13 मार्च, 2023 को उत्तर प्रदेश के नगर कानपुर में ऐतिहासिक गंगा मेला की धूम थी. इस मेेले का लुत्फ उठाने के लिए उन्नाव के डेंटल सर्जन गौरव प्रताप सिंह, पत्नी प्रियंका व बेटे रूद्रांश के साथ अपनी क्रेटा कार से कानपुर शहर आए. पहले उन्होंने गंगा तट पर लगे मेले का लुत्फ उठाया, फिर अपनी ससुराल राजीव विहार नौबस्ता पहुंच गए.
होली पर बेटीदामाद को घर आया देख कर कमलेश की खुशी का ठिकाना न रहा. वहीं उन की छोटी बेटी दीपिका भी दीदीजीजा के आने पर खुशी से झूम उठी. प्रियंका जहां अपनी मां कमलेश की बातों में मशगूल हो गई, वहीं डा. गौरव प्रताप सिंह अपनी युवा व खूबसूरत साली से रसभरी बातें करने लगे. चूंकि होली का माहौल था और रिश्ता भी जीजासाली का था, सो उन के बीच हंसीमजाक भी होने लगा. इस बीच डा. गौरव ड्रिंक्स का मजा भी लेते रहे.
शाम लगभग 6 बजे डा. गौरव ने पत्नी प्रियंका से कहा कि उन्हें मुदित श्रीवास्तव से मिलने उस के घर जाना है. एक प्रौपर्टी देखने उस के साथ जाएंगे. पसंद आने पर सौदा भी तय करना है. चूंकि मुदित श्रीवास्तव वायुसेना में सार्जेंट था और चकेरी में उस की तैनाती थी. गौरव से उस की गहरी दोस्ती भी थी. इसलिए प्रियंका ने पति से टोकाटाकी नहीं की. उस के बाद डा. गौरव अपनी क्रेटा कार से दोस्त के घर जाने को रवाना हो गए. उस वक्त उन के पास लगभग 7 लाख रुपए नकद भी थे. पति के जाने के बाद प्रियंका निश्चिंत हो गई.
रात लगभग 9 बजे प्रियंका के मोबाइल फोन पर काल आई. प्रियंका ने स्क्रीन पर नजर डाली तो काल मुदित की थी. प्रियंका ने जैसे ही काल रिसीव की तो मुदित बोला, ‘‘भाभीजी, भाई साहब बेहद नशे में हैं. आप ने उन्हें इस हालत में घर से निकलने ही क्यों दिया. उन के पास मोटी रकम भी है. खैर, वह कार चलाने की हालत में नहीं है, इसलिए हम ने उन्हें उन्नाव जाने वाली बस में बिठा दिया है. कुछ देर बाद वह उन्नाव पहुंच जाएंगे.’’ इस के बाद मुदित ने काल डिसकनेक्ट कर दी.
मुदित की बात सुन कर प्रियंका घबरा उठी. उस ने मां और बहन को जानकारी दी तो वे भी चिंतित हो गईं. अब तो ज्योंज्यों रात बीतती जा रही थी, त्योंत्यों प्रियंका की परेशानी भी बढ़ती जा रही थी. प्रियंका कभी मुदित को काल करती तो कभी पति के फोन पर संपर्क करने की कोशिश करती. लेकिन दोनों फोन से एक ही संदेश प्राप्त होता, ‘‘आप जिस नंबर से संपर्क करना चाहते हैं, वह अभी बंद है.’’
टूट गई धैर्य की सीमा…
प्रियंका की मां कमलेश उसे धैर्य तो बंधा रही थी, लेकिन धैर्य की भी एक सीमा होती है. प्रियंका का धैर्य भी जब टूट गया तो उस ने बहन दीपिका को साथ लिया और उसी की स्कूटी से रात 12 बजे मुदित के घर जा पहुंची. मुदित उस समय घर पर ही था. उस के कमरे में धुआं भरा था और अजीब सी दुर्गंध आ रही थी. कमरे में मुदित कुछ जला रहा था.
प्रियंका ने धुएं के बाबत पूछा तो मुदित बोला, ‘‘भाभी, हमारी पत्नी नेहा बेटी का इलाज कराने लखनऊ गई है. कई रोज से घर बंद था, सो सफाई कर रहा था. कई मरी हुई छिपकलियां व चूहे निकले हैं. उसी को जलाया है, जिस से बदबू फैली है. आप बैठो, मैं नहा कर आता हूं.’’ कह कर मुदित बाथरूम चला गया.
रात डेढ़ बजे प्रियंका मुदित के साथ थाना चकेरी पहुंची. उस ने ड्ïयूटी अफसर से पति की गुमशुदगी दर्ज करने को कहा लेकिन उस ने गुमशुदगी दर्ज करने से साफ मना कर दिया. अफसर ने कहा, ‘‘तुम्हारे पति को गुम हुए अभी चंद घंटे ही बीते हैं. नियम के मुताबिक हम 24 घंटे बाद ही गुमशुदगी दर्ज कर सकेंगे. आप रात भर इंतजार करें. अगर सुबह तक घर वापस न पहुंचे, तब आना.’’
इस के बाद मुदित श्रीवास्तव अपने घर चला गया और प्रियंका अपनी बहन दीपिका के साथ राजीव विहार स्थित मां के घर आ गई. रात भर मांबेटी परेशान रहीं. उन्होंने रात आंखों ही आंखों में काट दी. इस बीच उन्होंने दरजनों बार डा. गौरव को काल की, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया. प्रियंका ने पति के लापता होने की जानकारी ससुर डा. प्रबल प्रताप सिंह को इसलिएनहीं दी कि कहीं उन की तबियत न बिगड़ जाए.
14 मार्च, 2023 की सुबह करीब साढ़े 9 बजे प्रियंका अपनी मां कमलेश के साथ फिर से थाना चकेरी पहुंची. उस समय एसएचओ रत्नेश सिंह थाने पर मौजूद थे. प्रियंका ने उन्हें सारी बात बताई और पति गौरव की गुमशुदगी दर्ज करने की गुहार लगाई. प्रियंका की बात सुनने के बाद इंसपेक्टर रत्नेश बोले, ‘‘डा. गौरव राजीव विहार (नौबस्ता) से गए हैं, लिहाजा रिपोर्ट थाना नौबस्ता में दर्ज होगी और काररवाई भी वहीं से होगी.’’
परेशान प्रियंका ने तब मुदित को थाने बुला लिया. फिर वह मुदित के साथ थाना नौबस्ता पहुंची. मगर वहां के इंसपेक्टर ने कहा कि डा. गौरव चकेरी गए थे, इसलिए वहीं रिपोर्ट दर्ज कराओ. 2 थानों के बीच चकरघिन्नी बनी प्रियंका मुदित के साथ एसीपी (चकेरी) अमरनाथ यादव के औफिस पहुंची और अपनी व्यथा बताई.
एसीपी के आदेश पर हुई सूचना दर्ज…
प्रियंका की व्यथा सुनने के बाद एसीपी (चकेरी) अमरनाथ यादव ने फोन पर चकेरी इंसपेक्टर रत्नेश सिंह से बात की और उन्हें तत्काल रिपोर्ट दर्ज कर काररवाई का आदेश दिया. आदेश पाते ही रत्नेश सिंह ने डा. गौरव की गुमशुदगी की सूचना दर्ज कर ली. गुमशुदगी की सूचना दर्ज होने के बाद पुलिस सक्रिय हुई. सब से पहले एसएचओ ने मुदित और प्रियंका से अलगअलग पूछताछ की और उन के बयान दर्ज किए. दोनों के बयानों में भारी विरोधाभास था.
प्रियंका का कहना था कि डा. गौरव अपनी क्रेटा कार से शाम 6 बजे घर से निकले थे, जबकि मुदित का कहना था कि डा. गौरव उस के घर पर साढ़े 5 बजे आ गए थे. इस के अलावा भी कई ऐसी बातें थीं, जो मेल नहीं खा रही थीं. शक होने पर इंसपेक्टर रत्नेश सिंह ने प्रियंका और मुदित की फोन लोकेशन ट्रेस की तो 13 मार्च, 2023 की रात 10-11 बजे के बीच मुदित की लोकेशन रूमा के पास मिल रही थी, जबकि प्रियंका की उस के राजीव विहार स्थित घर की थी.
डा. गौरव के फोन की लोकेशन पता की गई तो उस की लोकेशन भी रात 10-11 बजे के बीच रूमा की मिल रही थी. इस से जाहिर हो रहा था कि मुदित और डा. गौरव साथसाथ थे. मुदित ने प्रियंका को रात 9 बजे फोन कर बताया था कि डा. गौरव नशे में है, गाड़ी नहीं चला सकते, इसलिए उन्होंने उसे उन्नाव जाने वाली बस में बैठा दिया है. जबकि रात 10 बजे डा. गौरव के फोन की लोकेशन रूमा में थी. जाहिर था कि मुदित झूठ बोल रहा था.