वेब सीरीज की हीरोइन स्वाति है या दिव्या. कहींकहीं ये खलनायिका जैसी भूमिका में है. लगता है कि यह दूसरा सीजन भी जारी करना चाहते हैं लेकिन दर्शकों द्वारा इस वेब सीरीज को देखने के बाद कोई भी दूसरा सीजन देखने का साहस नहीं करेगा.
ईशा देओल
‘हंटर टूटेगा नहीं तोड़ेगा’ में दिव्या का किरदार ईशा देओल ने निभाया है. ईशा देओल का जन्म 2 नवंबर, 1981 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था. बौलीवुड अभिनेता धर्मेंद्र कुमार और ड्रीमगर्ल हेमा मालिनी की बड़ी बेटी है. उन की एक छोटी बहन भी है, जिस का नाम अहाना देओल है.
अहाना देओल का जन्म 28 जुलाई, 1985 को हुआ था. 2014 में व्यापारी वैभव कुमार से अहाना की शादी हुई. अहाना एक डांसर और नृत्यांगना भी है. ईशा देओल अभिनेत्री व मौडल है. मुख्यरूप से हिंदी सिनेमा में काम किया है. कुछ तमिल तेलुगु व कन्नड़ फिल्मों में भी ईशा को देखा गया है.
उस की पहली तमिल फिल्म ‘आयथा एजुथु’ 2004 में पहली कन्नड़ फिल्म ‘फुटपाथ की देखभाल’ 2015 में आई थी. हिंदी की पहली फिल्म 2002 में ‘कोई मेरे दिल से पूछे’ है. इतने भारीभरकम फिल्मी बैनर वाले परिवार से जुड़ी होने के बाद भी ईशा देओल की फिल्म बौक्स औफिस पर असफल हो गई. ईशा देओल फिल्म निर्माता विनय शुक्ला की फिल्म में आफताब शिवदासानी के साथ थी.
संजय कपूर, जया बच्चन और अनुपम खेर सहायक भूमिका में थे. 2003 की 2 फिल्में ‘कुछ तो है’, ‘चुरा लिया है तुम ने’ भी बौक्स औफिस पर ही फ्लौप हो गई थी. हालांकि 2002 में ‘ना तुम जानो ना हम’, ‘क्या दिल ने कहा’ 2 फिल्मों में भी काम किया है.
ईशा देओल ने फिल्म ‘धूम’ में 2004 में अभिषेक बच्चन, जौन अब्राहम, उदय चोपड़ा आदि के साथ काम किया. 2005 में ‘दस’, ‘नो एंट्री’ और 2008 में फिल्म ‘संडे’ में भी ईशा देओल ने काम किया है. 2011 में ‘टेल मी ओ खुदा’ नमक फिल्म में अजय देवगन, विनोद खन्ना, ऋषि कपूर आदि के साथ ईशा देओल को भी देखा गया.
29 जून, 2012 में ईशा देओल ने मुंबई के इस्कान मंदिर में भरत तख्तानी हीरा व्यापारी से विवाह कर लिया. वह आर.जी. बैंगल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी चलाते हैं. ईशा देओल और हीरा व्यापारी भरत तख्तानी के बीच भी इन के संबंध एक फिल्मी कहानी जैसे हैं. इन दोनों के बीच जब जानपहचान हुई तो उस समय दोनों की आयु लगभग 13 वर्ष थी.
ईशा देओल जमुना भाई नरसी स्कूल में तथा भरत बांद्रा के तर्नसे अकादमी में पढ़ते थे. इंटर स्कूल के कंपटीशन के दौरान दोनों की मुलाकात हुई. दोनों की दोस्ती हुई. इस तरह दोनों के संबंध मधुर होते गए.
इसी बीच बौयफ्रेंड भरत ने प्रेम भाव का इजहार करने के लिए ईशा देओल का हाथ पकडऩा चाहा. यह हरकत ईशा देओल को बहुत नागवार गुजरी. वह इतनी नाराज हुई कि उस ने उसे एक थप्पड़ भी भरत के जड़ दिया. इस के बाद से दोनों के रिश्तों में दरार आ गई और लगभग 10 वर्ष तक दोनों के बीच कहीं कोई बातचीत नहीं हुई.
कहते हैं कि बचपन का पहला प्यार भुलाए नहीं भुलाया जाता और उस के बीज कभी भी अंकुर बन कर फूट पड़ते हैं. ऐसा ही इन दोनों के बीच भी हुआ. इसे इत्तफाक ही कहेंगे कि दोनों की मुलाकात कनाडा के नियाग्रा फाल्स यानी एक टूरिस्ट प्लेस पर भ्रमण के दौरान हुई. दोनों ने एकदूसरे को देखा तो दोनों का दिल धड़कने लगा.
बचपन का प्यार आंखों में उतर आया और दोनों एकदूसरे से मिलने को लालायित दिखाई दिए. एकदूसरे को देख कर दोनों रुक गए. अब सोच रहे थे कि बातचीत की पहल कौन करे.
इतने में भरत ने जहां से रिश्ता टूटा था वहीं से बात शुरू की और कहा कि क्या मैं आप का हाथ पकड़ सकता हूं. ईशा देओल ने तत्काल ‘हां’ ही नहीं कहा, बल्कि हाथ भी बढ़ा दिया. इस तरह दोनों में संबंध फिर मधुर हो गए.
ईशा देओल ने सब से पहले अपनी मां हेमा मालिनी से भरत की मुलाकात कराई. उन्होंने इन दोनों के संबंध को ले कर कोई आपत्ति नहीं की या यह कहिए कि अपनी रजामंदी दे दी. ईशा देओल ने उस के बाद अपने पिता धर्मेंद्र से भरत की मुलाकात कराई. धर्मेंद्र ने करीब एक घंटा तक भरत से बातचीत की. धर्मेंद्र को भी अपनी बेटी के लिए रिश्ता उचित लगा और उन्होंने भी हामी भर दी.
विवाह के बाद ईशा फिल्मी दुनिया से दूर हो गई और अपने पारिवारिक जीवन को सफल बनाने में अपने पति के साथ रहने लगी. दोनों के आंगन में पहली किलकारी 2017 में गूंजी. बेटी का नाम राध्या रखा गया. 10 जून, 2019 को दूसरी बेटी ने जन्म लिया, जिसे मिराया नाम दिया गया.
यह तो सभी जानते हैं कि धर्मेंद्र का पहला विवाह प्रकाश कौर के साथ परंपरागत हुआ था. इन से धर्मेंद्र की 4 संताने हैं, जिस में सनी देओल, बौबी देओल, विजेता देओल और अनीता देओल शामिल हैं.
दोनों पत्नियों और बच्चों के बीच सगे सौतेले का कोई विवाद तो सामने नहीं आया है, लेकिन सनी देओल के बेटे करण की शादी में हेमा मालिनी और उन की दोनों बेटियां शामिल नहीं हुई थीं. इसी तरह ईशा देओल की शादी में भी सनी व बौबी शामिल नहीं हुए.
पारिवारिक जीवन का भरपूर आनंद लेने के बाद ईशा देओल ने 2019 में फिल्मी दुनिया में फिर वापसी की. उन्होंने एक वेब सीरीज ‘रूद्र: द एज औफ डार्कनेस’ 2022 में भी काम किया है. वेब सीरीज ‘हंटर टूटेगा नहीं तोड़ेगा’ में मुख्य भूमिका में है, लेकिन कलाकारी का वह प्रदर्शन नहीं कर पाई, जिस की इस से अपेक्षा की जाती है.
ईशा देओल एक पत्रकार होते हुए भी हीरो विक्रम के साथ गुंडों से फाइटिंग करती है. जबकि पत्रकार का काम कलम चलाना होता है. विक्रम के साथ गुंडों के ऊपर फाइटिंग और फायरिंग से ऐसा लगता है जैसे कि वेब सीरीज की हीरोइन ईशा देओल है.
विक्रम के साथ ईशा देओल लड़ाई झगड़ा करती है. विक्रम पर जानलेवा हमला भी होता है. तब वह एक खलनायिका के रोल में नजर आती है. अंत में अपनी बहन की यानी डेविड की बच्ची को पा कर अपनी भूमिका पूरी करती है.
बरखा बिष्ट
बरखा बिष्ट सेनगुप्ता फिल्म व टीवी एक्ट्रैस है, जो हिंदी सिनेमा और टीवी के अलावा बंगाली सिनेमा में सक्रिय है. ‘हंटर टूटेगा नहीं तोड़ेगा’ में बरखा बिष्ट ने वेब सीरीज के हीरो विक्रम की पत्नी स्वाति की भूमिका में काम किया है.
बरखा का जन्म 28 दिसंबर, 1979 को हिसार, हरियाणा में हुआ था. उस के पिता सेना में कर्नल थे. उस की मां एक गृहिणी थीं. इस की 2 बहनें भी हैं, जिन का नाम अपर्णा और शंका है. बड़ी बहन होटल मैनेजर है. दूसरी बहन फैशन डिजाइनर है.
बरखा का पूरा बचपन कोलकाता में बीता. जब उस की उम्र पढऩेलिखने की हुई, तब उस के मातापिता ने उसे सेंट्रल स्कूल फोर्ट विलियम कोलकाता में भरती करा दिया था.
जहां से उस ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की थी. स्कूल में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उस की सक्रिय भूमिका रहती थी. नाटक आदि कार्यक्रम में उस की अदाकारी व डांस देख कर उस के एक शिक्षक ने कहा था कि यह लड़की आगे अभिनय में अच्छा प्रदर्शन करेगी.
बरखा बिष्ट ने ग्रैजुएशन पूरा करने के लिए सिम्बोयसिस कालेज में एडमिशन ले लिया था. यह कालेज पुणे में स्थित है. इस कालेज से बरखा बिष्ट ने बीकौम किया. शादी करने से पहले उस ने अपने प्रेमी करण सिंह ग्रोवर से सगाई की थी, लेकिन यह रिश्ता 2006 में समाप्त हो गया था.
बरखा की शादी टीवी, फिल्म ऐक्टर इंद्रनील सेनगुप्ता से हुई थी. दोनों की मुलाकात ‘प्यार के दो नाम एक राधा एक श्याम’ के सेट पर हुई थी. यह दोस्ती प्यार में बदल गई. बाद में 2008 में इन की शादी हो गई. इन के एक बेटी पैदा हुई, जिस का नाम मीरा है.
बरखा ने अपने करिअर की शुरुआत टीवी शो ‘कितनी मस्त है जिंदगी’ से की, इस के बाद वह स्टार प्लस के टीवी शो ‘प्यार के दो नाम एक राधा एक श्याम’ में नजर आईं.
बरखा टीवी की दुनिया के कई हिट टीवी सीरीज का हिस्सा रह चुकी है, जिस में ‘कसौटी जिंदगी की’, ‘क्या होगा निम्मो का’, ‘बाबुल की बिटिया’, ‘डोली सजा के’, ‘काव्यांजलि’, ‘परवरिश’, ‘नामकरण’, ‘तेनालीराम’ जैसे टीवी शोज शामिल हैं.
बरखा ने फिल्मी दुनिया में कदम 2010 में फिल्म ‘राजनीति’ से रखा, इस के बाद उस ने इसी साल बंगाली सिनेमा में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. बरखा ने अपने करिअर की शुरुआत एक बाल कलाकार के रूप में की थी. उस ने ‘मुझ से दोस्ती करोगे’ में छोटी करीना कपूर टीना की भूमिका निभाई. इस के अलावा उस ने उस ने धारावाहिक एमटीवी फनाह में वेदिका के रूप में अपनी छोटी भूमिका भी
निभाई थी. बरखा ने जनवरी 2018 में अपना यूट्यूब चैनल भी शुरू किया. उस ने प्लीज फाइंड अटैच्ड, वर्क लाइफ बैलेंस, इंजीनियरिंग गल्र्स, मर्डर मेरी जान, नेटफ्लिक्स के मसाबा मसाबा जैसे कई लोकप्रिय वेब शो भी किए.
उस की एक वेब सीरीज अभिषेक बनर्जी के साथ ‘द ग्रेट वेडिंग औफ मुन्नेस’ थी. 2021 में उसे फिल्म ‘साइलेंस: कैन यू हियर इट’ में देखा गया था. मनोज बाजपेयी अभिनीत 2022 में उसे 2 फिल्मों ’36 फार्महाउस’ और ‘माजा मां’ में मुख्य भूमिका में देखा गया.
अभिनय के अलावा बरखा ने सोनी टीवी पर प्रसारित होने वाले शो ‘कौमेडी सरकस के अजूबे’ 2012 और जूम टीवी पर प्रसारित होने वाले ‘पौपकार्न’ 2006 जैसे शो को भी होस्ट किया. वर्ष 2008 में सहारा वन पर प्रसारित होने वाले डांस शो ‘सास बनाम बहू’ में उस ने एक प्रतियोगी के रूप में भाग लिया. बरखा बिष्ट 2010 की बौलीवुड फिल्म ‘राजनीति’ के ‘इश्क बरसे’ एक गाने में दिखाई दी.
वह एक भारतीय टेलीविजन प्रस्तोता और फिल्म अभिनेत्री है, जो टीवी शृंखला में अपने काम के लिए जानी जाती है. वह बौलीवुड और बंगाली फिल्मों में भी नजर आ चुकी है.
‘काव्यांजलि’, ‘कसौटी जिंदगी की’, ‘साजन घर जाना है’, ‘कैसा ये प्यार है’, ‘बाबुल की बिटिया चली डोली सजा के’, ‘ये है आशिकी’, ‘संकटमोचन महाबली हनुमान’ उस के कुछ शो हैं. उस ने कई टेलीविजन शो की मेजबानी की है, जिन में ‘कौमेडी सरकस के अजूबे’ और ‘पौपकार्न न्यूज’ जैसे रियलिटी शो शामिल हैं. सोनी टीवी के ओपेरा ‘परवरिश- कुछ खट्टी कुछ मीठी’ में ‘पिंकी’ की भूमिका में थी. ‘हंटर टूटेगा नहीं तोड़ेगा’ में बरखा बिष्ट विक्रम की तलाकशुदा पत्नी स्वाति के किरदार में है.
क्यों लगाया लाशों का ढेर
पांचवां एपिसोड सब से ज्यादा बोरियत वाला है. इस में दिखाते हैं कि दिव्या को बेहोश कर के डाला जाता है. होश में आने पर लाशों की एक थैली में लेट जाती है और वहां खिड़की में एक रस्सी बांध देती है, जिस से पता चले वह कूद कर भाग गई है. इस तरह वह वहां से बच कर निकल जाती है.
यह लाशों का ढेर किस का है? कहां से आया? इन्हें पौलीथिन में पैक क्यों किया गया? इस की कोई जानकारी नहीं है. उधर विक्रम जंगल में अकेला कराह रहा है. बुरी हालत में है. तभी साजिद का फोन आता है. पता नहीं विक्रम की जेब में फोन कहां से आ गया. वह बताता है कि स्वाति की हत्या करने के लिए एक बदमाश उस के घर के बाहर खड़ा है.
विक्रम यह सूचना स्वाति को फोन कर के देना चाहता है लेकिन वह फोन नहीं उठाती है. अंत में वह मैसेज कर देता है. तब तक दरवाजे के अंदर बदमाश आ चुका था. यहां बदमाश से लडऩे और बचने के बेवकूफी व बोरियत भरे सीन हैं. बदमाश बिजली से संचालित किसकिस मशीनरी से दरवाजे काटता है, उस में घुसता है. इस बीच स्वाति अपने पूर्व पति विक्रम से भी बातें करती है.
साजिद भी लीना के असली कातिल को ढूंढने और विक्रम को बचाने के लिए रिकौर्ड रूम पहुंचता है. कहता है कि डा. सतीश ने कहा है कि अशोक माथुर से मिल लेना. इस पर अशोक माथुर फाइल ला कर देता है. साजिद कुछ खास जानकारी कर के चला जाता है.
अगला सीन बहुत खतरनाक है. पल्लवी अपने प्रेमी के साथ तो कोई प्रेम प्रसंग नहीं करती, बल्कि विक्रम को बचाने के लिए थाने से वीडियो निकलवानी है तो उस के लिए वहां के एक इंजीनियर को बुलाती है. उस को अपने शबाब से जिस्म परोसने का भरपूर निमंत्रण देती है.
इस बीच एक गाना होता है, जिस में खूब ठुमके और खुले शरीर का प्रदर्शन चलता रहता है. इस बीच उस का प्रेमी सुदेश थाने में इंजीनियर के बदले जा कर वहां से वह वीडियो निकाल लाता है.
उस के बाद पल्लवी इंजीनियर को भैया थैंकयू कह कर भगा देती है. सिदेश व पल्लवी थाने से लाई गई वीडियो देखते हैं. यहां पर पल्लवी कुछ प्रेम मिलाप करना चाहती है, लेकिन सिदेश वीडियो में मस्त है. वह दोनों वीडियो की रियलिटी निकालने की कोशिश में लगे रहते हैं. एक और बेवकूफी का अगला सीन है.
जंगल में भटक रहे विक्रम के सामने एक मोटरसाइकिल सवार आता है. वहां कोई सड़क नहीं है. बस्ती नहीं है. कोई ट्रैफिक नहीं चल रहा है. विक्रम उसे हाथ दे कर रोकता है. वह भी डेविड का आदमी होता है. बदमाश होता है. दोनों में गुत्थमगुत्था शुरू हो जाती है. गाने की रिकौर्डिंग बजती रहती है, ‘दम मारो दम मिट जाएं गम…’
मारपीट में उन से ठिकाने लगाने के बाद विक्रम को याद आता है कि एक किडनी उस की कोई चुरा चुका है. दूसरी फेल होने के कगार पर है. इस के लिए वह अपने रकीब साजिद को फोन करता है.
एपिसोड-6
छठें एपिसोड की शुरुआत में साजिद कार में विक्रम को ले कर जाता है. रास्ते में दिखाता है कि इसे किसी कीड़े ने काट लिया है. साजिद जानता है कि इस का इलाज क्या है. यहां से डाक्टर के पास ले जाता है. विक्रम उसे डेविड के अड्डे पर पहुंचने को कहता है. दोनों वहां पहुंचते हैं.
फायरिंग शुरू हो जाती है. गाना बजने लगता है, ‘आवारा हूं…’
एक सड़ी हुई किडनी के साथ फाइटिंग करते हुए विक्रम को दिखाया गया है. गोलियां चल रही हैं. सिर्फ एपिसोड का समय पूरा करने के लिए यहां फाइटिंग और गोलीबारी के सीन हैं. अब डेविड घायल हो कर गिर पड़ता है. उस से अपनी किडनी मांगता है. दोनों में डायलौगबाजी होती है. वह अपनी मां की दास्तान सुनाता है. तभी 2 सुरक्षागार्ड महिलाएं रिवौल्वर ले कर आती हैं. इस से पहले भी वह दिखाई गई हैं. एपिसोड के अंत में विक्रम घायल अवस्था में भागता है और गिर कर बेहोश हो जाता है.
एपिसोड-7
सातवें एपिसोड में विक्रम एक अस्पताल में बेहोशी की हालत में भरती होता है. एक नर्स उस के पास दवा लिए खड़ी होती है. होश में आते ही वह दवाओं को झपट्टा मारता है. वह पुलिस को आवाज देती है. पुलिस अधिकारी आता है. वह बताता है कि तुम्हारी एक किडनी गायब थी. ये तो अच्छा हुआ कि तुम्हारे बैग में जो किडनी थी, वह मेल की थी. विक्रम कहता है कि वह मेरी किडनी थी. तब पता चलता है कि वह गिरफ्तार है और हथकड़ी उस के हाथ में पड़ी हुई है.
अस्पताल की नर्स दवा रख कर यह कह कर चली जाती है कि दवा खा लेना वरना मर जाओगे. विक्रम की चौकसी के लिए 2 सिपाही वार्ड के बाहर ड्यूटी दे रहे हैं. एक उस में चाय पीने को कह कर चला जाता है. दूसरा मोबाइल देख रहा है और उस में गाना बज रहा है, ‘पिया तू अब तो आजा…’ इस बीच डाक्टर इंजेक्शन लगाने आता है. विक्रम उस पर झपट पड़ता है. हथकड़ी बंधी है फिर भी डाक्टर से फाइटिंग हो रही है.
डाक्टर खून में लथपथ पड़ा है. वह हथकड़ी हाथ से निकाल कर भागता है. कई मंजिल का अस्पताल है. भागते में एक सिपाही का फोन छीन लेता है और पुलिस टीम को फोन कर देता है कि विक्रम चौथी मंजिल पर है. पुलिस ऊपर भागती है और वह निकल कर अस्पताल से बाहर आ जाता है.
बाहर एक फोर व्हीलर में बैठता है और ड्राइवर की किसी बात के जवाब में गाली देता है और सीधा स्वाति के घर पहुंचता है. वह उस से लिपट जाती है, जबकि उस से संबंध विच्छेद कर चुकी होती है. उस से साजिद की तारीफ करती है.
विक्रम को स्वामी की बात लग जाती है और वह घर से बाहर निकलता है. वहां एक कार खड़ी होती है, उस में बैठ कर चल देता है. कार कहां से आ गई. यह कुछ पता नहीं है. पुरानी बातें ध्यान में आती हैं और हर बात को कड़ी से कड़ी जोडऩे में विक्रम लगा रहता है. फिर सीधे प्रेमी युगल मास्टरमाइंड सिदेश पल्लवी के पास पहुंचता है.
यह दोनों उस वीडियो का पोस्टमार्टम कर चुके हैं. उस में लीना का मर्डर करने वाले का चेहरा साफ दिखाई देता है. विक्रम को दिव्या की तलाश है. हैकर्स प्रेमी युगल दिव्या की तलाश करता है. पता चलता है कि दिव्या रांची में है.
विक्रम रांची पहुंच जाता है. दिव्या व विक्रम एकदूसरे को देखते हैं और अचानक दिव्या हमला कर देती है. जो भी हाथ में आता है उठाउठा कर मारती है. अचानक दिव्या नुकीले धारदार हथियार विक्रम के सीने में घोंपने की कोशिश करती है. तभी विक्रम उसे रोक लेता है. दोनों बातचीत पर रजामंद हो जाते हैं और आपस में गिलेशिकवे करते हैं. लीना मर्डर केस डेविड पर चर्चा करते हैं. फिर दोनों में बिगड़ जाती है और दिव्या एकदम आक्रामक हो जाती है. विक्रम कहता है कि तुझे उस की बच्ची की जरूरत नहीं. कहां है वो. मैं उसे ढूंढ लूंगा? यह सारे सीन एकदम बकवास है. ऐक्टिंग में कोई जान नहीं है.
एपिसोड-8
आठवां एपिसोड बिलकुल बकवास है. उस में जो कुछ दिखाया गया है, उस की यहां कोई जरूरत भी नहीं थी. साजिद को बदमाशों के कब्जे में दिखाया गया है. उसे अस्पताल के एक बैड पर बांध रखा है. गरदन से खून निकल रहा है और उसे मारने की साजिश की जा रही है. मगर क्यों कुछ पता नहीं. उधर विक्रम और दिव्या डाक्टर सतीश की तलाश में आते हैं. अस्पताल की एक बहुत ऊंची बिल्डिंग में पहुंचते हैं. डाक्टर मिलता है. उस से पूछते हैं कि डाक्टर सतीश कहां है?
अचानक सतीश दिखाई देता है. कोई बताता है कि वह डाक्टर सतीश है. विक्रम और दिव्या उस के पीछे भागते हैं. बहुत ऊंची बिल्डिंग है. सतीश को पकड़ लेते हैं. दिव्या भी पहुंच जाती है. डा. सतीश को विक्रम नीचे लटका रखा है और उस का हाथ विक्रम ने पकड़ रखा है. उस से विक्रम सवालजवाब कर रहे हैं. उसे डेविड की बेटी और दिव्या की बहन के बच्चे की जानकारी कर रहे हैं.
अचानक उस का हाथ छूट जाता है. डाक्टर सतीश नीचे गिर जाता है. दिव्या और विक्रम आपस में लड़तेझगड़ते हैं. दिव्या कहती है कि मेरी बहन की बेटी का पता नहीं लगा सके. मेरा पूरा परिवार बरबाद कर दिया. अगला सीन पल्लवी एवं सिदेश के प्रेम प्रसंग का है. तभी विक्रम और दिव्या वहां पहुंच जाते हैं.
डेविड की बेटी यानी दिव्या की भांजी का पता लगाने के बाद यह दोनों उन के अड्डे पर जाना चाहते हैं. वहां घुसने से पहले दिव्या और विक्रम को बदमाश घेर लेते हैं. दोनों में फाइटिंग शुरू हो जाती है. गोलीबारी होने लगती है. विक्रम ने मारतेमारते लाशों का ढेर लगा दिया है और किसी तरह से अंदर घुस जाता है. दिव्या भी साथ में पहुंचती है.
डेविड की बेटी दिखाई जा रही है, जो डाक्टर के पास है. डाक्टर लड़की को कार में डाल कर भागता है. विक्रम भी कार से उस का पीछा करता है. कार अचानक नदी में गिर जाती है. विक्रम भी उस में कूद पड़ता है. लड़की को बचा लेता है. नदी में ही डूबने से पहले डाक्टर को गोली मार देता है.
यहां भी गाना बज रहा होता है, ‘किसी की मुसकराहटों पर हो निसार जीना इसी का नाम है…’ बारिश भी हो रही है.
बच्ची को दिव्या को सौंप दिया जाता है. इस मारधाड़ और बच्ची को बचाने में उस की हालत खराब हो जाती है. जब उसे होश आता है तो उस के पास उस की पूर्व पत्नी स्वाति होती है. दोनों में बातचीत होती है. विक्रम अपनी बेटी पूजा को पूछता है कि वह भी कहीं जीवित होगी. इमोशनल सीन की कोशिश की गई है. स्वाति विक्रम से लिपट जाती है.
संबंध विच्छेद होने के बाद भी पतिपत्नी जैसा रिश्ता दिखाया गया है. तभी फोन आता है, जो जैकी श्रौफ का होता है. वह कहता है तुम्हारी बेटी पूजा जीवित है, मेरे पास है और उस से बात भी कराता है. लेकिन सालों बाद भी बेटी उतनी ही बड़ी दिखाई देती है, जितनी बड़ी गायब हुई थी. यहीं पर एपिसोड और वेब सीरीज खत्म हो जाती है.
सवाल यह है कि कहानी कई एपिसोड में लीना के मर्डर के खुलासे की ओर चल रही थी और अंत में यह सब कहीं गायब हो जाता है. स्वाति की बेटी पूजा और डेविड की बेटी पर आ कर खत्म हो जाती है.
एपिसोड-2
दूसरे एपिसोड में विक्रम घर से भाग नहीं पाता क्योंकि एक आदमी के हाथ से उस का हाथ हथकड़ी से लौक होता है. हुड्डा फोर्स सहित घर में आ जाता है. दोनों के बीच फायरिंग होती है. उस का हाथ तोड़ कर उस के हाथ में से हथकड़ी निकाल कर हुड्डा से बच कर विक्रम कूद कर भाग जाता है. क्या सीन है! इसी फिल्म के दृश्य से डायरेक्टर की मानसिकता और योग्यता आसानी से समझी जा सकती है.
साजिद फोन कर के विक्रम को बताता है कि लीना का मर्डर हो गया है और हुड्डा को वीडियो से यह सबूत लगे हैं कि जिस ने भी लीना की हत्या की है, उस के सारे सबूत विक्रम से मिलतेजुलते हैं. विक्रम को लगता है कि किसी ने वीडियो को एडिट कर के कातिल की तसवीर में उस का मुखौटा लगा दिया है, जिस से विक्रम को फंसाया जा सके.
विक्रम समझता है कि यह काम उसी हैकर सिदेश का है, जिस से लीना का पता तलाश कराया था. क्योंकि वही इन मामलों में एक्सपर्ट है. विक्रम सिदेश के घर पहुंच कर उसे धमकाता है. इस पर सिदेश कहता है कि यह काम उस ने नहीं किया, लेकिन ओरिजिनल वीडियो अगर उसे दे दी जाए तो वह यह पता लगा सकता है कि यह एडिट का काम किस तरह किया है.
डायरेक्टर से हुई चूक
उधर पुलिस अफसर हुड्डा विक्रम लीना मर्डर केस में गिरफ्तारी के लिए उस के घर जाता है. स्वाति से पूछता है कि विक्रम कहां है? स्वाति बताती है कि विक्रम से उस का कोई मतलब या वास्ता नहीं है. विक्रम से उस का तलाक हो चुका है. विक्रम से कभीकभार फोन पर बात होती है. इतना सुन कर हुड्डा स्वाति के साथ अभद्रता करता है और उस की घर की तलाशी लेने लगता है.
इसी दौरान उसे कंडोम का खाली रैपर दिखाई देता है, जिसे देख कर वह स्वाति को चरित्रहीन कहता है. तभी वहां साजिद पहुंच जाता है और वह अपनी प्रेमिका स्वाति के साथ इस अभद्र व्यवहार का विरोध करता है. इस से पहले विक्रम की पत्नी स्वाति के घर हुड्डा पुलिसिया अंदाज में खूब तोडफ़ोड़ भी करता है.
अगले सीन में विक्रम लीना के मर्डर स्थल पर पहुंचता है. वहां से लीना के बेटे डेविड का एक लैपटाप मिलता है. विक्रम सिदेश हाकर से लैपटाप के पासवर्ड को अनलौक करने का तरीका पूछता है. सिदेश की प्रेमिका पल्लवी के साथ एक होटल में बैठा होता है. उस ने पल्लवी को बताया कि किसी सिस्टम के पासवर्ड को अनलौक कर रहा है.
पल्लवी एक डिवाइस देती है और बताती है कि इस से कैसे पासवर्ड अनलौक किया जा सकता है. यहां पर डायरेक्टर को सिदेश और उस की प्रेमिका पल्लवी के प्रेम प्रसंग को फिल्माना चाहिए था. इन दोनों की प्रेम कहानी का कोई भी सीन फिल्माया नहीं गया. यहां वह अपने प्रेमी के साथ अफेयर के कुछ क्षण बिताने के बजाय अनलौक करने के लिए डिवाइस देती है.
इस से फिल्म देखने वाले दर्शकों को मायूसी के अलावा कुछ हाथ नहीं लगेगा. विक्रम को दिव्या का फोटो लैपटाप में मिलता है. इसी लड़की को उस ने लीना के घर देखा था. विक्रम कमरे से बाहर आता है तो कावड़ी नाम का एक इंसपेक्टर उसे देख लेता है. उसे गन पौइंट पर ले लेता है.
इस गन पौइंट के सीन में विक्रम ने जिन बातों का जाल बिछा कर उस के चंगुल से स्वयं को निकाला है, वह बेवकूफी वाली हैं. इतना ही नहीं उस के रिवौल्वर में से मैगजीन भी निकाल लेता है और उसे पता ही नहीं चलता. ये सीन एकदम बकवास है. एपिसोड के समय को बरबाद करना ही इस सीन का उद्ïदेश्य प्रतीत होता है.
एपिसोड-3
तीसरे एपिसोड में हुड्डा लीना के मर्डर केस की जांच करता है. उसे विक्रम की तलाश है. उसे विक्रम व दिव्या पत्रकार एक साथ कार में आते दिखते हैं. तब वह उन पर रिवौल्वर तान देता है. विक्रम कार से उतर कर आता है. हुड्डा गोली नहीं चलाता, बल्कि उस को आते देखता रहता है. बेहद खराब सीन है. विक्रम उस पर अटैक कर देता है.
दोनों में फाइटिंग होती है. विक्रम आसानी से उस की गरदन कार में फंसा कर पत्रकार दिव्या के साथ चला जाता है. दिलचस्प बात यह है कि हुड्डा के साथ पुलिस फोर्स नहीं होती है. बैकग्राउंड गाना बजता रहा ‘चाहे कोई मुझे जंगली कहे…’ लोग समझते हैं कि जंगली हीरो विक्रम को समझा जाए या हुड्डा को. क्या मतलब है इस गाने का.
विक्रम हुड्डा से कहता है कि उस की पत्नी स्वाति को परेशान न करे, जबकि इससे पहले साजिद और विक्रम की मुलाकात होती है. उस समय दिव्या भी साथ होती है तभी अचानक स्वाति कार से उतर कर आती है और विक्रम को बुराभला कहती है. पतिपत्नी का संबंध विच्छेद कर के चली जाती है. तब विक्रम अपने साथी पुलिस अधिकारी साजिद से कहता है कि इस का खयाल रखना. दिव्या और विक्रम मुंबई की झुग्गीझोपड़ी में पहुंचते हैं. लीना के मर्डर केस की गुत्थी सुलझाने में किसी की तलाश है.
गार्ड ने पुलिस को क्यों किया फोन
बस्ती में एक गुंडा होता है उस के पास पहुंचते ही गुंडे के गुर्गे जिस में अधिकतर बच्चे शामिल हैं, बंदूक तान कर विक्रम को घेर लेते हैं. लेकिन कुछ नहीं होता. यह नाटक भी दर्शकों को मायूस करता है. विक्रम उसे एक फोटो दिखाता है. गुंडा पहचान लेता है. कहता है कि यह अंकिता है और वह उस का पता बता देता है.
विक्रम और दिव्या दोनों अंकिता के घर पहुंच जाते हैं. उस के घर तक पहुंचने में जो सीन है, उस में भी डायरेक्टर की कमी उजागर होती है. यह अंकिता वही है जो 5 लाख रुपए लीना का पता बताने के लिए देती है. यहां एक गार्ड लीना मर्डर की खबर सुन रहा होता है, जिस में विक्रम का जिक्र है. पता नहीं कब मर्डर हुआ और कब खबर चल रही है और वह विक्रम को पहचान लेता है तथा पुलिस को फोन करता है.
स्वाति और साजिद के प्रेम करने का सीन दिखाया जाता है और स्वाति उस से विक्रम की चिंता प्रकट करती है. असल में पूरे वेब सीरीज में यही 2 लोग हैं, जो विक्रम को लीना मर्डर केस का दोषी नहीं मानते और उस को जबरदस्ती इस केस में फंसाए जाने से चिंतित भी हैं. अजब कहानी है. तभी साजिद पर उस के आला पुलिस अधिकारी का फोन आता है और उस से कहता है कि तुझे लीना मर्डर केस की जांच से हटा दिया गया है.
एपिसोड-4
चौथे एपिसोड में दिखाया जाता है कि विक्रम और दिव्या, अंकिता को टौर्चर करते हैं. उस से पूछते हैं कि लीना थामस का मर्डर किस ने किया? अंकिता को पीट पीट बेहोश कर देते हैं.
उस के मोबाइल में थामस के बेटे डेविड की फोटो मिलती है. इसी दौरान हुड्डा भी वहां पहुंच जाता है. उसे कोई सूचना नहीं होती कि पता नहीं डायरेक्टर ने अचानक कैसे पता लगा कर खलनायक हुड्डा को मौके पर भेज दिया.
पुलिस अधिकारी हुड्डा विक्रम और दिव्या को गिरफ्तार करके अपनी गाड़ी में बैठा कर ले जाता है और उन्हें डेविड के सामने पेश करता है. डेविड दोनों को टौर्चर करता है. दिव्या को पकड़ कर अलग टौर्चर रूम में बंद कर दिया जाता है और विक्रम को नशे का इंजेक्शन लगा देते हैं और उसे 2 लोगों के हवाले करते हुए एक गाड़ी में डाल देते हैं. कहते हैं कि इस का एक्सीडेंट दिखा कर काम तमाम कर दो.
सिदेश और उस की प्रेमिका पल्लवी इस में विक्रम को बचाने में लगे हैं. सिदेश कहता है कि विक्रम का उस पर एक एहसान है जिस तरह से वह हैकिंग का काम करता है, उस में फंस गया था. विक्रम ने ही उसे जेल जाने से बचाया है. इन दोनों युवा कलाकारों की प्रेम कहानी कुछ नहीं है. देखने वाले इसी प्रतीक्षा में रहे और कहीं दोनों के बीच प्रेम प्रसंग के सीन नजर आएंगे.
दोनों व्यक्ति विक्रम का एक्सीडेंट कर के हत्या करने ले जा रहे थे, उन की गाड़ी एक जंगल में जा कर पलट जाती है. उस में से पहले वह 2 व्यक्ति निकलते हैं. विक्रम निकलता है उस के हाथ में मशीनगन होती है और वह दोनों को उड़ा देता है. इस बीच यहां गाना चलता है, ‘दम मारो दम हरे कृष्णा हरे राम…’ इस मारकाट में यह गाना भी बकवास लगता है. यह चौथे एपिसोड का अंतिम सीन है.
कलाकार: सुनील शेट्टी, ईशा देओल, राहुल देव, करनवीर शर्मा, बरखा बिष्ट, सिद्धार्थ शेखर, मिहिर आहूजा, गार्गी सावंत
प्लेटफार्म: अमेजन मिनी टीवी
अवधि: लगभग आधे घंटे के 8 एपिसोड्स
निर्देशक: प्रिंस धीमान, आलोक बत्रा
कार्यकारी निर्माता: अक्षय वलसांगकर, आशीष मेहरा, अनुरोध गुसान
प्रोड्यूसर: विक्रम मेहरा, सिद्धार्थ आनंद कुमार, साहिल शर्मा
छायांकन: जेसिल पटेल
वेब सीरीज ‘हंटर टूटेगा नहीं तोड़ेगा’ प्रिंस धीमान और आलोक बत्रा के निर्देशन में बनी है. सीरीज कटियाल के उपन्यास ‘द इनविजिबल वूमेन’ पर आधारित है. यह बौलीवुड की एक ऐक्शन फिल्म की तरह है. वेब सीरीज 8 एपिसोड में जारी की गई है. सीरीज की कहानी में कोई दम नहीं है. इस के कारण जो दृश्य फिल्माए गए हैं, उन में 1-2 को छोड़ कर बाकी सब बकवास हैं.
वेब सीरीज की कहानी में अंगों का व्यापार और देह व्यापार जैसे पुराने घिसेपिटे मामलों को फिल्माने की नाकाम कोशिश की गई है. इस में कत्ल का आरोपी पुलिस अफसर है, उस के पीछे पड़ा एक अन्य पुलिस अधिकारी है, जो विलेन की कमी पूरी करता है. तलाकशुदा पत्नी है. अफेयर है. यह है हंटर की कहानी
सीरीज में एसीपी विक्रम सिंह (सुनील शेट्टी) एक हाईप्रोफाइल महिला लीना थामस के कत्ल के आरोप में फंस जाता है. एसीपी विक्रम गिरफ्तारी से बचने के लिए इधरउधर छिपता है. विक्रम को गिरफ्तार करने में एक दूसरा पुलिस अधिकारी हुड्डा जुटा हुआ है. एसीपी विक्रम का रोल सुनील शेट्टी और लीना थामस का रोल स्मिता जयकर ने निभाया है. जबकि हुड्डा के किरदार में राहुल देव हैं.
विक्रम कानून की गिरफ्त से बचते हुए खुद इस केस को हल करने की कोशिश कर रहा है. इस में उस की मदद एक पुलिस अफसर कर रहा है, जो उस की पूर्व पत्नी स्वाति के साथ रिलेशनशिप में भी है. इसी क्रम में वह दिव्या से मिलता है, जो एक रिपोर्टर है और फिर इस मिशन में उस की सहयोगी बन जाती है.
स्वाति की भूमिका में बरखा बिष्ट है और दिव्या का रोल एशा देओल निभा रही है. शृंखला घिसेपिटे संवादों और उतनी ही खराब संवादों की अदाएगी के लिए एक कीर्तिमान स्थापित कर रही है.
कहानी तो जैसेतैसे इन को मिल गई, लेकिन उसे इतनी बुरे तरीके से फिल्माया गया है कि दर्शकों को बोरियत के सिवा और कुछ हाथ नहीं लगेगा. वेब सीरीज में महिलाओं के काफी सीन ब्रा और छोटे कपड़ों में दिखाए गए हैं. कभी कभी केवल पेंटी पहनती महिला के सीन हैं, जिन का कोई औचित्य नजर नहीं आता.
सीरीज का म्युजिक भी बहुत खराब है. ऐक्शन सीन बहुत ही बोरिंग और बहुत लंबे हैं. यह दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि किसी भी कलाकार ने अपने किरदार के साथ न्याय नहीं किया. सुनील शेट्टी और ईशा देओल तो अभिनय के बारे में बिलकुल अनजान से नजर आए हैं. सुनील शेट्टी इस से पहले एमएक्स प्लेयर की वेब सीरीज ‘धारावी बैंक’ में अंडरवल्र्ड डौन के किरदार में नजर आया था. उस की यह दूसरी सीरीज है.
एपिसोड- 1
पहले एपिसोड की शुरुआत मछली मार्केट से होती है. इमरान नाम का एक गुंडा एक महिला शावा को पीट रहा होता है. एसीपी विक्रम का फोन आता है. कहता है पुलिस आने वाली है, जल्दी भाग जा. इस बीच इमरान धारदार हथियार से गला काट कर शावा की हत्या कर देता है. उस की मां रेशमा को धमकी देता है कि उस का चोरी का माल नहीं मिला तो शावा की बहन का भी यही हाल होगा. इस के बाद वह उस की बहन को उठा कर ले जाता है.
मछली कारोबारी का ऐसा कौन सा सामान एक महिला ने चुरा लिया, जो इस के न मिलने पर हत्या कर दी गई, यह बात फिल्म में कहीं नहीं बताई गई. निर्माता ने खूनखराबे का सीन दिखाने के लिए इसे कहानी में शामिल कर लिया. इमरान नाम के इस गुंडे की ऐक्टिंग में कहीं ऐसी क्रूरता नजर नहीं आई, जैसी कि कातिल में होनी चाहिए. अगले सीन में डीएसपी साजिद एक युवक का पीछा कर रहा होता है.
इंसपेक्टर हुड्डा अचानक आता है और उसी युवक की गोली मार कर हत्या कर देता है. डीएसपी साजिद अकेला होता है और इंसपेक्टर हुड्डा फोर्स के साथ. वेब सीरीज में ऐसा सीन दर्शाया गया है, जिस का कोई मतलब ही नहीं है. डीएसपी साजिद युवक का क्यों पीछा कर रहा है? वह किसी मामले में अपराधी है तथा हुड्डा ने उसे गोली से क्यों उड़ा दिया, यह बात अंत तक भी पता नहीं चल पाई. डीएसपी साजिद का किरदार करणवीर शर्मा ने निभाया है.
दरअसल, एसीपी विक्रम सिंह एक शराबी नशेड़ी उपद्रवी पुलिस अफसर है. इमरान मछली के कारोबार के पीछे अवैध रूप से ड्रग सप्लाई करता है. यह बात विक्रम को पता है. विक्रम उस से ड्रग ले कर नशा करता है. मोटी रकम हासिल करने की खातिर उस की मदद करता है. विक्रम और हुड्डा की मुलाकात होती है और हुड्डा कहता है कि इमरान के सपोर्ट में क्यों खड़ा है. वो तस्कर माफिया है. उसने एक महिला की हत्या की है.
क्यों शुरू हुई मारकाट
यह जानकारी मिलते ही विक्रम अकेला ही इमरान के अड्डे पर पहुंच जाता है. वहां उस के गुंडों से मारपीट व फाइटिंग शुरू हो जाती है. गाना बजने लगता है, ‘सोने की थाली में भोजन परोसा, खाए गोरी का यार बलम तरसे रंग बरसे…’ यह गाने की बैकग्राउंड इस मारकाट के सीन में अर्थहीन है.
इस का सीरीज पर दुष्प्रभाव पड़ता है. जिस तरह से गुंडों की हत्याएं विक्रम को करते दिखाया गया है, उस में रंगमंच पर किए जाने वाले नौटंकी जैसी भी ऐक्टिंग नहीं है. खूब बारिश हो रही है और विक्रम ने इमरान के गुंडों की लाशें बिछा दी हैं. इतनी देर में इमरान भी सामने आ जाता है. दोनों में डायलौगबाजी होती है और फाइटिंग शुरू हो जाती है, जिस में इमरान भी मारा जाता है.
विक्रम को शिवा की बहन मिल जाती है, जिसे बेहोशी की हालत में रस्सी से बांध कर लटका रखा है. वह उसे उतार कर कंधे पर लाद कर इमरान के अड्डे से बाहर निकलता है. सामने ही हुड्डा अपने हमराह सिपाहियों के साथ दिखाई देता है. विक्रम उन के सिपाही को आदेश देता है कि इस लड़की को संभालो. सिपाही लड़की को उठा कर ले चलता है.
हुड्डा धमकी देता है कि तेरी जांच कराऊंगा. तब विक्रम कहता है कि इन हत्याओं में उस का कोई हाथ नहीं है. उस ने तो सिर्फ इस लड़की को बचाया है. वेब सीरीज में इस का यही अंत हो जाता है. आगे इस का कहानी में कोई उल्लेख नहीं है. लाशों के ढेर की न तो कोई जांच होती है और न इस का कहीं जिक्र होता है.
बेमतलब के हौट सीन
अगले सीन में विक्रम एक डाक्टर के पास जाता है. लाशों के ढेर लगाने और बिना जरूरत की फाइटिंग में विक्रम के हाथ में चोट लग जाती है. धारदार हथियार से लगी चोट का इलाज न कर के डाक्टर विक्रम को बताता है कि उस की एक किडनी खराब है. किडनी का औपरेशन कर के जल्द से जल्द बाहर निकलना है.
इस में 10 से 15 लाख रुपए तक खर्च आएगा. इस समय विक्रम के पास पैसा नहीं है. वह समय न होने की बात कह कर औपरेशन को मना कर के वहां से चला जाता है. अगले सीन में स्वाति उसे फोन करती है. घर न आने पर नाराजगी व्यक्त करती है. इस के बावजूद वेब सीरीज का हीरो जिस का चरित्र कहानीकार ने यह दिखाया है कि वह घर न जा कर एक बार में शराब और शबाब का आनंद लेने पहुंच जाता है.
बारबाला पहले से जानती है कि विक्रम नशे का आदी है. विक्रम के असली धंधे के बारे में भी वह जानती है और कहती है कि उसे एक लीना थामस नाम की लेडी की तलाश करनी है. इस के लिए विक्रम को 5 लाख रुपए देने की बात कहती है. रात में शबाब व शराब का आनंद ले कर सुबह का सीन विक्रम के फ्रेश होने का है.
वह फ्रेश हो कर निकलता है. सामने वह हौट कपड़ों में तैयार मिलती है. यहां रोमांस का भी सीन है, जिस का कोई मतलब नहीं है. फिर वह विक्रम के सामने ही कपड़े बदलती है. छोटे कपड़ों में शरीर में से वह अंग साफ दिखाई देते हैं, जिसे बेवजह फिल्माया गया है. फिर उसे ढकती है. 5 लाख रुपए और लीना का फोटो देती है. कहती है कि इसे जल्द से जल्द तलाश करो.
अगले सीन में विक्रम अपने घर पहुंचता है. उसे अपनी बेटी का खयाल आता है, जो इस दुनिया में नहीं है. इतने में उस की पत्नी स्वाति सामने आती है. उस के कपड़ों से दोनों वक्ष झांक रहे होते हैं. क्या फिल्मकार दर्शकों को हौट सीन दिखा कर वेब सीरीज को हिट सीरीज बनाने के प्रयास में है? क्योंकि विक्रम या फिर दर्शकों की नजर पडऩे के बाद वह उन्हें ढकने लगती है.
थोड़ी बातचीत के बाद विक्रम कमरे में ऊपर पहुंचता है, जहां उस की बेटी के फोटो लगे होते हैं. एक फोटो उठा कर देखता है. तभी उसे बेटी खयालों में लिपट जाती है. डायरेक्टर ने इस सीन को इमोशनल बनाने की कोशिश की है, लेकिन उस में सफलता नहीं मिली. यह सीन बहुत ही गंभीर और दिल में उतारने वाला हो सकता था, लेकिन इस सीन का कोई प्रभाव नहीं पड़ा. उस के बाद दोनों नीचे उतर कर आते हैं.
विक्रम घर से बाहर निकल जाता है. स्वाति को अपनी बेटी व पुलिस अफसर साजिद का खयाल आता है, जिस से उस का अफेयर चल रहा है. अगले सीन में विक्रम मिहिर आहूजा यानी हैकर सिदेश के पास पहुंचता है. वहां से लीना का पता ले कर लीना के घर पहुंच जाता है. वहां सिद्धार्थ शेखर यानी डेविड का फोटो देख कर उसे खयाल आता है कि वह इस से कहीं मिला है. स्मिता जयकर यानी लीना थामस से मुलाकात होती है.
थोड़ी देर बातें करने के बाद वह यह बहाना कर के चली जाती है कि वह किसी मीटिंग में जा रही है. शैलेंद्र को उस के पास छोड़ जाती है. विक्रम उस से परिचय पूछता है तो शैलेंद्र बताता है कि वह लीना मैडम व डेविड का काम देखता है. इसी दौरान एक लड़की विक्रम को दिखाई देती है. उस से बात करने पर पता चलता है कि वह लीना थामस पर एक किताब लिख रही है.
अगले सीन में विक्रम के पास एक फोन आता है. वह कहता है तुम्हारा हिसाब चुका दिया है. वह समझ नहीं पाता है. तभी दरवाजे पर दस्तक होती है और 2 युवक घर में दाखिल होते हैं. थोड़ी बात के बाद दोनों में फाइटिंग शुरू हो जाती है और यहां गाना बजता है, ‘चाहे कोई मुझे जंगली कहे, कहने दो कहता रहे…’ विक्रम दोनों को मारता है.
फायरिंग के दौरान विक्रम फ्रिज से एक केला निकाल कर खाता है. दारू पीता है. तब तक दोनों जमीन पर गिरे होते हैं. उन में से एक उठ कर आता है. गोली चलाने से पहले इन दोनों में जो बातचीत हुई है, ये सीन एकदम बकवास है. युवक गोली न चला कर उस की बातों में उलझा रहता है, फिर तीनों गिरे पड़े होते हैं.
विक्रम जब होश में आता है तो उन में से एक युवक के साथ उस का हाथ भी हथकड़ी में बंधा होता है. दोनों के हाथों में हथकड़ी कैसे बंध गई, यह वेब सीरीज में कहीं पता नहीं चला. विक्रम उसे हथकड़ी सहित खींच कर उस स्थान पर ले जाता है, जहां उस का फोन पड़ा है. फोन की घंटी बज रही होती है. वह रिसीव करता है.
इसी बीच पुलिस अफसर साजिद का फोन आता है. वह बताता है कि लीना थामस का मर्डर हो गया है और उस का आरोप तुम्हारे ऊपर आया है. ऐसे सबूत भी मिले हैं. वह कहता है कि हुड्डा आ रहा है. तभी एपिसोड खत्म हो जाता है.