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पुलिस की शुरुआती जांच में हैवानियत का पता चला. 10 वर्षीय स्नेहांशु के सिर को भारी चीज से कुचला गया था. उस के हाथों की  नसें काट दी गई थीं. सब्जी काटने वाली छुरी से उस के शरीर पर अनगिनत जख्म किए गए थे. घटनास्थल पर ही एक टेढ़ी छुरी पड़ी थी. घर में रखे गए सारे सामान सुरक्षित थे. इसे देख कर कोई भी आसानी से समझ सकता था कि घटना लूट को अंजाम देने के लिए नहीं की गई थी.

पुलिस की फोरैंसिक टीम ने लाश और घटनास्थल की जांच के बाद पाया कि हत्यारा बच्चे के साथ बड़ी बेरहमी से पेश आया होगा.

जिस तरह से बच्चे की हत्या की गई थी, उस से यह भी जाहिर हो रहा था कि हो न हो जिस ने भी मारा, उसे इस बच्चे से बेहद नफरत रही होगी. इतना ही नहीं, जख्मों से यह भी साफ पता चला कि कातिल किसी भी सूरत में बच्चे को जीवित बचने नहीं देना चाहता था.

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से करीब 17 किलोमीटर दूर हुगली जिला काफी चहलपहल वाले क्षेत्रों में से एक है. यहां के ऐतिहासिक, धार्मिक और कारोबारी महत्त्व वाले घनी आबादी के शहर कोन्नगर के आदर्शनगर मोहल्ले में 18 फरवरी, 2024 की शाम के वक्त अचानक चिल्लपों मच गई थी. कई लोग स्नेहांशु के घर की ओर दौड़ पड़े थे, जबकि कुछ लोग अपनेअपने घरों के दरवाजे पर आ कर कानाफूसी करने लगे थे.

''अरी ओ सोनू की मां, सुना है स्नेहांशु को किसी ने मार दिया? अभी तो एक घंटा पहले इधर साइकल चला रहा था. क्या हुआ उसे? जा... जा कर पता करो तो क्या बात है?’’ एक वृद्धा पड़ोसी महिला से बोली.

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