इस तरह टिंकू की हत्या से 4 लोगों को फायदा हो रहा था. पहला फायदा बबलू को था, क्योंकि उस की पत्नी से उस के अवैध संबंध थे. दूसरा फायदा छंगा को था, जिस ने 3 लाख रुपए में टिंकू की हत्या की बात तय कर के 2 लाख रुपए में अपने भतीजे को कौन्ट्रैक्ट दे दिया था. तीसरा फायदा शबाबुल को था, जिसे टिंकू की हत्या पर 2 लाख रुपए छंगा से मिलने थे और 2 लाख नरमुंड देने पर फरीद से मिलने थे. चौथा और सब से बड़ा फायदा गुलाब नबी और सालिम को था, क्योंकि उन्हें दिल्ली के तांत्रिक महफूज आलम से नरमुंड पहुंचाने पर 20 लाख रुपए मिलने थे और उन्होंने 2 लाख में शबाबुल से बात कर ली थी. उन्हें 18 लाख रुपए बच रहे थे.
इस के बाद बबलू टिंकू की हर गतिविधि पर नजर रखने लगा. उसे कहीं से पता चल गया था कि 9 सितंबर की रात टिंकू अपने खेत में पानी लगाने जाएगा. यह बात उस ने छंगा को बता दी. छंगा ने शबाबुल को सूचित कर दिया. पूरी योजना बना कर छंगा, शबाबुल, फरीद, गुलाब नबी और बबलू टिंकू के खेत के पास पहुंच गए. रास्ते में उन्होंने ठेके से शराब खरीदी. बबलू के अलावा उन सब ने खेत के किनारे बैठ कर शराब पी. योजना के अनुसार उन्होंने बबलू के हाथ बांघ कर वहीं बैठा दिया.
9 सितंबर, 2017 की शाम को खाना खाने के बाद यादराम ने अपने दोनों बेटों लक्ष्मण और ओमकार को खेत में पानी लगाने को कहा. क्योंकि उस दिन उन का तीसरा बेटा टिंकू डीसीएम गाड़ी में तोरई भर कर दिल्ली की आजादपुर मंडी गया था. लक्ष्मण और ओमकार अपने चचेरे भाई शिवम को भी साथ ले गए थे. वे अपने साथ टौर्च भी ले गए थे.
जब वे खेत पर पहुंचे तो उन्हें वहां 4 बदमाश मिले और बबलू उन के पास बैठा था. उस के हाथ पीछे की ओर बंधे थे. बदमाशों ने धमकी दे कर उन तीनों को भी बांध दिया. बबलू ने देखा कि उन तीनों में टिंकू नहीं है तो वह चौंका, क्योंकि उसी की हत्या के लिए तो उस ने यह ड्रामा रचा था. बदमाशों ने बबलू के साथ मंत्रणा की. बबलू ने जब देखा कि खेल बिगड़ रहा है तो उस ने बदमाशों को बता दिया कि इन में से जो बीच में है, उसी का काम तमाम कर दिया जाए. बीच में लक्ष्मण था.
इस के बाद एक बदमाश ने लक्ष्मण के हाथ खोल दिए और 3 लोग शबाबुल, फरीद और गुलाम नबी लक्ष्मण को अंधेरे में अपने साथ ले गए. छंगा राइफल लिए बाकी के पास खड़ा रहा. करीब 5 मिनट बाद वे लक्ष्मण को ले कर वापस आ गए. उन्होंने बबलू से फिर बात की और कहा कि लड़का अच्छा है. बबलू ने उन से कहा कि कोई बात नहीं, इसी का काम कर दो. तब शबाबुल, फरीद व गुलाम नबी लक्ष्मण को फिर जंगल में ले गए.
तीनों ने लक्ष्मण को जमीन पर गिरा दिया. लक्ष्मण जान पर खेल कर उन से भिड़ गया. पर वह अकेला तीनों का मुकाबला नहीं कर सका. लिहाजा बदमाशों ने उसे फिर नीचे गिरा दिया. वह उठ न सके, इस के लिए फरीद ने उस के पैर पकड़े और गुलाम नबी ने सिर के बाल पकड़ लिए. तभी शबाबुल ने फरसे से एक ही वार में उस का सिर धड़ से अलग कर दिया. लक्ष्मण चिल्ला भी न सका. उस का सिर कलम कर के वे उन बंधकों के पास आ कर बोले, ‘‘काम हो गया.’’
यह काम करने में उन्हें केवल 20 मिनट लगे थे. इस के बाद वे बंधकों को उलटा लिटा कर उन के ऊपर चादर डाल कर चले गए. वह चादर ओमकार अपने साथ घर से लाया था. शबाबुल ने लक्ष्मण का सिर गुलाम नबी तांत्रिक के हवाले कर दिया. गुलाम नबी ने कैमिकल का लेप लगा कर उस के सिर को डींगरपुर के जंगल में एक बेर के पेड़ के नीचे दबा दिया था.
करीब आधे घंटे बाद ओमकार, बबलू और शिवम ने किसी तरह खुद को खोला और तेजी से गांव की तरफ भागे. उन के शोर मचाने पर गांव वाले जंगल की तरफ बदमाशों की तलाश में निकले. जंगल में लक्ष्मण की लाश मिलने पर बबलू ने ही कुंदरकी पुलिस को फोन कर के सूचना दी थी.
इतनी बड़ी घटना को अंजाम देने के बाद भी बबलू लक्ष्मण की अंतिम क्रिया तक में साथ रहा. सभी कर्मकांडों में उस ने अपना सहयोग दिया. लक्ष्मण की चिता के फूल चुनने के समय भी वह उस के घर वालों के साथ था.
गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों से पूछताछ कर पुलिस ने उन की निशानदेही पर फरसा भी बरामद कर लिया. अभियुक्तों की निशानदेही पर पुलिस ने 2 अन्य अभियुक्तों इमरतपुर ऊधौ के राशिद और सालिम को भी गिरफ्तार कर लिया था. सालिम पूर्व ग्रामप्रधान था. इन सभी से पूछताछ के बाद उन्हें न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया.
फरार अभियुक्तों की तलाश में पुलिस ने कई स्थानों पर दबिशें डालीं, पर पुलिस को सफलता नहीं मिल सकी. इसी बीच अभियुक्त छंगा उर्फ अकबर ने 12 अक्तूबर, 2017 को मुरादाबाद की कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया. पुलिस ने कोर्ट में दरख्वास्त दे कर छंगा को पुलिस रिमांड पर लिया और पूछताछ कर के जेल भेज दिया था.
इस के अलावा पुलिस सीलमपुर दिल्ली के तांत्रिक महफूज आलम को भी तलाश रही थी, जिस ने 20 लाख रुपए में नरमुंड लाने की बात डींगरपुर के तांत्रिक गुलाम नबी से तय की थी. महफूज की गिरफ्तारी के बाद ही यह पता चल सकेगा कि तांत्रिक 20 लाख रुपए में उस कटे हुए सिर को खरीद कर क्या करता? पुलिस जब तांत्रिक के दिल्ली ठिकाने पर पहुंची तो वह फरार मिला. लोगों ने बताया कि महफूज तांत्रिक के पास देश के अलगअलग राज्यों से ही नहीं, बल्कि अरब के शेख भी आते थे.
इस से पुलिस को शक है कि कहीं तांत्रिक ने इस से पहले तो नरमुंड के लिए किसी की हत्या तो नहीं कराई थी. बहरहाल, पुलिस फरार अभियुक्तों की तलाश कर रही है.


