True Crime Stories : किसी औरत के कदम जब बहक जाते हैं तो वह अपने स्वार्थ के लिए अपराध तक कर बैठती है. देवर मोहन के प्यार में उर्मिला इतनी दीवानी हो गई कि उस ने खूंखार बन कर पति रणजीत को मार कर घर में दबा दिया. बाद में ऐसा क्या हुआ कि उस ने देवर मोहन को भी ठिकाने लगा दिया…

मध्य प्रदेश के भोपाल शहर का एक थाना है कोलार. इसी थाना क्षेत्र के अंतर्गत गणेश मंदिर के पास दामखेड़ा निवासी प्रदीप कुमार मीणा सुबह 6 बजे मौर्निंग वाक पर निकले थे. अमरनाथ रोड पर बब्बर की डेयरी स्थित मैदान के पास से निकलते समय उन की नजर वहां पड़े एक शव पर गई. शव को जानवर नोंच रहे थे. यह देख कर उन के शरीर में सिहरन दौड़ गई. उन्होंने उसी समय थाना कोलार पुलिस को सूचना दे दी. सूचना मिलते ही एसआई रविंद्र चोकले प्रदीप के बताए स्थान की तरफ रवाना हो गए. यह बात 28 मई, 2021 की है.

रविंद्र चोकले जिस समय वहां पहुंचे, उस समय वहां लोगों की भीड़ जुटी थी. भीड़ को हटाते हुए वह मैदान पर पहुंचे, जहां युवक का क्षतविक्षत शव पड़ा था. युवक की उम्र 28 साल के आसपास थी. उस का सिर फटा हुआ था. जानवरों ने युवक के चेहरे के नीचे व शरीर के अन्य स्थानों से मांस नोंच लिया था. मृतक की बांह पर अंशु लिखा था. जामातलाशी में उस के पास से ऐसा कोई सबूत नहीं मिला, जिस से उस की शिनाख्त हो सके. लाश मिलने की जानकारी होते ही वहां दामखेड़ा व आसपास के रहने वालों की भीड़ जुट गई.

रविंद्र चोकले ने घटना की जानकारी थाने के टीआई चंद्रकांत पटेल व सीएसपी वीरेंद्र मिश्रा को दी. कुछ ही देर में यह दोनों पुलिस अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंच गए. अभी दोनों पुलिस अधिकारी निरीक्षण कर ही रहे थे कि इसी बीच वहां पहुंचे सुनील मारन नाम के व्यक्ति ने मृतक की शिनाख्त अपने छोटे भाई मोहन मारन के रूप में कर ली. उस ने बताया कि मोहन अपनी भाभी उर्मिला व उस के बच्चों के साथ ही दामखेड़ा में रहता था. इस जानकारी के बाद मृतक की भाभी उर्मिला को घटनास्थल पर बुलाया गया. उर्मिला ने शव की शिनाख्त 30 वर्षीय देवर मोहन के रूप में कर ली.

पुलिस पूछताछ में उर्मिला ने बताया कि मोहन पिछले 2 दिनों से घर नहीं आया था. वह कहीं चला गया था. वह उस की थाने में गुमशुदगी लिखाने भी गई थी, लेकिन वहां कोई नहीं मिला था. इस शुरुआती पूछताछ के बाद पुलिस ने मौके की काररवाई निपटा कर शव को मोर्चरी भिजवा दिया. दूसरे दिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक की जांघ की हड्डी टूटी मिली. जबकि शरीर पर मारपीट के निशान भी थे. उस की मौत खून ज्यादा निकलने से हुई थी. मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस छानबीन में जुट गई. मृतक के भाई सुनील से पुलिस ने पूछताछ की. सुनील ने बताया कि मोहन की शादी हो चुकी है, उस के एक बेटा अंशु भी है.

वह शराब पी कर पत्नी के साथ मारपीट करता था. एक बार नशे में उस ने पत्नी को जलाने की भी कोशिश की थी. इस घटना के बाद उस की पत्नी बेटे अंशु को ले कर 8 साल पहले मायके चली गई. पत्नी के जाने के बाद मोहन अपने बड़े भाई रणजीत के घर ही रहने लगा था. पिछले लगभग 5 साल से बड़ा भाई रणजीत काम के सिलसिले में बाहर ही रहता है. उस ने यह भी बताया कि मोहन को बीती रात 8 बजे उस ने मोहल्ले में ही घूमते हुए देखा था. पुलिस इस बात की जानकारी करने में जुट गई कि मोहन की किसी से रंजिश तो नहीं थी? रात में अकेला देख कर किसी ने उस की हत्या कर दी हो. दूसरे दिन टीआई चंद्रकांत पटेल व एसआई रविंद्र चोकले इस मामले में जांच के लिए उर्मिला के घर पहुंचे.

उस समय 40 वर्षीय उर्मिला गोबर से घर का आंगन लीप रही थी. वहां कुछ खून भी पड़ा दिखाई दिया. इस संबंध में पूछने पर उर्मिला ने बताया कि रात को मुरगी काटी थी उसी का खून है. उर्मिला से उस के पति रणजीत के बारे में पूछताछ की. इस पर उस ने बताया कि उस का पति मंडीदीप में रह कर काम करता है. मेरी व बच्चों की उस से मोबाइल पर बातचीत होती रहती है. पुलिस ने उर्मिला के बेटे से अलग ले जा कर पूछताछ की. उस ने बताया कि रात को मुरगी का मीट नहीं बना था. उस ने यह भी बताया कि चाचा मोहन रात को शराब पी कर आए थे, लेकिन मम्मी ने घर में घुसने नहीं दिया था. वह दीवार फांद कर जब घर में अंदर आ गए, तब मां का उन से झगड़ा हुआ था. इस के बाद चाचा चले गए थे.

पुलिस को लगा कि उर्मिला कुछ छिपा रही है. पुलिस ने उर्मिला के किराएदार राजेश, जिस ने 3 महीने पहले ही मकान किराए पर लिया था, के अलावा पड़ोसियों भगवती प्रसाद व कविता से भी इस बारे में पूछताछ की. कविता ने बताया कि 27 मई की रात में मोहन शराब पी कर आया था. उसे उर्मिला ने घर में नहीं घुसने दिया. इस बात को ले कर उर्मिला व उस के बच्चों के साथ देर रात झगड़ा हुआ था. पूछताछ में लोगों ने उर्मिला की हरकतों पर शक जाहिर किया. पड़ोसियों ने बताया कि पिछले लगभग 5 सालों से उर्मिला का पति रणजीत दिखाई नहीं दे रहा. रणजीत आटो चलाता था तथा एक पैर से लंगड़ाता भी था.

उर्मिला बताती है कि वह बाहर रह कर काम करता है. उर्मिला के पास उस का देवर मोहन पति की तरह रहता था. लेकिन दोनों में आए दिन झगड़ा होता रहता था. पुलिस ने जब उर्मिला से कहा कि वह अभी मोबाइल से पति रणजीत से बात करे. इस पर उर्मिला टालमटोल करने लगी. पुलिस ने जब कड़ाई दिखाई तो उर्मिला ने पुलिस को बताया, ‘‘साहब, रणजीत मुझे व बच्चों को बहुत प्यार करते थे. एक रात वह घर आए और अपना मोबाइल व चाबी रख कर तथा बच्चों को गले लगा कर कहीं चले गए.

‘‘इस के बाद से उन का कोई पता नहीं चला. इस बात को 5 साल हो गए हैं. मोहन हमारे साथ ही रहता था, लेकिन वह आए दिन शराब पी कर झगड़ा करता था. उस रात भी झगड़ा करने के बाद चला गया था.’’ उर्मिला के बच्चों ने भी उस की बात की पुष्टि कर दी. इस जानकारी के बाद पुलिस को पूरा शक हो गया कि जरूर दाल में कुछ काला है. उर्मिला और उस के बच्चों की बातें पुलिस के गले नहीं उतर रही थीं. मोहन के उर्मिला के साथ झगड़ा करने की बात पर शक हुआ कि कहीं उर्मिला ने ही उस की हत्या न करा दी हो. इस पर पुलिस ने फोरैंसिक टीम को बुला लिया. टीम ने घर के आंगन से खून के नमूने के साथ ही अन्य साक्ष्य एकत्र किए.

चूंकि पुलिस को उर्मिला पर शक हो रहा था, इसलिए देर किए बिना उर्मिला को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया. थाने ला कर उस से पूछताछ की गई. वह कहती रही कि झगड़े के बाद मोहन घर से रात को ही चला गया था, फिर किस ने उस की हत्या कर दी वह नहीं जानती. कड़ाई से पूछताछ की गई तो उस ने देवर मोहन की हत्या के साथ ही 5 साल पहले हुई पति रणजीत की हत्या का राज भी उगल दिया. अपना जुर्म कुबूल करते हुए उर्मिला ने बताया कि उस ने 5 साल पहले अपने देवर के साथ मिल कर पति रणजीत की हत्या की थी और अब उसी देवर मोहन की हत्या कर दी. उस ने पति और देवर की हत्या करने का जुर्म कुबूल कर लिया. उस ने बताया कि पति की हत्या करने के बाद उस के शव को घर में ही दफना दिया था.

इस सनसनीखेज खुलासे से पुलिस भी हैरान रह गई. उर्मिला की निशानदेही पर पुलिस ने घर में उस स्थान की खुदाई कराई तो लगभग साढ़े 4 फीट नीचे एक नर कंकाल साड़ी में लिपटा हुआ बरामद हुआ. पुलिस ने फोरैंसिक जांच के लिए कंकाल को हमीदिया अस्पताल भिजवा दिया. कोलार पुलिस टीम द्वारा कड़ी से कड़ी जोड़ कर 24 घंटे के अंदर मोहन के कत्ल की गुत्थी को सुलझाने के साथ ही 5 साल पहले हुए एक और कत्ल का भी 30 मई को राज फाश कर दिया गया. हत्या के आरोप में उर्मिला, उस की नाबालिग बेटी व बेटे के साथ ही किराएदार राजेश को भी गिरफ्तार कर लिया. उन की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त स्कूटी, लोहे की रौड, डंडा बरामद कर लिए. इस सफलता पर भोपाल (दक्षिण) के एसपी साईं कृष्णा थोटा ने पुलिस टीम को बधाई दी.

इस सनसनीखेज डबल मर्डर की जो कहानी सामने आई वह रोंगटे खड़ी कर देने वाली थी—

मृतक मोहन 4 भाइयों में सब से छोटा था. सब से बड़ा भाई संजय, दूसरे नंबर का रणजीत व तीसरे नंबर का सुनील था. चारों भाई दामखेड़ा में ही अलगअलग रहते थे. सभी भाई शादीशुदा थे. मोहन का अपनी पत्नी से विवाद हो गया. इस पर वह बेटे अंशु को ले कर लगभग 8 साल पहले मायके चली गई. तब मोहन अपने बड़े भाई रणजीत के साथ ही रहने लगा था. रणजीत आटो चलाता था. मोहन एक फैक्ट्री में काम करता था. वह भाभी उर्मिला को घर खर्च भी देता था. सब कुछ ठीक चल रहा था. देवरभाभी के बीच हंसीमजाक चलता रहता था. धीरेधीरे दोनों का एकदूसरे के प्रति आकर्षण बढ़ता गया. इसी बीच उस के अपनी भाभी से अवैध संबंध हो गए.

एक दिन जब रणजीत घर आया, उस ने दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया. इस पर उस ने उर्मिला के साथ मारपीट करते हुए मोहन से घर छोड़ने के लिए कहा. बड़े भाई से अपनी गलती की माफी मांगने के बाद मोहन घर में ही रहने लगा. रणजीत विकलांग था, इस कारण भी उर्मिला उसे पसंद नहीं करती थी. इस के साथ ही रणजीत उर्मिला को उस के बच्चों के सामने बेइज्जत करता रहता था. देवर के इश्क में दीवानी उर्मिला को यह नागवार गुजरता. अपने पहले प्यार को पाने के लिए उस ने रास्ते के रोड़े पति की हत्या की साजिश रची. देवर से प्रेमी बने मोहन के साथ मिल कर एक रात सोते समय पति रणजीत को दबोच कर मौत के घाट उतार दिया. हत्या के बाद लाश को घर के एक कमरे में ही फीट गहरा गड्ढा खोद कर दफन कर दिया गया. उस समय दोनों बच्चे सोए हुए थे. आवाज सुन कर वे जाग गए.

उस समय उर्मिला की बेटी 11 व बेटा 10 साल के थे. इन दोनों हत्याकांड में सब से ज्यादा चौंकाने वाली बात यह रही क उर्मिला के नाबालिग दोनों बेटाबेटी भी पिता व चाचा की हत्या के राजदार थे. पिता की हत्या दोनों की आंखों के सामने ही मां उर्मिला व चाचा मोहन ने मिल कर मुंह में कपड़ा ठूंस कर गला दबा कर की थी. मां ने दोनों बच्चों को धमकी दी थी कि इस संबंध में किसी को कुछ न बताएं वरना तुम्हें भी जान से मार देंगे. दोनों बच्चे डर गए और पिछले 5 साल से इस मामले में चुप्पी साधे हुए थे. जिस स्थान पर पति को दफन किया था, बाद में उर्मिला ने उस स्थान पर पत्थर और अपने देवता की मूर्ति भी रख दी थी. उस कमरे को वह ऐसे उपयोग करती थी, जैसे कुछ हुआ ही नहीं है.

पति की हत्या करने के बाद वह अपने सासससुर और पति के भाइयों के पूछने पर कहती थी कि वह मंडीदीप में नौकरी करते हैं और उन से रोजाना फोन पर बात होती है. बच्चे भी यही बात कह देते थे. पति की हत्या के बाद उर्मिला और मोहन पतिपत्नी की तरह रहने लगे. लेकिन कुछ साल बाद मोहन उर्मिला के बजाय किसी और महिला के साथ रहना चाहता था. वह जो भी कमाता, सब शराब में खर्च कर देता था. उर्मिला से आए दिन शराब के लिए पैसे मांगता. पैसे न मिलने पर झगड़ा और मारपीट करता था. इस से उर्मिला परेशान रहने लगी. उस ने मोहन को समझाते हुए कहा, ‘‘तुम रोजरोज शराब पी कर आ जाते हो. अब बच्चे भी बड़े हो गए हैं. उन पर क्या असर पड़ेगा? किसी तरह घर का खर्च चलाती हूं. तुम्हें शराब पीने के लिए पैसे कहां से दूं?’’

लेकिन उर्मिला की बातों का मोहन पर कोई असर नहीं होता. उस दिन मोहन दोपहर में घर आया था और रात को घर आने की बात कह कर चला गया था. 27-28 मई, 2021 को घटना की दरमियानी रात मोहन शराब के नशे में घर पहुंचा था. उस ने दरवाजा खटखटाया. काफी देर दरवाजा खटखटाने पर जैसे ही उर्मिला ने दरवाजा खोला, सामने नशे में धुत मोहन को देखते ही उस ने कहा, ‘‘मना करने के बाद भी तुम शराब पी कर आ गए?’’

उर्मिला ने दरवाजा बंद करते हुए मोहन से वहां से चले जाने को कहा. दरवाजा बंद कर लेने पर मोहन दीवार फांद कर घर में आ गया. उस ने उर्मिला को गाली देते हुए धमकाया कि तुम ने अपने पति की हत्या कर लाश घर में ही गाड़ दी है, इस बात का भेद अब वह खोल देगा. बीते कुछ दिनों से उस के और देवर के बीच लगातार विवाद हो रहा था, जिस से उर्मिला परेशान थी. अब मोहन की धमकी से वह बुरी तरह डर गई. उस ने सोचा कि नशे में यदि उस ने 5 साल पहले के राज को उजागर कर दिया तो बच्चों के साथ ही उस का भविष्य भी चौपट हो जाएगा. उसे बच्चों के भविष्य की चिंता सताने लगी. और तय कर लिया कि इसे ठिकाने लगाना ही बेहतर रहेगा.

उर्मिला ने अपने बेटे और बेटी की मदद से नशे में धुत मोहन को आंगन में ही पकड़ कर गिरा लिया. उस ने उस के सिर पर लोहे की रौड और डंडे से प्रहार कर उस की हत्या कर दी. किराएदार राजेश बिसारिया ने यह सब देख लिया था. उर्मिला ने अपनी स्कूटी से लाश को बब्बर की डेयरी के पास कलियासोत नदी में फेंकने के लिए बेटे व किराएदार राजेश को स्कूटी से भेज दिया. उस समय रात के 2 बज रहे थे. हड़बड़ाहट में मोहन की लाश स्कूटी से बब्बर की डेयरी के पास मैदान में ही गिर गई. इस पर दोनों वहीं से घर लौट आए. डबल मर्डर के इस सनसनीखेज मामले के खुलासे से पुलिस के साथ ही बस्ती के लोग भी सकते में आ गए. इस संबंध में थाना कोलार में प्रदीप की सूचना के आधार पर पुलिस ने भादंवि की धारा 302, 201 व 34 के तहत उर्मिला, उस के बेटाबेटी व सहयोग करने वाले राजेश को गिरफ्तार कर लिया.

उर्मिला व राजेश को न्यायालय के समक्ष पेश कर सेंट्रल जेल भेज दिया तो वहीं 16 वर्षीय बेटी को बालिका सुधार गृह, विदिशा व 15 वर्षीय बेटे को बाल सुधार गृह, जहांगीराबाद भेजा गया. उर्मिला को अपने पति रणजीत और प्रेमी देवर से बने पति मोहन की हत्या करने का कोई अफसोस नहीं है. बच्चों और उर्मिला के बयानों में विरोधाभास सामने आया तो मोहन के साथ उस के पति की हत्या का भी राज खुल गया. पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ कर 5 साल पुराने कत्ल के दफन राज को भी उजागर कर दिया.

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

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