Crime Kahani : फिरोजपुर निवासी कुख्यात बदमाश जयपाल भुल्लर ने जगराओं में 2 पुलिस अधिकारियों की हत्या कर अपने आतंक का रौब दिखाने की कोशिश की है. अब पंजाब सहित 8 राज्यों की पुलिस उस के पीछे पड़ी है. जगराओं की घटना ने पंजाब पुलिस के 4 सालों में 3300 से ज्यादा गैंगस्टरों को गिरफ्तार करने के दावे पर भी सवालिया निशान लगा दिया है.

पंजाब का लुधियाना शहर हौजरी और गर्म कपड़ों के थोक व्यापार के लिए पूरे भारत में जाना जाता है. लुधियाना और उस के आसपास गर्म कपड़े बनाने के सैकड़ों छोटेबड़े उद्योग हैं. हर साल सर्दियों की शुरुआत से पहले ही खरीदारी के लिए यहां देश भर के व्यापारी आते हैं. इसी लुधियाना शहर से करीब 45 किलोमीटर दूर एक शहर जगराओं है. इसी साल 15 मई की बात है. पुलिस के सीआईए स्टाफ के एएसआई दलविंदर सिंह और भगवान सिंह को शाम को करीब 6 बजे सूचना मिली कि जगराओं की नई दाना मंडी में एक ट्र्रक में नशे की बड़ी खेप आई है. इस सूचना पर दोनों एएसआई एक होमगार्ड जवान राजविंदर के साथ अपनी निजी स्विफ्ट कार से मौके पर रवाना हो गए.

नई दाना मंडी जगराओं में मोगा रोड पर है. एक आम आदमी की तरह कपड़े पहने हुए पुलिस के मुलाजिम 15-20 मिनट बाद जब वहां पहुंचे तो उन्होंने वहां एक कैंटर ट्र्रक खड़ा देखा. पुलिस वाले अपनी गाड़ी एक तरफ साइड में खड़ी कर उस ट्र्रक के पास पहुंचे और आसपास खड़े लोगों से पूछताछ करने लगे. वहां मौजूद लोगों से उन्हें कुछ पता नहीं चला, तो एएसआई भगवान सिंह ट्र्रक में आगे बने ड्राइवर केबिन में चढ़ गए. भगवान सिंह ने ट्र्रक में ड्राइविंग सीट पर बैठे शख्स को पहचान लिया. उसे देखते ही बोले, ‘‘ओय पुत्तर, तू तो जयपाल भुल्लर है. नामी गैंगस्टर.’’

वह शख्स भी भगवान सिंह की बात सुन कर समझ गया कि यह पुलिसवाला है. उस ने फुरती से अपने कपड़ों में से पिस्तौल निकाली और उस की कनपटी पर गोलियां मार दीं. गोलियां लगने से भगवान सिंह ट्र्रक से नीचे गिर गए. उन के सिर से खून बह निकला. गोली की आवाज सुन कर ट्र्रक के पास खड़े दूसरे एएसआई दलविंदर सिंह तेजी से ट्र्रक में चढ़ने लगे, तो पास में खड़ी एक आई-10 कार में सवार कुछ लोग बाहर निकल आए. वे लोग उन पुलिस वालों से मारपीट करने लगे. मारपीट के दौरान एक शख्स ने दलविंदर सिंह को भी गोली मार दी. गोली लगने से वह भी लहूलुहान हो गए. इस के बाद भी बदमाश नहीं रुके बल्कि दलविंदर और होमगार्ड जवान राजविंदर सिंह से मारपीट करते रहे. राजविंदर जैसेतैसे बदमाशों से अपनी जान बचा कर भाग निकला.

जब यह घटनाक्रम चल रहा था तो मंडी में कुछ युवक क्रिकेट खेल रहे थे. उन युवकों ने गोलियां चलने की आवाज सुनी तो वे वीडियो बनाने लगे और बदमाशों को पकड़ने के लिए दौड़े. इस पर बदमाशों ने गोलियां चला कर उन युवकों को धमकाया. उन युवकों के डर कर रुक जाने पर बदमाशों ने ट्र्रक से सामान निकाल कर अपनी आई-10 कार में रखा. इस के बाद बदमाशों ने वहां लहूलुहान पड़े पुलिस के दोनों मुलाजिमों की पिस्तौलें निकालीं और उस ट्र्रक व कार में सवार हो कर भाग गए. पुलिस के दोनों एएसआई गोलियां लगने से तड़प रहे थे. बदमाशों के भागने के बाद वहां लोगों की भीड़ जुट गई. पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस ने घायल पड़े दोनों एएसआई को अस्पताल पहुंचाया, जहां डाक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया.

सरेआम दिनदहाड़े पुलिस के 2 अधिकारियों की गोलियां मार कर हत्या कर देने की घटना से पूरे शहर और आसपास के इलाकों में सनसनी फैल गई. अफसरों ने पहुंच कर मौकामुआयना किया. जांच शुरू कर दी गई. बदमाशों की तलाश में शहर के सभी रास्तों पर नाके लगा दिए. पूरे पंजाब में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया. बदमाशों की तलाश में भागदौड़ कर रही पुलिस को कुछ ही देर बाद मोगा रोड पर एक ढाबे के बाहर वह ट्र्रक खड़ा मिल गया, जिसे बदमाश भगा ले गए थे. ट्र्रक में अफीम और चिट्टा बरामद हुआ. ट्र्रक के पिछले हिस्से में तलाशी के दौरान पुलिस को कई ब्रांडेड कपड़े मिले. इस से यह अंदाज लगाया गया कि ट्र्रक में कई लोग सवार थे. पुलिस ने वह ट्र्रक जब्त कर लिया.

ट्र्रक के नंबर की जांचपड़ताल की, तो वह फरजी निकला. यह नंबर फरीदकोट के एक जमींदार की मर्सिडीज कार का निकला. जांच में पता चला कि यह ट्र्रक मोगा के गांव धल्ले के रहने वाले एक शख्स के नाम पर था. उस ने ट्र्रक दूसरे को बेच दिया. इस के बाद भी यह ट्र्रक 2 बार आगे बिकता रहा. पुलिस अधिकारियों ने बदमाशों की चंगुल से जान बचा कर भागे होमगार्ड जवान राजविंदर सिंह से पूछताछ की, तो पता चला कि ड्रग्स की सूचना पर वे मौके पर गए थे. वहां ट्र्रक की चैकिंग के दौरान एएसआई भगवान सिंह ने जयपाल भुल्लर को पहचान लिया था. इस पर जयपाल ने उसे गोलियां मार दी थीं.

बाद में एएसआई दलविंदर आगे बढ़े तो जयपाल के साथी बदमाशों ने उन पर भी गोलियां चला दीं. होमगार्ड जवान राजविंदर सिंह के परचा बयान पर पुलिस ने जयपाल भुल्लर और उस के साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया. दूसरे दिन पुलिस ने दोनों शहीद एएसआई भगवान सिंह और दलविंदर सिंह के शवों का सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया. इस के बाद शव उन के घरवालों को सौंप दिए. दलविंदर का शव उन के घर वाले अपने पैतृक गांव तरनतारन ले गए. भगवान सिंह का अंतिम संस्कार जगराओं में शेरपुरा रोड पर राजकीय सम्मान से किया गया. उन के 11 साल के बेटे ने मुखाग्नि दी.

भगवान सिंह के अंतिम संस्कार में डीजीपी (रेलवे) संजीव कालड़ा, आईजी नौनिहाल सिंह, डीसी वरिंदर शर्मा, एसएसपी चरणजीत सिंह सोहल, कैप्टन संदीप संधु, विधायक सरबजीत सिंह मानूके आदि मौजूद रहे. डीजीपी ने ट्वीट कर दोनों शहीद पुलिसकर्मियों के परिवार वालों को एकएक करोड़ रुपए और आश्रित को नौकरी देने का ऐलान किया. पुलिस ने जांचपड़ताल के लिए मौके के आसपास और बदमाशों के भागने के रास्तों की सीसीटीवी फुटेज देखी. इन से साफ हो गया कि दोनों पुलिस मुलाजिमों की हत्या कुख्यात गैंगस्टर जयपाल भुल्लर और उस के साथियों ने की थी. पुलिस ने जयपाल के 3 साथियों की पहचान खरड़ निवासी जसप्रीत सिंह जस्सी, लुधियाना के सहोली निवासी दर्शन सिंह और मोगा के माहला खुर्द निवासी बलजिंदर सिंह उर्फ बब्बी के रूप में की.

जगराओं पुलिस ने इन चारों पर हत्या, इरादा कत्ल और असलाह ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया. पुलिस ने इन चारों के पोस्टर जारी कर ईनाम भी घोषित कर दिया. पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने जयपाल पर 10 लाख रुपए, बलजिंदर सिंह उर्फ बब्बी पर 5 लाख रुपए, जसप्रीत सिंह उर्फ जस्सी और दर्शन सिंह पर 2-2 लाख रुपए का ईनाम घोषित किया. जयपाल भुल्लर का नाम पंजाब पुलिस के लिए नया नहीं है. पुलिस का हर नयापुराना मुलाजिम उस के नाम से परिचित है. जयपाल पर हत्या, अपहरण, डकैती, तसकरी, फिरौती आदि संगीन अपराधों के 45 से ज्यादा मामले दर्ज हैं. बलजिंदर उर्फ बब्बी के खिलाफ हत्या का केस दर्ज है. जस्सी और दर्शन कुख्यात तसकर हैं. जयपाल पंजाब सहित कई राज्यों का मोस्टवांटेड अपराधी है.

जयपाल का दोनों एएसआई की हत्या की वारदात से 5 दिन पहले ही पुलिस से आमनासामना हुआ था. 10 मई को लुधियाना के दोराहा में जीटी रोड पर नाकेबंदी के दौरान पुलिस ने कार में सवार 2 युवकों को रोका था. चैकिंग के दौरान बहसबाजी होने पर दोनों युवकों ने वहां तैनात एएसआई सुखदेव सिंह और हवलदार सुखजीत सिंह को हमला कर घायल कर दिया था. बाद में दोनों युवक कार से भाग गए थे. भागते समय ये युवक एएसआई सुखदेव सिंह से पिस्तौल भी छीन ले गए थे. पुलिस वालों से मारपीट करने वाले दोनों युवक करीब 25-30 साल के पगड़ीधारी सिख थे. उन्होंने सफेद कुरतापायजामा पहन रखा था. हाथापाई के दौरान एक युवक का पर्स गिर गया था. इस पर्स में गुरप्रीत सिंह के नाम से ड्राइविंग लाइसैंस मिला था.

पुलिस को बाद में जांच में पता चला कि इस घटना में हमलावरों में एक युवक जयपाल था. पर्स भी उसी का गिरा था. पर्स में मिले ड्राइविंग लाइसैंस पर फोटो जयपाल की लगी थी, लेकिन फरजी नाम गुरप्रीत सिंह लिखा हुआ था. खास बात यह थी कि जगराओं में दोनों एएसआई की हत्या की वारदात के वक्त जयपाल क्लीन शेव था. यानी उस ने 5 दिन में ही अपना हुलिया बदल लिया था. वह बारबार हुलिया बदल कर ही पुलिस को चकमा देता रहता था. पुलिस ने जयपाल और उस के साथियों की तलाश में छापे मारे, तो पता चला कि गैंगस्टर जयपाल भुल्लर जोधां के गांव सहोली में अपने साथी कुख्यात तसकर दर्शन सिंह के खेतों में पिछले डेढ़ महीने से रहा था. दोराहा नाके पर हुई घटना से पहले वह केशधारी सरदार के रूप में रहता था. बाद में उस ने अपना रूप बदल कर चेहरा क्लीन शेव कर लिया.

जयपाल की तलाश में पुलिस ने सर्च अभियान शुरू किया. पुलिस को इनपुट मिले थे कि वारदात करने से पहले और बाद में जयपाल लुधियाना के आसपास के गांवों में आताजाता रहा है. इन गांवों में उस के ठिकाने हैं. इसे देखते हुए 17 मई को एडिशनल डीपीसी जसकिरणजीत सिंह तेजा, एसीपी जश्नदीप सिंह और डेहलो थानाप्रभारी सुखदेह सिंह बराड़ के नेतृत्व में पुलिस ने करीब डेढ़ दरजन गांवों में एकएक घर की तलाशी ली. इस दौरान किराएदारों का भी रिकौर्ड जुटाया गया और खासतौर से आई-10, आई-20, सियाज, फौरच्युनर और एंडेवर गाडि़यों की तलाशी ली गई.

दूसरी ओर, कुछ सूचनाओं के आधार पर लुधियाना और जगराओं पुलिस ने चंडीगढ़ में छापे मारे. इन छापों में कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया. इन लोगों से पता चला कि जयपाल फरजी ड्राइविंग लाइसैंस दिखा कर कई महीने तक चंडीगढ़ में एक एनआरआई के मकान में किराए पर भी रहा था. जयपाल के छिपने के ठिकानों का पता लगाने के लिए पुलिस की आर्गनाइज्ड क्राइम कंट्र्रोल यूनिट (ओक्कू) टीम ने उस के भाई अमृतपाल को बठिंडा जेल से प्रोडक्शन वारंट पर हासिल किया. उस से पूछताछ की, लेकिन कोई पते की बात मालूम नहीं हो सकी. बाद में पुलिस ने उसे वापस जेल भेज दिया.

बदमाशों की तलाश में पुलिस ने लुधियाना, अमृतसर और मालेरकोटला सहित कई शहरों में छापे मारे और कई लोगों से पूछताछ की. विभिन्न जेलों में बंद जयपाल के साथियों से भी पूछताछ की. इन में पता चला कि दोनों पुलिस मुलाजिमों की हत्या की वारदात तक जयपाल करीब 6 महीने से जगराओं के गांव कोठे बग्गू में किराए के मकान में रह रहा था. वह इसी मकान से नशीले पदार्थों की तसकरी का धंधा चला रहा था. यह किराए का मकान हाईवे से केवल 5 मिनट के रास्ते पर था. इस रास्ते पर कोई सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगे हुए थे. शायद इन्हीं सब बातों को देख कर जयपाल ने फरजी आईडी प्रूफ से इस गांव में किराए पर मकान लिया था. यह मकान कनाडा में रह रहे एनआरआई हरदीप सिंह का था.

पुलिस ने 19 मई, 2021 को जयपाल के साथी ईनामी बदमाश दर्शन सिंह के मकान की तलाशी ली. इस में जिम की एक किट बरामद हुई. इस किट में हथियार और 300 कारतूस मिले. इस के अलावा अलगअलग वाहनों की 8-10 आरसी भी मिलीं. ये आरसी उन वाहनों की थीं, जो हाईवे पर लूटे या चोरी किए गए थे. पुलिस ने दर्शन सिंह की पत्नी सतपाल कौर को हिरासत में ले कर उस से पूछताछ की. जयपाल ने छिपने के लिए पंजाब के अलावा राजस्थान में भी ठिकाने बना रखे थे. इसलिए पुलिस ने पंजाब और राजस्थान के उस के छिपने के संभावित ठिकानों पर भी छापे मारे. इस के अलावा ओक्कू टीम ने जयपाल के साथी गगनदीप जज को बठिंडा जेल से प्रोडक्शन वारंट पर हासिल किया.

गगन ने जयपाल के साथ मिल कर फरवरी 2020 में लुधियाना में एक कंपनी से 32 किलोग्राम सोना लूटा था. गगनदीप को जयपाल के लगभग हर राज पता थे. इसी उम्मीद में उस से पूछताछ की गई, लेकिन पुलिस उस से भी कुछ नहीं उगलवा सकी. गगन से मिली कुछ जानकारियों के आधार पर पुलिस ने जयपाल की तलाश में उत्तर प्रदेश और राजस्थान के 8-10 गांवों में छापे मारे, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ. दर्शन सिंह के मकान पर दोबारा सर्च की गई. इस दौरान पुलिस को कुछ कारतूस और मिले. पुलिस ने 20 मई को दर्शन सिंह की पत्नी सतपाल कौर को गिरफ्तार कर लिया और मोगा के रहने वाले कैंटर मालिक गुरप्रीत सिंह लक्की को नामजद कर लिया.

2 पुलिसकर्मियों की हत्या की वारदात के एक सप्ताह बाद भी जयपाल और उस के साथियों का कोई सुराग नहीं मिलने पर पंजाब पुलिस ने अन्य राज्यों की पुलिस से संपर्क किया. इस के बाद 8 राज्यों की पुलिस की कोऔर्डिनेशन टीम बनाई गई. इस में पंजाब के अलावा हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के चुनिंदा पुलिस अफसरों को शामिल किया गया. जयपाल के साथ फरार उस के साथी खरड़ निवासी जसप्रीत सिंह उर्फ जस्सी की पत्नी लवप्रीत कौर को मोहाली की सोहाना थाना पुलिस ने 20 मई को गिरफ्तार कर लिया.

मोहाली में पूर्वा अपार्टमेंट में उस के फ्लैट से करीब 8 बैंकों की पासबुक और दूसरे अहम दस्तावेज मिले. पुलिस ने बैंकों से स्टेटमेंट निकलवाई, तो पता चला कि इन खातों में करोड़ों रुपए का लेनदेन हो रहा था. कहा जाता है कि लवप्रीत इस फ्लैट में अकेली रहती थी जबकि उस की ससुराल खरड़ गांव में है. लोगों को गुमराह करने के लिए जसप्रीत उस से अलग रहता था, लेकिन असल में उस का पत्नी लवप्रीत से लगातार संपर्क था. वह इसी फ्लैट में आ कर पत्नी से मिलता था. लगातार चल रहे तलाशी अभियान के दौरान पुलिस ने जयपाल को शरण देने और उस की मदद करने वाले 5 लोगों को 21 मई को गिरफ्तार कर लिया. इन से कई हथियार और कारतूसों के अलावा 29 वाहनों की फरजी आरसी, 8 खाली आरसी कार्ड, टेलीस्कोप, पंप एक्शन गन आदि भी बरामद हुए.

गिरफ्तार आरोपियों में कैंटर मालिक मोगा के गांव धल्ले का रहने वाला गुरुप्रीत सिंह उर्फ लक्की और उस की पत्नी रमनदीप कौर, दर्शन सिंह का दोस्त सहोली गांव निवासी गगनदीप सिंह, जगराओं के आत्मनगर का रहने वाला जसप्रीत सिंह और सहोली गांव के रहने वाले नानक चंद धोलू शामिल रहे. इन से पूछताछ में पता चला कि जयपाल और उस के साथी गाडि़यां लूटने और चोरी करने के बाद उन की फरजी आरसी और नंबर प्लेट तैयार करते थे. फरजी आरसी तैयार करने के लिए उन्होंने एक माइक्रो मशीन ले रखी थी. जयपाल गिरोह के बदमाश कोई भी वारदात करने से पहले गाड़ी लूटते या चोरी करते थे और उस की फरजी आरसी व नंबर प्लेट मशीन से तैयार कर खुद ही बदल लेते थे ताकि अगर किसी कारणवश गाड़ी रास्ते में छोड़नी पड़े, तो पुलिस नंबरों में उलझी रहे.

सहोली गांव का रहने वाला गिरफ्तार नानक चंद धोलू मोबाइल सिम उपलब्ध कराता था. आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि जयपाल का फरार साथी जसप्रीत सिंह उर्फ जस्सी गवाहों को अपने बयान बदलने के लिए धमकाता भी था. पूछताछ के बाद पुलिस ने जयपाल और जसप्रीत सिंह के सोशल मीडिया अकाउंट ब्लौक करवा दिए. पता चला था कि ये बदमाश अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए युवाओं को जोड़ते और गैंग में शामिल होने के लिए तैयार करते थे. फिरोजपुर निवासी जयपाल भुल्लर पंजाब ही नहीं कई राज्यों में खौफ का पर्यायवाची नाम है. जिस जयपाल के पीछे 8 राज्यों की पुलिस लगी हुई थी, उस जयपाल के पिता भूपिंदर सिंह पंजाब पुलिस में इंसपेक्टर थे.

कहा जाता है कि पिता के कारण ही जयपाल के पुलिस महकमे में कई मुलाजिम अच्छे जानकार हैं. इसलिए वह पुलिस की आंखों में धूल झोंकता रहता था. उस के खिलाफ पुलिस रिकौर्ड 45 से ज्यादा अपराध दर्ज हैं. जयपाल पंजाब के कुख्यात गैंगस्टर विक्की गौंडर का साथी रहा था. विक्की गौंडर और प्रेमा लाहौरिया की मौत के बाद जयपाल ने गैंग की कमान संभाल ली थी. जयपाल पर मुख्यरूप से फिरोजपुर के सेखों करमती सहित दोहरे हत्याकांड, तरनतारन और लुधियाना में हत्या, सुक्खा काहलवां हत्याकांड, लुधियाना में व्यवसाई पंकज अग्निहोत्री के घर से 60 लाख की लूट, राजस्थान के किशनगढ़ में 2 करोड़ के तांबे से लदे ट्र्रक की लूट, लुधियाना में चिराग अपहरण केस, एयरटेल शोरूम में डकैती आदि के मामले दर्ज हैं.

पिछले साल फरवरी के महीने में लुधियाना की आईआईएफएल गोल्ड लोन कंपनी में 32 किलोग्राम सोने की लूट हुई थी. यह वारदात जयपाल ने अपने साथियों के साथ मिल कर की थी. जयपाल ने यह वारदात केशधारी सिख के वेश में अपने सगे भाई अमृतपाल और सब से विश्वसनीय साथी गगनदीप जज के साथ मिल कर की थी. वारदात के बाद जयदीप चंडीगढ़ में पगड़ी बांध कर और दाढ़ी बढ़ा कर एक फ्लैट में छिपा रहा था. पुलिस उसे 11 साल पुरानी क्लीन शेव फोटो के आधार पर ढूंढ रही थी. बाद में पुलिस ने छापा मारा तो अमृतपाल और गगनदीप जज पकड़े गए लेकिन जयपाल भाग निकला था. इस लूट का 17 किलोग्राम सोना अब तक बरामद नहीं हुआ है.

नानकसर में वर्ष 2015 में पुलिस की वरदी में बदमाशों ने कैश वैन लूट ली थी. इस वारदात में भी जयपाल का हाथ होने की आशंका है. वारदात के 6 साल बाद भी पुलिस इस की पुष्टि नहीं कर सकी है. सितंबर 2020 में जयपाल का नाम तब भी सामने आया था, जब जगराओं के मशहूर ढाबा मालिक से विदेशी नंबर से फोन कर 25 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई थी. बाद में पुलिस ने एक आरोपी राघव नागपाल को पकड़ा था, लेकिन जयपाल के बारे में पुलिस को कोई सुराग नहीं मिले थे. जयपाल के गैंग में अनेक कुख्यात बदमाश शामिल रहे हैं. गांव हवेलियां का रहने वाला तसकर गुरजंट भोलू जनवरी 2016 में पकड़ा गया तो उस ने बताया कि वह जयपाल के लिए नशीले पदार्थों की तसकरी करता था.

भोलू बाद में पटियाला जेल में सुपरिंटेंडेंट की मदद से कैदियों से फिरौती वसूलने लगा. उस ने मुजफ्फरनगर बालिका गृह रेप केस के मुख्य आरोपी ब्रजेश सिंह ठाकुर से भी 10 लाख रुपए की फिरौती वसूली थी. इस का खुलासा होने पर उसे अमृतसर जेल भेज दिया गया. जयपाल के साथी हथियार सप्लायर रणजीत डुपला को 4 करोड़ रुपए के विदेशी हथियारों के साथ फरीदकोट पुलिस ने पकड़ा और उस पर अनलाफुल ऐक्टिविटी ऐक्ट लगाया था. लेकिन उस ने मिलीभगत कर 82 दिन में ही यह ऐक्ट हटवा लिया और जमानत ले कर अमेरिका भाग गया. बाद में ओकू ने उस पर पिछले साल फिर से अनलाफुल ऐक्टिविटी ऐक्ट लगाया.

पंजाब के फिरोजपुर का रहने वाला चंदू गैंगस्टर जयपाल का शार्पशूटर है. वह किशनगढ़ डकैती में पकड़ा गया था, तब से जेल में है. नाभा जेल में रहते हुए वह बड़े ठेकों में दखल देता था और बड़े ठेकेदारों से वसूली करता था. सितंबर 2020 में नाभा जेल में उस के पास मोबाइल मिला था. अब वह बठिंडा जेल में है. जयपाल का दूसरा शार्पशूटर फरीदकोट निवासी तीर्थ ढिलवां 4 मार्च, 2018 को पकड़ा गया था. उस के खिलाफ अपहरण, लूटपाट व हत्या जैसे करीब 2 दरजन मामले दर्ज हैं. पहली मई 2016 को हिमाचल प्रदेश के परवाणु में हुई जसविंदर रौकी की हत्या में जयपाल के साथ उस का भी नाम आता है. रौकी फाजिल्का का नेता और गैंगस्टर था.

यह पंजाब पुलिस, ओकू और इंटेलिजेंस की नाकामयाबी रही कि मोस्टवांटेड गैंगस्टर लुधियाना के गांव भुट्टा में अमृतसर के एक व्यक्ति के नाम पर जमीन खरीद कर अपनी कोठी बनवा रहा था. यह भी पुलिस के लिए फेलियर रहने वाली बात रही कि 10 मई, 2021 को दोराहा नाके पर एक एएसआई और हवलदार पर हमला कर उन से हथियार छीन ले जाने की घटना के 5 दिन बाद तक पुलिस जयपाल का पता नहीं लगा सकी थी, जबकि जयपाल उस जगह से कुछ किलोमीटर दूर गांव कोठे बग्गू में रह रहा था. पुलिस को जांच में यह भी पता लग गया था कि इस वारदात में जयपाल और उस का साथी जस्सी शामिल था. इसी का नतीजा रहा कि जयपाल ने 5 दिन बाद ही 15 मई को जगराओं में 2 एएसआई को मौत की नींद सुला दिया.

बदमाश दर्शन सिंह कुख्यात तसकर है. उस के खिलाफ भी कई मामले दर्ज हैं. उस के नजदीकी रिश्तेदार पंजाब पुलिस में एसपी के पद पर हैं. दर्शन सिंह जेल भी जा चुका है. करीब 5 साल पहले हत्या के मामले में अच्छा चालचलन बता कर लुधियाना की ब्रोस्टल जेल से 2 साल 4 महीने की उस की सजा माफ कर दी गई थी. जेल से बाहर आने के बाद वह जयपाल के साथ मिल कर नशा तसकरी और लूटपाट की बड़ी वारदातें करने लगा. पंजाब पुलिस की ओकू टीम ने दोनों एएसआई की हत्या की वारदात में शामिल गैंगस्टर दर्शन सिंह और बलजिंदर सिंह उर्फ बब्बी को 29 मई, 2021 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले से गिरफ्तार कर लिया.

इन को पनाह देने वाले हरचरण सिंह को भी पकड़ लिया गया है. पुलिस को इन का सुराग इन के रिश्तेदारों के मोबाइल फोन टेप करने से लगा. जयपाल भले ही कितना भी छिप ले, कभी तो वह पकड़ा जाएगा. कथा लिखे जाने तक पुलिस उस की तलाश में जुटी हुई थी. जयपाल आजकल नशीले पदार्थों की तसकरी में लिप्त था. जयपाल ने अपने साथियों के साथ जगराओं में 2 पुलिसकर्मियों की हत्या की जो वारदात की है, उस ने पंजाब सरकार के उन दावों पर सवालिया निशान लगा दिए हैं कि 4 साल में 3300 से ज्यादा गैंगस्टर पकड़े गए हैं. जगराओं की वारदात से यह साफ हो गया है कि पंजाब में गैंगस्टर बेखौफ हैं. Crime Kahani

 

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