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डीसीपी प्रशांत गौतम ने दोनों पीडि़तों की बात गौर से सुनी और उन की तहरीर ले कर उन्होंने एसीपी जयप्रकाश के नेतृत्व में एक टीम गठित कर कैश एडवांस लोन ऐप कंपनी के खिलाफ जांच करने के निर्देश दिए. इस टीम में एसआई सोनम जोशी, करमवीर, हरजीत, एएसआई नीरज पांडेय, सुरेंद्र राठी, हैडकांस्टेबल धर्मेंद्र, मोहित, राजेश, प्रदीप और कांस्टेबल राकेश दर्शन तथा दीपक को शामिल किया गया.

लोन ऐप के खिलाफ हुईं 2000 से ज्यादा शिकायतें

इस टीम ने राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर इस कंपनी की खोज की तो मालूम हुआ इस कंपनी के खिलाफ दिल्ली में 102 और देश भर में 1,977 लोगों ने ठगे जाने की शिकायत दर्ज करवाई है. यह संख्या कम नहीं थी. अनुमान लगाया गया कि अब तक इस कंपनी ने करोड़ों रुपए लोगों की लोगों की जेबों से झटक लिए हैं.

इस के बाद आईएफएसओ की पूरी टीम इन ठगों के गरेबान तक हाथ डालने के इरादे से पूरी मेहनत से जुट गई. उन्होंने उन बैंक खातों की जांच की, जहां लोन चुकाने वाले किस्तें जमा करवाते थे, उन के स्वामित्व के विवरण एकत्र किए गए. पता चला ये खाते दिल्ली, सूरत केरल और कोलकाता के हैं.

पुलिस टीम गहता से जांच में जुटी थी. बाद में टीम आरोपियों तक पहुंचने में सफल हो गई और टीम ने 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया.

यह 6 लोग थे मुस्तजाब गुलाम मोहम्मद नवीवाला (सूरत), अनीश भाई अशरफ विंची (सूरत), गोकुल विश्वास (नादिया पश्चिम बंगाल), अशोक (सुलतानपुरी, दिल्ली), बलवंत (सुलतानपुरी, दिल्ली) और नितिन कुमार (महिपालपुर, दिल्ली).

इन से की गई पूछताछ में पता चला कि इन का सरगना दिल्ली का नितिन कुमार था. 24 वर्षीय नितिन के परिवार में मम्मीपापा और 2 बहनें हैं. नितिन ने बीएससी पास की, अब वह एमबीए की पढ़ाई कर रहा है. इस ने 12वीं क्लास के बाद एसबीआई क्रेडिट कार्ड सेल्स में काम किया था.

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