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पुलिस सूरज को भी उठा कर थाने ले आई. जब उस से सख्ती से पूछताछ की गई, तब उस ने अपना अपराध स्वीकार करते हुए रामहेत के साथ घटित मामले का सच उगल दिया. रीना और सूरज के बयानों के आधार पर रामहेत के बारे में चौंकाने वाली जो जानकारी मिली, वह इस प्रकार है—

मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के बुद्धिराम का पुरा में रहने वाले तुलाराम जाटव का छोटा परिवार था. वह अपनी गरीबी के कारण बेटे रामहेत को पढ़ा नहीं पाया था. जवान होने पर वह मेहनतमजदूरी व छोटेमोटे काम करने लगा. समय रहते उस की शादी मुरैना में ही शहनाई गार्डन निवासी रीना से हो गई थी. शादी के कुछ साल पंख लगे सपने की तरह कैसे उड़ गए, पता ही नहीं चला. उस का खर्चा तब बढ़ गया, जब वह एक बेटे और 2 बेटियों का पिता बन गया. रीना भी महत्त्वाकांक्षी थी. वह जबतब पति से पैसे मांगती रहती थी.

पैसे नहीं मिलने पर पति से झगडऩे लगती थी. कुछ समय में ही पूरा घर सिर पर उठा लेती थी. जबकि रामहेत पैसे की तंगी से परेशान रहता था. परेशानी का समाधान नहीं निकल पा रहा था. इसी दौरान तनाव में वह शराब पीने लगा था. धीरेधीरे यह आदत बन गई थी. शाम को अकसर शराब पी कर घर आने लगा था. जबकि उस की जेब खाली रहती थी. घर लौटने पर इसी बात को ले कर पत्नी से उस की कहासुनी हो जाती थी. मांबाप के बीच होने वाली कलह से बच्चे भी तंग आ गए थे. दिनप्रतिदिन उन दोनों झगड़े बढ़ गए थे. शराब के नशे में रामहेत रीना की पिटाई तक कर देता था.

एक दिन रामहेत ने रीना की इस कदर पिटाई कर दी कि उस की कलाई की चूडिय़ां टूट कर कलाई और हथेली में चुभ गई. खून निकल आया. वह भागीभागी पड़ोस में रह रहे सूरज के पास चली गई. सूरज ने उस के हाथों से खून निकलता देख तुरंत डिटौल लगा दी. जब वह वहां से चलने को हुई, तब सूरज ने उस का हाथ पकड़ लिया. बोला, ‘‘मामी, थोड़ी देर यहीं बैठो, जब उस का गुस्साशांत हो जाएगा, तब चली जाना.’’

“नहीं छोटी बेटी को दूध पिलाना है,’’ रीना बोली और अपने घर चली आई. बिछावन पर लेटी बेटी को उठा लिया और दूध पिलाने लगी.

“हरामजादी कहां गई थी? अपने यार के यहां…’’ रामहेत गालियां बकता हुआ रीना को पीटने लगा. इसी बीच उसे तुलाराम की आवाज आई. वह बोले, ‘‘आज फिर तू पी कर आया है? कमाताधमाता तो है नहीं, उल्टे बहू पर मर्दानगी दिखाता है, हरामखोर कहीं का!’’

पिता की डांटभरी आवाज सुन कर रामहेत के हाथ रुक गए थे. पास में ही उस की बिरादरी का युवक सूरज जाटव रहता था. वह रीना को मामी कह कर बुलाता था. रीना उस की एक तरह से मुंहबोली मामी थी. दोनों के बीच मिलनाजुलना होता रहता था. वह अकसर रीना को पति से पिटने से बचाता था. उस रोज भी रीना के पास आ गया था और रामहेत से झगड़ा नहीं करने को समझाने लगा. उस की सलाह सुन कर रामहेत और ज्यादा भडक़ गया. रामहेत ने उसे रीना से दूर रहने के लिए बोला,

‘‘ज्यादा रीना का हिमायती बनने की जरूरत नहीं है. देख रहा हूं कि तू उस के करीब आने की कोशिश कर रहा है.’’ अभी तक तो सूरज रीना का हमदर्द बना हुआ था, लेकिन रामहेत की बातों से उसे महसूस हुआ कि वह उसे गलत नजरिए से देख रहा है. रामहेत की यह बात उस के दिमाग में उमडऩेघुमडऩे लगी. रीना भले ही साधारण सुंदर थी, लेकिन शरीर में मादकता थी. चलने पर कमर लचकती थी.

जब मेकअप कर लेती थी तो साड़ीब्लाउज में वह बहुत ही अच्छी दिखती थी. सूरज और रीना की उम्र में वैसे तो 10 साल का अंतर था, लेकिन रीना की उम्र 20-22 की अल्हड़ युवती की तरह दिखती थी. वह सूरज से काफी घुलीमिली थी. बाजार काकाम उसी से करवाती थी. इस कारण दोनों में अच्छी पटती थी. अत: दोनों हर तरह की बातें काफी देर तक करते रहते थे. उन के बीच हंसीठिठोली भी होती रहती थी.

मजाक में सूरज को छेड़ती हुई कह देती थी कि वह शादी कब करेगा? जवाब में सूरज भी मजाक में बोल देता कि उस के रहते शादी की जरूरत नहीं है. यह सुन कर रीना शरमा जाती थी और फिर वह रीना की तारीफ के पुल बांध देता था. उस की जवानी की कसम खाता हुआ उस का हाथ चूम लेता था. यह सब रीना के दिल को भी अच्छा लगता था. धीरेधीरे कर रीना भी अपने दिल की बात सूरज से करने लगी थी.

उस ने एक दिन मजाक में बोल दिया कि अगर वह उस की बराबर उम्र की होती, वह उस से शादी कर लेती. लेकिन यह बात सच थी कि रीना पति से किसी भी तरह से खुश नहीं थी.  रीना इस बात को ले कर भी बेचैन रहती थी. उदास भी रहने लगी थी. एक बार सूरज ने उस की उदासी का कारण पूछा.रीना बात को टालती हुई सिर्फ इतना ही कह पाई थी कि वह अभी कुंवारा है, इसलिए उस की उदासी का कारण नहीं समझेगा.

जबकि सूरज इतना भी नासमझ नहीं था कि रीना की उदासी का कारण नहीं समझे. उस रोज उस ने रीना के दोनों हाथ पकड़ लिए थे और भावुकता से बोला था, ‘‘मैं तुम्हें बहुत चाहता हूं, मुझ से तुम्हारा दर्द नहीं देखा जाता.’’ यह कहना था कि रीना उस के गले लग गई. सूरज उस का पीठ सहलाते हुए उसे ले कर कमरे में चला गया. जब रीना उस से अलग हुई, तब सूरज ने उसे चूमना शुरू कर दिया. रीना ने भी इस का विरोध नहीं किया. फिर रीना के हाथ भी सूरज के अंगों पर घूमने लगे. दोनों के शरीर में वासना की आग भभक उठी थी, लिहाजा उन्होंने अपनी हसरतें पूरी कर लीं.

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