बेवफाई की लाश – भाग 1
जल्दी ही राजू ने संतोष के घर में अपनी पैठ बना ली. राजू का घर आना बच्चों को ही नहीं, बल्कि गुडि़या को भी अच्छा लगता था. राजू की लच्छेदार बातें उसे खूब भाती थीं.
More posts
अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें