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इस बारे में जांच की तो पता चला कि पुष्पेंद्र की मौत के बाद उस के घर वालों ने तय कर लिया था कि सुशीला की शादी पुष्पेंद्र के छोटे भाई मनोज से करा देंगे, मनोज गांव में रह कर खेती संभालता था.

मनोज को लगा कि इस से भाई की मौत पर मिलने वाले पैसे भी उस को मिल जाएंगे. अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति भी सुशीला को मिल जाएगी, लेकिन इधर जब सुधा चौधरी को पुष्पेंद्र की मौत पर रुपयों की एक किस्त मिल भी गई थी तो मनोज को लगा कि इस तरह उस के सारे मंसूबों पर पानी फिर जाएगा.

ऐसे में मनोज ने डेढ़ महीने पहले से सुधा के मर्डर की प्लानिंग शुरू कर दी थी. उस ने सोचा कि सुधा की हत्या के बाद रुपए सुशीला को मिल जाएंगे और प्रौपर्टी में भी बंटवारा नहीं हो सकेगा.

5 लाख रुपए में दी सुधा की हत्या की सुपारी

ऐसे विचार मन में आए तो मनोज अपनी भाभी सुधा का मर्डर करवाने के लिए शूटर की तलाश करने लगा. मगर उसे कोई शूटर नहीं मिला. मनोज तब अपनी दूसरी भाभी सुशीला के भाई माधव व सुशीला के चचेरे भाई शिशुपाल निवासी बैरू का नगला, जिला मथुरा, उत्तर प्रदेश से मिला.

मनोज ने सुशीला के दोनों भाइयों माधव और शिशुपाल से कहा, “सुधा का मर्डर करवा दो. हमारी संपत्ति को ले कर मामला चल रहा है. हम लोग बरबाद हो रहे हैं. सुधा की मौत के बाद सारी संपत्ति सुशीला और मेरी हो जाएगी.”

“मनोज, मर्डर तो हो जाएगा लेकिन पैसे खर्च करने पड़ेंगे. पैसों के लिए शूटर की लाइन लगा दूंगा.” माधव ने कहा.

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