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सोनी का दिल प्रेमी रोशन की प्यार भरी बातें सुन कर बागबाग हो गया था. “इतना प्यार करते हैं आप मुझ से?’’

“मैं हनुमान तो नहीं हूं, वरना अपना सीना चीर कर दिखा देता. मेरे दिल में आप ही की तसवीर छपी है. मेरी हर एक सांस पर आप का ही नाम लिखा है. मेरी धडक़नों में, मेरी रगों में और मेरी सांसों में बस आप ही आप हो, इतना प्यार करता हूं मैं आप से.’’

:ओह रोशनजी! मैं कितनी खुशनसीब हूं जो मुझे आप जैसा चाहने वाला सच्चा प्यार मिला. मैं अपने प्यार को पलकों के बीच छिपा कर रखूंगी, ताकि हमारे प्यार को किसी की नजर न लगे.’’

सिपाही का प्यार बढऩे लगा, यही हाल सोनी का भी था. घंटों दोनों ऐसे ही प्यार भरी बातें करते रहे, कब दोपहर से शाम हुई पता ही नहीं चला. दोनों पास के रेस्टोरेंट में गए वहां रोशन ने प्रेमिका सोनी को उस के पसंद की चीजें खिलाईं और उसे बस पर बैठा कर अपने कमरे पर चला गया. वह सोनी से मिल कर बहुत खुश था.

सिपाही रोशन को चुन लिया हमसफर...

सोनी भी बहुत खुश थी. अपने जीवनसाथी को ले कर उस ने जो सपने देखे थे, वे सपने पूरे हो गए थे. फिर सोनी ने एक दिन मौका देख कर अपने मन की बात अम्मी को बता दी. बेटी के मुंह से प्यार वाली बात सुन वह हायतौबा मचाने लगी. बेटी को उस ने खूब खरीखोटी सुनाई. सामाजिक मर्यादा में रहने का सबक भी दिया. यह भी कहा कि उन का परिवार एक मध्यमवर्गीय है. इज्जत हमारा गहना है, अगर एक बार चली जाए, तो समाजबिरादरी में किसी को मुंह नहीं दिखा सकते. हम जीते जी मर जाएंगे.

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