Love story in Hindi : कालेज में पढ़ाई के दौरान 19 साल की वर्षिता चेतन नाम के युवक को दिल दे बैठी थी. बाद में पता चला कि चेतन स्टेज थ्री का कैंसर पेशेंट है. इस के बावजूद हालात ऐसे बन गए कि वर्षिता के पेरेंट्स को कैंसर पीडि़त चेतन के साथ सगाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा, लेकिन शादी होने से पहले चेतन ने एक दिन न सिर्फ वर्षिता की हत्या कर दी, बल्कि उस की लाश पेट्रोल से जला दी. आखिर मंगेतर क्यों बना खूनी?
कर्नाटक के जिला चित्रदुर्ग के रहने वाले चेतन को पता चला कि उसे तीसरी स्टेज का कैंसर है. यह जानकारी होने के बाद 19 वर्षीय प्रेमिका वर्षिता उस से कटीकटी रहने लगी थी. इस बीच उस ने किसी अन्य युवक से संबंध बना लिए थे. बस, इसी बात से चेतन नाराज हो गया था और वर्षिता को सबक सिखाने के बारे में सोचने लगा था. उसी बीच जब वर्षिता के गर्भवती होने का पता चलने के बाद उस की चाची ने चेतन से वर्षिता से विवाह की बात की तो उस की नाराजगी और बढ़ गई. वह धोखेबाज और स्वार्थी वर्षिता से विवाह बिलकुल नहीं करना चाहता था.

जबकि वर्षिता के फेमिली वाले उस पर विवाह के लिए दबाव डाल रहे थे. इसलिए चेतन वर्षिता से बचने के उपाय सोचने लगा. वर्षिता से बचने का जब कोई उपाय चेतन को नहीं सूझा तो उस ने उस की हत्या की योजना बना डाली. उसी योजना के तहत उस ने 14 अगस्त, 2025 को वर्षिता को फोन कर के कहीं घूमने चलने के लिए कहा. वर्षिता को पता था कि उस के पेरेंट्स उस के विवाह की बात चेतन से कर रहे हैं, इसलिए वह खुशीखुशी उस के साथ जाने के लिए राजी हो गई.
शाम को अपनी बाइक ले कर चेतन वर्षिता के हौस्टल पहुंचा तो वर्षिता ने वार्डन से घर जाने के बहाने छुट्टी ली और चेतन के साथ घूमने के लिए निकल पड़ी. चेतन अपनी योजना के अनुसार, पूरी तैयारी कर के आया था. शाम के धुंधलके में गोनूर के पास सुनसान स्थान देख कर एक ब्रिज के पास उस ने बाइक रोक दी. चेतन के मन में क्या है, यह तो वर्षिता को पता नहीं था. इसलिए जब चेतन ने बाइक रोकी तो उस ने हंसते हुए कहा, ”जंगल में मंगल मनाने का मन है क्या?’’
”वह तो बाद की बात है. मैं यह जानना चाहता हूं कि तुम्हारे पेट में जो बच्चा है, वह किस का है? क्योंकि जब तुम्हें पता चला कि मुझे कैंसर है, तब तुम ने किसी दूसरे युवक से संबंध बना लिए थे.’’ चेतन ने कहा.
”तुम से किस ने कहा कि मैं ने दूसरे से संबंध बना लिए थे?’’ वर्षिता ने पूछा.
”हर चीज कहने से ही पता नहीं चलती. कुछ बातें हवा में फैल जाती हैं, जो अपने आप कानों तक पहुंच जाती हैं.’’ चेतन ने तल्खी से कहा, ”अब जब उस का पाप तुम्हारे पेट में पलने लगा है तो तुम्हारे फेमिली वाले तुम्हें मेरे गले में बांधना चाहते हैं. लेकिन अब मैं तुम से विवाह नहीं करने वाला.’’
”क्यों नहीं करोगे मुझ से विवाह? विवाह तो तुम्हें मुझ से हर हालत में करना होगा.’’ वर्षिता गुस्से में बोली.
”मैं और तुम से विवाह, कतई नहीं. मैं तुम से बिलकुल विवाह नहीं करूंगा. तुम्हें जो करना हो, कर लेना.’’ चेतन ने कहा.
”मैं तुम्हारे खिलाफ पुलिस में शिकायत करूंगी. तुम्हें जेल भिजवा दूंगी.’’ वर्षिता चिल्लाई.
तभी चेतन ने उसे धक्का देते हुए कहा, ”तू मेरे खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा कर मुझे जेल भिजवाएगी? मैं तुझे उस लायक ही नहीं छोड़ूंगा. मैं अभी तुझे खत्म कर दूंगा.’’
इतना कह कर चेतन लातघूंसों से वर्षिता की पिटाई करने लगा. जब वर्षिता की पिटाई करतेकरते उस का मन भर गया और वर्षिता अधमरी हो गई तो गला दबा कर उस की हत्या कर चेतन ने साथ लाए पेट्रोल को उस के ऊपर डाल कर आग लगा दी. इस के बाद अपनी बाइक ले कर वह चित्रदुर्ग अपने घर वापस आ गया. नैशनल हाइवे नंबर-48 पर गोनूर ब्रिज के नीचे विश्राम के लिए रुके 2 लोगों ने सड़क किनारे एक अधजली लाश देखी. इस बात की सूचना चित्रदुर्ग थाना पुलिस को दी गई. पुलिस ने लाश की पहचान की कोशिश की, लेकिन तत्काल उस की शिनाख्त नहीं हो सकी.
लेकिन जब पुलिस को पता चला कि सरकारी डिग्री कालेज में पढऩे वाली एक लड़की वर्षिता की गुमशुदगी हिरियूर थाने में दर्ज कराई गई है. तब चित्रदुर्ग पुलिस ने तुरंत वर्षिता के पेरेंट्स को बुला लिया. पेरेंट्स ने अस्पताल पहुंच कर वर्षिता के शरीर के टैटू से लाश की शिनाख्त की. वर्षिता की लाश मिलने के बाद दलित संगठनों ने हत्यारे को गिरफ्तार करने के लिए आंदोलन भी किया था. उन की मांग थी कि जब तक हत्यारे को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, तब तक वह अपना आंदोलन जारी रखेंगे. मृतका की मम्मी ज्योति थिप्पेस्वामी ने हत्यारे को जल्द गिरफ्तार कर फांसी की सजा दिए जाने की मांग की.
पूछताछ के बाद पुलिस ने आरोपी चेतन को गिरफ्तार कर उसे अदालत में पेश कर के जेल भेज दिया था. लाश की शिनाख्त होने के बाद पुलिस ने लाश को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा कर मामले की जांच शुरू की. सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन, दोस्तों व रिश्तेदारों से पूछताछ में पुलिस को पता चला कि वर्षिता और चेतन के बीच पिछले लगभग 10 महीने से प्रेम संबंध था. लोगों ने यह भी बताया कि चेतन ने उसे नौकरी का लालच दिया था. परेशानी की बात यह थी कि कोई चश्मदीद नहीं था, जो घटना की सटीक जानकारी देता. पर वर्षिता के हौस्टल से निकलने के बाद सीसीटीवी फुटेज में दोनों साथ जाते नजर आए थे. आगे चेतन चल रहा था और उस के पीछे वर्षिता चल रही थी.
हौस्टल से निकलने के बाद दोनों बाइक से जाते समय पेट्रोल पंप पर पहुंचे और वहां बाइक में पेट्रोल भराया था. वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में भी दोनों साथ नजर आए थे. इस के अलावा दोनों के मोबाइल की लोकेशन भी एक साथ मिली थी. यही नहीं, वर्षिता के हौस्टल से निकलने से पहले चेतन ने उस से फोन पर बात भी की थी. इस के बाद पुलिस ने वर्षिता के प्रेमी चेतन को गिरफ्तार कर लिया. उस ने चित्रदुर्ग के एसपी रंजीत कुमार बंडारू की मौजूदगी में वर्षिता की हत्याकांड की चौंकाने वाली कहानी बताई.

कर्नाटक के जिला चित्रदुर्ग के थाना हिरियूर के गांव कोवरहट्टी की रहने वाली 19 साल की वर्षिता चित्रदुर्ग के सरकारी डिग्री कालेज में सेकेंड ईयर की छात्रा थी और वहीं एससीएसटी हौस्टल में रहती थी. मम्मीपापा गांव में रह कर मेहनतमजदूरी करते थे. एकलौती संतान होने की वजह से वर्षिता ही अपने मम्मीपापा के जीवन का आधार थी. गरीब होने की वजह से वे यही सोचते थे कि बेटी पढ़लिख कर कुछ बन जाएगी तो कम से कम उन का बुढ़ापा तो सुख से कट जाएगा. इसीलिए गरीब होने के बावजूद वे उसे एक बेटे की तरह पढ़ालिखा रहे थे.
दूसरी ओर वर्षिता सरकार से मिलने वाली सहायता यानी स्कौलरशिप से अपनी पढ़ाई कर रही थी. मम्मीपापा तो किसी तरह अपना ही खर्च चला रहे थे, इसलिए उन से उसे कोई ज्यादा उम्मीद नहीं रहती थी. फिर भी वे मिलने वाली मजदूरी से कुछ न कुछ रुपए बचा कर वर्षिता को देते ही रहते थे, जबकि वह वर्षिता के लिए ऊंट के मुंह में जीरा के समान था. गरीबी में जीने वाली वर्षिता हमेशा मुसकराती रहती थी. लडख़ड़ाते सपनों और किताबों में उलझी होने के बावजूद उसे उम्मीद थी कि एक दिन वह अपने सपने पूरे करने में सफल जरूर होगी. पर उस के भीतर कुछ और भी था. मजबूर होने के
बाद भी वह किसी की चाह में डूब चुकी थी. इंस्टाग्राम पर मैसेज करतेकरते उस की धीरेधीरे चेतन नाम के युवक से दोस्ती हो गई थी. दोस्ती ने भरोसा दिया. फिर भरोसे ने उम्मीद जगाई और उसी उम्मीद में वह उस के प्यार के रंग में रंग गई. चेतन देखने में साधारण, पर सोच से बेहद चालाक और स्वार्थी था. वह एक मल्टीनैशनल कंपनी में नौकरी करता था. वह उस कंपनी में भरती का काम देखता था. वह बातचीत में थोड़ा झिझकता था, क्योंकि उस पर जिम्मेदारियों का बोझ था. दोनों की जानपहचान इंस्टाग्राम से हुई थी. चेतन से जब वर्षिता ने अपनी परेशानी बता कर उस से नौकरी दिलाने को कहा तो उस ने कहा था कि वह उस के लिए जरूर कुछ करेगा. वह उसे कहीं न कहीं नौकरी जरूर दिला देगा.
इसी उम्मीद में वर्षिता ने उस का हाथ थाम लिया था. उन की बातचीत शाम की गपशप तक ही सीमित नहीं रही थी, दोनों ही एकदूसरे का भरोसा बनते गए और रिश्ते के तार गुंथते गए थे. वे एकदूसरे का इस तरह भरोसा बन गए थे कि उन के बीच शारीरिक संबंध भी बन गए थे.फिर जो सच सामने आया, वह बहुत ही दुखद था. पता चला कि चेतन को कैंसर हो गया है. डौक्टरों के अनुसार उसे तीसरी स्टेज का कैंसर था. चेतन की जिंदगी अब सवालों में घिर गई थी. उस का जीवन भरोसे का नहीं रह गया था. इसलिए उस पर भरोसा करना वर्षिता के लिए मुश्किल हो गया था. इलाज, खर्च, भविष्य के फैसले, ये सब चीजें अचानक रिश्ते के बीच आ गई थीं.

वर्षिता ने चेतन से दूरी बढ़ानी शुरू कर दी, जिस से चेतन को झटका सा लगा. दोनों ने शादी के बारे में सोच लिया था. ऐसे में चेतन को वर्षिता से प्यार और सहारे की उम्मीद थी. जबकि वह उस से दूर जाने लगी थी. दोनों की दुनिया में दरारें पडऩे लगी थीं.फिर वह खबर आई, जिस ने वर्षिता के परिवार को हिला कर रख दिया. पता चला कि वर्षिता गर्भवती थी. जब घर वालों को इस बात का पता चला तो सभी घबरा गए. बात इज्जत की थी, इसलिए घर वाले इज्जत बचाने के लिए वर्षिता और चेतन की शादी के बारे में सोचने ही नहीं लगे, बल्कि वर्षिता की चाची ने चेतन से वर्षिता से विवाह करने की बात की. उन्होंने कहा कि वर्षिता जिस स्थिति में है, उस में अब उसे उस से विवाह कर लेना चाहिए, वरना वे कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे.
चेतन ने वर्षिता से विवाह के लिए मना करते हुए कहा कि वर्षिता का अब किसी अन्य युवक से संबंध है. इसलिए हो सकता है, यह बच्चा उसी का हो. इस के बाद चेतन वर्षिता से छुटकारा पाने के बारे में सोचने लगा था. क्योंकि अब वह वर्षिता को धोखेबाज और स्वार्थी मानने लगा था और ऐसी लड़की से वह विवाह नहीं करना चाहता था. 14 अगस्त, 2025 को वर्षिता ने घर जाने के लिए हौस्टल से छुट्टी ली. पर वह गांव गई नहीं. मम्मीपापा तो यही सोच रहे थे कि बेटी हौस्टल में होगी, लेकिन जब अगले दिन वर्षिता से फेमिली वालों की बात नहीं हुई तो फेमिली वालों को चिंता हुई. पापा ने हौस्टल में पता किया तो मालूम हुआ कि वह तो एक दिन पहले ही घर के लिए हौस्टल से छुट्टी ले कर निकल चुकी है.

यह सुन कर फेमिली वाले घबरा गए और वर्षिता के पापा थिप्पेस्वामी ने तुरंत हिरियूर थाने में बेटी की गुमशुदगी दर्ज करा दी थी. बाद में उन्हें बेटी की हत्या की सूचना मिली. पुलिस ने आरोपी चेतन से पूछताछ के बाद उसे कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया. Love story in Hindi






