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किरन की हत्या और रोहतास के साथ हुए अन्याय को मीडियाकर्मियों ने विभिन्न टीवी चैनलों पर दिखाना शुरू कर दिया. इस खबर के बाद क्षेत्र में हंगामा उठ खड़ा हुआ. कई समाजसेवी और महिला संगठन सड़कों पर उतर आए थे.

किरन के हत्यारे मातापिता और भाई की गिरफ्तारी को ले कर आवाज उठने लगी थीं. हर गली, नुक्कड़ पर इस घटना की चर्चा होने लगी थी. कोई इसे उचित ठहरा रहा था तो कोई अन्याय कह रहा था. पुलिस प्रशासन ने इस मामले से निपटने की पूरी तैयारी कर ली थी.

रोहतास की शिकायत पर 14 फरवरी, 2017 को थाना सदर में किरन के भाई अशोक और अन्य लोगों के खिलाफ किरन की हत्या का मुकदमा भादंवि की धारा 302, 201, 506, 34 के तहत दर्ज कर लिया गया. पुलिस उसी रात जुगलना गांव पहुंच गई.

पुलिस ने लोगों से पूछताछ कर किरन के बारे में जानकारी जुटाई. देर रात पुलिस ने रोहतास की सुरक्षा के मद्देनजर उसे एक गनमैन दे दिया था. क्योंकि अशोक ने रोहतास को जान से मारने की धमकी भी दी थी. दूसरे ऐसे गंभीर माहौल में रोहतास की सुरक्षा अति आवश्यक बन गई थी.

पुलिस ने श्मशान से बरामद किए सबूत

अगली सुबह पुलिस ने जुगलना गांव जा कर अशोक को उस के घर से गिरफ्तार कर लिया था. अशोक की गिरफ्तारी के बाद थाना सदर और सीन औफ क्राइम की टीम ने मृतका किरन के कमरे का बड़ी बारीकी से मुआयना किया और कुछ चीजों को अपने कब्जे में ले लिया था. इस के बाद पुलिस परिवार के लोगों, गांव के प्रमुख लोगों और सरपंच को साथ ले कर श्मशान घाट पहुंची.

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