बालम की सेज पर नौकर का धमाल – भाग 3

शैलेष भी सीमा से हेमंत की तारीफों के पुल बांधता. ढाबे में काम करते हुए हेमंत की नजदीकियां सीमा से बढ़ गईं और वे दोनों एकदूसरे से प्यार करने लगे. शैलेष जब भी घर से बाहर जाता तो हेमंत और सीमा को मौका मिल जाता और वे अपनी हसरतें पूरी करने लगे.

2022 के नवंबर महीने में शैलेष ने अपने ढाबे पर काम करने वाले हेमंत बावरिया और अपनी पत्नी सीमा को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था. तभी से शैलेष सीमा से हेमंत को ढाबे से निकालने को बोल रहा था. लेकिन सीमा की जिद के आगे वह मजबूर था. इसी वजह से आए दिन शैलेष शराब के नशे में सीमा से विवाद करने लगा. एक दिन गुस्से में आ कर शैलेष ने सीमा से कहा,

‘‘तुम हेमंत को ढाबे से निकाल दो, नहीं तो मैं अपने घर वालों से बोल कर तुम्हारे नाजायज संबंधों का भांडा फोड़ दूंगा.’’

इस पर सीमा ने भी दोटूक कह दिया, ‘‘मैं तुम्हें छोड़ सकती हूं,मगर हेमंत को नहीं.’’

शैलेष खून का घूंट पी कर रह गया था. उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे. समाज में बदनामी के डर से वह मौन था. उसे अपनी बेटी के भविष्य की चिंता भी खाए जा रही थी.

पति था पत्नी के प्यार में कांटा…

अवैध संबंध की जानकारी परिवार के लोगों को बताने की बात पर सीमा तथा हेमंत बावारिया ने जबरदस्ती शैलेष साकरे को नशामुक्ति केंद्र इटारसी में 6 माह के लिए भेज दिया. परिवार के लोगों के पूछने पर सीमा ने बताया कि शैलेष नशे की लत के कारण आए दिन झगड़ा करता है. कुछ माह वहां रहेगा तो उस की यह लत छूट जाएगी.

शैलेष के जाने के बाद से सीमा तथा हेमंत मिलन ढाबे के कमरे में एक साथ रहने लगे थे. शैलेष की बेटी सारणी के 9वीं क्लास में पढ़ती थी, उसे हेमंत का अपने कमरे में मम्मी के साथ रहना पसंद नहीं आ रहा था. जब वह इस बात का विरोध करती तो सीमा उसे समझाबुझा कर शांत कर देती. शैलेष की बेटी ज्यादा दिनों तक यह बरदाश्त नहीं कर सकी और आखिर वह पापा को घर लाने की जिद कर बैठी.

बेटी के जिद करने पर सीमा एवं हेमंत ने करीब 10-15 दिन बाद ही शैलेष साकरे को नशामुक्ति केंद्र से वापस रेस्टोरेंट ले आए. इस के बाद शैलेष सीमा और हेमंत पर पैनी निगाह रखने लगा था, जिस की वजह से दोनों प्रेमी मिल नहीं पा रहे थे. दोनों की तड़प बढ़ती जा रही थी और शैलेष मिलन की राह में रोड़ा बना हुआ था.

10 जनवरी, 2023 की बात है. रात 2 बजे सीमा साकरे अपने कमरे से निकल कर कंबल ले कर हेमंत बावरिया को रेस्टोरेंट में देने चली गई. काफी देर तक वापस नहीं आने के कारण शैलेष तथा उस की बेटी ने जा कर देखा तो सीमा तथा हेमंत ढाबे के एक कमरे में एक ही बिस्तर पर आपत्तिजनक हालत में मिले.

हत्या कर ढाबे में लगा दी आग…

यह देख कर शैलेष का खून खौल उठा. वह गुस्से में उसे मारने के लिए दौड़ा तो सीमा ने उस के हाथ पकड़ लिए. शैलेष ने अपनी पत्नी से कहा, ‘‘इस आस्तीन के सांप को ढाबे से निकाल दो, नहीं तो मैं तुम दोनों का मुंह काला कर के कस्बे में घुमाऊंगा.’’

सीमा ने इंकार करते हुए कहा, ‘‘अगर तुम ने हेमंत को ढाबे से निकाला तो मैं मायके चली जाऊंगी.’’ इस के बाद रोज ही शैलेष और सीमा हेमंत को ले कर झगडऩे लगे. जब शैलेष ने सीमा की इन हरकतों का विरोध करना शुरू किया तो सीमा नाराज हो कर अपने मायके बैतूल चली गई. 15 जनवरी को हेमंत भी ढाबा छोड़ कर कहीं चला गया. 2-3 दिन अपने मायके बैतूल में रहने के बाद सीमा अपनी बुआ के घर इटारसी आ गई.

इस बीच हेमंत और सीमा की मोबाइल फोन पर बातचीत लगातार होती रहती थी. शैलेष की हत्या का प्लान भी मोबाइल फोन पर बातचीत के दौरान ही बना था.सीमा पति शैलेष की हत्या करने के लिए हेमंत को बारबार बोल रही थी, लेकिन हेमंत इस के लिए तैयार नहीं हो रहा था. सीमा ने एक दिन फोन पर प्रेमी हेमंत को चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘जब तक शैलेष हम दोनों के बीच रहेगा, हम चैन से नहीं रह सकते. तुम किसी तरह ढाबे में ही शैलेष की हत्या कर दो.’’

“ये काम इतना आसान नहीं है सीमा, मुझे कुछ वक्त दो सोचने के लिए.’’ हेमंत टालते हुए बोला.

‘‘हेमंत, तुम ने शैलेष का मर्डर नहीं किया तो मैं तुम्हें छोड़ कर किसी और मर्द से संबंध बना कर शैलेष की हत्या करवा दूंगी.’’

यह सुन कर हेमंत डर गया. उसे लगा कि सीमा उस के हाथ से न निकल जाए. हेमंत ने सोचा आइडिया अच्छा है, जब शैलेष ही नहीं रहेगा तो सीमा से शादी कर वह हमेशा के लिए मेरी हो जाएगी और ढाबे की संपत्ति पर भी उस का अधिकार रहेगा. हेमंत भी प्यार में इतना पागल हो गया था कि उस ने अपनी मां से सीमा के साथ शादी करने की बात कह दी थी.

हेमंत तथा सीमा साकरे ने मिल कर योजना बनाई और पहली फरवरी की सुबह 8 बजे वह शैलेष की हत्या के इरादे से ढाबे के पास पहुंच गया. जैसे ही शैलेष की बेटी कमरे से निकल कर स्कूल बस में बैठी, वह ढाबे के पिछले हिस्से से आशियाना ढाबे के कमरा नं. 101 में चुपके से पहुंच गया. उस समय शैलेष मोबाइल पर कुछ देख रहा था, तभी हेमंत ने उस के सिर पर लोहे के हथौड़े से 3-4 वार कर दिए. पलभर में ही शैलेष ढेर हो गया. उस के बाद हेमंत ने पैट्रोल डाल कर शैलेष के शरीर में आग लगा दी.

पुलिस बैतूल ढाबा कांड की आरोपी सीमा को पहले ही न्यायालय में पेश कर जेल भेज चुकी थी. हेमंत की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने प्रैस कौन्फ्रैंस कर इस प्रेम अपराध कहानी का खुलासा किया और हेमंत बावरिया निवासी इटारसी जिला नर्मदापुरम के खिलाफ धारा 302, 34, 120बी, 201 आईपीसी के तहत मामला कायम कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से हेमंत को बैतूल जेल भेज दिया गया.

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

होम डिलीवरी में मिला प्यार – भाग 1

राकेश मीणा अपने औफिस में तो आ गया था, लेकिन उस का मन काम में नहीं लग रहा था. सुबह से ही उस के सिर में दर्द था और बदन भी गरम लग रहा था. वह औफिस आना नहीं चाहता था, लेकिन एक जरूरी फाइल मालिक को कंप्लीट कर के देनी थी, इसलिए औफिस आना जरूरी हो गया था. जैसेतैसे राकेश ने फाइल का काम पूरा किया. दोपहर में लंच का टाइम हो गया था, लेकिन उस की इच्छा लंच करने की नहीं हुई. उस ने फाइल मालिक की मेज पर रख कर उन से अपनी तबीयत खराब होने की बात बता आधे दिन की छुट्ïटी ले ली.

स्कूटर से घर की ओर लौटते वक्त उस ने रास्ते में पडऩे वाले एक कैमिस्ट से सिर दर्द की दवा खरीदी और घर पहुंच गया. पत्नी पूजा भरा हुआ टिफिन देख कर नाराज होगी, यह बात राकेश मीणा अच्छी तरह जानता था. पूजा ने आज बड़े प्यार से लंच के लिए बैंगन का भरता और परांठे बना कर दिए थे, तबीयत खराब हो जाने की वजह से वह टिफिन वापस ले आया था.

“ऊंह! पूजा नाराज होगी तो वह उसे मना लेगा.’’ सोचते हुए राकेश ने स्कूटर स्टैंड पर खड़ा किया और दरवाजे की तरफ कदम बढ़ा दिए. दरवाजा अंदर से बंद था. राकेश ने कालबेल बजाई तो काफी देर बाद उस की 24 वर्षीय पत्नी पूजा ने दरवाजा खोला. सामने पति को खड़ा देख कर उस के चेहरे का रंग उड़ गया. वह आश्चर्य से बोली, ‘‘आप, इस समय?’’

पत्नी पर हुआ शक…

राकेश ने गौर से पत्नी की तरफ देखा, पूजा के बाल बिखरे हुए थे. माथे का सिंदूर फैला हुआ था. कपड़े भी अस्तव्यस्त थे. माथे पर छलका पसीना और उखड़ी हुई सांसें बयां कर रही थीं कि बंद दरवाजे के पीछे वह किसी अनैतिक कार्य में लिप्त रही है. राकेश का माथा ठनका. उस ने अपने कदम आगे बढाए ही थे कि पूजा ने खुद को संभालते हुए उस के गले में प्यार से बाहें डाल दीं और उस से सट कर कामुक स्वर में बोली, ‘‘बहुत मौके से आए हैं आप, मैं अभी नींद में आप का ही सपना देख रही थी.’’

“अंदर कौन है पूजा?’’ राकेश ने पत्नी की बाहें गले में से निकालने का प्रयास करते हुए तीखे स्वर में पूछा.

“अंदर कौन होगा जी!’’ पूजा ने चौंकने का नाटक करते हुए हैरानी से कहा, ‘‘आइए देख लीजिए, अंदर तो मैं ही थी.’’

राकेश को खुद से चिपकाए हुए पूजा उसे कमरे में ले आई. राकेश को कमरे में कोई नजर नहीं आया. उस ने पूजा को परे धकेल कर पलंग के नीचे और अलमारी के पीछे अच्छी तरह देखा, वहां भी कोई नहीं था. राकेश की नजर पलंग पर गई. पलंग की चादर बुरी तरह मसली हुई नजर आ रही थी, यह इस बात की ओर इशारा कर रही थी कि पलंग पर 2 जिस्मों ने अपनी अधूरी हसरतें पूरी करने के लिए खूब उछलकूद की है. राकेश पत्नी को जलती आंखों से घूरने लगा.

“आप मुझे इस तरह क्यों घूर रहे हैं?’’ पूजा मासूमियत से बोली, ‘‘आप ने कमरे की छान तो कर ली है.’’

“तुम्हारी हालत, तुम्हारे अस्तव्यस्त कपड़े और पलंग की यह मसली हुई चादर तो यही इशारा कर रही है कि मेरे आने से पहले तुम किसी की बाहों में कैद हो कर अनैतिक खेल खेल रही थी.’’

“छि” पूजा ने मुंह बना कर कहा, ‘‘आप को ऐसी बात कहते हुए जरा भी शरम नहीं आ रही. मैं एक बेटे की मां हूं राकेश… तुम मुझ पर ऐसी तोहमत लगा रहे हो,’’ कह कर पूजा रोने लगी.

आंसुओं से बह गया गुस्सा…

औरत के आंसू पुरुष को कमजोर करने का घातक हथियार होते हैं. पूजा को रोते देख कर राकेश का गुस्सा उड़ गया. वह पूजा के पास आ कर उस के आंसू पोंछते हुए प्यार से बोला, ‘‘मैं तुम्हें रोते हुए नहीं देख सकता पूजा, आंसू पोंछो और मेरे लिए चाय बना कर लाओ, मेरे सिर में भयंकर दर्द हो रहा है.’’

“अच्छा, कैसे?’’ पूजा जल्दी से आंसू पोंछ कर परेशान स्वर में बोली, ‘‘इसीलिए आप घर आ गए हैं. आप लेट जाइए, मैं आप के लिए चाय बना कर लाती हूं.’’ पूजा ने पलंग की चादर ठीक कर के पति राकेश को लिटा दिया और रसोई में चली गई. गैस पर चाय का पानी चढ़ा कर उस ने चोली में से मोबाइल निकाल कर एक नंबर मिला दिया. दूसरी ओर घंटी बजी, तुरंत ही किसी ने काल अटैंड कर ली.

“सब ठीक है न पूजा?’’ दूसरी ओर से पुरुष का सहमा हुआ स्वर उभरा, ‘‘तुम्हारे पति को तुम पर शक तो नहीं हुआ?’’

“आज तो वह मेरी जान ही ले लेता कृष्ण. वह अचानक ही घर आ गया, यदि तुम्हें वह कमरे में पकड़ लेता तो मेरी गरदन दबा देता.’’ पूजा ने अपने प्रेमी कृष्ण को बताया.

“तुम ने बहुत समझदारी से काम लिया पूजा. अपने पति को बाहों में इस तरह जकड़ लिया कि उस की पीठ मेरी तरफ हो गई. तुम्हारा इशारा पा कर मैं उस की पीठ के पीछे से चुपचाप निकल भागा. और लिफ्ट से नीचे उतर गया. आगे मिलन के समय हमें बहुत सावधानी बरतनी पड़ेगी कृष्ण.’’

“ठीक कहती हो पूजा.’’ कृष्ण का गंभीर स्वर उभरा, ‘‘अब हम किसी होटल का कमरा बुक कर के अपनी हसरतें पूरी कर लिया करेंगे.’’

“यही मैं भी सोच रही थी,’’ पूजा ने खुश हो कर कहा, ‘‘फोन काट रही हूं, उसे चाय बना कर देनी है.’’ पूजा ने इतना कह कर फोन काट दिया. चाय उबल गई थी, चाय कप में छान कर राकेश को देने के लिए वह कमरे में आ गई. राकेश आंख बंद किए लेटा था. पूजा के होंठों पर कुटिल मुसकराहट तैर गई. उस ने राकेश को त्रियाचरित्र के जाल में फंसा कर खुद और प्रेमी कृष्ण को साफ बचा लिया था.

डिलीवरी बौय कृष्ण कुमार से लड़े नैना…

राकेश मीणा शिवदासपुर की वसुंधरा कुटुंब सोसायटी के सी-24 नंबर के फ्लैट में चौथे माले पर अपनी पत्नी पूजा उर्फ फूला और 2 वर्षीय बेटे के साथ किराए पर रहता था. पूजा के साथ राकेश की शादी 3 साल पहले गांव झुंझनूं, थाना वौली, जिला सवाई माधोपुर के अपने पैतृक घर से हुई थी.

चूंकि राकेश मीणा शिवदासपुर (जयपुर दक्षिण) की एक कंपनी में अधिकारी के पद पर नियुक्त था, इसलिए शादी के 10 दिन बाद ही वह झुंझनूं से शिवदासपुर लौट आया था. यहां शादी से पहले ही राकेश ने एक सोसायटी में फ्लैट किराए पर ले लिया था. पूजा के साथ उस ने अपनी गृहस्थी की शुरुआत इसी किराए के फ्लैट से की. शादी के एक साल बाद ही पूजा ने बेटे को जन्म दिया, दोनों पतिपत्नी अपने बेटे को बहुत प्यार करते थे. उन की जिंदगी के दिन खुशहाली से बीत रहे थे कि पूजा के कदम बहक गए और इस खुशहाल जिंदगी में स्याह रंग घुलना शुरू हो गया.

बालम की सेज पर नौकर का धमाल – भाग 2

पुलिस की टीम जब सीमा की तलाश में उस की बुआ के घर इटारसी पहुंची तो वह वहीं मिल गई. पुलिस सीमा को वहां से सारणी पुलिस स्टेशन ले कर आई. पुलिस ने जब उस से सख्ती से पूछताछ की तो उस ने डर की वजह से बड़ी आसानी से अपने प्रेमी हेमंत से पति की हत्या करवाने का जुर्म कुबूल कर लिया.

पुलिस जांच में यह सब स्पष्ट हुआ कि साक्ष्य छिपाने के लिए सीमा ने अपने मोबाइल से काल डिटेल्स डिलीट कर दी थीं.इतना ही नहीं, प्रेमी हेमंत ने हत्या करने के बाद सीमा को फोन कर के बताया था कि उस ने शैलेष को मार दिया है. तब सीमा ने उसे याद दिलाया, ‘‘हेमंत, तुम भूल गए क्या, शैलेष कहता था कि हम दोनों का मुंह काला कर के शहर में घुमाएगा.’’

“अब हमारे प्यार के बीच कोई नहीं आएगा सीमा,’’ हेमंत ने उसे भरोसा दिलाते हुए कहा.

“नहीं हेमंत, तुम अभी शैलेष का मुंह काला कर दो. तभी मुझे अच्छा लगेगा.’’ सीमा की इसी बात पर हेमंत ने मृत पड़े शैलेष के शरीर पर अपने साथ बोतल में छिपा कर लाए हुए पैट्रोल को छिडक़ कर आग लगा दी और वहां से भाग खड़ा हुआ.

पुराने प्यार ने ली अंगड़ाई…

पुलिस हिरासत में सीमा ने अपने पति की हत्या प्रेमी हेमंत बावरिया से करवाने की बात कुबूल कर ली थी, तभी से सारणी और पाथाखेड़ा पुलिस थाने की टीमें हेमंत की तलाश में जुट गई थीं. एसडीपीओ रोशन जैन ने आरोपी हेमंत की गिरफ्तारी के लिए टीआई रत्नाकर हिंग्वे के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया.

पुलिस टीम ने हेमंत की तलाश में इटारसी, खैरवानी, चोपना समेत अन्य संभावित स्थानों पर दबिश दी, लेकिन उस का कोई सुराग नहीं मिल सका. हेमंत ने भागने के बाद अपना मोबाइल बंद कर लिया था. पुलिस टीम उस की तलाश में इटारसी गई तो वहां उस के मातापिता और भाईबहन भी थे. उन्होंने बताया कि हेमंत इटारसी में भी छोटेमोटे अपराध करता रहता था और घर से महीनों तक गायब रहता था.

पुलिस घर पर आ कर मातापिता से पूछताछ करती थी, तब उस के मातापिता हेमंत को यह कहते हुए डांटते, ‘‘तेरी वजह से हमें समाज में नीचा देखना पड़ रहा है.’’ इसी बात को ले कर वह घर से चला गया और पिछले 2 सालों से घर भी नहीं आया. पुलिस इटारसी से खाली हाथ वापस लौट आई. पुलिस ने हेमंत के मोबाइल को सर्विलांस पर लगा रखा था. 6 फरवरी, 2023 को हेमंत ने कुछ समय के लिए मोबाइल औन किया तो पुलिस ने उस की लोकेशन ट्रेस की. वह सारणी से करीब 15 किलोमीटर दूर राऊनदेव इलाके की थी.

पुलिस टीम ने मुस्तैदी के साथ घेराबंदी की तो जंगल में एक खंडहरनुमा मकान में वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया. उसे 6 फरवरी, 2023 को सुबह करीब साढ़े 10 बजे राउनदेव के जंगल से घेराबंदी कर के पकड़ लिया गया. हत्या करने के बाद से आरोपी हेमंत बावरिया जंगलजंगल छिपता फिर रहा था. खास बात यह थी कि हत्या जैसी संगीन वारदात को अंजाम देने के बावजूद आरोपी शहरी क्षेत्र के आसपास ही जंगल में छिपता रहा, जिसे पकडऩे में 6 दिन बाद पुलिस को सफलता मिल गई.

सीमा और हेमंत बावरिया की मुलाकात भले ही पुरानी थी, मगर उन का प्यार नवंबर 2021 से परवान चढ़ा था. दोनों को इश्क का खुमार इस कदर चढ़ गया कि प्यार में सब कुछ कुरबान करने को तैयार हो गए. पति की हत्या की साजिश रचने वाली सीमा ने पुलिस पूछताछ में बड़े आत्मविश्वास के साथ कहा था, ‘‘मेरे जेल जाने की खबर मिलते ही हेमंत भी मिल जाएगा.’’ हकीकत में यही हुआ. सीमा को 2 दिन पहले ही पुलिस ने न्यायालय में पेश किया था, जहां से उसे जेल भेज दिया गया. इस के बाद हेमंत भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया.

पुलिस पूछताछ में हेमंत ने बताया कि हत्या से 3 दिन पहले उस ने मिलन ढाबे का सीसीटीवी कैमरा निकालने का प्रयास किया था. लेकिन अपने मंसूबे में वह कामयाब नहीं हो सका. इतना ही नहीं, हत्या करने के बाद उस ने ढाबे के काउंटर तक आने वाले पिछले दरवाजे पर लगे ताले को तोड़ दिया था.

दरअसल, काउंटर में सीसीटीवी कैमरे का डिजिटल वीडियो रिकौर्डर रखा था. उस रिकौर्डर को वहां से हटाने की योजना उस ने बनाई थी, लेकिन वारदात वाले कमरे से धुंआ उठते ही ढाबे के बाहर बड़ी तादाद में लोग इकट्ïठा हो गए थे, जिस के चलते वह रिकौर्डर तक नहीं पहुंच सका और वहां से भाग निकला. हेमंत अगर इस रिकौर्डर को ले जाता तो इस हत्याकांड का खुलासा बमुश्किल ही हो पाता, लेकिन हेमंत के ढाबे में प्रवेश करते और भागते सीसीटीवी कैमरे में कैद होने से वारदात से परदा उठ गया.

बैतूल जिले के सारणी कस्बे में रहने वाले 45 साल के शैलेष साकरे की शादी करीब 18 साल पहले बैतूल की सीमा से हुई थी. एक बेटी के जन्म के बाद से ही शैलेष मिलन ढाबा चला रहा था.

इटारसी में हुई थी मुलाकात…

38 साल की सीमा की बुआ इटारसी में रहती हैं, वहां अकसर सीमा का आनाजाना होता रहता था. एक साल पहले की बात है जब सीमा अपनी बुआ के यहां इटारसी गई हुई थी तो उस की मुलाकात हेमंत बावरिया से हो गई. हेमंत से उस की जानपहचान बरसों पहले उस समय से थी, जब वह अपनी बुआ के पास इटारसी आया करती थी, लेकिन शादी हो जाने के बाद उस का इटारसी आना कम हो गया था. हेमंत उस का दोस्त था. हेमंत सीमा को देख कर बोला, ‘‘यार, तुम तो बहुत बदल गई हो, अब तो हमें भाव ही नहीं देती.’’

“जनाब, अब हम किसी और के हो चुके हैं, अब भला तुम्हें क्यों भाव देंगे?’’ सीमा इठलाती हुई बोली. सीमा के इस जबाब से वह झेंप गया. सीमा ने उस की झेंप दूर करते हुए कहा, ‘‘अच्छा डियर, ये बताओ तुम ने शादी की या नहीं.’’

“जानू, हमारा दिल तो अभी भी तुम्हारे लिए धडक़ता है, भला हम क्यों शादी करेंगे.’’ हेमंत ने भी बेधडक़ हो कर कहा. 28 साल का हेमंत गोरे रंग का हट्ïटाकट्ïटा स्मार्ट नौजवान था. सीमा यह जान कर बहुत खुश हुई कि हेमंत की अभी तक शादी नहीं हुई है. सीमा ने हेमंत में इंटरेस्ट लेते हुए पूछा, ‘‘कुछ कामधंधा कर रहे हो कि नहीं?’’

“पहले इटारसी के एक होटल में नौकरी करता था. लौकडाउन के बाद वह नौकरी भी हाथ से निकल गई. कहीं तुम्हारी जुगाड़ हो तो मुझे नौकरी दिलवा दो न. घर वाले भी ताना देने लगे हैं कि मुफ्त की रोटियां तोड़ते हो.’’ हेमंत बोला.

“नौकरी तो दिलवा दूंगी, पर सारणी चलना पड़ेगा. घर से इतनी दूर रह कर नौकरी कर पाओगे?’’ सीमा ने हेमंत का मन टटोलते हुए पूछा.

“नौकरी के लिए तो मैं दुनिया जहान में कहीं भी रह सकता हूं और फिर सारणी में तो तुम्हारा दीदार भी होता रहेगा,’’ हेमंत भी शरारती अंदाज में बोला.

सीमा ने हेमंत को सारणी आने की पेशकश की तो वह नवंबर 2021 में बैतूल जिले के सारणी कस्बा चला गया. वहां पर सीमा ने अपने पति से उस की जानपहचान करा कर अपने ‘मिलन ढाबे’ पर काम के लिए रख लिया.अब हेमंत ढाबे पर बड़ी लगन से काम करने लगा. अपने काम से उस ने शैलेष का दिल जीत लिया. हेमंत ढाबे में रहने लगा था. ढाबे में ही शैलेष अपनी पत्नी और बेटी के साथ रहता था. ऐसे में हेमंत का मिलनाजुलना सीमा से होता रहता था.

बालम की सेज पर नौकर का धमाल – भाग 1

2023 के फरवरी महीने की पहली तारीख थी, सुबह का वक्त था. मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के सारणी पुलिस स्टेशन के टीआई रत्नाकर हिंग्वे अपने घर पर पुलिस स्टेशन जाने की तैयारी कर रहे थे. तभी उन के मोबाइल की घंटी बजी. जैसे ही उन्होंने काल रिसीव की दूसरी तरफ से आवाज आई, ‘‘सर, कंट्रोलरूम से बोल रहा हूं. सारणी के बगडोना स्थित आशियाना ढाबे में आग लगने की सूचना मिली है.’’

टीआई रत्नाकर हिंग्वे ने फोन पर ही उसे निर्देश देते हुए कहा, ‘‘तुरंत फायर ब्रिगेड को फोन कर के सूचना दो, मैं जल्द ही पुलिस स्टेशन पहुंच रहा हूं.’’

5 मिनट में ही टीआई पुलिस स्टेशन पहुंचे और अधीनस्थ स्टाफ को साथ ले कर आशियाना ढाबे की ओर निकल पड़े. कुछ ही मिनटों में वे सारणी पुलिस स्टेशन से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर छतरपुर रोड स्थित आशियाना ढाबे की ओर रवाना हो गए. रास्ते में ही टीआई ने घटना की जानकारी बैतूल की एसपी सिमाला प्रसाद और एसडीपीओ रोशन जैन को  दी. कुछ ही समय में पुलिस बल सहित सारणी के एसडीपीओ रोशन जैन और फोरैंसिक टीम घटनास्थल पर पहुंच गई.

तब तक फायर ब्रिगेड वहां पहुंच चुकी थी और आग पर काबू पा लिया गया था. ढाबे के एक कमरे से धुआं उठता दिखाई दे रहा था. पुलिस टीम ने वहां जा कर देखा कि ढाबे की ऊपरी मंजिल पर जिस कमरा नं 101 में आग लगी थी, वहां ढाबे का मालिक शैलेष साकरे रहता था. कमरे के अंदर का नजारा दिल दहला देने वाला था. जब तक आग पर काबू पाया गया, उस से पहले ही शैलेष की मौत हो चुकी थी.

जब ढाबे पर मौजूद समीर को पुलिस ने बुलाया तो उस ने ही बताया कि यह अधजली लाश ढाबे के मालिक शैलेष साकरे की है. अधजली हालत में मिली शैलेष साकरे की लाश ढाबे के रूम से बाहर निकाली गई. फोरैंसिक टीम ने कमरा नंबर 101 का बारीकी का निरीक्षण किया और शव का परीक्षण कर के बताया कि युवक को जलाने में कैमिकल का इस्तेमाल किया गया है.

ढाबे में मिली झुलसी हुई लाश…

पूछताछ में पता चला कि कमरा नंबर 101 में रहने वाले शैलेष की पत्नी अपने मायके गई हुई थी और शैलेष सुबह उठ कर अपनी 9वीं क्लास में पढऩे वाली 16 साल की बेटी को बाइक से स्कूल छोड़ कर आया था. इस ढाबे को पहले शैलेष ही मिलन ढाबा के नाम से चलाता था. नशे का आदी होने से जब शैलेष पर कर्ज बढ़ गया तो उस ने ढाबे को किराए पर दे दिया. कुछ दिनों पहले उस ने इसे समीर मसीद को किराए पर दे दिया था, जो अब इसे आशियाना ढाबे के नाम से चला रहा था.

ढाबे में हुए शैलेष साकरे मर्डर केस की खबर से आसपास के इलाकों से काफी भीड़ जमा हो गई थी. पुलिस को आग लगने की कोई वजह समझ में नहीं आ रही थी. पुलिस ने ढाबे में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखी तो एक व्यक्ति ढाबे में प्रवेश करता और कुछ समय बाद ढाबे से बाहर की तरफ जाता दिख रहा था. पुलिस का शक इसी व्यक्ति पर जा रहा था.

पुलिस का मानना था कि यही व्यक्ति शैलेष के कमरे में आग लगा कर आया होगा. पुलिस टीम ने ढाबे के संचालक समीर से पूछताछ की तो उस ने बताया कि सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में दिखाई देने वाला शख्स हेमंत बावरिया है, जो पहले शैलेष के ढाबे पर ही काम करता था. पुलिस ने इस बीच शैलेष की बेटी को भी स्कूल से बुला लिया और लाश की शिनाख्त कर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दी.

शैलेष की बेटी ने पुलिस टीम को बताया कि कुछ दिनों पहले मम्मी नाराज हो कर मामा के घर बैतूल चली गई थीं. शैलेष के बड़े भाई शंकरलाल ने यह जरूर खुलासा किया कि शैलेष अपनी पत्नी सीमा और ढाबे में काम करने वाले हेमंत बावरिया को ले कर हमेशा टेंशन में रहता था और शराब भी पीने लगा था. कमरे की हालत देख कर पुलिस को आग लगने की वजह संदेहास्पद लग रही थी.

ढाबे के कमरा नंबर 101 में अधजली लाश के पास एक हथौड़ी मिली थी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हो चुका था कि शैलेष के सिर पर चोटों के निशान पाए गए थे. इस से साफ जाहिर था कि जलाने से पहले उसे सिर में हथौड़ी से चोट पहुंचा कर मौत के घाट उतारा गया है. जब पतिपत्नी के बीच अनबन की जानकारी पुलिस के सामने आई तो पुलिस के शक की सुई सब से पहले सीमा की तरफ ही घूमी.

शैलेष के परिवार से मिली जानकारी से यह तो स्पष्ट हो चुका था कि शैलेष की पत्नी सीमा के प्रेम संबंध ढाबे पर काम करने वाले नौकर हेमंत बावरिया से थे और इस की जानकारी शैलेष को भी थी. इसी आधार पर सब से पहले पुलिस ने सीमा की खोज के लिए पुलिस की टीम बैतूल भेजी, जहां सीमा के मायके वालों से पता चला कि सीमा यहां 15 जनवरी को आई थी. 2- 3 दिन रुकने के बाद यहां से अपनी बुआ के घर इटारसी चली गई.

इस के बाद सीमा पर पुलिस का संदेह अब और गहराता जा रहा था. सीमा का मायका बैतूल का था. बैतूल में सीमा के पिता भी 2 पत्नियों के साथ रहते थे. सीमा अपनी मां की 3 बेटियों में सब से छोटी थी. उस की दूसरी मां से एक बेटा था. सभी बहनों की शादी भी हो चुकी थी, इस वजह से मायके में भी ज्यादा पूछपरख सीमा की नहीं थी.

पुलिस ने जब सीमा के मोबाइल की काल डिटेल्स निकाली तो पता चला कि हत्या की साजिश रचने वाली सीमा से हेमंत ने 2 दिन में मोबाइल पर 36 बार बात की थी. इतना ही नहीं, हेमंत ने सीमा को मोबाइल पर 206 बार मिस्ड काल किए थे. वारदात को अंजाम देने के बाद हेमंत ने सीमा से मोबाइल पर बात भी की थी.

देवर के चक्कर में पति को हटाया – भाग 3

कमला ने एकांत के क्षणों में रमेश से कहा, ‘‘रमेश, ऐसा करो कि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे. गिरधारी की मौत भी हो जाए और लगे कि एक्सीडेंट में मौत हुई है.’’

“ऐसी बात है तो मैं गिरधारी की गाड़ी से कुचल हत्या कर डालता हूं और फिर नाता प्रथा के तहत तुम से शादी कर के अपनी गृहस्थी बसा कर मौज से रहेंगे,’’ रमेश ने कहा. सुन कर कमला बोली, ‘‘जल्दी से उस का काम तमाम करो. उसे मैं अब फूटी आंख नहीं देखना चाहती.’’

कमला और रमेश के प्यार में गिरधारी अब बाधा बनने लगा था. वह अपनी पत्नी कमला को रमेश के साथ हंसनेबोलने पर एवं मिलने पर डांटडपट करने लगा था. कमला ने रमेश से कहा कि जल्दी से जल्दी गिरधारी का काम तमाम सावधानी से करो, ताकि गिरधारी की हत्या एक्सीडेंट लगे.

रमेश का एक दोस्त था सुनील गढ़वाल. वह चौमूं के एक प्राइवेट अस्पताल में नौकरी करता था. इसी दोस्ती की कसम दे कर रमेश ने सुनील से मदद मांगी. रमेश ने कहा, ‘‘सुनील, मैं कमला से प्यार करता हूं और कमला भी मुझ से प्यार करती है. हम दोनों शादी करना चाहते हैं. मगर प्यार में उस का पति गिरधारी बाधा बना है. गिरधारी को हम गाड़ी से टक्कर मार कर मार डालते हैं. यह हत्या नहीं पुलिस के लिए एक एक्सीडेंट होगा. बाद में हम दोनों गिरधारी के न रहने पर शादी कर लेंगे.’’

सुनील अपने दोस्त को नाराज नहीं करना चाहता था. उस ने सोचा कि गिरधारी लाल को एक्सीडेंट में मार डालेंगे तो लगेगा ही नहीं कि उस की हत्या की गई है. योजनानुसार सुनील ने अपने परिचित हितेश से कार कुछ समय के लिए जरूरी काम का बहाना कर मांग ली थी. सुनील ने कार का जुगाड़ किया तो रमेश ने 3 फरवरी, 2023 की शाम साढ़े 7 बजे घर से ड्यूटी पर जा रहे गिरधारी लाल को सुनसान सडक़ पर रोक लिया और शराब पीने की इच्छा बताई.

गिरधारी और रमेश मंडा रीको एरिया में बैठ क र शराब पीने लगे. गिरधारी को जानबूझ कर रमेश ने ज्यादा शराब पिलाई. इस के बाद रमेश ने फोन कर सुनील से कहा कि आ जाओ. इशारा मिलते ही सुनील कार ले कर रीको एरिया में पहुंच गया और उस ने गाड़ी गिरधारीलाल पर चढ़ा दी. लेकिन वह मरा नहीं. गिरधारी के दोनों पैर टूट गए. अंधेरे की वजह से गिरधारी का मोबाइल वहीं गिर गया.

घायल गिरधारी लाल को दोनों गाड़ी में डाल कर 2 किलोमीटर दूर रेनवाल थाना क्षेत्र के लालासर गांव के पास ले गए, जहां उस को सडक़ के किनारे पटक दिया और कई बार गाड़ी चढ़ा कर कुचला और फरार हो गए.

हत्यारिन पत्नी और प्रेमी पहुंचे जेल

दोनों अपनेअपने घर चले गए. रमेश ने कमला उर्फ पूजा को यह खबर दे दी कि उन्होंने गिरधारी लाल की हत्या को एक्सीडेंट का रूप दे दिया है. यह खबर सुन कर कमला खुश हो गई. प्रेमी रमेश से पति गिरधारी को मरवा कर कमला को लगा कि उस के रास्ते का पत्थर हट गया है. वह रमेश के संग शादी के सपने जागती आंखों से देखने लगी. मगर जब अगले रोज 4 फरवरी, 2023 को गिरधारी लाल का शव मिला तो पुलिस ने मौकामुआयना किया.

मौका देखने से लग रहा था कि गिरधारी का एक्सीडेंट नहीं हुआ था. उस की गाड़ी से कुचल कर हत्या की गई है. शव मिलने के स्थान से 2 किलोमीटर दूर गिरधारी के मोबाइल का मिलना यह एक और सबूत था कि गिरधारी की यहां हत्या कर के लाश 2 किलोमीटर दूर फेंकी गई है. इस के बाद पुलिस ने जांच की तो सारी कहानी खुल गई.

गोविंदगढ़ थाने की पुलिस टीम ने सुनील की निशानदेही पर वह कार जब्त कर ली, जिस से कुचल कर गिरधारी लाल कीहत्या की गई थी. एफएसएल टीम ने कार की जांच की तथा सबूत जुटाए गए. गिरधारीलाल मर्डर केस का परदाफाश होने एवं तीनों हत्यारोपियों की गिरफ्तारी के बाद एसपी (ग्रामीण) मनीष अग्रवाल ने 5 फरवरी, 2023 को प्रैसवात्र्ता कर गिरधारी लाल हत्याकांड का खुलासा कर दिया.

तीनों गिरफ्तार आरोपियों रमेश कुमार जाट, सुनील कुमार गढ़वाल एवं मृतक की पत्नी कमला उर्फ पूजा देवी को 6 फरवरी, 2023 को गोविंदगढ़ थाना पुलिस ने मजिस्ट्रैट के समक्ष पेश किया. जिस पर गौरी का बास निवासी रमेश जाट एवं सुनील गढ़वाल को मजिस्ट्रैट ने पुलिस रिमांड पर सौंप दिया, जबकि कमला उर्फ पूजा को जेल भेज दिया गया. रिमांड अवधि पूरी होने पर पुलिस ने रमेश जाट एवं सुनील गढ़वाल को भी मजिस्ट्रैट के आदेश पर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया था.

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित है

देवर के चक्कर में पति को हटाया – भाग 2

कमला ने खुलासा कर दिया कि उस का रमेश से पिछले एक साल से प्रेम प्रसंग चल रहा है. उस ने बताया कि वह अपने पति गिरधारी लाल को पसंद नहीं करती थी. वह रमेश से प्यार करती थी. रमेश भी उस से प्यार करता था. गिरधारी लाल की हत्या दुर्घटना लगे, इस कारण एक्सीडेंट करा कर गिरधारीलाल को मारना चाहते थे, ताकि हत्या न लग कर मौत मात्र दुर्घटना लगे.

कमला और रमेश की योजना थी कि गिरधारी लाल की मौत के बाद उन दोनों की शादी हो जाती. उन दोनों को प्यार मिल जाता और उन के प्यार में रोड़ा बना पति गिरधारी भी नहीं रहता. कमला के गिरधारी लाल हत्याकांड का जुर्म कुबूल करते ही पुलिस ने हत्यारोपी रमेश कुमार ढाका निवासी गौरी का बास, जयपुर (ग्रामीण) और हत्या में सहयोग करने वाले दूसरे आरोपी सुनील गढ़वाल निवासी गौरी का बास, जिला जयपुर (ग्रामीण) को गिरफ्तार कर लिया.

रमेश व सुनील गढ़वाल थाने में पुलिस अधिकारियों ने पूछताछ की. पूछताछ में गिरधारी लाल की हत्या करने का जुर्म रमेश व सुनील ने कुबूल कर लिया. रमेश कुमार, सुनील गढ़वाल एवं कमला उर्फ पूजा ने पुलिस पूछताछ में जो कहानी बताई, वह एक बीवी के हवस में अंधी हो कर पति के प्राण लेने की खून सनी कहानी है—

देवरभाभी के अवैध संबंध

जयपुर ग्रामीण में थाना गोविंदगढ़ के अंतर्गत एक गांव गौरी का बास आता है. इसी गांव में जीवणराम ढाका का परिवार रहता था. जीवणराम का छोटा बेटा गिरधारी लाल सुंदर व स्मार्ट युवक था. गिरधारी से बड़े भाई मालीराम की शादी होने के बाद जीवणराम जल्द से जल्द छोटे बेटे गिरधारी का विवाह कर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते थे. जीवणराम ने गिरधारी के लिए योग्य वधू की खोज की. उन्हें एक रिश्तेदार ने कमला उर्फ पूजा के बारे में बताया.

वह रिश्तेदारी जानीपहचानी थी ही. सन 2019 में गिरधारी लाल की शादी कमला से कर दी. पतिपत्नी एकदूसरे से खूब प्यार करते थे. गिरधारी गांव से 2 किलोमीटर दूर मंडा रीको फैक्ट्री में मशीन औपरेटर के पद पर कार्यरत था. उस की 12 घंटे की ड्यूटी थी. कभी दिन में तो कभी रात में ड्यूटी लगती थी.

गिरधारी लाल पैदल ही गांव से 2 किलोमीटर दूर फैक्ट्री ड्यूटी पर जाता था. कमला और गिरधारी का दांपत्य जीवन खुशहाल बीत रहा था. पिछले साल गिरधारी की मौसी का बेटा रमेश कुमार एक दिन उस के घर आया. गिरधारी ने उस का स्वागत किया. रमेश उसी गांव का रहने वाला था. रमेश कंपिटिशन एग्जाम की तैयारी कर रहा था. इस कारण वह गांव कम ही आता था.

इस अवैध संबंध कथा की बुनियाद तब धरी गई, जब जनवरी 2022 में रमेश गांव आया और मौसी के घर गया, तब उस ने गिरधारी की पत्नी कमला को देखा. वह रिश्ते में रमेश की भाभी लगती थी. गिरधारी ने कमला की मुलाकात रमेश से कराते हुए कहा, ‘‘कमला, यह तेरा लाडला देवर है. मेरी मौसी का बेटा. इस की खातिरदारी में कमी मत रखना. यह प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में लगा रहता है.’’

पति के मुंह से यह सुन कर कमला ने एक निगाह रमेश पर डाली. रमेश उसी को ताके जा रहा था. कमला चाय बना लाई. चाय के दौरान गपशप होती रही. देवर होने के नाते रमेश ने कमला को छेड़ा भी. कमला भी रमेश को छेडऩे लगी. रमेश उस दिन कमला के घर से गया जरूर, मगर वह अपना दिल कमला भाभी के पास छोड़ गया. ऐसा ही कुछ हाल कमला का भी था. कमला को भी रमेश की बातें व उस की मस्त हंसी उस का दीवाना कर गई थी.

रमेश 2 दिन तक कमला को भुलाने की कोशिश करता रहा, मगर वह भुला नहीं पाया. तब रमेश 2 दिन बाद गिरधारी के ड्यूटी जाने के बाद उस के घर पर आया. उस समय कमला अकेली घर पर थी. कमला ने कहा, ‘‘आइए देवरजी.’’

“गिरधारी भैया नहीं दिख रहे. ड्यूटी पर चले गए क्या?’’ रमेश बोला.

“हां, वे तो ड्यूटी पर चले गए. कहिए उन से कोई काम था क्या?’’ कमला आंखें टेढ़ी कर के बोली.

“ना भाभी, कोई काम नहीं था. वैसे दिख नहीं रहे तब कह रहा हूं.’’

“अच्छा, कहिए क्या लेंगे? चाय या कौफी?’’ कमला ने मनुहार की.

रमेश बोला, ‘‘कुछ नहीं, चाय पी कर आया हूं. आप बैठिए, आप से कुछ बातें करते हैं.’’ इस के बाद दोनों इधरउधर की बातें करने लगे. बातों के दौरान रमेश ने कई बार कमला की सुंदरता की तारीफ की. कहते हैं महिला को अपनी तारीफ बहुत अच्छी लगती हैं. अपनी सुंदरता की तारीफ सुन कर कमला बोली, ‘‘रमेशजी, आप भी तो गबरू जवान हो. कोई सुंदर सी लडक़ी देख कर शादी कर लो.’’

“मुझे तो सुंदर आप लगी हैं और आप ने शादी कर ली. क्या भैया को छोड़ कर आप मेरी बन सकती हो?’’ रमेश ने कहा. सुन कर कमला बोली, ‘‘मैं आप की भाभी हूं. भाभी से प्रेम निवेदन सही नहीं है. अगर मैं चाहूं, तब भी आप से विवाह नहीं कर सकती.’’

“आप एक बार हां कहो तो सही. उस के बाद मैं सारे रास्ते खोल दूंगा. मैं ने जब से आप को देखा है, तब से कुछ भी अच्छा नहीं लगता.’’ रमेश ने कहा. थोड़ी देर तक चुप रहने के बाद कमला व रमेश ने एक होने की कसम खा ली. रमेश ने कमला को बाहुपाश में भर लिया और उस पर चुंबनों की बौछार कर दी. कमला भी रमेश के बाहुपाश में बंध गई.

दोनों के तन पर एकदूसरे के हाथों का स्पर्श बढ़ा तो उन के तन में वासना की आग भडक़ उठी. इस के बाद दोनों ने अपनी हसरतें पूरी कर लीं. तब जा कर वासना की आग शांत हुई. उस दिन के बाद से कमला उर्फ पूजा और रमेश के अवैध संबंध इस पवित्र रिश्ते की आड़ में पनपते रहे. एक बार देवरभाभी के अवैध संबंध बने तो उसे अकसर दोहराने लगे.

पत्नी ने कराई हत्या

देवरभाभी का प्यार अमरबेल की तरह बढ़ता रहा. शारीरिक संबंध बनाने के बाद भी उन्हें इस की प्यास बनी रहती. रमेश और कमला ने एक साल में तय कर लिया कि वे अब शादी कर के साथ रहेंगे. लेकिन जब तक कमला उर्फ पूजा का पति गिरधारी लाल जीवित था, तब तक उन के लिए शादी करना सपने जैसा था.

देवर के चक्कर में पति को हटाया – भाग 1

शनिवार, 4 फरवरी, 2023 का दिन उदय ही हुआ था. राजस्थान की राजधानी जयपुर जिले के गौरी का बास गांव के रहने वाले गिरधारी लाल ढाका (22 वर्ष) का शव रेनवाल थाने के डंूगरी खुर्द लालासर ग्रेवल सडक़ पर औंधे मुंह पड़ा था. सडक़ मार्ग से गुजर रहे लोगों ने शव पड़े होने की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दे दी.

पुलिस कंट्रोल रूम से यह जानकारी रेनवाल थाने को दे दी गई क्योंकि यह क्षेत्र इसी थाने के अंतर्गत आता है. लाश पड़ी होने की सूचना मिलते ही एसएचओ उमराव सिंह थोड़ी देर में घटनास्थल पर पुलिस टीम के साथ जा पहुंचे. घटनास्थल पर सुरेंद्र करल्या नामक राहगीर भी खड़ा था, जिस ने पुलिस कंट्रोल रूम को लाश पड़ी होने की सूचना दी थी.

एसएचओ ने लाश का मुआयना किया. शव का चेहरा कुचला हुआ था व शरीर पर काफी चोटों के निशान साफ दिख रहे थे. मृतक की शिनाख्त लोगों ने कर ही ली थी. पुलिस को घटनास्थल से करीब 2 किलोमीटर दूर फोरैस्ट चौकी बावड़ी गोपीनाथ कच्चे रास्ते पर मृतक गिरधारीलाल का मोबाइल पड़ा मिला. मोबाइल के पास खून भी बिखरा हुआ था.

पुलिस टीम ने सोचा कि जहां गिरधारी का खून व मोबाइल पड़ा मिला था, वहीं पर हत्यारों ने उसे मार कर लाश 2 किलोमीटर दूर ले जा कर फेंकी होगी. लाश मिलने के स्थान व मोबाइल मिलने वाली जगह पर 4 पहियों वाली छोटी गाड़ी के टायरों के निशान भी साफ दिख रहे थे. ऐसा लग रहा था कि गाड़ी से कुचल कर गिरधारी को मारा गया था.

एसएचओ उमराव सिंह ने गिरधारी लाल ढाका की हत्या की खबर उच्चाधिकारियों को दे दी. घटना की खबर पा कर जोबनेर के डीएसपी मुकेश कुमार चौधरी, एएसपी दिनेश कुमार शर्मा घटनास्थल पर पहुंचे और मौकामुआयना किया. एफएसएल टीम ने मौके पर पहुंच कर साक्ष्य जुटाए. जयपुर (रेनवाल) में गिरधारीलाल हत्याकांड की खबर मीडिया में भी छा गई. सूचना पा कर गिरधारी के घर वाले रोतेबिलखते वहां आ गए थे.

चूंकि पुलिस को उन से पूछताछ करनी थी, इसलिए उन्हें तसल्ली दे कर चुप कराया.एसएचओ के पूछने पर मृतक के भाई मालीराम ने बताया कि शुक्रवार 3 फरवरी, 2023 की शाम साढ़े 7 बजे गिरधारी घर से 2 किलोमीटर दूर मंडा रीको फैक्ट्री जाने के लिए निकला था. वह इस फैक्ट्री में रात 9 से सुबह 9 बजे तक मशीन औपरेटर के रूप में ड्यूटी करता था. इस बीच अज्ञात लोगों ने उस की हत्या कर दी थी. अगले रोज 4 फरवरी को गिरधारी का खून सनीलाश मिली.

लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन

पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद शव को रेनवाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की मोर्चरी में रखवा दिया. गौरी का बास में जब लोगों को पता चला कि गिरधारी लाल की अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी है और मृतक का शव बरामद हुआ है. इस पर आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने चौमू रेनवाल रोड जाम कर दिया. ग्रामीणों की मांग थी कि हत्यारों को जल्द पकड़ा जाए और मृतक के घर वालों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाए.

ग्रामीणों ने कहा कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी, तब तक हम धरने पर बैठे रहेंगे. साथ ही परिजनों ने शव भी तब तक नहीं लेने की शर्त रख दी थी. सैकड़ों लोगों द्वारा सडक़ मार्ग जाम करने की खबर पा कर चौमू विधायक रामलाल शर्मा भी वहां पहुंचे. इस के बाद पुलिस के आला अधिकारियों के आश्वासन के बाद 4 घंटे से चला आ रहा धरना व सडक़ जाम खुलवा दिया गया.

मृतक गिरधारी लाल के बड़े भाई मालीराम ने गोविंदगढ़ थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया. पुलिस ने मैडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करा कर गिरधारी लाल का शव उस के घर वालों को सौंपा, जिस के बाद उस का अंतिम संस्कार हुआ.

गिरधारी लाल हत्याकांड मामला एसपी (जयपुर ग्रामीण) मनीष अग्रवाल के संज्ञान में आया तो उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष पुलिस टीम बनाई और टीम को हत्याकांड का खुलासा करने के निर्देश दिए. इस विशेष पुलिस टीम में डीएसपी (गोविंदगढ़) बालाराम, डीएसपी (जोबनेर) मुकेश चौधरी, एसएचओ (गोविंदगढ़) धर्म सिंह, एसएचओ (कालाडेरा) हरवेंद्र सिंह, एसएचओ (रेनवाल) उमराव सिंह, साइबर सेल के सरदार सिंह, लक्ष्मी, मदनलाल, सुभाष, अशोक कुमार, महेश, मोहनलाल, भींवाराम, रामस्वरूप, सीताराम, कविता, भगवती, कैलाशचंद, हरीश कुमार, महेश, मदनलाल और जयप्रकाश को शामिल किया गया.

पुलिस अधिकारियों ने घटना पर विचारविमर्श किया तो लगा कि हत्या का यह मामला भी जर, जोरू और जमीन से ही जुड़ा हुआ हो सकता है. टीम द्वारा गिरधारी लाल के चालचरित्र पर जानकारी इकट्ïठा की गई. तब पुलिस को गिरधारीलाल की पत्नी कमला उर्फ पूजा और मृतक की मौसी के बेटे रमेश कुमार ढाका का चरित्र संदेहास्पद लगा.

पत्नी पर हुआ शक

पुलिस को जानकारी मिली कि गिरधारी का मौसेरा भाई रमेश कुमार अकसर गिरधारी की गैरमौजूदगी में उस के घर पर उस की पत्नी कमला के साथ पिछले कुछ महीनों से देखा जा रहा है. पुलिस के हाथ ये सूत्र लगा तो पुलिस ने कमला उर्फ पूजा के मोबाइल की काल डिटेल्स, सोशल मीडिया मैसेज आदि की जांच की.

जांच में सामने आया कि गिरधारी की पत्नी कमला उर्फ पूजा ने मृतक के मौसेरे भाई रमेश कुमार से जनवरी 2023 महीने में 800 बार बातचीत की थी. सोशल मीडिया पर भी कई बार मैसेज का आदानप्रदान कमला और रमेश के बीच होना सामने आया. पुलिस को अब इन दोनों पर शक ही नहीं, पूरा यकीन हो गया था कि यही गिरधारी लाल हत्याकांड में शामिल हैं. बस फिर क्या था, पुलिस टीम ने मृतक की पत्नी कमला को रविवार 5 फरवरी, 2023 को पुलिस हिरासत में ले कर कड़ी पूछताछ की.

पहले तो वह थोड़ी देर तक नानुकुर करती रही, मगर जब उस के सामने यह सबूत रखा गया कि उस ने रमेश कुमार के साथ जनवरी में फोन पर 800 बार क्या बातचीत की? रमेश के साथ इतनी बातें क्यों करती थी? उस का रमेश से क्या रिश्ता है, जो रात में भी वह घंटों उस से बातें करती थी? यह सुन कर कमला अंदर तक कांप गई. वह समझ गई कि उस की पोल खुल चुकी है. सच्चाई बताने में ही भलाई है.

नौकरी के लिए सुहाग को मिटाया – भाग 3

राहुल ने सतीश के साथ बैठ कर राजीव को रास्ते से हटाने की बात कही तो उस ने हामी भर ली. राजीव को मौत की नींद सुलाने के लिए एक लाख 60 हजार रुपए में सौदा हुआ. सतीश को 60 हजार रुपए एडवांस देने थे, बाकी रकम काम पूरा होने के बाद देनी थी. राजीव की मौत का सौदा कर सतीश ने गांव अहमदाबाद निवासी अरुण तथा रवि को भी अपने साथ शामिल कर लिया.

सुपारी किलर तैयार हो जाने के बाद सीमा ने उन्हें 60 हजार रुपए एडवांस दे दिए. इस के बाद वह मौके का इंतजार करने लगे थे. राहुल जानता था कि शराब पीना राजीव की सब से बड़ी कमजोरी है. भले ही राजीव ने उसे उस की बीवी के साथ रंगेहाथ पकड़ लिया था, लेकिन राहुल फिर भी हिम्मत कर के शराब की एक बोतल ले कर राजीव के कमरे पर पहुंच गया. उस वक्त सीमा भी कमरे पर नहीं थी.

राहुल ने राजीव के सामने पड़ते ही माफी मांगी. राहुल के हाथ में शराब की बोतल देखते ही राजीव पुरानी बातों को भुला बैठा. उस दिन फिर से दोनों भाइयों ने एक साथ बैठ कर शराब पी तो सारे गिलेशिकवे मिट गए. उसी दौरान राजीव ने राहुल के सामने बात रखते हुए कहा, ‘‘भाई, मैं इस वक्त बहुत ही परेशान हूं. अगर हो सके तो किसी भी तरह से कुछ रुपयों का इंतजाम करा दे. वह जिंदगी भर उस का अहसान नहीं भूलेगा.’’

राजीव की बात सुनते ही राहुल के चेहरे पर मुसकान उभर आई. उसे जिस रास्ते की चाह थी, वह खुदबखुद राजीव ने उसे बता दिया था. राहुल ने उसे विश्वास दिलाया कि वह जल्द ही उस के लिए कहीं से पैसे का इंतजाम करा देगा. उस के बाद राहुल अपने कमरे पर चला गया.

कमरे पर जा कर उस ने सीमा को भी राजीव के पैसे मांगने वाली बात बता दी थी. साथ ही राहुल ने सीमा को भरोसा दिया कि एकदो दिन में ही उस का काम हो जाएगा. वह बाकी पैसों का इंतजाम कर ले. यह जानकारी मिलते ही सीमा खुशी के मारे फूली नहीं समा रही थी. उस दिन के बाद वह राहुल के साथ बहुत ही प्यार लड़ाने में लगी हुई थी.

योजना बनते ही राहुल ने अपने साथियों को राजीव की हत्या का 27 फरवरी, 2023 का दिन निश्चित कर दिया. योजना के मुताबिक 27 फरवरी, 2023 की शाम को राहुल ने राजीव को फोन कर पैसे दिलाने वाली बात कहते हुए बुला लिया. उस के बाद राहुल राजीव को अपनी स्कूटी नंबर यूपी एई4373 पर बिठा कर अहमदाबाद गांव ले गया.

अहमदाबाद पहुंचते ही राहुल ने राजीव को अरुण, रवि और सतीश से मिलवाया. उसी समय पांचों ने एक साथ बैठ कर अहमदाबाद गांव के जंगल में शराब भी पी. शराब पीने के दौरान ही मौका पाते ही अरुण, रवि और सतीश ने राजीव की गला दबा कर हत्या कर दी. देवर के साथ पति राजीव का मर्डर करने के बाद तीनों ने उस की लाश को पास में ही एक गड्ïढा खोद कर दफना दिया. उस के बाद उस जगह को छिपाने के इरादे से उस के ऊपर झाडिय़ां काट कर डाल दीं.

हत्या के बाद घर की रही न घाट की…

राजीव को मौत की नींद सुलाने के बाद राहुल ने सीमा को फोन कर बता दिया कि उस का काम हो गया. राहुल अहमदाबाद गांव से सीधा सीमा के कमरे पर पहुंचा. वहां पर जा कर उस ने उसे सारी बात विस्तार से बताई और रात में ही अपने कमरे पर चला गया.

अगले दिन राहुल ने सीमा को समझाते हुए कहा था कि राहुल तो अब इस दुनिया में रहा नहीं. अब तुम्हें किसी भी तरह से राजीव को मरा साबित करना है ताकि उस की नौकरी तुम्हें मिल सके. उस के लिए पहले तुम्हें पति के गुम होने की कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करानी होगी. वह तुम्हारे हित में भी है. तुम्हारे द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराने पर पुलिस उस की हत्या का शक तुम पर नहीं करेगी. अगर राजीव का मर्डर केस खुल भी गया तो उस में तुम्हारी ही भलाई है. तुम्हें शीघ्र ही उस की जगह पर नौकरी मिल जाएगी.

सीमा ने पति की हत्या तो करा दी थी, लेकिन वह बुरी तरह से घबरा रही थी. उसे डर था कि कहीं मुसीबत में न फंस जाए. इसी कारण वह अगले दिन कोतवाली जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी.

28 फरवरी, 2023 को वह सारे दिन इसी उलझन में रही कि वह कोतवाली कैसे जाए. उस ने राहुल से साथ चलने को कहा तो उस ने भी साफ मना कर दिया था. राजीव की हत्या कराने के बाद राहुल उस से ज्यादा डर रहा था, लेकिन राहुल जानता था कि अगर सीमा ने राजीव के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई तो वह स्वयं भी फंस सकती है. उस के बाद उस का नंबर भी आ सकता है. इसी डर से उस ने सीमा को हिम्मत बंधाई और खुद भी हिम्मत जुटा कर देर रात कोतवाली पहुंच गया.

कोतवाली पहुंचते ही सीमा ने पुलिस को अपने पति के गायब होने की लिखित तहरीर दी. उस दौरान राहुल कोतवाली के गेट के पास ही टहलता रहा. वह पुलिस के सामने जाने से बच रहा था, लेकिन फिर भी वह कोतवाल की नजरों में चढ़ ही गया. रिपोर्ट दर्ज होते ही पुलिस राजीव की तलाश में जुट गई थी, लेकिन सीमा जल्द ही पूछताछ के दौरान पुलिस की निगाहों में आ गई थी.

इस केस के खुलते ही पुलिस ने सीमा, राहुल और सतीश को गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस ने उसी दिन अभियुक्तों की निशानदेही पर राजीव के शव को बरामद कर लिया. साथ ही इस केस में प्रयुक्त स्कूटी भी बरामद कर ली थी. उस के बाद बाकी अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए भागदौड़ की, लेकिन दोनों पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सके. 6 मार्च, 2023 को कोतवाली पुलिस को मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि राजीव हत्याकांड के आरोपी अरुण और रवि वकील के माध्यम से न्यायालय में आत्मसमर्पण करने की जुगत में लगे हैं.

यह सूचना मिलते ही पुलिस ने घेराबंदी करते हुए आरोपी रवि और अरुण को अपनी हिरासत में ले लिया. उस के बाद पुलिस ने उन से भी कड़ाई से पूछताछ की तो दोनों ने अपना जुर्म कुबूलते हुए गला घोटने में प्रयुक्त रस्सी (जली हुई), राजीव का जला मोबाइल व सुपारी में मिली रकम में से बचे 27 हजार रुपए भी पुलिस ने बरामद कर लिए. इस केस में मृतक के भाई चंद्रपाल सिंह की तरफ से भादंवि की धारा 302/201/120बी/34 के अंतर्गत दर्ज कर ली. आरापियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने उन्हें न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया.

नौकरी के लिए सुहाग को मिटाया – भाग 2

राजीव का चचेरा भाई राहुल पहले से ही रामपुर की इंद्रा कालोनी में माला टाकीज के पास किराए का कमरा ले कर रहता था. राजीव ने राहुल से एक कमरा तलाशने को कहा तो राहुल ने जल्दी ही अपने पास राजीव को एक किराए का कमरा दिला दिया. कमरा मिलते ही राजीव बीवीबच्चों को साथ ले कर वहां रहने लगा था. राजीव की ड्यूटी का कोई फिक्स टाइम नहीं था. कभीकभी उसे सारी रात बिजलीघर पर ही रहना पड़ता था. उस के बाद भी दिन में कभी भी उसे ड्ïयूटी पर बुलावा आ जाता था. काम अधिक होने के कारण राजीव अपने परिवार को पूरा समय नहीं दे पाता था. उस की शराब पीने की लत कुछ ज्यादा होती जा रही थी. जिस के कारण मियांबीवी में मनमुटाव रहने लगा था.

पति की उदासीनता से पत्नी हुई बेलगाम…

सीमा ने पति को समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह उस की एक भी बात मानने को तैयार न था. राजीव ने अपनी दोनों बेटियों का एक स्कूल में दाखिला करा दिया था. बेटियों को स्कूल भेजने के बाद सीमा कमरे पर अकेली रह जाती थी. तब समय बिताने के लिए वह मोबाइल पर लगी रहती थी.

राहुल पहले से ही शहर में रह कर आर्टिफिशियल ज्वैलरी बनाने का काम कर रहा था. वह अपनी ड्यूटी से अपने कमरे पर आ जाता था. घर पर उस का मन नहीं लगता तो वह सीमा के कमरे पर चला आता था. धीरेधीरे देवरभाभी में अच्छी पटनेलगी. दोनों के बीच आपसी लगाव भी पैदा हो गया था.

उसी दौरान एक दिन बातों ही बातों में राहुल ने सीमा के सामने राजीव की पोल खोलते हुए बताया कि भाभी तुम्हें कुछ पता है. राजीव भैया पर लाखों रुपए का कर्ज है. हर रोज कई लोग उस से उन की शिकायत करते हैं. यह बात सामने आते ही सीमा समझ गई कि राजीव जरूर उस से कुछ छिपाता है. दिन भर में कई लोग राजीव को पूछने आते रहते थे. लेकिन वह समझती थी कि कोई काम कराने के लिए उस के पास लोग आते हैं. यह जानकारी मिलते ही सीमा ने कई बार इस मामले में राजीव से बात करनी चाही, लेकिन वह उसे इतना वक्त ही नहीं देता था.

सीमा जब भी उस से बात करने की कोशिश करती, वह उस की बात को बीच में ही काटते हुए कहता, ‘‘तुझे कितने पैसों की जरूरत है? तुझे जो चाहिए वह बता. मैं पैसे कहां से लाता हूं, क्या करता हूं तुझे इस बात से क्या लेनादेना. अगर मेरे पास कर्ज भी है तो तुझ से कोई नहीं मांगेगा. तू परेशान मत हो.’’

देवर की बाहों में झूलने लगी सीमा…

हालांकि राजीव की ऊपरी आमदनी अच्छी थी. लेकिन शराब की लत से उस की नौकरी पर ही फर्क नहीं पड़ा, बल्कि उस की आमदनी भी बहुत ही कम हो गई थी. अपनी आमदनी का अधिकांश हिस्सा वह शराब पीने में ही खर्च कर देता था. उसी के साथ उस में जुआ खेलने की भी लत लग गई थी. जिस के कारण वह लाखों का कर्जदार हो गया था. हालात इतने बिगड़े कि राजीव को अपनी बेटियों की पढ़ाई भी भारी लगने लगी थी. घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ी तो सीमा को ही अपनी बेटियों की पढ़ाई और अपने खर्च के लिए नौकरी करने पर मजबूर होना पड़ा.

राहुल शहर में ही आर्टिफिशियल ज्वैलरी बनाने का काम करता था. सीमा की मजबूरी समझ कर राहुल ने उसे भी अपने यहां ही काम पर लगवा दिया. फिर दोनों देवरभाभी एक साथ काम करने लगे थे. एक साथ काम करने के दौरान ही दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ गईं. उस के बाद उन का अधिकांश समय साथ ही गुजरने लगा. समय गुजरते राजीव कुमार जितना दारू के नशे में डूबता गया, उस से कहीं ज्यादा उस की बीवी राहुल के नजदीक आती गई. राजीव अकसर शराब के नशे में धुत हो कर आता था. उस के बाद थोड़ाबहुत खाना खा कर बेसुध हो कर फैल जाता था, जिस का राहुल को भरपूर लाभ होता था.

सीमा से नजदीकियां बढऩे के बाद राहुल ने अपने कमरे पर खाना बनाना भी छोड़ दिया था. वह जो भी लाता, उसे सीमा ही बनाती और दोनों एक साथ खाना खाते. हालांकि राजीव नशे में धुत रहता था, लेकिन वह पत्नी की हकीकत जान चुका था. उस के बाद वह राहुल से सीधे मुंह बात नहीं करता था. लेकिन राहुल भी कुछ कम नहीं था, वह जब भी उस के घर आता तो राजीव के खानेपीने का इंतजाम कर के ही आता था. जिस के कारण राजीव उसे ज्यादा कुछ नहीं कहता था. फिर दोनों साथ में दारू पीते. राजीव खापी कर जल्दी ही पसर जाता. उस के बाद राहुल सीमा के साथ मौजमस्ती करने में लग जाता था, लेकिन इन दोनों का यह खेल ज्यादा दिनों तक नहीं चल पाया. सीमा राहुल के प्रसंग की पोल खुल गई.

एक दिन राजीव ने राहुल और सीमा को आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ लिया. राहुल तो मौका पा कर वहां से भाग निकला, तब राजीव ने सीमा की अच्छी खबर ली. भद्दीभद्दी गालियां देते हुए उस ने उस की जम कर पिटाई की. पोल खुलते ही राजीव ने वहां से कमरा बदल लिया. उस के बाद राजीव ने नाहिद सिनेमा के नजदीक कमरा ले लिया. राहुल और सीमा अभी भी एक ही साथ काम कर रहे थे. राहुल भले ही सीमा के कमरे पर नहीं जा सकता था, लेकिन वह उस के साथ काम करतेकरते आगे की योजना बनाता रहा. बीचबीच में सीमा मौका देख कर राहुल को अपने कमरे पर बुला लेती थी. इस तरह देवरभाभी का प्यार चलता रहा.

राहुल तेजतर्रार युवक था. वह जानता था कि अगर किसी सरकारी कर्मचारी की रिटायर होने से पहले मृत्यु हो जाती है तो कानून के अनुसार उस की जगह पर उस की पत्नी को नौकरी मिल जाती है. यह बात राहुल ने सीमा के सामने रखते हुए कहा, ‘‘अगर हम किसी तरह से राजीव को अपने रास्ते से हटा दें तो हमारे रास्ते खुद ही खुल जाएंगे. उस के हटते ही उस की नौकरी तुम्हें मिल जाएगी और फिर हम दोनों शादी कर के एक साथ रह सकते हैं.’’

सीमा भी पति की हरकतों से तंग आ चुकी थी. वह राहुल को ही दिलोजान से चाहने लगी थी. नौकरी के लिए पति की हत्या कराने की बात जल्द ही उस के दिमाग में बैठ गई. सीमा ने फौरन हामी भर ली और हर तरह से उस का साथ देने के लिए तैयार हो गई. सीमा ने राहुल से कहा कि इस काम में जितना भी पैसा खर्च होगा, वह खर्च करेगी.

पति को ठिकाने लगाने की हुई प्लानिंग….

सीमा ने देवर राहुल के साथ पति का मर्डर करने की योजना बना ली. राजीव को मौत की नींद सुलाने की योजना बनते ही राहुल ने इस योजना को अमलीजामा पहनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी. उसी दौरान एक दिन राहुल थाना शहजादनगर के गांव अहमदाबाद निवासी अपने दोस्त सतीश से मिला.

नौकरी के लिए सुहाग को मिटाया – भाग 1

28 फरवरी, 2023 को रात के कोई साढ़े 9 बजे का वक्त रहा होगा. उस वक्त उत्तर प्रदेश के शहर रामपुर कोतवाल गजेंद्र त्यागी सहकर्मियों के साथ व्यस्त थे. उसी वक्त एक औरत कोतवाल के सामने आ कर खड़ी हुई. औरत को देखते ही कोतवाल ने उस से सवाल किया, ‘‘हां, कैसे आना हुआ?’’

“सर, मेरा नाम सीमा है. कल से मेरे पति गायब हैं. मैं ने उन्हें हर जगह तलाशा, लेकिन उन का कोई अतापता नहीं चला.’’ सीमा की बात खत्म होते ही कोतवाल गजेंद्र त्यागी ने फिर से प्रश्न किया, ‘‘आप लोग कहां रहते होï?’’ कोतवाल के पूछने पर सीमा ने बताया कि उस के पति राजीव बिजली विभाग में नौकरी करते हैं. नाहिद टाकीज के नजदीक बिजली घर के पास ही उन का किराए का कमरा है. इस वक्त उन की ड्यूटी स्वार के खोद में चल रही थी. हर रोज की तरह कल वह अपनी ड्यृटी पर निकले थे, लेकिन उस के बाद वह घर वापस नहीं आए.’’

इंसपेक्टर गजेंद्र त्यागी ने सीमा से विस्तार से जानकारी जुटाने के बाद उस की तरफ से एक लिखित तहरीर ले ली. उस के आधार पर पुलिस ने अपनी तहकीकात शुरू की. इंसपेक्टर गजेंद्र त्यागी के नेतृत्व में पुलिस टीम राजीव के कमरे पर गई. वहां पर रह रहे लोगों से जानकारी जुटाई. उस के बाद पुलिस राजीव की ड्यूटी एरिया खोद तक गई. लेकिन वहां से भी राजीव के बारे में कोई खास जानकारी नहीं मिली. पुलिस जानती थी कि ऐसे अधिकांश मामले अवैध संबंधों से जुड़े होते हैं. इसी शंका को ले कर सब से पहले पुलिस ने राजीव कुमार की पत्नी सीमा के मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लगा दिया.

पुलिस राजीव की तलाश में दिनरात एक किए हुए थी. उस के बावजूद भी सीमा हर वक्त थाने के चक्कर लगाने में लगी थी. पुलिस ने सीमा से कई बार पूछताछ की. अगर किसी से उन की पुरानी रंजिश हो तो वह उन व्यक्तियों के नाम बताए. लेकिन सीमा ने साफ शब्दों में बता दिया कि उन की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी. सीमा की परेशानी को देखते हुए पुलिस की एक टीम आगापुर गांव के अशोक विहार मोहल्ले भी गई. राजीव इसी गांव का रहने वाला था. इसी कारण अधिकांश लोग उस के बारे में ठीक से जानते थे. आगापुर जाने के बाद पुलिस को जानकारी मिली कि राजीव बहुत पहले गांव छोड़ कर रामपुर में नाहिद सिनेमा हाल के पास बिजली घर के पीछे किराए के मकान में रह रहा था.

यह सब जानकारी जुटाने के बाद पुलिस टीम फिर से उस के कमरे पर पहुंची. पुलिस ने वहां पर रह रहे लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि राजीव की गैरमौजूदगी में उन के कमरे पर एक युवक आताजाता रहता था. वह युवक कौन था, इस की जानकारी सीमा को ही होगी. यहां से यह जानकारी हासिल कर पुलिस टीम कोतवाली वापस चली आई. लेकिन इस जानकारी के बाद पुलिस एसएचओ के मन में एक गहरा शक जरूर पैदा हो गया था.

सीमा आ गई शक के दायरे में….

इसी शक की तह में जाने के लिए पुलिस ने राजीव के गायब होने वाले दिन से अगले कई दिनों तक सीमा के फोन की डिटेल्स निकाली तो उस दौरान उस के कई नंबरों पर लंबी बात होनी पाई गई. जिस के दौरान एक व्यक्ति ने उस से एक लाख रुपयों की मांग भी की थी. एक लाख रुपए की बात सामने आते ही पुलिस को यकीन हो गया कि राजीव की हत्या की जा चुकी है. इसी शक को मिटाने के लिए पुलिस ने सीमा को फोन कर कोतवाली आने को कहा. इस से पहले सीमा कोतवाली के चक्कर काट रही थी. लेकिन पुलिस के कई बार फोन करने के बाद भी वह कोतवाली नहीं आई. उस के बाद पुलिस का शक और भी गहरा गया. तब पुलिस ने सीमा को उस के घर से पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया.

कोतवाली लाने के बाद उस से सख्ती से पूछताछ की गई तो वह पुलिस के सवालों में उलझ गई. उसी वक्त पुलिस की नजर कोतवाली के प्रांगण में खड़े युवक पर पड़ी, जो सीमा के आने के तुरंत बाद ही कोतवाली आया था. वह राजीव का चचेरा भाई राहुल था. हालांकि राहुल इस से पहले भी सीमा के साथ कई बार कोतवाली आया था. लेकिन इस बार पुलिस उसे पहचान नहीं पाई थी. इस की मुख्य वजह यह थी कि उस ने अपने बाल कटा लिए थे. जबकि इस से पहले वह जब सीमा के साथ कोतवाली आया था तो उस के बड़ेबड़े बाल थे. उसे देख कर पुलिस को लगा कि उस का चचेरा भाई अभी गायब है, फिर इतनी जल्दी में उस ने अपने बाल क्यों कटवाए.

पुलिस ने सीमा को बुला कर पूछताछ की तो सीमा ने बताया कि वह और राहुल आर्टिफिशियल ज्वैलरी बनाने वाली एक कंपनी में एक साथ काम करते हैं. सीमा ने पुलिस को बताया कि राहुल रामपुर की इंद्रा कालोनी में किराए के कमरे में रहता है. यह जानकारी मिलते ही पुलिस ने राहत की सांस ली. पुलिस को जिस युवक की तलाश थी, वह स्वयं पुलिस के जाल बिछाने से पहले ही फंस गया था. उस के बाद पुलिस ने दोनों से अलगअलग पूछताछ की तो दोनों ही टूट गए. उन्होंने बिजलीकर्मी राजीव कुमार की हत्या करने की बात स्वीकार कर ली.

पूछताछ के बाद राजीव की हत्या की जो कहानी सामने आई, इस प्रकार निकली—

उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में स्थित गांव आगापुर के अशोक विहार मोहल्ले में रहता था रतनलाल का परिवार. रतनलाल के 4 बेटों में राजीव दूसरे नंबर का था. राजीव कुमार बिजली विभाग में लाइनमैन था. राजीव देखनेभालने में खूबसूरत था. लेकिन उस में शुरू से ही शराब पीने की लत थी. राजीव कुमार को ऊपरी आमदनी अच्छीखासी थी, जिस के कारण उस ने शादी के बाद से ही सीमा को खर्च के लिए किसी तरह की परेशानी नहीं आने दी थी. ठीक से पहननाओढऩा सीमा का पहले से ही शौक रहा था. राजीव शुरू से ही दारूबाज रहा था, इस के बावजूद सीमा उसे बहुत ही प्यार करती थी.

कुछ दिनों तक तो उन की गृहस्थी ठीक चली. इस दौरान वह 2 बेटियों की मां बनी. समय के साथ बच्चियां बड़ी हुईं तो उन की परवरिश को ले कर चिंता सताने लगी. सीमा चाहती थी कि बेटियां किसी अच्छे स्कूल में पढ़ेंलिखें, जिस से आगे चल कर वे अपने पैरों पर खड़ी हो सकें. गांव में राजीव अपने परिवार के साथ रहता था, जो सीमा को पसंद नहीं था. लेकिन राजीव के प्यार की खातिर वह सब कुछ झेलती आ रही थी. सीमा राजीव पर शहर में रहने के लिए दबाव बनाने लगी. वैसे तो राजीव भी शहर में ही रहना चाहता था, लेकिन घर वालों की वजह से वह गांव छोड़ कर नहीं जाना चहता था. सीमा ने बारबार उस पर शहर में कमरा लेने का दबाव बनाया तो उसे झुकना ही पड़ा.