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भाई को पता लगी बहन की सच्चाई

अशोक ने बहन से कुछ नहीं कहा बल्कि वह पहले यह पता लगाना चाहता था कि किरन किस से बातें करती है. मौका मिलने पर एक दिन अशोक ने जब किरन का फोन चैक किया तो रोहतास का नाम सामने आया. वह रोहतास से फोन पर बात ही नहीं करती थी, बल्कि वाट्सऐप से भी दोनों एकदूसरे को मैसेज भेजते थे.

तमाम मैसेज अशोक ने देखे तो उस का खून खौल उठा. उस ने किरन से रोहतास के विषय में जब पूछा तो किरन ने झूठ बोलने के बजाए साफ बता दिया था कि रोहतास उस का प्रेमी है और वे शादी कर चुके हैं. क्योंकि अब उस की चोरी पकड़ी जा चुकी थी और बात को छिपाने से कोई फायदा भी नहीं था. मौका मिलने पर वह खुद भी तो यह बात घर वालों को बताना चाहती थी. भाई ने पूछ लिया तो किरन से सब बता दिया.

किरन के इस रहस्योद्घाटन से जैसे घर में भूचाल आ गया था. अशोक और उस की मां ने किरन की जम कर पिटाई की. उन्होंने धमकी भी दी कि वह रोहतास को भूल जाए. अगर उस ने ऐसा नहीं किया तो उसे जान से मार दिया जाएगा, लेकिन किरन अपनी किसी बात से टस से मस नहीं हुई.

उसे इस बात का पहले से अहसास था कि शादी वाली बात घर वालों को पता चलने पर यह सब तो होना ही था. इसीलिए उस ने अपने आप को इन सब बातों के लिए पहले से ही तैयार कर रखा था.

इस के बाद किरन को घर में कैद कर लिया गया. 22 जनवरी, 2017 को अशोक ने किरन के पति रोहतास को फोन कर के धमकाया कि वह किरन से अपने संबंध खत्म कर ले नहीं तो उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ेगा. यह भी कहा कि वह इस शादी को भूल जाए.

इस के बाद 9 फरवरी, 2017 को किरन ने किसी तरह फोन द्वारा रोहतास को बता दिया कि उन की शादी के बारे में घर वालों को पता चल गया है और अब वे सब उस पर जुल्म ढा रहे हैं. जल्दी कुछ करो.

इस से पहले कि रोहतास कुछ करता, 9-10 फरवरी, 2017 की रात को अशोक ने अपनी मां के सामने ही किरन को पहले प्यार से समझाने की कोशिश की थी. किरन को बताया गया कि रोहतास जाति का सैनी है और हम जाट हैं. ऊपर से रोहतास और हमारी हैसियत में जमीनआसमान का फर्क है. वह मामूली परिवार से है.

अशोक ने किरन को ऊंचनीच, जातिपात और मर्यादा का पाठ पढ़ाते हुए रोहतास से रिश्ता तोड़ने के लिए कहा, लेकिन किरन पर अपनी मां और भाई की बातों का कोई असर नहीं हुआ. उस ने अपनी बात पर कायम रहते हुए कह दिया, ‘‘चाहे दुनिया इधर की उधर हो जाए, रोहतास मेरा पति है और पति रहेगा. मैं ने अग्नि और भगवान को साक्षी मान कर उसे अपने मन से पति स्वीकार किया है, इसलिए उसे हरगिज नहीं भुला सकती.’’

किरन की बात सुन कर अशोक के तनबदन में आग लग गई थी. वह उस की चोटी पकड़ कर कमरे में ले गया और उस ने किरन से जबरदस्ती एक रजिस्टर पर सुसाइड नोट लिखवाया, जिस में लिखा गया था, ‘मैं किन्हीं कारणवश अपनी मरजी से आत्महत्या कर रही हूं. इस मामले में मेरे परिवार के किसी सदस्य का कोई लेनादेना नहीं है. उन्हें दोषी न ठहराया जाए.’

किरन को पिला दिया जहर

इस के बाद अशोक किरन को छत पर ले गया और उसे एक गिलास में कोई जहरीला पदार्थ मिला पानी जबरदस्ती पिला दिया. पानी पीते ही किरन को उल्टी हो गई, पर तब तक जहर अपना असर दिखा चुका था. कुछ देर तड़पने और छटपटाने के बाद किरन की मौके पर ही मौत हो गई थी.

किरन की हत्या करने के बाद अशोक उस की लाश को वहीं छत पर ही रजाई से ढक कर नीचे आ कर अपने कमरे में सो गया था. किरन के पिता दरोगा सुरेश सिंह उस समय अपनी ड्यूटी पर रोहतक थाने में थे. उन्हें शायद किरन की हत्या के बाद ही बताया गया था.

अपने बेटे को इस हत्या के केस से और बेटी की बदनामी से बचाने के लिए अगली सुबह गांव में यह बात फैला दी गई कि किरन की हार्ट अटैक से मौत हो गई है. इस के बाद आननफानन में बिना पुलिस या किसी अन्य को सूचना दिए किरन का अंतिम संस्कार कर दिया गया था.

किरन रोजाना रोहतास को फोन किया करती थी. जब 2 दिन गुजर जाने पर भी किरन का फोन नहीं आया और न ही डायल करने पर उस का फोन मिला तो रोहतास को चिंता होने के साथ दाल में कुछ काला दिखाई देने लगा. उस ने अपने स्तर पर किरन के गांव किसी को भेज कर पता लगवाया तो जानकारी मिली कि पिछली 10 तारीख को किरन की मौत हो गई थी और उस के परिजनों ने उस का अंतिम संस्कार भी कर दिया था.

पुलिस से की शिकायत

यह खबर सुन कर रोहतास की तो दुनिया ही वीरान हो गई थी. उसे पक्का विश्वास था कि किरन की हत्या कर दी गई है. रोहतास ने यह बात सनातन धर्म चैरिटेबल ट्रस्ट और जय भीम आर्मी ट्रस्ट के चेयरमैन संजय चौहान को बताई. संजय चौहान रोहतास को साथ ले कर तत्कालीन डीएसपी भगवान दास से मिले और उन्हें पूरी बात विस्तार से बताते हुए कानूनी काररवाई करने की अपील की.

मामला औनर किलिंग और 2 अलगअलग जातियों के परिवारों से संबंधित था. ऐसे में जातीय दंगा भड़कने का खतरा था सो मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएसपी भगवान दास ने यह सूचना तत्कालीन एसएसपी (हिसार) राजिंदर मीणा को दी.

एसएसपी के दिशानिर्देश पर डीएसपी ने थाना सदर के इंचार्ज इंसपेक्टर प्रह्लाद सिंह को तुरंत इस मामले में काररवाई करने के निर्देश दिए. उसी दिन थाने के पास ही रोहतास और संजय चौहान ने एक प्रैसवार्ता कर मीडियाकर्मियों को भी इस बात की पूरी जानकारी दे दी.

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