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मथुरा में यमुना एक्सप्रैसवे पर नोएडा से आगरा की ओर जाने वाली सर्विस रोड पर स्थित है सरकारी कृषि अनुसंधान केंद्र. राया में स्थित इसी अनुसंधान केंद्र की झाडि़यों में एक लाल रंग का ट्रौली बैग पड़ा था. वहां काम कर रहे मजदूरों की नजर उस ट्रौली बैग पर पड़ी. यह क्षेत्र मथुरा जिले के राया थाने के अंतर्गत आता है. मजदूरों ने सोचा कि यह शायद किसी गाड़ी से गिर गया होगा. यह बात 18 नवंबर, 2022 की सुबह 11 बजे की है.

ट्रौली बैग पड़े होने की सूचना एक मजदूर ने राया पुलिस को दे दी. सूचना मिलते ही थाना राया के एसएचओ ओमहरि वाजपेई पुलिस टीम के साथ बताए गए स्थान पर जा पहुंचे. पुलिस ने बैग को झाडि़यों से निकाल कर सड़क किनारे रख दिया. बैग में लौक नहीं लगा था. पुलिस ने जब बैग को खोला तो पुलिस के साथ वहां मौजूद लोग भी हैरान रह गए.

बैग में 20-22 साल की एक युवती की पौलीथिन में लिपटी खून से लथपथ लाश थी. लाश को बैग से बाहर निकाला गया. युवती के पैर मोड़ कर सीने से सटा दिए गए थे. इस के बाद उसे बैग में पैक किया गया था. कहीं खून बाहर न निकले, इस के लिए शव को सफेद रंग की बड़ी पौलीथिन में अच्छी तरहलपेट कर रखा गया था.

पुलिस ने पौलीथिन खोल कर युवती के पैर सीधे किए तो वे आराम से सीधे हो गए. इस से अनुमान लगाया गया कि युवती की हत्या लगभग 12 से 16 घंटे पहले ही की गई थी.

गोरा रंग, लंबे काले बालों वाली वह युवती सलेटी रंग की टीशर्ट और नीले सफेद रंग के फूलपत्ती वाली प्लाजो पहने थी. मृतका की बाईं तरफ छाती और सिर पर गोली के घाव थे. संभवत: उसे गोली मारी गई थी.

युवती के सिर व नाक से भी खून निकला था. उस का गला दबाने की भी आशंका लगाई गई. युवती के हाथ और पैरों में चोट के निशान थे, जो उस के साथ बरती गई बेरहमी की तरफ इशारा कर रहे थे. बैग में युवती की लाश मिलने की जानकारी होते ही पूरे इलाके में हड़कंप मच गया.

लाश का मुआयना करने के बाद एसएचओ ओमहरि वाजपेई ने तुरंत अपने उच्चाधिकारियों को घटना की जानकारी दी. सीओ (महावन) आलोक सिंह, एसपी (देहात) त्रिगुण बिसेन, कार्यवाहक एसएसपी मार्तंड प्रकाश सिंह भी घटनास्थल पर फोरैंसिक टीम के साथ पहुंच गए.

उस समय एसएसपी अभिषेक यादव अवकाश पर थे. एसपी (सिटी) मार्तंड प्रकाश सिंह ही उन का कार्यभार देख रहे थे.

अधिकारियों ने लाश का निरीक्षण किया. युवती के पैर के नाखूनों पर हरे रंग की नेल पौलिश लगी थी. बाएं हाथ पर लाल कलावा और काला धागा बंधा था. बैग में लाल सफेद और बैंगनी रंग की साड़ी भी मिली.

पहने हुए कपड़ों से यह अंदाजा लगाया गया कि युवती मध्यमवर्गीय परिवार की है. फुल साइज के उस ट्रौली बैग का टैग हटा हुआ था, लेकिन एक जगह ्नक्त्रढ्ढस्ञ्जहृष्टक्त्र्नञ्ज लिखा था.

युवती का शव नोएडा की ओर से आने वाली सर्विस रोड पर मिला था. इस से माना जा रहा था कि कार में रख कर बैग को यहां लाया गया होगा. पुलिस ने मौके की काररवाई निपटाने के बाद शव को 72 घंटे के लिए मोर्चरी में रखवा दिया.

वहीं फोरैंसिक टीम ने घटनास्थल तथा ट्रौली बैग से जरूरी सबूत जुटाए. युवती की शिनाख्त व हत्या के खुलासे के लिए कार्यवाहक एसएसपी ने पुलिस की 4 टीमें लगा दीं.

लव जिहाद का शिकार तो नहीं बनी युवती

ट्रौली बैग में शव मिलने की सूचना पर जुटी भीड़ में शामिल लोग इस बात क ी चर्चा  कर रहे थे कि युवती कहीं लव जिहाद का शिकार तो नहीं हो गई. पढ़ीलिखी और पहनावे से शहरी लग रही युवती के दिल्ली-एनसीआर या आसपास के जिलों की होने की संभावना व्यक्त की जा रही थी.

एक साल पहले भी एक महिला और उस के 2 बेटों की हत्या कर के उन के शव मथुरा क्षेत्र में एक्सप्रैसवे पर फेंके गए थे. शव फेंकने के लिए यमुना एक्सप्रैसवे महफूज बनता जा रहा है. इस बात को ले कर लोग चिंतित हैं.

पुलिस कयास लगा रही थी कि ट्रौली बैग में मिली युवती की हत्या में एक से अधिक लोग शामिल हो सकते हैं. फिलहाल पुलिस का पूरा फोकस युवती की पहचान पर आ कर टिक गया था.

युवती का अपहरण किए जाने की भी पुलिस को आशंका थी. पुलिस का कहना था कि युवती की जिस तरह हत्या करने के बाद ट्रौली बैग में पैक कर उसे हाईवे पर झाडि़यों में फेंका गया, उस से आशंका है कि युवती का अपहरण किया गया हो. इस के बाद उस के साथ कोई गलत काम किया गया हो. कहीं राज खुल न जाए, इस कारण हत्या कर के शव ठिकाने लगा दिया गया है.

युवती के शरीर पर जिस तरीके के कपड़े मिले थे, उस से यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि युवती कहीं घर पर थी या उसे किसी होटल में रोका गया था. यह भी संभावना लग रही थी कि वह शायद लिवइन में रह रही हो. पुलिस को आशंका थी कि युवती की हत्या प्रेम प्रसंग में हुई है.

युवती की पहचान के लिए राष्ट्रीय अपराध रिकौर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) और जिला अपराध रिकौर्ड ब्यूरो (डीसीआरबी) से आंकड़े भी इस मकसद से जुटाए गए कि कहीं इस हुलिए से मिलतीजुलती युवती की गुमशुदगी तो दर्ज नहीं है. गुमशुदगी में लगी फोटो से मृतका की शक्ल का मिलान भी किया जाने लगा.

24 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस मृतका की शिनाख्त नहीं करा सकी. तब कार्यवाहक एसएसपी मार्तंड प्रकाश सिंह ने 3 टीमें और बना दीं. नोएडा से ले कर आगरा तक के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज पुलिस टीमों ने खंगालने शुरू किए. युवती का पूरा विवरण फोटो सहित सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया.

पुलिस टीम में एसएचओ ओमहरि वाजपेई, स्वाट टीम प्रभारी अजय कौशल, सर्विलांस प्रभारी विकास कुमार, एसआई हरेंद्र कुमार, बिचपुरी चौकी इंचार्ज विनय कुमार, मांट टोल चौकी इंचार्ज रजत दुबे, संजीव कुमार, राहुल कुमार, गोपाल, राघवेंद्र, आशीष तिवारी, अभिजीत कुमार, सोनू भाटी, रामन चौधरी, सुदेश कुमार, राहुल बालियान शामिल थे.

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