Meerut News : 3 बच्चों की मां रविता ने पति अमित कश्यप की हत्या की फुलप्रूफ प्लानिंग की थी. प्लान के तहत उस ने पहले पति की गला घोंट कर हत्या की. इस के बाद उसे सांप से 10 बार डसवाया. लेकिन इस के बावजूद वह पुलिस की पकड़ में आ गई. आखिर रविता ने ऐसा क्यों किया?
अमित कश्यप की रोजरोज की पिटाई से रविता आजिज आ चुकी थी. वह ऐसे पति से अब निजात पाना चाहती थी. वह समझ नहीं पा रही थी कि पति अमित से किस तरह छुटकारा पाए. पति की ज्यादती से तिलमिलाई रविता ने आखिर अपने प्रेमी अमरदीप से मदद मांगी. बात 10 अप्रैल, 2025 की है. अमरदीप जैसे ही रविता के पास आया, वह उस के गले से लिपट कर रोने लगी. बिलखती हुई बोली, ”अमरदीप, अब और बरदाश्त नहीं होता. मुझे यहां से कहीं ले चलो.’’
”पहले रोना बंद करो, चुप हो जाओ. आखिर हुआ क्या है, मुझे साफसाफ बताओ.’’ अमरदीप ने रविता को खुद से अलग किया और उसी के दुपट्टे से उस की आंखों के आंसू पोछने लगा. रविता शांत हुई और अमरदीप के लिए एक गिलास पानी ले आई. अमरदीप पानी का गिलास ले कर रविता के होंठों से लगाता हुआ बोला, ”पहले तुम पानी पीओ.’’
रविता पानी के 2 घूंट पी कर बोली, ”बीती रात तो मक्की (पति) ने हद ही कर दी. उस ने मेरी पिटाई कर दी. मेरी पीठ और जांघ पर बहुत चोटें आई हैं. जांघ में दर्द हो रहा है.’’
”अच्छा तो बात मारपीट तक आ गई है… तभी कहूं कि वह आज सुबह मुझ से मिला, लेकिन बात तक नहीं की. आंखें तरेरता हुआ निकल गया.’’ अमरदीप बोला.
”कुछ करो, वरना बहुत देर हो जाएगी. रोजरोज के ताने तो सुनती रही हूं…अब मुझे पीटने भी लगा है. मुझे यहां से ले चलो कहीं.’’ रविता फिर वही राग अलापने लगी.
”तुम कहो तो ड्रम कांड कर दूं उस का.’’ अमरदीप मजाकिया लहजे में बोला.
”ड्रम कांड! मैं कुछ समझी नहीं.’’ रविता अनजान बनती हुई बोली.
”अरे, ड्रम कांड नहीं जानती हो, तुम जैसी प्रेम करने वाली एक पत्नी ने अपने पति को मार कर ड्रम में भर दिया था.’’ अमरदीप बोला.
”अरे हां, मैं ने सुना तो है, मेरठ में ही तो उस ने पति को टुकड़ेटुकड़े काट कर ड्रम में भर कर सीमेंट से जमा दिया था.’’ बोल कर रविता चुप हो गई.
उस की चुप्पी तोड़ते हुए अमरदीप बोला, ”तुम कहो तो अमित का भी कर दूं कुछ वैसा ही.’’
”अरे नहीं, अब कहां से ड्रम और सीमेंट लाऊं!’’
”तो फिर क्या किया जाए, तुम्हीं बताओ?’’
”एक दूसरा उपाय है.’’ रविता बोली.
”तो तुम हम दोनों के प्रेम में बनी बाधा को हमेशा के लिए हटाने को तैयार हो?’’
”बिलकुल! मैं अब तुम्हारे बिना नहीं रह सकती. तुम से सच्चा सुख मिलता है. तुम्हारा प्रेम…’’
”बसबस, अब और मेरी तारीफ नहीं… लेकिन सच तो यह है रविता कि मैं भी तुम्हारे बगैर नहीं रह सकता हूं.’’ अमरदीप ने भी अपने दिल की बात धीमे से कह डाली.
कुछ सेकेंड तक उन के बीच चुप्पी छाई रही. दोनों एकटक एकदूसरे को निहारते रहे. रविता अचानक अमरदीप से लिपट गई. अमरदीप ने भी उसे भींच लिया. कुछ पल में जब वे अलग हुए तब अमरदीप ने टोका, ”चलो, कुछ तो वैसा करना ही होगा, जिस से सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे.’’
”मैं ने जो सोचा है, उस से सांप नहीं मरेगा, लेकिन उस के जहर का असर जरूर होगा.’’ रविता साजिश के अंदाज में बोली.
”मैं कुछ समझा नहीं, क्या तुम ने पहले से कुछ सोच रखा है?’’ अमरदीप बोला.
”हां, वही सोच रखा है, जो तुम्हारे खिलाफ मक्की के दिमाग में है.’’ रविता बोली.
”क्या? मक्की मेरे खिलाफ साजिश रच चुका है?’’
”और नहीं तो क्या? तभी तो तुम से कह रही हूं कि अब और देर करना ठीक नहीं होगा.’’ रविता बोली.
”अपनी प्लानिंग बताओ…मैं तुम्हारा पूरा साथ दूंगा.’’ अमरदीप बोला.
”यहां नहीं, कल मिलती हूं. हमें महमूदपुर सिखेड़ा गांव चलना है.’’ रविता बोली.
”वह तो सपेरों का गांव है. वहां क्या काम?’’ अमरदीप ने सवाल किया.
”वहीं तो राज की बात होगी.’’ रविता बोली.
अमरदीप अगले रोज मिलने का समय तय कर के वहां से चला गया. इस तरह से रविता और अमरदीप ने अमित के खिलाफ एक साजिश रच ली थी. दोनों ने सब इंतजाम कर लिए थे.
सांप ने 10 बार डसा अमित को
रविता 12 अप्रैल, 2025 को अमित के साथ सहारनपुर में शाकुंभरी देवी मंदिर में दर्शन करने गई थी. वहां से दोनों शाम होते ही लौट आए थे. आते ही दोनों झगड़ पड़े थे. एक बार तूतूमैंमैं शुरू हुई नहीं कि काफी समय तक वे झगड़ते रहे. पुराने किस्से, बीती बातें झगड़े का कारण थीं. उस में अमरदीप के साथ रविता के चल रहे प्रेम संबंध की बातें भी होने लगीं. किसी तरह दोनों शांत हुए. तब अमित ने रात का खाना खाया और सुबह जल्द काम पर जाने की कह कर सोने चला गया.
रात करीब साढ़े 9 बजे रविता ने अमरदीप को फोन किया. तब तक अमित सो चुका था. रविता के बुलाने पर अमरदीप उस के घर पहुंच गया.
”जो कहा था ले आए हो?’’ रविता अमरदीप के आते ही पूछ बैठी.
”हांहां, ये देखो.’’ अपने हाथ में पकड़े थैले को ऊपर उठा कर दिखाता हुआ अमरदीप बोला.
”ठीक है. अब आगे का काम करना है.’’ अमरदीप को हाथ से बुलाने का इशारा कर रविता उस कमरे में चली गई, जहां उस का पति अमित कश्यप सो रहा था. पीछेपीछे कमरे में पहुंच कर अमरदीप ने हाथ में पकड़े थैले को चारपाई के नीचे रख दिया और रविता के अगले आदेश का इंतजार करने लगा.
चारपाई पर अमित बेसुध सो रहा था. अमरदीप को इशारा कर जैसे ही रविता ने पति अमित का मुंह दबाया, वैसे ही अमरदीप ने दोनों हाथों से अमित की गरदन दबा दी. कुछ सेकेंड तक गहरी नींद में अमित छटपटाया और फिर शांत हो गया. रविता ने अपने दोनों हाथों की अंगुलियां बाहर की ओर झटकते हुए उस का काम तमाम हो जाने का इशारा किया. अमरदीप को देखती हुई धीमी आवाज में बोली, ”अच्छा हुआ मर गया हरामजादा, तुम्हें वह ऐसे ही मारना चाहता था, खुद मर गया.’’
इसी के साथ उस ने चारपाई के नीचे से वह थैला बाहर निकाल लिया, जो अमरदीप ले कर आया था. रविता थैले की गांठ खोलने लगी.
”बड़ी सख्त है, इसे खोलो भी.’’ कहते हुए उस ने थैला सावधानी से अमरदीप की ओर बढ़ा दिया.
अमरदीप ने थैला खोला और उस में हाथ डालने के बजाए उसे मृत अमित की देह पर उलट दिया. थैले से एक लंबा सांप निकला और अमित की देह पर रेंगने लगा. अमरदीप ने उस सांप की पूंछ अमित की कमर के नीचे दबा दी, ताकि सांप चारपाई पर ही रहे. उस के बाद अमित के ऊपर कंबल डाल कर दोनों कमरे से बाहर निकल आए. निकलते समय दरवाजा भिड़ा दिया. अगले रोज सुबहसुबह घर में कोहराम मच गया. पूरे मोहल्ले में सांप के काटने से एक व्यक्ति के मरने की खबर चर्चा का विषय बन चुकी थी. वह व्यक्ति कोई और नहीं अमित कश्यप ही था. अमित की लाश के नीचे सांप भी पड़ा था. उसे सांप ने कोई एकदो जगह नहीं, बल्कि 10 जगह डसा था.
अमित की मम्मी मुनेश और परिवार के दूसरे सदस्य उस की हालत देख कर रोनेबिलखने लगे, जबकि रविता चुपचाप वहीं खड़ी रही. मोहल्ले के कुछ लोग भी आ गए थे. उन्हीं में से किसी ने सांप का जहर निकालने वालों को बुलाने की सलाह दी. किसी ने सांप को पकडऩे वाले को तुरंत बुलाने के लिए कहा. सांप चारपाई पर अमित की कमर के पास कुंडली मारे हुए था. करीब एक घंटे में सपेरा भी वहां आ गया. उस ने उस सांप को पकड़ कर थैले में रख लिया.
इसी बीच किसी ने पुलिस को भी सूचना दे दी. अमित को तुरंत प्यारेलाल शर्मा जिला अस्पताल ले जाया गया. वहां डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. मौत का कारण डाक्टर नहीं बता पाए, लेकिन इतना कहा कि इसे सांप ने कई बार डसा है. पुलिस ने इस वारदात को सांप के डसने से मरने का मामला बताया, लेकिन इस की जांच में भी जुट गई कि आखिर वहां सांप आया कैसे? इस की जांच के लिए लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. 2 दिनों तक पुलिस इसी उधेड़बुन में रही कि आखिर अमित की मौत के पीछे कौन कितना जिम्मेदार हो सकता है.
इस के लिए घर के सदस्यों में मृतक की पत्नी रविता, उस की मम्मी मुनेश और मोहल्ले वालों तक से पूछताछ का सिलसिला शुरू हुआ. पुलिस द्वारा पड़ोसियों से पूछताछ में रविता और अमित के शाकुंभरी देवी दर्शन के जाने की बात सामने आई. घटना वाली रात का वाकया अमित की मम्मी ने बताया. उन्होंने पुलिस को बताया कि उस रात उन्हें कई अजीबोगरीब चीजें देखने को मिली थीं. जैसे कि रविता ने अमित को एक गिलास दूध दिया था, जिसे पीने के बाद वह सो गया था. अमित का दूध पिलाना मुनेश को कुछ अजीब महसूस हुआ.
दूसरी बात मुनेश को अजीब लगी कि अन्य दिनों के उलट उस रात 9 बजे घर की सभी लाइटें बंद कर दी गई थीं. वह उस रात 2 बार जागी थी. पहली बार, उस ने पाया कि घर में बिलकुल अंधेरा था और जब वह एक बजे वाशरूम जाने के लिए उठी, तब उस ने पाया कि कई लाइटें जल रही थीं. उस ने यह भी देखा कि बरामदे में खाट पर लेटे व्यक्ति ने खुद को कंबल से ढंक रखा था. गरमी में कंबल ढंक कर किसी का सोना अजीब लगा था. हालांकि उस ने इस बारे में किसी से पूछताछ नहीं की.
पुलिस की पूछताछ में पड़ोस के साजिद ने बताया कि अमित की मम्मी मुनेश को पहले से अपनी बहू रविता पर शक था. पिछले कुछ महीनों से रविता की अमित क े ही एक दोस्त अमरदीप के साथ नजदीकियां बढ़ रही थीं. अमित और अमरदीप एक ही गांव के रहने वाले हैं और टाइल्स लगाने का काम करतेकरते उन में दोस्ती हो गई थी. इसी वजह से अमरदीप का पिछले एक साल से अमित के घर ज्यादा आनाजाना हो गया था.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोली साजिश की पोल
अगले रोज 13 अप्रैल, 2025 को रविवार की सुबह अमित देर तक सो कर नहीं उठा तो उस का बेटा उसे चाय देने गया, लेकिन वह चिल्लाता हुआ कमरे से बाहर भाग आया. उस के चिल्लाने की आवाज सुन कर मुनेश कमरे में गई. उस ने अमित के बगल में एक सांप देखा. रविता वहां उस के पहुंचने से पहले पहुंच चुकी थी. वह वहीं खड़ी थी. उस में किसी भी तरह की हैरानीपरेशानी जैसी बात नजर नहीं आ रही थी. मुनेश को यह देख कर आश्चर्य हुआ क्योंकि वह मूकदर्शक बनी हुई थी.
उन्होंने पुलिस को बताया, ”अमित को बेहोशी की हालत में पड़ा देख कर हमें लगा कि उसे सांप ने डंस लिया है. यह संदेह उस के चेहरे और गरदन पर चोट के निशान देख कर हुआ. सभी ने एक सपेरे को बुलाया, जिस ने देखते ही कहा कि यह सांप के काटने का मामला नहीं है.
”हम अमित को झाडफ़ूंक करने वाले के पास ले गए. वहां भी यही जवाब मिला. झाडफ़ूंक करने वाले ने अमित के फेमिली वालों से कहा कि उस के शरीर में सांप के जहर के लक्षण नहीं दिख रहे. उस ने उसे कहीं और ले जाने को कहा. इस के बाद ही अमित को अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टर ने सांप के काटने से मौत की संभावना से इनकार किया.’’
”जब सपेरे ने सांप काटने से मौत की संभावना से इनकार किया तो अमित की मम्मी मुनेश का शक गहरा हो गया और उस ने चीखचीख कर अपनी बहू रविता पर अपने बेटे की हत्या के आरोप लगाए और उस के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी. मुनेश ने बताया कि उस का बेटा अमित और अमरदीप साथ में काम करते थे. कुछ दिन पहले अमित को पता चला कि उस की पत्नी और अमरदीप के बीच संबंध हैं, जिस के बाद दोनों के बीच झगड़ा हुआ. साथ ही, उस के बेटे ने अमरदीप को रविता के साथ देख लिया था. इसी वजह से रविता ने अमरदीप के साथ मिल कर मेरे बेटे की हत्या की साजिश रची.
इसी के साथ मुनेश ने पुलिस से मांग की कि उस के बेटे की हत्या करने वालों को फांसी से कम सजा न मिले. चूंकि मौत के पीछे का कारण पता नहीं चल पाया था, इसलिए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने का सुझाव दिया गया. इस पर रविता ने पोस्टमार्टम का कड़ा विरोध किया और सभी से गालीगलौज करने लगी. उस ने अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया. डाक्टरों से शव को घर ले जाने की मांग करने लगी. हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने उस की बात अनसुनी कर दी और अमित के शव का पोस्टमार्टम कर दिया. घटना के 2 दिन बाद 15 अप्रैल को अमित के फेमिली वालों को उस की पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिली तो उस से साफ हो गया कि उस की मौत सांप के जहर से नहीं, बल्कि गला घोंटने से हुई थी.
रविता को पति के दोस्त से हुआ प्यार
उत्तर प्रदेश के जिला मेरठ में बहसूमा के अकबरपुर सादात गांव के रहने वाले विजयपाल के बेटे अमित कश्यप को परिवार में सभी प्यार से मिक्की कह कर बुलाते थे. मुजफ्फरनगर जिले के सैदपुर गांव की रविता से उस की 8 साल पहले शादी हुई थी. अमित और रविता का दांपत्य जीवन जैसेतैसे गुजर रहा था. घरेलू समस्याएं और भविष्य में जीवन को बेहतर बनाने को ले कर होने वाली नोकझोंक और गिलेशिकवे के बावजूद आपसी प्रेम में थोड़ा फीकापन आ गया था.
जब कभी किसी बात को ले कर उन के बीच तकरार होती, तब उन की शिकायत को सुनने वाला एकमात्र व्यक्ति अमरदीप था. दोनों अपनाअपना पक्ष अमरदीप के सामने रखते और अपना मन हल्का महसूस करते. हालांकि अमरदीप उन के परिवार का सदस्य नहीं था, लेकिन दोनों का सलाहकार जरूर था. वह अमित का सब से अच्छा दोस्त था. इस नाते उस का रविता से मिलनाजुलना बेरोकटोक बना रहता था. अमित घर पर रहे, न रहे, उस के पीछे घरेलू जरूरतों के लिए रविता भी अमरदीप को ही याद करती थी. अमरदीप पूरे अधिकार के साथ रविता से घुलमिल गया था.
इसी सिलसिले में अमरदीप और रविता एकदूसरे को प्यार करने लगे थे, इस का एहसास अमित को तब हुआ, जब उस ने पाया कि हर बात में रविता अमरदीप का पक्ष लेने लगी थी. अमित ने एकदो दफा दोनों को प्यार की तपिश में तपते हुए भी देख लिया था. एक अच्छा दोस्त होने के नाते अमित ने अमरदीप से सीधा विरोध करने के बजाए रविता पर ही अंकुश लगाना शुरू कर दिया था, लेकिन रविता ने पति की एक न सुनी. वह पति से छुटकारा पाने के उपाय खोजने लगी और फिर प्रेमी अमरदीप के साथ योजना बना कर उस ने पति अमित कश्यप की हत्या कर दी.
इस के बाद पुलिस ने रविता और अमरदीप को गिरफ्तार कर लिया. गहन पूछताछ में इस जघन्य हत्याकांड का खुलासा हुआ. पुलिस ने रविता और अमरदीप को हिरासत में ले कर सख्ती से पूछताछ की तो दोनों ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया. रविता और अमरदीप ने पुलिस को सारी कहानी बता दी. पुलिस जांच में रविता और अमरदीप ने हत्या करने की अपनी साजिश के बारे में बताया तो सब के होश उड़ गए. इसी के साथ रविता ने बताया कि अमित ने उस के सामने ऐसे हालात पैदा कर दिए थे कि उसे यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा.
रविता ने बताया कि वह अमरदीप के साथ पिछले कई दिनों से पति की हत्या की योजना बना रही थी. दोनों ने योजना बनाई कि सोते समय अमित को मार कर उस के पास सांप छोड़ देंगे, ताकि किसी को उन पर शक न हो और अमित की मौत को सर्पदंश से हुई मान लिया जाए. सांप लाने का काम रविता ने अमरदीप को दिया, मगर अमरदीप को ऐसा सांप मिल नहीं पा रहा था, इसलिए यह योजना काफी दिनों तक टलती रही.
रविता ने यह स्वीकार कर लिया कि अमित के साथ रविता सहारनपुर स्थित मां शाकुंभरी देवी मंदिर घूमने गई थी. रात में लौटने पर अमित थका होने के कारण खाना खा कर सो गया. उस ने दूध में नींद की दवा दे कर अमित को बेहोश कर दिया था. फिर रात में रविता ने अमरदीप को बुलाया था. वह अपने साथ थैले में एक सांप भी ले कर आया था. यह सांप अमरदीप ने कृष्णा नाम के सपेरे से एक हजार रुपए में खरीदा था.
पहले दोनों ने मिल कर गला दबा कर अमित की हत्या कर दी थी. बाद में योजना के अनुसार, अमित के बिस्तर में सांप छोड़ कर ऊपर से कंबल से ढंक दिया था. इस के बाद अमरदीप चला गया. घर में 9 लोगों का परिवार था. फिर भी रविता और अमरदीप ने गजब की साजिश रच डाली थी. हैरान करने वाली बात भी थी कि किसी को कुछ भी पता नहीं चल पाया. घर के अंदर ग्राउंड फ्लोर पर 3 कमरे हैं. पहली मंजिल पर एक कमरा है. रोजाना की तरह घर के अंदर कश्यप परिवार के बच्चों समेत 9 लोग मौजूद थे.
रविता और अमरदीप ने इस सफाई से हत्या को अंजाम दिया कि किसी को खबर तक नहीं लग सकी. गेट के सामने ही रविता और अमित का कमरा है. रविता ने घटना की रात अमित की चारपाई कमरे के बाहर बरामदे में डाल दी. उस समय परिवार के सभी लोग अपनेअपने कमरों में चले गए थे. तीनों बच्चों को ले कर रविता भी कमरे के अंदर चली गई. रात को करीब 9 बजे रविता कमरे से बाहर आई. उस समय अमित सो गया था. तब रविता ने फोन कर अमरदीप को बुलाया और घटना को अंजाम दिया.
अमरदीप कृष्णा नाम के जिस सपेरे से सांप खरीद कर लाया था, वह सांप कृष्णा ने पड़ोसी सपेरे प्रीतम नाथ के घर से चुराया था. प्रीतम ने 2 दिन पहले ही वह घोड़ा पछाड़ (रैट स्नेक) सांप एक ग्रामीण के घर से पकड़ा था. बताया जाता है कि इस सांप में जहर नहीं होता. यह सांप बहुत तेज चलता है और चूहे व मेंढक का शिकार करता है. यही वजह रही कि इस सांप द्वारा अमित के 10 बार डसा गया, लेकिन अमित के शरीर में जहर नहीं पाया गया.