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‘‘सामाजिक तानाबाना एक सूत्र में पिरोया रहे, ऐसे में न्यायालयों का भी दायित्व है तथा ऐसे प्रकरणों में न्यायालयों से भी अपेक्षा होती है कि इस प्रकार की निर्दयी मानसिकता रखने वाले आरोपी को उदाहरणस्वरूप कठोर से कठोर दंड से दंडित किया जाए. आरोपी का अपराध प्लानिंग के तहत एवं संपूर्ण मानव समाज के लिए रोंगटे खड़ा कर देने वाला कृत्य है.

‘‘इसीलिए जन्मदाता की हत्या करने वाले आरोपी बेटे संदीप जैन को मृत्युदंड से दंडित किया जाना एकमात्र उचित व पर्याप्त दंड होगा. यह अदालत संदीप जैन को उस के क्रूरतम कार्य का दोषी करार देते हुए मृत्युदंड की सजा सुनाती है. इस कृत्य में संदीप जैन को हथियार देने वाले भगत सिंह गुरुदत्ता और शैलेंद्र सागर को 5-5 साल की कठोर सजा दी जाती है.’’

माननीय न्यायाधीश अपना फैसला सुनाने के बाद अपनी कुरसी से उठ गए.

पहली जनवरी, 2018 को संदीप जैन ने अपनी मां और पिता की बड़ी निर्ममता से हत्या कर दी थी. 5 साल बाद कोर्ट ने अपने 310 पेज के फैसले में संदीप जैन को दोषी करार दे कर मृत्युदंड दिया. इस जघन्य हत्याकांड की गूंज पूरे देश में सुनाई दी थी.

रावतमल जैन कौन थे और किस तरह उन की और उन की पत्नी की हत्या की गई, यह जानने के लिए हमें अतीत में जाना होगा.

रावतमल जैन एक प्रतिष्ठित व्यक्ति थे. उन की और पत्नी सूरजी देवी की हत्या का प्रकरण काफी दिनों तक इलेक्ट्रौनिक्स और प्रिंट मीडिया में चर्चा का विषय बना रहा था, लेकिन पुलिस ने पूरी मुस्तैदी दिखाते हुए अपराधी को धर दबोचा था. आज वह कानून के कटघरे में खड़ा था.

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