तीन साल बाद खुला रहस्य

प्यार का बदसूरत चेहरा – भाग 2

कलुवा ने इस मारपीट की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई तो पुलिस ने बंटी को पकड़ कर जेल भेज दिया. बाद में उस के ससुर ने उसे जमानत पर जेल से बाहर निकलवाया. कलुवा ने बंटी के साथ जो किया था, उस से बंटी को लगा कि सांद्रा से संबंध बनने के बाद वह घमंडी हो गया है. इसलिए उस ने मन ही मन तय किया कि वह कलुवा को सबक सिखा कर उस का घमंड तोड़ कर ही रहेगा. इस के अलावा उस का यह भी सोचना था कि अगर कलुवा नहीं रहेगा तो सांद्रा उस से दोस्ती कर लेगी.

5 दिसंबर, 2008 की रात काफी ठंड थी. होटल हावर्ड पार्क प्लाजा के सामने कलुवा खड़ा अपनी विदेशी सवारियों का इंतजार कर रहा था. तभी बंटी ने आ कर अचानक उस पर चाकू से हमला कर दिया. उस के साथी उसे बचा पाते, उस के पहले ही बंटी ने उस पर इतने वार कर दिए कि उस ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया. इस के बाद कलुवा की हत्या के आरोप में उसे जेल भेज दिया गया. बंटी की इस हरकत से नाराज हो कर जहां मांबाप ने उसे घर से निकाल दिया, वहीं बेटी और नाती के भविष्य की चिंता में उस के ससुर ने काफी दौड़धूप कर के उसे एक बार फिर जमानत पर जेल से बाहर निकलवाया.

जेल से बाहर आ कर बंटी एक बार फिर अपने काम पर लग गया. लेकिन अब वह हमेशा इस फिराक में लगा रहता था कि किसी विदेशी लड़की से उस का चक्कर चल जाए. लेकिन इस में एक समस्या यह थी कि अगर उस का किसी विदेशी लड़की से चक्कर चल भी जाता तो वह उस से शादी नहीं कर सकता था, क्योंकि घर में उस की पत्नी और एक बेटा तो था ही, दूसरा बच्चा भी होने वाला था. पत्नी और बच्चों के रहते वह दूसरी शादी कतई नहीं कर सकता था. फिर उस के ससुर भी उस की काफी मदद कर रहे थे. उन्होंने उस के लिए एक प्लौट भी खरीद दिया था. ऐसे में ही एक दिन अचानक उस की पत्नी भावना की सीढि़यों से गिर कर मौत हो गई.

लोगों का कहना है कि बंटी ने खुद ऊपर से पत्नी को धक्का दे दिया था. लेकिन परिस्थितियां ऐसी थीं कि उस के ससुर ने इसे स्वाभाविक मौत माना और दामाद के खिलाफ कोई काररवाई नहीं की. इस तरह पत्नी से उस ने छुटकारा पा लिया. भावना की रहस्यमय मौत के बाद अब वह आराम से दूसरी शादी कर सकता था. इस के लिए वह हमेशा किसी विदेशी लड़की को अपने प्रेमजाल में फंसाने के चक्कर में लग गया. शायद इसीलिए वह विदेशी लड़कियों का कुछ ज्यादा ही ध्यान रखता था.

एरिन के साथ भी वह ऐसा ही कर रहा था. ताजमहल दिखाते हुए वह उस के आगेपीछे कुछ ज्यादा ही घूम रहा था. अगले दिन एरिन और उस के साथियों को फतेहपुर सीकरी जाना था. बंटी सुबहसुबह ही अपना आटो ले कर होटल ग्रीन पार्क पहुंच गया. एरिन को प्रभावित करने के लिए उस ने बाजार से नाश्ता भी खरीद लिया था. उस ने एरिन के कमरे की घंटी बजाई तो झट दरवाजा खुल गया. क्योंकि तय समय के अनुसार एरिन और उस के साथियों को पता था कि आटो वाला ही होगा.

उस ने एरिन के सामने साथ लाया नाश्ता खोल कर रखा तो वह  उसे देखती रह गई. उस की इस अदा पर एरिन निहाल सी हो गई थी. अपनी परंपरा के हिसाब से उस ने उसे चूमते हुए कहा, ‘‘तुम इंडियन सचमुच बहुत अच्छे और प्यार करने वाले होते हो.’’

एरिन ने ऐसा क्यों किया, यह तो वही जाने. लेकिन बंटी को लगा कि एरिन उस के सपनों को अवश्य सच कर सकती है. फिर तो वह पूरी लगन से उस की सेवा में लग गया. उसे घुमाने से ले कर उस के खानेपीने तक का पूरा खयाल रखने लगा.

आखिर बंटी को अपनी इस सेवा का फल मिल ही गया. उस ने अपनी सेवा की बदौलत एरिन के दिल में अपने चाहत पैदा कर दी. एरिन को बंटी भा गया था, इसलिए उस ने उस की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ा दिया. इस तरह मोहब्बत की राह पर दोनों का पहला कदम पड़ गया. बंटी की तो खुशी का ठिकाना नहीं था. कब से वह इसी कोशिश में लगा था. अब उस की कोशिश सफल होती नजर आ रही थी.

एरिन और उस के दोस्तों को आगरा आए 15 दिन से ज्यादा हो गए थे. वे दूसरी जगहों पर जाना चाहते थे, लेकिन एरिन आगरा में ही रुकना चाहती थी, इसलिए उस से दोस्तों के साथ जाने से कर दिया. शायद उसे बंटी से प्यार हो गया था. खर्च की उसे चिंता नहीं थी, क्योंकि जिस एनजीओ में वह काम करती थी, वहां से उस का वेतन अभी भी मिल रहा था, वे उस का वेतन बैंक में डाल देते थे, जिसे एरिन यहां निकाल लेती थी.

12 अक्तूबर, 2013 को एरिन का वीजा खत्म हो रहा था. लेकिन वह अमेरिका की भागदौड़ वाली जिंदगी को छोड़ कर भारत की शांत जिंदगी जीना चाहती थी. इसलिए वह होटल छोड़ कर बंटी के साथ उस की पत्नी की तरह रहने लगी थी. क्योंकि उसे लगता था कि बंटी भी उसे उतना ही प्यार करता है, जितना शाहजहां मुमताज को करता था.

कुछ ही दिनों में एरिन बंटी से कुछ इस तरह प्रभावित हुई कि उस ने उस के साथ विवाह करने का निश्चय कर लिया. तब उसे पता नहीं था कि बंटी का अतीत कैसा है. बंटी भी उस से शादी करने के लिए उतावला था. इसलिए उस ने भी एरिन के बारे में पता किए बगैर शादी का निर्णय ले लिया.

बंटी खुश था कि एक अमीर विदेशी लड़की उस से शादी करने को तैयार है. यानी अब उस का सपना सच होने वाला है. उसे उम्मीद थी कि शादी के बाद एरिन उसे अपने साथ अमेरिका ले जाएगी, जहां वह खूब डौलर कमाएगा और लंबी सी गाड़ी में घूमेगा.

एरिन को पता नहीं था कि वह बंटी से शादी कर के आग के दरिया में कूद रही है. वह भारत में रहना चाहती थी, जबकि उस का वीजा खत्म हो रहा था. उस का वीजा खत्म होता और उसे अमेरिका वापस जाना पड़ता, उस के पहले ही 11 सितंबर, 2013 को उस ने अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व) के यहां कोर्ट मैरिज के लिए आवेदन कर दिया. इस के बाद 12 अक्तूबर, 2013 को महावीर शर्मा, सविता जोशी, पवन जोशी की उपस्थिति में एरिन माइकल विलिंगर और बंटी शर्मा की शादी हो गई. इस तरह बंटी और एरिन पतिपत्नी बन गए. इस के बाद 15 अक्तूबर, 2013 को एरिन ने होटल ग्रीन पार्क में वैदिक रीतिरिवाज से शादी कर के अपना नाम काजल रख लिया. शादी के बाद उस ने पार्टी भी दी.

बंटी और एरिन की शादी की जानकारी अन्य लोगों को हुई तो वे चौंके. क्योंकि वे जानते थे कि बंटी ने एरिन का पैसा हड़पने के लिए उसे प्यार के जाल में फांस कर उस से शादी की है. इसलिए उन लोगों को एरिन को ले कर चिंता होने लगी, क्योंकि बंटी की फितरत के बारे में उन्हें पता था. बंटी ने एरिन से वादा किया था कि शादी के बाद वह उसे पूरा भारत घुमाएगा, लेकिन एकएक कर के दिन बीत रहे थे और बंटी कहीं जाने का नाम नहीं ले रहा था. वह सुबह आटो ले कर निकल जाता तो देर रात थकामांदा घर आता. उसे सिर्फ एक बात की चिंता थी कि एरिन के डौलर उस के हाथ कैसे लगें. उस की यह फितरत उस की बातों से भी झलकती थी.

                                                                                                                                           क्रमशः

किसी एक की नहीं हुई अनारकली

प्यार का बदसूरत चेहरा – भाग 1

अमेरिका के 125 वेस्ट चेस्टर रोड, न्यूटन की रहने वाली एरिन माइकल विलिंगर एक एनजीओ में काम करती थी. उसे घूमने का  बहुत शौक था. वह पूरी दुनिया की सैर चाहती थी, इसलिए पैसा होते ही वह दुनिया देखने के लिए निकल पड़ी. पहले वह अपने दोस्तों के साथ इजरायल गई. कुछ दिनों वहां रहने के बाद उस ने भारत भ्रमण के इरादे से उड़ान भरी तो जुलाई, 2013 में दिल्ली के एयरपोर्ट पर उतरी.

भारत की धरती पर कदम रखते ही खूबसूरत एरिन खिल उठी थी. इस की वजह थी आगरा स्थित प्यार की निशानी ताज. जब से उस ने ताजमहल के बारे में जाना सुना था, तब से वह उसे देखने की तमन्ना मन में पाले थी.

शायद इसीलिए एरिन सब से पहले अन्य जगहों पर जाने के बजाए दोस्तों के साथ दिल्ली से सीधे आगरा आ गई थी. आगरा में उन लोगों ने ताजगंज के होटल ग्रीन पार्क में पड़ाव डाला. सभी के मनों में ताज को देखने की उत्सुकता थी. वे प्यार के उस महल को देखना चाहते थे, जिसे शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाया था.

एरिन और उस के दोस्त अपना सामान होटल के कमरे में रख कर बाहर निकले तो आटो वालों ने उन्हें घेर लिया. एरिन के पास जो आटो वाला पहुंचा, उस का नाम बंटी शर्मा था. बंटी ने 34 वर्षीया एरिन की आंखों में आंखें डाल कर मुसकराते हुए कहा, ‘‘गुड मौर्निंग मैम, वेलकम इन सिटी औफ लव.’’

‘‘थैंक यू वेरी मच. हाऊ आर यू यंगमैन?’’ एरिन ने बंटी का अभिवादन स्वीकार करते हुए उसी की तरह मुसकराते हुए कहा.

‘‘व्हिच डेस्टीनेशन मैम?’’

‘‘ताजमहल.’’ एरिन बोली.

बंटी ने एरिन और उस के साथियों का जो थोड़ाबहुत सामान था, उसे उठा कर आटो में रखा और ताजमहल की ओर चल पड़ा. बंटी आटो ही नहीं चलाता था, बल्कि अपने टूरिस्टों के लिए गाइड का भी काम करता था. उसे अंगरेजी बहुत ज्यादा तो नहीं आती थी, फिर भी वह इतनी अंगरेजी जरूर सीख गया था कि अपनी सवारियों की जिज्ञासा टूटीफूटी अंगरेजी से शांत कर देता था.

बंटी ताजमहल की पार्किंग में अपना आटो खड़ा कर के एरिन और उस के दोस्तों को ताजमहल दिखाने चल पड़ा. अंदर जा कर वह एरिन और उस के साथियों को वहां की कलाकारी दिखाते हुए उस के बारे में बताता भी जा रहा था. बीचबीच में वह अपनी बातों से उन्हें हंसा भी रहा था. बंटी की बातें एरिन को कुछ ज्यादा ही अच्छी लग रही थीं. वह उस की बातों पर खुल कर हंस रही थी.

बंटी ने जब बताया कि यह ताजमहल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाया था तो एरिन ने हंसते हुए कहा था, ‘‘काश! मुझे भी कोई ऐसा प्रेमी मिल जाता जो मेरे लिए इसी तरह की खूबसूरत इमारत बनवाता.’’

एरिन की इस बात पर उस के साथी हंसने लगे तो बंटी ने भी उन का साथ देते हुए कहा, ‘‘क्या पता मैम, आप को भी कोई ऐसा ही दीवाना मिल जाए जो आप के लिए भले ही इस तरह की खूबसूरत इमारत न बनवा पाए, लेकिन प्यार बादशाह शाहजहां से भी ज्यादा करे.’’

एरिन ने उसे घूर कर देखा. इस के बाद आगे बढ़ते हुए बोली, ‘‘इस तरह का प्यार करने वाला तो इंडिया में ही मिल सकता है. हमारे यहां तो इस तरह प्यार करने वाला कोई नहीं मिलेगा.’’

‘‘तो यहीं किसी से प्यार कर लो.’’ बंटी ने हंसते हुए कहा.

एरिन मुसकराते हुए आगे बढ़ गई. ताजमहल घूमतेघूमते शाम हो गई. बंटी ने उन सभी को ला कर उन के होटल में छोड़ दिया.

आटो ड्राइवर बंटी ताजगंज इलाके के एमपी गुम्मट के रहने वाले अशोक जोशी का तीसरे नंबर का बेटा था. अशोक जोशी मूलरूप से राजस्थान के धौलपुर के रहने वाले थे. रोजीरोजगार की तलाश में वह आगरा आ गए थे. यहां आ कर भी उन्हें ढंग का कोई रोजगार नहीं मिला. किसी तरह मेहनतमजदूरी कर के उन्होंने बच्चों को पालपोस कर बड़ा तो कर दिया, लेकिन किसी को ढंग से पढ़ालिखा नहीं सके. किसी तरह बंटी ने आठवीं पास कर लिया था.

बंटी थोड़ा समझदार हुआ तो ताजमहल देखने आने वाले पर्यटकों और उन्हें लुभाने वाले भारतीयों से अंगरेजी सीखने लगा. उसे कुछ अंगरेजी आने लगी तो वह पर्यटकों को छोटेमोटे सामान बेचने लगा. इस के बाद जब वह पर्यटकों के बीच खुल गया तो गाइड का भी काम करने लगा.

साधारण परिवार से आए बंटी के पास पैसे आने लगे तो वह ढंग से रहने लगा. अब तक वह शादी लायक हो गया था. ठीकठाक कमाने भी लगा था. इसलिए उस के लिए रिश्ते भी आने लगे थे. घर वालों ने ताजगंज के ही रहने वाले ओमप्रकाश शर्मा की एकलौती बेटी भावना से उस की शादी कर दी. एकलौती बेटी होने की वजह से ओमप्रकाश ने बंटी की शादी में खूब दानदहेज भी दिया था. यही नहीं, उन्होंने उस के लिए एक आटो खरीद दिया, जिस की कमाई से बंटी ढंग से रहने लगा.

शादी के कुछ दिनों बाद बंटी एक बेटे का बाप भी बन गया, जिस का नाम उस ने भोला रखा था. बंटी की कमाई काफी बढ़ गई थी, लेकिन इसी के साथ उस का लालच भी बढ़ गया था. वह ज्यादा कमाई के ही चक्कर में विदेशी पर्यटकों की तलाश में इस होटल से उस होटल घूमता रहता था. उसी बीच उस ने एक और आटो खरीद लिया, जिसे वह किराए पर चलवाने लगा था. इस तरह उस की कमाई और बढ़ गई.

सब कुछ ठीकठाक चल रहा था. लेकिन लालची बंटी की नजर अब किसी ऐसी महिला पर्यटक की तलाश में रहने लगी थी जो उस से प्रेम  कर सके. क्योंकि आगरा में ऐसी तमाम विदेशी महिला पर्यटक थीं, जो आटो वालों, गाइडों या सामान बेचने वालों से प्रेम करने लगी थीं. कुछ ने तो शादी भी कर ली थी.

ये पर्यटक महिलाएं अपने प्रेमियों या पतियों पर खूब पैसे खर्च करती थीं. किसी ने अपने प्रेमी या पति को आटो खरीद दिया था तो किसी ने घर. कुछ तो अपने साथ ले कर विदेश चली गई थीं. यही सब देख कर बंटी भी इस तलाश में रहने लगा था कि अगर उसे भी कोई विदेशी प्रेमिका या पत्नी मिल जाती तो उस की भी किस्मत चमक उठती लेकिन उसे कोई मिल ही नहीं रही थी. इसी चक्कर में उस के हाथों एक अपराध हो गया, जिस की वजह से उसे जेल भी जाना पड़ा.

हुआ यह था कि उस के एक साथी कलुवा का एक विदेशी पर्यटक से चक्कर चल गया. कलुवा भी उसी के मोहल्ले का रहने वाला था और उसी की तरह आटो चलाता था. वह बड़ा ही समझदार था. उस का व्यवहार भी काफी शालीन था. शायद इसी वजह से स्पेन की रहने वाली सांद्रा उसे अपना दिल दे बैठी थी. उस ने उस के साथ विवाह करने का भी निश्चय कर लिया था. सांद्रा काफी धनी परिवार से थी, इसलिए वह कलुवा की हर तरह से मदद कर रही थी.

आगरा में सांद्रा कलुवा के घर पर ही रह रही थी. उसी बीच उस की मां की तबीयत खराब हो गई तो सांद्रा ने ही उस का इलाज कराया. इस के बाद वह कलुआ को अपने साथ स्पेन भी ले गई. कलुवा स्पेन से लौटा तो एक दिन उस की मुलाकात बंटी से हुई. बंटी ने उस से स्पेन के बारे में पूछा तो उस ने स्पेन के बारे में ही नहीं, सांद्रा और उस के घरपरिवार वालों के बारे में भी सब कुछ बताया. जब बंटी को पता चला कि सांद्रा बहुत पैसे वाले घर की है तो उस के मन में लालच आ गया. उस ने कलुवा से कहा कि वह सांद्रा से उस की भी दोस्ती करवा दे, लेकिन कलुवा ने मना कर दिया. इस बात को ले कर उस ने कलुआ के साथ मारपीट की.

                                                                                                                                            क्रमशः

सोनाली साव हत्याकांड : इश्किया गुरु का खूनी खेल

कनाडा से बुला कर शादी, फिर हत्या

बदनामी का डर : प्रेमी बना ब्लैकमेलर

शर्तों वाला प्यार : प्रेमी ने किया वार

जिम ट्रेनर की हत्या : प्यार में चली गोली

लव, सैक्स और गोली के इस केस में खुशबू, राजीव समेत सभी आरोपी पुलिस के फंदे में फंस चुके हैं. राजीव फिजियो थैरेपिस्ट है और जनता दल (यू) के मैडिकल सैल का उपाध्यक्ष है. इस केस में नाम आने के बाद पार्टी ने उसे पद से हटा दिया है.

पिछले 18 सितंबर की सुबह 6 बजे विक्रम लोहानीपुर महल्ले के अपने घर से जिम जाने के लिए स्कूटी से निकला, तो रास्ते में कदमकुआं इलाके के बुद्ध मूर्ति के पास शूटरों ने उस पर गोलियां चला दीं. विक्रम लहूलुहान हो कर स्कूटी से गिर पड़ा और आसपास खड़े लोगों से अस्पताल पहुंचाने की गुहार लगाने लगा. किसी ने दर्द से छटपटाते विक्रम की बात नहीं सुनी. आखिरकार खून से लथपथ विक्रम खुद ही उठा और स्कूटी चला कर पास के प्राइवेट अस्पताल पहुंचा. प्राइवेट अस्पताल ने उसे भरती करने से इनकार कर दिया, तो वह पटना मैडिकल कालेज पहुंचा. वहां तुरंत आपरेशन किया गया और उस के जिस्म से 5 गोलियां निकाली गईं.

आशिकी के चक्कर में खुशबू ने विक्रम पर सुपारी किलर से गोलियां चलवाई थीं. इस के लिए पुराने दोस्त मिहिर सिंह के जरीए सुपारी किलर को ढाई लाख रुपए दिए गए थे. पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए कहा कि राजीव, खुशबू, मिहिर और 3 सुपारी किलरों को गिरफ्तार किया गया है. सुपारी किलर अमन कुमार, शमशाद और आर्यन उर्फ रोहित से पुलिस पूछताछ कर चुकी है और सभी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है.

18 सितंबर को सुपारी किलरों ने विक्रम के जिस्म में 5 गोलियां दागी थीं. अपराधियों ने कबूल किया कि उन्हीं लोगों ने विक्रम पर गोलियां चलाई थीं और इस काम के लिए मिहिर ने उन्हें रुपए दिए थे.

अमन एमबीए का स्टूडैंट है और डिलीवरी बौय का काम करता है. शमशाद गोवा में राजमिस्त्री का काम करता था और लौकडाउन की वजह से वह पटना आया हुआ था. अमन और शमशाद भागवतनगर में किराए के मकान में साथ रहते हैं. मकान का किराया 14,000 रुपए है. मिहिर के चचेरे भाई सूरज ने मिहिर की मुलाकात अमन से कराई थी.

जिम ट्रेनर को जान से मारने की धमकी देने का आडियो भी पुलिस को मिला. ट्रेनर की बीवी और परिवार वालों ने पुलिस को बताया कि आडियो में धमकी देने वाली महिला खुशबू की आवाज है, जो फिजियो थैरेपिस्ट राजीव कुमार सिंह की बीवी है.

ट्रेनर की बीवी वर्षा का आरोप है कि फिजियो थैरेपिस्ट की बीवी ने उस के पति को फोन पर गंदीगंदी गालियां भी दी थीं. उस ने बताया कि खुशबू अकसर पटना मार्केट के ‘द जिम सिटी’ पहुंच जाती थी. पहले तो फिजियो थैरेपिस्ट राजीव ने पुलिस को बताया कि जिम ट्रेनर विक्रम पर हुए हमले में उस का और उस की बीवी का कोई हाथ नहीं है.

अलबम बनाने के नाम पर विक्रम ने 60,000 रुपए लिए थे. अलबम नहीं बनाने पर राजीव और विक्रम से तीखी नोकझोंक हुई थी और रुपया लौटाने की बात हुई थी. बाद में विक्रम ने राजीव के अकाउंट में 40,000 रुपए और खुशबू के अकाउंट में 20,000 रुपए डाल दिए थे. मई महीने के बाद से राजीव और विक्रम से कोई बातचीत नहीं हुई थी. एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने बताया कि खुशबू का कहना है कि विक्रम उस का पीछा नहीं छोड़ रहा था और वह उस से पीछा छुड़ाना चाह रही थी. खुशबू का कहना है कि 60,000 रुपए के लेनदेन को ले कर विवाद पैदा हुआ था.

पुलिस को दिए गए बयान में विक्रम ने कहा है कि खुशबू उसे पिछले एक साल से परेशान कर रही थी. एक साल तक वह राजीव को उन के पाटलीपुत्र कालोनी वाले घर में ऐक्सरसाइज कराने जाता था. पैसे को ले कर हिसाबकिताब ठीक नहीं रहने पर उस ने वहां जाना बंद कर दिया. उस के बाद खुशबू ने उसे सोशल मीडिया के जरीए तंग करना चालू कर दिया. एक बार खुशबू ने गुस्से में उस के सीने पर ब्लेड से हमला किया था.

पुलिस ने खुशबू और राजीव के मोबाइल फोन को खंगाला तो खुलासा हुआ कि जनवरी में खुशबू और विक्रम के बीच 1100 बार बातचीत हुई. राजीव से आखिरी बार 18 अप्रैल को बातहुई थी. उन के बीच ह्वाट्सएप और वीडियो काल के जरीए बातचीत होती थी.

सितंबर, 2020 से मई, 2021 के बीच खुशबू ने विक्रम को 1875 काल की थी. दोनों के बीच साढ़े 5 लाख सैकंड बातचीत हुई थी. इतने ही समय के दौरान खुशबू ने अपने पति राजीव को महज 13 बार फोन किया. खुशबू और विक्रम के बीच अकसर घंटों बातें होती थीं.

मिहिर ने पुलिस को बताया कि वह 5-6 सालों से खुशबू को जानता था. खुशबू ने ही उस से कहा था कि विक्रम उसे परेशान करता है, इस वजह से वह उस की हत्या करवाना चाहती है. सुपारी किलर को जुलाई में ही एक लाख, 85 हजार रुपए दिए थे. एसएसपी ने बताया कि कुछ साल पहले मिहिर और खुशबू की पहचान भी फेसबुक के जरीए ही हुई थी.

पुलिस की छानबीन से यह बात भी सामने आई कि 5-6 साल पहले खुशबू और मिहिर के बीच भी गहरा रिश्ता रहा था. मिहिर भी खुशबू का प्रेमी रह चुका है. जब विक्रम ने खुशबू से कन्नी काटना शुरू किया, तो खुशबू को पुराने आशिक मिहिर की याद आई. उस ने मिहिर से कहा कि विक्रम उसे बहुत परेशान कर रहा है और फिर दोनों ने मिल कर विक्रम को रास्ते से हटाने की साजिश रची.

खुशबू ने मिहिर से यह भी कहा कि विक्रम को ठिकाने लगाने के लिए वह रुपयों की चिंता न करे. विक्रम को मारने के लिए मिहिर ने खुशबू से 3 लाख रुपए मांगे. खुशबू ने 3 किस्तों में एक लाख, 85 हजार रुपए मिहिर को दिए. मिहिर ने अपने चचेरे भाई सूरज के साथ मिल कर पूरी साजिश रची. उस के बाद शार्प शूटर अमन, आर्यन और शमशाद को विक्रम को मारने की सुपारी दी गई.

शूटरों के साथ यह डील अगस्त महीने की शुरुआत में ही हुई थी. अगस्त महीना खत्म हो गया और उस के बाद सितंबर भी आधा खत्म हो गया और विक्रम को ठिकाने नहीं लगाया जा सका तो खुशबू परेशान हो गई. उस ने मिहिर पर दबाव बनाना शुरू किया. विक्रम राजीव को जिम ट्रेनिंग देने के लिए उस के घर पर जाता था. वहीं खुशबू से जानपहचान हुई और बातचीत शुरू हुई. विक्रम के गठीले बदन को देख खुशबू उस पर फिदा हो गई. वह धीरेधीरे विक्रम के करीब आती गई. वह पटना मार्केट के पास विक्रम के जिम में पहुंचने लगी और वहीं कईकई घंटों तक बैठी रहती थी.

विक्रम ने पुलिस को बताया कि वह उस के साथ जिस्मानी रिश्ता बनाना चाहती थी. ऐसा नहीं करने पर वह उसे फंसाने और ब्लैकमेल करने की धमकी देने लगी. जब विक्रम उस से दूर रहने की कोशिश करने लगा तो एक रात को विक्रम के घर पहुंच गई और हंगामा मचाने लगी. खुशबू की हरकतों से आजिज आ कर विक्रम ने डाक्टर राजीव को फोन कर सारे मामले की जानकारी भी दी. विक्रम ने उस से कहा कि खुशबू उसे पिछले कई दिनों से परेशान कर रही है. डाक्टर राजीव ने विक्रम की बातों पर यकीन नहीं किया और उस से कहा कि सुबूत ले कर आओ, उस के बाद देखा जाएगा.

विक्रम के बयान पर कदमकुआं थाने में केस दर्ज किया गया. केस नंबर है-477/2021. आरोपियों पर आईपीसी की धारा-307, 120बी, 34 और 27 के तहत केस दर्ज किया गया है.

मोहब्बत का खतरनाक अंजाम