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2 अगस्त, 2023 की पूरी रात तक सना से न मेहरुनिशा की बात हुई और न ही घर वालों के पास उस की कोई काल आई. उस रोज सुबह की काल ही घर वालों के लिए सना की आखिरी काल थी. घर के लोगों ने किसी तरह से रात काटी. अगले रोज 3 अगस्त को मेहरुनिशा अपने बेटे को ले कर नागपुर जिले के मानकापुर थाने गईं.

उन्होंने थाने में अपनी बेटी सना खान के लापता होने की शिकायत दर्ज करवा दी. मामला एक बड़ी राजनीतिक पार्टी बीजेपी से जुड़ा था. गुमशुदगी की शिकायत भी विपक्षी पार्टी कांग्रेस की सक्रिय सदस्य की तरफ से की गई थी. लिहाजा पुलिस ने तत्काल ऐक्शन लिया. एसआई एच.सी. पगारे के साथ 4 सदस्यीय पुलिस टीम बनाई गई. टीम सीधे जबलपुर गई. उस के साथ सना के परिवार वाले भी गए.

नागपुर पुलिस सीधे गोरा बाजार पुलिस थाने पहुंची, जहां अमित साहू और सना के विषय में जानकारी मिल सकती थी. इस के बाद महाराष्ट्र पुलिस मध्य प्रदेश के कटनी जिले में स्थित बिलहरी पहुंची. यहीं के राजुल अपार्टमेंट में उस का पति अमित साहू रहता था. लेकिन पुलिस को उस के फ्लैट पर ताला लगा मिला. एमपी पुलिस के साथ मिल कर महाराष्ट्र पुलिस की टीम ने अपार्टमेंट में अमित के फ्लैट के आसपास के लोगों से करीब 4 घंटे तक पूछताछ की.

जांच टीम को वहां सना के बारे में कोई ठोस जानकारी भले ही नहीं मिल पाई हो, किंतु एक चौंकाने वाली जानकारी जरूर मिली. अपार्टमेंट के कुछ लोगों ने दबी जुबान में बताया कि 2 अगस्त को साहू ने सना के साथ यहीं पर मारपीट की थी. घर पर तलाशी के लिए महाराष्ट्र पुलिस ने कलेक्टर से अनुमति मांगी. कार्यपालक मजिस्ट्रैट की उपस्थिति में अमित साहू के घर का ताला तोड़ा गया. पुलिस ने तलाशी ली, इस दौरान सना की मां, उस के भाई सहित अन्य लोग भी मौजूद थे.

उन की मौजूदगी में पुलिस ने अमित के घर की एकएक चीज की तलाशी ली, लेकिन कहीं भी कुछ वैसा सबूत नहीं मिले, जिन से पता चल सके कि सना के साथ मारपीट की गई हो. इस बीच दोनों राज्यों की पुलिस ने तहकीकात को आगे बढ़ाने के लिए सना और अमित के संबंधों के बारे में कुछ अन्य जानकारियां भी जुटाईं. उन में एक उन का मैरिज सर्टिफिकेट था.

सना ने अमित को दिए थे 50 लाख रुपए उधार

पुलिस को मिले मैरिज सर्टिफिकेट के अनुसार सना और अमित साहू की शादी 24 अप्रैल, 2023 को जबलपुर के कलेक्ट्रैट कार्यालय में मैरिज अधिकारी शेर सिंह मीणा की उपस्थिति में हुई थी. उन का विवाह 3 लोगों की मौजूदगी में संपन्न हुआ था. उन के बारे में सना खान के भाई मोहसिन खान ने पुलिस को बताया कि दोनों की पहली मुलाकात करीब 2 साल पहले हुई थी.

अमित सना से नागपुर में तब मिला था, जब वह अपनी एक परिचित का इलाज करवाने के लिए नागपुर गया था. सना ने अपनी पहुंच और राजनीतिक जानपहचान से अमित की मदद की थी. उस के बाद दोनों की बातें फोन पर काल, मैसेजिंग और वीडियो काल से होने लगी थीं. उसी दौरान उन में प्यार हो गया.

अमित साहू सना की राजनीतिक पहुंच से प्रभावित था. उसे मालूम था कि सना के संपर्क बीजेपी के कई वरिष्ठ राजनेताओं से हैं. वह महाराष्ट्र के कई नेताओं से मोबाइल चैटिंग के जरिए संपर्क बनाए रहती थी. जबलपुर का रहने वाला अमित साहू एक ढाबा चलाता था. शादी के बाद सना जबलपुर और नागपुर दोनों जगहों पर रहने लगी थी. अमित ने अपने बिजनैस को आगे बढ़ाने के लिए योजना बनाई थी, जिस मेें सना से आर्थिक सहयोग मांगा था.

सना के पिता कारोबारी हैं. उन्होंने अमित को ढाबे में सना की पार्टनरशिप के लिए 50 लाख रुपए दिए थे. कुछ दिनों में ही पैसे और कारोबार को ले कर दोनों में विवाद होने लगा था. उस के बाद से सना अपने पिता का पैसा वापस मांगने लगी थी. उन के बीच विवाद इस कदर बढ़ गया था कि सना अपने बेटे के साथ लगातार नागपुर में ही रहने लगी थी.

शादी के दौरान सना ने अपने पति अमित साहू को गिफ्ट में एक सोने की चेन भेंट की थी. अमित उसे पहने रहता था. पहली अगस्त को रात में सना और अमित वीडियो काल के जरिए बात कर रहे थे. बातचीत के दौरान अमित के गले में सोने का चेन नहीं दिखी थी. इस पर सना ने सवाल किया तो चेन को ले कर उन के बीच बहस होने लगी. उस के तुरंत बाद ही सना नागपुर से जबलपुर के लिए चल दी थी.

पुलिस पर बढ़ रहा था राजनीतिक दबाव

सना की तलाश में दोनों राज्यों की पुलिस टीम जुटी हुई थी, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल पा रही थी. न तो सना खान का पता चल पाया था और न ही अमित साहू का. सना के घर वालों की उम्मीदें टूटती जा रही थीं. सना को लापता हुए 4 दिन बीत चुके थे.

इसे ले कर राजनीति भी तेज हो गई थी. पक्षविपक्ष की राजनीति गरमा गई थी. लोग इसे हिंदूमुसलिम और कांग्रेसबीजेपी के नजरिए से देखने लगे थे. अल्पसंख्यक मोर्चा महाराष्ट्र के प्रदेश महामंत्री जुनैद खान ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिख कर सीबीआई जांच की मांग कर दी थी. यहां तक कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के औफिस से भी लगातार इस केस की मौनिटरिंग की जा रही थी. पुलिस जांच टीम पर बड़े पुलिस अधिकारियों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा था.

दूसरी तरफ सना का भाई भी अमित पर निशाना साधे हुए था. उस का आरोप था कि उस ने सना की हत्या कर लाश ठिकाने लगा दी है और खुद गायब हो चुका है. यहां तक कि सना के भाई ने अपनी बहन की लाश को हिरण नदी में फेंके जाने की आशंका भी जताई.

इस के बाद मामले को ले कर नागपुर के मानकापुर थाने की पुलिस ने जबलपुर में डेरा डाल दिया. सना की तलाश में महाराष्ट्र पुलिस ने 4 दिन जबलपुर में गुजारे, लेकिन कहीं कुछ पता नहीं चला. थकहार कर नागपुर पुलिस 7 अगस्त, 2023 को वापस लौट गई. एमपी पुलिस भी सना और अमित साहू के मोबाइल लोकेशन के आधार पर ही जांच कर रही थी.

इन्हीं जांच के सिलसिले में पुलिस ने अमित साहू के बिलहरी स्थित राजुल अपार्टमेंट में स्थित फ्लैट की तलाशी ली थी, लेकिन वहां कुछ नहीं मिला था. उस के बाद 6 अगस्त को पुलिस जबलपुर जिले के ही कटंगी थाना क्षेत्र के बेलखाडू में स्थित अमित साहू के आशीर्वाद ढाबे पर भी गई. पुलिस ने ढाबे में सघन चैकिंग की.

वहां पर मौजूद 10-12 लोगों से पूछताछ की गई. जिस जगह पर अमित ने ढाबा बना रखा था, उस जमीन के मालिक से भी पूछताछ की गई. उसे अमित उस जगह का 20 हजार रुपए प्रतिमाह किराया देता था. ढाबे पर काम करने वाला जितेंद्र नाम का नौकर वहां नहीं मिला. पुलिस को उम्मीद बंधी कि उस से अमित और सना के बारे में सुराग मिल सकता है. उसी दिन महाराष्ट्र पुलिस ने कटंगी थाना पुलिस के साथ मिल कर हिरण नदी और आसपास के जंगलों में भी सना और अमित को तलाश किया.

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