बहन की सौतन बनने की जिद – भाग 3

27 वर्षीय नेहा सिंह मूलरूप से बिहार के बेगूसराय जिले के थाना लोहिया नगर स्थित कस्बा आनंदपुर की रहने वाली थी. उमाशंकर प्रसाद सिंह की 6 संतानों में नेहा सब से बड़ी थी. 5 बेटियों के बाद एक बेटा था. उन की सारी बेटियां एक से बढ़ कर एक थीं.

उमाशंकर ने बेटियों को पढ़ा कर इस काबिल बना दिया कि कभी मुश्किल की घड़ी आए तो डट कर उस का मुकाबला कर सकें.

नेहा बड़ी हुई तो उन्होंने योग्य वर देख कर उस के हाथ पीले कर दिए क्योंकि अभी उन की 4 बेटियां और थीं ब्याहने के लिए.

बड़े अरमानों के साथ उमाशंकर ने बड़ी बेटी नेहा का विवाह लखीसराय के मिंकू सिंह के साथ किया था. उन्होंने शादी में दिल खोल कर खर्च किया था.

शादी के बाद एक साल तक नेहा और उस के पति के बीच संबंध बहुत मधुर रहे. इस दौरान नेहा एक बेटे की मां भी बनी.

इसे समय का तकाजा कहें या नेहा की किस्मत, 2 साल बाद नेहा और उस के पति के बीच छोटीछोटी बातों को ले कर किचकिच होने लगी. यह विवाद आगे चल कर बढ़ता गया. स्थिति ऐसी बन गई कि एक छत के नीचे दोनों अजनबियों की तरह जिंदगी जी रहे थे. पतिपत्नी के विवाद के बीच में मासूम बेटा पिस रहा था.

इस बीच ससुराल छोड़ कर नेहा अपने मायके आनंदपुर बेटे को ले कर चली आई और मांबाप के साथ रहने लगी. मगर दोनों के बीच तलाक नहीं हुआ था फिर भी दोनों एक नहीं हुए थे. शायद नियति को तो कुछ और ही मंजूर था. उमाशंकर प्रसाद सिंह ने अपनी दूसरी बेटी निशा की भी शादी अपने ही जिले के महमदपुर गौतम में श्याम के साथ कर दी थी. उस के बाद बड़ी बेटी नेहा मायके आई थी.

एक बाप के लिए तब जीना कितना मुश्किल होता है जब उन की आंखों के सामने ब्याहता बेटी या बेटे की गृहस्थी उजड़ती है. नेहा के पिता के साथ भी यही हुआ. बेटी का घर टूटते ही उमाशंकर से देखा नहीं गया और वह सदमे के चलते दुनिया से ही चले गए.

पिता की मौत के लिए खुद को जिम्मेदार ठहराने वाली नेहा ने उसी दिन कसम खाई कि अपने जीते जी भाईबहनों को कभी पिता की कमी महसूस नहीं होने देगी. वह इतना कमाएगी कि उन की हर जरूरतों को पूरा कर सके. सचमुच नेहा अपनी कसम पर खरी उतरी और शहर के तनिष्क ज्वैलर्स शोरूम में बतौर सेल्सगर्ल की नौकरी कर ली.

मझली बहन के पति को दे बैठी दिल

जिम्मेदारियों की चक्की में पिसती नेहा जब कभी एकांत में बैठती थी तो अतीत की यादों की बरसात से उस का दामन भीग जाता था. आखिर वह भी हाड़मांस की थी. उस के भी सीने में दिल था, जो कभी किसी के लिए धड़कता था. अब किसी और के लिए धड़कने को बेताब हो रहा था.

निशा के पति श्याम को नेहा ने जब से देखा था, उस के दिल में उन के लिए एक खास जगह बन गई थी. आंखों की भाषा पढ़ने वाले श्याम को यह समझते देर नहीं लगी कि नेहा अपने दिल पर राज करने के लिए उसे आमंत्रित कर रही है. बहनोई जानता था कि उस का पति के साथ करीबकरीब संबंध विच्छेद हो चुका है.

धीरेधीरे श्याम नेहा के करीब और करीब आता गया तो नेहा ने उसे अपने दिल का राजकुमार बना लिया. रिश्तों को ताख पर रख कर दोनों एकदूसरे की बाहों में झूलते प्यार की पींगें भरने लगे. अपने स्वार्थ में नेहा यह भूल चुकी थी कि वह अपनी सगी बहन के प्यार पर डाका डाल रही है. उस ने यह भी नहीं सोचा कि बहन को जब यह सच्चाई पता चलेगी तो उसे कितना दुख पहुंचेगा.

आखिरकार वही हुआ. निशा को बड़ी बहन और पति के बीच पनपे अनैतिक रिश्तों की जानकारी हो गई थी. उसे ऐसा लगा जैसे उस के शरीर से किसी ने आत्मा ही निकाल ली हो और पैरों तले से जमीन खिसक गई हो.

निशा ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उस की अपनी सगी बड़ी बहन ही उस का घर उजाड़ देगी. उस के पति पर डोरे डालेगी. वह यह हरगिज बरदाश्त नहीं कर सकती थी कि बड़ी बहन के चलते उस की बसीबसाई गृहस्थी उजड़ जाए. वह अपने जीते जी उसे अपनी सौतन नहीं बनने देगी.

श्याम ने पत्नी के सामने उस की बड़ी बहन से शादी करने का प्रस्ताव भी रख दिया था. इस बात को ले कर निशा और उस के पति श्याम के बीच खूब घमासान हुआ था. अपनी गृहस्थी बचाने के लिए वह पति से लड़ पड़ी थी और उसे सौतन बनाने के लिए हरगिज तैयार नहीं हुई, जबकि नेहा सौतन बनने की जिद पर अड़ी थी.

उस दिन के बाद निशा नेहा का नाम सुनते ही जलभुन जाती थी. उसे पति के आसपास देखती या पति को फोन पर बातें करती सुनती तो उस के बदन में आग सी लग जाती थी. वह समझ नहीं पा रही थी कि ऐसा क्या करे, जिस से नेहा नाम की बला से उसे हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाए.

छोटी बहन अर्पिता का भी प्रेम प्रसंग आया सामने

बात इसी साल के शुरुआत की है. नेहा के फोन का बैलेंस खत्म हो गया था और उसे किसी को अर्जेंट काल करनी थी. अर्पिता के अलावा घर पर कोई था नहीं तो उस ने उस का फोन मंगवाया और उस से कहा कि काल करने के बाद फोन उसे लौटा देगी.

नेहा को पता नहीं क्या सूझा कि फोन कर के जब वह फारिग हुई तो उस की फोटो गैलरी खोल कर देखने लगी. उस में अर्पिता की विविध मुद्राओं में खींची गई अनेक तसवीरें कैद थीं.

उन्हीं तसवीरों में कुछ ऐसी भी तसवीरें सामने आईं जिसे देख कर वह चौंक गई. जब उस ने उस फोन के वीडियो देखे तो उस के पैरों तले से जमीन ही खिसक गई. वीडियो में अर्पिता निशा के देवर कुंदन के साथ प्यार करती हुई दिख रही थी. फोटो में भी दोनों लिपटे हुए थे.

यह सब देख नेहा आगबबूला हो गई. उस ने अर्पिता को अपने पास बुला कर उस से सारी बातें पूछीं तो अर्पिता ने सारी सच्चाई बड़ी बहन के सामने बता दी. वह बहन के देवर कुंदन से प्यार करती थी और कुंदन भी उस से प्यार करता था. दोनों के बीच यह प्रेम का खेल महीनों से चल रहा था.

दोनों के बीच में प्यार का खेल तब श्ुरू हुआ था, जब अर्पिता निशा की ससुराल उस से मिलने जाया करती थी. चूंकि अर्पिता और कुंदन के बीच जीजा और साली का रिश्ता था, ऊपर से वह बला की खूबसूरत थी, सो कुंदन अर्पिता को दिल दे बैठा था.

अर्पिता और कुंदन के फोटो ऐसी पोजीशन में खींचे गए थे कि कोई बाहर वाला देख ले तो उस से कभी शादी न करे. नेहा ने अर्पिता से कहा कि अब तुम्हारी शादी कुंदन से ही होगी. यह बात नेहा ने अपने तक सीमित रखी और अर्पिता को भी समझाया कि किसी से मत बताना.

कुंदन मुकर गया शादी से

नेहा ने कुंदन को फोन कर के पहले दोनों के बीच के रिश्ते के बारे में पूछा. फिर उसे बहन से शादी करने के लिए कहा तो कुंदन एकदम पलट गया. उस ने साफ कह दिया कि जो करते बन पड़े कर लेना, मुझे अर्पिता से शादी नहीं करनी.

कुंदन के ये तेवर देख कर नेहा की आंखों में खून उतर आया. उस ने भी दोटूक जवाब दिया, ‘‘बहन की जिंदगी बरबाद कर के तुझे गुलछर्रे नहीं उड़ाने दूंगी कुंदन. फोटो और वीडियो वायरल कर के तेरी जिंदगी बरबाद कर दूंगी. तू अभी मुझे जानता नहीं है. तुझे तो अर्पिता से शादी करनी ही पड़ेगी.’’

उस दिन के बाद नेहा कुंदन को बहन से शादी करने के लिए डरानेधमकाने लगी और बात न मानने पर वीडियो वायरल करने की धमकी देने लगी.

बात यहीं खत्म नहीं हुई. उसे सबक सिखाने के लिए अपने कुछ परिचितों को भेज कर एक दिन बाजार में उसे बुरी तरह पिटवा दिया. रोजरोज की धमकी और सरेबाजार की गई बेइज्जती से कुंदन बुरी तरह परेशान हो गया था. उस से बदला लेने के लिए वह फड़फड़ा रहा था.

नेहा से बदला लेने के लिए कुंदन ने रास्ता निकाल लिया और भाभी निशा को भी अपनी योजना में शामिल कर लिया. वह जानता था कि निशा भाभी नेहा से बदला लेने के लिए कैसे बेताब है और अपनी गृहस्थी बचाने के लिए भी.

कुंदन ने नेहा को रास्ते से हटाने के लिए भाभी का साथ मांगा तो वह तैयार हो गई. फिर कुंदन ने गांव के अपने दोस्त मुकेश सिंह को पैसे दे कर नेहा की हत्या की सुपारी दे दी.

योजना के मुताबिक, 11 जून, 2022 की रात करीब साढ़े 9 बजे निशा ने नेहा को फोन कर जानकारी ली कि वह कहां है. शोरूम से घर के लिए कब तक निकलेगी. उस ने बता दिया कि बस 2-4 मिनट का काम और बचा है. उस के बाद निकल जाएगी.

निशा ने कुंदन को फोन कर के यह बात बता दी कि तुम तैयार हो जाना नेहा निकलने ही वाली है. निशा की ओर से नेहा की लोकेशन मिलते ही कुंदन शूटर मुकेश को ले कर पन्हास और आनंदपुर चौक के बीच से हो कर आनंदपुर जाने वाली सड़क किनारे छिप कर खड़ा हो गया.

कुंदन अपनी बाइक से था. बाइक वही चला रहा था जबकि मुकेश पीछे बैठा था. नेहा जैसे ही घर जाने वाली सड़क के लिए मुड़ी कि घात लगाए कुंदन बाइक ले कर उस का रास्ता रोक कर खड़ा हो गया. फिर क्या हुआ, कहानी में ऊपर बताया जा चुका है.

कथा लिखे जाने तक दोनों आरोपी निशा सिंह और उस का देवर कुंदन जेल की सलाखों के पीछे थे. शूटर मुकेश अभी भी फरार था, जिसे पकड़ने के लिए पुलिस ने उस के कई ठिकानों पर दबिश भी दी लेकिन फिर भी उस का पता नहीं चल सका था.   द्य

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित. कथा में अर्पिता परिवर्तित नाम है

बहन की सौतन बनने की जिद – भाग 2

रंजिशन हत्या का हुआ अंदेशा

जांच से एक बात साफ हो चुकी थी कि इसे लूट अथवा छिनैती के लिए अंजाम नहीं दिया गया था और न ही मृतका और हत्यारों के बीच कोई लड़ाईझगड़े के निशान ही मिले थे. इस का मतलब साफ था कि हत्यारों का निशाना सिर्फ नेहा ही थी.

इस बाबत जब पुलिस ने मृतका के घर वालों से पूछा तो उन्होंने किसी से झगड़ा या दुश्मनी की बात से इंकार कर दिया. उन्होंने आगे कहा कि मिलनसार स्वभाव की नेहा पलभर में किसी को भी अपना बना लेती थी. ऐसे में भला किसी से उस की क्या दुश्मनी हो सकती है.

पुलिस की काररवाई रात के 2 बजे तक चली. नेहा सिंह की मां रिंकू देवी की लिखित तहरीर पर लोहिया नगर के एसएचओ अजीत प्रताप सिंह ने अज्ञात हत्यारों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया.

मुकदमा दर्ज होते ही पुलिस ने जांच की काररवाई शुरू कर दी. इस के लिए सब से पहले नेहा के मोबाइल नंबर की काल डिटेल्स निकलवाई गई.

नेहा की हत्या की खबर सुन कर उस के वहां शोक संवेदना जताने के लिए नातेरिश्तेदारों का जमावड़ा लग गया. बहन की हत्या की खबर सुन कर उस की मझली बहन निशा, उस का देवर कुंदन और निशा का पति श्याम कुमार भी आए थे. निशा का तो रोरो कर बुरा हाल था. आंखें सूज कर बड़ी हो गई थीं और लाल भी.

मृतका नेहा छोटी बहन निशा से बहुत प्यार करती थी, इसीलिए उस के गम में उस का रोरो कर बुरा हाल था.

बहन के देवर कुंदन पर हुआ शक

घटना के 10 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा था. नेहा के फोन की काल डिटेल्स में बड़ेबड़े व्यापारियों, बड़े अफसरों और तमाम प्रभावशाली लोगों के नंबर निकल कर सामने आए थे.

चूंकि नेहा जिस शोरूम में काम करती थी, वहां सोने, चांदी, हीरे और रत्नजडि़त गहने खरीदने बडे़बड़े लोग आते थे, इसलिए उसे अपने कस्टमरों के नंबर सेलफोन में सेव करने पड़ते थे. फिर भी पुलिस हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठी थी.

काल डिटेल्स के अलावा पुलिस ने मुखबिर भी लगा दिए थे. इधर नेहा की बहन निशा का देवर कुंदन लोहिया नगर थाने में हर 2-4 दिन बाद हत्यारों के बारे में पता लगाने जरूर पहुंच जाता था कि हत्यारों की शिनाख्त हुई या नहीं. एसएचओ अजीत प्रताप सिंह हत्यारों को जल्द पकड़ लेने का आश्वासन दे कर उसे घर भेज देते थे.

कुंदन का बारबार थाने पहुंचना और नेहा के हत्यारों के बारे में बारबार पूछना पता नहीं क्यों एसएचओ को अटपटा सा लगने लगा था. उन की आंखों में वह शक के रूप में चढ़ गया था.

इसी बीच पुलिस के हाथों नेहा की सब से छोटी बहन अर्पिता का मोबाइल फोन लग गया. उस में कुछ आपत्तिजनक तसवीरें भी थीं और कुंदन की भी तसवीर दिखी, जो बारबार थाने पहुंच कर नेहा के हत्यारों के बारे में पूछता था.

काल डिटेल्स, अर्पिता के मोबाइल फोन से प्राप्त तसवीरों और कुछ वीडियो क्लिप्स से पुलिस इस नतीजे पर पहुंची कि नेहा की हत्या प्रेम प्रसंग का नतीजा है. नेहा मझली बहन निशा के देवर कुंदन पर छोटी बहन अर्पिता से शादी का दबाव बना रही थी.

जांच के जरिए पुलिस को एक और चौंकाने वाली बात पता चली थी कि शादी से इंकार करने पर नेहा ने अपने कुछ परिचितों से कुंदन को पिटवाया भी था.

यही नहीं, उस ने उसे धमकी दी थी कि अगर उस ने अर्पिता से शादी नहीं की तो उस की तसवीरों और आपत्तिजनक वीडियो को सोशल मीडिया पर डाल देगी. इस से कुंदन बुरी तरह डर गया था. यह बात पुलिस ने छिपाए रखी ताकि कुंदन को पुलिस पर शक न हो और वह अपना काम करता रहे.

घटना के 24वें दिन पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी. 2 जुलाई, 2022 को करीब 11 बजे कुंदन लोहिया नगर थाने में नेहा के हत्यारों के बारे में फिर से पता लगाने पहुंचा था. उस वक्त वह शराब के नशे  में धुत था. उस के पैर लड़खड़ा रहे थे.

इत्तफाक से एसएचओ अजीत प्रताप सिंह थाने में मौजूद थे और गश्त पर निकलने ही वाले थे कि वह पहुंच गया. कुंदन एसएचओ के उपस्थित होने के बारे में थाने के गेट पर तैनात प्रहरी से पूछ कर सीधा उन के औफिस में पहुंच गया.

‘‘नमस्कार साहब.’’ उन्हें देख कर उस ने कहा था.

‘‘नमस्कार…नमस्कार. आज इतनी जल्दी कैसे आना हुआ?’’ एसएचओ बोले.

खाली पड़ी कुरसी की ओर बैठने का इशारा किया तो वह कुरसी पर बैठ गया. एसएचओ अजीत सिंह ने उसे गौर से देखते हुए पूछा, ‘‘और बताइए, साहब. कैसे आना हुआ?’’

‘‘कुछ नहीं, बस ऐसे ही. इधर से निकल रहा था तो सोचा आप से मिलता चलूं और यह भी पता लगा लूं कि नेहा के कातिलों के बारे में कोई क्लू मिला या नहीं?’’

‘‘अच्छा किया जो आप ने याद दिला दिया मुझे. हां जी, नेहा के हत्यारों के बारे में क्लू मिल गया है. ऐसा समझो कि कातिल मेरे सामने बैठा है.’’

एसएचओ की बात सुन कर कुंदन ऐसे उछला मानो उस की चोरी पकड़ी गई हो.

‘‘क…क्या मतलब है सर, आप का?’’ हकलाते हुए बोला था कुंदन, ‘‘नेहा के मर्डर में मेरा हाथ है?’’

‘‘ऐसा ही समझो,’’ अचानक से थानप्रभारी अजीत प्रताप सिंह के तेवर तल्ख हो गए थे, ‘‘बड़ी मुश्किल से फंदे में फंसे हो कुंदन. सारे सबूत तुम्हारे खिलाफ बोल रहे हैं.’’ सच उगलवाने के लिए उन्होंने एक पासा फेंका, ‘‘अब सच सीधी तरह उगल दो वरना सच उगलवाने के मेरे पास और भी तरीके हैं. अगर मैं ने उन हथकंडों को अपनाया तो तुम्हारे शरीर की हड्डियों के लिए बड़ी मुश्किल हो जाएगी.’’

दन ने उगल दी सच्चाई

एसएचओ अजीत प्रताप सिंह का इतना कहना था कि कुंदन का सारा नशा हिरन हो गया. माथे पर पसीने की बूंदें छलक आईं. कुंदन समझ गया कि अब बचना मुश्किल होगा. अगर सच नहीं बताया तो सचमुच उस के साथ सख्ती होगी.

फिर क्या था, उस ने एसएचओ के सामने घुटने टेक ही दिए, ‘‘हां, नेहा की मौत का मुझे कोई मलाल नहीं है. निशा भाभी और मैं ने मिल कर उसे मारा है. नेहा ने भाभी का पति छीन कर उन की सौतन बनना चाहा था और मुझे सरेराह बाजार में पिटवा कर ब्लैकमेल करना चाहा. बस हम ने मिल कर उसे मौत के घाट उतार दिया. हम ने अपने रास्ते के कांटे को हमेशा के लिए खत्म कर दिया.’’

फिर उस ने नेहा की हत्या की पूरी कहानी पुलिस के सामने उगल दी, जो करीब 22 दिनों से उलझी हुई थी.

कुंदन की निशानदेही पर बेगूसराय जिले के ही नयागांव थाने के ही एक गांव महमदपुर गौतम से उस की भाभी निशा को भी गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस पूछताछ में निशा ने बहन की हत्या कराने का अपना जुर्म कुबूल लिया.

तनिष्क ज्वैलर्स शोरूम की सेल्सगर्ल नेहा सिंह हत्याकांड का परदाफाश हो चुका था. सनसनीखेज हत्याकांड के 2 आरोपी कुंदन और निशा गिरफ्तार कर लिए गए थे. इस में तीसरा आरोपी मुकेश सिंह, जिस ने नेहा को गोली मारी थी, फरार था.

3 जुलाई, 2022 को एसपी योगेंद्र कुमार ने प्रैस कौन्फ्रैंस आयोजित की, जिस में मृतका की बहन निशा और कुंदन ने अपना अपराध कुबूल कर लिया.

इस के बाद दोनों आरोपियों को अदालत में पेश कर जेल भेज दिया गया. पुलिस पूछताछ में नेहा सिंह हत्याकांड की कहानी कुछ ऐसे सामने आई, जहां रिश्तों की उलझी हुई कमजोर कडि़यां मजबूती के लिए बेकरार थीं.

बहन की सौतन बनने की जिद – भाग 1

पति से मतभेद हो जाने पर शादी के 2 साल बाद ही नेहा मायके में रहने लगी. उसी दौरान उसे मझली बहन निशा सिंह के पति श्याम से प्यार हो गया. वह छोटी बहन की सौतन बनने को बेताब थी. बहन का मंसूबा रोकने के लिए निशा ने जो कदम उठाया वह…

11जून, 2022 की रात करीब 10 बजे नेहा सिंह अपनी स्कूटी से घर जा रही थी. बेहद खूबसूरत दिखने वाली नेहा बिहार के बेगूसराय में स्थित तनिष्क ज्वैलर्स के शोरूम में बतौर सेल्सगर्ल काम करती थी. अकसर वह इसी समय के आसपास ड्यूटी से घर लौटती थी.

उस दिन भी वह अपने समय पर घर लौट रही थी, अचानक उस की स्कूटी के सामने आड़ेतिरछी कर के एक बाइक आ कर रुकी, जिस पर 2 युवक थे. सामने बाइक आते ही नेहा ने तेजी से ब्रेक ले कर अपनी स्कूटी रोक दी और बाइक से टकरातेटकराते बची.

‘‘दिखता नहीं, अंधे हो क्या तुम?’’ नेहा गुस्से से चिल्लाई. उस की सांसें तेजतेज से चल रही थीं, ‘‘अभी एक्सीडेंट हो जाता तो..?’’

‘‘दिखता भी है और मैं अंधा भी नहीं.’’ बाइक सवार नीचे उतरते हुए तल्ख हो कर बोला, ‘‘रही बात एक्सीडेंट की तो मैडम, बता दूं कि मैं एक्सपर्ट रेसर हूं. कोई कच्चा खिलाड़ी नहीं कि बाइक ठोक दूं.’’

‘‘तुम एक्सपर्ट रेसर हो या अनाड़ी, इस से मुझे क्या लेनादेना. लेकिन तुम ने मेरी स्कूटी के सामने अपनी बाइक क्यों रोकी, ये बताओ?’’

‘‘मेरी मरजी, मैं जहां चाहूं वहां बाइक रोकूं. तुम पूछने वाली कौन होती हो?’’

‘‘एक तो गलती कर रहे हो ऊपर से आंखें भी दिखा रहे हो. तुम्हारी हेकड़ी से डरने वाली नहीं हूं मैं, समझे?’’

‘‘साऽऽली…’’ युवक गालियां देता हुआ नेहा के करीब जा पहुंचा और गुर्राते हुए बोला, ‘‘डरने वाली नहीं है तू…’’ कहते हुए कमर में खोंस रखा पिस्टल बाहर निकाला और नेहा के सीने से सटा दिया.

पिस्टल देख नेहा बुरी तरह डर गई. उस के चेहरे का रंग उड़ गया और अभी वह कुछ समझ पाती, तब तक युवक ने ट्रिगर दबा दिया. और बाइक पर सवार हो कर दोनों वहां से फरार हो गए.

गोली लगते ही नेहा स्कूटी सहित लहराती हुई धड़ाम से जा गिरी और तड़पने लगी. चूंकि रात का समय था और चारों ओर सन्नाटा फैला था, गोली चलने की आवाज आनंदपुर मोहल्ले तक साफ सुनाई दी.

इधर नेहा के घर वाले दीवार पर टंगी घड़ी को देखते रहे. रात के जब 11 बज गए और नेहा घर नहीं पहुंची तो मां रिंकू देवी को चिंता हुई. उन्होंने बेटे पवन से कहा कि शोरूम के मैनेजर को फोन कर के पूछो कि नेहा घर क्यों नहीं पहुंची.

पवन ने वैसा ही किया जैसा उस की मां ने करने को कहा था. उधर से जवाब मिला कि नेहा तो अपने टाइम पर शोरूम से घर के लिए रवाना हुई थी जैसे रोज जाती है.

यह सुन कर मां रिंकू ही नहीं घर के सारे लोग परेशान हो गए कि नेहा ऐसा तो कभी नहीं करती. फिर आज उसे क्यों देर हो रही है. मां तो मां होती है. उस ने बेटे से कहा, ‘‘जा तू देख, वह किसी परेशानी में तो नहीं है. उसे साथ ले कर ही आना.’’

‘‘मां, तुम बेकार में परेशान हो रही हो. दीदी कोई छोटी बच्ची नहीं हैं, जो रास्ता भटक जाएंगी. अरे आती होंगी. थोड़ी देर उन का और वेट कर लो.’’

‘‘बेटा, मेरा दिल घबरा रहा है. तू मेरी बात क्यों नहीं सुनता?’’ रिंकू देवी बेटे पर झुंझलाई, ‘‘तू जाता है पता करने या मैं जाऊं?’’

‘‘तुम्हारी यही जिद मुझे अच्छी नहीं लगती मां. जाता हूं, आप यहीं बैठो.’’ कहते हुए पवन बाइक ले कर बड़ी बहन नेहा को तलाशने अकेला ही निकल पड़ा.

खून से लथपथ मिली नेहा

घर से पवन बमुश्किल 200 मीटर आगे बढ़ा था क एक स्कूटी रास्ते में गिरी पड़ी दूर से ही नजर आई. स्कूटी के पास एक युवती भी पड़ी थी. दूरदूर तक कोई नजर नहीं आ रहा था. स्कूटी के पास पहुंच कर उस ने अपनी बाइक रोक दी.

मोबाइल की टौर्च जला कर उस की रोशनी में देखा तो स्कूटी उस की बहन नेहा की थी और वह उस के ऊपर गिरी पड़ी थी. यह देख कर उस के मुंह से एक दर्दनाक चीख निकली. ध्यान से देखा तो उस के कपड़े खून से सने हुए थे और शरीर से खून अभी भी बह रहा था.

उस ने तुरंत बहन के ऊपर से स्कूटी हटाई और बहन को आवाज दे कर हिलायाडुलाया लेकिन नेहा के शरीर में कोई हलचल नहीं हुई. तब पवन जोरजोर से रोने लगा. उस के रोने की आवाज सुन कर उधर से गुजरने वाले लोग रुक गए. उसी दौरान किसी जानने वाले ने पवन के घर जा कर नेहा के मर्डर की खबर दे दी.

घर में कोहराम मच गया और जो जैसे था, उसी हालत में मौके पर जा पहुंचा. आननफानन में उसे कार में लाद कर बेगूसराय जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने देखते ही उसे मृत घोषित कर दिया.

नेहा की हत्या की सूचना किसी ने लोहिया नगर थाने में दे दी थी. सूचना मिलते ही एसएचओ अजीत प्रताप सिंह पुलिस टीम के साथ जिला अस्पताल पहुंच गए और लाश अपने कब्जे में ले ली.

एसएचओ अजीत प्रताप सिंह ने इस की जानकारी अपने सीनियर एसडीपीओ अमित कुमार और एसपी योगेंद्र कुमार को दे दी थी. जानकारी मिलते ही दोनों अधिकारी जिला अस्पताल पहुंच गए.

अफसरों ने नेहा की बौडी की जांच की. हत्यारों ने उसे पिस्टल सटा कर गोली मारी थी. जांचपड़ताल में ऐसा पता चला था, क्योंकि गोली लगने वाले स्थान के उतनी दूरी के कपड़े जले हुए थे. ऐसा तभी होता है जब किसी को पिस्टल सटा कर गोली मारी जाती है. उस के बाद पुलिस मृतका के घर वालों को साथ ले कर घटनास्थल पर पहुंची, जहां नेहा को गोली मारी गई थी. वह इलाका आनंदपुर चौक और पन्हास के बीच था. घटनास्थल से मृतका का घर महज 200 मीटर दूर था.

खून से सनी स्कूटी मौके पर सड़क पर गिरी थी. पुलिस ने मौके से खून सनी मिट्टी आदि जांच के लिए कब्जे में ले लिए. मौके से पुलिस को पिस्टल के 2 खोखे बरामद हुए थे. वह सबूत के लिए पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिए.