UP Crime News : बलरामपुर की विनीता और उस का पति मदन कुमार आर्य दोनों ही सरकारी नौकरी पर थे. हर महीने मोटी सैलरी मिलती थी. कमाई के चक्कर में मदन कुमार पत्नी की शारीरिक जरूरत को तवज्जो नहीं देता था. ऐसे में 2 जवान बच्चों की 40 वर्षीय मां विनीता का अपने भांजे उमेश कुमार पर दिल आ गया. फिर एक दिन वही हुआ, जिस की...
विनीता आर्य 2 सप्ताह से अपने भांजे उमेश कुमार की काल रिसीव नहीं कर रही थी, जिस से उमेश की उलझन बढ़ती जा रही थी. इसी उलझन में वह शाम करीब 5 बजे विनीता के घर जा पहुंचा. उस ने डोरबैल बजाई तो चंद मिनट बाद विनीता ने दरवाजा खोला. सामने उमेश को देखते ही विनीता तल्ख स्वर में बोली, ''उमेश, तुम्हारे मामा तो घर में हैं नहीं. बेटा मनु भी कोचिंग गया है.’’
''मामी, मामा नहीं, आप तो हैं.’’ कहते हुए उमेश घर के अंदर आ गया और कमरे में पड़े सोफे पर आ कर बैठ गया. उमेश ने एक सरसरी नजर विनीता मामी पर डाली फिर बोला, ''मामी, वैसे भी मैं मामा से नहीं, तुम से मिलने आया हूं. तुम मेरी काल रिसीव क्यों नहीं कर रही थी.’’
''देखो उमेश, अब तुम शादीशुदा और एक बच्चे के बाप हो. इसलिए तुम से फोन पर बतियाना और तुम्हारा घर आना, दोनों ही ठीक नहीं है. वैसे भी पति और बेटा दोनों तुम्हें शक की नजरों से देखते हैं. तुम से नफरत करते हैं.’’
''मामी, मैं पहले भी तो घर आता था. तब तुम खूब हंसती थी, बोलती थी, बतियाती थी. मेरे आने का इंतजार करती थी. 2-4 दिन भी न आऊं तो उलाहना देती थी. अंतरंग क्षणों में तुम्हें सुख की अनुभूति भी होती थी, परंतु अब क्या हो गया है?’’