एनी का जन्म स्वीडन के मेरिस्टाड शहर में हुआ था. इस के पहले उस का परिवार युगांडा में रहता था. लेकिन जब युगांडा में ईदी अमीन का शासन हुआ तो उस ने एशियाई लोगों को युगांडा छोड़ने पर मजबूर कर दिया था. सभी को स्वीडन के मेरिस्टाड शहर भेज दिया गया था. तभी एनी का परिवार भी वहां आ गया था. यहीं एनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर के नौकरी कर रही थी.
सारी जानकारी जुटा कर श्रीन के घर वाले एनी के घर रिश्ता मांगने पहुंचे तो उस के घर वालों को जैसे विश्वास ही नहीं हुआ. रिश्ता खुद उन के घर चल कर आया था. वे लोग भी उन्हीं की तरह भारतीय मूल के थे. आर्थिक स्थिति भी बेहतर थी.
लड़का सुंदर और सुशील होने के साथ व्यवसाय में लगा था. कोई ऐब भी नहीं था. इस सब के अलावा सब से बड़ी बात यह थी कि लड़का और लड़की एकदूसरे को प्यार करते थे. इसलिए न करने का सवाल ही नहीं था.
दोनों परिवारों की सहमति पर शादी तय हो गई. इस के बाद पेरिस के होटल रिट्ज में रिंग सेरेमनी हो गई. चूंकि दोनों परिवार भारतीय मूल के थे, उन के अधिकतर रिश्तेदार भारत में रहते थे, इसलिए तय हुआ कि शादी वे भारत में करेंगे. शादी का दिन और जगह भी तय कर ली गई.
29 अक्तूबर, 2010 को बाहरी मुंबई के लेक पोवई रिसौर्ट में हिंदू रीतिरिवाजों से श्रीन और एनी शादी के पवित्र बंधन में बंध गए. श्रीन के अरमानों की डोली में बैठ कर एनी लंदन आ गई. शादी की खुशी में यहां भी दोस्तों और परिचितों के लिए एक पार्टी आयोजित की गई.
एनी हिंडोचा अब एनी देवानी बन गई. एनी हनीमून मनाने साउथ अफ्रीका जाना चाहती थी, जबकि श्रीन पश्चिम के किसी देश जाना चाहता था. कई दिनों तक दोनों में इसी विषय पर चर्चा होती रही. लेकिन दोनों ही अपनी जिद पर अड़े थे.
एनी साउथ अफ्रीका घूमना चाहती थी, जबकि श्रीन इस के लिए तैयार नहीं था. वह यह जरूर कह रहा था कि फिर कभी वह उसे साउथ अफ्रीका घुमा लाएगा. लेकिन अचानक श्रीन का मन बदल गया.
उस ने साउथ अफ्रीका जाने के लिए हां कर करते हुए कहा, ‘‘मैं तुम्हें इतना प्यार करता हूं कि इस छोटी सी बात के लिए तुम्हें निराश नहीं कर सकता. और फिर फर्क ही क्या पड़ता है, हनीमून पश्चिम के किसी देश में मनाया जाए या साउथ अफ्रीका में.’’
नवंबर के दूसरे सप्ताह में हनीमून पर जाने की तैयारी हो गई. 11 नवंबर को दोनों साउथ अफ्रीका के केपटाउन पहुंच गए. कमरे वगैरह पहले से ही बुक थे, इसलिए उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई. अगले दिन सुबह तैयार हो कर श्रीन कहीं जाने लगा तो एनी ने कहा, ‘‘अकेलेअकेले कहां जा रहे हो?’’
‘‘पता करने जा रहा हूं कि यहां कौन कौन सी जगह घूमने लायक है. फिर टैक्सी का भी तो इंतजाम करना होगा. मैं सब पता कर के कुछ देर में आता हूं.’’ कह कर श्रीन चला गया. श्रीन ने लौट कर बताया कि कल सुबह ही टैक्सी आ जाएगी. टैक्सी ड्राइवर अच्छा मिल गया है. वही गाइड का भी काम करेगा. उसे अंगरेजी अच्छी आती है.
13 नवंबर, 2010 को 10 बजे के आसपास श्रीन एनी को ले कर होटल से निकला. टैक्सी गेट पर खड़ी थी. टैक्सी ड्राइवर था जोला टोंगो. वह वहीं का रहने वाला था.
पूरा दिन टोंगो श्रीन और एनी को घुमाता रहा. रात का खाना भी उन लोगों ने बाहर ही खाया. वे काफी दूर निकल गए थे. लौटते समय रात 11 बजे के करीब उन की टैक्सी केपटाउन से 5-6 किलोमीटर दूर टाउनशिप गुगुलेथू से गुजर रही थी तो 2 लोगों ने अचानक सामने आ कर टैक्सी रोक ली.
एनी ने जोला टोंगो से कहा भी कि इतनी रात को गाड़ी रोकना ठीक नहीं है. पता नहीं ये लोग कौन हैं. लेकिन उस ने उस की बात नहीं मानी और गाड़ी रोक दी.
टोंगो ने शीशा खोल कर जानना चाहा कि उन्होंने गाड़ी क्यों रुकवाई है तो दोनों में से एक व्यक्ति ने ड्राइवर टोंगो की कनपटी से रिवाल्वर सटा कर टैक्सी से नीचे आने को कहा. टोंगो चुपचाप नीचे आ गया. पीछे की सीट पर बैठे एनी और श्रीन हैरान परेशान थे. डर के मारे एनी की तो आवाज ही नहीं निकल रही थी.
टोंगो के उतरने के बाद रिवाल्वर सटाने वाला आदमी ड्राइविंग सीट पर बैठ गया तो उस का साथी उस की बगल वाली सीट पर बैठ गया. दोनों ने अपनी भाषा में कुछ बात की और फिर ड्राइवर की बगल वाली सीट पर बैठे व्यक्ति ने एनी और श्रीन की ओर रिवाल्वर तान कर कहा, ‘‘चुपचाप बैठे रहना. अगर शोर मचाया तो गोली मार दूंगा.’’
एनी एवं श्रीन और ज्यादा डर गए. ड्राइवर जोला टोंगो को वहीं छोड़ कर टैक्सी चल पड़ी. टैक्सी हरारे पहुंची तो श्रीन को सड़क पर फेंक कर टैक्सी फिर आगे बढ़ गई. श्रीन किसी तरह नजदीकी पुलिस स्टेशन पर पहुंचा और एनी के अपहरण की सूचना दी.
पुलिस तुरंत हरकत में आ गई. 14 नवंबर, 2010 की सुबह टैक्सी वेस्ट लिंगेलिथ में लावारिस हालत में खड़ी मिली. टैक्सी की पिछली सीट पर एनी देवानी की लाश पड़ी थी. उस की गरदन में गोली मारी गई थी. सीने और जांघों पर खरोंच के निशान थे. ऊपर का कपड़ा कमर तक उठा हुआ था और अंडरवियर घुटनों के नीचे तक खिसकी हुई थी.
वेस्टर्न केप पुलिस ने अपहरण, डकैती और हत्या का मामला दर्ज कर लिया. मामला विदेशी पर्यटक से जुड़ा था, इसलिए वेस्टर्न के विनिस्टर एल्बर्ट फ्रिटज ने लोगों से अपील की कि अगर कोई इस हत्या के बारे में कोई जानकारी दे सकता है तो आगे आ कर पुलिस की मदद करे. पुलिस को भी त्वरित काररवाई के आदेश दिए गए थे.
मामला काफी संगीन था. पुलिस ने अपनी पूरी ताकत लगा दी. परिणामस्वरूप तीसरे दिन 16 नवंबर को पुलिस ने एक आदमी को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में उस ने खुद को निर्दोष बताते हुए 26 वर्षीय जोलाइल मंगेनी पर शक जाहिर किया. इस के बाद उस की निशानदेही पर 17 नवंबर को जोलाइल मंगेनी को गिरफ्तार कर लिया गया.
जोलाइल मंगेनी से पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो उस ने अपना अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि उसी ने गोली चला कर एनी देवानी की हत्या की थी. इस वारदात में टैक्सी ड्राइवर जोला टोंगो और मजिवामाडोडा क्वेब भी शामिल था. जोला टोंगो के कहने पर ही उस ने और मजिवामाडोडा क्वेब ने एनी की हत्या की थी. इस के लिए उन्हें मोटी रकम दी गई थी.