाख्त कर ली और छाती पीटपीट कर चीखनेचिल्लाने लगी.
पुलिस की आशंका आखिरकार सच साबित हुई. चूंकि पिछले कई दिनों से सोनी अंसारी लापता थी. न तो उस का फोन लग रहा था और न ही रितेश राय का ही फोन काम कर रहा था, इसलिए अश्मीना के साथसाथ घर वाले उसे ले कर चिंतित थे. आखिरकार, जिस अनहोनी को ले कर उस के घर वाले परेशान थे, वही अनहोनी घट गई. थोड़ी देर में कुशीनगर में सिपाही ने की हत्या की खबर फैल गई. घटना की सूचना एसपी धवल जायसवाल को भी मिल चुकी थी. वह भी कुछ देर बाद मौके पर पहुंच चुके थे.
एफएसएल टीम भी घटनास्थल पर पहुंच कर हत्या के साक्ष्य जुटाने में जुटी हुई थी. पते की बात तो यह थी कि जिस दिन से सोनी अंसारी लापता हुई थी, उसी दिन से सिपाही रोशन राय भी गायब था. उस का फोन बंद आ रहा था और वह ड्यूटी पर भी नहीं जा रहा था. पुलिस को यह समझते देर नहीं लगी थी कि पत्नी सोनी की हत्या में रोशन का हाथ हो सकता है, तभी तो वह फरार हो चुका है. एसपी धवल जायसवाल ने उसी क्षण उसे सस्पेंड कर दिया और उस की खोजबीन में पुलिस लगा दी ताकि वह जल्द से जल्द गिरफ्तार हो सके और पत्नी सोनी की हत्या का कारण सामने आ सके.
सिपाही रोशन राय पर लगाया आरोप…
खैर, पुलिस अपनी काररवाई में जुटी हुई थी. लाश को अपने कब्जे में ले इंसपेक्टर सुरेंद्र सिंह ने उसे पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भिजवा दिया और मृतका का विसरा सुरक्षित करा दिया था, क्योंकि उसे मरे कई दिन बीत चुके थे, इसलिए विसरा सुरक्षित रखना पड़ा था ताकि उस रिपोर्ट से हत्या की असल वजह का पता चल सके. इधर पुलिस ने मृतका की मां अश्मीना खातून की तहरीर पर फरार सिपाही व दामाद रोशन राय के खिलाफ भादंवि की धारा 302, 120बी के तहत मुकदमा दर्ज कर के रोशन राय की सरगर्मी से तलाश में जुट गए थे.