Hindi Stories: संजय गुप्ता सोनू की फितरत समझ नहीं पाए और उस पर विश्वास कर के उस का पुलिस वेरीफिकेशन भी नहीं कराया. शातिर सोनू ने इसी का फायदा उठा कर ऐसा क्या कर डाला कि अब संजय गुप्ता को पछतावा हो रहा है.
उत्तर प्रदेश का नोएडा शहर देश की राजधानी दिल्ली की सीमा से सटे तेजी से विकसित व्यावसायिक नगर के रूप में जाना जाता है. यह शहर एशिया के बड़े औद्योगिक उपनगरों में से एक है. यहां की अधिकांश जमीनों पर बड़ीबड़ी इमारतें बन गईं हैं. विकास की पगडंडियों के बीच यहां रहने वालों की अपनीअपनी जिंदगियां हैं. सेक्टर-41 की कोठी नंबर बी-169 में रहने वाले संजय गुप्ता की पत्नी श्रीमती राखी गुप्ता अच्छी चित्रकार थीं. उन्होंने सैंकड़ों पेंटिंगें बनाई थीं. यह उन का पेशा नहीं, बल्कि शौक था, जिसे पूरा करने के लिए वह कैनवास पर जिंदगी के रंगों को अक्सर उकेरा करती थीं. अभिव्यक्ति के अपने मायने होते हैं, उसे प्रदर्शित करने का सभी का अपना अलगअलग अंदाज होता है.
उस दिन भी सफेद कैनवास पर अपनी अंगुलियों से ब्रश के जरिए जो चित्र उन्होंने उकेरा था, वह एक खुशहाल परिवार का था, जिस में पतिपत्नी और उन के 2 बच्चे प्रसन्न मुद्रा में नजर आ रहे थे. सभी की बांहें एकदूसरे के गले में थीं. ब्रश को किनारे रख कर राखी पेंटिंग को निहारने लगीं. काफी देर तक अपलक निहारने के बाद उन की आंखों में अचानक आंसू छलक आए. आंसुओं ने लुढ़क कर अपना सफर शुरू किया तो राखी ने साड़ी के पल्लू से उन के वजूद को मिटाने की कोशिश की. सोफे पर बैठे संजय की नजर पत्नी पर गई तो नजदीक जा कर उन के कंधे पर हाथ रख कर बोले, ‘‘तुम बारबार परेशान क्यों हो जाती हो?’’






