सुखदेव सिंह की हत्या के बाद शूटर नितिन फौजी और रोहित राठौड़ राहगीर हेमराज से छीनी स्कूटी से अजमेर रोड पहुंचे, यहां से रामवीर बाइक पर दोनों को बगरू टोल प्लाजा से आगे तक ले कर गया. जहां से दोनों शूटर रोडवेज बस में सवार हो कर डीडवाना पहुंचे. वहां से टैक्सी किराए पर ले कर सुजानगढ़ पहुंच गए. सुजानगढ़ से दिल्ली की बस में बैठ कर रवाना हुए, लेकिन दोनों धारूहेड़ा पर ही बस से उतर गए.
सीसीटीवी फुटेज आने पर दोनों की तलाश में टीमें हिसार भेजी गईं, लेकिन ये बदमाश वहां से भी हिमाचल प्रदेश, मनाली के लिए निकल गए. मनाली में इन की लोकेशन मिलने पर टीमें रवाना हुईं तो ये वहां से नितिन फौजी के गांव के रहने वाले एक व्यक्ति के घर चंडीगढ़ पहुंच गए.
दिल्ली पुलिस को 9 दिसंबर, 2023 की दोपहर 2 बजे इन के चंडीगढ़ में होने की पुख्ता जानकारी मिली. दिल्ली पुलिस के स्पैशल सीपी (क्राइम) रविंद्र सिंह यादव ने जयपुर पुलिस से संपर्क किया. जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जौर्ज जोसफ और एडीजी (क्राइम) दिनेश एम.एन. ने अपनी टीम के 7 अफसरों और पुलिसकर्मियों को चंडीगढ़ इस औपरेशन में भेजा.
सीआईडी क्राइम ब्रांच, जयपुर पुलिस व दिल्ली पुलिस टीम ने संयुक्त काररवाई करते हुए सेक्टर-22 चंडीगढ़ स्थित होटल कमल से शराब ठेके के ऊपर बने कमरे में छिपे शूटर नितिन फौजी, रोहित राठौड़ और उन को पनाह देने वाले ऊधमसिंह को पकड़ लिया. दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी होने पर राजस्थान पुलिस के आला अधिकारियों ने राहत की सांस ली.
एडीजी (क्राइम) दिनेश एम.एन., एडिशनल कमिश्नर कैलाशचंद्र विश्नोई, एडिशनल डीसीपी (जयपुर वेस्ट) रामसिंह शेखावत, एसीपी (सोडाला) श्यामसुंदर सिंह राठौड़, इंसपेक्टर (साइबर क्राइम) कमिश्नरेट चंद्रप्रकाश, एसएचओ (श्यामनगर) अरविंद चारण ने 72 घंटे में आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल कर ली. गिरफ्तार आरोपियों को ले कर पुलिस जयपुर रवाना हो गई.
लारेंस क्यों पड़ा था गोगामड़ी के पीछे
जयपुर के सोडाला थाने में तीनों आरोपियों से पुलिस अधिकारियों ने पूछताछ की. इन के अलावा 10 दिसंबर, 2023 को महेंद्रगढ़ (हरियाणा) निवासी भवानीसिंह उर्फ रोनी राहुल यादव और सुमित यादव को गुरुग्राम जेल से प्रोडक्शन वारंट पर जयपुर पुलिस टीम ने गिरफ्तार किया.
10 दिसंबर, 2023 को दोपहर 3 बजे जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जौर्ज जोसेफ एवं एडीजी क्राइम दिनेश एम.एन. ने प्रैसवार्ता कर गोगामेड़ी हत्याकांड का खुलासा किया. सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड की जो खौफनाक कहानी सामने आई, वह कुछ इस तरह से है…
आनंदपाल एनकाउंटर के बाद वर्ष 2017 में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने एनकाउंटर को फरजी बताते हुए 15 दिन तक धरनाप्रदर्शन किया था. आनंदपाल और लारेंस बिश्नोई गैंग के बीच छत्तीस का आंकड़ा था.
लारेंस जब किसी से रंगदारी मांगता तो राजू ठेहठ व सुखदेव सिंह रंगदारी नहीं देने देते थे. लारेंस राजस्थान में पैर पसारने चाहता था. मगर राजू ठेहठ के आगे उस की एक नहीं चलती थी. तब लारेंस ने अपने राइट हैंड रोहित गोदारा से राजू ठेहठ का इलाज करने को कहा. रोहित गोदारा ने अपने राइट हैंड वीरेंद्र चारण को यह काम सौंपा.
सूत्रों के अनुसार जब संपत नेहरा के सब से खास दोस्त अंकित भादू का एनकाउंटर हुआ था, तब सुखदेव सिंह ने कोई विवादित कमेंट किया था. यही कारण था कि पंजाब की भटिंडा जेल में बंद लारेंस बिश्नोई गैंग का गैंगस्टर संपत नेहरा गोगामेड़ी की हत्या की साजिश रचने लगा था. इस मर्डर के लिए वह एके-47 अरेंज करवा रहा था.
पंजाब पुलिस को यह जानकारी मिलते ही उन्होंने मार्च 2023 में राजस्थान पुलिस की एंटी टेररिस्ट सेल को सूचना दी थी कि गैंगस्टर संपत नेहरा सुखदेव गोगामेड़ी को मरवाने के लिए एके-47 अरेंज करवा रहा है.
इस पर राजस्थान एटीएस के डीआईजी अंशुमान भोमिया ने 14 मार्च, 2023 को एसओजी को गोगामेड़ी पर हमले की साजिश का अलर्ट भेजा था. जब पुलिस ने गोगामेड़ी को सुरक्षा नहीं दी, तब सुखदेव सिंह ने 5 निजी हथियारबंद सुरक्षा गार्ड रख लिए थे.
सुखदेव के पास पिस्टल भी रहती थी. कहीं बाहर जाते तब गोगामेड़ी बुलेटप्रूफ कोट पहन कर जाते थे. हमेशा गार्ड भी हथियारों के साथ चलते थे. उन्होंने बुलेटप्रूफ गाड़ी भी बनवा ली थी.
विधानसभा चुनाव आचार संहिता के कारण उन के गार्ड के हथियार पुलिस थाने में जमा थे. इसी वजह से उन्होंने 3 गार्डों को छुट्टी पर भेज दिया था. घटना के समय 2 गार्ड ही थे, सुखदेव गोगामेड़ी ने अपने औफिस का एक अलग कमरा बना रखा था.
कमरे में हाई सिक्योरिटी लौक लगा रखा था. अगर कोई भी मिलने आता था तो गार्ड कमरे के हाई सिक्योरिटी लाक को खोलता था. तभी कोई अंदर जा सकता था. खुद गोगामेड़ी भी बाहर से आने वाले लोगों को कैमरे से देखते रहते थे. उन की मरजी के बिना कोई भी नहीं आ सकता था.
5 दिसंबर को गोगामेड़ी किसी काम से बाहर जाने की जल्दी में थे. बाहर घर से निकलते समय ही नवीन शेखावत, नितिन फौजी, रोहित राठौड़ आ गए थे. गोगामेड़ी को बाहर जाने की जल्दी थी, ऐसे में हाई सिक्योरिटी कमरे के बजाय वे तीनों से गार्डरूम में ही मिल रहे थे. तभी शूटरों ने अपना काम कर दिया था.
गैंगस्टर रोहित गोदारा ने राजू ठेहठ हत्याकांड में शामिल व सुजानगढ़ में पुलिसकर्मी पर फायरिंग करने वाले गुर्गे वीरेंद्र चारण को गोगामेड़ी की हत्या करवाने के लिए शूटर की व्यवस्था करवाने की जिम्मेदारी दी. वाटेंड वीरेंद्र चारण ने गुरुग्राम जेल में बंद महेंद्रगढ़ (हरियाणा) निवासी भवानी सिंह उर्फ रोपी को सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या करने की सुपारी दी.
भवानी सिंह ने अपने साथी नितिन फौजी को गोगामेड़ी की हत्या का टारगेट दिया. वाटेंड वीरेंद्र चारण ने पहले से संपर्क में रहने वाले जयपुर निवासी रोहित राठौड़ को नितिन फौजी के साथ हत्या करने के लिए भेजा.
शूटरों तक कैसे पहुंचे हथियार और पैसे
नितिन और रोहित राठौड़ को वीरेंद्र चारण ने हथियार कुरियर बौय के माध्यम से पहुंचाते थे. रोहित राठौड़ और नितिन फौजी को वारदात से पहले 50-50 हजार रुपए भी दिए थे. हत्याकांड के बाद दोनों आरोपी लगातार वीरेंद्र चारण के संपर्क में थे. वीरेंद्र चारण रोहित गोदारा के संपर्क में था. रोहित गोदारा पलपल की अपडेट गोल्डी बराड़ को दे रहा था.
यह जानकारी पुलिस को ऐप की मदद से मिली. मददगार रामवीर ने पूछताछ में नितिन फौजी के मित्रों की जानकारी दी. इन में एक नाम भवानी सिंह उर्फ रोनी का था, जब हरियाणा पुलिस की मदद से जेल में बंद भवानी से पूछताछ की तो उस ने ऊधमसिंह का नाम बताया था.
ऊधमसिंह नितिन फौजी का दोस्त था. ऊधम का फोन बंद था. मगर पुलिस ने सोशल मीडिया के जरिए उस की पड़ताल कर के तीनों आरोपियों को चंडीगढ़ से धर दबोचा.
रामवीर को 10 दिसंबर को कोर्ट में पेश कर 8 दिन के रिमांड पर लिया गया है. वहीं दोनों शूटर आरोपी नितिन फौजी, रोहित राठौड़, एवं उन के मददगार ऊधमसिंह के अलावा जेल से प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किए भवानी सिंह उर्फ रोनी, राहुल यादव और सुमित को 11 दिसंबर, 2023 को जयपुर न्यायालय में पेश कर 7 दिन के रिमांड पर लिया गया था.
गोगामेड़ी हत्याकांड की जांच फिलहाल एनआईए के हाथ में है. देखते हैं कि मामले का पूरा पटाक्षेप किस तरह होता है.
स्कूली शिक्षा के दौरान ही धावक के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले सुखदेव गोगामेड़ी फिल्म ‘पद्मावत’ और आनंद पाल एनकाउंटर केस के बाद राजस्थान में हुए प्रदर्शनों से काफी चर्चा में आए. वर्ष 2017 में फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली कृत फिल्म ‘पद्मावत’ की जयपुर के किले में शूटिंग के दौरान करणी सेना के लोगों ने तोडफ़ोड़ की और गोगामेड़ी ने भंसाली के थप्पड़ भी जड़ दिया था.
आइए जानते हैं कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी कौन थे. आज से करीब 60 साल पहले सुखदेव सिंह के पिता अचल सिंह शेखावत मूलरूप से गांव धमोरा, जिला झुंझुनूं से हनुमानगढ़ जिले के गांव गोगामेड़ी के चक 9 डीपीएन में जा कर बस गए थे. हालांकि उन का घर धमोरा गांव में भी है, यहां पर अचल सिंह शेखावत खेतीबाड़ी कर के परिवार का पालनपोषण किया करते थे. अचल सिंह की शादी इच्छा राजकंवर से हुई थी.
अचल सिंह के 3 बेटे दलीपसिंह, सुखदेव सिंह और कानसिंह थे. वहीं एक बेटी मधुकंवर थी. सुखदेव सिंह से एक भाई बड़ा था एवं एक छोटा. सुखदेव सिंह का जन्म गोगामेड़ी में हुआ था. सुखदेव सिंह ने प्रारंभिक शिक्षा चादरा के विद्यालय में प्राप्त की. स्कूली पढ़ाई के बाद महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर से स्नातक किया.
आनंदपाल की मौत के बाद सुखदेव कैसे आए चर्चा में
कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह सांवराद का पुलिस ने 2017 में एनकाउंटर कर दिया था. इसे फरजी एनकाउंटर बताते हुए राजपूत समाज व करणी सेना ने कई दिनों तक आंदोलन किया था. इस आंदोलन की अगुआई सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने की थी. इस पर सुखदेव सिंह व अन्य पर रतनगढ़ थाने में मामला भी दर्ज किया गया था.
सुखदेव की हत्या के बाद उन के बड़े भाई दलीप सिंह के कंधों पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी आ गई है. साल 2006 में सब से पहले करणी सेना बनी थी. बाद में लोकेंद्र सिंह कालवी ने अलग संगठन राजपूत करणी सेना बनाया था. साल 2012 में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को राजपूत करणी सेना का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन बाद में लोकेंद्र सिंह कालवी और सुखदेव सिंह गोगामेड़ी में विवाद हो गया था. सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने 2017 में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के नाम से अलग संगठन बना लिया था, जिस के वह अध्यक्ष थे.
गोगामेड़ी की हत्या की जिम्मेदारी लेने वाला गैंगस्टर रोहित स्वामी उर्फ रोहित गोदारा निवासी गांव कपूरीसर नूण करण सर, जिला बीकानेर का रहने वाला है. 2 भाइयों में बड़ा हनुमान स्वामी है, जबकि छोटा रोहित गोदारा है.
हनुमान और रोहित जब 8-10 साल के थे, तब उन का बाल विवाह चोटाला (हरियाणा) की 2 सगी बहनों से हुआ था. 2005 में उन का गौना हो गया. खेत में ढाणी बना कर ये लोग रहते थे एवं खेतीबाड़ी से गुजरबसर करते थे. वर्ष 2005 में रोहित कपूरीसर से बीकानेर आ गया और मोबाइल की दुकान खोल ली.
उस का काम ठीक चल रहा था कि पत्नी से तूतूमैं मैं होने लगी. रोहित गरम स्वभाव का था, सो बीवी से पटरी नहीं बैठी. 2 साल बीतते ही 2007 में रोहित के खिलाफ उस की पत्नी ने दहेज उत्पीडऩ का केस दर्ज करा दिया. पुलिस ने रोहित को गिरफ्तार कर के बीकानेर जेल में डाल दिया. जेल में रोहित स्वामी से रोहित गोदारा बन गया. वर्तमान में वह राजस्थान में लारेंस के खास गुर्गों में शामिल है.
रोहित कैसे आया अपराध की दुनिया में
जेल में अपराधियों का साथ मिला तो वह भी अपराध की राह पर चल पड़ा. रोहित ने 19 साल की उम्र में ही अपराध की दुनिया में एंट्री कर ली थी. वह अब तक करीब 15 बार जेल जा चुका है, रोहित गोदारा के खिलाफ 2010 में पहला मुकदमा हत्या का दर्ज हुआ था.
रोहित जेल में बैठ कर भी वारदातों को अंजाम देता रहा और हर बार जमानत पर बाहर आ कर अपराध की दुनिया में लगातार पैर पसारता रहा. वहीं रोहित गोदारा के बारे में बताया जाता है कि वह खुद का गैंग भी चलाता है, जहां वह मोनू गैंग और गुठली गैंग को भी औपरेट करता है. इस के अलावा वह इन दिनों लारेंस बिश्नोई के लिए भी काम करता है और उस के खास लोगों में शामिल है.
सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद रोहित गोदारा 2022 में फरजी नाम से पासपोर्ट बनवा कर दुबई भाग गया था. तब से वह दुबई में बैठ कर पहले गैंगस्टर राजू ठेहठ और अब सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की अपने गुर्गों से हत्या करवा चुका है.
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की पत्नी शीला की रिपोर्ट पर थाना श्यामनगर में मामला दर्ज किया गया. रिपोर्ट निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पुलिस डीजीपी, रोहित राठौड़, नितिन फौजी, लारेंस बिश्नोई, रोहित गोदारा, संपत नेहरा एवं अन्य अज्ञात आरोपियों के खिलाफ दर्ज की गई.
दूसरी रिपोर्ट स्कूटी सवार हेमराज उर्फ बाबू खटीक (गोयल) निवासी सूर्य नगर, जयपुर ने दोनों शूटर रोहित राठौड़ एवं नितिन फौजी के खिलाफ 6 दिसंबर, 2023 को दर्ज कराई.
गैंगस्टरों की कैसे जुड़ी कड़ी से कड़ी
रिपोर्ट दर्ज होते ही पुलिस जांच में जोरशोर से जुट गई. डीजीपी उमेश मिश्रा ने 6 दिसंबर, 2023 को शूटरों रोहित राठौड़ एवं नितिन फौजी को पकडऩे के लिए एसआईटी का गठन किया. एसआईटी का नेतृत्व एडीजी क्राइम दिनेश एम.एन., डीआईजी कैलाशचंद्र विश्नोई के सुपरविजन में किया गया.
एसआईटी ने मामले की जांचपड़ताल शुरू कर दी. 200 से ज्यादा पुलिसकर्मी दौड़भाग करने लगे. आसपास के राज्यों के पुलिस अधिकारियों से भी मदद मांगी गई. रिपोर्ट दर्ज होने के बाद डीजीपी उमेश मिश्रा ने 6 दिसंबर को दोनों शूटरों रोहित राठौड़ एवं नितिन फौजी को पकड़वाने वाले को 5-5 लाख रुपए के इनाम की घोषणा कर दी.
पुलिस को सूचना मिली कि दोनों आरोपी एक टैक्सी से सुजानगढ़ बसस्टैंड गए थे. पुलिस ने उस टैक्सी ड्राइवर से पूछताछ की. उस ने बता दिया कि उन युवकों ने उसे 1500 रुपए किराया दिया था.
शनिवार 9 दिसंबर, 2023 को नितिन फौजी के दोस्त रामवीर निवासी महेंद्रगढ़ (हरियाणा) को राजस्थान पुलिस ने महेंद्रगढ़ से धर दबोचा. रामवीर ने बताया कि वह नितिन फौजी के साथ 12वीं तक पढ़ा है और खास दोस्त है. 12 वीं पास करने के बाद नितिन वर्ष 2019 में सेना में भरती हो गया. वह 19 जाट रेजिमेंट में वर्तमान में अलवर में तैनात था.
नितिन की एक साल पहले शादी जाट बहरोड़ (अलवर) राजस्थान में हुई थी. नितिन 2 दिन की छुट्टी पर 8 नवंबर, 2023 को अपने गांव देगड़ा जाट आया था. 9 नवंबर को वह महेंद्रगढ़ गाड़ी ठीक कराने का कह कर घर से निकला था. 9 नवंबर को नितिन फौजी और उस के साथियों ने एक व्यापारी का अपहरण कर लिया. इस की जानकारी महेंद्रगढ़ पुलिस को हुई तो पुलिस पीछा करने लगी. महेंद्रगढ़ पुलिस से नितिन वगैरह की मुठभेड़ हुई. पुलिस ने 3 आरोपी पकड़ लिए.
सुखदेव सिंह की हत्या से पहले 3 दिसंबर, 2023 को नितिन फौजी जयपुर पहुंचा. यहां पहुंचने से पहले ही नितिन फौजी ने रामवीर से संपर्क कर लिया था.
रामवीर ने उसे पहले महेशनगर के कीर्तिनगर में रुकवाया. इस के बाद अगले दिन गांधीनगर रेलवे स्टेशन के पास होटल में ठहराया. कुछ समय प्रतापनगर क्षेत्र में भी रहे. 4 दिसंबर, 2023 को उन्होंने ‘एनिमल’ फिल्म देखी. इस के बाद 5 दिसंबर को नितिन जा कर रोहित राठौड़ से मिला और वारदात को अंजाम दिया.
पहली गोली सुखदेव सिंह गोगामेड़ी (Sukhdev Singh Gogamedi) के सीने पर लगी. वह बचने के लिए उठते, उस से पहले ही गोलियों की बौछार दोनों हमलावरों ने कर दी. सुखदेव का परिचित नवीन बचाव के लिए सुखदेव की तरफ बढ़ा तो उस पर भी गोली चला दी.
नवीन बच कर बाहर भागा, तभी वहां मौजूद सुखदेव के दोस्त अजीत सिंह पर भी गोली चला दी. मात्र 20 सेकेंड में 17 राउंड गोलियां चलाईं. सुखदेव सिंह सोफे से लुढ़क कर नीचे गिर गए. आरोपियों में से एक ने जातेजाते सुखदेव के सिर में भी गोली मारी ताकि वह किसी भी हालत में जिंदा न बचें.
सुरक्षा गार्ड नरेंद्र को जब तक स्थिति का भान हुआ, तब तक आरोपी काम तमाम कर चुके थे. नवीन सिंह ड्राइंगरूम से बाहर निकल कर मकान के आगे जा कर गिर गया और दम तोड़ दिया. अजीत सिंह राजावत पर 7 गोलियां चलाई थीं. वह भी खून से लथपथ हो कर गिर पड़ा.
राजस्थान (Rajasthan) की राजधानी जयपुर (Jaipur) , जिसे गुलाबी नगर के नाम से भी जाना जाता है, के श्यामनगर में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना (Karni Sena) के राष्ट्रीय अध्यक्ष (National President) सुखदेव सिंह गोगामेड़ी 5 दिसंबर, 2023 को अपने निवास, जोकि कार्यालय भी है, में बैठे थे. उन के साथ उन के खास मित्र अजीत सिंह राजावत (Ajeet Singh Rajawat) भी थे.
वे दोनों बैठे बातचीत कर रहे थे. उस समय दोपहर के एक बज कर 10 मिनट हो रहे थे. तभी एक गाड़ी में सवार हो कर 2 व्यक्ति सुखदेव के परिचित नवीन शेखावत के (Naveen Shekhawat) साथ वहां पहुंचे.
उस वक्त गोगामेड़ी फोन पर बिजी थे, नवीन भी बातचीत सुन रहा था. अजीत सिंह का ध्यान भी सुखदेव सिंह पर था. तभी दोनों युवक जो नवीन शेखावत के साथ आए थे, उठे और पिस्टल निकाल कर दनादन सुखदेव सिंह पर गोलियां दागने लगे.
दोनों आरोपी चंद पलों में काम कर के बाहर भागे. गार्ड नरेंद्र ने पोजीशन ले कर उन पर फायर किए. जवाबी फायरिंग उन लोगों ने नरेंद्र पर की. नरेंद्र के पैर में गोली लगी. वह घायल हो गया. इस के बाद दोनों आरोपी मकान के बाहर सड़क पर पहुंचे.
उन्हें एक स्कूटी पर 2 लोग आते दिखे. उन लोगों ने स्कूटी सवार पर गोली चला दी. स्कूटी सवार गिर पड़े तो स्कूटी पर बैठ कर दोनों आरोपी वहां से भाग निकले, गार्ड ने घायल होने के बावजूद आवाज दी तो आसपास के लोग मौके पर पहुंचे.
गोलियों की आवाज आसपड़ोस के लोगों ने भी सुनी थी. उन लोगों ने सोचा कि कोई पटाखे चला रहा है. क्योंकि विधानसभा चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर, 2023 को आए थे.
लोगों ने जब माजरा समझा तो उन्होंने सुखदेव सिंह गोगामेड़ी, अजीत सिंह राजावत, नवीन सिंह शेखावत एवं गार्ड नरेंद्र को मानसरोवर के मेट्रो मास हौस्पिटल पहुंचाया. जहां डाक्टरों ने सुखदेव सिंह गोगामेड़ी और नवीन सिंह शेखावत को मृत घोषित कर दिया. गंभीर घायल अजीत सिंह राजावत को एस.एम.एस. हौस्पिटल रेफर कर दिया.
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या की खबर करीब 500 मीटर दूर स्थित श्यामनगर थाना पुलिस को लगी तो पुलिस घटनास्थल पर जा पहुंची. पुलिस ने घटना की जांचपड़ताल शुरू करने के साथ ही उच्चाधिकारियों को घटना की खबर दे दी.
सुखदेव सिंह की दिनदहाड़े घर में घुस कर गोली मारने की खबर मिलते ही उच्चाधिकारी घटनास्थल पर दौड़े चले आए. स्कूटी सवार बाबूलाल उर्फ हेमराज के जबड़े में गोली लगी थी. उसे भी अस्पताल में भरती कराया गया. घायल गनमैन नरेंद्र सिंह को मानसरोवर स्थित निजी अस्पताल में भरती कराया गया, जहां डाक्टरों ने उस का इलाज शुरू किया.
खबर पा कर पुलिस कमिश्नर बीजू जार्ज जोसफ भी घटनास्थल पर आ गए. एफएसएल टीम भी वहां पहुंच गई और जांच शुरू कर दी.
सुखदेव की मौत की खबर लगते ही धीरेधीरे हजारों समर्थक जुट गए. आक्रोशित समर्थकों ने सड़क पर टायर जला कर रास्ता बंद कर दिया. दोपहर से देर रात तक समर्थक हौस्पिटल के आगे जुटे रहे. यहां पहुंचे कई बड़े नेताओं ने सुखदेव को सुरक्षा नहीं देने को ले कर आक्रोश जताया और सरकार व पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की. सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के समर्थकों में भारी गुस्सा था. पूरे राजस्थान में बवाल सा मच गया.
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दोनों आरोपियों की पहचान कर ली थी. इन में एक शूटर नागौर जिले के मकराना के जूसरिया गांव एवं वर्तमान निवास स्थान जयपुर के झोटवाड़ा में चांद बिहारी नगर निवासी रोहित सिंह राठौड़ था.
इस के खिलाफ वैशालीनगर थाना (जयपुर) में पोक्सो ऐक्ट का मामला दर्ज है, जबकि दूसरे का नाम नितिन फौजी था, जो देंगड़ा जाट गांव महेंद्रगढ़ जिला हरियाणा निवासी है. वहीं नवीन सिंह शेखावत भी इन का साथी था. सबूत मिटाने के लिए शूटरों ने नवीन की भी हत्या कर दी थी.
रोहित गोदारा गैंग पर क्यों हुआ शक
एफएसएल टीम ने जो खाली खोखे मौके से बरामद किए, उन्हें देख कर लग रहा था कि रोहित गोदारा गैंग के पास इसी तरह के हथियारों का जखीरा है. गैंगस्टर राजू ठेहठ की हत्या 3 दिसंबर, 2022 को और जी-क्लब पर फायरिंग में इसी तरह के हथियारों व कारतूस का इस्तेमाल किया गया था.
डीजीपी उमेश मिश्रा को भी शक हुआ कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या रोहित गोदारा गैंग ने करवाई है.
रोहित गोदारा गैंग ने हत्या की जिम्मेदारी ले भी ली, सुखदेव सिंह की हत्या के बाद रोहित गोदारा के नाम से बने फेसबुक पेज पर पोस्ट कर लिखा, ‘राम राम, सभी भाइयों को. मैं रोहित गोदारा कपूरीसर गोल्डी बरार, भाइयों आज यह जो सुखदेव गोगामेड़ी की हत्या हुई है, इस की संपूर्ण जिम्मेदारी हम लेते हैं. यह हत्या हम ने करवाई है. भाइयों, मैं आप को बताना चाहता हूं कि ये हमारे दुश्मनों से मिल कर उन का सहयोग करता था. उन को मजबूत करने का काम करता था. रही बात दुश्मनों की तो वह अपने घर की चौखट पर अपनी अर्थी तैयार रखें. जल्दी उन से भी मुलाकात होगी.”
गोगामेड़ी की हत्या के बाद के घटनाक्रम पर डीजीपी नजर बनाए हुए थे, हत्यारों को पकडऩे के लिए नाकाबंदी कराई गई. उन तमाम जिलों में खासतौर पर सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए गए थे, जहां करणी सेना का व्यापक समर्थन है.
सुखदेव सिंह से लारेंस गैंग क्यों रहता था खफा
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी और लारेंस गैंग के बीच लंबे समय से झड़प की खबरें सामने आ रही थीं. लारेंस गैंग के सरगना संपत नेहरा ने भटिंडा जेल से मार्च 2023 में सुखदेव को जान से मारने की धमकी दी थी. धमकी मिलने के बाद सुखदेव गोगामेड़ी ने राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पुलिस डीजीपी, मंत्रियों, श्यामनगर एसएचओ सहित कई अधिकारियों को 3 बार प्रार्थनापत्र दे कर सुरक्षा की मांग की थी, लेकिन उन्हें सुरक्षा नहीं दी गई थी.
पुलिस अधिकारी मौका काररवाई निबटा कर कानून व्यवस्था संभालने में लग गए. उधर, 5 दिसंबर 2023 की शाम करणी सेना के हजारों कार्यकर्ता मेट्रो मास हौस्पिटल के आगे धरने पर पहुंच गए थे.