“चलिए सर, अंकल के हत्यारों को पकड़वाने में मैं आप की मदद करूंगा.’’ सूरज ने उठते हुए कहा. पुलिस टीम के साथ एसएचओ कोडिया कालोनी की मच्छी मार्किट में आ गए. वहां पर सीसीटीवी लगे हुए थे. उन्हें चैक किया गया तो परशुराम के साथ वे 2 लडक़े 2-3 सीसीटीवी फुटेज में नजर आ गए.
“हां सर,’’ वह फुटेज देख कर सूरज जोश में भर कर बोला, ‘‘यही दोनों लडक़े उस शाम अंकल के साथ में थे.’’
एसएचओ ने वह फुटेज ले कर उन दोनों लडक़ों की फोटो अपने खास मुखबिरों के फोन पर भेज कर उन्हें उन की तलाश में लगा दिया. पुलिस टीम भी टिकरी बौर्डर कालोनी, रेलवे ट्रैक और मच्छी मार्किट में फैल कर उन लडक़ों की तलाश करने लगी. काफी भागदौड़ के बाद भी वे लडक़े पुलिस को नहीं मिले.30 अगस्त, 2022 को एसएचओ को एक मुखबिर की काल आई. मुखबिर ने बताया कि उन्हें जो फोटो भेजे गए हैं, वे दोनों लडक़े बाबा हरिदास नगर में प्लौट नंबर 104 खसरा नंबर 31/14/1 में बैठ कर शराब पी रहे हैं.
एसएचओ बाला शंकर मणि उपाध्याय के साथ बाबा हरिदास नगर के लिए रवाना हो गए. जब वह वहां पहुंचे तो उन्हें वे लडक़े वहां बैठ कर शराब पीते हुए मिल गए. पुलिस ने घेराबंदी कर के दोनों लडक़ों को पकड़ लिया. वे दोनों घबरा गए. उन्हें पूछताछ के लिए थाने लाया गया. उन से सख्ती से पूछताछ शुरू हुई तो परशुराम की हत्या का राज खुल गया. हत्या इन्हीं लडक़ों ने की थी.
इन के नाम सोमदत्त उर्फ रवि (24 साल) बाबा हरिदास नगर, टिकरी बौर्डर, दिल्ली. दूसरे का नाम सिंहासन पासवान उर्फ सिंघम (22 साल), निवासी गांव शहबाजपुर, थाना चंदौती, जिला गया, बिहार था.
शराब बनी हत्या की वजह…
सिंहासन पासवान उर्फ सिंघम ने बताया कि वह कम पढ़ालिखा है. गलत लडक़ों की संगत में शराब की लत लग गई. 5 महीने पहले वह दिल्ली आया था, वह यहां टिकरी बौर्डर पर एक शू फैक्ट्री में नौकरी करने लगा. उस का परिवार यहां बाबा हरिदास नगर कालोनी में किराए पर रहने लगा था. 2-3 महीने पहले दोस्त संतोष ने उस की दोस्ती सोमदत्त से करवाई थी. वह कुछ दिनों से फैक्ट्री नहीं जा रहा था. सोमदत्त बोलेरो चलाता था. वह उस के साथ बोलेरो में घूमने लगा. दोनों शराब पीने लगे थे, इसलिए उन्हें पैसों की जरूरत पडऩे लगी.
उन्हें पता था कि कुछ लोग रेलवे लाइन के पास खाली प्लौट में बैठ कर शराब पीते हैं और नशा होने पर वहीं लुढक़ जाते हैं. सोमदत्त और सिंहासन ने उन नशे में धुत लोगों की जेबें टटोलनी शुरू कर दीं. ऐसा कर के जो पैसा हाथ आता, उस से नशा कर लेते.
24 अगस्त की शाम को उन्हें परशुराम अंकल मिले. वह नशे में थे. उन के पास बैग भी था. मोटी मुरगी जान कर हम अंकल के पीछे लग गए. जब वह नशा कर के लेट गए तो उन की जेब टटोलने के लिए सिंहासन ने उन की जेब में हाथ डाल दिया. परशुराम को होश था, उस ने उस का हाथ पकड़ कर उठते हुए कहा, ‘‘शराब पीनी है क्या?’’
दोनों ने हां कहा तो परशुराम ने सूरज नाम के लडक़े को फोन कर के बुलाया और उसे 5 सौ का नोट दे कर शराब मंगवा ली. फिर चारों ने शराब पी. शराब पी कर सूरज चला गया तो अंकल ने हमें मच्छी बाजार में ले जा कर मच्छी के पकौड़े खिलाए और बताया कि यदि वह गोलू नाम के व्यक्ति को पीटेंगे तो उन्हें पैसे मिलेंगे. गोलू ने परशुराम को काम से निकलवाया था. गोलू को पीटने की उन दोनों ने हामी भर दी.
फिर वे दोनों परशुराम के साथ हम फैक्ट्री एरिया में आए और अरुण के ढाबे पर रुक कर गोलू का इंतजार करने लगे. गोलू 6 बजे दिखाई दिया. सोमदत्त और सिंहासन ने उस का पीछा किया लेकिन वह भीड़ में न जाने कहां गुम हो गया. इस के बाद परशुराम उन्हें फिर मच्छी बाजार ले गया. वहां ठेके से परशुराम ने शराब की बोतल खरीदी. रेलवे लाइन के पास तीनों ने शराब पी. परशुराम के नशे में होते ही सोमदत्त उर्फ रवि ने उस की जेब में हाथ डाल दिया. परशुराम ने रवि को धक्का दे दिया तब सिंहासन ने परशुराम को पकड़ कर गिरा दिया.
रवि ने उस की जेब से मोबाइल और एटीएम निकाल लिया. परशुराम से एटीएम का पिन पूछने पर उस ने नहीं बताया तो सिंहासन ने उन का गला पकड़ लिया. तब उस ने 3 नंबर 549 बताए. पूरा नंबर नहीं बताने पर सिंहासन ने उस का गला जोर से दबा दिया, जिस से उस की मौत हो गई. उस के सिर पर गिरने से चोट आ गई थी, खून बहने लगा था. दोनों युवकों ने एटीएम और बैग ले लिया. बैग में पासबुक, एक कौपी और कपड़े थे.
परशुराम के पर्स में 1020 रुपए थे और वोटर कार्ड भी. बैग उन्होंने कपड़ों सहित झाडिय़ों में फेंक दिया और पासबुक व कौपी में एटीएम का पिन तलाश किया. पिन नहीं मिलने पर उन्होंने ये चीजें और फोन चारा मंडी के पास गंदे नाले में फेंक दिया. उन दोनों ने टोल टैक्स टिकरी बौर्डर पर पंजाब नैशनल बैंक के एटीएम से रुपए निकालने की कोशिश की, लेकिन पिन पूरा न होने पर रुपए नहीं निकले. तब दोनों घर आ गए. परशुराम का सिर फटने से खून के कुछ छींटे दोनों के कपड़ों पर भी आ गए थे. घर पर उन्होंने खून लगे कपड़े धो दिए.
पुलिस ने दोनों से पूछताछ कर उन के खिलाफ भादंवि की धारा 302, 201, 394, 34 के तहत रिपोर्ट दर्ज कर के उन को कोर्ट में पेश कर के एक दिन की रिमांड पर ले लिया गया. उन के घरों से खून सने कपड़े, झाडिय़ों से परशुराम का बैग और कपड़े तथा चारामंडी के गंदे नाले में एक व्यक्ति को उतार कर परशुराम का मोबाइल, आधार कार्ड, पैन कार्ड ढूंढ कर कब्जे में ले लिया. परशुराम का एटीएम कार्ड, बैंक की पासबुक रवि के पास घर से बरामद की गई. मृतक के पर्स में मिले 1020 रुपए दोनों ने आपस में बांट कर खर्च कर दिए थे.
दोनों की रिमांड अवधि खत्म होने के बाद कोर्ट में पेश कर दिया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित