Crime Story in Hindi : 34 साल की विलावान सिका गोल्फ एम्सावत उर्फ मिस गोल्फ ऐसी सुंदरी थी, जो अच्छेअच्छे संन्यासियों तक को अपने रूपजाल में फांस लेती थी. अपनी मोहिनी अदा के चलते उस ने बैंकाक के प्रसिद्ध बौद्ध मंदिरों के मठाधीशों से न सिर्फ अवैध संबंध बनाए, बल्कि उन के अश्लील फोटो व वीडियो के जरिए उन से 91 करोड़ से अधिक रुपए भी वसूले. आखिर मिस गोल्फ कैसे फांसती थी बौद्ध संन्यासियों को अपने जाल में?
थाईलैंड के बैंकाक में स्थित वाट त्रि थोत्सथेप वोराविहान बौद्ध मंदिर के मठाधीश चाओखुन अर्ज एक आकर्षक कदकाठी का व्यक्ति है. उस की दैहिक बनावट, बौडी लैंग्वेज और बातचीत करने के लहजे को देख कर कोई भी उस की उम्र 58 वर्ष होने का अनुमान नहीं लगा पाता था. यह कहें कि वह किसी फिल्मी नायक की तरह जवान दिखता था. उस की सोच पर भी उम्र का कोई असर नहीं हुआ था. कहने को वह बौद्ध धर्म का एक संत था, लेकिन आधुनिक सोच से भरा हुआ था. उस की बातें नए जमाने के गैजेट और इंटरनेट और सोशल मीडिया फ्रेंडली युवाओं की तरह होती थीं.
चाओखुन अर्ज का असली नाम फ्राथेप वाचिरापामोक था, लेकिन वह मठ के लोगों के बीच अर्ज के नाम से लोकप्रिय था. त्रि थोत्सथेप वोराविहान थाईलैंड के सब से महत्त्वपूर्ण बौद्ध मंदिरों में से एक है. इस का ऐतिहासिक महत्त्व है. इस का निर्माण 19वीं सदी में वहां के तत्कालीन राजतंत्र के शासक द्वारा किया गया था. इस की भव्यता में शाही झलक दिखती है. यहां सभी तरह की आधुनिक और उत्तम रहनसहन की सुविधाएं उपलब्ध हैं. चाओखुन जब से मठाधीश के पद पर नियुक्त हुआ था, तब से उसे मंदिर प्रशासन की तरफ से शाही सुविधाएं और संसाधन मिल गए थे.
साथ ही उस के पास अपने निजी कामकाज के लिए पर्याप्त समय भी होता था. जब भी वह फुरसत में होता, अपना लैपटाप खोल कर देशदुनिया से जुड़ जाता था, उस ने फेसबुक पर अपनी आईडी भी बना रखी थी. उस के हजारों में वर्चुअल फ्रेंड थे. उन के साथ वह अध्यात्म, सेहत, सलाह और समाज सरोकार की बातें करता रहता था. इस दौरान उस की नजर रील्स, गेम्स, औफर आदि पर बनी रहती थी.
वह इस में कम से कम 2 से 3 घंटे तक गुजारता था. फेसबुक में नएनए दोस्त तलाशने से ले कर उस के बारे में जांचपड़ताल करने आदि पर ध्यान देता था. वैसे तो वह फ्रेंड रिक्वेस्ट को बहुत सोचसमझ कर ही स्वीकारता था. हालांकि उन में अधिकतर उस के परिचित या फिर अनुयायी थे. उन के साथ फेसबुक, वाट्सऐप और मैसेंजर के माध्यम से संपर्क बनाता था. वह किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत या पारिवारिक समस्या या परेशानी से निकालने का भी काम करता था.
बात 16 मई, 2024 की थी. रात का वक्त था. पूरे बौद्ध मठ का परिसर नींद के आगोश में था. नि:शब्द शांति थी. इसी एकांत में चाओखुन अर्ज की अंगुलियां लैपटाप के कीबोर्ड पर चल रही थीं. सामने स्क्रीन पर फेसबुक से निकली रोशनी में उस के चेहरे पर चमक बनी हुई थी. माउस पैड में अंगुली सरकाते हुए अचानक उस की नजर एक रिक्वेस्ट पर ठहर गई. बेहद खूबसूरत तसवीर थी. दोस्ती करना चाहती थी. चाओखुन ने तुरंत उस की प्रोफाइल खोली. उस का अबाउट पढऩा शुरू किया.
नाम विलावान सिका गोल्फ एम्सावत उर्फ मिस गोल्फ लिखा था. उम्र 34 वर्ष थी. प्रोफाइल में उस ने स्वयं को नोनयाबुरी में एक आलीशान विला की मालकिन और महिला उद्यमी बताया था. उस ने खुद को बौद्ध धर्म का अनुयायी बताया था. वह चाओखुन अर्ज की पहले से ही फालोअर भी थी. मिस गोल्फ की प्रोफाइल में कई तसवीरें भी थीं. कई तसवीरों में अल्ट्रा मौडर्न ड्रेस पहने थी.
उस की तसवीरों ने संन्यासी चाओखुन की कामुकता को उकसा दिया था. एक बार मन भटका तो मिस गोल्फ की सुंदरता और सैक्स अपील का कीड़ा उस संत के मस्तिष्क को कुरेदने लगा था. फिर उस की अंगुली ने कब रिक्वेस्ट बटन को दबा दिया, पता ही नहीं चला. अगले पल संन्यासी का मन कुछ और जिज्ञासाओं से भर गया था. मैसेजिंग शुरू कर दिया. ‘हाय!’ के बाद दनादन 2-3 सवाल कर डाले…
”कहां से हैं?’’
”क्या करती हैं?’’
”आप की सुंदरता का राज क्या है?’’
इन के जवाब में उस ने लिखा, ”मैं महसूस करती हूं कि आप के दिल के करीब हूं… आप से फ्रेंडशिप कर भाग्यशाली बनना चाहती हूं. देखिए, आप से दोस्ती के बगैर मेरी आध्यात्मिक पिपासा शांत नहीं हो पाएगी. मन को शांति के लिए जरूरी है, संत समागम किया जाए!’’
मिस गोल्फ का भावुक मैसेज चाओखुन अर्ज के दिल की गहराइयों तक चला गया था. वह खुद को चाह कर भी नहीं रोक पाया और धड़कते दिल से अपनी इस नई दोस्त पर लिख डाला, ‘मिस गोल्फ! जितनी सुंदर आप हो, उस से अधिक खूबसूरत आप के शब्द! मन आनंदित हो गया!’
दोनों के दिलों में भावनाओं का उफान आ चुका था. दनादन मैसेजिंग का दौर शुरू हो गया. काफी समय तक यह सब चलता रहा. वह चाओखुन के लिए बहुत ही खुशनुमा था. फिर वह सो गया. अच्छी नींद आई. अगले रोज दिनचर्या में लगा हुआ था…
उस के भीतर एक नई सी स्मृति का संचार हो गया था. हर काम को वह बड़ी समझदारी और मुसकराते हुए कर रहा था, लेकिन उस की आंखें बारबार हाल में टंगी दीवार घड़ी पर भी बराबर लगी हुई थीं. आज समय उसे काफी बड़ा और लंबा सा लग रहा था. जैसेतैसे चाओखुन ने रात के 9 बजे तक का समय किसी तरह पास किया. रात के भोजन करने के बाद उस ने अपने सभी अनुचरों को छुट्टी दे दी. अब वह हमेशा की तरह अपने एकांत के निजी समय में था, किंतु उस रात उस में गजब का उतावलापन था. लैपटाप औन करते ही तुरंत फेसबुक के अपने पेज पर था. कई मैसेज उस के जवाब के इंतजार में थे.
मैसेज को पढऩे के बाद चाओखुन अर्ज के दिल की धड़कनें बढ़ गईं. वह मैसेज मिस गोल्फ के थे. अपने प्रतिष्ठित पद की गरिमा और मैसेज भेजने वाली की उम्र के अंतर को ले कर वह सतर्कता बरतना चाहता था. तभी ‘गुड नाइट!’ के साथ ‘हाय हैंडसम!’ का मैसेज आया.
चाओखुन ने भी जवाब में ‘हैलो!…हाउ आर यू?’ लिख दिया.
”आप की फ्रेंडशिप पा कर बहुत खुशी हुई है. मैं आप को दिल से शुक्रिया अदा करती हूं. मेरे लिए यह प्यार की तरह मिला उपहार है. मैं कितनी खुश हूं, इस का बयान नहीं कर सकती. इस के लिए आप का तहेदिल से धन्यवाद करती हूं मिस्टर चाओखुन! आप बहुत हैंडसम दिखते हैं… कितनी उम्र होगी आप की?’’ मिस गोल्फ ने लिखा.
”जी, 2 साल बाद 60 का हो जाऊंगा.’’ चाओखुन ने लिखा.
”अच्छा! लेकिन लगते तो 40 प्लस के हैं.’’ मिस गोल्फ ने हैरानी जताई.
”तुम भी तो 20 प्लस की दिखती हो, लेकिन प्रोफाइल के अनुसार 33 साल की हो. ईश्वर ने गजब की सुंदरता दी है. भाग्यशाली हो!’’
”मुझे आज तक आप जैसा हैंडसम इंसान ही नहीं मिला, आप को पा कर धन्य हो गई हूं… मिलना चाहूंगी.’’ इसी के साथ गोल्फ ने प्यार का धड़कता हुआ इमोजी भेज दिया.
”किंतु मिस गोल्फ, आप को दोस्ती और प्यार करने के लिए बहुत से नौजवान मिल सकते थे, फिर मैं ही क्यों?’’ चाओखुन ने गोल्फ के इशारे को समझते हुए लिखा.
”मैं उम्र से नहीं, बल्कि वैसा पुरुष चाहती हूं, जिस में पुरुषार्थ हो. गंभीरता हो. विचार हो. आजादी पसंद हो. व्यवहारिक हो. आस्थावान हो… अब भला आप से बेहतर मेरे लिए और कोई नहीं हो सकता. प्यार तो आंतरिक भावना की अनुभूति है… मुझे तो ऐसा लगता है, जैसे वह सभी गुण आप में हैं और मेरी चाहत आप को पा कर पूरी हो गई.’’ मिस गोल्फ ने लिखा.
”तुम बातें बहुत लुभावनी करती हो. मन मोह लिया.’’
”क्यों न हम लोग कहीं मिलें?’’
”जरूर, जल्द समय बताऊंगा.’’
इस के बाद चाओखुन और मिस गोल्फ का प्यार तेजी से परवान चढऩे लगा था. पहले वे वर्चुअल थे, जल्द ही दोनों वास्तविकता की धरातल पर आ चुके थे. उन का आपस में मिलनाजुलना भी शुरू हो गया… और चाओखुन अर्ज ने अपने संत की गरिमा, मानमर्यादा और संकल्प के बावजदू गोल्फ के साथ अवैध संबंध तक बना लिया. कहते हैं न कि सुखचैन की बंसी ज्यादा समय तक नहीं बजती. अगर यह बंसी अय्याशी से भरी हो, तब तो कभी भी इस पर ग्रहण लग सकता है. ऐसा ही कुछ बौद्ध संत चाओखुन अर्ज के साथ हुआ.
चाओखुन अर्ज और गोल्फ की मौजमस्ती एक साल तक खूब परवान चढ़ी. उन के बीच काफी लेनदेन हुआ. इस का अड्डा मिस गोल्फ का आलीशान घर था, जहां अय्याशी के सारे संसाधन थे. चाओखुन ने इसे अपने शौक में शामिल कर लिया था, जबकि गोल्फ के लिए यह आमदनी का जरिया था. गोल्फ अपने कामधंधे को सात तालों में छिपा कर रखती थी. इस बारे में उस ने कभी भी चाओखुन को कुछ नहीं बताया. फिर भी न जाने कैसे गोल्फ के कुछ कारनामों की जानकारी बैंकाक की पुलिस को हो गई.
पुलिस को मिलीं 56 हजार पोर्न वीडियो
अचानक जुलाई 2025 के पहले सप्ताह में मिस गोल्फ के महलनुमा घर पर छापेमारी हुई. उसे जानने वाले लोग हैरान रह गए कि आखिर गोल्फ ने क्या किया, जो उस के घर पर पुलिस की पूरी फौज आ गई. थाईलैंड सरकार की नजर में उस ने क्या गैरकानूनी काम किया? खैर, इस का खुलासा 15 जुलाई, 2025 को हो गया. चौतरफा सनसनीखेज खबर फैल गई. जिस ने भी उस बारे में सुना, उस ने दांतों तले अंगुली दबा ली. और फिर यह मामला पूरी दुनिया में फैल गया.
दरअसल, थाइलैंड पुलिस ने एक बड़े सैक्स ब्लैकमेल रैकेट का खुलासा किया था. इस बारे में सबूत जुटाए थे. उस में लिप्त लोगों में बौद्ध भिक्षुकों की सूची भी थी, जबकि इस का मुख्य आरोपी मिस गोल्फ थी. उस के घर से 56,000 पोर्न यानी अश्लील वीडियो और 80,000 न्यूड तसवीरें बरामद की गई थीं. उस में उन बौद्ध भिक्षुओं के अश्लील अय्याशी के वीडियो थे, जिन्होंने बौद्ध धर्म में त्याग, पवित्रता और संन्यास की सौगंध खाई थी. उन्हीं भिक्षुओं में चाओखुन अर्ज का नाम भी था. उस के गोल्फ के साथ अंतरंग संबंधों के कई वीडियो थे.
इस मामले में पकड़ी गई 35 साल की विलावान सिका गोल्फ एम्सावत उर्फ मिस गोल्फ पर कई बौद्ध भिक्षुकों को यौन संबंध बनाने के लिए उकसाने और फिर उन्हें ब्लैकमेल करने का आरोप लगा. रौयल थाई पुलिस सेंट्रल इनवैस्टिगेशन ब्यूरो के अनुसार उस के घर की तलाशी के दौरान बौद्ध भिक्षुकों को ब्लैकमेल के लिए इस्तेमाल की गई हजारों अश्लील तसवीरें और हजारों अश्लील वीडियो जब्त कर लिए. साथ ही इस में संलिप्त थाईलैंड के 9 बौद्ध भिक्षुकों के नाम सामने आने के बाद उन्हें उन के मठों से निष्काषित कर दिया गया.
पुलिस को बैंकाक के उत्तर में नौथबुरी प्रांत में रहने वाली मिस गोल्फ के पास से कई चोरी के सामान भी मिले. उस के बैंक खातों से यह भी पता चला कि कई बौद्ध भिक्षुकों एवं एक बौद्ध मंदिर के बैंक खाते से एक वरिष्ठ भिक्षुक चाओखुन अर्ज ने उस के खाते में 11.9 मिलियन अमेरिकी डौलर यानी 102.33 करोड़ रुपए ट्रांसफर करवाए थे. इन में से ज्यादातर रकम बौद्ध भिक्षुकों द्वारा मिस गोल्फ के खाते में ट्रांसफर की गई थी. जांच में इस बात का भी पता चला कि इन में से अधिकांश रकम मिस गोल्फ द्वारा औनलाइन खेली जाने वाली जुए वाली वेबसाइट पर खर्च की गई थी.
कौन है मिस गोल्फ
इस गंभीर और संवेदनशील मामले के सामने आने के बाद थाईलैंड के मठ प्रशासन पर कई सवालिया निशान खड़े हो गए. देश भर में थेरवाद संप्रदाय के बौद्ध भिक्षुकों की संख्या काफी अधिक है, जिन्हें ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है. महिलाओं को केवल छूने मात्र से इन के ब्रह्मचर्य पर सवाल उठने लगते हैं. सैक्स स्कैंडल और ब्लैकमेलिंग में फंसी विलावान सिका गोल्फ एम्सावत उर्फ सिका गोल्फ उर्फ मिस गोल्फ फिचित प्रांत के साकलेक जिले की मूल निवासी है. मीडिया में उस का नाम ‘सिका गोल्फ’ प्रचारित है. ‘सिका’ बौद्ध भिक्षुओं द्वारा महिलाओं के लिए एक आदर की उपाधि है.
गोल्फ एक गरीब परिवार में पलीपढ़ी युवती है. पापा उस की मम्मी जेनी को उस के जन्म के कुछ सालों बाद ही छोड़ कर चले गए थे. गरीबी से जूझते हुए उस की मम्मी ने किसी तरह से पालापोसा. इस कारण उस की ज्यादा पढ़ाई नहीं हो पाई. बड़ी होने पर उस में स्वच्छंदता आ गई. अपने मन की मालिक बन गई. युवावस्था आतेआते वह बेहद खूबसूरत दिखने लगी. उस की सुंदरता पर हर कोई मोहित हो जाता था. वह इस का नाजायज फायदा उठाने लगी.
पढ़ाई से कोई वास्ता नहीं था, लेकिन अच्छे रहनसहन, फैशन और पहनावे की ललक थी. इस की पूर्ति के लिए उस ने अमीर लड़कों को फंसाना शुरू किया. उन से दोस्ती की, बौयफ्रेंड बनाया. उन के साथ घूमनेफिरने और मटरगश्ती करने लगी. यह सब करते हुए उस का कौमार्य कब भंग हुआ, उसे यह सब याद नहीं. इस बात की उसे कोई चिंता नहीं थी. जब वह हर क्लास में बारबार फेल हो जाती थी, तब उस की मम्मी जेनी उसे बारबार अच्छेबुरे की नसीहतें देती थी, लेकिन गोल्फ पर उस का कोई असर नहीं होता था.
गरीबी और अभाव में घुटन महसूस कर चुकी गोल्फ कभीकभी तो अपनी मम्मी से भी झगड़ पड़ती थी. ताने देती थी कि तुम ने मेरे उस धोखेबाज पापा से शादी कर मुझे क्यों पैदा किया, जब तुम मुझे अच्छे कपड़े, अच्छा खाना, अच्छा रहना नहीं दिलवा सकती थी. मुझे इस दुनिया में क्यों आने दिया. वैसे गोल्फ ने एक स्टोर में जब नौकरी की शुरुआत की थी, तभी उस की मम्मी की तबीयत अचानक एक दिन ज्यादा खराब हो गई. अच्छी देखरेख नहीं होने के कारण उस की मम्मी जेनी की मृत्यु हो गई.
मम्मी की मौत के बाद गोल्फ पूरी तरह से आजाद हो गई थी. उस ने अपना घर और अपनी मम्मी के सारे गहने बेच दिए. नई नौकरी और सुनहरे भविष्य को बनाने के लिए पुश्तैनी शहर छोड़ कर बैंकाक आ गई. एक बड़े जनरल स्टोर में रिसैप्शनिस्ट की नौकरी कर ली. एक छोटा सा घर किराए पर ले लिया. यहां रहते हुए उस के सपनों ने एक नई सुनहरी उड़ान भरनी शुरू कर दी थी. उसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम पर चैटिंग का शौक चढ़ गया था. उसे नएनए पुरुष दोस्त बनाना और फिर उन के साथ अश्लील चैटिंग करना बहुत पसंद था.
वर्ष 2018 के शुरू में उस की फेसबुक द्वारा एक बौद्ध भिक्षु सोमचाई (परिवर्तित नाम) के साथ दोस्ती हो गई. उस के बाद उन दोनों ने आपस में अपने मोबाइल नंबर शेयर किए. प्यार भी ऐसा रंग लाने लगा कि दोनों मिलने लगे. एक मुलाकात में ही दोनों में प्यार का रंग ऐसा चढ़ा कि सोमचाई ने गोल्फ के लिए एक खूबसूरत फ्लैट किराए पर दिलवा दिया. सोमचाई उस के बाद गोल्फ से मिलने अकसर उस फ्लैट पर आने लगा. दोनों लिवइन में रहने लगे. गोल्फ कुछ दिनों बाद गर्भवती हो गई और उस ने एक बेटे को जन्म दिया. 2019 में बेटा होने के बाद सोमचाई ने गोल्फ से दूरी बढ़ानी शुरू कर दी तो उस ने उसे मीडिया के सामने बदनाम करने की धमकी दे डाली.
इस धमकी का बौद्ध भिक्षुक सोमचाई पर असर हुआ. उस ने बचने के लिए गोल्फ को एकमुश्त 86,206 डौलर (लगभग 74,99,922 रुपए) और प्रतिवर्ष 2,294 डौलर (लगभग 1,99,578 रुपए) बेटे की परवरिश करने के लिए देने को तैयार हो गया. इस के बाद दोनों का मिलनाजुलना लगभग समाप्त होता चला गया था. उन के बीच केवल पैसों का ही लेनदेन होता था.
उस के बाद गोल्फ के दिमाग में तो मानो नया आइडिया आ गया. स्वच्छंदता के मानो पंख लग गए. उस ने अपना टारगेट अब बौद्ध मठाधीशों और बौद्ध भिक्षुओं को बनाना शुरू कर दिया. वह हमेशा 50 वर्ष से अधिक उम्र के बौद्ध मठाधीशों को अपना शिकार बनाने लगी. पहले वह उन बौद्ध भिक्षुओं से फेसबुक के माध्यम से दोस्ती करती थी, फिर अपनी कामोत्तेजक जवानी की तसवीरें भेज कर उन्हें अपनी ओर आकर्षित करती थी. उस के बाद जैसे ही उसे शिकार फंसता नजर आता तो उन के साथ रसीली और कामवासना उकसाने वाली बातें करनी शुरू कर देती थी.
जब उसे लगता कि शिकार फंस चुका है, तब वह उसे अपनी रसीली बातों में फंसा कर किसी अनजान होटल या अपने फ्लैट पर अवैध संबंध बनाने के लिए बुला लेती थी. उस ने अपने फ्लैट के बैडरूम और बाथरूम में हिडन कैमरे लगा रखे थे. यहां तक कि जब वह किसी होटल में बौद्ध भिक्षुओं को आमंत्रित करती तो वह उन के आने से पहले ही बैडरूम और बाथरूम में हिडन कैमरे लगा देती थी. इस तरह उन की अश्लील वीडियो बना कर रख लेती थी. करीब 5-6 महीने के बाद वह अपने प्रैगनेंट होने का झांसा दे कर उन्हें अश्लील तसवीरें और वीडियो दिखाती थी. उस के बाद ब्लैकमेल शुरू कर देती थी.
गोल्फ का खेल ऐसा हुआ खत्म
उस के इस खेल के अंत की शुरुआत 14 जून, 2025 को तब हो गई, जब विलावान सिका यानी गोल्फ ने बैंकाक की रौयल थाई पुलिस में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई. अपनी शिकायत में विलावान ने लिखा कि वाट त्रि थोत्सथेप वोराविहान के बौद्ध मठाधीश फ्राथेप वाचिरापामोक उर्फ चाओखुन अर्ज उस के पति हैं और उन से उन का एक बेटा भी है. विलावान सिका ने दावा किया कि पहले कुछ समय तक चाओखुन अर्ज उस के और बच्चे के भरणपोषण के लिए पैसे नियमित रूप से देते रहे, मगर अब पैसे देने से मुकर रहे हैं. पिछले काफी समय से चाओखुन अर्ज ने उसे बिलकुल भी पैसा नहीं दिया है.
सिका ने यह भी दावा किया कि गर्भावस्था और बच्चे के जन्म के बाद से अब तक चाओखुन अर्ज के ऊपर उस के 7.2 मिलियन बाट (भारतीय करेंसी में लगभग एक करोड़ 70 लाख 7 हजार 200 रुपए) बकाया हैं. कृपया चाओखुन अर्ज से मेरे बकाया रुपए दिलवाने की कृपा की जाए.
धर्मगुरु ने करोड़ों रुपए लुटा दिए मिस गोल्फ पर
यह खबर जैसे ही बैंकाक राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख पोल जनरल कितरत फनफेट तक पहुंची तो उन्होंने इस की विस्तृत जांच के लिए तुरंत केंद्रीय जांच ब्यूरो के डिप्टी कमिश्नर पोल मेजर जनरल जारुनाकियात पंकव के नेतृत्व में एक विशेष पुलिस टीम का गठन कर दिया. वाट त्रि थोत्सथेप वोराविहान मंदिर, बैंकाक, थाईलैंड का एक प्रसिद्ध मंदिर है, जिसे आमतौर पर ‘वाट फो’ के नाम से जाना जाता है. इस प्रसिद्ध मंदिर का इतिहास 16वीं शताब्दी से जुड़ा है, जब इसे एक मठ के रूप में स्थापित किया गया था.
थाईलैंड के राजा राम प्रथम ने 18वीं शताब्दी में इस का जीर्णोद्धार कराया और राजा राम तृतीय के शासन काल में इसे वर्तमान स्वरूप दिया गया, जिस में लेटे हुए बुद्ध की विशाल प्रतिमा स्थापित की गई. 18 जून, 2025 को राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख के आदेश के बाद बैंकाक की रौयल थाई पुलिस के केंद्रीय जांच ब्यूरो के डिप्टी कमिश्नर पोल मेजर जनरल जारुनकियात पंकव के नेतृत्व में वाट त्रि थोत्सयेप मंदिर वोराविहान के मठाधीश चाओखुन अर्ज की तलाशी के लिए छापा मारा.
पुलिस ने जब मंदिर के अन्य भिक्षुओं से बातचीत की तो पता चला कि मठाधीश चाओखुन वहां से सीमा पार लाओस भाग चुका है. उस के बाद पुलिस टीम ने जब मठ के खाते की विस्तृत जांचपड़ताल शुरू की तो जांच में यह पाया गया कि मठाधीश फ्राथेप वाचिरा पामोक उर्फ चाओखुन अर्ज ने मंदिर के खातों से 9.05 मिलियन डालर (भारतीय करेंसी में लगभग 75 करोड़ 43 लाख 91 हजार 723 रुपए) की धनराशि अपने निजी खाते में ट्रांसफर की थी.
लेकिन असली जानकारी तभी सामने आ सकती थी, जब चाओखुन अर्ज से पूछताछ होती, इसलिए रौयल थाई पुलिस अब चाओखुन अर्ज की तलाश में जगहजगह छापे मारने लगी. चाओखुन भी जानता था कि वह अधिक समय तक पुलिस की नजरों से छिपा नहीं रह सकता है, इसलिए अंतत: चाओखुन अर्ज ने 27 जून, 2025 को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.
पुलिस द्वारा विस्तृत पूछताछ में चाओखुन अर्ज ने बताया कि करीब 2 साल पहले विलावान सिका उर्फ मिस गोल्फ ने उस से फेसबुक के माध्यम से संपर्क किया था और दोस्ती बढ़ाई. बाद में हमारे बीच यौन संबंध स्थापित हो गए, उस के बाद हमारा एक बेटा भी हो गया. फिर विलावान मुझ से पैसे की मांग करने लगी. पहले मैं उसे काफी पैसे देता रहा. लेकिन जब मुझे इस बात की जानकारी हुई कि विलावान के अन्य बौद्ध भिक्षुओं के साथ भी संबंध हैं तो मैं ने धीरेधीरे उस से दूरियां बढ़ानी शुरू कर दी.
उस के बाद विलावान मुझ से फोन कर के मुझ से पैसे मांगने लगी, जब मैं ने और पैसे देने से इंकार कर दिया तो उस ने मेरे साथ एक सौदा किया कि अगर उसे एकमुश्त 7.2 मिलियन बाट (लगभग 17 करोड़ भारतीय रुपए) दे दूं तो वह मेरे साथ खींचे गए अश्लील वीडियो और अश्लील फोटो मुझे दे देगी. यह रकम काफी ज्यादा थी और इसलिए मैं ने इतनी धनराशि देने से साफसाफ मना कर दिया, क्योंकि मैं उसे पहले ही काफी रकम दे चुका था. उस के बाद विलावान ने मुझे धमकी दी कि यदि इसे यह रकम यहीं दी तो वह मेरी पुलिस से लिखित शिकायत दर्ज करा देगी.
मैं उस से नहीं डरा. उसे पैसा देने से इनकार कर दिया. मुझे उम्मीद थी कि वह पैसे ऐंठने के लिए पुलिस की धमकी दे रही थी, लेकिन जब उस ने सही में पुलिस से मेरे खिलाफ रिपोर्ट लिखवा दी, तब बदनामी के डर से सीमा पार लाओस भागना पड़ा. इस के बाद चाओखुन को 27 जून, 2025 को वाट त्रि थोत्सथेप वोराविहान के मठाधीश पद से हटा दिया गया था.
ब्लैकमेलर मिस गोल्फ हुई गिरफ्तार
अब रौयल थाई पुलिस की विशेष जांच टीम गोपनीय ढंग से विलावान सिका के पीछे लग गई और उस की हर गतिविधि पर अपनी पैनी नजर रखे हुई थी. इस के लिए विशेष जांच टीम ने अपने गुप्त मुखबिरों को अलगअलग जानकारियां एकत्रित करने के लिए लगा रखा था. विलावान सिका के घर के आसपास भी मुखबिर उस पर कड़ी नजर रखे हुए थे. इसी क्रम में जांच प्रमुख पोल मेजर जनरल जारुनकियात पंकव के नेतृत्व में पुलिस टीम ने विलावान सिका के घर पर छापा मारा तो पुलिस टीम की आंखें खुली की खुली रह गईं.
पुलिस जांच में पाया गया कि विलावान सिका को कुछ सालों में बौद्ध भिक्षुओं की ओर से उस के खाते में 385 मिलियन बाट (भारतीय रुपयों में लगभग 91 करोड़ 57 लाख 75 हजार 635 रुपए) मिले थे. पुलिस द्वारा मीडिया को साझा किए एक वीडियो में एक बौद्ध भिक्षु को सोफे पर विलावान सिका के साथ लेटा हुआ दिखाया गया. विलावान बौद्ध भिक्षु पर उस के सिर में थप्पड़ मारती दिखी. पुलिस ने वीडियो क्लिप और कई तसवीरों में यौन क्रियाओं वाली वीडियो भी जब्त कर लीं. पुलिस पूछताछ में एक बौद्ध भिक्षु ने स्वीकार किया कि उस ने विलावान को एक कार भी गिफ्ट की थी.
बैंकाक के वाट माई याई पेन के एक बौद्ध भिक्षु ने पुलिस को बताया कि विलावान सिका गोल्फ ने धार्मिक वस्तुओं की मदद मांगने के बहाने उन से संपर्क किया था. यह भी स्वीकार किया कि वह विलावान के घर पूरी रात रुका था. उस ने दावा किया कि विलावान सिका ने उस के साथ अंतरंग संबंध बनाने की पहल खुद की और उस के बाद विलावान ने उस से एक लाख थाई बाट (भारतीय रुपयों में लगभग 2 लाख 26 हजार 643 रुपए) उधार भी लिए थे.
वाट चुजित थम्मारम के पूर्व मठाधीश फ्रा थेप्पाचारापोर्न, जिसे मठाधीश पद से हटा दिया गया है, जिसे अब सोम्पोंग के नाम से जाना जाता है. उस के भी अश्लील वीडियो विलावान के साथ मिले थे. सोम्पोंग ने पुलिस के सामने स्वीकार किया कि उस ने 12 मिलियन थाई बाट (भारतीय रुपयों में लगभग 32 करोड़ 40 लाख रुपए) से अधिक की राशि विलावान के खातों में हस्तांतरित की थी. पुलिस ने अब तक 12 भिक्षुओं द्वारा विलावान सिका के अवैध संबंधों की पुष्टि की है, जिन में से 9 बौद्ध भिक्षुओं को उन के मठाधीश पद से हटा दिया गया है, जबकि अन्य की जांच अभी जारी है. पुलिस ने बौद्ध भिक्षुओं पर 2 आरोप लगाए हैं.
आपराधिक संहिता की धारा 147 के तहत एक राज्य अधिकारी द्वारा गबन तथा धारा 157 के तहत एक राज्य अधिकारी द्वारा कार्यालय में कदाचार के आरोप थे. दूसरी ओर विलावान सिका पर भ्रष्टाचार निरोधक प्रभाग द्वारा 4 आरोप लगाए गए हैं. आपराधिक संहिता की धारा 147 के तहत संपत्ति के गबन में एक राज्य अधिकारी का समर्थन करना, धारा 157 के तहत कर्तव्य के कदाचार में एक राज्य अधिकारी का समर्थन करना, धन शोधन की साजिश और चोरी की संपत्ति प्राप्त करना है.
इस पूरे प्रकरण में थाईलैंड के राजा वजीरालोंगकोर्न ने दिनांक 22 जुलाई, 2025 को एक शाही आदेश जारी कर दिया. जिस में दरजनों वरिष्ठ भिक्षुओं को मठाधीश संबंधी उपाधियां प्रदान करने की पूर्व घोषणाओं को रद्द कर दिया गया है. राजा ने कहा कि बौद्ध धर्म में आस्था तो बनी रहेगी, लेकिन भिक्षुओं पर भरोसा कम हो सकता है. भिक्षु शायद अपनी वासनाओं में खो गए हैं. Crime Story in Hindi
कथा लिखने तक बैंकाक पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही थी.