Rajasthan News : किशन ने महज 60 हजार रुपए के लिए एक तिकड़म भिड़ाई और मुरली प्रजापति के घर का चिराग बुझा दिया. अपने बचाव के लिए उस ने आधुनिक ऐप का इस्तेमाल किया. इस के बावजूद उसे पैसे तो क्या मिलते, खुद ही…

राजस्थान में सूर्यनगरी के नाम से मशहूर जोधपुर शहर राजस्थान के वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृहनगर है. जोधपुर के भीतरी शहर के खांडा फलसा थानांतर्गत कुम्हारियां कुआं इलाके में जटियों की गली में ओमप्रकाश प्रजापति का परिवार रहता है. ओमप्रकाश के 3 बेटे बंसीलाल, मुरली व गोपाल हैं. सभी भाई पिता के साथ एक ही मकान में रहते हैं. परिवार हलवाई का काम करता है. पिछले एक साल से कोरोना के कारण शादीब्याह कम होने से परिवार की आय भी प्रभावित हुई. बंसीलाल, मुरली व गोपाल तीनों शादीशुदा व बालबच्चेदार हैं.

बंसीलाल के 2 बड़ी बेटियों के बाद 7 वर्ष पहले हिमांशु हुआ था. बंसीलाल से छोटे भाई मुरली के एक बेटा व एक बेटी है.  वहीं तीसरे भाई गोपाल के 3 बेटियां हैं. आपस में अनबन के चलते मुरली की पत्नी दोनों बच्चों को ले कर अपने पीहर चली गई. हिमांशु ही पूरे घर में एकमात्र बेटा था. 15 मार्च, 2021 को दोपहर करीब 3 बजे अचानक हिमांशु कहीं लापता हो गया. परिजनों ने आसपास उस की तलाश की. मगर उस का कोई अतापता नहीं चला. हिमांशु के अचानक लापता होने से घर में कोहराम मच गया. किसी अनहोनी की आशंका से घर में मातम छा गया.

हिमांशु का पता नहीं चलने पर उस के पिता बंसीलाल प्रजापति थाना खांडा फलसा पहुंचे और थाने में बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी. गुमशुदगी में बताया कि उन का 7 साल का बेटा हिमांशु 15 मार्च, 2021 की शाम 3 साढ़े 3 बजे के बीच खेलता हुआ घर के आगे गली से लापता हो गया. उस की हर जगह तलाश की लेकिन कोई पता नहीं चला. बच्चे का कद 3 फीट 6 इंच है और रंग गोरा है. उस ने औरेंज प्रिंटेड टीशर्ट व नीली जींस पहन रखी थी. खांडा फलसा थानाप्रभारी दिनेश लखावत ने गुमशुदगी दर्ज कर बच्चे के लापता होने की खबर उच्चाधिकारियों को दे दी.

जोधपुर पूर्व पुलिस उपायुक्त धर्मेंद्र सिंह यादव ने तुरंत एडिशनल सीपी भागचंद्र, एसीपी राजेंद्र दिवाकर, दरजाराम बोस, देरावर सिंह सहित 5 थानाप्रभारियों व डीएसटी को अलगअलग जिम्मा सौंप कर तत्काल काररवाई करने के निर्देश दिए. पुलिस टीमों ने अपना काम शुरू कर दिया. सब से पहले कुम्हारिया कुआं क्षेत्र के जटियों की गली में लगे 2 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज निकाली. हिमांशु फुटेज में वहां नजर आया. तब 2 बज कर 27 मिनट का समय था. इस के बाद आगे के पूरे इलाके के सीसीटीवी फुटेज देखे गए, मगर उन में हिमांशु कहीं नजर नहीं आया.

पुलिस ने परिजनों से भी पूछा कि फिरौती के लिए कोई फोन तो नहीं आया. उस समय तक कोई फोन नहीं आया था. पुलिस टीमें हिमांशु की खोजबीन में लगी थीं. मगर उस का पता नहीं चला. 17 मार्च, 2021 बुधवार को सुबह 11 बजे रातानाडा क्षेत्र जोधपुर स्थित रेंज आईजी नवज्योति गोगोई के बंगले की चारदीवारी के पास स्थित पोलो ग्राउंड के सूखे नाले में से भयंकर बदबू आ रही थी. एक व्यक्ति ने असहनीय दुर्गंध की बात आईजी बंगले के संतरी को बताई. संतरी ने पुलिस को सूचना दी. रातावाड़ा पुलिस मौके पर पहुंची. सूखे नाले में आटे के कट्टे से दुर्गंध आ रही थी. आटे के कट्टे को खोल कर देखा तो उस में एक बच्चे का शव मिला.

शव मिलने की सूचना पर पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे. एफएसएल की टीम और डौग स्क्वायड को भी बुलाया गया. एफएसएल की टीम ने वहां से साक्ष्य उठाए. शुरुआती जांच में सामने आया कि बच्चे की हत्या गला घोंट कर कर शव कट्टे में डाला  गया था. कट्टे में टिफिन बैग भी मिला. पुलिस ने काररवाई पूरी कर शव को पोस्टमार्टम के लिए मथुरादास माथुर की मोर्चरी में रखवा दिया. थोड़ी देर बाद पता चला कि यह शव 3 दिन पहले लापता हुए हिमांशु प्रजापति का है. मृतक हिमांशु के परिजन जब बच्चे का शव मिलने की खबर पा कर एमडीएम मोर्चरी पहुंचे और बच्चे का शव देखा. उन्होंने शिनाख्त कर दी कि शव हिमांशु का है.

3 दिन से लापता बच्चे का शव मिलने की खबर पा कर कुम्हारिया कुआं क्षेत्र में लोगों ने बाजार बंद कर दिया. महिलाओं ने सड़क जाम कर धरनाप्रदर्शन शुरू कर दिया. पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की जाने लगी. पुलिस पिछले 3 दिनों से रातदिन हिमांशु की खोज में लगी थी, मगर उस का शव आज मिला. पुलिस कमिश्नर जोस मोहन ने सभी पुलिस अधिकारियों एवं थानेदारों की आपात बैठक बुला कर हर थाना क्षेत्र से एकएक टीम गठित कर करीब 10 पुलिस टीमों को अपनेअपने क्षेत्र के सीसीटीवी फुटेज जांचने को कहा. कमिश्नर ने निर्देश दिया कि जल्द से जल्द हत्यारों को खोज निकाला जाए.

हिमांशु का शव घर से 5 किलोमीटर दूर मिला था. उस का शव मिलने के बाद डीसीपी (पूर्व) धर्मेंद्र सिंह यादव ने जिले के अधिकारियों की बैठक ली और एडिशनल डीसीपी (पूर्व) भागचंद्र के नेतृत्व में अधिकारियों को जल्द से जल्द हत्यारों को पकड़ने की जिम्मेदारी सौंपी. डीसीपी ने जांच अधिकारी को अपहरण वाले स्थान के आसपास के सीसीटीवी की फुटेज देखने व संदिग्ध वाहन और व्यक्ति का पता लगाने के निर्देश दिए. नारानाडा व बनाड़ थानाप्रभारी को शव मिलने वाली जगह के आसपास के फुटेज देखने व विश्लेषण करने पर लगाया गया. डांगियावास थानाप्रभारी को अपहरण व शव मिलने वाले स्थान और समय के बीटीएस के अवलोकन की जिम्मेदारी सौंपी गई.

महामंदिर थानाप्रभारी व टीम को सादे कपड़ों में मोर्चरी भेजा गया, जहां परिजन व स्थानीय लोगों में शामिल संदिग्ध व्यक्ति का पता लगाने के निर्देश दिए. सहायक पुलिस आयुक्त (पूर्व) ने आटे के कट्टे की निर्माता कंपनी का पता लगाया, जो बोरानाडा में थी. कट्टे पर मिले बैच नंबर व तारीख से उस दुकान का पता लगाया गया, जहां वह कट्टा सप्लाई हुआ था. सब से महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी साइबर टीम को दी गई. उन्हें मृतक हिमांशु के दादा ओमप्रकाश के वाट्सऐप पर आए वर्चुअल नंबर का आईपी एड्रैस ट्रेस करने का जिम्मा दिया गया. वर्चुअल नंबर होने के बावजूद साइबर टीम ने उसे ट्रेस कर लिया. यह नंबर मृतक हिमांशु के पड़ोस में रहने वाले किशन गोपाल सोनी का था.

बता दें कि 15 मार्च, 2021 को हिमांशु के लापता होने के बाद अगले दिन 16 मार्च की रात 10 बज कर 20 मिनट पर हिमांशु के दादा ओमप्रकाश की वाट्सऐप पर वर्चुअल नंबर से 10 लाख फिरौती मांगने के मैसेज किए गए थे. दादा ने संदेश नहीं पढ़े तो अपहर्ता ने 17 मार्च की सुबह 10 बज कर 23 मिनट पर पड़ोसी मुकेश फोफलिया को वर्चुअल नंबर से काल किया. उस ने कहा कि ओमप्रकाश को जो मैसेज भेजे गए हैं, वह पढ़ें. साथ ही कहा कि 10 लाख रुपए ले कर चाचा मुरली नागौर रेलवे स्टेशन पर आ जाए. रुपए मिलने पर हिमांशु को सुरक्षित लौटाने का आश्वासन दिया गया था.

फिरौती न देने पर बच्चे की किडनी, हार्ट निकाल कर बेचने की धमकी दी गई थी. कहा गया था कि बच्चे के शरीर से अंग निकाल कर रुपए वसूल कर लेंगे. संदेश में धमकी दी गई थी कि पुलिस को सूचना नहीं देनी है. अपहर्त्ताओं ने फिरौती के संदेशों में हिमांशु के पिता बंसीलाल व दादा के साथ चाचा मुरली का भी उल्लेख किया था. मुकेश फोफलिया ने यह जानकारी हिमांशु के परिजनों से साझा की. ओमप्रकाश के मोबाइल पर भेजे मैसेज देखे गए. इसी दौरान हिमांशु का शव पुलिस को मिल गया था. तब मृतक हिमांशु के दादा ओमप्रकाश और पड़ोसी मुकेश ने पुलिस को इस की जानकारी दे दी थी.

साइबर टीम ने वर्चुअल नंबर ट्रेस कर के मैसेज और फोन करने वाले किशन गोपाल सोनी की पहचान कर ली. उधर आटे के कट्टे के संबंध में दुकानदार ने बताया कि ऐसा 25 किलो आटे का कट्टा हरेक तीसरे दिन किशन गोपाल सोनी ले जाता है. मृतक हिमांशु का पड़ोसी किशन गोपाल का परिवार ठेले पर सब्जीपूड़ी बेचता है. किशन 25 किलो आटे का कट्टा लेता है. यह जानकारी मिलने पर पुलिस ने किशन सोनी के किराए के मकान में जा कर जांच की. जांच के दौरान आटे के कट्टे और टिफिन सप्लाई करने वाला बैग मिले. ऐसे ही बैग व कट्टे में हिमांशु का शव बरामद हुआ था.

पुलिस टीम और साइबर टीम ने जांच की तो अपहरण व हत्या के शक की सुई किशन सोनी पर जा टिकी. हत्या के बाद किशन ने वर्चुअल नंबर हासिल कर फिरौती मांगी थी. किशन सोनी ने 16 मार्च, 2021 को दिन भर वर्चुअल नंबर लेने के लिए मशक्कत की थी. नंबर हासिल होने पर उस ने उसे इंटरनेट से कनेक्ट किया और हत्या के बावजूद फिरौती मांगने के लिए दादा को मैसेज व मुकेश फोफलिया को काल की. पुलिस का मानना है कि फिरौती मांगने के संदेश भ्रमित करने के लिए किए गए थे. खैर, जब पुलिस को यकीन हो गया कि किशन सोनी ही हिमांशु प्रजापति का अपहर्त्ता और हत्यारा है, तब पुलिस ने एमडीएम अस्पताल की मोर्चरी में सब से आगे रह कर प्रदर्शन कर रहे सोनी को धर दबोचा.

किशन मोर्चरी के बाहर धरनेप्रदर्शन में पुलिस प्रशासन के खिलाफ जम कर नारेबाजीऔर आरोपी को पकड़ने का नाटक कर रहा था. जब पुलिस ने उसे दबोचा तो किशन ने अपना मोबाइल वहीं पटक कर पैर से तोड़ना चाहा. मगर पुलिस तो पहले ही उस की कुंडली खंगाल चुकी थी. पुलिस ने किशन सोनी को हिरासत में लिया और खांडा फलसा थाने ला कर पूछताछ की. पुलिस के आला अधिकारी भी पूछताछ करने पहुंचे. आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया. किशन सोनी ने ही हिमांशु प्रजापति की अपने घर में 15 मार्च, 2021 की दोपहर बाद साढ़े 3 बजे पहले गला घोंट कर और फिर गमछे से रस्सी बना कर उसे गले में लपेटा और कस कर मार डाला था.

हत्या के बाद करीब एक घंटे तक वह शव के पास बैठा रहा और शव को ठिकाने लगाने की योजना बनाता रहा. इस के बाद करीब पौने 5 बजे उस ने हिमांशु का शव आटे के कट्टे में डाल दिया और नीचे तहखाने में ले जा कर रख दिया ताकि उस के परिवार को पता न चले. शाम को 5 बजे किशन की मां और बहन जब पूरीसब्जी बेच कर घर लौटीं तब किशन शव वाले कट्टे के ऊपर टिफिन सप्लाई करने वाले थैले डाल कर मोटरसाइकिल पर वहां से 5 किलोमीटर दूर रातानाडा थानाक्षेत्र के आईजी के बंगले के पास पोलो मैदान के  खाली नाले में सुनसान स्थान पर डाल आया.

उस ने हिमांशु की हत्या फिरौती वसूलने के लिए की थी. आरोपी किशन ने बताया कि उसका परिवार गरीब है. उस का परिवार रोटियां बेच कर गुजारा करता है. आरोपी औनलाइन जुआ खेलता है. वह जुए में करीब 60 हजार रुपए हार गया था. इस कारण हिमांशु करीब 3 बजे खेलता हुआ जब अचानक उस के घर आया तो उस ने उसे आधा घंटा बहलाफुसला कर रोका. बाद में जब हिमांशु घर जाने की जिद करने लगा तब उस ने हाथ आए शिकार को मौत की नींद सुला दिया. हिमांशु के हत्यारे के पकड़े जाने की खबर के बाद कुम्हारियां कुआं क्षेत्र में प्रदर्शन बंद हुआ. पुलिस ने मैडिकल बोर्ड से मृतक के शव का पोस्टमार्टम करा कर शव परिजनों को सौंप दिया.

खांडा फलसा क्षेत्र में हिमांशु की हत्या से लोग सन्न थे. मृतक के घर पर मातम छाया था. परिजनों ने मृतक का अंतिम संस्कार कर दिया. वहीं पुलिस ने आरोपी किशन गोपाल सोनी की गिरफ्तारी के बाद उस के खिलाफ खांडा फलसा थाने में अपहरण कर के फिरौती मांगने और हत्या करने का मामला दर्ज कर लिया. पुलिस ने हिमांशु के हत्यारोपी किशन गोपाल सोनी निवासी कुम्हारिया कुआं, थाना खांडा फलसा, जोधपुर को कोर्ट में पेश कर 2 दिन के रिमांड पर ले कर पूछताछ की. पूछताछ में जो कहानी प्रकाश में वह आई, वह इस प्रकार है. राजस्थान के बीकानेर शहर के सुनारों की गवार, बागड़ी मोहल्ला से सालों पहले सूरजरत्न सोनी जोधपुर आ बसे थे.

सूरजरत्न ठेले पर सब्जीपूड़ी बेचते थे. इसी से अपने बीवीबच्चों का पालनपोषण करते थे. सूरजरत्न के बेटे किशन गोपाल ने एसी फ्रिज रिपेयरिंग का काम सीख लिया था. इस काम से उसे अच्छी आय होती थी. सूरजरत्न की बीवी और बेटी उस के साथ सब्जीपूड़ी के ठेले पर उस की मदद करती थी. सब कुछ ठीकठाक चल रहा था कि कोरोना काल आ गया. किशन का कामधंधा ठप हो गया. कई महीने तक कामधंधा बंद रहा. तब गरीब परिवार को भूखों मरने की नौबत आ गई. किशन दिन भर मोबाइल में आंखें गड़ाए रहता. वह मोबाइल में दिन भर गेम खेलता रहता था. वह मोबाइल हैकर बन गया था.

उस के मोबाइल में पुलिस को ऐसेऐसे ऐप मिले जो मोबाइल हैक करने में प्रयुक्त होते हैं. किशन मोबाइल में औनलाइन जुआ खेलने लगा. इस से वह 50-60 हजार का कर्जदार हो गया था. रुपए मांगने वाले किशन को परेशान करने लगे. वह किसी भी तरह रुपए पाने की फिराक में था. तभी 15 मार्च, 2021 को करीब 3 बजे खेलतेखेलते हिमांशु उर्फ लाडू उस के घर आ गया. मातापिता व बहन ठेले पर थे. किशन घर पर अकेला था. उस के शैतानी दिमाग ने साजिश रची और हिमांशु को कमरे में बंधक बना लिया. मासूम रोने व चिल्लाने लगा तो किशन ने हाथों से उस का गला दबाया. वह बेहोश हो गया तो उसे कपड़े से गला घोंट कर मार डाला.

उस ने शव आटे के कट्टे में बांधा और टिफिन सप्लई वाले बैग में डाल कर अकेला ही मोटरसाइकिल पर रख दिनदहाड़े आईजी बंगले के पास जा कर सूखे नाले में फेंक आया. कुम्हारिया कुआं से ले कर जालोरी गेट, रातानाडा व पोलो मैदान तक के सीसीटीवी फुटेज में किशन के बयान की पुष्टि हुई. यूट्यूब से वर्चुअल नंबर खोजे, पेटीएम से भुगतान किया. शव ठिकाने लगाने के बाद वर्चुअल नंबर लेने के लिए अमेरिका का नंबर चयन किया. मोबाइल से ही पेटीएम से भुगतान किया. वर्चुअल नंबर मिलने पर इंटरनेट से जोड़ कर वाट्सऐप डाउनलोड किया और उसी से मृतक के दादा ओमप्रकाश व पड़ोसी मुकेश फोफलिया को मैसेज भेजे थे.

किशन सोनी ने वर्चुअल नंबर लेने के बाद टैबलेट में वाट्सऐप इंस्टाल किया था. उस ने अपने मोबाइल के इंटरनेट से टैबलेट कनेक्ट कर मृतक के दादा को फिरौती के मैसेज व वाट्सऐप काल किए थे. आरोपी किशन ने सुनियोजित तरीके से साजिश रची थी. उस के टैबलेट में कई ऐसे ऐप इंस्टाल मिले, जिन से उसे भ्रम था कि पुलिस वर्चुअल नंबर से आईडी तो ट्रेस कर लेती है, लेकिन इन ऐप से लोकेशन व आईपी एड्रेस लगातार बदलते रहेंगे और वह पकड़ में नहीं आएगा. मगर उस की यह होशियारी धरी रह गई. वह पुलिस के शिकंजे में आ ही गया.

आरोपी किशन के खिलाफ आरोपों को और मजबूत करने के लिए पुलिस के आग्रह पर एक बार फिर एफएसएल टीम घटनास्थल पर आई. उस ने किशन गोपाल सोनी के घर की जांच की और साक्ष्य जुटाए. पुलिस रिमांड पर चल रहे किशन की निशानदेही पर टैबलेट, शव छिपाने में प्रयुक्त कट्टे का हूबहू कट्टा, टिफिन बैग, हेलमेट व मोटरसाइकिल बरामद की. हिमांशु का मुंह बंद कर के किशन उसे अलमारी में छिपाना चाहता था मगर हिमांशु के घर जाने की जिद करने पर उस ने उसे मार डाला और 5 बजे तक शव फेंक कर घर लौट आया. नहा कर किशन बाहर निकला. उस के बाद हिमांशु के परिजन उसे तलाशते मिले. किशन भी उन के साथ हिमांशु की तलाश में जुट गया.

हिमांशु के परिवार वाले इस आस में थे कि वह कहीं खेल रहा होगा जबकि किशन सोनी उस की हत्या कर शव तक ठिकाने लगा चुका था. किशन 60 हजार रुपए का कर्ज उतारने के लिए अपहरण और फिरौती की योजना कुछ दिनों से बना रहा था कि हिमांशु उस के घर आ गया था. बस किशन ने आगापीछा सोचे बगैर उसे दबोच लिया और मार डाला. किशन को विश्वास था कि हिमांशु की फिरौती के 10 लाख रुपए उस के परिवार वाले उसे दे देंगे. मगर वह अपने ही बुने जाल में फंस गया. रिमांड अवधि खत्म होने पर 20 मार्च, 2021 को पुलिस ने किशन को कोर्ट में पेश कर 3 दिन के रिमांड पर फिर लिया. पूछताछ पूरी होने पर किशन को 23 मार्च को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया. Rajasthan News

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

 

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