UP Crime : अपराधी चाहे कितना भी शातिर क्यों न हो, उस के किए गुनाह की लकीर के सहारे पुलिस उस तक पहुंच ही जाती है. खेत में मिले नरमुंड ने सर्वेश और संतोष के संगीन गुनाहों की ऐसी फेहरिस्त खोली कि…
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले का एक गांव है बरुआ नद्दी. शाम के समय कुछ लोग खेतों से गांव की ओर आ रहे थे. तभी उन की नजर एक खेत के किनारे कुत्तों के झुंड पर पड़ी. कुत्ते एक नरमुंड को ले कर खींचतान कर रहे थे. लोगों ने कुत्तों को भगा दिया और नजदीक आए. वहां एक नरमुंड पड़ा था. कुछ ही देर में वहां भीड़ जुट गई. गांव भर में सनसनी फैल गई. इसी बीच किसी ने थाना किशनी में सूचना दे दी. थानाप्रभारी अजीत सिंह पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए और उच्च अधिकारियों को घटना से अवगत कराया. सूचना पर कुछ ही देर में एसपी अजय कुमार पांडेय, एएसपी मधुबन कुमार भी मौके पर पहुंच गए. उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया, इस के साथ ही आसपास के लोगों से बातचीत कर जानकारी ली.
एसपी ने पूरा कंकाल होने की आशंका के चलते आसपास के खेतों में तलाशी अभियान चलाया. काफी देर तलाश के बाद भी पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा. नरमुंड पुरुष का है या महिला का, इस के लिए एसपी ने अधीनस्थों को डीएनए जांच कराने के निर्देश दिए. थानाप्रभारी ने मौके की काररवाई निपटाने के बाद नरमुंड को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया. यह घटना 10 अक्तूबर,2020 की है. पुलिस ने दूसरे दिन घटनास्थल के आसपास के गांव वालों से फिर से पूछताछ की. लेकिन कोई सुराग नहीं मिला.
नरमुंड मिलने की जानकारी मिलने के 2 दिन बाद जनपद इटावा के थाना चौबिया के गांव टोरपुर का निवासी मिथिलेश कुमार थाना किशनी पहुंचा. उस ने बताया कि उस की 35 वर्षीय भाभी पूती देवी 20 सितंबर, 2020 से लापता हैं. इस संबंध में उस ने थाना भरथना में गुमशुदगी भी दर्ज कराई थी. लेकिन अभी तक उन का कोई पता नहीं चला. गांव बरुआ नद्दी के खेत में मिला नरमुंड उस की भाभी पूती देवी का हो सकता था. वह नरमुंड पूती देवी का है या नहीं, इस बात की पुष्टि डीएनए जांच के बाद ही हो सकती थी. लिहाजा पुलिस ने मिथिलेश कुमार से विस्तार से पूछताछ करने के बाद उस की भाभी पूती देवी के बारे में जांच शुरू कर दी.
पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि 35 वर्षीय पूती देवी की ससुराल इटावा जिले के थाना चौबिया में है. उस के पति दिलासा राम की कई साल पहले मौत हो चुकी थी. बच्चों को पढ़ाने के लिए पूती देवी अपने दोनों बच्चों सहित भरथना के मोहल्ला कृष्णानगर में रहने लगी थी. गांव बरुआ नद्दी निवासी सर्वेश कुमार यादव और उस के मामा संतोष कुमार, जो औरेया जिले के नगला परशादी का रहने वाला है, ने पूती देवी को आवास व अन्य सरकारी सहायता दिलाने का लालच दे कर अपने जाल में फंसा लिया था. वे लोग उसे 20 सितंबर, 2020 को अपने साथ ले गए थे. इस के बाद से उस का कोई पता नहीं चला.
मिथिलेश का आरोप था कि उन लोगों ने भाभी का अपहरण करने के बाद उन की हत्या कर दी है. मिथलेश के इस दावे के बाद सर्वेश और उस के मामा संतोष के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया. पुलिस को जांच में पता चला कि देवर मिथिलेश ने इस मामले में भरथना पुलिस से जो शिकायत की थी, उस पर कोई जांच व काररवाई नहीं की गई थी. अब सवाल यह था कि यदि नरमुंड पूती देवी का नहीं था तो पूती इस समय कहां थी? आरोपी भी लापता थे. इस से पुलिस ने अनुमान लगाया कि आरोपी व उस का मामा महिला को आशनाई के लिए ले कर फरार हो गए होंगे. मुकदमा दर्ज होने के बाद एसपी अजय कुमार पांडेय ने इस घटना के राजफाश के लिए स्वाट टीम, सर्विलांस टीम सहित 5 पुलिस टीमें गठित कीं.
गहराई से पड़ताल में जुटी पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर 26 अक्तूबर, 2020 को रात के समय आरोपी सर्वेश यादव और उस के मामा संतोष को गांव में सर्वेश के खेत में बने मकान से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस को देखते ही आरोपियों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी थी. लेकिन पुलिस ने घेराबंदी कर दोनों को दबोच लिया. आरोपियों के कब्जे से तंमचा व कारतूस बरामद किए गए. थाने ला कर दोनों से पूती देवी हत्याकांड के बारे में कड़ाई से पूछताछ की गई तो दोनों आरोपियों ने पूती देवी की हत्या करने का जुर्म कबूल करते हुए सनसनीखेज हत्याकांड का रहस्योद्घाटन किया. उन्होंने बताया कि हत्या के बाद उन्होंने पूती देवी के शव के गड़ासे से 14 टुकड़े कर उन्हें अलगअलग स्थानों पर जमीन में दबा दिया था.
पुलिस लाइन सभागार में 27 अक्तूबर को आयोजित प्रैस कौन्फ्रैंस में एसपी अजय कुमार पांडेय ने हत्यारोपियों की गिरफ्तारी की जानकारी दी. हत्याकांड के पीछे महिला का धन लूटना था. सर्वेश भोलीभाली, गरीब, बेसहारा, विधवा महिलाओं को सरकारी आवास और रुपए दिलाने का झांसा दे कर अपने जाल में फंसाता था. वह न सिर्फ महिलाओं से पैसे ऐंठता था बल्कि घर से दूर सुनसान इलाके में ले जा कर हत्या कर उन के आभूषण ले लेता था. शव के टुकड़े कर के जमीन में जगहजगह गड्ढा खोद कर गाड़ देता था. इस दिल दहला देने वाले हत्याकांड के पीछे हत्यारोपी सर्वेश की पूती देवी की शादी अपने मामा संतोष से कराने की योजना थी. लेकिन जब पूती देवी ने शादी करने से मना कर दिया तो उस ने उस की हत्या कर दी.
इस षडयंत्र में सर्वेश का मामा संतोष भी शामिल था. दोनों ही आरोपी आपराधिक प्रवृत्ति के थे. उन के विरुद्ध कन्नौज के थाना सौरिख में हत्या, हत्या के प्रयास सहित कई संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज थे. सर्वेश मामा के साथ मिल कर अब तक कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे चुका था. इस हत्याकांड की जो कहानी सामने आई, वह इस प्रकार निकली—
पूती देवी का मायका गांव बरुआ नद्दी का था. वह सर्वेश की दूर के रिश्ते की चाची लगती थी, जिस की वजह से वह सर्वेश को जानती थी. पूती देवी के पति दिलासा राम की 6 साल पहले मौत हो गई थी. वह पिछले 3 साल से भरथना में अपने बच्चों को पढ़ानेलिखाने के मकसद से किराए का मकान ले कर रह रही थी. यह बात सर्वेश को पता थी कि वह गरीब है, उसे रुपयों और मकान की जरूरत है. सर्वेश के 45 वर्षीय मामा संतोष की पत्नी की 3 साल पहले मौत हो चुकी थी. सर्वेश अपने मामा संतोष की शादी पूती देवी के साथ कराना चाहता था. इसी योजना के तहत 20 सितंबर, 2020 को सर्वेश पूती देवी के पास पहुंचा और उसे सरकारी आवास दिलाने के बहाने से 4 हजार रुपए, आधार कार्ड, व फोटो ले कर विकास भवन चलने को कहा.
सर्वेश पूती देवी को झांसा दे कर अपनी बाइक पर बिठा कर अपने गांव ले आया. मामा भी उस के साथ था. सर्वेश और संतोष पूती देवी को ले कर गांव बरुआ नद्दी आ गए. जब पूती देवी ने यह देखा तो वह भड़क गई. उस ने विरोध करते हुए कहा कि तुम लोग तो विकास भवन चलने की बात कह रहे थे. मुझे यहां कहां ले कर आए हो? तब सर्वेश ने कहा, ‘‘चाची तुम बच्चों के साथ अकेली रहती हो. घर में कोई आदमी भी बच्चों की देखभाल के लिए नहीं है. यह मेरे मामा संतोष हैं. 3 साल पहले इन की पत्नी की मौत हो चुकी है. तुम इन के साथ शादी कर लो, जिस से दोनों का घर बस जाएगा.’’
पूती देवी ने सर्वेश की बात का न सिर्फ विरोध किया, बल्कि पुलिस में उस की शिकायत करने की धमकी भी दी. काफी समझाने पर भी जब पूती देवी उस की बात मानने को तैयार नहीं हुई, तो सर्वेश को गुस्सा आ गया. अपना राज खुलने के डर से उस ने मामा के साथ मिल कर पूती देवी की गला दबा कर उसी दिन हत्या कर दी. वहां सुनसान इलाके में पूती देवी की चीख भी कोई नहीं सुन सका. हत्या करने के बाद उस की लाश ठिकाने लगाने के लिए उन्होंने उस के 14 टुकड़े किए और अलगअलग जगह गाड़ दिए. 10 अक्तूबर को आवारा कुत्तों द्वारा नरमुंड को खोद कर निकालने के बाद किशनी पुलिस हरकत में आई और 26 अक्तूबर की रात आरोपितों को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया.
पूती देवी के मर्डर की परतें खुलने के साथ ही पता चला कि सर्वेश साइकोकिलर है. वह इस से पहले 4 अन्य महिलाओं का भी मर्डर कर चुका था. सर्वेश भोलीभाली, गरीब, बेसहारा, विधवा महिलाओं को सरकारी आवास, पेंशन और रुपए दिलाने का झांसा दे कर अपने जाल में फंसाता था. वह न सिर्फ महिलाओं से पैसे ऐंठता था, बल्कि उन्हें सुनसान जगह पर ले जा कर उन की हत्या कर देता था. उन के आभूषण लेने के बाद शव के टुकड़े कर जमीन में जगहजगह गड्ढा खोद कर गाड़ देता था. 26 महीने बाद मार्च, 2020 में सर्वेश जेल से जमानत पर छूट कर घर आया था. वह कोर्ट में तारीख पर भी नहीं जाता था. इसलिए उस के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी हो गए थे.
सर्वेश ने बीती 3 मई, 2020 को अपनी वृद्ध मां को भी जला कर मार डाला था. इस हत्याकांड पर सौरिख पुलिस ने उस पर 25 हजार रुपए का ईनाम घोषित किया था. इस के चलते सर्वेश फरार हो गया था. इस दौरान वह चोरीछिपे गांव में आता था. फरारी के दौरान भी उसने अपराध करना जारी रखा था. सर्वेश की हरकतों और सनकीपन से परिवार के लोग बहुत परेशान थे. उस पर अनेक आपराधिक मामले दर्ज थे. वहीं वह आए दिन कुछ न कुछ उत्पात करता था. गांव की बात करें तो सर्वेश का गांव में इतना खौफ था कि सूरज ढलने के बाद गांव की महिलाएं अपने घरों से बाहर खेतों की तरफ नहीं जाती थीं.
सर्वेश ने गांव के मकान के अलावा अपने खेत पर एक झोपड़ी बना ली थी. सुनसान जगह पर झोपड़ी बना कर वह उसी में रहता था ताकि आसानी से अपराध को अंजाम दे सके. गांव के लोग न तो इस साइकोकिलर से बात करते थे न ही उसे किसी आयोजन आदि में बुलाते थे. सर्वेश के पास 25 बीघा जमीन थी. उसे गांजा पीने की लत लग गई थी. इसी लत के चलते वह अपनी 15 बीघा जमीन भी बेच चुका था. लगभग 2 महीने पहले अपनी गांजे की लत पूरी करने के लिए उस ने गेहूं बेच दिए थे. इस बात पर उस के दोनों बेटों पुष्पेंद्र और प्रवेश ने उस की पिटाई की थी. उस के इसी व्यवहार से परेशान हो कर पत्नी व बच्चों ने भी उस से रिश्ता तोड़ लिया था.
पुलिस गांव में सर्वेश की तलाश में आने लगी तो पत्नी ममता दोनों बेटों को ले कर अपने मायके आ कर रहने लगी थी. 40 वर्षीय सर्वेश के खिलाफ 3 हत्याओं सहित 11 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. वह पिछले 19 साल से अपराध की दुनिया में सक्रिय था. जब वह 19 साल का था, तब गुजरात से एक लड़की को ले कर आया था. बाद में उस ने उस की हत्या कर शव के टुकड़े करने के बाद दफना दिए थे. सनकी सर्वेश ने सन 2012 में जिला कन्नौज के सौरिख थाना क्षेत्र में एक महिला की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी थी. पुलिस के अनुसार सर्वेश व मामा संतोष ने कई महिलाओं की हत्या करने की बात भी स्वीकार की. पुलिस ने दोनों हत्यारोपियों सर्वेश व संतोष को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.
जेल भेजने से पहले दोनों आरोपियों ने स्वीकार किया कि पूती देवी के शव के टुकड़े अपने खेत में अलगअलग स्थानों पर दबा दिए थे. जेल भेजने के दूसरे दिन 29 अक्तूबर को एसपी अजय कुमार पांडेय की मौजूदगी में पुलिस ने खेत की जेसीबी से खुदाई कराई तो एक स्थान पर कुछ हड्डियां, सिर के बाल और ब्लाउज का टुकड़ा बरामद हुआ. इस पर फोरैंसिक टीम को भी बुला लिया गया. पुलिस ने बरामद हड्डियों का डीएनए टेस्ट कराने का निर्णय लिया. देवर मिथिलेश के अलावा सर्वेश के दोनों बेटों को भी बुला लिया गया. उन्होंने बरामद ब्लाउज के टुकड़े को पूती देवी का बताया. इस आधार पर पुलिस ने पंचनामा भरा.
साइकोकिलर व उस के मामा को जेल भेजने के बाद पुलिस ने अन्य हड्डियां, ब्लाउज का शेष हिस्सा, आलाकत्ल, बाइक बरामद करने के लिए हत्यारोपी सर्वेश को 3 दिन की पुलिस रिमांड पर दिए जाने की मांग की. पुलिस की इस मांग के समर्थन में अभियोजन के संयुक्त निदेशक डी.के. मिश्रा के निर्देशन में एपीओ शशिकांत ने कोर्ट में अभियोजन का पक्ष प्रस्तुत किया. सुनवाई के बाद 2 नवंबर को न्यायालय द्वारा पुलिस का आवेदन स्वीकार कर लिया गया. आरोपित सर्वेश को 3 नवंबर सुबह 8 बजे से 5 नवंबर की शाम 5 बजे तक पुलिस रिमांड पर देने का आदेश दिया गया.
पुलिस उसे गांव बरुआ नद्दी ले गई. वहां उस ने एक स्थान पर शव के टुकड़े दफनाने की बात कही. सच्चाई जानने के लिए पुलिस ने खुदाई कराई तो वहां पूती देवी की कुछ हड्डियां बरामद हुईं. आरोपी ने अपने घर की छत से हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी व गांव मईखेड़ा निवासी अपने बहनोई आदेश के यहां से बाइक बरामद कराई. वह पूती देवी को इसी बाइक पर बिठा कर लाया था. गिरफ्तारी के समय आरोपी सर्वेश ने पूती देवी की गड़ासे से टुकड़े करने की बात पुलिस को बताई थी. जबकि रिमांड के दौरान कुल्हाड़ी से टुकड़े करने की बात बताई. पूती देवी हत्याकांड से जुड़े आलाकत्ल व अन्य सबूत हाथ लगने के बाद पुलिस ने उसी दिन सर्वेश को जेल भेज दिया.
उन की निशानदेही पर पुलिस ने पूती देवी का मोबाइल फोन, कंगन व आधार कार्ड भी बरामद कर लिया. एसपी अजय कुमार पांडेय ने इस सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा करने वाली टीम में शामिल थानाप्रभारी अजीत सिंह, थानाप्रभारी (एलाऊ) सुरेशचंद्र शर्मा, सर्विलांस प्रभारी जोगिंदर सिंह, स्वाट प्रभारी रामनरेश, जैकब फर्नांडिज, धर्मेंद्र मलिक, अमित चौहान, रोबिन, संदीप कुमार, हरेंद्र सिंह, सोनू शर्मा, रामबाबू को 25 हजार रुपए का ईनाम देने की घोषणा की.
इंसान गुनाह कर के उस पर परदा डाल देता है. सर्वेश और संतोष ने भी ऐसा ही किया. उन्होंने सोचा था कि उन का यह गुनाह उन के अन्य गुनाहों की तरह हमेशा के लिए जमीन में दफन हो जाएगा. लेकिन उन की सोच गलत साबित हुई और एक नरमुंड ने उन के सारे गुनाह उजागर कर दिए.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित