Motivational Story: एक टांग कटने के बाद भी शुभरीत ने हार नहीं मानी और एक टांग से ही अब वह ऐसा डांस करती है कि दो टांगों वाले देख कर हैरान रह जाते हैं….

कुछ दिनों पहले तक पंजाब के जिला संगरूर के छोटे से गांव झुंडा के बारे में कोई कुछ    नहीं जानता था. शायद ही    किसी ने इस गांव का नाम सुना हो.  लेकिन आज इस गांव की एक बेटी की वजह से झुंडा गांव को देश के लोग ही नहीं, पूरी दुनिया के लोग जानने लगे हैं. झुंडा गांव में ही रहते थे सरदार परमजीत सिंह घुम्मण. उन के परिवार में धर्मपत्नी चरणजीत कौर के अलावा 2 बेटियां थीं, शुभरीत कौर और सुरमीत कौर. बड़ी बेटी शुभरीत कौर का जन्म 22 अप्रैल, 1986 को हुआ था.

अपनी पढ़ाई गांव के प्राइमरी स्कूल से शुरू कर के शुभरीत ने अमरगढ़ के सरकारी सीनियर सेकैंडरी स्कूल से दसवीं पास की. इस के बाद कस्बा गज्जण माजरा के पायनियर पब्लिक स्कूल से बारहवीं किया और जीएनएम का कोर्स करने चंडीगढ़ से आ गई. अपना यह कोर्स पूरा करने के बाद उस ने बीएससी (नर्सिंग) में दाखिला ले लिया. सरदार परमजीत सिंह का सन 2000 में देहांत हो गया. इस तरह पति के अचानक साथ छोड़ देने से चरणजीत कौर को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. फिर भी हर परेशानी का उन्होंने डट कर मुकाबला किया. वह अपनी बेटियों को उन की रुचि के अनुरूप पढ़ालिखा कर समाज में उचित स्थान दिलाना चाहती थीं. उन्हें अपनी बड़ी बेटी शुभरीत से बहुत उम्मीदें थीं.

लेकिन मंजिल के बीच रास्ते में ही शुभरीत के साथ एक दर्दनाक हादसा हो गया. सन 2009 की बात है. शुभरीत उन दिनों चंडीगढ़ में बीएससी (नर्सिंग) कर रही थी. एक दिन स्पीड बे्रकर पर स्लिप हो जाने की वजह से उस की स्कूटी पलट गई, उसे बाईं टांग में चोट लगी. कुछ लोग उसे उठा कर नजदीक के एक अस्पताल ले गए. शुभरीत के अनुसार, चोट इतनी गंभीर नहीं थी, लेकिन डाक्टरों की लापरवाही की वजह से इलाज के दौरान इन्फैक्शन हो गया, जो बाद में गैंगरीन में बदल गया. डाक्टरों ने शंका व्यक्त की कि यह इन्फैक्शन शरीर में फैल कर उस की जान ले सकता है. शुभरीत न हिम्मत हारने वाली लड़कियों में थी, न डरने वाली लड़कियों में.

उस की हिम्मत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस बात को सुनने के बाद घबराने के बजाय उस ने इसे सकारात्मक लहजे में लिया. उस ने कहीं सुना था कि कुदरत अगर एक राह बंद करती है तो दूसरी तमाम राहें खोल देती है. उसे लगा कि कुदरत अगर उस से उस की एक टांग वापस लेना चाहती है तो यह भी संभव है कि यह सब उस के भले के लिए ही हो रहा हो. उस ने डाक्टरों से अपनी टांग काटने के लिए कह दिया. डाक्टर शुभरीत की टांग को एकदम ऊपर से काटने के लिए कह रहे थे, जिस के लिए शुभरीत राजी नहीं थी. वह अपनी बात पर अड़ गई कि टांग तो कटेगी, लेकिन एकदम ऊपर से नहीं.

डाक्टरों की टीम इस बात पर सहमत नहीं थी, क्योंकि उन्हें इस में काफी खतरा दिखाई दे रहा था. उन्होंने शुभरीत को समझाने की बहुत कोशिश की, पर शुभरीत राजी नहीं हुई. इस के बाद उस ने उन डाक्टरों से अपनी टांग कटाने के बजाय अन्य डाक्टरों से संपर्क किया. वे डाक्टर शुभरीत के अपने ऊपर खतरा लेने पर उस के हिसाब से उस की टांग काटने को तैयार हो गए. शुभरीत की इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास के आगे डाक्टर झुक गए और उन्होंने उस का औपरेशन कर के उस की इच्छा के अनुसार उस की टांग काट दी.

अपाहिज हो जाने के बाद शुभरीत ने महसूस किया कि अब उस की दुनिया पहले जैसी नहीं रही. लोग उस से कन्नी काटने लगे हैं. अगर कोई उस से बात करता भी है तो जैसे उस पर तरस खा रहा है. समय बीतता रहा और इस बीच उस का कहीं भी आनाजाना एकदम कम हो गया था. इस तरह उस का एक साल घर पर ही बीता. इस बीच उस ने अपने बारे में सोचते हुए एक अहम फैसला यह लिया कि कुदरत ने उस के साथ भले ही कैसा भी खेल खेला हो, अब वह अपनी आत्मशक्ति से कुछ ऐसा करेगी, जो असंभव शब्द को हमेशा के लिए उस के शब्दकोश से हटा देगा.

शुभरीत ने काफी सोचविचार कर ऐलान कर दिया कि वह डांस सीखेगी और एक टांग से ही नाचने में ऐसी महारत हासिल करेगी, जैसी महारत 2 टांगों वाला भी जल्दी नहीं हासिल कर सकता. थोड़ाबहुत डांस वह पहले से करती आ रही थी, लेकिन अब उस ने इसे गंभीरता से लेते हुए लगन से डांस सीखना शुरू कर दिया. डांस सिखाने वालों ने शुभरीत की हालत देख कर पहले तो उसे डांस सिखाने से मना कर दिया, लेकिन जब उस के हौंसले और जज्बात और जिद को देखा तो उन्हें झुकना पड़ा.

शुभरीत ने अपनी एक टांग से दिनरात डांस की प्रैक्टिस शुरू कर दी. इस से उसे एक नुकसान यह हुआ कि कटी हुई टांग में कुछ ऐसी समस्या आ गई कि उसे एक बार फिर उस का औपरेशन करवाना पड़ा. डक्टरों ने 3 महीने तक उसे डांस करने से एकदम मना कर दिया था. 3 महीने तक की उसे फुल बैड रेस्ट की सलाह दी थी. इस से शुभरीत के शुभचिंतकों का यही मानना था कि अब वह कभी डांस नहीं कर पाएगी. लेकिन डाक्टरों की हिदायत के अनुसार, 3 महीने तक आराम करने के बाद शुभरीत ने एक बार फिर अपनी डांस की प्रैक्टिस शुरू कर दी. इसी के साथ वह उस ‘दि चैलेंजर्स वर्ल्ड’ संस्था से जुड़ गई, जिस के संचालक कारगिल जंग में अपनी एक टांग गंवा देने के बाद देश के पहले ब्लेड रनर बने मेजर डी.पी. सिंह हैं.

खैर, लगातार प्रैक्टिस करने की वजह से जल्दी ही वह समय आ गया, जब शुभरीत अपनी नृत्यकला से अपने साथ के तमाम डांसरों को पछाड़ने लगी. अभी तक वह संगरूर के नृत्य स्कूलों में ही डांस करती थी, लेकिन जब उसे पता चला कि चंडीगढ़ की रौक स्टार अकैडमी के जरिए वह अपना कोई अलग स्थान बना सकती है तो उस ने अकैडमी के संचालक से संपर्क किया. संचालक शुभरीत के जज्बे से इस तरह प्रभावित हुआ कि उस ने उसे अपने अकैडमी में दाखिला तो दे ही दिया, उसे नृत्य की खास तरह की ट्रेनिंग भी देनी शुरू कर दी. फिर क्या था, शुभरीत की ऐसी प्रतिभा निखर कर सामने आई कि संचालक ने उसे किसी बड़ी स्पर्धा में ले जाने का विचार कर लिया.

मां चरणजीत कौर शुरू ही से बेटी के साथ थीं. उन्होंने भी शुभरीत को किसी बड़े मुकाम तक ले जाने का विचार बना रखा था. इसलिए जहां भी जाना होता था, वह बेटी के साथ जाने को तैयार रहती थीं. आखिर सभी का सहयोग और शुभकामनाएं रंग लाईं और शुभरीत का नाम ‘इंडियाज गौट टैलेंट सीजन-5’ के उम्मीदवारों में शामिल हो गया, जहां वह सभी पड़ाव पार करते हुए सैमीफाइनल तक पहुंच गई. अंतिम रूप से इस मुकाबले में वह भले ही फर्स्ट रनरअप रही, लेकिन अपनी अद्भुत प्रतिभा से उस ने जज किरन खेर, मलाइका अरोड़ा खान और करण जौहर के अलावा अमिताभ बच्चन जैसे मुख्य मेहमानों का भी दिल जीत लिया.

यही नहीं, फिनाले में टीवी एक्टर गुरमीत के साथ कपल डांस कर के उस ने अनूठा समां बांध दिया. उस ने अमिताभ बच्चन के साथ भी ‘कजरारेकजरारे, तेरे कालेकाले नैनां’ गाने पर डांस किया. शुभरीत मेकअप आर्टिस्ट तो है ही, भविष्य में अपनी प्रोफैशनल डांस अकैडमी खोलना चाहती है. दरअसल अपने साथ हुए हादसे के दौरान समय बिताने के लिए उस ने मेकअप आर्टिस्ट का कोर्स कर लिया था. फिलहाल शुभरीत मुंबई में रह कर अकेले शो करते हुए इस मायानगरी में अपना विशेष स्थान बनाने में जुटी है. साथ ही वह ‘झलक दिखला जा’ सीजन-8 की तैयारी में व्यस्त हैं. उल्लेखनीय है कि ‘कलर्स’ चैनल पर प्रसारित होने वाले इस कार्यक्रम के लिए शुभरीन का सिलेक्शन हो चुका है. शुभरीत इस शो को ले कर बहुत उत्साहित हैं. वह अपने कोरियोग्राफर के साथ अलग अंदाज का नृत्य करते हुए अपनी अनूठी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगी. Motivational Story

कथा शुभरीत के साक्षात्कार पर आधारित

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...