Bihar News : पूर्व आईएएस अधिकारी मौजूदा सांसद रामचंद्र प्रसाद सिंह की बेटी आईपीएस लिपि सिंह ने एक तेजतर्रार पुलिस अफसर के रूप में अपनी पहचान बनाई थी. लोग उन्हें लेडी सिंघम के नाम से जानते थे, लेकिन मुंगेर गोलीकांड उन के गले की ऐसी हड्डी बना कि...

जयकारा लगाते हुए माता के भक्त दुर्गा मां की प्रतिमा विसर्जन के लिए दीनदयाल उपाध्याय चौक से बाटला चौक की ओर मस्ती में बढ़ते जा रहे थे. उस वक्त रात के साढ़े 11 बज रहे थे. सैकड़ों भक्तों के पीछेपीछे सीआईएसएफ के जवान और जिले के कई थानों की फोर्स मार्च करती हुए बढ़ रही थी. माता के भक्तों पर पुलिस का दबाव था कि वे जल्द से जल्द मूर्ति विसर्जित कर शहर को भीड़ से मुक्ति दें, ताकि चल रही चुनाव प्रक्रिया आसानी से कराई जा सके. हालांकि मूर्ति विसर्जन कराने के लिए पुलिस के पास 2 दिनों का पर्याप्त समय था, इस के बावजूद पुलिस जल्दबाजी में थी कि जल्द से जल्द मूर्ति विसर्जित करा कर फुरसत पा ली जाए.

दरअसल, पुलिस का भारी दबाव भक्तों पर इसलिए भी था क्योंकि शहर में चुनाव का दौर चल रहा था, दूसरे कोरोना प्रोटोकाल भी. भीड़भाड़ अधिक होने से कोरोना की महामारी फैलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता था. इसलिए एसपी लिपि सिंह चाहती थीं कि सब कुछ शांतिपूर्वक संपन्न हो जाए. भक्त माता का जयकारा लगाते हुए आगे बढ़ते जा रहे थे. लेकिन पुलिस के भारी दबाव से अचानक माहौल गरमा गया और भक्तों की ओर से किसी ने पुलिस पर पत्थर उछाल दिया. वह पत्थर एक पुलिस वाले के सिर पर जा गिरा और वह जख्मी हो गया. एक तो पुलिस पहले से ही माता के भक्तों से नाराज थी. साथी को चोटिल देख कर पुलिस फोर्स आपे से बाहर हो गई.

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