कनाडा से बुला कर शादी, फिर हत्या – भाग 2

दूसरी तरफ सुनील मोनिका की खुबसूरती, स्वभाव, आचरण और व्यवहारिकता पर मर मिटा था. वह गांव की हो कर भी शहरी वातावरण में आसानी से फिट हो जाती थी. धाराप्रवाह अंगरेजी बोलना सीख गई थी. कंप्यूटर, इंटरनेट सर्फिंग, सोशल साइटों से संबंधित बारीकियां और दूसरी टेक्निकल जानकारियां भी हासिल कर चुकी थी. मोनिका अगर अपने करिअर के प्रति महत्त्वाकांक्षी बनी हुई थी तो सुनील उसे लाइफ पार्टनर बनाने का मन बना चुका था. दोनों का प्रेम प्रसंग बढ़ता जा रहा था.

पढ़ाई के लिए कनाडा पहुंची मोनिका

समय अपनी गति से चल रहा था तो वहीं मोनिका भी अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रही थी. उस ने बीए की पढ़ाई पूरी करने के अलावा आइलेट्स की परीक्षा भी पास कर ली. उसे 2 सफलताएं एक साथ मिल गई थीं, जिस से उस के विदेश जाने की राह और आसान हो गई थी.

हालांकि इस के लिए उस के मौसेरे भाई विकास ने भी तैयारी की थी, लेकिन वह आइलेट्स की परीक्षा पास नहीं कर पाया था, जिस से उसे कनाडा का वीजा नहीं मिल पाया. फिर भी उसे खुशी इस बात की थी कि बहन मोनिका को स्टूडेंट वीजा मिल गया था. उसे वहां बिजनैस मैनेजमेंट यानी एमबीए की पढ़ाई करनी थी.

उन की इस खुशी में सुनील भी शामिल था, लेकिन उस के मन में एक टीस भी थी कि मोनिका कनाडा चली जाएगी और जब उसे उस की याद सताएगी तब क्या करेगा? वह एक तरह से उस की गैरमौजूदगी में अपनी तन्हाई को ले कर चिंतित हो गया था. उस ने भारी मन से 5 जनवरी, 2022 को दिल्ली के अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट से मोनिका को कनाडा के लिए विदा कर दिया था.

मोनिका के परिवार वालों के लिए संतोष और बेहद खुशी की बात थी कि कनाडा में उस की पढ़ाई का सारा इंतजाम हो गया था. उस के सुनहरे भविष्य को ले कर उस का भाई विकास समेत मौसामौसी और मम्मीपापा सभी खुश थे. इसे वे गर्व की बात समझते थे और परिचितों को बताने से नहीं चूकते थे. इस से उन की सामाजिक मानमर्यादा बढ़ गई थी. गांव के लोगों के बीच उन की प्रतिष्ठा भी बढ़ गई थी.

अगर कोई उदास था तो वह था सुनील. मोनिका के जाने के बाद वह उस के प्रेम की रूमानियत और रोमांस में खोया रहने लगा था. मोनिका की यादें उसे सताती रहती थीं. वैसे वह उस से फोन पर बातें कर लिया करता था, लेकिन वहां मोनिका पढ़ाई की व्यस्तता और रातदिन में समय के फर्क के कारण ज्यादा समय तक बात नहीं कर पाती थी. जबकि सुनील चाहता था कि वह उस से लंबी बातें करे. अपने दिल की बात उसे सुनाए. उस की यादों में खोए हुए अपने गम के हाल बताए.

कुछ ऐसा ही मोनिका के घर वालों के साथ भी था, लेकिन वे उस की पढ़ाई और व्यस्तता को समझते हुए कुछ सेकेंड के लिए ही सही, हर रोज हालसमाचार ले लिया करते थे. समय बीतता रहा और मोनिका से फोन पर संपर्क होने का समय भी बढ़ता चला गया. घर वालों की उस से 2-3 दिन में बातें होने लगीं. धीरेधीरे कर हफ्ते में और फिर 2 हफ्ते में बात होने लगी.

एक समय ऐसा भी आया, जब मोनिका की घर वालों से 2-2 हफ्ते तक बात नहीं हो पाई. यह सिलसिला हफ्ते से महीने में बदल गया. लेकिन जून, 2022 के बाद घर के किसी भी सदस्य से मोनिका की बात नहीं हो पाई. जबकि इस से पहले परिवार में किसी न किसी सदस्य से मोनिका की थोड़ी ही सही, मगर हालचाल, पढ़ाई या जरूरतें आदि की बात हो जाती थी. इस तरह से उस की कुशलता की खबर पूरे परिवार को मिल जाती थी.

अचानक बंद हो गया मोनिका से संपर्क

जून, 2022 के बाद जब मोनिका की कोई काल नहीं आई और उस के घर वालों द्वारा काल किए जाने पर भी उस से बात नहीं हो पाई, तब वे चिंतित हो गए. वे समझ नहीं पा रहे थे कि अचानक क्या हो गया, जो कनाडा गई मोनिका से भारत में किसी से बात नहीं हो पा रही है. न तो फोन काल और न ही वाट्सऐप मैसेज. उस से संपर्क एकदम से खत्म गया था.

इस तरह 5 महीने निकल गए थे और मोनिका का भारत में किसी से संपर्क नहीं हो पा रहा था. आखिरकार, उस के घर वालों ने गन्नौर थाने में 26 अक्तूबर, 2022 को मोनिका के अपहरण की शिकायत दर्ज करवा दी. पुलिस द्वारा अपहरण के लिए किसी पर संदेह की बात पूछे जाने पर घर वालों ने सुनील का नाम ले लिया था, जिस से कुछ महीने में अच्छी दोस्ती हो चुकी थी.

मोनिका के घर वाले 2 दिनों तक गन्नौर पुलिस की काररवाई से संतुष्ट नहीं हुए. वे 28 अक्तूबर, 2022 को एसपी से मिले. फिर भी उन्हें मोनिका के बारे में कोई सूचना नहीं मिल पाई. दूसरी तरफ मोनिका के अपहरण में सुनील का नाम आने से वह नाराज हो गया था. गुस्से में उस ने मोनिका के मौसामौसी के गुमड़ी गांव स्थित घर पर 2 नवंबर, 2022 को काफी हंगामा किया. यहां तक कि उस के आदमियों ने परिवार के सदस्यों पर हमले भी किए. यह सब सीसीटीवी कैमरे में रिकौर्ड हो चुका था.

काफी प्रयास के बाद 16 नवंबर, 2022 को सुनील के खिलाफ मोनिका के अपहरण का केस दर्ज हो पाया. फिर भी उस के खिलाफ पुलिस ने कोई सख्त काररवाई नहीं की, गिरफ्तारी तो दूर की बात थी. आखिरकार मोनिका के परिजनों ने हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज से मिल कर न्याय की गुहार लगाई.

इस का असर यह हुआ कि मोनिका के गायब होने की जांच रोहतक रेंज के आईजी को सौंप दी गई. उन्होंने तुरंत मामले की गंभीरता को देखते हुए मोनिका की तलाशी के लिए सीआईए-2 की टीम को इस मामले की जांच के निर्देश दिए.

घर वालों ने सुनील पर जताया शक

मोनिका की तलाशी के सिलसिले में पुलिस के लिए एकमात्र संदिग्ध सुनील ही था. उस के घर वालों के अलावा गांव के कुछ लोगों ने बताया की मोनिका को अकसर सुनील के साथ देखा गया था. वह उस की गाड़ी से ही कालेज या कोचिंग के लिए दिल्ली जाती थी. वापस भी उसी के साथ आती थी. गांव वालों की निगाह में सुनील उस के साथ बहन का रिश्ता बनाए हुए था. सुनील की लंबी चमकती गाड़ी वीआईपी नंबर की थी, जिसे हर कोई पहचानता था.

पूछताछ से पहले पुलिस ने उस के आपराधिक रिकौर्ड की छानबीन की. पता चला कि सुनील पहले भी आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त पाया गया था. उस के खिलाफ थाना गन्नौर में मारपीट, अवैध हथियार, जान से मारने का प्रयास आदि के 7 मुकदमे दर्ज थे. उस के खिलाफ नया मामला मोनिका के अपहरण का दर्ज हो चुका था, जिस के लिए उसे भादंवि की धारा 365 का आरोपी बनाया गया था.

 

कनाडा से बुला कर शादी, फिर हत्या – भाग 1

मूलरूप से हरियाणा के रोहतक की रहने वाली मोनिका बेहद खूबसूरत थी. लेकिन फिलहाल अपने मम्मीपापा के साथ सोनीपत के गांव गुमड़ी में रह रही थी. वह दिल्ली विश्वविद्यालय में बीए की छात्रा थी. क्लास के लिए वह गुमड़ी से बस से दिल्ली आतीजाती थी.

छुट्टी के दिनों को छोड़ कर करीब 40 किलोमीटर का सफर वह अकेली तय करती थी. उस पर पढ़ाई का भूत सवार था. वह फाइनल ईयर में थी. आगे वह सीधे विदेश में जा कर पढ़ाई करने का मन बना चुकी थी. वहां मैनेजमेंट का कोई अच्छा कोर्स करने की महत्त्वाकांक्षा थी. उस की तमन्ना पूरी करने के लिए 2 परिवारों का साथ भी मिला हुआ था.

उन में एक उस के अपने मम्मीपापा का परिवार था और दूसरा परिवार उस के मौसामौसी का भी था, जहां वह रहती थी. वह 2 मौसेरे भाइयों की दुलारी, प्यारी इकलौती बहन थी. उस की मौसी ने उस की मां से मांग कर अपनी बेटी का नाम दे दिया था.

सब कुछ ठीकठाक चल रहा था. मोनिका बीए की पढ़ाई के साथसाथ आइलेट्स अर्थात इंटरनैशनल इग्लिश लैंग्वेज टेस्टिंग सिस्टम कंप्यूटर के लिए कोचिंग भी कर रही थी. इस तरह से उस पर पढ़ाई का काफी बोझ था. ऊपर से बस से थका देने वाला सफर भी तय करना होता था.

एक बार कालेज जाते समय उसे अमीर नौजवान सुनील ने देख लिया था. वह बस में थी, जबकि सुनील अपनी महंगी गाड़ी में था. दोनों की मंजिल दिल्ली की तरफ ही थी. दरअसल, सुनील उस की मौसी का पड़ोसी था और वह अपनी भाभी की बदौलत उसे जानतापहचानता था. उसे अपने बिजनैस के सिलसिले में गुडग़ांव और दिल्ली नियमित जाना होता था.

उस के बारे में पड़ोसी भाभी सोनिया ने बताया था. साथ ही सुझाव दिया था कि वह चाहे तो बस के बजाय उस की गाड़ी से दिल्ली जा सकती है. उसे कोई आपत्ति नहीं होगी. हालांकि मोनिका ने इस तरह से किसी का एहसान लेना ठीक नहीं समझते हुए बस से ही आनाजाना रखा. एक दिन सुनील उर्फ शिल्ला अपनी गाड़ी से जाते हुए मोनिका से टकरा गया.

संयोग से उस दिन मोनिका जिस बस में सवार थी, उस में कुछ खराबी आ गई थी और सभी यत्रियों के साथ वह भी सडक़ के किनारे दूसरी बस के इंतजार में थी. बेचैन और चिंतित मोनिका से एक सहयात्री महिला कंधे पर हाथ रख कर बताया कि उधर पीछे की गाड़ी से कोई आवाज दे कर उसे बुलाने का इशारा कर रहा है.

मोनिका ने उस ओर देखा, तब तक एक कार उस के पास आ कर ही रुक गई थी. दूसरी तरफ ड्राइविंग सीट पर बैठे युवक ने अपना परिचय सुनील के रूप में दिया और उसे गाड़ी में बैठने को कहा. मोनिका हिचकिचाई. उस के कुछ बोलने से पहले ही सुनील ने मोबाइल फोन का स्पीकर औन कर उस के सामने कर दिया. दूसरी तरफ से आवाज आ रही थी. ‘‘हैलो, सुनील, बोलो क्या बात है?’’

“भाभीजी, मोनिका से बात कीजिए…’’

“मोनिका…तुम्हारे पास?’’ उधर से चिंतातुर आवाज आई.

“जी भाभी, उस की बस खराब हो गई है, दूसरी बस का इंतजार कर रही है. मैं उसे अपनी गाड़ी में लिफ्ट देने के लिए बोल रहा हूं, लेकिन वह हिचकिचा रही है. शायद मुझे नहीं पहचानती है.’’ सुनील बोला.

दूसरी तरफ से उस की भाभी सोनिया की आवाज आई, ‘‘अरे उसे फोन तो दो, मैं बात करती हूं. तुम्हारे बारे में बताती हूं.’’

“फोन का स्पीकर औन है, आप बोलिए वह सुन रही है.’’ सुनील बोला. तब तक मोनिका भी सोनिया की आवाज पहचान चुकी थी. वह बोली, ‘‘भाभीजी नमस्ते, आप ने इन के बारे में ही बताया था क्या?’’

“अरे हां मोनिका. यही तो मेरा प्यारा देवर है. बहुत अच्छा लडक़ा है. तुम्हें अपनी गाड़ी से कालेज तक छोड़ देगा. साथ चली जाओ. कोई चिंता की बात नहीं है. समझो, जैसा तुम्हारा भाई विकास वैसा ही सुनील.’’ सोनिया उसे समझाती हुई बोली. तब तक सुनील गाड़ी का गेट खोल चुका था. एक हाथ से साथ वाली सीट पर रखी फाइल और डायरी को आगे डैशबोर्ड पर रखते हुए बैठने के लिए इशारा कर दिया. मोनिका तब तक आश्वस्त हो चुकी थी और पीठ से अपना बैग उतार कर गाड़ी में बैठ गई.

पहली मुलाकात का हुआ दिल पर असर

इस तरह से मोनिका और सुनील की पहली मुलाकात हुई थी. कुछ समय तक दोनों शांत बैठे रहे. थोड़ी देर में बातचीत का सिलसिला सुनील ही शुरू करते हुए बोला, ‘‘मोनिकाजी, मैं आप को अच्छी तरह जानता हूं. शायद आप मुझे नहीं पहचानती हैं, इसलिए गाड़ी में बैठने से झिझक रही थीं. मैं आप के मौसामौसी के पड़ोस में रहता हूं. सुबहसुबह ही काम के सिलसिले में दिल्ली एनसीआर को निकल पड़ता हूं. आप को मैं ने कई बार पैदल जाते हुए और बस का इंतजार करते देखा था. सोचता था कि आप को साथ लेता चलूं, लेकिन मैं यही सोच कर नहीं बोल पाता था कि आप कुछ गलत न समझ लें…’’

मौन बनी मोनिका सुनील की बात सुन रही थी. गाड़ी अपनी गति से सडक़ पर अपनी लेन में चल रही थी. सुनील बोला, ‘‘आप चाहें तो लौटते वक्त मुझे फोन कर दीजिएगा. मैं उधर से भी आप को साथ ले लूंगा. मेरा फोन नंबर नोट कीजिए 97xxxxxxxx’’ सुनील फोन नंबर बोलने लगा.

मोनिका बगैर कुछ बोले, अपने मोबाइल पर उस का नंबर टाइप करने लगी. तुरंत उसी नंबर पर उस ने काल भी कर दी. सुनील के मोबाइल पर इनकमिंग काल आ चुकी थी.

“आप का नंबर है? लास्ट डिजिट 34 है न?’’ सुनील ने कहा.

“जी…मुझे हुडा सिटी सेंटर मेट्रो पर उतार दीजिएगा. वहां से यूनिवर्सिटी की मेट्रो ले लूंगी.’’ मोनिका बोली.

“ठीक है, वापसी भी वहीं से होगी न? मुझे काल कर देना मैं मेट्रो के पास आ जाऊंगा.’’

“देखती हूं…’’

इस तरह से मोनिका और सुनील की पहली जानपहचान से अच्छी दोस्ती में बदलने में ज्यादा देर नहीं लगी. उन की अकसर मुलाकातें होने लगीं. मोनिका और सुनील साथ गाड़ी में आनेजाने लगे. समय बचता तो वे गुडग़ांव के किसी काफी होम या रेस्टोरेंट में कुछ समय साथ भी गुजारने लगे थे.

यह कहना गलत नहीं होगा कि दोनों के दिल में प्रेम अगन सुलग चुकी थी. कुंवारे और अमीर सुनील को पा कर मोनिका अच्छे भविष्य के सपने देखने लगी थी. उसे एहसास होने लगा था कि उस ने विदेश में पढ़ाई करने के जो सपने देखे हैं, उसे पूरा करने में सुनील की मदद उसे अवश्य मिलेगी.

 

कनाडा से बुला कर शादी, फिर हत्या – भाग 4

सुनील ने बताया कि वह अपनी हर बात मोनिका पर थोप देता था. अपनी बात मानने का उस पर दबाव डालता था. भावनात्मत्क उत्पीडऩ करने के साथसाथ शारीरिक तकलीफें भी देने लगा था. यहां तक कि उस की बात नहीं मानने पर अपनी लाइसेंसी पिस्तौल भी दिखा चुका था. पूछताछ के सिलसिले में उस ने कुबूल कर लिया कि मोनिका के कनाडा जाने के अगले रोज से ही वह उसे पाने के लिए बेचैन हो गया था.

वह एक विक्षिप्त प्रेमी की तरह बन चुका था. ठीक उसी तरह जैसे प्यार में लोग कभीकभी सारी हदें पार कर देते हैं. उस ने भी वही सब किया. उस ने मोनिका के प्यार में जीनेमरने की कसमें खाई थीं और उस से हर हाल में शादी रचाना चाहता था.

इस के चलते ही मोनिका के कनाडा जाने के कुछ दिनों बाद ही उस ने परिवार में एक हादसा होने का बहाना बना कर उसे वापस भारत बुलवा लिया. वहां से उस ने उसे अपने परिजनों के पास जाने नहीं दिया. जबरन अपने बनाए ठिकाने पर ले कर चला गया.

सुनील और मोनिका ने कर ली थी शादी

मोनिका 5 जनवरी, 2022 को कनाडा बिजनैस मैनेजमेंट का कोर्स करने गई थी, लेकिन सुनील ने 22 जनवरी को ही कनाडा से उसे वापस भारत बुला लिया था. इस के बाद उन्होंने 29 जनवरी, 2022 को गाजियाबाद के आर्यसमाज मंदिर में शादी कर ली थी.

शादी के बाद 30 जनवरी को मोनिका फिर कनाडा चली गई थी, लेकिन सुनील ने उसे फिर भारत बुला लिया और कनाडा वापस जाने नहीं दिया. इस दौरान मोनिका के कनाडा आनेजाने का सारा खर्च सुनील ने ही उठाया था. सुनील मोनिका को अपने साथ ले गया था, दोनों अलगअलग जगहों पर रहने लगे थे. कुछ दिनों बाद उन के बीच अनबन होने लगी.

सुनील ने पुलिस को बताया कि मोनिका कहती कि उस ने अगर शादी की है, तब इसे सार्वजनिक करे और लोगों के सामने पतिपत्नी की तरह रहे. इस पर सुनील अपनी पहली पत्नी का हवाला देता था और उस से तलाक लेने का आश्वान देता रहा. जबकि मोनिका अलग रहते हुए सुनील के बदले तेवर से परेशान हो चुकी थी. उस की कोई वैध शादी नहीं थी, जो वह कानून का सहारा लेती. सुनील उस पर मानसिक दबाव बनाए हुए था.

विरोध करने पर उस के घर वालों को जान से मारने की धमकी दे कर उसे चुप करा देता था. जिस के चलते उन के बीच झगड़ा होने लगा था. जून में ही जब सुनील मोनिका को अपने साथ कार में बैठा कर गड़ी झंझारा स्थित फार्महाउस की तरफ जा रहा था तो रास्ते में उन का फिर किसी बात को ले कर झगड़ा हो गया. इस पर सुनील ने तैश में आ कर मोनिका की कार में ही अवैध पिस्तौल से 2 गोलियां मार कर हत्या कर दी थी.

गोली मार कर मोनिका की हत्या करने के बाद शाम को सुनील उस के शव को कार में ही ले कर फार्महाउस पहुंच गया था. जिस के बाद उस ने मोनिका के शव को फार्महाउस में ही गड्ïढा खोद कर उस में दबाने की योजना बनाई, लेकिन अकेला वह गड्ढा खोदने में असमर्थ था. इस कारण उस ने मोनिका के शव को कार में छोड़ कर उसे पूरी तरह से ढंक दिया.

फार्महाउस में दफना दी गई मोनिका

अगली सुबह उस ने मजदूरों को बुलाया और सेफ्टी टैंक का निर्माण करवाने की बात कह कर उन से कई फीट गहरा गड्ढा खुदवा दिया. मजदूरों के चले जाने के बाद शाम के समय उस ने मोनिका के शव को कार से निकाल कर उसे गड्ढे में दबा दिया. गड्ढे की मिट्टी को पूरी तरह से समतल करने के बाद सुनील ने उस के ऊपर घास भी लगवा दी, ताकि किसी को इस बारे में शक न हो. इस तरह सुनील बेफिक्र हो गया था.

सुनील द्वारा मोनिका के अपहरण और उस की हत्या की बात कुबूल करने के बाद मोनिका मर्डर केस का खुलासा हो चुका था. भिवानी सीआईए-2 प्रभारी रविंद्र कुमार ने उस के बयान को कलमबद्ध करने के बाद अदालत में पेश कर दिया. वहां से उसे 10 दिन के रिमांड पर ले लिया गया. रिमांड अवधि के दौरान पुलिस सुनील से वारदात में इस्तेमाल अवैध हथियार और कार को भी बरामद करने के प्रयास में जुट गई.

मोनिका हत्याकांड के मामले में आरोपी सुनील ने मोनिका की हत्या की असली वजह बता दी थी. शादी के बाद वह मोनिका के साथ कनाडा जा कर वहीं शिफ्ट होना चाहता था, लेकिन वह गन्नौर में ही रहने की जिद पर अड़ गई थी. मोनिका उसे उस की पहली पत्नी सोनिया को छोडऩे के लिए मजबूर कर रही थी.

मोनिका उस के बच्चों के साथ उस के घर में ही रहना चाहती थी. सुनील ने उसे समझाने की कोशिश की कि वह दूसरा घर खरीद लेंगे और उस में रहेंगे, लेकिन वह नहीं मानी. इसी बात पर उन का झगड़ा हो गया और विवाद इतना बढ़ गया कि उस ने उस की हत्या कर दी.

वह मोनिका की हत्या करने के बाद समालखा, उत्तर प्रदेश में अलगअलग ठिकाने बदलता रहा. मोनिका की लाश को गड्ढा खुदवा कर निकाल लिया गया. पोस्टमार्टम के दौरान मोनिका की खोपड़ी में फंसी गोली मिल गई. पुलिस ने गड्ढे से बरामद युवती के अवशेषों का डीएनए का सैंपल भी जांच के लिए भिजवा दिया.

जांच में पाया गया कि उस की कार गन्नौर अथारिटी में रजिस्टर्ड है. पुलिस ने सुनील से वह देशी पिस्तौल भी बरामद कर ली, जिस से उस ने मोनिका की हत्या की थी. उस के बारे में उस ने बताया कि उस ने पिस्तौल सहारनपुर में रहने वाले अपने एक दोस्त से ली थी. इस जानकारी के बाद पुलिस अब उस के दोस्त के बारे में भी पता लगाने में जुट गई थी.

कथा लिखे जाने तक मोनिका का पासपोर्ट, लैपटाप, सोने की अंगूठी, कपड़ों से भरे बैग, सोने की चेन बरामद नहीं हो पाई थी. मृतका के मौसेरे भाई प्रदीप ने बताया कि उन्होंने भिवानी की सीआईए-2 को जिन संदिग्ध व्यक्तियों के नाम दिए हैं, उन से उन्हें जान का खतरा है. उन्हें उन व्यक्तियों द्वारा उसे व उस के घर वालों पर हमला होने का डर सता रहा है. इसे ले कर उस ने पुलिस आयुक्त से मिल कर सुरक्षा की मांग की.

कनाडा से बुला कर शादी, फिर हत्या – भाग 3

पहली पूछताछ में सुनील ने मोनिका के साथ गहरी जानपहचान होने की बात स्वीकार कर ली. साथ ही उस ने यह भी बताया कि वह उस से प्रेम करता है. उस के कनाडा से लौटने का उसे इंतजार है. उस से पूछताछ करते समय कई बातें जांच अधिकारी को संदिग्ध लगीं, जिस से जांच अधिकारी को शक हुआ कि वह मोनिका के बारे में बहुत सी बातें छिपा रहा है.

उस ने अपने बारे में जो कुछ बताया था, उस में भी कई बातें गलत निकली थीं. जैसे उस ने खुद को अविवाहित बताया था. पुलिस को ग्रामीणों से मालूम हुआ था कि सुनील न केवल विवाहित है, बल्कि उस के बच्चे भी हैं. यहीं से पुलिस को उस पर संदेह गहरा गया.

मोनिका के बारे में कई बार पूछताछ हुई. उस से आखिरी मुलाकात से ले कर आखिरी बार फोन पर हुई बातचीत को ले कर सवाल किए गए. उस के जवाब के संदर्भ में जब तहकीकात की गई और मोनिका के परिजनों से पूछताछ की गई, तब कई विरोधाभासी जवाब मिले. हर बार वह यही कहता रहा कि उस के कनाडा जाने के बाद उस की काफी समय से बात नहीं हुई थी.

मोनिका के घर वालों को लगता था कि उन की बेटी कनाडा में है, लेकिन उस से होने वाली फोन पर बातचीत के बारे में पुलिस को दिए बयान की सच्चाई कुछ और थी. मोनिका के मौसेरे भाई ने बताया कि उस ने अप्रैल में मोनिका से वीडियो काल पर बात की थी, तब उसे पंखा चलता दिखाई दिया. उस समय कनाडा में कड़ाके की ठंड थी. उस ने जब मोनिका से पंखा चलने के बारे में पूछा तो मोनिका ने फोन काट दिया और उस का नंबर भी ब्लैकलिस्ट में डाल दिया.

इस के बाद भी घर वाले मोनिका के कनाडा में होने की ही बात मान कर उस से बात करते रहे. बाद में जब मोनिका ने घर वालों के फोन उठाने बंद किए, तब उन्हें शक हुआ. खैर, पुलिस ने जांच प्रक्रिया को नया मोड़ देते हुए सुनील और मोनिका के मोबाइल नंबरों की काल डिटेल्स निकलवाई. उस के अनुसार भी सुनील की कई बातें गलत निकलीं, जो उस ने पूछताछ में बताई थी.

उस ने मोनिका से आखिरी काल की जो तारीख बताई थी, वह दोनों के काल डिटेल्स से मैच नहीं करती थी. साथ ही पुलिस के कान तब खड़े हो गए, जब उस ने बताया कि दोनों की फोन पर जनवरी से जून 2022 के बाद कोई बात नहीं हुई थी.

यह बात भी पुलिस के लिए संदेह पैदा करने वाली थी कि जब मोनिका 5 जनवरी को कनाडा चली गई थी, तब उस के बाद के काल इंटरनैशनल क्यों नहीं थे? साथ ही जून, 2022 के बाद सुनील ने पहले की तरह मोनिका को कोई काल क्यों नहीं किया? या फिर मोनिका द्वारा भी कोई काल क्यों नहीं की गई?

इन सवालों के साथ पुलिस ने मोनिका के घर वालों से भी पूछताछ की. उन्होंने बताया कि मोनिका उन के साथ बहुत कम समय के लिए बात करती थी, लेकिन जून 2022 के बाद उस के फोन ही बंद हो गए थे.

सुनील पुलिस को देता रहा गच्चा

अपना संदेह दूर करने के लिए पुलिस ने सुनील को थाने बुलवाया, किंतु उस ने थाने आने में असमर्थता जताई. उस ने बहाना बना दिया और कहा कि वह अपने काम के सिलसिले में पंजाब जा चुका है. वैसे पुलिस को बाद में आने का आश्वासन दिया. पुलिस को भरोसा देने के लिए उस ने मोनिका के बारे में भी तहकीकात की और कहा कि उस की कोई जानकारी मिलने पर वह पुलिस को सूचित किया जाए.

उस के बाद पुलिस द्वारा सुनील को कई बार थाने बुलाया गया, लेकिन वह नहीं आया और हर बार कोई न कोई बहाना बना दिया. तब तक जांच अधिकारी समझ चुके थे कि वह पूछताछ से बचना चाह रहा है और अपने झूठ के जाल में फंस चुका है.

उस के गांव में दबिश दी गई तो पता चला कि वह कई हफ्ते से अपने घर आया ही नहीं है. ग्रामीणों ने बताया कि उस की खास नंबर की गाड़ी भी नहीं नजर आई. इस का मतलब साफ था कि वह फरार हो चुका था. फिर क्या था, पुलिस उसे एक फरार अभियुक्त की तरह तलाश करने लगी. उस की पत्नी से भी पूछताछ हुई. इस में कुछ और महीने निकल गए. मोनिका के साथसाथ उस की भी खोजखबर लेने के लिए मुखबिर लगा दिए थे.

जांच अधिकारी को अनुमान था कि उस के पकड़े जाने पर मोनिका का पता चल सकता है. उस के द्वारा मोनिका को कहीं छिपाए ठिकाने का पता लगने की उम्मीद थी. फिर भी न मोनिका का कोई सुराग मिल पा रहा था और न ही सुनील का. उस का मोबाइल नंबर भी ट्रैकिंग में नहीं आ पा रहा था.

जबकि मामला भिवानी सीआईए-2 के पास पहुंचने के बाद से सीआईए पुलिस लगातार सुनील का पता लगाने का प्रयास कर रही थी. वारदात को अंजाम देने के बाद सुनील उर्फ शिल्ला लगातार फरार चल रहा था. आखिरकार सीआईए पुलिस ने 2 अप्रैल, 2023 को सुनील को मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार कर लिया.

गिरफ्तारी के बाद उस से सख्ती से पूछताछ की जाने लगी. साथ ही उस पर मोनिका की गुमशुदगी के मामले में पुलिस का साथ नहीं देने और फरार हो जाने का भी आरोप लगा दिया. जैसे ही पुलिस ने गन्नौर थाने में दर्ज उस के सभी 7 पुराने आपराधिक रिकौर्ड का हवाला दिया, जब पुलिस ने बताया उस के कुछ मामले गैरजमानती हैं और उन की जांच होने पर तुरंत जेल जा सकता है.

सुनील आपराधिक प्रवृत्ति का है. उस के पास एक लाइसेंसी पिस्तौल भी थी, लेकिन जून में ही खुद की लाइसेंसी पिस्तौल से अचानक गोली चलने से घायल हो गया था. इस के बाद उस की लाइसेंसी पिस्तौल पुलिस ने जब्त कर ली थी. इतना सुनते ही वह डर गया और मोनिका जांच में पूरी तरह से सहयोग करने को राजी हो गया.

लंबी चली कड़ी पूछताछ में सुनील ने अपने सारे राज खोल दिए. मोनिका से दोस्ती गांठने, समाज की नजर में उस का भाई बने रहने और अंदर ही अंदर उस से मोहब्बत करने के साथ उस के साथ शादी रचाने के सपने देखने की बात स्वीकार कर ली. उस ने यह भी बताया कि वह यह सब विवाहित होने के बावजूद कर रहा था, जिसे ले कर पत्नी और मोनिका को भी अपत्ति थी.

 

परी का प्यार हुआ जानलेवा – भाग 3

22 वर्षीय मालती का खून से सना शव भूपेंद्र जाट के मकान में बनी दुकान में पड़ा हुआ था. उस के पास में ही उस के प्रेमी पवन सिंह (27 वर्ष) भी खून से लथपथ अचेत अवस्था में पड़ा हुआ था. दोनों के ही शरीर पर काफी नजदीक से गोली मारे जाने के निशान थे. युवती की लाश के पास ही एक देशी कट्ïटा पड़ा था.  इस से यह अंदाजा लगाया गया कि पहले युवक ने अपनी प्रेमिका के सिर में गोली मारी और फिर खुद आत्महत्या करने के इरादे से गोली मार ली.

आत्महत्या या औनरकिलिंग का हुआ शक

तलाशी में दोनों के पास से कोई सुसाइड नोट तो नहीं मिला, लेकिन पवन जाट के पर्स से मालती और पवन का संयुक्त फोटो मिलने से यह बात साफ हो गई कि मामला प्रेम प्रसंग का है. इसलिए एक संभावना औनर किलिंग की भी बनती नजर आने लगी.  लेकिन किसी भी परिणाम पर पहुंचने से पहले पुलिस के लिए इस हत्या से पहले की हकीकत जानना जरूरी था.

चूंकि मामला हत्या और आत्महत्या के अलावा औनर किलिंग का भी हो सकता था, इसलिए पूरी ऐहतियात बरतते हुए एडिशनल एसपी (देहात) जयराज कुबेर के निर्देश पर फोरैंसिक एक्सपर्ट भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने घटनास्थल का सूक्ष्मता से निरीक्षण करते हुए सुराग तलाशने की कोशिश की.  इस के बाद मालती का शव पोस्टमार्टम के लिए और अचेत अवस्था में लहूलुहान हालत में पड़े मिले पवन जाट को प्राथमिक उपचार के लिए भितरवार के शासकीय स्वास्थ्य केंद्र भेज दिया, लेकिन हालत में सुधार होता न देख डाक्टरों ने बिना देरी किए उसे ग्वालियर के लिए रेफर कर दिया. इलाज के दौरान एक दिन बाद ही पवन ने भी दम तोड़ दिया.

अस्पताल से एसएचओ को इस बारे में सूचना दे दी गई थी. इस सूचना के मिलते ही एसएचओ प्रशांत शर्मा और एसडीपीओ अस्पताल पहुंच गए. जरूरी काररवाई के बाद पवन के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. पवन की मौत के बाद मोहनगढ़ में तनाव फैल गया. तनाव को देखते हुए ग्वालियर से पवन का शव मोहनगढ़ आने से पहले ही भितरवार तहसील के एसडीपीओ अभिनव वारंगे ने मृतक युवक और युवती के घर के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया था.

घर वालों ने दी पुलिस को धमकी

एसडीपीओ ने गम में बिलखते हुए मालती के मातापिता और भाई को ढांढस बंधाते हुए कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि इस समय आप लोग बहुत परेशान हैं, लेकिन यह सब कैसे हुआ, यह जानने के लिए मुझे आप लोगों से पूछताछ तो करना ही पड़ेगी. आप लोग इसी तरह रोते रहेंगे तो मैं और एसएचओ अपना काम कैसे करेंगे. आप लोग रोनाधोना बंद कीजिए और हम लोग जो पूछें, उस का जवाब दीजिए.’’

इस पर भी मालती के घर वालों का रोना बंद नहीं हुआ तो एसडीपीओ ने नाराज हो कर कहा, ‘‘ठीक है, आप लोग जी भर कर रो लें. उस के बाद मेरे औफिस में बयान देने आ जाना.’’

इतना कह कर वे घटनास्थल से चलने को अपनी गाड़ी में आ कर बैठे ही थे कि बालमुकुंद चौहान उन की गाड़ी के समीप आ कर बोले, ‘‘साहब रुकिए, मैं आप को इस हत्याकांड की सारी हकीकत बताता हूं. साहब, मेरे पड़ोस में रहने वाले भूपेंद्र सिंह जाट के बेटे पवन ने मेरी बेटी को अपने प्रेम जाल में फंसा लिया था, लेकिन जब मैं ने अपनी बेटी की शादी पवन से न कर के किसी और लडक़े से कर दी तो वह और उस के परिवार के लोग बुरी तरह से तिलमिला गए.

पवन के पिता भूपेंद्र जाट, उस की मां वंदना जाट, भाई उपेंद्र, चाचा उमराव सिंह और पवन ने बड़े सुनियोजित ढंग से मालती को अपने घर बुला कर मेरी बेटी के सिर में गोली मार कर उसे मौत के घाट उतार दिया और उल्टे पवन का परिवार मेरे परिवार पर अंगुली उठाते हुए मेरे घर वालों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहा है. साहब, अब इस हत्याकांड का सारा सच सामने आ चुका है. आप इन 5 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर कानूनी काररवाई करेंगे, तभी हम अपनी बेटी का अंतिम संस्कार करेंगे.

इस के बाद एसडीपीओ के निर्देश पर एसएचओ प्रशांत शर्मा ने तत्काल मृतका के पिता बालमुकुंद की शिकायत पर भूपेंद्र जाट, वंदना जाट, पवन जाट, उपेंद्र, उमराव सहित पवन के खिलाफ भादंवि की धारा 302,147 के तहत मामला दर्ज कर लिया.  प्रेमी द्वारा अपनी प्रेमिका को गोली मार सुसाइड करने के बहुचर्चित मामले में नया मोड़ तब आया, जब पवन की इलाज के दौरान ग्वालियर में हुई मौत के बाद पवन के घर वालों ने मालती के घर वालों पर हत्या का मुकदमा कायम करने की मांग करते हुए भितरवार थाने का घेराव कर लिया.

एसएचओ ने जब उन की मांग को अनसुना कर दिया तो आक्रोशित परिजनों ने पवन के शव को भितरवार करैरा मार्ग पर रख कर चक्का जाम कर दिया. चक्का जाम करने की सूचना मिलने पर एसडीपीओ और एसएचओ प्रशांत शर्मा पुलिस फोर्स ले कर मौके पर पहुंच गए. एसडीपीओ अभिनव वारंगे ने पवन के घर वालों से बात कर भरोसा दिलाया कि मामले की जांच के बाद ही किसी की इस मामले में गिरफ्तारी की जाएगी. इस आश्वासन के बाद ही उन्होंने चक्का जाम खोला और वे पवन का शव ले कर अंतिम संस्कार के लिए मोहनगढ़ चले गए.

कथा लिखने तक पुलिस मर्डर ऐंड सुसाइड के इस मामले की जांच कर रही थी.

परी का प्यार हुआ जानलेवा – भाग 2

बालमुकुंद चौहान ने मालती को रखने के लिए अपने दामाद से काफी मनुहार की, लेकिन सोनू इस के लिए कतई तैयार नहीं हुआ. बालमुकुंद बेमन से मालती को अपने घर ले आए. मालती को मायके में रहते हुए 3 महीने से ज्यादा का समय हो गया, इस बीच न तो पति ने उस का हालचाल पूछा और न ही सास ने.

तलाक के बाद हुई बदनामी

इस के बाद बालमुकुंद चौहान और उन की पत्नी को बेटी के भविष्य की चिंता सताने लगी. फिर वे दोनों अपने रिश्तेदारों के साथ मालती की ससुराल पहुंचे. उन्होंने मालती के सासससुर से ले कर  दामाद तक से मालती को घर ले जाने के लिए मिन्नतें कीं, लेकिन सोनू अपने निर्णय से टस से मस नहीं हुआ और उस ने मालती को विधिवत तलाक दे दिया.

सोनू के इस कदम से मालती और बालमुकुंद की बड़ी बदनामी हुई. समूचे मोहनगढ़ में मालती को उस के पति द्वारा तलाक दिए जाने की बात चर्चा का विषय बन गई. लोग चटखारे लेले कर आपस में तरहतरह की बातें करने लगे थे. बिरादरी में भी थूथू हो रही थी, जिस से मालती के मम्मीपापा से ले कर भाई तक का घर से निकलना मुश्किल हो गया था. इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आखिर में न चाहते हुए भी घर वालों ने मालती के लिए लडक़े की तलाश शुरू कर दी.

मालती के पापा और भाई ने काफी मशक्कत के बाद मालती के लिए ग्वालियर में अपनी ही जाति का एक युवक तलाश कर सामाजिक रीतिरिवाज से 8 दिसंबर, 2022 को उस की दूसरी शादी कर दी. दूसरी शादी के बाद मालती ने अपने प्रेमी पवन से दूरियां बनानी शुरू कर दी थीं. अब जब भी पवन उसे फोन करता तो वह कोई न कोई बहाना बना कर उस का फोन काट देती.

शादी के कुछ दिनों बाद मालती पहली बार अपने मायके आई तो पवन ने उसे फोन कर एकांत में बैठ कर बात करने के लिए बुलाया. मगर मालती ने उस से कहा कि अब वह अपने पति की वफादार बन कर रहना चाहती है. उस ने पवन से दोटूक शब्दों में कह दिया कि अब वह उस की वैवाहिक जिंदगी में दखल देने की कोशिश न करे. वह भी उसे भूल कर अपना विवाह कर ले.

प्रेमी ने दी मालती को धमकी

पवन को अपनी प्रेमिका की यह नसीहत उचित नहीं लगी. पवन ने मालती के फोन पर मैसेज भेज कर धमकी दी कि तेरा पति अपने घर वालों के साथ तुझे शादी के बाद पहली बार लेने आ रहा है. अगर तू आज दोपहर में मुझ से मिलने मेरी किराने की दुकान पर नहीं आई तो मैं तेरे सभी न्यूड फोटो इंटरनेट पर छालने के साथ ही तेरे नएनवेले पति के मोबाइल पर भी सारी फोटो भेज दूंगा.

पवन की इस धमकी से मालती काफी तनाव में आ गई. मजबूरी में मालती ने पवन की बात मान ली. 24 दिसंबर, 2022 की दोपहर जब मालती के घर वाले मालती को विदा कराने के लिए मोहनगढ़ आ रहे सुसराल वालों की आवभगत की तैयारी में जुटे हुए थे, तभी दबेपांव मालती पवन की जिद पर उस की दुकान पर पहुंच गई.  मालती को सामने पा कर पवन मुसकराया. उस की आंखों में चमक उभर आई. पवन ने पहले की तरह जैसे ही मालती की कमर में बाहें डाल कर उसे अपने आगोश में लेने का प्रयास कर मनमरजी करने का जतन किया, तभी मालती ने उसे अपने से अलग करते हुए कहा कि अब वह किसी और की ब्याहता है.

मालती ने उस से कहा, ‘‘पवन, अब तुम मेरा पीछा छोड़ दो. वैसे भी तुम्हारे इश्क के चक्कर में पड़ कर मेरी और मेरे परिवार वालों की पहले ही काफी बदनामी हो चुकी है. अब मैं तुम से किसी तरह का संपर्क रख कर अपनी जिंदगी नरक नहीं करना चाहती. मुझे नहीं मालूम था कि तुम इतने घटिया इंसान निकलोगे, वरना तुम से इश्क करने की भूल हरगिज नहीं करती.’’

प्रेमिका को मारी गोली

मालती के मुंह से खरीखोटी सुन कर पवन  की सहनशक्ति जवाब दे गई. वह अपना आपा खो बैठा और यह कहते हुए कि चल तेरे घर वाले तुझे तेरे पति के पग फेरे की रस्म के बाद विदा करें, मैं तुझे आज ही इस दुनिया से हमेशा के लिए विदा किए देता हूं. कमर में खोंसा देशी तमंचा निकाल लिया और प्रेमिका मालती के सिर से सटा कर गोली मार दी.

गोली लगते ही मालती तख्त पर गिर गई और उस ने मौके पर ही दम तोड़ दिया. प्रेमिका की हत्या करने के बाद पवन ने भी यह कहते हुए उसी कट्ïटे से स्वयं को गोली मार ली कि जब जानेमन तू ही नहीं रही दुनिया में तो मैं तेरे बिना जी कर क्या करूंगा.

2 बार गोली चलने की आवाज सुन कर मालती का भाई हरिओम किसी अनहोनी की आशंका में दौड़ कर पवन जाट की किराने की दुकान पर जा पहुंचा. वहां पहुंच कर देखा तो अपनी शादीशुदा बहन को खून से लथपथ तख्त पर पड़ा पाया.  हरिओम ने बहन को झकझोर कर उठाना चाहा, लेकिन उस के शरीर में कोई हरकत नहीं हुई. उस ने उस की छाती पर हाथ रखा तो पता चला कि धडक़नें बंद हैं. उस की नाक के सामने हाथ ले जा कर देखा, उस की सांस भी नहीं चल रही थी.

अपनी लाडली बहन की मौत से हरिओम की चीख निकल पड़ी. मोहल्ले वालों को उस आवाज को पहचानने में जरा भी देर नहीं लगी. यह दर्दभरी चीख बालमुकुंद के बेटे हरिओम की थी. वह चीखचीख कर कह रहा था कि बड़ी बेरहमी से पवन ने मेरी बहन की हत्या कर दी है. मालती तुझे हो क्या गया था, जो तू अपनी विदाई से पहले पवन की दुकान पर चली आई थी.

इस के बाद पड़ोसियों से ले कर सारे रिश्तेदार भूपेंद्र जाट के घर के बाहर जमा हो गए. पड़ोसियों में से ही किसी ने भितरवार थाने को मालती मर्डर केस की खबर दे दी थी. खबर पा कर एसएचओ प्रशांत शर्मा से ले कर एडिशनल एसपी (देहात) जयराज कुबेर, एसडीपीओ अभिनव वारंगे घटनास्थल पर पहुंच गए थे.

परी का प्यार हुआ जानलेवा – भाग 1

एकलौती बिटिया होने की वजह से मालती अपने मांबाप की लाडली थी. उस के पापा के पास इतना कुछ था कि जब जो चाहा उसे मिला. पापा बालमुकुंद चौहान और मम्मी उस की हर इच्छा को पूरा करने के लिए हमेशा तैयार रहते थे.  मांबाप के प्यार की वजह से बलिग होतेहोते मालती काफी जिद्ïदी हो गई थी. वैसे उसे ज्यादा जिद करने की जरूरत नहीं पड़ती थी, वह जो भी कह देती, मम्मीपापा और भाई आंख मूंद कर पूरी कर देते थे.

मूलरूप से मध्य प्रदेश में ग्वालियर जिले की भितरवार तहसील के मोहनगढ़ गांव के रहने वाले बालमुकुंद चौहान और भूपेंद्र जाट आमनेसामने रहते थे. इस वजह से उन का न सिर्फ एकदूसरे के परिवार से घरोवा था, बल्कि पड़ोस में रहने की वजह से दोनों परिवारों का एकदूसरे के घर आनाजाना भी था.  मालती और भूपेंद्र सिंह का बेटा पवन साथ में खेल कर बड़े हुए थे.

मालती खूबसूरत थी तो पवन भी कम आकर्षक नहीं था. वह लंबाचौड़ा, गोराचिट्टा युवक था. अपने आकर्षक व्यक्तित्त्व के बल पर वह किसी को भी बांध लेने की क्षमता रखता था, इसलिए पवन से मिलना मालती को भी अच्छा लगता था.

किशोरावस्था में हुआ प्यार

किशोरावस्था में कदम रखते ही पवन मालती की ओर आकर्षित हो गया था. कई साालों तक चोरीछिपे दोनों का प्यार परवान चढ़ता गया. लेकिन परिवार वालों के डर की वजह से अपने मन की बात अपने घरवालों से कहने की हिम्मत नहीं जुटा पाया. हालांकि मालती ने बिना किसी संकोच के अपने मातापिता को बता दिया था कि वह पवन से प्यार करती है और उसे अपना जीवनसाथी बनाना चाहती है.

इस पर उस के पापा ने उसे बड़े प्यार से समझाया, ‘‘बेटी, पवन से रिश्ता जुडऩा नामुमकिन है. इस की पहली वजह तो यह है कि वह हमारी बिरादरी का नहीं है और दूसरे उस की और हमारे परिवार की हैसियत बराबर नहीं है. वह हमारे मुकाबले कुछ भी नहीं है.’’

पापा की बात यह सुन कर मालती के पैरों तले की जमीन खिसक गई. मालती के मम्मीपापा करते थे कि उन की बेटी जिद्ïदी स्वभाव की है. उस की इस आदत को देखते हुए मम्मीपापा ने उस के घर से निकलने पर सख्त पाबंदी लगा दी. मालती समझ गई कि अब पवन के साथ जिंदगी बिताने का उस का सपना महज सपना ही बन कर रह जाएगा. क्योंकि घर वाले उस का रिश्ता प्रेमी पवन के साथ नहीं करेंगे.

उधर बालमुकुंद चौहान मालती की शादी के लिए लडक़ा तलाशने लगे. काफी दौड़धूप के बाद बालमुकुंद चौहान को दतिया जिले के इंदरगढ़ में रहने वाला सोनू चौहान अपनी बेटी के लिए पसंद आ गया. इस के बाद उन्होंने बड़ी धूमधाम से मालती की शादी सोनू चौहान के साथ कर दी.  मालती दुलहन बन कर ससुराल पहुंच गई. सोनू मालती जैसी खूबसूरत पत्नी पा कर काफी खुश था. यही वजह थी कि वह पत्नी की हर इच्छा का खयाल रखता था.

इस के बावजूद मालती अपने प्रेमी पवन को नहीं भुला पाई. उसे जब भी मौका मिलता, वह फोन पर अपनी सहेली से प्रेमी पवन के बारे में बतियाना शुरू कर देती और पवन के बारे में सारी जानकारी ले लेती. धीरेधीरे 2 साल गुजर गए, पवन भी मालती को नहीं भुला सका था. दिनरात मालती उस के खयालों में छाई रहती. वह अपनी जिंदगी मालती की यादों में काटना चाहता था. इस वजह से उस ने शादी भी नहीं की थी.

शादी के बाद बने रहे संबंध

उधर मालती के मम्मीपापा और भाई को लगने लगा था कि शादी के बाद मालती पवन को भूल चुकी होगी, इसलिए उन्होंने उसे गांव में किसी के भी घर आनेजाने की छूट दे दी. पवन और मालती मौके की तलाश में रहने लगे, एक दिन मौका पा कर सब की नजरों से बचते हुए दोनों मिले. इस मुलाकात में मालती ने बताया कि वह अपनी शादी से जरा भी खुश नहीं है तो पवन चौंका. उस ने सपने में भी नहीं सोचा था कि मालती अब भी उसे अपने दिल में बसाए हुए होगी.

उसे लगता था कि मालती उसे भुला कर अपने पति के प्रेम में रम गई होगी. पवन ने मालती से पूछा, ‘‘क्या तुम अब भी मेरे साथ जिंदगी गुजारने को तैयार हो?’’

“हां, मैं तुम्हारे लिए अपना बसाबसाया घर छोडऩे को तैयार हूं.’’

मायके से मालती ने भागना उचित नहीं समझा. क्योंकि इस से उस के मायके वालों की बदनामी होती. फिर योजना के अनुसार, दोनों ने एकदूसरे के नए मोबाइल नंबर ले लिए. मालती ने पवन का मोबाइल नंबर सहेली के नाम से सेव कर लिया.

3 दिन बाद मालती का पति सोनू उसे लेने अपनी ससुराल मोहनगढ़ आया तो वह बेमन से ससुराल चली गई. ससुराल में किसी को भी उस के शादी से पूर्व के प्रेम प्रसंग के बारे में जानकारी नहीं थी, इसलिए उसे देर रात मोबाइल पर बतियाते देख किसी को उस पर संदेह नहीं हुआ. ससुराल वाले यही समझते रहे कि वह अपने मांबाप की लाडली बेटी है उन्हीं से बतियाती होगी.

इत्तफाक से एक दिन मालती के पति सोनू की देर रात अचानक नींद टूट गई, तब उस ने उसे किसी पुरुष से खिलखिला कर हंसते हुए वीडियो कालिंग पर बात करते हुए देखा. इस से सोनू को मालती पर शक हो गया. उसे कतई उम्मीद नहीं थी कि शादी के बाद भी पत्नी का किसी अन्य पुरुष से चक्कर चल रहा होगा. काफी प्रयत्न करने पर सोनू को पता चला कि मालती का प्रेम प्रसंग मोहनगढ़ गांव के पवन से चल रहा है. इस जानकारी से सोनू को गहरा झटका लगा.

अब इसे ले कर आए दिन पतिपत्नी के बीच झगड़ा होने लगा. धीरेधीरे उन के रिश्तों में दरार आती चली गई. यह दरार इतनी बढ़ी कि सोनू ने अपने सुसर को फोन कर उन से साफ कह दिया कि अब वह मालती को पत्नी के तौर पर अपने घर पर नहीं रख सकता. आप इंदरगढ़ आ कर मालती को हमेशा के लिए ले जाएं.