वेबसीरीज : CRIME BEAT

Web Series : इस वेब सीरीज (Web Series) की कहानी जर्नलिस्ट अभिषेक सिन्हा की क्राइम बीट के इर्दगिर्द घूमती नजर आती है. इस में जर्नलिस्ट एक गैंगस्टर और पुलिस की पड़ताल करता नजर आता है. बीचबीच में राजनीति का तड़का लगाने की असफल कोशिश भी की गई है. इसे देख कर दर्शक खुद को ठगा सा महसूस करता है.

कलाकार:  साकिब सलीम, सबा आजाद, राहुल भट, राजेश तैलंग, आदिनाथ कोठारे, मुस्तफा बर्मावाला, दानिश हुसैन, अनिल धवन, साई तम्हणकर आदि

लेखक: संजीव कौल, सोमनाथ बटाब्याल, करण राणा, अश्विन बर्मन और दिलीप केशव मखरिया.

निर्देशक: सुधीर मिश्रा और संजीव कौल. निर्माता: राजीव अग्रवाल, अरविंद अग्रवाल और मंजू अग्रवाल

ओटीटी: जी5

वेब सीरीज ‘क्राइम बीट’ सोमनाथ बटाब्याल की किताब ‘द प्राइस यू पे’ पर आधारित है, लेकिन जब किताब ही लोकप्रिय नहीं हो सकी तो उस पर आधारित बनी वेब सीरीज के बारे में किसी को क्या उत्सुकता हो सकती है. इस का निर्देशन भले ही दिग्गज निर्देशक सुधीर मिश्रा ने किया है, लेकिन सीरीज देख कर कहीं से भी नहीं लगता कि इस का निर्देशन उन्होंने किया है. क्योंकि डायरेक्शन बहुत खराब है. सीरीज कहीं से भी एंटरटेन नहीं करती.

कथा, संवाद भी बहुत कमजोर हैं. पुलिसिया भाषा का जिस तरह इस्तेमाल किया गया है, उस का उपयोग किए बिना भी अच्छी सीरीज बनाई जा सकती थी. अपराध कहानियां छापने वाली पत्रिका ‘मनोहर कहानियां’ और ‘सत्यकथा’ शिष्ट  भाषा का उपयोग कर के भी काफी लोकप्रिय रही हैं, उन्हीं की लोकप्रियता को देख कर लोग आपराधिक पृष्ठभूमि पर सीरीज बना रहे हैं, पर वे क्यों लोकप्रिय हैं, इस सच्चाई को कोई नहीं समझ पा रहा है.

सीरीज (Web Series) की हालत यह है कि पता ही नहीं चलता कि यह बनाई ही क्यों गई है. आज इतने और तरहतरह के घोटाले हो रहे हैं, फिर भी इस में पुराने कौमनवेल्थ गेम्स घोटाले को दिखाया गया है, जिस का कोई तुक नहीं है. रही बात ऐक्टिंग की तो कोई भी ऐक्टर ऐसा नहीं है, जिस की ऐक्टिंग इंप्रेस कर सके.

एपीसोड नंबर 1

सीरीज की शुरुआत में बिन्नी नाम का एक व्यक्ति दिखाई देता है, जो इंदिरापुरम का रहने वाला था. वह बहुत बड़ा गैंगस्टर था. सीरीज में बिन्नी की भूमिका राहुल भट ने निभाई है. इंदिरापुरम के लोग बिन्नी को बहुत चाहते थे, इसलिए उसे गिरफ्तार करने आई पुलिस के खिलाफ नारे लगाते हुए वह उस की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे. इस की वजह यह थी कि उस ने इंदिरापुरम वालों के लिए बहुत कुछ किया था. अचानक बिन्नी विरोध कर रहे लोगों के बीच आता है तो उसे कोई गोली मार देता है, जिस से उस की मौत हो जाती है.

इस के बाद सीरीज अतीत में चली जाती है. अर्चना पांडे और शिव बिन्नी के कहने पर लोगों का किडनैप करते थे. जबकि खबर यह थी कि बिन्नी देश छोड़ कर भाग गया है. रावत नाम का एक नेता बिन्नी के इस गैरकानूनी कामों में उस की मदद करता था, लेकिन उसे हमेशा इस बात का डर सताता रहता था कि कहीं बिन्नी के अपराधों की पुलिस को जानकारी न हो जाए. उसी दौरान रावत के पास एक वीडियो आता है, जिस में बिन्नी ने निशा नाम की एक महिला का किडनैप किया था. वह रोते हुए अपने पति से कह रही थी कि किडनैपर्स को पैसा दे कर उसे बचा लें.

रावत को पता था कि यह किडनैप किस ने किया है? तब रावत को लगता है कि बिन्नी को रास्ते से हटाना होगा, क्योंकि उसे दिल्ली का मुख्यमंत्री बनना है. इसलिए वह अपने लोगों से बिन्नी को तलाश कर मारने के लिए कहता है. इस के बाद बिन्नी अफगानिस्तान के एक शहर में दिखाई देता है, जहां वह पुलिस से बचने के लिए छिपा था. इस के बाद शिव और अर्चना अपनी कार से निशा को एक सुनसान सड़क पर ला कर छोड़ कर उसे घर जाने के लिए कहते हैं. यहां पता चलता है कि निशा का किडनैप शिव और अर्चना ने किया था. घबराई निशा जल्दी से एक टैक्सी में बैठ कर वहां से चली जाती है.

आगे पुलिस को बिन्नी की लोकेशन पता चल जाती है. पर पुलिस के वहां पहुंचने से पहले ही बिन्नी निकल जाता है. बिन्नी रावत को फोन करता है कि उसे कैसे भी दिल्ली आना है. आखिर कब तक वह इस तरह भागता रहेगा. रावत उस से कहता है कि वह सरेंडर कर दे. दिल्ली का सीएम बनते ही वह उसे जेल से निकाल लेगा, पर बिन्नी को रावत पर भरोसा नहीं था, इसलिए वह सरेंडर करने से मना कर देता है. आगे अभिषेक सिन्हा नाम का एक रिपोर्टर, जिस का रोल साकिब सलीम ने निभाया है. साकिब क्राइम रिपोर्टर की भूमिका अच्छे से नहीं कर सका.

अभिषेक उस टैक्सी ड्राइवर से मिलता है, जिस ने निशा को उस के घर तक छोड़ा था. टैक्सी ड्राइवर अशोक ने अभिषेक को बताया कि जब उस ने निशा को उस के घर छोड़ा था तो वहां कुछ पुलिस अधिकारी आए थे. उन्होंने उस से भी पूछताछ की थी. यही नहीं, उन अधिकारियों ने उसे पेड़ से उलटा लटकाया था. अभिषेक यह पूरी खबर अपने अखबार में छापता है तो यह समाचार पढ़ कर डीसीपी उदय अपने जूनियर मयंक को फोन कर के पूछते हैं कि उन्होंने उस टैक्सी ड्राइवर को उलटा क्यों लटकाया था?

डीसीपी उदय की भूमिका राजेश तैलंग ने की है तो उन के जूनियर एसीपी मयंक की भूमिका आदिनाथ कोठारे ने निभाई है. उन की वजह से पुलिस डिपार्टमेंट की काफी बदनामी हो रही है. मयंक उस समाचार को पढ़ कर काफी हैरान था. वह डीसीपी उदय से अभिषेक से मिलने की बात कह कर उसे थाने भेजने को कहता है. इस के बाद अभिषेक दिखाई देता है, जो अपने दोस्त रघु के साथ रह रहा था, क्योंकि उस की अपने पिता से बिलकुल नहीं बनती थी. अभिषेक के पिता नहीं चाहते थे कि वह रिपोर्टर बने. पुलिस अभिषेक को फोन कर के थाने बुलाती है तो वह मयंक से मिलने थाने पहुंच जाता है. मयंक उसे धमकाते हुए कहता है कि उस की हिम्मत कैसे हुई यह खबर छापने की. उसे इस के बारे में कुछ पता भी है.

इस पर अभिषेक कहता है कि वही पूरी बात बता दे. यहां पता चलता है कि अभिषेक अपनी खबर को कवर पेज पर लाने के लिए कुछ भी करने को तैयार था. अभिषेक के माफी मांगने पर मयंक उसे चेतावनी दे कर जाने के लिए कहता है. पता चलता है कि मयंक काफी ईमानदार अधिकारी है, जिस की वजह से उसे गलत बातों से सख्त नफरत थी. अभिषेक ‘द एक्सप्रैस’ अखबार में इंटरव्यू देने जाता है, जहां उस की मुलाकात माया कपूर से होती है, जो काफी समय से वहां नौकरी कर रही थी. माया कपूर का रोल सबा आजाद ने किया है. उस ने सीरीज में ऐसा कुछ नहीं किया, जिस की तारीफ की जा सके.

‘द एक्सप्रैस’ का मालिक आमिर अख्तर था. अभिषेक उस से मिलता है. उस ने अभिषेक का टैक्सी ड्राइवर वाला समाचार देखा था, इसलिए वह उसे अपने यहां नौकरी पर रख लेता है. इसी के साथ वह अभिषेक को अपने एक पत्रकार पशुपतिनाथ के साथ दिल्ली पुलिस की एक प्रैस कौन्फ्रैंस में भेजता है, लेकिन अभिषेक ने रास्ते में छोलेभटूरे खा लिए थे, जिस की वजह से उसे प्रैस कौन्फ्रैंस को बीच में ही छोड़ कर वाशरूम जाना पड़ा था.

आगे उदय मयंक से उस टैक्सी ड्राइवर के बारे में पता लगाने को कहता है, जिस से उस महिला के किडनैपर्स के बारे में पता चल सके. इतना कह कर मयंक और उदय कमरे से बाहर चले जाते हैं. उन के कमरे से बाहर जाते ही अभिषेक कमरे के वाशरूम से बाहर निकलता है. वह उन दोनों की बातें सुन लेता है. इस तरह उसे एक न्यूज और मिल गई थी. इस के बाद वह पशुपतिनाथ के साथ आ कर आमिर से मिलता है. पशुपतिनाथ आमिर को बताता है कि अभिषेक कौन्फ्रैंस के समय वाशरूम चला गया था, जिस से आमिर नाराज हो कर उसे निकाल देता है और कहता है कि उसे काम करने में लगन ही नहीं है.

आमिर घर जा रहा था, तभी अभिषेक उस से कहता है कि बिन्नी को ले कर उस के पास एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण न्यूज है, जो उस के अखबार को आगे बढ़ा सकती है. इस तरह अभिषेक के रिक्वेस्ट करने पर आमिर उसे दोबारा काम पर रख लेता है. यहां पता चलता है कि आमिर बिन्नी को बहुत पहले से जानता था. दोनों के बीच बहुत बड़ी दुश्मनी थी. आगे हम देखते हैं कि आमिर डीसीपी उदय को फोन कर के कहता है कि वह उस से कल मिलना चाहता है. दूसरी ओर बिन्नी ट्रक पर बैठ कर अफगानिस्तान की सीमा पार कर लेता है. बिन्नी जब सीमा पार कर रहा था, तब पुलिस का एक मुखबिर नूर को बताता है कि बिन्नी सीमा पार कर रहा है. नूर बिन्नी की तलाश में सीमा पर पहुंच जाती है, लेकिन बिन्नी उसे नहीं मिलता.

बिन्नी अर्चना को फोन कर के बताता है कि कल का दिन इंदिरापुरम वालों के लिए खुशी का दिन होगा. इस का मतलब वह कल इंदिरापुरम वालों के लिए कुछ करेगा. अगले दिन इंदिरापुरम में हेलीकौप्टर से नोटों की बारिश होने लगती है, जिसे देख कर सभी हैरान रह जाते हैं. हालांकि यह रुपयों की बारिश किसी और ने नहीं, बिन्नी ने ही करवाई थी.

एपीसोड नंबर 2

दूसरे एपीसोड के शुरू में आमिर उदय से मिल कर कहता है कि वह बिन्नी की पूरी सच्चाई उसे बताए, जिसे वह अपने अखबार में छाप कर दिल्ली वालों को उस की सच्चाई बताएगा. लेकिन उदय बिन्नी की कोई भी बात बताने से मना कर देता है, क्योंकि रावत ने उस से कहा था कि उस की बात कहीं किसी के सामने नहीं आनी चाहिए. हालांकि आमिर जानता था कि उदय रावत का चमचा है.

आगे अभिषेक आ कर पशुपतिनाथ को बताता है कि आज इंदिरापुरम में रुपयों की बरसात हुई है. शायद इस के पीछे बिन्नी का हाथ है. इस के बाद पशुपतिनाथ अभिषेक को बिन्नी और अर्चना के बारे में बताता है. उस ने बताया कि कई साल पहले अर्चना ऐक्टर बनने के लिए दिल्ली आई थी, लेकिन जब वह ऐक्टर नहीं बन पाई तो बिन्नी के गैंग में शामिल हो गई. अर्चना पांडे की भूमिका में साई तम्हणकर है.

इस के बाद दोनों मिल कर लोगों का किडनैप कर फिरौती वसूलने लगते हैं. इस तरह धीरेधीरे बिन्नी बहुत बड़ा गैंगस्टर बन जाता है. आगे माया अपने मैनेजर से जा कर कहती है कि वह इतने दिनों से क्राइम रिपोर्टर बनने का प्रयास कर रही थी, लेकिन उन लोगों ने उसे क्राइम रिपोर्टर बनाने के बजाय अभिषेक को क्राइम रिपोर्टर बना दिया. इस पर मैनेजर कहता है कि वह चिंता न करे. उस के बारे में वह आमिर सर से बात करेगा. उसी दौरान अभिषेक आमिर से जा कर कहता है कि वह बिन्नी के बारे में काफी ज्यादा जानकारी निकाल सकता है, लेकिन आमिर उसे बिन्नी पर रिपोर्टिंग करने से मना कर देता है.

आगे नूर को एक आदमी रुपए ले कर बिन्नी की लोकेशन बताता है. आगे लंच टाइम में माया अभिषेक से कहती है कि वह काफी समय से यहां काम कर रही है, जबकि उस ने आ कर उस का ड्रीम जौब छीन लिया. इस पर अभिषेक हंसने लगता है. यहीं दोनों में दोस्ती हो जाती है. इस के बाद टैक्सी ड्राइवर अशोक से मयंक मिलता है और उस महिला के बारे में पूछता है. अशोक बताता है कि वह महिला उस की टैक्सी से उतर कर येलो कलर की एक कार में बैठ गई थी, जिस पर किसी न्यूज चैनल का स्टिकर लगा था.

दूसरी ओर आमिर के औफिस में सभी रिपोर्टर अपनीअपनी खबर सुना रहे थे. अभिषेक भी अपनी खबर सुनाता है, लेकिन आमिर को अभिषेक की खबर में कोई दम नहीं दिखाई देता. वह अभिषेक से कहता है कि जब उस की खबर में दम होगा, तब उसे वह फ्रंट पेज पर छापेगा. अगले दिन आमिर मोटेरा नाम के आदमी से मिलने जाता है. मोटेरा को दिल्ली में होने वाले अवैध कामों की जानकारी होती थी. वह मोटेरा से पूछता है कि बिन्नी के हवाला के काम को कौन संभालता है? मोटेरा बताता है कि बिन्नी के हवाला कारोबार को सलीम देखता है. तब आमिर मोटेरा से सलीम और अर्चना के बारे में और जानकारी निकालने को कहता है.

शाम को अभिषेक आमिर को अपनी न्यूज सुनाता है, जो आमिर को पसंद नहीं आती. तब आमिर कहता है कि उस ने उसे क्राइम रिपोर्टर बना कर गलती की है. आगे मयंक को पीले रंग की कार के बारे में पता चलता है कि वह निशा बंसल की थी. फिर मयंक उदय को बताता है कि बिन्नी ने रितेश बंसल की पत्नी निशा बंसल का किडनैप किया था. रितेश कौमनवेल्थ गेम्स का ठेकेदार भी था. तब उदय मयंक से रितेश और निशा को थाने बुलाने को कहता है. आगे अर्चना और शिव एक बिजनैसमैन के बेटे अमित के किडनैप का प्लान बनाते दिखाई देते हैं. इस के बाद दोनों अमित के पीछे लग जाते हैं.

उधर औफिस में पशुपतिनाथ अभिषेक से कहता है कि क्राइम रिपोर्टर बनना बहुत मुश्किल काम है. अगर उस ने जल्दी कुछ अच्छा नहीं किया तो उसे यहां से निकाला जा सकता है. यह सुन कर अभिषेक टेंशन में आ जाता है. अपनी न्यूज फ्रंट पेज पर छपवाने के लिए रात को वह रघु से कहता है कि वह रात को बिन्नी के घर जा कर रिपोर्टिंग करेगा, ताकि उस की न्यूज फ्रट पेज पर आ जाए. लेकिन यह इतना आसान नहीं था. अगली सुबह अभिषेक और रघु इंदिरापुरम स्थित बिन्नी के घर पहुंच जाते हैं, जो काफी समय से बंद पड़ा था.

एपीसोड नंबर 3

जब अभिषेक और रघु बिन्नी के घर में घुसने लगते हैं तो एक आदमी उन्हें पकडऩे की कोशिश करता है. तब दोनों वहां से बच कर भाग निकलते हैं. उधर अर्चना अमित का पीछा करते हुए पब में आ जाती है और अमित के साथ डांस करने लगती है.

अमित भी उस के साथ इंजौय करने लगता है. दूसरी ओर अभिषेक रात को (Web Series) बिन्नी के घर में घुस जाता है तो वहीं बिन्नी को पुलिस उस के अड्ïडे पर छापा मार कर पकड़ लेती है. अभिषेक जब बिन्नी के घर में तलाशी ले रहा था, तभी एक आदमी उसे मार कर बेहोश कर देता है. अभिषेक की आंखें खुलती हैं तो सलीम नाम का आदमी उस से पूछता है कि वह इस घर में क्यों आया था?

तब अभिषेक कहता है कि वह इस घर में गलती से आ गया था. यह कह कर वह सलीम से जान की भीख मांगने लगता है. सलीम उसे धमका कर भगा देता है. आगे पुलिस बिन्नी को थाने ले जा रही थी तो बिन्नी के आदमी पुलिस पर हमला कर के उसे छुड़ा ले जाते हैं.

अभिषेक घर आता है तो रघु उसे खूब खरीखोटी सुनाता है. क्योंकि उसे आभास हो गया था कि बिन्नी का पीछा करने से उस की जान भी जा सकती थी. जबकि अभिषेक कहता है कि यह न्यूज उस के जीवन की सब से बड़ी न्यूज होगी, इसलिए वह इस मौके को बिलकुल नहीं छोड़ेगा. मयंक उदय के पास जा कर अर्चना की फोटो दिखाते हुए कहता है कि उसे अर्चना की यह फोटो मिली है. इसे वह पोस्टर बनवा कर पूरे शहर में लगवा देगा, जिस से उस का काम आसान हो जाएगा. लेकिन उदय मना कर देता है, क्योंकि वह नहीं चाहता था कि अर्चना को यह पता चले कि पुलिस उसे ढूंढ रही है.

आगे अभिषेक माया से मिलता है तो वह उसे पूरा शहर घुमाती है. यहां अभिषेक को पता चलता है कि माया अमीर बाप की औलाद है, जो केवल अपना शौक पूरा कर रही है. तभी सलीम के पास अर्चना और शिव आते हैं तो सलीम के घर के सामने खड़ा मोटेरा चुपके से अर्चना की फोटो खींच लेता है. अभिषेक पुलिस कमिश्नर से मिल कर कहता है कि वह पुलिस के बारे में एक न्यूज छापना चाहता है. तब कमिश्नर उसे डीसीपी उदय के पास भेज देते हैं. आगे थाने में मयंक निशा और रितेश से पूछताछ करता दिखाई देता है. रितेश कहता है कि उस की पत्नी का किडनैप नहीं हुआ था. निशा भी कहती है कि कुछ दिनों के लिए वह बाहर गई थी.

तभी टैक्सी ड्राइवर अशोक आ जाता है. तब निशा को न चाहते हुए भी बताना पड़ता है कि अर्चना नाम की महिला ने उस का किडनैप किया था और उस के पति से फिरौती ले कर उसे छोड़ा था. इस के बाद रितेश भी सारी सच्चाई बता देता है. अभिषेक उदय के पास आता है और कहता है कि वह पुलिस पर एक अच्छी न्यूज छापना चाहता है. तब उदय मयंक से कहता है कि इसे अपने साथ रखो, जिस से यह पुलिस पर एक अच्छा आर्टिकल छाप सके. मयंक अभिषेक को साथ ले जाता है. दोनों एक जगह बैठे होते हैं, तब अभिषेक मयंक से पूछता है कि इतना काम करते हुए वह अपने परिवार को कैसे संभालते हैं?

तब मयंक कहता है कि पुलिस वालों की जिंदगी बड़ी अजीब होती है. उन की आधी जिंदगी देश की सेवा में बीत जाती है तो आधी जिंदगी परिवार संभालने में. आगे मयंक अभिषेक को अर्चना की फोटो दिखाते हुए कहता है कि यह बिन्नी की साथी है, इसलिए उसे यह लड़की कहीं भी दिखाई दे तो वह उसे बताए. आगे बिन्नी दिल्ली जाने की तैयारी करता दिखाई देता है. वह पेशेंट बन कर दिल्ली जाना चाहता था, लेकिन इस बात की जानकारी नूर को हो जाती है तो वह यह बात रावत को बता देती है. रावत इस बात से हैरान रह जाता है. वह नहीं चाहता था कि बिन्नी दिल्ली आए, क्योंकि वह उस के लिए परेशानी बन सकता था.

फिर आमिर उदय को एक फोटो दिखाता नजर आता है, जिस में अर्चना और सलीम एक साथ थे. यह फोटो आमिर को मोटेरा ने दी थी, लेकिन उदय सलीम को गिरफ्तार करने से मना कर देता है. तभी रावत उदय को फोन कर के बताता है कि बिन्नी प्लेन से दिल्ली आ रहा है. वह एयरपोर्ट पर जा कर उसे गिरफ्तार कर ले. रावत की बात मान कर उदय एयरपोर्ट जाता है, पर उसे वहां बिन्नी नहीं मिलता. वह रावत को फोन कर के यह बात बताता है तो रावत कहता है कि वह किसी भी तरह बिन्नी को गिरफ्तार करे, वरना वह भी नहीं बचेगा. इस से उदय टेंशन में आ जाता है.

एपीसोड नंबर 4

चौथे एपीसोड (Web Series) में बिन्नी मुंबई एयरपोर्ट पर उतर कर दिल्ली के लिए निकलता दिखाई देता है. पुलिस उसे पकड़ नहीं पाती.जब इस बात की जानकारी रावत को होती है तो वह उदय से कहता है कि बिन्नी हमारे लिए बहुत बड़ा सिर दर्द बनता जा रहा है, उसे किसी भी तरह खत्म करना होगा. औफिस में अभिषेक आमिर को अपनी न्यूज बता रहा था, जो आमिर को पसंद भी आती है, लेकिन तभी एक महिला रिपोर्टर आ जाती है और वह एक बच्चे के मर्डर की न्यूज बताती है. आमिर उस न्यूज को फ्रंट पेज पर छाप देता है. अभिषेक की न्यूज नहीं छपती तो उसे बहुत गुस्सा आता है.

दूसरी ओर अर्चना बिन्नी से कहती है कि उसे दिल्ली नहीं आना चाहिए था. पुलिस के साथसाथ अभिषेक नाम का रिपोर्टर भी उस के पीछे पड़ा है. बिन्नी कहता है कि उसे किसी से डर नहीं लगता. वह इंदिरापुरम वालों को छोड़ कर ज्यादा दिनों तक बाहर नहीं रह सकता. आमिर अपने एक दोस्त किशोर के बेटे के बर्थडे पर जाता है, लेकिन वह मन ही मन बहुत उदास था, क्योंकि उस के बेटे को मरे कई साल हो गए थे, फिर भी वह बेटे का बर्थडे बड़ी धूमधाम से मनाता था.

दरअसल, कई साल पहले बिन्नी के लोगों ने फिरौती के लिए किशोर के बेटे का किडनैप कर लिया था, लेकिन आमिर ने उस से कहा था कि वह चिंता न करे, उस के बेटे को वह वापस ले आएगा. लेकिन पुलिस मुठभेड़ में किशोर का बेटा मारा गया था, इसलिए किशोर के बेटे की मौत का जिम्मेदार आमिर खुद को मानता था और हर हालत में वह बिन्नी को सजा दिलवाना चाहता था. रात को औफिस के सभी लोग अभिषेक के घर पार्टी करने आते हैं, जिन्हें माया ले कर आई थी. जब सभी लोग पार्टी कर रहे थे, तब अभिषेक बाहर उदास बैठा था. माया बाहर आ कर उस से उदासी का कारण पूछती है और उस से कहती है कि एक न एक दिन उस की न्यूज फ्रंट पेज पर अवश्य छपेगी. अभिषेक को यह अच्छा लगता है.

अगले दिन अभिषेक औफिस जाता है तो उसे पशुपतिनाथ की केबिन में बिन्नी की फोटो लगी दिखाई देती है. पशुपतिनाथ उस से कहता है वह आमिर को बिना बताए बिन्नी की खबर निकाल रहा है. इस पर अभिषेक कहता है कि उसे विश्वास है कि बिन्नी की खबर उस के अखबार को आगे ले जाएगी, लेकिन यह बात वह आमिर सर को न बताए, वरना वह उस पर गुस्सा करेंगे. आगे अर्चना अमित को मिलने के लिए फोन करती है. अमित उस के जाल में फंस कर उस से मिलने चला जाता है. अभिषेक धीरज नाम के व्यक्ति से मिलता है और बिन्नी के बारे में पूछता है.

धीरज कहता है कि अगर वह बिन्नी को देखना चाहता है तो उसे करुणाजी से मिलना होगा, क्योंकि वह अपना हर काम करुणाजी से आशीर्वाद ले कर ही करता है. करुणाजी आहना की दादी थी. अभिषेक यह सोचने लगता है कि वह आहना से कैसे मिले. दूसरी ओर अमित अर्चना को रघु के घर रोमांस करने के लिए ले जाता है, क्योंकि रघु और अमित अच्छे दोस्त थे. जब अर्चना और अमित शारीरिक संबंध बनाने लगते हैं, तभी रघु और अभिषेक आ जाते हैं. अर्चना को देख कर अभिषेक दंग रह जाता है, पर वह कहता कुछ नहीं है.

अमित मजे करने के लिए अर्चना को ले कर अपने घर चला जाता है. हालांकि अभिषेक समझ गया था कि अर्चना का अगला टारगेट अमित है. यह बात वह मयंक को बताता है तो मयंक टीम के साथ अमित के घर के लिए निकल पड़ता है. उधर अमित और अर्चना रोमांस कर रहे थे, तभी अमित के पिता महाजन आ जाते हैं. वह कुछ कहते, तभी बिन्नी अर्चना को फोन कर के कहता है कि वह जल्दी से महाजन को ले कर निकले, क्योंकि पुलिस आ रही है.

एपीसोड नंबर 5

पांचवें एपीसोड की शुरुआत में अर्चना महाजन को ले कर निकल रही थी, तभी मयंक अपनी टीम के साथ पहुंच जाता है. दोनों ओर से गोलियां चलती हैं. 4 पुलिस वाले मारे जाते हैं, लेकिन अर्चना महाजन को ले कर निकल जाती है. मयंक उदास हो जाता है, क्योंकि वह अर्चना को पकड़ नहीं सका था. अभिषेक भी वहां पहुंच गया था और पूरी घटना की रिकौर्डिंग करने लगा था. अंत में मयंक ने उस से कहा कि उसे यहां नहीं आना चाहिए था, ऐसे में उस की जान जा सकती थी. तब अभिषेक कहता है कि जब वे अपने काम के लिए जान की परवाह नहीं करते तो वह अपने काम के लिए जान की परवाह कैसे कर सकता है.

आगे उदय मयंक से मिलने जाता है. उसे पता चल गया था कि मयंक अर्चना को पकडऩे गया था. उदय मयंक पर बहुत गुस्सा होता है कि उस की लापरवाही की वजह से 4 पुलिसवालों की जान चली गई. मयंक कहता है कि उस के पास समय बहुत कम था, इसलिए उस की परमीशन के बगैर ही वह वहां चला गया था. तब इमोशनल हो कर मयंक कहता है कि वह किसी भी हालत में बिन्नी को पकडऩा चाहता है, क्योंकि उस ने उस के पिता को मारा था.

तब उदय गुस्से में कहता है कि उस के पिता एक गद्ïदार आदमी थे, उन्हीं की वजह से आज बिन्नी आजाद घूम रहा है. यह सुन कर मयंक के पैरों तले से जमीन खिसक जाती है, क्योंकि वह अपने पिता की बहुत इज्जत करता था. इस के बाद अतीत में दिखाया जाता है कि आमिर आ कर उदय को बताता है कि बिन्नी ने उस के दोस्त किशोर के बेटे का किडनैप किया है. उदय और रावत चाहते थे कि बिन्नी को मार दिया जाए, क्योंकि रावत नहीं चाहता था कि आगे चल कर बिन्नी उस का भांडा फोड़ दे.

उदय बिन्नी को मारने जाता है तो उस के पहले ही मयंक के पिता बिन्नी को पुलिस के आने की सूचना दे देते हैं. बिन्नी भाग जाता है और मारे जाने से बच जाता है. जब उदय को पता चलता है कि मयंक के पिता बिन्नी के लिए काम करते हैं तो वह गुस्से में मयंक के पिता को गोली मार देता है. यह बात केवल एक आदमी को पता थी, जिस के बारे में आगे चल कर पता चलेगा.

अभिषेक आमिर को एक वीडियो दिखाता है, जिस में अर्चना पुलिस वालों पर गोलियां चला रही थी. अभिषेक आमिर से कहता है कि अगर यह न्यूज फ्रंट पेज पर आ गई तो उस का अखबार आगे बढ़ जाएगा. आमिर को उस की यह न्यूज पसंद आ गई थी. वह उसे फ्रंट पेज पर छापने के लिए राजी हो जाता है. अभिषेक बहुत खुश होता है. जा कर माया के साथ पार्टी करता है. इतना ही नहीं, दोनों शारीरिक संबंध भी बनाते हैं.

अगले दिन सुबह अभिषेक अपनी न्यूज देखने के लिए बड़ी बेसब्री से अखबार का इंतजार कर रहा था, लेकिन जब अखबार आता है तो न्यूज तो उस की छपी थी, लेकिन उस के नीचे आमिर का नाम छपा था. यह बात उस की समझ में नहीं आती. वह औफिस जा कर जब यह बात आमिर से पूछता है तो आमिर कहता है कि यह न्यूज उस की नहीं थी. वह काफी समय से बिन्नी पर नजर रख रहा था. लेकिन अभिषेक उस पर गुस्सा था, क्योंकि आमिर ने उस का क्रेडिट चुरा लिया था.

एपीसोड नंबर 6

छठें एपीसोड (Web Series) के शुरू में नाराज अभिषेक आमिर को खरीखोटी सुना कर नौकरी छोड़ कर चला जाता है. दूसरी ओर महाजन के किडनैप की खबर पूरी दिल्ली में फैल गई थी. तब बिन्नी अर्चना से कहता है कि ये अखबार वाले अपने फायदे के लिए किसी को भी बदनाम कर सकते हैं. उस की बातों से पता चलता है कि बिन्नी के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था.

अभिषेक ‘द एक्सप्रैस’ की नौकरी छोड़ कर दूसरी जगह नौकरी खोजता है, पर उसे कहीं नौकरी नहीं मिलती, क्योंकि उस ने आमिर से पंगा जो ले लिया था. अभिषेक एक रेस्टोरेंट में पशुपतिनाथ के साथ बैठा था तो पशुपतिनाथ कहता है कि उस ने आमिर से पंगा ले कर ठीक नहीं किया. अब शायद ही उसे कहीं काम मिल सके. यह सुन कर अभिषेक सोच में पड़ जाता है कि अब वह क्या करेगा.

दूसरी ओर मयंक अपने पिता की सच्चाई जानने के लिए उन के दोस्त कृपाल से मिलता है तो वह बताते हैं कि उस के पिता ने बिन्नी को पुलिस के आने की सूचना दे दी थी, जिस से वह बच कर भाग गया था. तब मयंक पूछता है कि तब उस के पिता को मारा किस ने? कृपाल सच्चाई बता देता है. तब मयंक निर्णय लेता है कि वह अपने सीनियर से उदय की सच्चाई बता देगा. आगे पशुपतिनाथ अभिषेक को एक न्यूज चैनल में ले जाता है. पशुपतिनाथ ने अभिषेक की मदद इसलिए की थी, क्योंकि बहुत पहले आमिर ने पशुपतिनाथ की न्यूज की भी क्रेडिट चोरी कर ली थी. अभिषेक को वहां नौकरी मिल जाती है.

दूसरी ओर माया से आमिर कह रहा था कि अब वह बिन्नी के बारे में जानकारी निकालने का काम करेगी, लेकिन माया यह काम नहीं करना चाहती थी, क्योंकि उसे पता था कि इस पर अभिषेक काम कर रहा है. तब आमिर उस से कहता है कि उसे बहुत बड़ा क्राइम रिपोर्टर बनना है. यही मौका है उसे खुद को साबित करने का. इस पर माया मान जाती है.

अभिषेक अपने न्यूज चैनल की ओनर सुमेरा को बताता है कि बिन्नी ने जिन का किडनैप किया था, वे कौमनवेल्थ गेम्स के कौन्ट्रैक्टर थे. इस का मतलब बिन्नी का इस से जरूर कोई लेनादेना है. तब सुमेरा पूछती है कि वह आमिर से पहले बिन्नी तक पहुंच सकता है? तब अभिषेक कहता है कि वह चिंता न करें. वह आमिर से पहले बिन्नी तक पहुंच जाएगा. इस के बाद वह प्रोड्यूसर के रूप में आहना से फोन पर बात करता है और कहता है कि वह उस की दादी से मिलना चाहता है. उस के बाद वह उसे अपनी फिल्म में ले लेगा. इस पर आहना मान जाती है.

बिन्नी विपक्ष के नेता शर्मा से मिलता है और उस से कहता है कि वह उस की सरकार बनाने में मदद कर सकता है, क्योंकि उस के कहने पर महाजन कौमनवेल्थ गेम्स में हुए सारे घोटालों के बारे में बता देगा, जिस से रावत की सारी पोल खुल जाएगी. फिर दिल्ली में उस की सरकार राज करेगी. इस पर शर्मा मान जाता है और उस की मदद करने को राजी हो जाता है. बिन्नी की शर्त यह थी कि वह सरेंडर करेगा तो उस की सजा कम करवा दी जाए और चुनाव लडऩे में उस की मदद की जाए. शर्मा इस के लिए भी राजी हो जाता है. आगे उदय रावत से मिलने जाता है तो रावत उस से कहता है कि वह बिन्नी को अब तक पकड़ नहीं सका. किसी भी हालत में वह उसे पकड़े और मार डाले.

दूसरी ओर अभिषेक अपने घर पर काम कर रहा था, तभी आहना का फोन आता है और वह अपनी दादी से मिलने के लिए घर बुला लेती है. अभिषेक वहां पहुंचता है तो वहां कमरे में बिन्नी बैठा था. बिन्नी को देख कर उस की हालत खराब हो जाती है. पहले तो बिन्नी अभिषेक को डराता है और कहता है कि उस के परिवार के बारे में उसे सब पता है. उस की भी उस पर नजर है. यह सुन कर अभिषेक डर जाता है. आगे माया किशोर का इंटरव्यू लेने जाती है. किशोर अपने बेटे के बारे में सोच कर काफी दुखी था.

तब माया कहती है कि वह उस के बेटे के किडनैप की कहानी अपने अखबार में छापेगी, जिस से इंदिरापुरम वालों के सामने बिन्नी का असली चेहरा आएगा और वे उस से नफरत करने लगेंगे. तब किशोर अपने बेटे के किडनैप की कहानी माया को सुनाने लगता है. दूसरी ओर बिन्नी अभिषेक से कहता है कि वह उस के पीछे क्यों पड़ा है? अभिषेक कहता है कि वह सभी को उस के बारे में बताना चाहता है. तब बिन्नी उसे अपने खुफिया घर में ले जाता है और कहता है कि उस से पहले उसे एक आदमी  की सच्चाई बाहर लानी होगी.

एपीसोड नंबर 7

इस के बाद महाजन को दिखाते हैं. वह अभिषेक को कौमनवेल्थ गेम्स घोटाले के बारे में बताता है कि उसे जो टिश्यू पेपर बांटने को मिला था, उस की कीमत 30 रुपए थी, जिसे उन्होंने 75 रुपए में दिया था. इस तरह उन्होंने साढ़े 3 सौ करोड़ का घोटाला किया था. अभिषेक ने यह पूरा मामला रिकौर्ड कर लिया था, जिसे उस ने सुमेरा को दिखाया तो उस के भी होश उड़ गए थे. उस ने अभिषेक से पूछा कि बिन्नी ने उसे मारा क्यों नहीं? अभिषेक ने कहा कि बिन्नी को अपनी बात रखने के लिए एक प्लेटफार्म चाहिए. इसलिए बिन्नी अपना इंटरव्यू उसे देने को तैयार है, लेकिन सुमेरा इतनी बड़ी न्यूज दिखाने से घबरा रही थी, क्योंकि इस घोटाले में बड़ेबड़े लोग शामिल थे.

तब अभिषेक कहता है कि अगर वह इस रिकौर्डिंग को नहीं चलाना चलाती तो वह इसे किसी दूसरे चैनल को दे देगा. सुमेरा भी इतना अच्छा मौका नहीं गंवाना चाहती थी, इसलिए वह अपने चैनल के हैड से बात कर के इसे चलाने के लिए कहती है. मयंक पुलिस कमिश्नर से मिल कर बताता है कि उस के पिता बिन्नी के लिए काम करते थे, इसलिए उदय ने उन्हें गोली मार दी थी. तब पुलिस कमिश्नर ने कहा कि अपराध करने वाला कोई भी हो, उसे उस के अपराध की सजा अवश्य मिलेगी. वह उदय को नौकरी से निकाल देंगे.

दूसरी ओर महाजन की वीडियो शर्मा के पास आ जाती है, जिसे देख कर वह बहुत खुश होता है, क्योंकि उसे पता था कि महाजन के साथ इस घोटाले में रावत भी शामिल है और रावत की सरकार गिराने के लिए कुछ भी कर सकता था. उदय रावत से मिलने उस के घर जाता है और कहता है कि उसे नौकरी से निकाल दिया गया है. कैसे भी कर के वह उस की नौकरी दिला दें.

तब रावत कहता है कि अगर वह बिन्नी को मार देता है तो वह उसे नौकरी दिलवा देगा. माया अभिषेक के घर आती है तो वह उसे महाजन की वीडियो दिखा कर कहता है कि कल यह वीडियो उस के चैनल पर दिखाई जाएगी. इस के बाद वह फेमस हो जाएगा. माया को इस बात से जलन होती है. वह अभिषेक से शारीरिक संबंध बनाती है और फिर उस के सो जाने पर वह वीडियो चुरा कर भाग जाती है.

वह वीडियो ले जा कर आमिर को देती है तो वह बहुत खुश होता है, लेकिन सही समय पर पशुपतिनाथ अभिषेक को बता देता है कि उस की वीडियो माया चुरा लाई है. इसलिए आमिर वह वीडियो अपने चैनल पर चलाए, उस के पहले वह वीडियो अपने चैनल पर चलवा दे. अभिषेक सुमेरा से बात करता है तो वह वीडियो चलवा देती है. दूसरी ओर आमिर और माया वीडियो चलवाने की तैयारी कर रहे थे कि वे देखते हैं कि अभिषेक टीवी पर महाजन के घोटाले के बारे में बता रहा था.

एपीसोड नंबर 8

आठवें एपीसोड (Web Series) के शुरू में रात को अभिषेक माया को खरीखोटी सुनाने के लिए फोन करता है. माया जैसे ही फोन उठाती है, कुछ लोग उसे किडनैप कर ले जाते हैं. अभिषेक उस की आवाज सुन कर घबरा जाता है. वह पशुपतिनाथ को फोन करता है तो वह बताता है कि कुछ देर पहले माया का किडनैप हुआ है और उस का फोन एक पार्किंग से मिला है.

अभिषेक को लगता है कि माया का किडनैप बिन्नी ने ही करवाया है. तब वह बिन्नी को फोन कर के पूछता है कि उस ने माया का किडनैप क्यों किया है? बिन्नी कहता है कि माया का भी इस घोटाले से संबंध है. वह यहां आएगा तो उसे सब पता चल जाएगा. इस के बाद बिन्नी महाजन से कहता है कि उसे सब के सामने बयान देना होगा, लेकिन महाजन बयान देने से मना करता है तो बिन्नी धमकाता है कि वह बयान नहीं देगा तो उस की पत्नी बयान देगी, वरना वह उस के बेटे को मार देगा. इस से महाजन डर जाता है.

उदय बिन्नी को मारने के लिए उस के बगल वाले घर में पहचान बदल कर रहने लगता है. अभिषेक बिन्नी के घर जाता है. सीबीआई को भी बिन्नी के इंदिरापुरम में रहने का पता चल गया था.

बिन्नी के घर से महाजन की पत्नी का लाइव टेलीकास्ट हो रहा था. वह अपने बयान में बताती है कि कौमनवेल्थ गेम्स में करीब 2 हजार करोड़ का घोटाला हुआ था, जिस में विक्की कपूर की मुख्य भूमिका थी. विककी माया के पिता थे. माया को इस बात पर विश्वास ही नहीं होता. विक्की यह समाचार देख कर परेशान हो जाता है. माया बिन्नी से कहती है कि उसे क्या लगता है, वह यह सब कर के हीरो बन जाएगा. उस के पापा ने ऐसा कुछ भी नहीं किया है.

बिन्नी कहता कि उसे सभी लोग दुश्मन मानते हैं, लेकिन असली गुनहगार तो उस के पापा हैं. सब के सामने वह अपना अपराध स्वीकार करेंगे. उधर विक्की रावत के घर जा कर कहता है कि उस ने उसे कितने पैसे दिए थे, फिर भी उसे यह दिन देखना पड़ रहा है. रावत कहता है कि वह चिंता न करे. वह सिर्फ अपनी बेटी के बारे में सोचे, बाकी वह सब ठीक कर देगा. तभी दिखाई देता है कि बहुत सारी पुलिस और सीबीआई बिन्नी को पकडऩे उस के घर के सामने आ जाती है, लेकिन इंदिरापुरम के लोग उन्हें अंदर जाने ही नहीं दे रहे थे. तभी उदय दिखाई देता है, जो बिन्नी को मारने के लिए एक आदमी से गन मंगाता है.

अभिषेक माया से मिलता है तो माया कहती है कि आज वह बहुत खुश होगा, क्योंकि उस ने एक सही आदमी को गलत साबित कर दिया है. तब अभिषेक कहता है कि उस के पापा ने जनता को लूटा है. धोखा देना तो उस के खून में है. उस ने भी तो धोखा दे कर उस की वीडियो चुराई थी. तभी टीवी पर आमिर दिखाई देता है, जो कह रहा था कि बिन्नी एक किडनैपर है. उस ने कई लोगों का किडनैप कर के हत्या की है. इस के बावजूद जनता बिन्नी को अपना हीरो मान रही थी. अभिषेक बिन्नी का इंटरव्यू ले रहा था. वह उस से पूछता है कि उस ने इतने किडनैप और हत्याएं की हैं तो वह सरेंडर क्यों नहीं कर देता?

बिन्नी कहता कि वह उस दिन सरेंडर कर देगा, जिस दिन इस घोटाले में शामिल सभी लोगों के नाम सामने आ जाएंगे. उधर विक्की को अपनी बेटी की चिंता सता रही थी. रावत कहता है कि अगर उसे अपनी बेटी चाहिए तो वह अपनी गलती मान ले. एक बार बिन्नी पुलिस के हाथ लग जाए, उस के बाद वह सब ठीक कर देगा. विक्की रावत की बात मान कर बिन्नी के घर चला जाता है, जहां अभिषेक को इंटरव्यू देते हुए वह कहता है कि उस के इस घोटाले में रावत भी बराबर का हिस्सेदार था. इस समाचार के बाद शर्मा कहता है कि जिस देश में रावत जैसे नेता होंगे, उस देश का कभी भला नहीं हो सकता, इसलिए उसे इस्तीफा देना होगा.

यह देख कर बिन्नी खुश हो कर अर्चना से कहता है कि वह यहां से कहीं दूर चली जाए, क्योंकि अब वह सरेंडर करने जा रहा है. अर्चना उसे रोकती है, पर वह नहीं मानता. वह सरेंडर करने जा रहा था, तभी उदय उसे मारने की कोशिश करता है, पर मयंक उसे पकड़ लेता है. लेकिन भीड़ में शामिल किशोर उसे मार कर बेटे की मौत का बदला ले लेता है. इस के बाद घोटाले में शामिल सभी लोगों को जेल हो जाती है और घोटाले का खुलासा करने की वजह से अभिषेक फेमस हो जाता है.

साकिब सलीम

सीरीज में जर्नलिस्ट अभिषेक सिन्हा की भूमिका निभाने वाले साकिब सलीम कुरैशी का जन्म दिल्ल्ी में हुआ था. इस के पिता 10 भोजनालय चलाते हैं, जो पूरे दिल्ली में फैले हैं. इस की एक बहन हुमा कुरैशी और 2 भाई नईम कुरैशी और हुसैन कुरैशी हैं. पढ़ाई पूरी करने के बाद साकिब पिता की भोजनालय चलाने में मदद करने लगा था, लेकिन उसे यह काम पसंद नहीं था, इसलिए वह मौडलिंग करने लगा.

कुछ दिनों बाद उसे टीवी के विज्ञापन मिलने लगे. तब उसे फिल्मों में काम करने की इच्छा होने लगी. अपने करीबी दोस्त वरुण बहल की मदद से साकिब ने यशराज फिल्म्स में औडीशन दिया. जिस के 8 महीने बाद एक हास्यप्रेम वाली फिल्म ‘मुझ से फ्रेंडशिप करोगे’ में मुख्य भूमिका के लिए चुना गया. इस फिल्म की कहानी फेसबुक पर आधारित प्रेम की थी. जिस में गलत परिचय के साथ प्रेम शुरू हुआ था

इस के बाद साकिब ने ‘मेरे डैड की मारुति’, ‘बौंबे टौकीज’, ‘हवाहवाई’, ‘ढिशुम’, ‘दोबारा:  सी योर एविल’, ‘दिल जंगली’ और ‘रेस 3’ में भी काम किया है.

सबा आजाद

‘क्राइम बीट’ सीरीज में माया कपूर की भूमिका निभाने वाली सबा आजाद का पूरा नाम सबा सिंह ग्रेवाल है. सबा थिएटर कलाकार सफदर हाशमी की भतीजी है. एक थिएटर परिवार में पैदा होने की वजह से बहुत कम उम्र में सबा सफदर हाशमी के थिएटर ग्रुप ‘जन नाट्य मंच’ के साथ प्रदर्शन करने लगी, जहां उस ने हबीब तनवीर, कृष्ण रैना, गोविंद पुरुषोत्तम देशपांडे और एन.के. शर्मा के साथ काम किया. उस ने ओडिसी, शास्त्रीय बैले, जैज, लैटिन के साथसाथ समकालीन नृत्यों में प्रशिक्षण भी लिया. अपने ओडिसी गुरु किरण सहगल के साथ उस ने इंगलैंड, कनाडा, नेपाल आदि देशों की यात्रा कर के नृत्य का प्रदर्शन भी किया है.

फिल्मों (Web Series) में वह पढ़ाई के बाद आई, जब उस ने निर्देशक ईशान नायर की लघुफिल्म ‘गुरूर’ में मुख्य भूमिका निभाई थी. बौलीवुड में अपने करिअर की शुरुआत राहुल बोस के साथ फिल्म ‘दिल कबड्ïडी’ से की, इस के बाद वह फिल्म ‘मुझ से फ्रेंडशिप करोगे’ में प्रीति सेन के रूप में नवागंतुक अभिनेता निशांत दहिया और साकिब सलीम के साथ प्रमुख भूमिका में दिखाई दी. इन के अलावा उस ने फिल्म ‘शुद्ध शाकाहारी’, ‘जुड़े हुए’, ‘इश्क लगता है’ और ‘राकेट बौयज’ में काम किया है.

सबा भारतीय इंडी संगीत की एक लोकप्रिय संगीतकार और गायिका भी है. लोकप्रिय इलैक्ट्रानिक बैंड मैकबौय/मिक की पार्टनर है. इस की शुरुआत उस ने साल 2012 में अभिनेता और संगीतकार इमाद शाह के साथ की थी. सबा की अपनी थिएटर कंपनी ‘द स्किंस’ है. उस ने कैडबरी, पांड्स, मैगी, टाटा स्काई, गूगल, किटकैट, वोडाफोन, सनसिल्क, नेस्कैफे, भारती एयरटेल के विज्ञापनों के साथसाथ क्लीन एंड क्लियर, ट्रेट (वेस्टसाइड), एमवे के अलावा कई अन्य ब्रांडों के लिए प्रिंट अभियानों में काम किया है.

 

 

बरखास्त सिपाही बना एटीएम बाबा

इस बार होली का त्यौहार खत्म होते ही बिहार में पंचायत चुनाव की गहमागहमी तेज हो चुकी थी. छपरा के रहने वाले सुधीर मिश्रा की 30 वर्षीया पत्नी रेखा मिश्रा पर भी चुनाव लडऩे की सनक सवार थी. वह छपरा में मोहब्बत परसा गांव से मुखिया के लिए चुनाव लडऩे पर अड़ी हुई थी. वह पूरे गांव के लोगों को अपनी तरफ करने के लिए हर तरह की जोरआजमाइश कर रही थी.

उस के समर्थक चाहते थे कि उस की तरफ से गांव के लोगों को ‘भोजभात’ करवाया जाए. रेखा के देवर नीरज और भाई भास्कर ओझा समेत गांव के कुछ लोग भी इस के पक्ष में थे. उन का मानना था कि बहुमत वाली जाति से अधिक जरूरी छोटीछोटी जातियों के समर्थन का था. महादलित के वोट से उन की जीत को कोई नहीं रोक सकता था. इसलिए वह उन के सभी टोले के लोगों के लिए मीटचावल का भोजभात करवाना चाहती थी.

चुनाव जीतने की बनाई प्लानिंग

रेखा ने अपने लोगों के साथ बैठ कर इस के लिए मीटिंग की. सभी ने एकजुट में कहा कि उन्हें एक नहीं 2 भोजभात करवाने होंगे. एक ऊंची जाति के लोगों के लिए और दूसरा सभी अनुसूचित जाति के लोगों के लिए होना चाहिए. महादलित औरतों को साड़ी भी बंटवानी होगी. साड़ी तो सवर्ण जाति की महिलाओं को भी देनी होगी. रेखा चाहती थी कि गांव के पोखर की भी साफसफाई अभी ही करवा दे, ताकि छठ आने तक उस में बारिश का साफ पानी जमा हो सके.

“इन सब पर कितना खर्चा आ जाएगा?” रेखा ने सवाल किया.

“भाभी, खर्चा तो लाखों में आएगा, लेकिन वोट भी तो हजारों में मिलेंगे.” रेखा का देवर नीरज बोला.

“तो फिर भाई को बोलो न,” रेखा ताना मारते हुए बोली.

उसी वक्त सुधीर मिश्रा वहां आ पहुंचा. उस ने भी अपनी नेताइन पत्नी रेखा का व्यंग्य सुना.

उसी के लहजे में वह बोला, “पैसे की बात आती है तब सुधीर मिश्रा. मुझे एटीएम समझ रखा है क्या?”

“अरे हां, तुम हमारे एटीएम नहीं तो और क्या हो? सिर्फ तुम्हारी जेब में हाथ डालनी होती है.” रेखा का यह कहना था कि वहां मौजूद सभी खिलखिला कर हंस पड़े.

“अरे जीजाजी, तभी तो लोग आप को ‘एटीएम बाबा’ कहते हैं,” सुधीर का साला भास्कर बोला.

“एटीएम मेरी जेब में लगा है क्या?” सुधीर व्यंग्य से बोला.

“जेब में नहीं लगा है, लेकिन कहीं और तो लगा है न…” भास्कर बोला.

“क्या मतलब है तुम्हारा?” सुधीर नाराजगी के साथ बोला.

“मैं नहीं जानती, एटीएम कहां लगा है कहां नहीं. मुझे तो भोजभात के खर्च का इंतजाम चाहिए. अब तुम जहां से करवा दो.” रेखा बोली.

“भैया, लखनऊ में तो आप के बहुत जानपहचान वाले हैं, क्यों नहीं उन से बात करते हैं. आप को मदद करने में वे कभी पीछे नहीं हटेंगे.” नीरज बोला.

“कहता तो ठीक है, मेवात वाले से भी बात करता हूं.” अब तक सुधीर गंभीर हो गया था, “अब बीवी ने चुनाव जीतने की सौगंध खा ली है तो मेरा भी तो उस का साथ देने का फर्ज बनता है.”

“फर्ज की बात करते हो, सरकारी ठेका आएगा तो सब से पहले तुम्हीं हाथ पसारे आओगे.” रेखा बोली.

“भाभी, वह तो बाद की बात है. अगर भैया को ठेका मिलेगा तो घी कहां गिरेगा दाल में ही न!” नीरज बोला.

“हां दीदी, हमें मत भूलना.” भास्कर बोला.

“चलो मीटिंग खत्म करो, तुम लोग अभी से ही खयाली पुलाव पकाने लगे. पहले सब मिल कर पैसे का इंतजाम करो, बाकी आगे मैं सब कुछ संभाल लूंगी.” रेखा बोली और मीटिंग से जाने के लिए अपनी कुरसी से उठ कर खड़ी हो गई.

उस के साथ सहयोगी महिला रजिस्टर संभालती हुई बोली, “हमें पंडिताइन के दालान में भी मीटिंग में जाना है. वहां 150 से अधिक महिलाएं पहुंच चुकी हैं. फोन आया था.”

“अरे हां, मैं तो भूल ही गई थी. ठीक है, चलो, चलो जल्दी करो.”

एटीएम काट कर निकाले 40 लाख रुपए

बात 3 अप्रैल, 2023 की है. लखनऊ के सुशांत लोक थाने में सुबह करीब 10 बजे किसी ने फोन कर बताया कि उन के इलाके का एसबीआई एटीएम टूटा पड़ा है. लगता है उसे काट कर पैसे निकाल लिए गए हैं. इस सूचना पर एसएचओ शैलेंद्र गिरि तुरंत अपने कुछ सहयोगियों के साथ घटनास्थल पर जा पहुंचे.

एटीटीएम थाने से 2 किलोमीटर दूर खुरदही बाजार में था. शैलेंद्र गिरि के साथ हैडकांस्टेबल अमरनाथ और 3 सिपाहियों में रामायण भारती, चंद्रप्रकाश सिंह और धर्मेंद्र भी थे. घटनास्थल पर टूटे एटीएम को देख कर अनुमान लगाया गया कि इसे रात में गैस कटर से गया है. उस में से निकाले गए पैसों की जानकारी उस में दर्ज रिकौर्ड से हुई, जो 39.58 लाख थे.

एसएचओ ने वारदात का खाका खींचने के बाद वहां लगे सीसीटीवी कैमरे पर नजर दौड़ाई, जिसे खोल लिया गया था. उस की आसपास खोज की गई. एटीएम बूथ और उस के आसपास काफी छानबीन के बाद कैमरे एक दुकान के चबूतरे के नीचे मिले.

इस घटना की जांच को ले कर थाने में पुलिस अधिकारियों की गहन बैठक हुई. कई कोणों से इस तरह की बढ़ती घटना की तह में जाने के लिए जौइंट कमिश्नर निलाब्ज चौधरी के निर्देश पर 5 टीमें बनाई गईं. उन को सर्विलांस से ले कर अपराधियों की गिरफ्तारी और पैसे की बरामदगी तक की जिम्मेदारी सौंपी गई. एक टीम ने सीसीटीवी कैमरो में मिली लोकेशन का अध्ययन किया. जिस से मालूम हुआ कि लुटेरे नीले रंग की कार से आए थे और घटना को अंजाम देने के बाद वे उसी से वापस चले गए थे.

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सर्विलांस टीम (दक्षिणी) के सदस्यों में एसआई सुमित बालियान, हैडकांस्टेबल मंजीत सिंह, बद्री विशाल तिवारी, सौरभ दीक्षित, सिपाही गिरीश चौधरी और रविंद्र सिंह को एसएचओ ने शहर के चारों दिशाओं में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, आगरा एक्सप्रैसवे, सीतापुर लखनऊ राजमार्ग, सुलतानपुर अयोध्या राजमार्ग, बुंदेलखंड एक्सप्रैसवे के बौर्डर पर लगा दिया. वे टोल प्लाज केंद्रों पर तैनात कर दिए गए थे.

वहां लगे हुए सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया. पूर्वांचल एक्सप्रैसवे पर एक नीले रंग की कार जाती दिख गई. साथ ही टोल प्लाजा पर फास्टटैग चुकाते समय उस की लोकेशन भी मिल गई. टोल प्लाजा से मिला सुराग जांच की कड़ी को जोडऩे के लिए महत्त्वपूर्ण साबित हुआ. उस से गाड़ी का नंबर मिल गया और लुटेरों तक पहुंचने की कुछ उम्मीद जाग गई.

लेकिन इस जांच मेंं जल्द ही निराशा भी हाथ लगी. पूर्वांचल एक्सप्रैसवे पर ही गोसाईगंज, लखनऊ में टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी में उसी गाड़ी का नंबर दूसरा था. इस का मतलब साफ था कि वारदात करने वालों ने गोसाईगंज टोल प्लाजा पर पहुंचने से पहले गाड़ी की नंबर प्लेट बदल दी थी. किंतु वहां से वह मारुति बलेनो कार पूर्वांचल एक्सप्रैसवे की सीमा से लगे हैदरगंज बाराबंकी की ओर जाती हुई दिखाई दी.

सीसीटीवी कैमरों के सहारे आगे बढ़ी जांच

उस के बाद हैदरगंज बाराबंकी में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की गई तो वहां कार का नंबर बदला हुआ पाया गया. उस नंबर से कार बिहार की थी. उस नंबर की जांच में पाया गया कि कार छपरा (बिहार) निवासी वितेश कुमार के नाम दर्ज है. इस छोटे से सुराग के सहारे दक्षिण जोन के डीसीपी विनीत जायसवाल ने जौइंट पुलिस कमिश्नर क्राइम (उत्तर प्रदेश) के निर्देश पर एडिशनल डीसीपी, एसीपी (गोसाईंगंज) सुश्री स्वाति चौधरी तथा डीसीपी (दक्षिणी जोन) के सर्विलांस की 2 अलगअलग टीमों का गठन किया गया.

दोनों टीमें सुशांत गोल्फ सिटी के एसएचओ शैलेंद्र गिरि के नेतृत्व में बनाई गई थीं, जिन्हें बिहार भेज दिया गया. छपरा में यूपी पुलिस की मेहनत रंग लाई. उन्होंने बलेनो कार के मालिक वितेश कुमार को ढूंढ निकाला. उस ने बताया कि 3 अपै्रल, 2023 को सुधीर मिश्रा उस के घर आया था. उसे लोग बुलबुल मिश्रा के नाम से भी जानते हैं, लेकिन एटीएम बाबा के रूप में वह लोकप्रिय है. सुधीर मिश्रा के बारे में तहकीकात से पता चला कि वह बिहार पुलिस का एक बरखास्त सिपाही है.

वितेश ने उत्तर प्रदेश पुलिस को बताया कि 3 अप्रैल को सुधीर उस के पास आ कर बोला कि उस की पत्नी की तबियत काफी बिगड़ गई है, उसे अस्पताल ले जाना है, इसलिए उस की बलेनो कार की जरूरत है. शैलेंद्र गिरि के लिए इस जानकारी में चौंकाने वाली एक बात उस का चर्चित नाम ‘एटीएम बाबा’भी था.

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वह सोच में पड़ गए कि उसे लोग आखिर इस नाम से क्यों पुकारते होंगे? क्या वह एटीएम इस्तेमाल के बारे में जानकारी रखता था? इस के इस्तेमाल के तरीके के बारे में लोगों को गाइड करता था? या फिर उस की सुरक्षा में लगा हुआ था? इन्हीं सवालों में एक और सवाल मन में आया कि कहीं वह किसी एटीएम लुटेरों के गैंग से तो नहीं जुड़ा था?

एसएचओ ने इन सवालों का जवाब पाने के लिए उन्होंने सर्विलांस टीम को सुधीर मिश्रा के बारे में पूरी जानकारी मालूम करने के लिए लगा दिया. इस जांच में पता चला कि सुधीर एटीएम लुटेरों के गैंग में शामिल था, जिस का खास सदस्य विजय पांडेय और देवेश पांडेय हैं. दोनों इंजीनियर हैं और संत कबीरनगर में रहते हैं.

दोनों एटीएम में कैश लोड करने का काम करते थे और एटीएम के एक्सपर्ट थे. दोनों गोमती विहार के सरयू अपार्टमेंट में किराए के फ्लैट में रहते थे. उन्हें पुलिस गिरफ्तार तो नहीं कर पाई, पर इतना जरूर पता चला कि वे सुधीर मिश्रा के छोटे भाई नीरज मिश्रा के संपर्क में थे.

पुलिस को नीरज मिश्रा तक पहुंचने में ज्यादा मुश्किल नहीं हुई. वह छपरा में दबोच लिया गया. उस की गिरफ्तारी होते ही सुधीर मिश्रा समेत पंकज, राज, भीम के अलावा 4 मेवात के लुटेरे भी पकड़ लिए गए. उन से पूछताछ करने पर मालूम हुआ कि एटीएम लूट को उन्होंने ही सुधीर मिश्रा के इशारे पर अंजाम दिया था. इस की साजिश सुधीर मिश्रा ने ही रची थी. जिस एटीएम को निशाना बनाया गया, उस की रेकी देवेश व विजय ने ही करवाई थी.

बड़ी आसानी से काट लिया एटीएम

पूछताछ में वारदात के सरगना सुधीर मिश्रा ने बताया कि एटीएम के भीतर घुसते ही उन्होंने पहले सीसीटीवी पर काली स्याही डाल दी थी. इस से वे कैमरे में कैद नहीं हो पाए थे. बाहर के फुटेज और गाड़ी नंबर के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की थी. घटनास्थल पर 3 मोबाइल नंबर सक्रिय मिले थे. इन की मदद से गिरोह तक पुलिस पहुंच पाई थी.

जांच में पता चला कि सरगना सुधीर मिश्रा व उस के गिरोह के सदस्यों पर दरजनों केस दर्ज हैं. कुछ लोगों पर हत्या व लूट के केस भी हैं. सुधीर पर एटीएम काटने संबंधी 12 केस हैं. वह पहले भी जेल जा चुका है, इसलिए वह एटीएम बाबा के नाम से मशहूर है. वह खुद बिहार में बैठ कर अलगअलग राज्यों में मेवातियों की मदद से वारदात को अंजाम देता रहा है.

एटीएम में चोरी करने की रिपोर्ट हितांक्षी पेमेंट सर्विसेज (सीएमएस) प्राइवेट लिमिटेड के लीगल एडवाइजर एडवोकेट मोहम्मद सलमान ने 3 अप्रैल, 2023 को भादंवि की धारा 457/380 के अंतर्गत दर्ज करवा दी. उन के बारे में पूरी कहानी 8 मई, 2023 को विजय पांडेय उर्फ सर्वेश की गिरफ्तारी के बाद सामने आई. इस में सुधीर की पत्नी रेखा मिश्रा का नाम सामने आया तो वह फरार हो गई थी. पकड़े गए सभी अभियुक्तों से 14 लाख 63 हजार रुपए रकम बरामद हुई.

गिरफ्तार किए गए सभी 11 आरोपियों की अपनीअपनी क्राइम हिस्ट्री थी, जिन का सरगना बरखास्त सिपाही सुधीर मिश्रा ही था. लखनऊ के नए स्थापित थाना गोल्फ सिटी से करीब 25 किलोमीटर दूर सुलतानपुर रोड पर खरदही बाजार है. यह शहर के बाहरी इलाके में है. यहां अंसल ग्रुप द्वारा सुशांत गोल्फ सिटी कई दूसरी नई कालोनियां विकसित की गई हैं. यहीं पराग दूध डेरी (फैक्ट्री), पुलिस विभाग का डीजीपी कार्यालय और पुलिस विभाग का हेल्पलाइन मुख्यालय भी बनाए गए हैं.

दूसरी तरफ सुधीर मिश्रा की पत्नी रेखा मिश्रा एक समाजसेवी महिला होने के कारण लोकल राजनीति में सक्रिय थी. उसे नेतागिरी का जबरदस्त चस्का लगा हुआ था. उसे पति सुधीर मिश्रा समेत परिवार के दूसरे सदस्यों की शह मिली थी. सभी उस की महत्त्वाकांक्षा को हवा देने में उस से चार कदम आगे रहते थे. वे उस की बदौलत भविष्य में सरकारी ठेका हासिल करने का मंसूबा रखते थे.

रेखा देख रही थी विधायक बनने का सपना

आजादखयालों वाली रेखा का सपना एक दिन विधायक बनने का भी था. वह बीते 2 सालों से 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव के लिए जमीन तैयार करने में जुटी हुई थी. गांव के हर सामाजिक आयोजनों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेती थी. किसी के घर में शादीब्याह होने पर उपहार के साथ वरवधू को आशीर्वाद देने पहुंच जाती थी. किसी का निधन होने पर बगैर बुलाए वहां जा कर उस के दुख में शामिल हो जाती थी. अपनी महत्त्वाकांक्षाओं की संतुष्टि के लिए ही उस ने पति सुधीर मिश्रा से चुनाव लडऩे की पेशकश की थी.

कहने को तो सुधीर मिश्रा बिहार पुलिस में सिपाही था, लेकिन उस के संबंध अपराधी तत्त्वों से भी बने हुए थे. उन की संगति में ही वह कई वैसे गिरोहों के संपर्क में था, जो चोरी और एटीएम लूट आदि का काम करते थे. इस की न केवल पुलिस के बड़े अधिकारियों को भनक लगी, बल्कि एक एटीएम लूट में उस का नाम भी आ गया तो उसे बरखास्त कर दिया गया.

वह पंचायत चुनाव लडऩे के लिए पत्नी के दबाव में धन जुटाने की तैयारी में लग गया था. सब से पहले उस ने अपने भाई नीरज मिश्रा को साथ ले कर योजना बनाई. उस ने ही कुछ अन्य साथियों के साथ विजय पांडेय से संपर्क किया. वह हितांक्षी पेमेंट सर्विस (सीएमएस) प्राइवेट लिमिटेड द्वारा एटीएम को सप्लाई करने वाली नकद करेंसी का काम करता था.

हालांकि वह अपनी संदिग्ध गतिविधियों के चलते कंपनी से निष्कासित हो चुका था. नीरज के कहने पर वह उस के गैंग में शामिल हो गया था. उस के साथ राज तिवारी, पंकज कुमार पांडेय, कुमार भास्कर ओझा और सुधीर मिश्रा भी थे. सुधीर मिश्रा पहले भी कुछ आपराधिक गतिविधियों के चलते जेल जा चुका था, जहां राजस्थान के मेवाती गैंग के संपर्क में आ गया था और अपने भाई नीरज के साथ मिल कर नया गैंग बना लिया था.

नीरज मिश्रा ने लखनऊ के खुरदही बाजार में एटीएम की पलसर बाइक से रेकी कर मालूम कर लिया कि 3 अप्रैल की रात ही उस में 39 लाख रुपए की रकम डाली गई है. उस ने तुरंत अपने साथी गैंग के सभी सदस्यों को अलर्ट कर उन्हें एटीएम के पास बुला लिया. राज तिवारी, पंकज कुमार पांडेय, कुमार भास्कर ओझा गैस कटर ले कर आ गए. उन्होंने फटाफट एटीएम काटी और रकम निकाल कर नीले रंग की बलेनो कार से रात के डेढ़ बजे लखनऊ आ गए.

बाद में पुलिस ने बरखास्त सिपाही सुधीर मिश्रा की पत्नी रेखा मिश्रा को भी गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में लुटेरों ने बताया कि पहले वे बगैर सिक्योरिटी गार्ड वाले एटीएम को टारगेट बनाया करते थे. गार्ड नहीं होने की वजह से उस का शटर गिरा कर टेक्निकल सदस्य बन कर काम करते थे. इस दौरान सुधीर खुद बाहर रखवाली किया करता था. वे बाहर से सीसीटीवी कैमरों पर ब्लैक पेंट कर दिया करते थे.

आरोपियों से पूछतछ के बाद उन की निशानदेही पर 14.63 लाख रुपए नकद के अलावा, 2 फरजी नंबर प्लेट, मारुति बलेनो कार, पलसर बाइक, 6 आरी, गैस पाइप, सिलेंडर, रेग्युलेटर, पेचकस, प्लास आदि सामान बरामद हुआ.

सभी आरोपियों से पूछताछ के बाद उन्हें कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया.