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लेकिन अपने चाहने वालों और गरीबों पर वह मेहरबान रही, जिस से उसे गौडमदर का खिताब मिल गया.

संतोक बेन देश की पहली लेडी डौन थी जिस की जिंदगी पर विनय शुक्ला ने फिल्म ‘गौडमदर’ साल 1999 में बनाई थी, जिस में उस का रोल शबाना आजमी ने निभाया था. यह फिल्म जबरदस्त हिट साबित हुई थी, जिसे 6 नैशनल अवार्ड सहित एक फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला था.

अपने खौफ और रसूख को संतोक ने राजनीति में भी इस्तेमाल किया और साल 1990 में वह जनता दल के टिकट पर कुतियाना सीट से 35 हजार वोटों से जीत कर विधायक भी चुनी गई थी.

उस का एक बेटा कांधल जडेजा कुतियाना सीट से ही एनसीपी के टिकट पर जीत कर विधायक बना. साल 2011 की होली के पहले संतोक की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी.

खतरनाक सायनाइड किलर केमपंमा

सायनाइड मल्लिका के.डी. केमपंमा बेंगलुरु के नजदीक कमालीपुरा गांव की रहने वाली सीरियल किलर थी, जिस ने कितनों को सायनाइड दे कर मौत की नींद सुलाया. इस की सही गिनती किसी के पास नहीं.

के.डी. केमपंमा ने हत्या करने का नायाब लेकिन पुराना तरीका चुन रखा था. वह अपने शिकार को एकांत में बुलाती थी और वहां उस की हत्या कर उसे लूट लेती थी.

जुर्म करने के लिए वह उन महिलाओं को चुनती थी, जो पारिवारिक या दूसरे कारणों से परेशान रहती थीं और मन्नतें मांगने व पूजापाठ करने मंदिर जाया करती थीं.

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के.डी. इन के सामने खुद को एक जानकार तांत्रिक की तरह पेश करती थी और पूजापाठ कर परेशानी दूर करने का झांसा दे कर शिकार को किसी वीरान मंदिर बुलाती थी और वहीं सायनाइड खिला कर हमेशा के लिए परेशान जिंदगी से ही छुटकारा दिला देती थी.

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