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सैक्टर-46 फरीदाबाद के चौकीप्रभारी सोहनपाल अपनी टीम के साथ क्षेत्र की रात्रि गश्त पर निकलने की तैयारी कर रहे थे कि तभी पुलिस कंट्रोल रूम से फोन आ गया. उन्हें बताया गया कि सेक्टर-45 की कोठी  नंबर 387 में एक कत्ल हो गया है. पुलिस चौकी से घटनास्थल महज 2 किलोमीटर दूर था. सोहनपाल अपनी टीम के साथ 10 मिनट में उस जगह पहुंच गए, जहां वारदात हुई थी.

वह पौश एरिया था और अकसर सुनसान रहता था. इस वजह से पड़ोसियों को भी इस घटना का पता नहीं चल पाया था. रात को लगभग 3 बजे पुलिस को आया देख आसपास की कोठियों से लोग बाहर निकल आए. कोठी नंबर 387 में मौजूद एक व्यक्ति ने कोठी का मेनगेट खोल दिया. पता चला वह उसी कोठी में रहने वाला किराएदार राजेश सिंह था.

चौकीप्रभारी सोहनपाल ने अंदर जा कर देखा तो बेड पर एक लड़की मरी पड़ी थी, जिस की हत्या गला रेत कर की गई थी. बिस्तर खून से पूरी तरह सना हुआ था.

जिस कमरे में हत्या हुई थी, उस में रखी अलमारी और उस का लौकर खुला हुआ था. अलमारी का सारा सामान बिखरा पड़ा था. प्रथमदृष्टया मामला लूटपाट का लग रहा था. ऐसा लगता था जैसे हत्यारे लूटपाट के इरादे से घर में घुसे हों और विरोध करने पर लड़की की हत्या कर के कीमती सामान व नकदी ले कर फरार हो गए हों.

पुलिस को सूचना कोठी की मालकिन पुष्पा कोहली ने दी थी. उस ने बताया कि मृतका उस की बेटी किरन है. पुष्पा के अनुसार उस का पति सुरेंद्र कोहली और 12 वर्षीय बेटा नितिन कोहली बीते दिन सुबह ही उस की अस्वस्थ मां को देखने बठिंडा, पंजाब गए थे. वारदात के वक्त पुष्पा कोहली और किरन ही घर में थीं.

पौश इलाके में हुई इस सनसनीखेज वारदात की सूचना पा कर पुलिस के उच्चाधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंच गए थे. पूछताछ में पुष्पा कोहली ने बताया कि बीती रात करीब पौने 10 बजे जब वह रसोई में खाना बना रही थी, तभी मेनगेट खोल कर बुरके वाली 2 औरतें अंदर आईं. किरन उन दोनों को अंदर ले आई. कुछ देर बाद जब उस ने किरन से उन दोनों के बारे में पूछा तो उस ने बताया कि वे उस की परिचित हैं और उसे उन के साथ कुछ हिसाबकिताब करना है.

उस वक्त बुरके वाली दोनों औरतें सोफे पर बैठी थीं. वे दोनों चूंकि अपने चेहरों पर नकाब डाले हुए थीं इसलिए वह उन के चेहरे नहीं देख सकी थी. उन्हें बैठा छोड़ कर वह अपने कमरे में चली गई थी.

पुष्पा के अनुसार कुछ देर बाद किरन एक गिलास में पानी ले कर उस के कमरे में आई. उस ने चूंकि थोड़ी देर पहले ही खाना खाया था इसलिए पानी पी कर गिलास मेज पर रख दिया. उस के बाद या तो वह बेहोश हो गई थी या फिर सो गई थी. पुष्पा के अनुसार देर रात करीब 2 बजे जब वह उठी तो उस के दोनों हाथ और दोनों पैर दुपट्टे से बंधे हुए थे और मुंह में कपड़ा ठुंसा हुआ था. उस ने उठने की कोशिश की तो वह बिस्तर से नीचे गिर गई. कपड़ा ठुंसा होने की वजह से उस के मुंह से आवाज भी नहीं निकल रही थी.

पुष्पा ने आगे बताया कि जैसेतैसे उस ने बेड पर पड़ा फोन उठा कर पहले किरन का नंबर मिलाया लेकिन उस ने फोन नहीं उठाया. फिर उस ने अपनी नौकरानी सपना के पति अजीत का नंबर मिलाया. नंबर तो लग गया लेकिन मुंह में कपड़ा ठुंसा होने की वजह से बात नहीं हो सकी. इस पर वह घिसटते हुए दरवाजे के पास पहुंची और दोनों पैरों से जोरजोर से कमरे का दरवाजा पीटा.

दरवाजा पीटने की आवाज सुन कर किराएदार राजेश सिंह नीचे आया. वह बाहर से दरवाजा खोल कर अंदर आया और उस के हाथपैर खोल दिए. तब तक नौकरानी सपना और उस का पति भी आ गए थे.

पुष्पा कोहली ने आगे बताया कि उस के यह पूछने पर कि किरन कहां है, राजेश सिंह ने जवाब दिया कि वह अपने कमरे में सो रही होगी. लेकिन जब उस के कमरे में जा कर देखा गया तो किरन मरी पड़ी थी. किसी ने उस का गला काट कर उस की हत्या कर दी थी. उस का सारा बिस्तर खून में डूबा हुआ था और अलमारी का सामान इधरउधर फैला पड़ा था. यह देख कर उस ने इस घटना की सूचना पुलिस को दे दी थी.

उपरोक्त बातें बतातेबताते पुष्पा कोहली फूटफूट कर रोने लगी. पुलिस ने उस से नंबर ले कर उस के पति सुरेंद्र कोहली को फोन कर के इस हादसे की सूचना दे दी और जल्दी से जल्दी फरीदाबाद पहुंचने को कहा. इस के साथ ही पुलिस ने पुष्पा की शिकायत पर अज्ञात हत्यारों के खिलाफ भादंवि की धारा 302, 394 के तहत केस दर्ज कर लिया.

सुबह को एसीपी पूनम दयाल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इस की जांच इलाका पुलिस की जगह सीआईए एनआईटी इंचार्ज इंसपेक्टर विमल कुमार, सबइंसपेक्टर नरेंद्र कुमार और अश्विनी कुमार को सौंप दी ताकि पौश इलाके में हुई इस हत्या के मामले से जल्दी से जल्दी परदा उठ सके.

इंसपेक्टर विमल कुमार ने अपनी टीम के साथ मौकाएवारदात का मुआयना किया. उन्होंने पुलिस फोटोग्राफर, फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट और फोरेंसिक टीम को भी मौके पर बुला लिया था ताकि जरूरी सुबूत जुटाए जा सकें.  प्राथमिक काररवाई के बाद मृतका किरन की लाश को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया. पोस्टमार्टम से पता चला कि उस की मृत्यु श्वांस नली कट जाने के कारण हुई थी.

पूछताछ और पुलिस छानबीन में पता चला कि मृतका किरन के पिता सुरेंद्र कोहली काफी समय पहले पंजाब से आ कर फरीदाबाद में बस गए थे. उन का फरीदाबाद सैक्टर-28 में बिल्डिंग मैटीरियल का कारोबार था. सुरेंद्र कोहली का विवाह 1989 में बठिंडा, पंजाब की पुष्पा कोहली से हुआ था. विवाह के बाद कोहली के घर में किरन का जन्म हुआ जिसे घर में सब प्यार से गुडि़या कहते थे.

किरन के जन्म के 11 साल बाद कोहली परिवार में बेटा जन्मा जिस का नाम नितिन रखा गया. 12 वर्षीय नितिन कोहली फिलहाल फरीदाबाद के एक नामी स्कूल में कक्षा-7 में पढ़ रहा था. पुष्पा कोहली घरेलू महिला थी और घर पर रह कर घरपरिवार व बच्चों की जिम्मेदारी संभालती थी.

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