Cyber Crime : एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जिस ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया. यहां स्टॉक मार्केट के नाम पर 6.40 करोड़ रुपए की ठगी की गई. आखिर कौन थे इस ठगी के पीछे, चलिए जानते हैं इस क्राइम से जुड़ी पूरी खबर को विस्तार से.

एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले एक संगठित साइबर फ्रॉड सिंडिकेट का क्राइम ब्रांच ने भंडाफोड़ किया है. यह धोखाधड़ी फरजी स्टॉक मार्केट स्कीम्स और आईपीओ फंडिंग के नाम पर की गई और अब तक 6.40 करोड़ रुपए की ठगी का खुलासा हुआ है. इस मामले में हल्द्वानी निवासी मोहम्मद असीम अली खान और पुणे निवासी ऋषिकेश काचले को गिरफ्तार किया गया है, जो ठगी का पैसा ट्रांसफर कराने के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराते थे.

डीसीपी (क्राइम) आदित्य गौतम के अनुसार, पीड़ितों को व्हाट्सऐप और सोशल मीडिया प्लेटफौर्म पर लालच दे कर CBCX जैसे फरजी ट्रेडिंग ऐप डाउनलोड करवाए जाते. शुरुआत में निवेश पर मुनाफा दिखाया जाता और धीरेधीरे पीड़ितों से अधिक रकम निवेश करने का दबाव बनाया जाता. जब लोग अपना पैसा निकालने की कोशिश करते तो आरोपी रकम को फिर से ट्रांसफर करवा लेते और कई बार धमकी तक देते. इस तरीके से आम लोगों को करोड़ों रुपए के जाल में फंसा लिया गया.

दिल्ली के एक शख्स ने 17 अप्रैल, 2025 को स्पैशल सेल में 5 करोड़ 90 लाख रुपए की ठगी का केस दर्ज कराया था. इस शिकायत पर एसीपी रमेश लांबा की देखरेख में इंसपेक्टर मंजीत कुमार की टीम ने जांच शुरू की. जांच के दौरान हल्द्वानी से असीम अली खान को गिरफ्तार किया गया. इसी जांच में सामने आया कि ठगी का पैसा कई लेयर के बैंक खातों में घुमाया गया ताकि उस का पता लगाना मुश्किल हो.

जांच में बैंक औफ बड़ौदा में एआर ट्रेडर्स नाम से खोले गए खाते का खुलासा हुआ, जिसमें 66 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए थे. इसी खाते से नैशनल क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर 8 शिकायतें दर्ज पाई गईं. असीम के खिलाफ कुरुक्षेत्र में भी एक मामला दर्ज है. इसी तरह ईस्ट जिला साइबर थाने में 30 मई 2025 को एक अन्य पीड़ित ने 46 लाख 66 हजार रुपए की ठगी का केस दर्ज कराया. जांच में सामने आया कि यह खाता पहली लेयर के खातों में से था, जिस में करीब 71 लाख रुपए पहुंचे थे. इस खाते से NCRP पर दर्ज 78 और शिकायतें जुड़ी हुई थीं और इस पर हैदराबाद में भी केस दर्ज पाया गया.

आरोपी को अरेस्ट कर लिया गया है और पूछताछ में आरोपियों ने बैंक खाते उपलब्ध कराने की बात कुबूल की. NCRP की बड़ी संख्या में शिकायतें लिंक होने से यह साफ हो गया कि यह सिंडिकेट देशभर में फैला है और एक संगठित नेटवर्क के तौर पर काम कर रहा था, जो सोशल मीडिया के जरिए भोलेभाले निवेशकों को अपने जाल में फंसाकर करोड़ों की ठगी कर रहा था. Cyber Crime

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