वेब सीरीज ‘इंसपेक्टर ऋषि’ रिव्यू : सुपरनैचुरल थ्रिलर ड्रामा

वेब सीरीज ‘इंसपेक्टर ऋषि’ (Web Series Inspector Rishi) की कहानी एक इंसपेक्टर के इर्दगिर्द घूमती है, जो जंगल में एक के बाद एक हो रही हत्याओं की जांच करता है. लोग इन हत्याओं को वनदेवी ‘वनराची’ से जोड़ कर देखते हैं, लेकिन हकीकत कुछ और है.

कलाकार: नवीन चंद्रा, सुनैना येला, कन्ना रवि, श्रीकृष्ण दयाल, मालिनी जीवरत्नम, कुमारवेल, मीशा घोषाल, सेम्मलर अन्नम, गजराज और अन्य.

लेखक-निर्माता-निर्देशक: जे.एस. नंदिनी

कार्यकारी निर्माता: जितिन थोराई

छायांकन: बरगव श्रीधर

ओटीटी: अमेजन प्राइम वीडियो

अमेजन वीडियो प्राइम (Amazon Video Prime) पर आने वाली वेब सीरीज ‘इंसपेक्टर ऋषि’  मूल तमिल में बनी हौरर (Horror) वेब सीरीज है, जिस में अंधविश्वास के अलावा ऐसा कुछ नहीं है, जिसे हौरर कहा जा सके. इसे तमिल के अलावा तेलुगू, मलयालम, कन्नड़ और हिंदी भाषा में भी रिलीज किया गया है.

इस वेब सीरीज की शुरुआत में तमिलनाडु के थेनकाडु जंगल में आदिवासियों द्वारा एक अनुष्ठान दिखाया जाता है, जिस में सारे आदिवासी सामूहिक रूप से आत्महत्या कर लेते हैं.

फिर इस के वर्षों बाद हत्याओं का सिलसिला शुरू होता है, जिस में हत्याएं किसी हथियार से नहीं की जातीं. मजे की बात यह है कि सीरीज में उन हत्याओं की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बारे में कहीं कोई चर्चा नहीं है. इस में एक रहस्यमय किरदार है ‘वनराची’. जहां भी हत्याएं हुईं, उस की उपस्थिति जरूर दिखाई जाती है.

जांच टीम अकसर अपने लक्ष्य से भटकती नजर आती है. बाकी अगर वह केवल अपनी जांच पर फोकस करती तो शायद सीरीज इतनी लंबी न खिंचती.

सिलसिलेवार हो रही हत्याओं को जहां अंधविश्वास से जोड़ कर दिखाया गया है. यह वेब सीरीज तब तक अच्छी लगती है, जब तक एक खोजी थ्रिलर बनी रहती है. लेकिन जब इस में आत्मा और भूतप्रेत शामिल हो जाते हैं तो यह पुरानी घिसीपिटी स्टाइल वाली सीरीज हो जाती है. इस में ऐसा कुछ भी नया नहीं है, जो दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करे. इसे देखने का मतलब है अपना समय गंवाना.

एपिसोड 1: द हंट्रेस

पहले एपिसोड की शुरुआत में तमिलनाडु के थेनकाडु के जंगल को दिखाया गया है, जो कोयंबटूर से 50 किलोमीटर दूर है. वहां कबीलों का एक गांव है, जहां लोग अपनाअपना काम कर रहे थे. कबीले के लोगों को देख कर यही लग रहा था कि वे किसी त्योहार की तैयारी कर रहे थे.

थोड़ी देर बाद रात हो जाती है तो सभी तैयार हो कर नाचते हुए एक गुफा के अंदर जाते हैं, जहां वे एक देवी की पूजा करते हैं. वे उस गुफा के द्वार को बंद कर देते हैं.

पूजा के बाद सभी एक गड्ढे को घेर कर खड़े हो जाते हैं. पूजा करने वाली महिला उस गड्ढे में आग लगा देती है. फिर उस कबीले के लोग उस गड्ढे में एकएक कर के कूद कर खुद को खत्म कर देते हैं. यह दृश्य बहुत ही भयावह था. ऐसा लगता था कि कबीले वालों ने मिल कर माता के सामने खुद की बलि दे दी हो और कोई पुरानी मन्नत पूरी की हो.

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आगे दिखाया गया है कि जैसे कोई डरावनी चीज पेड़ से निकल रही हो. ऐसा लग रहा था जैसे कोई भयानक शक्ति आजाद हुई हो, जो कबीलों की मन्नत पूरी करने से हुआ है.

इस के बाद 20 साल पुराना दृश्य दिखाया गया है, जिस में फोरैस्ट अफसर सत्या और उस के साथी इरफान पानी में खड़े थे. यहां सत्या का रोल श्रीकृष्ण दयाल ने निभाया है तो इरफान का रोल कुमारवेल ने निभाया है. उन लोगों के सामने हाथियों का एक झुंड था, जो काफी गुस्से में लग रहा था.

सत्या हाथियों के पास जा कर एक हाथी को इंजेक्शन मार कर बेहोश कर देता है और डाक्टर की मदद से उस हाथी का इलाज करता है, क्योंकि उस हाथी के पैर में कांच घुस गया था, जो किसी आदमी द्वारा शराब पी कर बोतल तोडऩे की वजह से हुआ था.

अगली सुबह फोरैस्ट अफसर अपने साथी इरफान और पुनीता के साथ जंगल में राउंड लगा रहे थे, तभी उन्हें पेड़ से लटकी एक आदमी की लाश दिखाई देती है. पुनीता की भूमिका में वैशुलिसा वल्लाल है.

थोड़ी देर बाद पता चलता है कि वह लाश वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर राबर्ट की थी. उसे देख कर समझ में नहीं आ रहा था कि उसे कैसे मारा गया था, क्योंकि उस के ऊपर जाला बुना हुआ था.

फिर कुछ दिनों बाद का दृश्य दिखाया जाता है. यहां एक पुलिस वाला अय्यनार अपनी दादी का पिंडदान कर रहा था. अय्यनार की भूमिका कन्नारवि ने की है. अय्यनार के घर वालों को लग रहा था कि यह सब उस की बीवी यमुना की वजह से हुआ था. क्योंकि अय्यनार की बीवी के आते ही उस की दादी की मृत्यु हो गई थी. इसलिए अय्यनार के घर वालों ने यमुना को मनहूस कह कर घर से निकाल दिया था.

अचानक अय्यनार की साथी पुलिस वाली चित्रा का फोन आता है. चित्रा का रोल मालिनी जकवनरत्नम ने किया है. वह अय्यनार को बताती है कि उस के सीनियर ने किसी स्पैशल पुलिस अफसर को चेन्नै से बुलाया है, जिस से जंगल में मिली लाश का केस हल किया जा सके.

फिर अय्यनार और चित्रा चेन्नै से आए पुलिस अफसर से मिलते हैं, जिस का नाम ऋषि नंदन था. ऋषि नंदन की भूमिका तमिल और तेलुगु फिल्मों के अभिनेता नवीन चंद्रा ने निभाई है. ऋषि अय्यनार और चित्रा से केस के बारे में पूछता है. तब किसी बात पर अय्यनार और ऋषि की बहस हो जाती है.

अय्यनार ने उसे बताया कि जंगल में राबर्ट की लाश को देख कर लग रहा था कि किसी ने उसे मार कर जानबूझ कर इस तरह रख दिया था, ताकि सभी राबर्ट की लाश को देख कर डरें. इस से साफ है कि यह पक्का हत्या का मामला है.

कौन है वनराची

चित्रा ऋषि को बताती है कि घटनास्थल से उसे कैमरा और पैसे मिले थे. इस का मतलब हत्या चोरी या छिनैती के इरादे से नहीं की गई थी. आसपास कनेर के फूल बिखरे पड़े थे. जबकि घटनास्थल के आसपास 3 किलोमीटर के रेंज में कनेर का कोई पेड़ नहीं था.

चित्रा ने बताया कि कनेर के पेड़ में जहर होता है, जिस से हार्टअटैक आता है और राबर्ट के मरने की वजह भी शायद यही है. जिस ने भी यह सब किया है, बड़ी प्लानिंग के साथ किया है.

इस के बाद अब्दुल नाम के एक ढाबे वाले से ऋषि ने पूछताछ की तो उस ने बताया कि राबर्ट सर बहुत अच्छे आदमी थे. वह उसे काफी टिप देते थे. एक दिन राबर्ट ने एक उल्लू का नाम बता कर अब्दुल को जंगल में साथ चलने को कहा, ताकि वह उस की फोटो खींच सके. रात में जब दोनों जंगल में गए तो वहां एक अजीब आवाज सुनाई दी.

उस आवाज का पीछा करते हुए जब राबर्ट जंगल में काफी अंदर चला गया तो वह अब्दुल से अलग हो गया. तब अब्दुल को फिर से डरावनी आवाज सुनाई दी. जब उस ने पेड़ पर देखा तो उसे वनराची दिखाई दी, जिस ने लाल रंग की साड़ी पहनी थी और उस के सिर पर हिरन की तरह सींग थे. सभी उसे जंगल की आत्मा कहते हैं.

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इस का मतलब यह था कि शुरू में जो डराने वाली चीज दिखाई गई थी, वह वनराची थी. वनराची का चेहरा देखने में भयानक और डरावना था, जो गुस्से में अब्दुल को ही देख रही थी. तब अब्दुल अपनी जान बचा कर वहां से भाग आया. अब्दुल को लगा कि राबर्ट भी वहां से भाग आया होगा. पर वह तो मारा गया था. अब्दुल के रूप में अश्वध चंद्रशेखरन ने काम किया है.

इस के बाद अगली रात के बारे में दिखाया गया है, जहां कैथी और सेल्वी नाम की फोरैस्ट अफसर अपनी ड्यूटी कर रही थी, तब रास्ते में सेल्वी के पैर में कांटे का फंदा लग जाता है, जिसे किसी शिकारी ने जंगली जानवर को पकडऩे के लिए लगाया था.

कैथी जैसे ही उस से दूर होती है, सेल्वी को वनराची दिखाई देती है, जो सेल्वी को मारने के लिए आ रही थी. सेल्वी बहुत जोर से चिल्लाती है. सेल्वी की भूमिका सरन्या रविचंद्रन ने निभाई है तो कैथी की भूमिका सुनैना ने की है.

एपिसोड 2: डेविल इज इन द डिटेल्स

दूसरे एपिसोड में इंसपेक्टर ऋषि की एक गुंडे से लड़ाई होती है. ऋषि उस गुंडे को घायल कर एक लड़की को बचा लेता है, जिस का उस गुंडे ने अपहरण कर लिया था.

पुलिस अधिकारियों की मीटिंग में पुलिस कमिश्नर तय करते हैं कि राबर्ट वाला केस ऋषि को सौंपा जाए. क्योंकि वह एक काबिल पुलिस अफसर है और किसी भी मामले को आसानी से हल कर देता है. आगे पता चलता है कि इंसपेक्टर ऋषि की एक आंख नकली थी, जो एक मिशन में चली गई थी.

ऋषि की टीम फोरैंसिक डाक्टर के पास जाती है तो पता चलता है कि राबर्ट की मौत कनेर के फूलों की वजह से नहीं हुई थी. वह बिलकुल फिट था. उसे हार्टअटैक नहीं आ सकता था. इस के बाद उन की समझ में नहीं आता कि राबर्ट की मौत का कारण क्या हो सकता है. डाक्टर का कहना था कि राबर्ट के शरीर पर मिला जाला आर्गेनिक था यानी वह कीड़ों ने ही बुना था.

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ऋषि चित्रा और अय्यनार से केस पर डिसकस करते हुए कहता है कि इस हत्या के मामले में किसी सीरियल किलर का हाथ लग रहा है. हो सकता है कि पहले भी इस तरह कोई हत्या हुई हो या फिर यह हत्या का पहला मामला हो यानी आगे इस तरह की हत्याएं होने की संभावना है. इसलिए हत्या के इस मामले को बहुत जल्दी हल करना होगा.

इस के बाद ऋषि जा कर सत्या से मिलता है तो वह बताती है कि 5 साल पहले बिलकुल इसी तरह एक हत्या हुई थी. उस में बाला नाम का ट्रक ड्राइवर मारा गया था. उस की लाश ठीक उसी तरह मिली थी, जिस तरह राबर्ट की मिली थी.

क्यों फैल रही थी वनराची की दहशत

ऋषि की टीम बाला के घर जा कर पूछताछ करती है. बाला की पत्नी बताती है कि मरने से कुछ दिन पहले बाला अजीब हरकतें करने लगा था. ऐसा लग रहा था, जैसे उसे किसी की आत्मा परेशान कर रही हो. इसी के एक हफ्ते बाद वह एक्सीडेंट में मारा गया था.

इस के बाद ऋषि घर में बैठा इसी केस के बारे में सोच रहा था. तभी उस के सिर में माइग्रेन का दर्द होता है और उसे सामने एक भयानक आत्मा दिखाई देती है, जिस से वह डर जाता है.

कमरम नाम का एक कौन्ट्रैक्टर जंगल में कोई प्रोजेक्ट करा रहा था. लेकिन वनराची की बात फैलने से उस के प्रोजेक्ट में काम करने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे थे, जिस से उस का काम काफी पिछड़ रहा था. इस से परेशान हो कर कमरम ने सोचा कि वह दूसरी जगह से मजदूर ले आएगा ताकि काम जल्दी पूरा हो जाए.

रात को कमरम की गर्भवती पत्नी संगीता अपने भांजे धर्म के साथ घर जा रही थी. वह डाक्टर के यहां अपना चेकअप कराने गई थी, जहां से उसे आने में देर हो गई थी. रास्ते में उसे एक बूढ़ी औरत मिली, जिस ने संगीता और धर्म को सतर्क रहने के लिए कहा था.

क्योंकि जंगल में वनराची घूम रही थी, जिसे मां बनने का सुख नहीं मिला था. इसलिए वह गर्भवती महिलाओं का बच्चा सूंघ कर उस का बच्चा लेने आती थी. वह बूढ़ी औरत संगीता को हाथ में लोहे की कोई चीज लेने को कहती है, जिस से वह सेफ रहे.

एपिसोड 3: इन द शैडोज

एपिसोड 3 की शुरुआत में कमरम का शरीर एक पेड़ के नीचे अकड़ा पड़ा था और वह कुछ कर नहीं पा रहा था. तब वनराची धीरेधीरे कमरम के पास आती है और उसे मार देती है.

इस के बाद ऋषि की टीम संगीता के घर इन्वेस्टिगेशन के लिए आती है. खोजी कुत्ते को ले कर पुलिस की टीम जंगल में इधरउधर भटक रही थी, तभी एक जगह पहुंचने पर कुत्ते जोरजोर से भौकने लगते हैं. उसी समय बहुत तेज हवा चलती है और वनराची की बहुत ही डरावनी आवाज आती है.

उस आवाज को सुन कर इंसपेक्टर ऋषि की टीम सतर्क हो कर ऐक्शन मोड में आ जाती है. ऋषि थोड़ा आगे बढ़ता है तो पेड़ के नीचे उसे कमरम की लाश मिलती है. जिसे राबर्ट और बाला की तरह ही मारा गया था. संगीता का रोल कार्तिका दिनेश ने निभाया है.

ऋषि और उस की टीम कमरम की लाश को फोरैंसिक डाक्टर के पास ले जाते हैं, जहां उस के गले में कुछ हलचल सी होने लगती है, जिस के बाद उस के मुंह से हरे रंग के कीड़े निकलते हैं. ऋषि उन कीड़ों में से एक कीड़े को पकड़ कर एक्सपर्ट के पास ले जाता है तो वह एक्सपर्ट बताता है कि ये कीड़े पिगमेंटस प्रजाति से आते हैं, जो अपने पैरों की मदद से जाले बुनते हैं. इस का मतलब इन्हीं कीड़ों की मदद से मरने वालों के ऊपर जाले बनाए गए थे.

तब ऋषि एक्सपर्ट से पूछता है कि क्या इन कीड़ों को ट्रेंड कर के किसी के ऊपर जाले बनवाए जा सकते हैं? एक्सपर्ट ने बताया कि किसी आदमी के लिए यह संभव नहीं है.

अब मंगई नाम की औरत सामने आती है, जिस की बहुत अच्छी दुकान थी, जो वनराची की डौल बना कर बेचती थी. मंगई की भूमिका सेम्मलार अन्नम ने निभाई है.

इस के बाद यमुना दिखाई देती है, जो अय्यनार की पत्नी थी. यमुना और अय्यनार ने भाग कर शादी की थी. यमुना की भूमिका में मीशा घोषाल है.

ऋषि अपने बैड पर पत्नी विजी के साथ लेटा अतीत के बारे में सोच रहा था. उस ने विजी से कहा कि उसे एक खतरनाक मिशन पर जाना है. अगर उसे कुछ हो जाए तो वह किसी अन्य से शादी कर लेगी. लेकिन विजी साफ मना कर देती है, क्योंकि वह उसे बहुत प्यार करती थी.

फिर वह कहती है कि अगर वह मर गई तो उसे भूत बन कर डराएगी. इस से पता चलता है कि ऋषि को जो डरावनी आत्मा दिखाई दे रही थी, वह विजी की आत्मा थी. विजी की भूमिका में हरिनी सुंदरराजन है.

एपिसोड 4: व्हाट लाइज बिनेथ

चौथे एपिसोड की शुरुआत में मंगई दिखाई देती है, जो रात को अपनी दुकान बंद कर के घर जा रही थी. उस समय मंगई का एक आदमी पीछा करता है. मंगई तेजी से चल कर घर में घुस जाती है. वह आदमी खिड़की से उसे देखता है तो मंगई के हाथ टेढ़ेमेढ़े हो जाते हैं और उस का चेहरा काफी डरावना हो जाता है. ऐसा लग रहा था कि मंगई वनराची में बदल रही थी. तब वह आदमी डर के मारे वहां से भाग गया था.

अय्यनार और ऋषि गेस्टहाउस पहुंच जाते हैं, जहां उन के रहने की व्यवस्था सत्या करता है और कैथी को ऋषि के असिस्टेंट के रूप में रख देता है, क्योंकि ऋषि को जंगल में किसी फोरैस्ट एक्सपर्ट की जरूरत पड़ सकती थी. इस में कैथी उस की मदद कर सकती थी.

दूसरी ओर अगले दिन सुबह अय्यनार और ऋषि केस पर डिसकस करते हैं. अय्यनार कहता है कि मारने वाला उसे उस के घर में भी तो मार सकता था. उस ने उसे जंगल में ले जा कर क्यों मारा और राबर्ट को भी जंगल में मारा गया था. इसलिए इस मामले का जंगल से ही कोई न कोई संबंध है.

ऋषि और अय्यनार कमरम के औफिस जाते हैं, जहां उस की एक सीक्रेट दराज थी. उस में कमरन का फोन और कुछ डाक्यूमेंट थे. इस के बाद ऋषि कमरम की कंस्ट्रक्शन साइट पर जाता है, जहां उसे पता चलता है कि यह प्रोजेक्ट बंद होने वाला है. शायद अब इस प्रोजेक्ट को चालू होने में साल भर लगेगा. क्योंकि अब सरकार दोबारा टेंडर निकालेगी.

आगे देखते हैं कि कमरम को पत्नी  संगीता का बच्चा मर गया था, जिस से वह जोरजोर से रो रही थी. ऋषि अपने घर में बैठा सोच रहा था, तभी पीछे का दृश्य दिखाया जाता है. ऋषि का अपनी पत्नी विजी से झगड़ा हो गया था. तब वह पत्नी को एवाइड कर दोस्तों के साथ बैठा शराब पी रहा था. तभी उस की पत्नी फोन कर के उस से मिलने को कहती है, वरना वह खुद को गाड़ी से उड़वा कर मार देगी. तभी वह खिड़की से बाहर देखता है तो उस की पत्नी खड़ी थी. अचानक कैथी उस के कमरे में आती है तो वह डर कर जाग जाता है.

एपिसोड 5: समथिंग विक्ड

पांचवें एपिसोड के शुरू में सत्या अपने घर पर चिडिय़ों को दाना डाल रहा था, तभी एक चिडिय़ा दिखाई देती है, जो सत्या की बात मान रही थी. आगे सत्या की टीम जंगल में जा रही थी, तभी उन्हें ढेरों फंदे दिखाई देते हैं, जो शिकारियों ने लगाए थे, ताकि वे जानवरों को पकड़ सकें.

सत्या इरफान से पूछता है कि क्या हम शिकारियों को जल्दी पकड़ लेंगे? क्योंकि इन्होंने जंगल में आतंक मचा रखा है. इस के बाद सेकर नाम का शिकारी दिखाई देता है, जिस ने जंगल में कैंप लगा रखा था. उस ने एक हाथी को भी मारा था, जिस के दांत उस के साथी निकाल रहे थे.

तभी उस का एक साथी आ कर बताता है कि फोरैस्ट पुलिस वहां से 5 किलोग्राम की दूरी पर है और इसी ओर आ रही है. तब सेकर और उस के साथी अपना सामान ले कर चले जाते है. शिकारी सेकर की भूमिका माइम गोपी ने निभाई है.

इस के बाद ऋषि और उस की टीम को रथिनम की लाश मिलती है, जिसे वनराची ने अन्य लोगों की ही तरह मारा था. ऋषि रथिनम के भाई से जा कर पूछता है कि कल रात वह कहां था, जब उस के भाई की हत्या हुई थी. रथिनम का भाई बताता है कि कल वह धंधे के काम से पास के शहर गया था.

ऋषि को रथिनम के भाई पर शक होता है, क्योंकि वह यह सब बताते समय काफी घबराया हुआ लग रहा था. उसी समय रथिनम के भाई के पास शिकारी सेकर का फोन आता है, जिस ने हाथी मारा था. सेकर उस से किसी चीज के पैसे मांगता है और पैसा न मिलने पर अच्छा नहीं होगा, कह कर धमकी देता है. रथिनम का भाई बड़ी चालाकी से ऋषि से ये बातें छिपा लेता है.

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ऋषि की टीम रथिनम की गाड़ी चैक करती है, जिस में से उन्हें एक बाल मिलता है, जो शायद हत्यारे का हो सकता था. बाल को फोरैंसिक लैब भेज दिया जाता है.

आगे फोरैस्ट अफसरों को जंगल में अपने लगाए कैमरे टूटे मिलते हैं, जो उन्होंने जानवरों की निगरानी के लिए लगाए थे. फोरैस्ट अफसर उन कैमरों को सत्या के पास ले जाते हैं, जहां सत्या उन की मेमोरी चैक करता है, जिस में वनराची दिखाई देती है. उस के बाद कैमरे खराब हो जाते हैं.

अब ऋषि मंगई के घर जा कर तलाशी लेता है तो वहां उसे वनराची की कास्ट्यूम मिलती है. इस का मतलब मंगई ही सभी को वनराची बन कर डरा रही थी. ऋषि मंगई को थाने ला कर पूछताछ करता है तो वह कहती है कि उस ने कोई मर्डर नहीं किया. वह तो मरने वालों को जानती तक नहीं.

ऋषि के सिर में एकदम से दर्द होने लगता है और उसे विजी की बातें याद आने लगती हैं. इस के बाद वह एक गांव में कुछ लोगों को पकड़ता है, जो शिकार करते थे. इरफान से कह कर उन्हें जेल भिजवा देता है. फिर सत्या के पास आ कर वनराची की वीडियो देखता है.

वीडियो देख कर ऋषि कहता है कि यह जो कोई भी है, बहादुरी और होशियारी से काम कर रहा है. यानी ऋषि को विश्वास था कि यह वीडियो नकली है और यह सब उन्हें कोई वनराची पर विश्वास दिलाने के लिए कर रहा था. ऋषि और सत्या केस से जुड़ी बातें करते हैं और सत्या ऋषि को अपनी चिडिय़ा से मिलवाता है, जिस का नाम नीला है.

आगे गांव का मुखिया कलिया पेरूमल गांव वालों को समझा रहा था कि पुलिस वाले अपना काम अच्छी तरह से कर रहे हैं. इसलिए कोई उन के काम में रुकावट नहीं डालेगा. सेल्वन को भी गांव में हो रहे मर्डर और वनराची के बारे में पता चल गया था. कलिया पेरूमल की भूमिका वेला राममूर्ति ने निभाई है.

दूसरी ओर अय्यनार और चित्रा मंगई के बारे में पता करते हैं तो उन्हें पता चलता है कि मंगई सच कह रही थी. वह वाकई में वनराची पर ड्रामा कर रही थी. इस के बाद ऋषि की टीम की समझ में नहीं आता कि ये हत्याएं क्यों और कौन कर रहा है? क्योंकि केस उलझता ही जा रहा था.

एपिसोड 6: द टाइज दैट बाइंड

एपिसोड 6 के शुरू में अतीत का दृश्य दिखाया जाता है, जहां ऋषि की पत्नी उस से मिल कर माफी मांगती है और फिर से उस की जिंदगी में आने को कहती है. तब ऋषि उसे समझाता है कि उस का वहां रहना सुरक्षित नहीं है. पर पत्नी उस की बात नहीं मानती.

दरअसल, ऋषि वहां एक गैंगस्टर को पकडऩे आया था, जो बहुत खतरनाक था. ऋषि उस गैंगस्टर को पकडऩे पब के अंदर जाता है, जहां गैंगस्टर और ऋषि की टीम के बीच फायरिंग शुरू हो जाती है.

थोड़ी देर में ऋषि की चिंता करते हुए विजी पब के अंदर आती है. तब उसे गोली लग जाती है और वह मारी जाती है. इसी फायरिंग में एक गोली ऋषि की आंख में लग गई थी, जिस से उस की एक आंख खराब हो गई थी. शायद इसीलिए ऋषि को पत्नी की आत्मा दिखाई देती थी और वह डरता रहता था.

इस के बाद सत्या ऋषि को फोन कर के बताता है कि कैथी और उस के एक साथी ने अभी तक कंट्रोल रूम में रिपोर्टिंग नहीं की है. शायद उन्हें किसी ने किडनैप कर लिया है. ऋषि अपनी टीम और सत्या के साथ जंगल में कैथी की लोकेशन सर्च करता है. वहां जाने पर कैथी का साथी बेहोशी हालत में पड़ा मिलता है.

उस के फोन में एक वीडियो मिलती है, जिस में वनराची कैथी को चिढ़ा रही थी कि वह ऋषि के प्यार में पड़ गई है. वनराची कैथी को पकड़ कर ले जाती है. इस के बाद ऋषि कैथी को पागलों की तरह ढूंढने लगता है. आखिर ऋषि को कैथी मिल जाती है. उस के ऊपर कीड़े जाले बुनने ही वाले थे. ऋषि कैथी को बचा लेता है.

उसे कोई पीछे से खींच कर ले गया. उसी बीच वह बेहोश हो गई. जब उस की आंखें खुलीं तो उस ने सामने वनराची को देखा, जो काफी डरावनी थी. जिसे देख कर वह दोबारा बेहोश सो गई थी.

फिर इस के बाद ऋषि कैथी को अपनी पत्नी और अपनी कहानी बताता है कि दोनों कैसे मिले और फिर कैसे प्यार हुआ और फिर दोनों ने शादी कर ली.

एपिसोड 7: डिलीवर अस फ्राम इविल

एपिसोड 7 की शुरुआत में एक शख्स तुलसी के घर आता है, जिसे तुलसी के मम्मीपापा ने बुलाया था, ताकि वह तुलसी के अंदर से वनराची की आत्मा को निकाल सके. पंडित पूजा शुरू करता है और उस के मंत्र पढ़ते ही तुलसी के अंदर वनराची की आत्मा आ कर अजीब हरकतें करने लगती है.

तुलसी के मम्मीपापा डर जाते हैं. थोड़ी देर बाद गांव वाले तुलसी के घर आ कर उसे पकड़ कर ले जाते हैं, क्योंकि उन्हें पता चल गया था कि तुलसी के अंदर वनराची की आत्मा है और वनराची से उन सभी को खतरा हो सकता है.

गांव के कुछ लोग मुखिया कलिया पेरूमल को जा कर बताते हैं कि कुछ लोगों ने तुलसी को बांध रखा है और वे उसे चौराहे पर मारने वाले हैं, क्योंकि उस के अंदर वनराची की आत्मा है. इस के बाद कलिया पेरूमल तुलसी के पास जा कर गांव वालों को समझाता है और तुलसी को खोल कर उस के मांबाप के साथ भेज देता है.

ऋषि अपनी टीम के साथ केस के बारे में डिसकस करता है कि अब तक जो 4 हत्याएं हुई हैं, उन में कुछ न कुछ कौमन जरूर था. क्योंकि कोई भी हत्या बिना वजह नहीं करेगा. इन के पीछे कोई न कोई वजह जरूर होगी.

इस के बाद सभी वजह तलाशने लगते हैं. अय्यनार बाला की पत्नी पर नजर रखता है, क्योंकि वह देख रहा था कि बाला की पत्नी छिपछिप कर कहीं जा रही थी. वह उस का पीछा करता है. वह वहां सुरीली नाम के आदमी से गुस्से में बात कर रही थी.

अय्यनार सुरीली के ट्रक का पीछा करता है तो वह देखता है कि जंगल के बीच से सुरीली और उस का साथी कुछ बौक्स निकाल रहे थे. इस का मतलब उन में जरूर कुछ था.

सुरीली अपना ट्रक ले कर जा रहा था तो अय्यनार सत्या को फोन कर के उस की तलाशी लेने को कहता है. सत्या जब सुरीली के सब्जी के ट्रक को चैक करता है तो उस में से शेर की खाल, हाथी के दांत और अन्य जानवरों के शरीर के अंग मिलते हैं, जो गलत तरीके से जानवरों को मार कर बाहर भेजे जा रहे थे.

इस के बाद सुरीली से पूछताछ की जाती है तो वह बताता है कि शिकार का यह नेटवर्क इतना बड़ा है कि वे सोच भी नहीं सकते. बाला भी इस धंधे में शामिल था, जो अपने ट्रक के जरिए इन सामानों को पहुंचाया करता था.

आगे चित्रा अय्यनार को अपनी थ्योरी बताती है कि अब तक जो मर्डर हुए हैं, सब शिकारियों ने ही किए हैं, ताकि वे जंगल में आराम से शिकार कर सकें. वनराची की हवा फैलाई गई है कि लोग डर के मारे जंगल में न आएं और वे अपना काम करते रहें. अय्यनार को उस की बात पर बिलकुल विश्वास नहीं होता. ऋषि कैथी के पास जा कर इधर 5 सालों में जितने शिकार के केस हुए हैं, उस की लिस्ट लाने को कहता है.

इरफान रात को अपने घर से ड्यूटी के लिए निकलता है, पर वह ड्यूटी पर नहीं पहुंचता. लेकिन सत्या को इरफान के गायब होने का पता गया था. क्योंकि इरफान ने वाकीटाकी पर मदद मांगी थी, जिसे सत्या ने सुन लिया था.

सत्या इरफान की तलाश में जंगल में जाता है. इरफान सत्या को जंगल में घायल अवस्था में मिलता है. उस की सांसें ठीक से नहीं चल रही थीं. एंबुलेंस से उसे अस्पताल भेजा जाता है. उधर कोई सत्या पर नजर रख रहा था. सत्या मुड़ कर उस पर बंदूक तान देता है.

एपिसोड 8: द डार्केस्ट आवर

8वें एपिसोड की शुरुआत में डीएफओ मैडम सत्या और इरफान की तलाश में अपनी टीम लगा देती है, क्योंकि वह रात से ही गायब था. सत्या के पापा भी बेटे की तलाश में टीम के साथ जाना चाहते थे, पर डीएफओ मैडम मना कर देती है.

ऋषि और अय्यनार आपस में बात करते हैं कि पोचर (शिकारी) का जो माल जब्त किया गया था, वह गेस्टहाउस तक नहीं पहुंचा. इस का मतलब पोचर को यह सब पता चल गया था. इसलिए अपना माल वापस पाने के लिए उन्होंने उन दोनों को किडनैप कर लिया होगा.

पुलिस को इरफान की लाश के बारे में भी पता नहीं चला था. इसलिए पुलिस को लगा इरफान अभी जिंदा है. पुलिस सत्या और इरफान की तलाश में लग जाती है.

आगे पता चलता है कि इरफान और सत्या को किडनैप करने वाला कोई और नहीं सेकर था. सेकर का माल सत्या ने कहीं छिपा रखा था. दरअसल, उसे पता चल गया था कि बड़े अधिकारी सेकर से मिले हुए हैं. अगर सेकर का माल गेस्टहाउस में जाता तो सेकर को वापस मिल जाता. इसलिए सत्या ने माल छिपा लिया और अपना माल वापस पाने के लिए सेकर ने इरफान और सत्या को उठवा लिया.

आगे देखते हैं कि सत्या और इरफान को पोचर ने बहुत मारा है. उन की हालत बहुत खराब है. तभी पोचर एक शेर के बच्चे को पकड़ कर लाता है और जिंदा ही उस की खाल निकाल लेता है. यह देख कर सत्या को बहुत दुख होता है और पोचर पर चिल्लाता है. इस पर सेकर सत्या को और पीट देता है.

राज अपनी गर्लफ्रेंड के साथ बैड पर लेटा था, तभी ऋषि की टीम आ कर उसे पकड़ लेती है. राज से उस के साथी के बारे में पूछती है. राज जिस के बारे में बताता है, वह रथिनम का भाई था. ऋषि की टीम रथिनम के भाई को पकड़ती है तो वह बताता है कि वह केवल रथिनम के कहने पर डिलीवरी के पैसे देता था.

इस के बाद रथिनम के भाई के फोन से सेकर का नंबर निकाल कर उस की लोकेशन निकलवाई जाती है. दरअसल, चित्रा ने उस के मुंह से सेकर का नाम तब सुन लिया था, जब उस के फोन पर सेकर का फोन आया था. सेकर की लोकेशन एक पुराने मकान की मिलती है, जिस का गेट बंद पड़ा था. चौकीदार कहता है कि यहां कोई नहीं रहता. आगे देखते हैं कि सत्या से मिलने उस की चिडिय़ा नीला आई थी, जिसे वह मदद के लिए भेज देता है.

ऋषि यह सोच कर जाने लगता है कि इस पुरानी जगह पर कोई नहीं रहता होगा, तभी उसे सत्या की नीला चिडिय़ा दिखाई देती है. तब ऋषि उस जगह के अंदर जाता है तो फायरिंग शुरू हो जाती है, जिस में बहुत सारे पोचर मारे जाते हैं, पर सेकर भाग जाता है. ऋषि सत्या को आजाद कराता है. जब वे इरफान को लेने जाते हैं तो पता चलता है कि सेकर ने उसे जान से मार दिया था. सत्या रोने लगता है.

ऋषि उस के बड़े अफसर को केस की डिटेल्स दे कर कहता है कि पोचर जंगल में जानवरों को मार रहे थे. पर उन का वनराची वाले मर्डर से कोई संबंध नहीं है. उसे कुछ लोगों पर शक है, जिन का वह जल्दी पता लगा लेगा.

इस के बाद ऋषि राबर्ट के कैमरे की फोटो देखता है, जिस में कुछ मिलता है. उस के बाद वह सीधे सेल्वम के पास जा कर पूछताछ करता है. इस पूछताछ में सेल्वम बताता है कि वह बकरी को नशे के इंजेक्शन लगा कर देता था, जिस से जो जंगली जानवर उस बकरी को खाता था, वह जानवर मदहोश सा हो जाता. पर कभीकभी दवा अधिक होने के कारण जंगली जानवर मारे जाते थे, पर राबर्ट को इस का कोई अफसोस नहीं होता था.

ऋषि अपने घर जा कर सो गया था. रात में उस की आंखें खुलीं तो वह अपने घर के गेट पर गया. वहां उसे हरे रंग के कीड़ों के अलावा वनराची भी दिखाई दी. वह जंगल की ओर जा रही थी. ऋषि भी उस के पीछेपीछे जंगल की ओर चल पड़ा.

एपिसोड 9: द सीक्रेट कैवर्न

एपिसोड 9 की शुरुआत में ऋषि वनराची के पीछे जंगल में जाता है. वह वहां पहुंच जाता है, जहां से वनराची पहली बार निकली थी. वहां कनेर के पीले फूल थे, जिन की खुशबू से ऋषि मदहोश होने लगा था. वनराची जब उस के पास आई तो वह पूरी तरह बेहोश हो गया था.

अय्यनार जा कर चित्रा से मिला तो उस ने बताया कि कमरम के फोन में बासंती नाम की लड़की को मैसेज भेजे गए थे. शायद उस से कुछ पता चल जाए. बासंती की भूमिका सोफिया विक्टर ने की है. तब चित्रा बासंती के पास जा कर उस से क्लोज हो कर बातें करने लगी थी. तब अय्यनार को पता चलता है कि चित्रा को लड़के नहीं, लड़कियां पसंद है.

अब अय्यनार उस से अजीब व्यवहार करने लगता है. तब चित्रा को पता चल जाता है कि अय्यनार को उस के बारे में पता चल गया है. फिर वह उसे बता देती है कि वह लेस्बियन है. जब उस ने उस के बौयफ्रेंड के बारे में पूछा तो उस ने कुछ नहीं बताया.

आगे दोनों ऋषि के पास जा कर केस के बारे में डिसकस करते हैं और कहते हैं कि कमरम का पोचर से संबंध नहीं था. कमरम ने अपने प्रोजेक्ट के लिए तमाम पेड़ काटे थे, जिस की खबर को दबाने के लिए उस ने पौलिटीशियन, मीडिया और अफसरों को पैसे खिलाए थे, जिस से जंगल और जानवर दोनों को नुकसान हुआ था.

यहां एक बात साबित होती है कि वनराची ने जिन 4 लोगों को मारा था, उन में एक बात कौमन थी कि उन्होंने किसी न किसी तरह जंगल या जानवरों को नुकसान पहुंचाया था.

आगे सेकर दिखाई देता है, जो एक गुफा में छिप कर बैठा था. तब उस के अंकल उसे खाना ला कर देते हैं और बताते हैं कि कल उसे एक आदमी यहां से निकाल कर हमेशा के लिए बाहर भेज देगा.

ऋषि अगले दिन सत्या के पास जा कर बताता है कि उसे हर समस्या का कोई न कोई सौल्यूशन मिल जाता है, पर इस बार उस की समझ में नहीं आ रहा है कि उस के साथ क्या हो रहा है. ऋषि को उस के साथी का फोन आता है, जिस के बाद वह भागते हुए जाता है. जंगल में डीएफओ को सेकर की लाश मिली थी, जिसे देख कर लग रहा था कि उसे वनराची ने मारा है, क्योंकि उस की लाश भी ठीक वैसी ही मिली थी, जैसे पहले मारे लोगों की लाशें मिली थीं.

ऋषि अपनी टीम के साथ उस गुफा में जाता है, जहां सेकर छिपा था. गुफा में जाने के 2 रास्ते थे, जिस के एक रास्ते से चित्रा और सत्या जाते हैं तो दूसरे रास्ते से ऋषि और अय्यनार.

अय्यनार और ऋषि को रास्ते में हरे कीड़ों की मांद मिलती है, जो मरे हुए लोगों पर जाले बुनते थे. इस के अलावा ऋषि को कबीलों की पेंटिंग मिलती है, जिस की ऋषि फोटो खींच लेता है. यह वही फोटो थी, जिसे सीरीज की शुरुआत में कबीले के लोगों ने पूजा कर के खुद की बलि दे दी थी.

अब चित्रा को कबीले के लोगों की आत्मा दिखाई देने लगती है, जिस से वह काफी डर जाती है. ऋषि उसे संभालने की कोशिश करता है, पर वह भागती है और आगे जा कर एक गड्ढे में गिर जाती है. ऋषि भी उस गड्ढे में गिर जाता है. यह वही गड्ढा था,  जिस में कबीले के लोगों ने खुद को जलाया था. ऋषि को हड्डियाँ मिलती हैं. फिर सभी गुफा से बाहर आ जाते हैं.

इस के बाद ऋषि थेनकाडु के एक पुराने डीएम से मिलने जाता है तो वह बताते हैं कि काफी पहले यहां कबीले के लोग रहते थे. सरकार ने जब आदिवासी कल्याण योजना चालू की तो यहां के कबीले के लोगों ने सरकार की उस योजना को ठुकरा दिया.

सरकार ने उन्हें हर चीज देने का वादा किया, पर वे नहीं माने. वे सरकार के विरोध में आंदोलन करने लगे. फिर एक दिन परेशान और दुखी हो कर उन्होंने गुफा के पास जा कर सामूहिक आत्महत्या कर ली.

जब पुलिस वालों ने उन्हें बचाने की कोशिश की तो गुफा के धुएं से उन्हें हैलोजिनेशन हुआ और वे उन्हें बचा नहीं पाए. गांव वालों ने उन की लाशें गुफा से निकालने से मना कर दिया था. क्योंकि वे उन्हें छूने से डर रहे थे.

ऋषि अब कलिया पेरूमल से मिलता है, जो शुरू से उन आदिवासियों के साथ था. उस ने बताया कि आदिवासी जंगल को अपना घर मानते थे और पेड़पौधों को बच्चे की तरह बड़ा करते थे. यहां तक कि वे जानवरों का इलाज भी करते थे. पर वहीं माइनिंग प्रोजेक्ट आने वाला था. कबीले के लोगों ने सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया था. जब सरकार नहीं मानी तो उन्होंने सामूहिक आत्महत्या की योजना बनाई, जो कामयाब रही. उस के बाद सरकार का माइनिंग प्रोजेक्ट रुक गया. हालांकि कबीले के लोग खत्म हो गए थे.

ऋषि अपने घर जा कर चित्रा से कहता है कि उस ने गुफा में टाक्सिन इनहेल कर लिया था. पर चित्रा कहती है कि उस ने तो कभी कबीले के लोगों को देखा नहीं तो वे उसे कैसे दिखाई दिए. ऋषि के पास चित्रा की इस बात का कोई जवाब नहीं था.

अय्यनार बताता है कि दुनिया में जितने भी सामूहिक आत्महत्या के केस हुए हैं, उन में धार्मिक एंगल जरूर होता है, जैसे कि दिल्ली का बुराड़ी केस है.

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ऋषि की टीम वनराची का ड्रामा देखने जाती है, जिस में मंगई वनराची की भूमिका कर रही थी. सभी वनराची की पूरी कहानी देखते हैं. इस के बाद ऋषि कैथी से मिलने जाता है, क्योंकि उस दिन उस का बर्थडे था. दोनों एक साथ बर्थडे एंजौय करते हैं और फिर कैथी अपने प्यार का इजहार कर देती है.

ऋषि भी उसे अपने दिल का हाल बता देता है, क्योंकि ऋषि भी उसे प्यार करने लगा था. फिर दोनों किस करते हैं. तब घर में कुछ डरावनी चीजें होती हैं. जब ऋषि अंदर जा कर चेक करता है तो वहां डीएफओ मैडम की लाश पड़ी थी, जिसे देख कर ऐसा लग रहा था कि जैसे वनराची ने डीएफओ मैडम को मारा था.

एपिसोड 10: क्लोज एनकाउंटर्स

10वें एपिसोड के शुरू में सत्या को दिखाया जाता है, जिसे भूत कुछ पिलाते हैं और वह बेहोश ही जाता है. जब उस के पास वनराची आती है तो उस की आंखें खुल जाती हैं यानी वह सपना देख रहा था. सत्या डीएफओ मैडम की लाश देख कर चक्कर खा कर गिर गया था.

दूसरी ओर ऋषि अपनी केबिन में बैठा कुछ सोच रहा था. तब कीट विशेषज्ञ का फोन आता है कि हरे कीड़े पेड़ की जड़ों से अट्रैक्ट होते हैं और अगर इस का एक स्प्रे बना कर वहां छिड़का जाए तो ये अपने आप वहां चले जाते हैं और वहां जाल बुनते हैं.

ऋषि गुफा में दोबारा छानबीन करने जाता है. उसे एक रास्ता मिलता है, जहां वह सीधे हरे कीड़ों के पास पहुंच जाता है. तभी विजी की आत्मा एकदम से उस के सामने आ जाती है. फिर वह उसे सारी बात बता कर कहता है कि उस दिन उसे पब में नहीं आना चाहिए था, वरना आज वह उस के साथ होती.

ऋषि अपनी पत्नी को आजाद हो कर जाने को कहता है, ताकि उसे मुक्ति मिल जाए. इस के बाद उस की पत्नी की आत्मा हमेशा के लिए चली जाती है. ऋषि के ऊपर एक रोशनी आती है. वह रोशनी का पीछा करता है तो पता चलता है कि यह तो वही रास्ता है, जिधर से वनराची आया करती थी.

ऋषि वे फोटो सभी को दिखाता है तो अय्यनार की पत्नी यमुना कहती है कि इस में कबीले के लोगों ने कुछ लिखा है, जिन की भाषा सिंपानगर के कबीले के लोग ही पढ़ सकते हैं. ऋषि अपने साथियों से कहता है कि हर क्राइम में 3 सवाल होते हैं, क्यों, कैसे और कौन? यहां क्यों का जवाब तो है कि जो भी हुआ, वह जंगल के लिए था.

फिर किलर पेड़ की जड़ से थेरोमोन बना कर लाश के ऊपर छिड़क देते हैं, जिस से वे हरे कीड़े वहां आ कर लाश के ऊपर जाला बुन देते हैं. मतलब ऋषि के अनुसार वनराची जैसी कोई चीज नहीं थी और जो लोग उस गुफा से बच कर भागे थे, वही लोगों को मार रहे थे.

ऋषि को पता चला कि जिस माइंस का काम 20 साल पहले शुरू हुआ था, वह फिर से चालू होने जा रहा था, इसलिए कबीले के लोग वनराची बन कर माइंस का काम रोकने जरूर आएंगे, जिस के बाद किलर को पकड़ा जा सकेगा.

आगे दिखाया जाता है कि माइंस पर वनराची आती है तो ऋषि और उस की टीम माइंस पर जाती है. वनराची जब मजदूरों को डराने लगती है तो वहां एक बंदर फंस जाता है. ऋषि उस बंदर को निकालने के लिए कहता है, तभी उसे वनराची दिखाई दे जाती है और उसी समय ऋषि पर पैरालाइज करने वाला स्प्रे डाल दिया जाता है. ऋषि पैरालाइज होने लगता है.

वह सोचता है कि जब कबीले के लोगों ने आत्महत्या की थी तो उस में कुछ बच्चे भी बच गए थे, जो अब 30 या 35 साल के हो गए होंगे.

इस के बाद अतीत की कहानी दिखाई जाती है. आत्महत्या के बाद कुछ बच्चे बच कर बाहर आ गए थे, जिन के बारे में कलिया पेरूमल को पता चल गया था, पर उस ने यह बात छिपा ली थी, ताकि कबीले वालों की कुरबानी बेकार न जाए.

कलिया ने उन बच्चों को अनाथ आश्रम में डाल दिया था, जहां से अलगअलग लोगों ने उन बच्चों को गोद ले लिया था. उन में से एक बच्ची कलिया ने भी गोद ले ली थी, जोकि मंगई थी और वनराची की डौल बनाती थी. जो सब से बड़ा बच्चा था, उस ने एक आदमी को बचाया था, फिर उस आदमी ने उस बच्चे को गोद ले लिया था. बाद में वही बच्चा फोरैस्ट अफसर बना था, जो सत्या था.

सत्या को बाद में पता चला था कि डीएफओ मैडम से जंगल को खतरा पैदा हो रहा था, जो पैसों के लिए जंगल को बेच रही थी. तब सत्या ने अपने कबीले के लोगों को इकट्ठा किया था और फिर से वे लोग मिल कर उन लोगों को मारने लगे थे, जो जंगल को नुकसान पहुंचा रहे थे.

पता चला कि सत्या के साथ कैथी और तुलसी भी थी. ये भी कबीले के लोगों में थीं. ये सभी मिल कर ऋषि की जांच को घुमा रहे थे. ऋषि को याद आता है कि कैथी ने उसे कुछ पिला कर हर्ब के असर को खत्म किया था. वह जंगल के लिए कुछ भी कर सकती थी.

ऋषि उस जगह को ढूंढ लेता है, जहां हरे कीड़े और जहर का सिलेंडर रखा था, जिस से वे सभी मिल कर सारे मजदूरों को मारने वाले थे, जिस से सरकार दोबारा नेचर से पंगा न ले. ऋषि सत्या को समझता है कि वह ठीक नहीं कर रहा.

इस के बाद सत्या की टीम और ऋषि की टीम में लड़ाई होती है, जिस में सत्या मारा जाता है. पुलिस सारे मजदूरों को बचा लेती है. सत्या के साथियों को पकड़ कर पुलिस ले जाती है.

सभी सोचते हैं कि केस तो सौल्व हो गया, पर यह पता नहीं चला कि बाला को किस ने मारा? क्योंकि बाला तो 5 साल पहले मारा गया था, जबकि सत्या की टीम तो 4 साल पहले आई थी. ऋषि जानता था कि बाला को असली वनराची ने मारा था, क्योंकि उस ने असली वनराची को देखा था.

नवीन चंद्रा

नवीन चंद्रा मुख्य रूप से तमिल फिल्मों के साथसाथ तेलुगु फिल्म में काम करने वाला अभिनेता हैं. नवीन का जन्म बल्लारी के देवीनगर में एक तमिल परिवार में हुआ था. पिता केएसआरटीसी में हेड मैकेनिक थे. नवीन ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया था. फिल्मों में आने से पहले उस ने एक मल्टीमीडिया एनिमेटर के रूप में काम किया था.

नवीन ने साल 2006 में स्टेज नाम अंजी के तहत तेलुगु फिल्म ‘संभवामि युगे युगे’ से एक नायक के रूप में फिल्मी दुनिया में कदम रखा था. इसके बाद स्टेज नाम चंदू के तहत फिल्म ‘कल्याणम’ में अभिनय किया. तमिल फिल्मों में नायक के रूप में उस ने अपनी शुरुआत फिल्म ‘पझानियाप्पा’ से की.

द्विभाषी फिल्म ‘दलम’ में नवीन ने एक नक्सली की भूमिका की, जो आम जीवन में वापस आने के लिए संघर्ष करता है. सत्यशिव की फिल्म ‘शिवप्पु’ में अपनी भूमिका के साथ न्याय करने के लिए नवीन ने अपने दोस्त की निर्माण कंपनी में 2 सप्ताह तक एक मजदूर के रूप में काम किया था. यह फिल्म साल 2014 में रिलीज हुई थी. इस के बाद फिल्म ‘ब्राह्मण’ में सहायक की भूमिका में दिखाई दिए.

नवीन ने सीवी कुमार की फिल्म ‘सरबम’ में मुख्य भूमिका निभाई तो नरेंद्र नाथ के निर्देशन में बनी फिर ‘मिस इंडिया’ में नजर आए. साल 2023 में रिलीज हुई फिल्म ‘मंथ और मधु’ में तथा ‘जिगरथंडा डबलएक्स’ में भी उन्होंने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इस साल वीडियो प्राइम पर आई वेब सीरीज ‘इंसपेक्टर ऋषि’ में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

सुनैना येल्ला

महाराष्ट्र के नागपुर में पैदा हुई सुनैना येल्ला फिल्मों और सीरीज में काम करने के साथसाथ मौडलिंग भी करती है. सुनैना ने तमिल फिल्मों के साथसाथ कुछ तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ फिल्मों में भी काम किया है. इस ने अपने फिल्मी करिअर की शुरुआत तेलुगु फिल्म ‘कुमार वर्सेज कुमारी’ (2005) से की थी. उस की तमिल डेव्यू फिल्म ‘काधलील विझुनथेन’ (2008) थी.

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सुनैना की प्रसिद्धि ‘कधलील विझुनथेन’ में नकुल के साथ अभिनय करने से बढ़ी, जो उस की पहली तमिल फिल्म थी. इस से पहले उस ने साल 2007 में ‘शिवाजी’ में एक छोटे से दृश्य की शूटिंग की थी, जिसे अंतिम कट नहीं मिला.

बाद में उस ने साल 2009 में ‘मासिलामणि’ और साल 2010 में ‘वम्सम’ में अभिनय किया, जिस में वह एक खूबसूरत गांव की लड़की के रूप में दिखाई दी थीं. इस में उस ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था, जो आगे भी जारी रहा. यही वजह रही कि साल साल 2012 में ‘नीपरवई’ के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड के लिए नामांकित किया गया था.

इस के बाद वह ‘समर’ (2013), ‘वनमम’ (2014) जैसी फिल्मों में दिखाई दी. साल 2016 में फिल्म ‘थेरी’ में विजय के साथ अतिथि भूमिका में दिखाई दी. इस के बाद उस ने फिल्म ‘नांबिरार’ (2016), ‘कवलाई वेदम’ (2016), ‘थोंडन’ (2017) में अभिनय किया.

साल 2018 में उस ने विजय एंटनी और अंजलि अभिनीत ड्रामा फिल्म ‘काली’ में काम किया. इस के बाद वह ‘नीला नीला ओडी वा’, ‘वीयू’ रोमांटिक थ्रिलर वैंपायर वेब सीरीज में दिखाई दी.